Sexy Manohar Katha
फेसबुक फ्रेंड प्यासी औरत हलो दोस्तों आपका दोस्त रोनित सेक्सी कहानी लेकर आपकी सेवा में हाज़िर है। ये कहानी डेढ़ साल पुरानी है। जब एक दिन मैं फेसबुक पे अपने खास दोस्त प्रतिक से उसकी ही एक पोस्ट पे हंसी मज़ाक कर रहा था तो उसी पोस्ट पे एक अजनबी लड़की वैशाली के भी कुछ कमेंट्स आये हुए थे। Sexy Manohar Katha
सो मेने उसकी प्रोफाइल खोलकर उसे फ्रेंड रेकवेस्ट भेज दी। कई दिन ऐसे ही निकल गए। फेर एक दिन नोटिफिकेशन आया के वैशाली ने आपको अपना दोस्त बना लिया है। सो उसे धन्यवाद देने के मकसद से मेने उन्हें सन्देस भेजा।
मैं — थैंक्स वैशाली, फॉर ऐड मी इन युअर फ्रेंड लिस्ट.
वो — इटस ओके।
लेकिन क्या आप मुझे जानते हो ?
मैं — नही जी, 2 दिन पहले सुबह जब आप मेरे दोस्त प्रतिक की एक पोस्ट पे बात कर रही थी। तो आपके हसमुख स्वभाव को देखते हुए मैंने आपको दोस्त बनाने की रिक्वेस्ट भेजी थी।
वो — अच्छा जी, वैसे हो कहां के आप, और करते क्या हो?
मैं — जी राजस्थान से हूँ और कॉलज़ का विद्यार्थी हूँ।
वो — अच्छा तो ठीक है, फेर किसी दिन बात करेंगे। अभी फ़िलहाल मुझे थोडा काम है। आपसे बात करके अच्छा लगा।
मैं — मुझे भी अच्छा लगा।
और इस तरह से पहले दिन की मुलाकात खत्म हुई। अब जब भी मैं फेसबुक खोलता तो उसका मेसज, उसकी पोस्ट जरूर देखता। फेर कई दिन उनसे थोडा थोडा टाइम बात हुई। कई दिन बीत गए, फेर एक दिन रात को 10 बजे के करीब जब मैं फेसबुक पे अपने दोस्तों से बात कर रहा था।
तो इसी बीच में वैशाली का मेसज आया के “हलो दोस्त”.
मैंने उसका हलो में ही जवाब दिया। मेरे पूछने पे उसने अपना परिचय दिया के वो नई दिल्ली की रहने वाली है और शादीशुदा है। उसका एक 5 साल का बेटा रोहित भी है और उसका पति एक प्राइवेट कम्पनी पे सेल्समेन की नौकरी करता है। वो खुद एक हाउसवाइफ है।
थोड़ी देर ऐसे ही बात करने के बाद बोली के अब मुझे जाना पड़ेगा क्योंके उसका पति काम से वापिस आ गया है। सुबह काम काज से मुक्त होकर बात करूंगी। मैंने भी उसकी मज़बूरी को समझते हुए उसे जाने की इज़ाज़त दे दी।
फेर अगले दिन उसने पोस्ट डाली के फीलिंग सैड टुडे। मैंने पोस्ट को देखकर उनके इनबॉक्स में मेसज किया के क्या हुआ दोस्त सेड कयो हो?
वो – कुछ नही बस पति से झगड़ा हो गया और वो बिना खाना खाये काम पे चले गए है।
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मैं — ये तो गलत बात है। लड़ाई तो आपसे हुई है इसमें खाने का क्या दोष, वैसे भी अन्न का निरादर नही करना चाहिए। जैसा रुखा सुखा मिले, खा लेना चाहिए, दुनिया में ऐसे भी लोग है। जिन्हें रोज़ाना दो वक्त का खाना नही मिलता, हफ्ते में 2 या 3 बार ही खाना खा पाते है।
वो — हांजी, आपकी बात से सहमत हूँ। लेकिन मेरी भी कुछ इच्छाये है न.
मैं — मतलब ??
उसे लगा शायद वो अपना कोई गुप्त राज़ न खोल दे और कहा ,” नही कुछ नही बस ऐसे ही बोल गयी।
आप सुनाइए घर पे सब कैसे है?
