Naukar Chudai
ये कहानी मेरे बचपन की है मेरे माँ और पापा काफी अच्छे घर से है पापा नौकरी करते है और माँ हाउसवाइफ है. जब में छोटा था तब से ही मेरी माँ एक गदराई हुए बदन वाली बेहद कामुक औरत है जिसकी सेक्स की भूख बहुत ज्यादा है. दोस्तों कहानी को शुरू करने से पहले में आप लोगों को अपनी माँ के बारे में बताता हूँ, मेरी माँ का नाम अंजना है और उसकी उम्र 42 साल है और उसकी हाईट 5 फिट 2 इंच है. Naukar Chudai
वो बहुत गोरी है और दिखने में बिल्कुल ग़ज़ब है उसका सबसे बड़ा हथीयार उसके मस्त चूतड़ है जिसको देखकर हर कोई उसका दीवाना हो जाता है क्योंकि उसके चूतड़ बहुत बड़े और गोल है वो जब भी चलती है तो सबकी नज़र उसकी मटकती हुई गांड पर ही होती है जिसको देखकर हर कोई उसकी मटकती हुई गांड की तरफ आकर्षित हो जाता है.
वो ज़्यादातर पटियाला सलवार पहनती है जिसको पहनने के बाद उन कपड़ो में उसकी गांड और भी मस्त दिखती है. वो जब भी सड़क पर चलती है तो सलवार उसकी गांड के बीच की दरार में फंस जाती है तो इसलिए सब उसे ही घूर घूरकर देखते रहते है.
दोस्तों मेरे पापा के दोस्त जब घर आते है तो मेरी माँ उन्हें देखकर रंडियो की तरह सजधजकर तैयार हो जाती है और वो लाल कलर के कपड़ो में बहुत सेक्सी माल लगती है. पापा भी माँ की जमकर चुदाई किया करते थे. एक रात की बात है की मेरी अचानक नींद खुल गयी तब मैने देखा की माँ और पापा दोनो नंगे हो कर कुछ कर रहे है.
मैं उस वक़्त बहुत छोटा था कुछ ज़्यादा समझ में नही आया. मैने देखा की सामने वाले फ्लैट की खिड़की खुली थी और वहाँ एक औरत और मर्द दोनो मेरे माँ और पापा की तरह ही नंगे थे मेरे माँ और पापा दोनो की तरह ही कुछ कांड कर रहे थे.
जब मैं थोड़ा बड़ा हो गया तो मुझे समझ मैं आ गया की सामने वाले फ्लैट में चुदाई का खेल चल रहा था जिसको देख कर मेरे पापा और माँ दोनो मजा ले रहे थे, सामने वाले भी जानते थे के मेरे माँ और पापा ये देख कर चुदाई का आनंद ले रहे हैं.
मैं यह बता दूं की मुझे बचपन से ही थोड़ा ज्ञान हो गया था चुदाई के खेल के बारे मैं क्यूंकी माँ और पापा.के रात के इस खेल को मैं कई बार देख चुका था और कुछ कुछ समझने लगा था साथ मैं उनके पास नंगी तस्वीरों का भी किताब रहता था जो की मैं चुप के देख लेता था.
मेरी माँ का बदन एकदम सुडोल था, भारी हुई चूचीयाँ, मस्त गोल गांड थी, फूली हुई चूत में हल्की झाट रखती थी. बहुत बार मेरे सामने भी कपड़े बडलती तो पेटीकोट के बीच के छेद से झाँट दिख जाती थी. मैं किताबें देख कर मदहोश हो जाता था और गंदी बातों की तरफ ध्यान चला जाता था.
हमारा घर काफ़ी बड़ा था और नौकर नौकरानी भी काम करते थे. हमारा एक नौकर था जिसका नाम मनोहर था उम्र करीब 24/25 की होगी मैं दोपहर को बोर होता तो उसके पास चला जाता था. उसके पास अपना क्वॉर्टर था जिसमे वो दोपहर और रात को सोता था.
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एक दोपहर जब मैं उसके पास गया तो मैने देखा की वो अपना हाथ अपनी अंडरवियर के अंदर डाले हुए था और अपने लंड को रगड रहा था मुझे देखा तो बोला किसी से कहना मत के मैं क्या कर रहा हूँ. फिर उसने मुझे नंगी तस्वीर वाली किताब दिखाई, नंगी औरतों की तस्वीर देख के वो अपना लंड गरम कर रहा था.
