Indian Office Sex
मेरा नाम मनु है। मैं झाँसी का रहने वाला वाला हूँ। कुछ दिन पहले मेरी बहन ने जिला सहकारी बैंक में डाटा इंट्री ओपरेटर की परीक्षा दी थी। उसमे वो पास हो गयी थी। कुछ दिनों बाद उसे झाँसी के जिला सहकारी बैंक में नौकरी मिल गयी। उसने नौकरी ज्वाइन कर ली। Indian Office Sex
मेरी बहन ममता बला की सुंदर थी। उसका कद ५ फुट ६ इंच का था। ३४ ३२ ३२ का उसका फिगर था। स्लिम और ट्रिम पर्सनाल्टी थी उसकी। वो बहुत सुंदर थी। मेरे मोहल्ले के सारे लड़के उसको चोदने की इक्षा रखते थे। पर ममता कोई ऐसी वैसी अल्टर नही थी जो किसी से भी चुदवा ले।
धीरे धीरे मेरी बहन ममता की दोस्ती उनके बैंक के मनेजर संतोष यादव से हो गयी। असल में ममता उसी के कमरे में बैठती थी। संतोष उसका मेनेजर था और उसको टाइप करने के लिए, या कोई सरकारी कागज़ प्रिंट आउट देने के लिए देता था। जब कोई सरकारी फाइल लखनऊ से भेजी जाती थी तो मेरी जवान बहन ममता उसका प्रिंटआउट निकालती थी।
उस सरकारी कमरे में सिर्फ दो लोग ही बैठते थे ममता और संतोष तिवारी। ममता अभी जवान थी। फूल सा महकता जिस्म था उसका। धीरे धीरे जब दोनों सालभर तक उसी कमरे में बैठकर काम करते रहे तो संतोष को मेरी बहन से प्यार हो गया। वो ममता को जल्दी से चोद लेना चाहता था।
पर मेरी बहन संस्कार वान थी, वो कोई अल्टर या छिनाल नही थी की विभाग में किसी से भी चुदवा ले। पर धीरे धीरे ममता भी संतोष के आकर्षण से बच ना सकी। संतोष उससे आये दिन मजाक करने लगा और हर दिन जब ममता सुबह सुबह नहाधोकर बैंक में पहुचती तो संतोष मेरी बहन को देखकर अंगड़ाई लेने को मजबूर हो जाता।
“काश, इस लौंडिया की चूत मारने को मिल जाती तो मेरी लाइफ सेट हो जाती!” संतोष खुद से कहता।
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ममता जब नहाकर 9:30 पर अपनी बैंक पहुचती तो उसके डियोडरेंट की खुसबू पुरे ऑफिस में बिखर जाती। दोस्तों, आप को तो पता ही होगा की आजकल सहकारी बैंक तो बस नाम के लिए चल रही है। वहां पर कोई काम वाम तो होता नही है। इसलिए मेरी बहन ममता और उसका मनेजर जादातर समय खाली ही रहते।
“ममता!! जी अगर आप यहाँ नही होती तो पता नही कैसे मेरा वक्त कट पाता। थैंक गॉड…आप यहाँ पर आ गयी!” संतोष कहता तो ममता हंस देती।
संतोष शादी शुदा आदमी था, पर बहुत हैंडसम था। धीरे धीरे मेरी बहन ममता को उससे प्यार हो गया। संतोष आये दिन मेरी बहन को नये नये सलवार सूट, स्वेटर, जाकेट, सोने के जेवर देने लगा। कुछ दिन बाद उसने मेरी बहन को एक नया लैपटॉप खरीदकर दिया।
फिर ममता उससे पट गयी। एक दिन संतोष ने ममता को ऑफिस में ही पकड़ लिया और किस करने लगा। ममता भी सायद उससे चुदवाना चाहती थी। दोनों बिलकुल एक दुसरे के लिए पागल हो गये। वहां पर कोई और नही था। सिर्फ सहकारी बैंक में ममता और संतोष थे। संतोष ने खड़े होकर काव्य को गले से लगा लिया। “Indian Office Sex”
“ओह्ह्ह्ह …..ममता! तुम नही जानती हो की मैं तुमको कितना जादा पसंद करता हूँ!!…..मेरे पास आ जाओ जान!!” संतोष बोला.