मैं — घर पे तो सब खैरियत है लेकिन आपका मूड बिगड़ा बिगड़ा सा दिखाई दे रहा है। बताइये न क्या दिक्कत है आपको शायद आपकी कोई मदद कर सके।
वो — नही, ऐसी कोई बात नही है।
मैं — अरे यार, बता भी दो अब क्यों मुँह फुलाया है, यदि दोस्त मानते हो तो, अन्यथा ऐसे ही ठीक है।
मुझे लगा नया दोस्त होने की वजह से घर की कोई बात मेरे सामने नही खोलना चाहती।
फेर बोली “बात थोड़ी गम्भीर है और लम्बी चली जायेगी तो लिखने में दिक्कत आएगी। सो आप मेरे इस नम्बर पे काल करलो।
जब मैंने उसके दिए नम्बर पे काल किया तो सामने से एक बहुत ही मीठी, रसीली आवाज़ आई हलो हांजी रोनित जी, नमस्कार ।
मैंने भी नमस्कार में जवाब दिया और कहा,” हांजी अब बताओ क्या बात है, जिसकी वजह से इतनी दुखी हो ?
वो — दरअसल बात थोड़ी गम्भीर है। लेकिन आप नए दोस्त हो सो थोड़ा झिझक रही थी के आपको बताऊ भी या नही। लेकिन पता नही दिल को क्यों लग रहा था के आपसे ये बात शेयर कर लू।
मैं — देखिये वैशाली जी, पहली बात ये के घर का भेद बाहर नही देना चाहिये। पति पत्नी की लड़ाई आम बात है। दोनों में रूठना मनाना तो लगा ही रहता है। सो इस प्यार भरी नोक झोक पे किसी तीसरे व्यक्ति को शामिल नही करना चाहिए। वर्ना परिवार में दरार आ जाती है।
लेकिन फेर भी यदि आपको ऐसा लगता है तो आप दिल खोलकर अपना दुःख दर्द बयान कर सकते हो। मेरे बस की कोई बात हुई तो जरूर मदद करूँगा।
वो — हांजी तभी तो आपसे बात करने में हिचकिचा रही थी।
बात ये है के मेरा पति मुझे पूरा टाइम नही दे पाता। मतलब के सारा दिन बाहर जब घर पे आये तो आते ही खाना खाया, नहाये और सो गए। सुबह उठकर नहाये, खाना खाया और चले गए। उन्हें घर की जरा भी परवाह नही है।
सारा दिन काम, काम और बस काम । घर का किराया, बच्चे की स्कूल फीस, दूध वाला, सब्ज़ी वाला, अखबार वाला न जाने और कितने और छोटे मोटे बिल मुझे ही चुकते करने पड़ते है, पतिवाली होते हुए भी विधवा जैसी जिंदगी जी रही हूँ । रात को साथ सोने का वक़्त भी नही है इनके पास तो।
मेरी भी कुछ इच्छाये है। मेरा भी दिल करता है वो मुझे प्यार करे, मेरे साथ सहवास करे, मीठी मीठी बाते करे। जब भी सेक्स का पूछती हूँ कल को करने का बोलकर सो जाते है और मैं ऐसे ही मन मानकर रह जाती हूँ। पहले तो कई बार सोचा आस पड़ोस के काफी लड़के मुझपे मरते भी है। इनमे से ही किसी एक को घर पे बुलाकर अपनी प्यास बुझवा लू।
लेकिन फेर इनकी इज़्ज़त का ख्याल आ जाता है के कही बाद में मुझे वो ब्लैकमेल न करने लग जाये। सो इसी डर से बस ऊँगली से अपनी कामवासना शांत करने की चेष्टा करती हूँ। चाहे ऊँगली से वो बात बनती नही लेकिन कुछ पल के लिए मन को शांति मिल जाती है और आसानी से नींद भी आ जाती है। अब बताइये आप रोनित जी, मुझे क्या करना चाहइये ? क्या आप मेरी इस मामले में कोई मदद कर सकोगे। “Sexy Manohar Katha”
मैं — आपकी परेशानी तो सच में बहुत ही गम्भीर है। आप बताइये किस तरह से मेरी मदद लेना चाहोगे।
चाहे मैं उसकी पूरी बात का इशारा समझ चूका था, लेकिन फेर भी उसी के मुह से सब कुछ सुनना चाहता था।
वो — इतने शरीफ लगते तो नही आप, जितना जता रहे हो, सब कुछ समझते हुए भी अनजान बन हुए हो? सरल भाषा में सुनो आप मेरी प्यास बुझा सकते हो घर पे आकर या नही?