जब मैने उससे पूछा की ये किताब कहाँ से मिली तो उसने बोला की तुम्हारे माँ के कमरे से, उनके बिस्तर के पास पड़ी हुई मिली. उसने मुझे अपने पास बुलाया और तस्वीर दिखाने लगा, मेरा लंड उस वक़्त ज्यादा खड़ा नही होता था तब उसने अपना लंड अंडरवियर से बाहर निकाला और मुझे दिखाया मुझे बहुत अच्छा लगा.
मैने उसके लंड को पकडा और बोला ये बहुत बडा है, तो उसने बोला हां बाबू तुमको अच्छा लगा क्या, मैने बोला हाँ मनोहर बहुत अच्छा है. मनोहर ने फिर मुझे अपने लंड पे बैठाया और मेरे गांड में लंड सटा दिया मुझे बहुत मजा आया मैं उसके लंड पे बैठ के नंगी तस्वीर देखने लगा.
वो अपने गरम लंड को मेरे गांड मैं लगा के मुझसे बोला बाबू तेरी माँ भी नंगी ऐसी ही लगती है,.मैने पूछा “कैसी” तो उसने एक गदराई हुई औरत की नंगी तस्वीर दिखाई और कहा की ऐसी और फोटो में औरत की चूची छूने लगा मैने उससे पूछा की तुमने कैसे देखा है माँ को नंगा तो मनोहर बोला की बाबू जब वो नहाती है तो मैं बाथरूम में देख लेता हूँ.
मैं बहुत उत्सुक हो गया और उससे पूछा की तुम्हे देख के कैसा लगता है मनोहर मुझसे बोला बाबू बहुत मजा आता है, चूची और चूत दोनो मस्त है और यह कह कर उसने मेरे हाथ में अपना लंड दे दिया मैने उसका लंड पकड़ लिया उसका लंड एकदम कड़क टाइट था चारों तरफ झाँट भरे हुए थे लंड साँप की तरह खड़ा फूँकार रहा था दोनो अंडे टाइट हो गये थे.
उसने मुझसे कहा बाबू इसको सहलाओ मैं मस्त.हो कर उसका लंड सहलाने लगा, उसने मुझे चूम लिया और बोला बाबू तुम्हारी माँ को देख कर मेरा लंड एकदम कड़ा हो जाता है मन करता है.की खूब चोदू तेरी माँ को. मैने मनोहर से पूछा की चोदना क्या होता है तो उसने मुझे कहा की लंड जब गरम हो कर चूत में जाता है तो उसको चोदना कहते है और फिर एक तस्वीर दिखा कर समझाया.
मैं मस्ती मैं उसका लंड सहला रहा था उसका 8 इंच का लंबा और काला था. उसने मुझसे कहा की बाबू लॉलिपोप चूसे हो की नही, मैने कहा हाँ चूसा हूँ तो मनोहर ने कहा मेरे लंड भी लॉलिपोप ही की तरह एक बार चूसोगे तो बहुत अच्छा लगेगा.
मैं उसके लंड को अपने मूह में लिया तो बहुत अजीब सा लगा एक अजीब सी स्मेल थी एक अजीब सा टेस्ट. मैने ज़्यादा नही चूसा उसके लंड को फिर उसने मुझसे कहा की बाबू तेरी माँ को खूब चुसवाउगा अपना लंड बहुत मस्त हो जाएगी मेरा लंड चूस के.
मैं उसके लंड को सहलाता रहा और वो मेरी माँ के बारे मैं गन्दी गन्दी बाते बोलता रहा. 10 मिनट तक सहलाने के बाद अचानक उसने मेरा.हाथ पकड़ लिया और लंड से गाढ़ा सफ़ेद माल निकाने लगा. कुछ मेरे हाथ मैं गिरा कुछ ज़मीन पर.. झड़ने के बाद उसने मुझसे कहा की मुन्ना किसी से कुछ कहना मत, मैने कहा की नही कहूँगा और वहाँ से चला आया.
मनोहर के साथ इस खेल खेलने आईं मुझे बहुत मजा आने लगा, रोज़ दोपहर मैं उसके कमरे मैं चला जाता वहाँ वो लूँगी पहना हुआ मिलता, गंदी किताबों के साथ कुछ फोटो वाली कुछ गंदी कहानियों वाली जिसमे सिर्फ़ चुदाई की कहानी होती.
वो मुझे अपने पास बैठा लेता और मेरे हाथ मैं अपना लंड दे कर कहानियाँ पढ़ के मुझे सुनता, मैं उसके लंड को सहलाता रहता.. वो मुझसे गंदी बातें करता मेरी माँ के बारे मैं कहता मुन्ना तेरी माँ की चूचीयाँ मस्त खरबूज की तरह हैं 36 साइज़ के होंगे और बोलता की माँ की चूत में बाल भरे हुए हैं पेटिकोट के नीचे से खूब सहलाऊगा उसके चूत के बाल चूत के छेद मैं उंगली करूँगा फिर उसके पेटीकोट उठा के चूत चुसूंगा.
