Sex Ki Desi Kala
मेरा नाम टप्पू है और में आज एक बार फिर से आप सभी के सामने अपनी एक और सच्ची घटना लेकर आया हूँ. दोस्तों मेरी आज की यह कहानी एक नई शादीशुदा लड़की की है, उसकी शादी को अभी कुछ ही समय हुआ है और उसका पति उसको अकेला तड़पता हुए छोड़कर कम्पनी के टूर पर चला जाता है और अब में अपनी यह कहानी थोड़ा विस्तार से आप सभी को सुनाता हूँ. Sex Ki Desi Kala
मुझे उम्मीद है कि यह आप सभी को बहुत अच्छी लगेगी. दोस्तों मैंने इस कहानी को एक नये तरीके से लिखने का प्रयास किया है और उम्मीद है कि आप लोग इसे जरुर सराहेंगे. दोस्तों वो रात का समय था और अक्षिता अपने मकान की बालकनी पर खड़ी होकर बाहर देख रही थी और उस समय उसका पति एक सप्ताह के लिए बाहर गया हुआ था.
और उस समय फ्लेट में वो बिल्कुल अकेली बहुत बोर हो रही थी इसलिए थोड़ी देर बाहर खड़ी हो गयी थी. कमरे में डीवीडी बज रहा था, लेकिन उसका दिल पति के बारे में बहुत चिंतित था क्योंकि उसकी अभी नयी नयी शादी हुई थी और उसके साथ केवल 15 दिन बिताकर बाहर कम्पनी के किसी टूर पर चले गये और केवल दो तीन दिन के लिए ही वो घर पर आते थे.
दोस्तों उनकी अभी नयी नयी शादी थी, लेकिन अक्षिता का दिल अभी पूरी तरह भरा नहीं था, लेकिन अपने पति की मजबूरी की वजह से वो बिल्कुल चुप रह जाती थी और उसका दिन तो किसी ना किसी तरह बीत ही जाता था, लेकिन पूरी रात अकेले बिस्तर पर करवट बदलते ही गुजारनी पड़ती थी.
दोस्तों इस समय वो मेक्सी पहने हुई थी. वो मेक्सी जालीदार थी और यह मेक्सी उसको उसके जीजा जी ने दी थी और जब भी मेरी निगाह उस मेक्सी की तरफ जाती तो मेरे सामने उसके जीजा की सूरत आ जाती थी क्योंकि जब वो 20 साल की थी और अभी अभी जवान होने लगी थी उसके बूब्स, गांड ने अपना आकार बदलना शुरू किया था और वो बहुत सेक्सी दिखने लगी थी. “Sex Ki Desi Kala”
उसके जीजा जी उसे बहुत प्यार करते थे और उस समय उसकी बहन गर्भवती थी इसलिए वो उनके घर के कामों में हाथ बटाने के लिए अपने जीजा जी के पास गई हुई थी और उस समय दीदी अलग सोती थी. फिर वो कभी कभी जीजा जी के पास चली जाती थी तो उसके जीजा जी रात में एक सख़्त सी चीज़ उसकी जाँघो और चूतड़ों पर चुभाते थे और उसे बहुत अच्छा लगता था.
इसे भी पढ़े – मोमबत्ती बैंगन के बाद मम्मी में लंड पर आ गई
एक दिन उसने जब उस चीज को हाथ लगाकर महसूस किया तो वो रबर की तरह लचीला और बहुत कड़क था और फिर जीजा जी ने उसे हाथ में पकड़ा दिया था. वो उसे अपने हाथ से रगड़ने लगी थी और उस समय जीजा जी अपनी दोनों आखें बंद करके ज़ोर ज़ोर से हाँ और ज़ोर से की आवाज़ कर रहे थे.
अक्षिता अपने दोनों हाथों से ऊपर नीचे कर रही थी. उसे भी ऐसा करने में अब बहुत मज़ा आने लगा था. तभी दस मिनट तक ऊपर नीचे करने के बाद अचानक से एक फव्वारा सा उठा और उसमे से गरमा गरम पानी निकला और उसके हाथों के ऊपर गिरने लगा.