मैं उसके इस न्योते से एक पल के लिए तो जैसे सुन्न सा हो गया। क्योके मैंने अपनी पूरी ज़िंदगी में ऐसा प्रस्ताव सुना या देखा नही था।
वो — क्या हुआ इसमें इतना सोचने वाली कौनसी बात है?
मैं एक स्त्री होकर इतना बोल रही हूँ और आप एक पुरूष होकर चुप है। कमाल के इंसान हो। आज के ज़माने में तो लोग लड़की क़ी सलवार उतारने तक जाते है और आप हो के खुली पड़ी सलवार को देखकर नज़रअंदाज़ कर रहे हो।
वैसे भी रोहित के पापा कुछ दिनों के लिए कम्पनी के काम से दिल्ली से बाहर जा रहे है। आप चाहो तो जब वो चले जायेंगे आपको मेसज भेज दूगी। मुझे लगा वो मेरी मर्दानगी को ललकार रही है। तो मैंने भी बिन सोचे समझे आने का बोल दिया और सोचा जो होगा देखा जायेगा। “Sexy Manohar Katha”
इस तरह से हम रोज़ाना कहानी बनाकर फोन सेक्स से एक दूजे को ठंडा करते। करीब दो दिन बाद ही उसने मेसज में अपने घर का पता भेजा और कहा कल को आ सकते हो तो आ जाना।
मैंने अगले दिन ही घर पे दिल्ली में किसी दोस्त की शादी में जाने का बोलकर, दिल्ली जाने की इजाज़त ले ली। उसी दिन दोपहर को ट्रेन से 4 घण्टो से सफर से उसके बताये पते पे पहुँच गया। उसके घर के बाहर खड़े होकर मैंने उसे फोन किया।
वो — कहाँ रह गए हो आप, सुबह से इंतज़ार कर रही हूँ।
मैं– बस मैडम आपके सामने ही हूँ,
वो — सामने मतलब ??
मैं — अरे। यार दरवाजा तो खोलो। फेर ही दिखाई दूंगा।
उसे लगा मज़ाक कर रहा हूँ।
वो — अच्छा तो, मेरे घर की की कोई एक निशानी बताओ फेर मानूँगी केे आप सच बोल रहे हो।
मैं — मतलब आपको यकीन नही है।
वो — बस ऐसा ही समझ लो।
मैं — तो सुनो, आपके घर की दायीं दीवार पे नेम प्लेट लगी है, जिसपे आपके पति श्री सुदेश कुमार का नाम लिखा हुआ है।
मेरी ये बात सुनकर वो कान को फोन लगाये ही, बाहर को तरफ भागी आई। जैसे ही उसने दरवाजा खोला, सामने मुझे खड़ा देखकर वो हैरान रह गयी। फोन काट कर बड़े ही मनमोहक अंदाज़ में बोली,” आप तो बड़े हिम्मत वाले निकले, मैंने तो सोचा था शायद ही आओगे। “Sexy Manohar Katha”
मैं — अब सारी बाते यही पे करनी है या अंदर भी बुलाआगे।
वो — सॉरी सॉरी, आइये अंदर चलते है।
अंदर जाते ही उसने मुझे ज़ोर से हग किया और मैंने उसके गाल पे किस किया।
उसने मुझे अंदर हाल में पडे सोफे पे बैठने का इशारा किया और खुद मेरे लिए रसोई से पानी लेने चली गयी।
करीब 2 मिनट बाद वो रसोई से पानी लेकर वापिस आई और मेरे साथ ही सोफे पे बैठ गयी।
वो — और सुनाओ रोनित जी घर ढूंढने में कोई दिक्कत तो पेश नही आई?
मैं — नही जी, बस आपके घर का पता मेरे पास था सो ढूंढता ढूंढता इधर आ गया, और सुनाइये कैसे है आपके पतिदेव और बेटा रोहित ?
वो — वो सब ठीक है। आप बताइये घर पे सब कैसे है।
मैं — सब ठीक है, आपका बेटा कही दिख नही रहा ?