ममता खुद उसके सीने ने लग गयी और दोनों गले लग गये। आज संतोष को बहुत मजा आया। क्यूंकि कई महीनो ने वो ममता को अंदर ही अंदर पसंद करता था, पर अपने प्यार का इजहार नही कर पाता था। पर आज उसने अपने प्यार का इजहार कर दिया था।
दोनों खड़े होकर गले लग गये और संतोष ने मेरी मस्त जवान बहन को बाहों में भर लिया। ममता के महकते ड़ीयोडरेंट से संतोष का तनमन महक उठा। फिर वो मेरी बहन के रसीले और ताजे होठ पीने लगा। आज तो जैसे संतोष का सपना सच हो गया था। जो खूबसूरत माल उसके साथ नौकरी करती थी, उसे उसने बाहों में भर लिया था।
संतोष के हाथ मेरी बहन ममता की पीठ पर यहाँ वहां नाचने लगे और उसका लंड खड़ा हो गया। वो मेरी बहन की रसीली बुर को पीना चाहता था और चूत में लंड देना चाहता था। संतोष का मेरी बहन को चोदने का बड़ा मन था। दोनों बड़ी देर तक चुम्मा चाटी करते रहे।
उसके बाद दोनों एक दुसरे की आँखों में देखने लगे। एक दूसरे को ताड़ने में उनको बहुत मजा मिल रहा था। संतोष ने मेरी बहन ममता का दुप्पटा हटा दिया। और सलवार को वो निकालने लगा। सायद ममता भी चुदवाने के फुल मूड में थी। उसने खुद ही अपने हाथ उपर कर दिए।
संतोष से सलवार निकाल दी। मेरी नंगी बहन को देखकर उसको अंगडाई आ गयी। ममता ने गुलाबी रंग की कसी और बेहद चुस्त ब्रा पहन रखी थी। संतोष ने उसे गले से लगा लिया और उसके गाल, गले और होठो को किसी दीवाने की तरह चूमने लगा और ममता को प्यार करने लगा। ममता आह आह करने लगी। वो गर्म आहे भरने लगी। “Indian Office Sex”
“चूत दोगी मेरी जान????” संतोष ने पूछा.
“हाँ दूंगी…..बिलकुल दूंगी!…आह ..आह संतोष आज मुझे कसके चोद लो!! मैं बहुत दिनों से लंड की प्यासी हूँ!” ममता बोली तो संतोष पागल हो गया। उसने ममता की नंगी पीठ में हाथ डाल दिया और ब्रा खोल दी। ब्रा हटते ही उसे मेरी बहन के ३४” के २ बेहद खूबसूरत मम्मो के दर्शन हो गये।
मेरी नंगी बहन के नंगे मम्मे देखकर मानो उसका मनेजर संतोष पागल हो गया था। उसने ममता की कंप्यूटर टेबल पर ही उसको झुका दिया और उसके दूध हाथ में ले लिए जैसे कोई पुलिस वाला चोर को पकड़ लेता है। उसके बाद तो संतोष की बल्ले बल्ले हो गयी।
वो मजे लेकर मेरी बहन की नंगी छातियाँ जोर जोर से दाबने लगा। उफफ्फ्फ्फ़….उस नामुराद को आज तो जन्नत ही मिल गयी थी। ममता भी चुदने के फुल मूड में थी। संतोष कस कस के ममता के रसीले आम दबाने लगा। ओह्ह्ह ….क्या मस्त मस्त आम थे। इनको देखकर तो कोई भी मर्द पागल हो जाता।
संतोष जोर जोर से ममता के दूध मीन्जने लगा। ममता आह ….आह करने लगी। फिर संतोष मेरी बहन पर झुक गया और ममता के हरे हरे दूध मुँह में भरकर मजे लेकर पीने लगा। उफ्फ्फ्फ़ ….क्या मस्त नुकीली नुकिली छातियाँ थी ममता की। संतोष की जिन्दगी में तो आज बहार ही आ गयी थी। “Indian Office Sex”
वो मुँह में भरके ममता के छलकते जाम पीने लगा। वो शिद्दत से मेरी बहन के दूध पी रहा था। ममता कुछ देर बाद बहुत जादा गर्म हो गयी थी। उसकी चूत गीली हो गयी थी और चूत के उपर की सलवार भीग गयी थी। संतोष ने उसे अपने ऑफिस में ही चोदने का फैसला कर लिया था। मेरी बहन ममता की नंगी चिकनी और बेहद सेक्सी पीठ संतोष के हाथों के गिरफ्त में थी। “Indian Office Sex”