वो सफेद कलर का बहुत चिपचिपा गाड़ा सा रस था उसके बाहर निकलते ही जीजा जी उस समय बिल्कुल शांत हो गये. फिर रोज़ रोज़ रात को जीजा जी वही सब करने लगे और अब कभी कभी जीजा जी अपनी उंगलियों से अक्षिता की जाँघो के बीच उसकी प्यारी सी नाजुक चूत में घुसकर अंदर बाहर करते. “Sex Ki Desi Kala”
यह सब करवाना अक्षिता को बहुत अच्छा लगता था और फिर एक दिन जीजा जी ने अच्छा मौका देखकर अपनी उंगलियों और हाथों का इस्तेमाल ना करते हुए सीधा उस रबर जैसी कठोर चीज़ का इस्तेमाल उसकी चूत पर किया जिसकी वजह से अक्षिता बहुत ज़ोर ज़ोर से रोई, लेकिन वह कठोर चीज़ अंदर दर्द करती चली गई और अब बहुत सारा खून भी बाहर निकला और उसको दर्द भी बहुत हुआ.
लेकिन कुछ देर के बाद उसे भी अच्छा लगने लगा और अब यह फव्वारा अक्षिता की जाँघो के बीच चूत में ही गिरता. दोस्तों आज भी अक्षिता सोच रही थी कि इस समय भी उसके जीजू आ जाते तो उसे बहुत फिर मज़ा आ जाता और अब वो इसी उधेड़ बुन में थी कि तभी उसके फ्लॅट के सामने एक स्कूटर आकर रुका, उसमे से पुनीत का दोस्त कमलेश उतर गया.
कमलेश को देखकर अक्षिता ने अपना मुहं दूसरी तरफ घुमा लिया क्योंकि उसे कमलेश से बहुत नफ़रत थी क्योंकि वो जब भी पुनीत के साथ उसके घर पर आता तो उसकी निगाह हमेशा उसके बदन पर ही घूमती रहती थी और कमलेश को आज यह बात मालूम है कि पुनीत इस समय अपने घर पर नहीं है.
यह यहाँ पर क्यों आ गया, में अभी इसे दरवाजे से ही वापस लौटा दूँगी, यह बात सोचकर वो दरवाज़ा खोलने लगी, तो वो दरवाजे पर आया और कहने लगा कि नमस्ते भाभी जी आप सोच रही होगी कि में इतनी रात को यहाँ पर क्यों आया? क्योंकि इस समय पुनीत घर पर नहीं है, लेकिन मुझे पुनीत ने ही भेजा है.
तो पुनीत का नाम सुनते ही अक्षिता ने उसे अंदर बुलाया और फिर उसने अक्षिता से कहा कि पुनीत ने यह कुछ पैसे दिए है और एक कपड़ो का सेट माँगवाया है क्योंकि वो 12 दिन और बाहर रहेगा और मुझे भी कल सुबह पहुंचना है. “Sex Ki Desi Kala”
अक्षिता ने वो पैसे अपने रख लिए और फिर इतनी दूर से स्कूटर चला कर आया है तो यह बात सोचकर वो उसके लिए चाय बनाने किचन में चली गई और इधर कमलेश बाहर बैठा बैठा सोच रहा था कि आज मौका बहुत अच्छा है और अगर में आज की रात उसको कुछ भी नहीं कर पाया तो फिर में कभी भी कुछ भी नहीं कर सकता.
फिर कुछ देर बाद अक्षिता चाय बनाकर ले आई और कमलेश चाय पीने लगा, लेकिन वो दोनों एकदम चुप थे और कमलेश चुपचाप मन ही मन में सोच रहा था कि अगर यह मुझे रुकने को कहेगी तभी में यहाँ पर रुकूँगा नहीं तो में चला जाऊंगा.
और फिर तक़दीर का खेल देखो कि अक्षिता को कमलेश पर दया आ गयी और वो मन ही मन सोचने लगी कि वो अब इतनी रात को कहाँ जाएगा. में इसे यहीं पर रोक लेती हूँ, लेकिन एक बार कहकर देखती हूँ. तभी वो अपनी चाय खत्म करके बोला कि अच्छा भाभी जी में अब चलता हूँ, रात बहुत हो चुकी है और मुझे खाना भी खाना है.