वो — रोहित स्कूल गया है, शाम के 4 बजे तक आ जायेगा। यह पे तब तक हम दोनों ही हैे।
चलो आप नहालो तब तक आपके लिए चाय खाने का इंतज़ाम करती हूँ। फेर फ्री होकर बाते करेंगे।
मै नहाने चला गया और वो खाना बनाने रसोई चली गयी।
10 मिनट बाद कब मैं बाथरूम से बाहर आया तो तब तक मेज़ पे चाय, नाश्ता लग चुका था।
हमने इकठे ही खाना खाया और ढेर सारी बाते की।
खाना खाकर उसने मुझे अपने बेडरूम में आराम करने को बोला और खुद नहाने चली गयी।
थोड़े समय बाद जब नहाकर वापिस आई तो उसके शरीर पे कपड़े के नाम पे एक लम्बा तौलिया ही बंधा हुआ था और आते ही शीशे के सामने खड़ी होकर दूसरे कपड़े से अपने बाल पोंछने लगी। मैं ये सब दूर से ही निहार रहा था।
उसने शीशे में से मुझे देखा और पूछा,” क्या देख रहे हो ?
मैं — आप बड़ी सुंदर हो। भगवान ने आपको बड़ी शिद्दत से बनाया है।
एक वो है (उसका पति) जो इतनी सुंदर बीवी को अकेली छोड़कर खुद लोगो की गुलामी कर रहा है और एक मैं हूँ जो इतनी दूर का सफर तय करके इसका प्यार पाने आया हूँ।
मेरी इस बात से उसकी हंसी निकल गयी और वो मेरे पास बेड पे आकर बैठ गयी और बोली,” बाते बनाना कोई तुमसे सीखे। “Sexy Manohar Katha”
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मैंने उसे बैठे ही पीछे से ही उसे हग किया और बाल साइड पे करके उसकी पीठ पे किस लिया, जिस से उसकी एक आअह्ह्हहह निकल गयी। उसने मेरी तरफ अपना मुंह घूमाते हुए कहा, चलो बेटे के आने से पहले पहले एक राउंड लगा ले।
मुझे उसकी बात ठीक लगी और मैंने उसे बेड पे लिटाकर उसका ओढ़ा हुआ तौलिया निकाल दिया। अब वो बिलकुल नंगी पड़ी थी। एक दम कलीनशेव चूत, शायद आज ही बनाई होगी, मैने खडा होकर अपने कपड़े निकाल ने शुरू किया।
दो मिनट बाद मैं भी एक दम नंगा उसके सामने खड़ा था। उसने मेरा 7″3′ लण्ड देखा तो उसके मुंह से पानी आ गया और बोली,” आज तो मेरी हर इच्छा पूरी हो जायेगी। मैंने आगे होकर अपना लण्ड उसके हाथ में दे दिया और कहा, लो करलो अपनी हर इच्छा पूरी।
उसने हाथ में पकड़ कर लण्ड की चमड़ी आगे पीछे की और जीभ से चाटना शुरू कर दिया। मैं तो जैसे 7वे आसमान की सैर कर रहा था। मैंने इससे पहले सेक्स तो कई बार किया था लेकिन किसी लड़की ने इतने मज़े से मेरा लण्ड नही चूसा था। “Sexy Manohar Katha”
थोड़ी देर तक हम ऐसे ही एक दूसरे में खोये रहे। जब मुझे लगने लगा के अब मेरा काम होने वाला है तो मैंने उसे रुक जाने को बोला।
वो — क्या हुआ डिअर मज़ा नही आया क्या ??