“चोद डालो…..संतोष…..मेरे दिलबर….मेरे जानम!!…..आज अपनी प्रेमिका को यही पर रगड़कर चोद डालो!!” ममता जोर जोर से कहने लगी क्यूंकि अब वो बेकाबू हो रही थी और जल्दी से लंड खाना चाहती थी। ये सुनकर संतोष का हाथ मेरी बहन की सलवार की तरफ दौड़ गया और वो चूत सहलाने लगा सलवार के उपर से।
पर फ़िलहाल वो ममता के मस्त मस्त आम चूसने में बिसी था। कभी आम चूसता, तो कभी उनके ताजे ताजे ओंठ पीता। कुछ देर बाद संतोष ममता की सलवार का की नारे की गाठ ढूंढने लगा। पर उसको नही मिली। तब ममता ने खुद अपनी नारे की गाठ खोल ढूढ़ ली और जल्दी से खोल दी।
संतोष ने उसकी सलवार निकाल दी। ममता की पेंटी पूरी तरह से उसकी चूत के माल से भीग गयी थी। संतोष ने मेरी बहन की पेंटी में हाथ डाल दिया और चूत सहलाने लगा। संतोष के हाथ में ममता की चूत का चिपचिपा माल लग गया जिसको वो बार बार मुँह में लेकर चूसने लगा।
ममता अभी तक कुवारी थी और एक बार भी नही चुदी थी। संतोष वो किस्मत वाला आदमी था, जो शादी शुदा था, फिर भी नई माल को चोदने का सौभाग्य उसको मिलने वाला था। दोनों लोग चुदाई करने को पागल हो रहे थे। संतोष जल्दी जल्दी ममता की पेंटी में हाथ डालकर चूत फेटने लगा और माल ऊँगली में लेकर पीने लगा। “Indian Office Sex”
बड़ी देर तक यही मीठा खेल चलता रहा। उसके बाद संतोष ने मेरी बहन ममता की पेंटी निकाल दी और उसे कंप्यूटर टेबल पर लिटा दिया। कितनी अजीब बात थी जिस टेबल पर मेरी बहन काम करती थी, उसी पर वो चुदने वाली थी। कितनी अजीब बात है ये।
संतोष ने ममता को टेबल पर लिटा दिया और उसके पैर खोल दिए। उसको मेरी बहन की ५ इंच लम्बी फांक वाली बहुत ही सुंदर चूत के दर्शन हो गये। मेरी बहन का भोसड़ा बहुत ही सुंदर था५ इंच लम्बी फांक वाली बहुत ही सुंदर चूत के दर्शन हो गये।
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संतोष तो देखकर ही पागल हो रहा था५ इंच लम्बी फांक वाली बहुत ही सुंदर चूत के दर्शन हो गये। फिर उसने अपना मुँह ममता के भोसड़े पर रख दिया और मजे से मेरी बहन की चूत पीने लगा। आह ….कितना मजा मिला आज संतोष को……कितना आनंद आया उसे। आधे घंटे तक उसने मेरी बहन की रसीली चूत पी।
उसके बाद उसने अपने सारे कपड़े निकाल दिए। संतोष का लंड किसी बैल के लंड जैसा मोटा और विशाल था। उसने अपने लंड का सुपाडा ममता के भोसड़े पर रख दिया और गच्च से जोर का धक्का मारा तो उसकी सील टूट, संतोष मेरी बहन को मजे लेकर चोदने लगा।
आह कुछ ही देर में मेरी बहन ममता आह आह माँ माँ ….उई उई ..आआअ करने लगी। वो अपनी बैंक के मनेजर से चुदने लगी। संतोष गप्प गप्प ममता को चोदने लगा। कुछ दी देर में संतोष पूरी तरह से मेरी बहन के उपर कंप्यूटर टेबल पर लेट गया और चोदने लगा। कितना अद्भुत था ये मिलन, कितनी मस्त थी ये चुदाई। “Indian Office Sex”
ममता की कुवारी चूत को चोदकर संतोष को आप परम सुख, चरम सुख प्राप्त हो गया। ओह्ह उसकी चूत कितनी कसी थी। मुस्किल से संतोष का लंड उस गुलाबी चूत में चोद पा रहा था। दोस्तों, उस दिन मेरी बहन १ घंटे नॉन स्टॉप चुदी।
संतोष ने ममता को इतना चोदा की दोनों परम सुख को प्राप्त हो गये। उसके बाद संतोष ने अपना माल ममता के भोसड़े में ही छोड़ दिया। ना जाने कितनी पिचकारियां उसने मेरी बहन की चूत में छोड़ दी। फिर संतोष अपनी सरकारी घुमने वाली कुर्सी पर बैठ गया और ममता को उसने अपनी बाहों में भर लिया।
“क्यूँ मेरी बुलबुल…..कैसा लगा मेरा लौड़ा???? मीठा है की नही????” संतोष ने प्यार से पूछा.