वर्ना बाहर सब होटल बंद हो जाएगी क्योंकि मेरी पत्नी अपने मायके गई हुई है इसलिए मुझे होटल में जाना ज़रूरी है. अक्षिता ने थोड़ा मुस्कुराते हुए कहा कि क्यों आप यहीं पर खाना खाकर जाइए ना? तो वो बोला कि नहीं नहीं मेरी वजह से आप क्यों तकलीफ़ करेंगी? तो अक्षिता कहने लगी कि इसमे तकलीफ़ कैसी खाना तो बना हुआ रखा है, में गरम कर देती हूँ और आप खा लीजिए.
तो कमलेश बोला कि ठीक है और फिर जैसी आपकी मर्ज़ी, आप इतना कहती है तो में रुक जाता हूँ. वो मन ही मन अब बहुत खुश था क्योंकि उसे आज इसी मौके की बहुत दिनों से तलाश थी और वो अब उसे मिल गया.
फिर अक्षिता ने उसे जगह बताते हुए कहा कि पुनीत के नाईट कपड़े वहां पर रखे हुए है और आप उनके रूम के जाकर बदलकर हाथ मुहं धोकर आ जाईएगा और जब तक में आपके लिए खाना गरम करती हूँ. कमलेश ने अब पुनीत के नाईट कपड़े पहने और जल्दी से हाथ धोकर बाहर आ गया. फिर उसने खाना खाया और फिर जाकर लेट गया. “Sex Ki Desi Kala”
लेकिन उसे अब बिल्कुल भी नींद नहीं आ रही थी और उसके सामने रह रहकर अक्षिता का चेहरा घूमता हुआ दिखाई दे रहा था. तभी वो करीब आधे घंटे के बाद उठकर खड़ा हुआ और फिर दरवाज़ा खोलकर बाहर आने लगा और तभी उसने सामने की तरफ देखा तो ठीक उसके सामने अक्षिता खड़ी हुई थी.
वो उस समय उसे वहां पर पाकर एकदम चकित सा रह गया और फिर एकदम से बोल पड़ा कि भाभी आप? फिर अक्षिता थोड़ा मुस्कुराकर बोली कि में क्या करूँ मुझे नींद ही नहीं आ रही थी इसलिए में बाहर आ गई. तो उसकी मुस्कुराहट का मतलब कमलेश अब पूरी तरह से समझ चुका था.
और वो झट से बोला कि हाँ नींद तो अकेले में मुझे भी नहीं आ रही है और यह बात कहकर कमलेश ने अक्षिता को ज़ोर से अपनी बाहों में भरकर चूमने लगा. अक्षिता उसकी इस हरकत से डर गई और वो अब उसका विरोध करते हुए बोली कि यह क्या कर रहे हो. छोड़ो मुझे और अक्षिता ने उसका बहुत विरोध किया, लेकिन वो तो काम वासना में पूरी तरह डूब चुका था.
उसने अक्षिता को पूरी तरह से अपनी बाहों में जकड़ लिया और कहने लगा कि भाभी में तो अब तक समझता हूँ कि तुम ऊपरी मन से यह सब कह रही हो और यह बात कहकर कमलेश ने अक्षिता को अपनी बाहों में भरकर अपने सुलगते हुए होंठ उसके गुलाब की पंखड़ियों पर रख दिए और उसका रस चूसने लगा. “Sex Ki Desi Kala”
और उसके धधकते हुए होठों का स्पर्श होते ही अक्षिता एकदम से सिहर उठी और उसने कमलेश की मजबूत बाहों से छूटने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो नाकामयाब ही रही. अब कमलेश धीरे धीरे आगे बढ़ता गया. अब कमलेश उसके होठों को चूमते चूमते उसकी गर्दन को चूमता हुये अपने सुलगते होंठ उसके सीने के उभार पर रख दिये.
उसके होठों का स्पर्श पाते ही अक्षिता का मन मचल गया और वो कराह उठी और वो बोल उठी कि अब क्या मुझे मार ही डालोगे? तो कमलेश बोला कि हाँ आज में तुम्हे मार ही डालूँगा. तुमने मुझे बहुत समय से तड़पाया है और यह कहकर कमलेश अपने दाँतों से अक्षिता के नाजुक अंगों को काटने लगा.