.मैं — नही ऐसी बात नही है, लेकिन मेरा जल्दी न हो जाये इस लिऐ आपको रोक दिया।
मैं अब बेड पे उसके ऊपर लेट गया। दोनो हाथो से उसका चेहरा पकड़कर उसके होंठो को चुमा। वो भी मेरे गले में बांहे डालकर मेरा साथ देने लगी। फेर थोडा नीचे होकर मैं उसके बूब्स को मुंह में लेकर चूसने लगा। वो मद्होश होकर मेरा सिर अपने बूब्स पे दबाने लगी और बोली,” जी भर के पीलो रोनित राजा रात को ये जवानी बड़ी तंग करती है।
फेर मैं नीचे होता हुआ उसकी अंदर धँसी हुई नाभि पे आ गया, एकदम स्पॉट पेट था, उसको चुमा, फेर नाभि में गोल गोल जीभ घुमाने लगा। उसकी अवाज़ से लग रहा था उसे बहुत मज़ा आ रहा है।
फिर निचे होकर उसकी चिकनी चूत को सुंघा, उसमे से अजीब सी कामुक महक आ रही थी। मैंने उसकी टांगो को खोलकर उसके दो गुलाबी होंठो को चूमा, स्वाद चाहे उनका थोडा कुसैला था पर मज़ा आ गया। “Sexy Manohar Katha”
इतने में वो बोली,” अब और न तड़पाओ राजा, बस जल्दी से मेरी प्यास बुझा दो, कई महीनो से चुदासी हूँ। आपका ये अहसान ज़िन्दगी भर नही भूलूंगी। मेरी प्यासी चूत को अपने लण्ड के पानी से सींच दो।
मैंने उसकी टांगो को अपने कन्धो पर रखा और ढेर सारा थूक अपने लण्ड पे लगाकर, उसकी चूत के मुह पे सेट करके जैसे ही हल्का सा झटका दिया। तो उसकी एक घुटी सी चीख निकल गयी।
मैंने उसके शांत होने का इंतज़ार किया और दुबारा फिर एक झटका दिया तो इस बार 7’3” का लण्ड जड़ तक उसकी कसी हुई चूत में समा गया और फेर धीरे धीरे हिलने लगा। वो भी निचे से हिलकर मेरा पूरा साथ दे रही थी।
करीब 10 मिनट की इस जंग में हम इकठे ही शहीद हो गए और काफी समय तक एक दूसरे को बाँहो में लिए पसीने से भीगे लेटे बाते करते रहे। लेटे लेटे उसकी नज़र दीवार घड़ी पे पड़ी और जल्दबाज़ी में उठकर बोली,” जल्दी उठो रोहित के आने का समय हो गया है।
हम दोनों ने उठकर कपड़े पहने । इतने में डोर बेल बजी। वैशाली भागकर दरवाजे की तरफ गयी। दरवाजा खोलकर देखा तो सामने स्कूल वैन का चालक रोहित की ऊँगली पकड़े उसे छोड़ने आया था। “Sexy Manohar Katha”
वो रोहित को दरवाजे पे ही छोड़कर चला गया। अंदर आकर वैशाली ने दरवाजा बन्द कर दिया और मेरे पास आकर बोली, बेटा ये अंकल है तुम्हारे लिये ढेर सारी चॉकलेट्स और टाफियां लेकर आये है। तुम कपड़े बदल लो बाद में अंकल से टाफियां ले लेना। स्कूल से आते ही वो नहाकर सो गया। उसके बाद मैंने उस से जाने की इज़ाज़त मांगी। “Sexy Manohar Katha”
वो बोली,” कमाल करते हो आप भी अभी आपको आये हुए आधा दिन भी नही हुआ और भागने की तयारी भी कर ली आपने।
मैं — नही ऐसी बात नही है, लेकिन शाम हो गयी है। मेरे घर वाले मेरी राह देख रहे होंगे। मैं उन्हें शाम तक वापिस आ जाने का बोलकर आया था।
वो — मुझे नही पता आज तुम्हे नही जाने दूंगी। कल चाहे चले जाना। अभी तक तो मेरे दिल के अरमान भी पूरे नही हुए है। उसकी ज़िद के आगे मुझे झुकना पडा। मैंने अपने मोबाइल से अपने घर पे फोन करके बोल दिया के रात होने की वजह से लेट हो जाऊंगा। सो मेरे दोस्त मुझे एक रात रुकने का बोल रहे है। कल दोपहर तक घर वापिस आ जाउगा। “Sexy Manohar Katha”
मेरे फोन काटते ही उसने मुझे ख़ुशी से हग किया और मेरी गालो पे ढेर सारो पप्पियाँ ले ली। थोड़ी देर बाद रात हो गयी। हमने सबने इकठे खाया थोड़ी देर रोहित के साथ खेले। जब 9 बज गए तो रोहित सो गया।
उसकी माँ ने उसे बेड पे सुला दिया और मेरे पास सोफे पे आकर बैठ गयी। थोड़ी देर हम ऐसे ही बाते करते रहे। फेर हम दोनों अलग पास वाले कमरे में चले गए और अपना दोपहर वाला कामुक खेल शुरू कर दिया।
उस रात मैंने वैशाली को 3 बार चोदा। जिसकी संतुस्टी के भाव उसके चेहरे पे साफ साफ झलक रहे थे। बाद में वो उठकर अपने बेटे के पास चली गयी। अगले दिन सुबह साढ़े 6 बजे वैशाली ने मुझे जगाया और चाय पीने को दी। “Sexy Manohar Katha”
मैंने उठकर उसे अपनी बाँहो में लिया वो बोली सब्र करो जी, पहले चाय तो पीलो, चाय पीकर मैं फ्रेश होने चला गया। मेरे वापिस आने से पहले उसने अपने बेटे को उठाकर स्कूल के लिए तैयार कर दिया। “Sexy Manohar Katha”
हमने इकठे ही नाश्ता किया थोड़ी देर बच्चे के साथ मौज़ मस्ती की । इतने में उसकी स्कूल वैन उसे लेने दरवाजे पे आ गयी। वैशाली ने उसे वैन में बिठाया और अंदर आकर दरवाजा बन्द कर लिया।
मैंने पूछा अब सुबह हो गयी है नाश्ता भी हो गया है अब तो इज़ाज़त है क्या?