“आह…..बहुत मजा आया तुम्हारा लौड़ा खाकर संतोष। तुम्हारा लौड़ा सच में बहुत मीठा है!!” मेरी बहन ममता बोली.
फिर दोनों सरकारी कुर्सी पर बैठकर शाम के ५ बजे तक मजे करते रहे। फिर बैंक बंदकर चले आये। दोस्तों इस तरह मेरी बहन की पहली चुदाई संपन्न हो गयी। अगले दिन जब मेरी बहन काव्य ऑफिस गयी तो संतोष बिलकुल नये कपड़े पहने था। मेरी बहन की चूत मारने के बाद वो उसे बहुत जादा पसंद करने लगा था। “Indian Office Sex”
संतोष ने उसे एक बड़ा सा ताजा महकते फूलों का बुके गिफ्ट किया। जादातर समय तो बैंक में कोई रहता ही ना था। खाली वक़्त में संतोष मेरी बहन के साथ इश्क लडाता था। उस दिन दोनों सुबह आते ही आते एक दुसरे से चिकप गये। “Indian Office Sex”
“जानू!! कल रात जब मैं सोने गयी तो सिर्फ तुम्हारे ही हसीन सपने मुझे आ रहे थे बार बार !!” ममता बोली.
“कल मैंने तुमको रगड़कर चोदा जो था….” संतोष बोला.
“जानू! ….आज फिर मुझे तुम्हारी चूत मारनी है….” हँसते हुए संतोष बोला.
“चोद लेना मुझे जी भरकर संतोष…..अब तो मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ!!” मेरी बहन ममता किसी अल्टर की तरह बोली।
दोनों दोपहर लंच टाइम तक अपनी अपनी फाइल निपटाते रहे और लंच का समय हो गया। दोनों साथ में खाना खाने लगे। संतोष से चुदने के बाद ममता उस पर फ़िदा हो चुकी थी, और पूरी तरह से लट्टू हो चुकी थी। आज वो अपने यार और आशिक संतोष के लिए आलू के पराठे और बैगन का भरता बनाकर ले गयी थी।
वो बड़े प्यार से अपने आशिक संतोष को अपने हाथ से पराठे खिला रही थी। खाने के बाद संतोष ने फिर से उसे बाहों में भर लिया और चुम्मा चाटी करने लगा। आज फिर से संतोष मेरी बहन को चोदना चाहता था। उसने ममता की सलवार निकाल दी और चड्ढी भी निकाल दी।
दोनों चुदाई शुरू ही करने वाले थे की उस सहकारी बैंक के ब्रांच मनेजर पता नही कहा से आये। कुल ३ लोग साथ में थे जो सभी सहकारी बैंकों के काम काज की निगरानी करते थे। वो सीधा ब्रांच मनेजर संतोष के कमरे में घुसने लगे। संतोष ने जल्दी से ममता की सलवार कम्प्यूटर टेबल की अलमारी में छुपा दी। “Indian Office Sex”
ममता ने अपनी कमीज तो पहन रखी थी। वो जल्दी से अपनी कंप्यूटर ओपरेटर वाली कुर्सी पर बैठ गयी। वो इस तरह से बैठी थी की उसके पैर नही दिख रहे थे। कोई नही जान सकता था की वो नीचे से नंगी होगी। संतोष बड़ा चालू आदमी था।
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उसने जल्दी से अपने बाल और कपड़े ठीक कर लिए और अपनी कुसी पर बैठ गया। जब सहकारी बैंक के हेड मनेजर और बड़े अधिकारी अंदर आये तो ममता और संतोष ने उनका अच्छा स्वागत किया। संतोष ने हाथ मिलाया और ममता ने नमस्ते सर कहा। वो तीनो लोग कुछ देर तक संतोष के सामने वाली कुर्सी पर बैठे रहे और कामकाज के बारे में पूछते रहे।१५ २० मिनट बाद वो लोग चले गये। संतोष ने चपरासी को बाहर बिठा दिया और कहा की कोई अधिकारी इधर आये तो तुरंत उसे खबर करे। “Indian Office Sex”
उसके बाद मनेजर संतोष अपने कमरे में आ गया और अपनी माल अपनी कंप्यूटर ओपरेटर से इश्क लड़ाने लगा। उसने मेरी बहन को उसकी टेबल पर ही कुतिया बना दिया और उसकी चूत और गांड दोनों २ घंटे तक मारी। आज मेरी बहन को ७ साल उस सहकारी बैंक में हो चुके है। वो रोज संतोष का लंड खाती है और उसकी रखेल बन चुकी है। शादी भी नही कर रही है और बार बार कहती है…..मुझे बस संतोष से भी चुदवाना है किसी और से नही।