इसे भी पढ़े – परीक्षा में पास होने पर भाभी ने पेलने दिया
अक्षिता उसी बीच एकदम उत्साहित हो उठी और उसकी मेक्सी की डोरी को कब कमलेश ने पकड़कर खोल दिया उसे पता ही नहीं चला. वो अब बिल्कुल मदहोश हो चुकी थी और अब अक्षिता एकदम नंगी हो चुकी थी और मोन कर रही थी. अब कमलेश उसके दूधिया बदन को अब बहुत ध्यान से देखने लगा क्योंकि ऐसा नाज़ुक, मुलायम बदन उसने अब तक कभी नहीं देखा था.
वो अक्षिता को जगह जगह चूमने लगा और वो कभी उसके बूब्स को चूम लेता तो कभी उसकी निप्पल से सहला देता. कभी बीच बीच में वो पूरा उभार अपने मुहं में सामाने की कोशिश करता, लेकिन अक्षिता के बूब्स संतरे के समान के थे जो उसके मुहं में समा ही नहीं रहे थे और अब उसके मुहं से लार गिरने लगी और फिर वो दोनों हाथों से अक्षिता के बदन को मसलने लगा.
अब तो अक्षिता पूरी तरह बेबस हो गयी थी और उसने अब विरोध करना भी छोड़ दिया था. दूसरे ही पल कमलेश ने उसे अपनी बाहों में उठा लिया और पलंग पर लाकर लेटा दिया और खुद भी नंगा होकर उसके ऊपर झुक गया. अक्षिता बहुत दिनों से प्यासी थी जिसकी वजह से वो बिल्कुल नग्न होकर कमलेश की हरकतों का मज़ा लेने लगी. “Sex Ki Desi Kala”
और कमलेश अपनी जीभ से उसके सारे बदन को चाटने, चूमने लगा. कमलेश उसके हृष्ट पुष्ट संतरे जैसे बूब्स को चूस चूसकर अब बहुत थक चुका था. वो धीरे धीरे नीचे की तरफ खिसकने लगा और उसकी मदहोश कर देने वाली जांघो पर आ पहुँचा. उसने उस पर दो तीन दीर्घ चुंबन रसीद कर दिए.
फिर वो उन टांगों को चाटते चाटते जांघो के बीच अपना मुहं घुसाकर अक्षिता की चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा. उसे उसकी चूत का नमकीन सा स्वाद लगा और उसे जोश के साथ साथ अब बहुत मस्ती आने लगी वो और ज़ोर ज़ोर से अपनी जीभ को अंदर की तरफ घुमाने लगा.
दोस्तों अक्षिता की चूत इस सुख से पहली बार परिचित हो रही थी इसलिए वो उससे कुछ कह नहीं सकी और वो कमलेश की इस हरकत से इतनी उत्तेजित हो रही थी कि वो उसी उत्तेजना में अपना सारा बदन उछालने लगी और उसके मुख और साँसों से गरम गरम हवा बाहर निकालने लगी.
कमलेश रसिया था और वो एक रसिक की तरह अक्षिता के अंगों में प्यार जगा रहा था और अक्षिता गरम होती जा रही थी. तभी वो बोली कि प्लीज़ अब बस करो मुझसे और सहा नहीं जा रहा है, कमलेश ने अब यह बात सुनकर चाटना एकदम से बंद कर दिया और अपने लंड को एक हाथ से पकड़कर अक्षिता की चूत के ऊपर रगड़ने लगा. “Sex Ki Desi Kala”
जिसकी वजह से अक्षिता तड़प रही थी और वो प्लीज़ आह्ह्ह्हह अब बस करो, आहह सीईईइईई करने लगी. कमलेश ने उसके दोनों पैरों को फैलाया और थोड़ा सा झुककर एक हल्का सा धक्का सा मार दिया और फिर लंड चूत में जाते ही अक्षिता आईईससस्स उह्ह्ह्ह माँ मर गई कर उठी और कमलेश ज़ोर ज़ोर से धक्के पे धक्के लगाने लगा. “Sex Ki Desi Kala”
और उसके हर एक धक्को पर वो आईईईहह आआआआहह करने लगी क्योंकि ज़िंदगी में उसे ऐसा सुख कभी नहीं मिला था. फिर करीब पंद्रह मिनट तक धक्कों का प्रहार करते ही अक्षिता ने अपने दोनों पैरों को कमलेश की कमर पर फंसाकर वो भी अब नीचे से धक्के मारने लगी और वो दोनों एक दूसरे को झूला झूलाने लगे.