वो मेरे तरफ गुस्से की नज़र से देखने लगी और बोली, आपसे आराम से बैठा भी नही जाता क्या कल के लगे हो जाऊ क्या जाऊ क्या? अभी 9 बजे से पहले कोई ट्रेन नही आएगी आपके एरिया की तरफ जाने वाली.
सो आराम से बैठो और जवानी का मज़ा लो। इतना कहकर वो मेरी झोली में आकर बैठ गयी और कामुक हरकते करने लगी जिस से सोये हुए लण्ड महाराज ने अंगड़ाई ली और वो निचे बैठकर ज़िप खोलकर लण्ड को मुह में लेकर आगे पीछे करने लगी। “Sexy Manohar Katha”
इस बार मैं मज़े में इतना खो गया के मुझे पता ही नही चला के कब मेरा रस्खलित हो गया और पुरा वीर्य उसके मुह में चला गया। जिसे वो गटागट पी गयी और हसकर बोली, क्यों मज़ा आया रोनित बाबू।
मैं — हांजी बहुत ज्यादा मज़ा आया।
वो — अभी 2-3 दिन और रहो ऐसा मज़ा बार बार आएगा।
मैं — कोई बात नही, जब कभी फेर टाइम मिला फेर आ जायेंगे।
वो — चलो ठीक है, आ जाओ जाते जाते एक बार और एक पारी खेल जाओ, क्या पता फेर कब मुलाकात हो आपसे।
हमने फेर एक मैच उनके बेडरूम में खेला। फेर उठकर हम इकटठे नहाये। सही पूछो तो मेरा तो आने का बिलकुल भी मन नही कर रहा था। परन्तु कालज और घर की मज़बूरी से उसे छोड़कर आना पड़ा। वो स्टेशन तक मुझे खुद टैक्सी में छोड़ने आई और आते वक़्त कुछ पैसे मुझे ये कहते देने चाहे, के तुम्हारे काम से बहुत खुश हुई हूँ। “Sexy Manohar Katha”
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आज तक इतनी ख़ुशी मुझे पति के काम से भी नही हुई। ये लो इसे अपना इनाम समझकर रख लो। लेकिन मैंने वो पैसे उसे वापिस मोड़ दिए के तुम बहुत अच्छी हो। मैंने ये काम तुम्हारे साथ एक दोस्त होने के नाते और तरस के आधार पे तुम्हारी मज़बूरी देखते हुए किया है। पैसे लेने होते तो गांव में कोई कमी थोड़ी न थी ऐसे ग्राहकों की।
उसने गले लगाकर भीगी आँखों से मुझे विदा किया और घर पहुंचकर फोन करने का भी कहा। सारे रास्ते उसके बारे ही सोचता आया। घर पे आकर भी मेरा दिल नही लगा। मैंने उसे काल करके अपने पहुँचने की खबर सुनाई। इस तरह वो जब भी समय मिलता मुझे अपने घर बुला लेती और पूरी रात उसके साथ जवानी का खेल खेलता। “Sexy Manohar Katha”