वो दोनों चरम पर थे कि तभी अचानक कमलेश झड़ गया और गरम गरम सा एक झोंका अक्षिता को अपनी चूत में महसूस हुआ और कमलेश ने गरमा गरम लावे से अक्षिता की चूत को भर दिया. अक्षिता कमलेश को चूमने लगी और कहने लगी कि कमलेश आज पहली बार में पूरी तरह से संतुष्ट हुई हूँ.
वो कहने लगा कि भाभी मेरा दिल अभी भरा नहीं है. तो वो बोली कि तुम्हे रोका किसने है, लेकिन मुझे तो अभी बहुत भूख लगी है, में कुछ खा लेती हूँ और उसके बाद हम प्यार करते है और इधर कमलेश ने स्कॉच की बॉटल निकाली और पीने लगा और अक्षिता चखना लेकर पास में बैठ गयी.
थोड़ी देर बाद कमलेश ने अक्षिता को फिर से अपनी बाहों में भरकर बिस्तर पर लेटा दिया और अबकी बार उसने सहलाना, पुचकारना छोड़ दिया, फिर भी उसने अक्षिता को अपनी बाहों में लेकर अपने सुर्ख होंठ उसके होंठो पर रख दिए और चुंबन का आदान प्रदान करने लगा.
और फिर दोनों हाथ से उसके कठोर बूब्स को दबोचने लगा, जिसके कारण अक्षिता के मुहं से आह उह्ह्हह्ह की आवाज निकलने लगी. कमलेश को अबकी बार तो स्कॉच का नशा पूरी तरह चढ़ गया था और इसके कारण उसका लंड पहले से फुकारे मारने लगा और दूसरे ही पल कमलेश अक्षिता पर सवार हो गया. “Sex Ki Desi Kala”
और उसने एक ही निशाना लगाकर एक ही धक्के में अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया फ़क्कककक और फिर ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और अब के प्रहार में अक्षिता को कुछ वजन लग रहा था और फिर भी उसे उस चुदाई में पहले से अधिक आनंद मिल रहा था और साथ ही साथ उसे दर्द भी बहुत हो रहा था. “Sex Ki Desi Kala”
बीच बीच में कमलेश रुक जाता और फिर स्कॉच के दो तीन पेग मारकर वो वापस आया. वो अपनी मंज़िल की तरफ दौड़े जा रहा था और कुछ ही पलों में वो अब रुक गया और बिल्कुल निढाल हो गया. उसकी साँसें बहुत तेज़ हो गयी और करीब चार पांच बार चूत के अंदर बाहर करने से अब अक्षिता भी बहुत थक चुकी थी और उसके बदन का एक एक अंग थक गया था.
फिर वो अक्षिता को ज़बरदस्ती चोदने लगा. अक्षिता ने उसके सामने बहुत हाथ पैर जोड़े, लेकिन उसके ऊपर उसकी बातों का कुछ भी असर नहीं हुआ जिसकी वजह से अक्षिता ने अब अपना शरीर बिल्कुल ढीला छोड़ दिया, लेकिन कमलेश ने जैसे ही अपना मोटा और लंबा लंड बाहर निकालकर फिर से अक्षिता की चूत में प्रवेश कराया.
अक्षिता दर्द से एकदम करहाने लगी, शराब के नशे से कमलेश का लंड बहुत कठोर हो गया था और अब वो उसकी गद्देदार चिकिनी चूत पर जोरदार धक्के लगाने लगा. अक्षिता से सहन नहीं हो रहा था और कमलेश आज उसको एक अलग तरीके से चोदना चाहता था. “Sex Ki Desi Kala”
उसने अक्षिता से कहा कि मेरे पास एक तरीका है उससे तुम्हे दर्द बिल्कुल भी नहीं होगा और में एक अलग आसन से तुम्हे चोदना चाहता हूँ और अब तुम मेरी बात मान लो तुम्हे तकलीफ़ नहीं होगी. दोस्तों अक्षिता सब कुछ समझती थी कि कमलेश को चूत चोदने की बहुत सारी कला आती है.
इसलिए वो कमलेश से बोली कि तुम्हे जैसा अच्छा लगे वैसा करो और यह बात सुनकर उसने अक्षिता को पेट के बल लेटा दिया जिसकी वजह से अक्षिता का मुहं नीचे और पीठ ऊपर हो गयी और अब कमलेश पीछे से अक्षिता की चूत में अपने लंड से जोरदार प्रहार करने लगा, लेकिन अब अक्षिता को पहले जैसा दर्द नहीं हो रहा था और कमलेश अपनी मनमानी करने में लगा हुआ था.
तभी उसे एक शरारत सूझी और पीछे से करते करते वो कभी कभी अक्षिता के दोनों चूतड़ के बीच के छेद पर भी अपना मोटा और लंबा लंड छुआ देता और एक दो बार ऐसा स्पर्श किया, लेकिन अक्षिता कुछ नहीं बोली. कमलेश अब जान गया कि अब उसे क्या करना है और वो उसकी गांड के छेद में भी अपने लंड को घुसाने का प्रयास करने लगा. “Sex Ki Desi Kala”
और एक बार थोड़ा थोड़ा, करते करते उसने ज़्यादा ही लंड उसकी गांड में घुसा दिया. अक्षिता एक बार ज़ोर से चीखी और फिर कुछ देर के बाद मना करने लगी तो कमलेश बोला कि ग़लती से गांड के छेद में घुस जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, लेकिन कमलेश यह सब ग़लती से नहीं करता था बल्कि यह उसकी एक सोची समझी साजिश थी. “Sex Ki Desi Kala”
अब उसने मुहं से ढेर सारा थूक निकाला और अपने लंड पर लगाकर थोड़ा पीछे हटकर एक ज़ोर का धक्का मारा जिसकी वजह से अक्षिता एकदम से कांप उठी. उस कठोर लंड के उसकी नाज़ुक चूत के अंदर जाते ही वो बहुत ज़ोर से रोने लगी और उसने कमलेश को ऐसा करने से मना किया.
इसे भी पढ़े – माँ को गरम करने के लिए शराब ले आया
लेकिन वो तो वासना के नशे में चूर था. दूसरी बार उसने धक्का मारा, लेकिन अक्षिता से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने एकदम से पलटकर ज़ोर का धक्का दिया तो कमलेश नीचे गिर पड़ा और उठा ही नहीं. उसने नीचे उतरकर देखा तो कमलेश के सर से खून निकल रहा था. कमलेश ने अपना सर दोनों हाथों से पकड़ लिया. उसने फटाफट कमलेश के सर पर एक पट्टी को बाँध दिया और अक्षिता बहुत घबराई सी अपने कमरे में जाकर सो गयी. “Sex Ki Desi Kala”
फिर वो सुबह उठी देखा तो कमलेश अपने कमरे में नहीं था. केवल वहां पर एक चिट्ठी पड़ी हुई थी जिसमे लिखा हुआ था कि भाभी वो दो हज़ार रुपये पुनीत ने नहीं भेजे थे, वो मेरे रुपये थे और तुम्हे पाने के लिए मैंने चाल चली थी. में तुम्हारी जवानी को एक बार पाना चाहता था और में अब तक नहीं जानता कि में तुम्हारे पास ना जाने कैसे आ गया, प्लीज तुम मुझे माफ़ कर देना. तभी अक्षिता के हाथों से वो चिट्ठी नीचे ज़मीन पर गिर पड़ी और वो एकदम भौंचक्की रह गयी और मन ही मन बड़बड़ाने लगी कि मेरी चुदाई करके तुमने मुझे बहुत खुश किया उसके सामने यह कीमत कुछ भी नहीं.