मैं मस्त हो जाता और जोश के साथ उसके लंड को सहलाता और चूसता था. कभी वो मुझे अपने लंड पे बैठा लेता और मेरी लुल्ली को मसलता अपना लंड मेरे गांड मैं सटा देता, मुझे खूब मजा आता, उसने मुझे एक स्टोरी सुनाई जिसमे नौकर मालकिन की खूब चुदाई करता है.
मालकिन खुद उसे बुलाती है अपने कमरे मैं और अपने नंगे बदन से उसको रिझती है, उसके मोटे काले लंड से खूब खेलती है, जब मालकिन उसका लंड मूह मैं ले के चुस्ती है तो नौकर मस्त हो जाता है, मस्त हो कर वो मालकिन को बिस्तर पर नंगा करता है और खूब चोदता है.
ये कहानी सुनाते हुए मनोहर मेरी तरफ देखता है और बोलता है मुन्ना बाबू तेरी माँ को मैं अपनी रंडी बनाकर खूब चोदुँगा उसको, मैं मस्त हो के बोलता उउफफफफफफ्फ़ मनोहर रंडी बना ले खूब चोद माँ को ऐसे ही नंगा कर के रोज़.
मैं उसके लंड को चूसता लाल लाल सुपड़े को चूसता और उसके गरम लंड से निकलता हुआ रस मेरे मुँह में गिरता मैं उसके रस को मस्ती में पी जाता था. एक दिन की बात है पापा बाहर गये हुए थे मैं कमरे मैं सोया हुआ था रात को अचानक मुझे लगा की दरवाज़े पे कुछ आवाज हुई जिससे की मेरी नींद खुल गयी.
माँ ने दरवाज़ा खोला, मैं देखा की मेरे अंकल जो पापा के दोस्त है और पड़ोस में ही रहते थे कमरे में आए. उस वक़्त माँ पेटिकोट और ब्लाउस पहनी हुई थी, अंकल ने अंदर आ कर माँ को कस कर अपनी बांहो में पकड़ लिया और चूमने लगे मैं दंग रह गया ये देखकर की ये क्या हो रहा है.
अंकल माँ को चूमते हुए उसके चूची दबाने लगे और धीरे से ब्लाउज को खोल दिया, उसके बाद मेरी माँ की नंगी चूचियों को सहलाने लगे और निपल्स से खेलने लगे, मेरी कामुक माँ भी कामवासना की आग में जल रही थी. उसने भी एक बेशरम रंडी की तरह अंकल के लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी.
इसके बाद अंकल ने माँ के पेटिकोट को उठाया और चूत को सहलाने लगे माँ की चूत उनके मस्त काम रस में भीगी हुई थी. अंकल से अब बर्दस्त नही हो रहा था उन्होने अपना लंड माँ की चूत पे लगाया और ठप से अंदर घुसा दिया… मैं सोने का बहाना कर के माँ की कामलीला देख रहा था, मेरे सामने अंकल मेरी रांड माँ की चूत में लंड घुसा के ज़बरदस्त चुदाई कर रहे थे.
दोनो मस्ती मैं थे, अंकल माँ को सामने से चोद रहे थे और चूची सहला रहे हे, कभी चूमते कभी चूस्ते काफ़ी देर तक चुदाई का खेल चला. उस रात मुझे पता चल गया की माँ एक चुदास औरत है उसे लंड चाहिए अपनी चूत की गर्मी निकालने के लिए. दूसरे दिन दोपहर मैं जब मैं मनोहर के कमरे में गया तो वो लेटा हुआ था.
मैने उससे कहा जानता है कल रात क्या हुआ?
उसने पुछा क्या हुआ?
मैंने उसे रात की सारी घटना बता दी, वो मेरी बात सुन के मुस्कुराने लगा और मुझसे बोला मुन्ना मैं जानता था की तेरी माँ बहुत चुड़क्कड़ किस्म की औरत है और चुदने के लिए साली किसी भी हद तक जा सकती है और ये कह कर उसने अपना लंड निकल लिया, उसका लंड मेरी मेरी माँ की चुदाई की बाते सुन के एकदम खड़ा हुआ था.
मनोहर : देख मुन्ना कैसा खड़ा है मेरा लौड़ा तेरी रंडी माँ की चुदाई की बात सुनकर.
मैं : हाँ मनोहर तेरा लौड़ा मस्त है एकदम.
मनोहर : मुन्ना चूस ना मेरा लौड़ा.
मैं : मनोहर तेरा लंड तो साँप की तरह उछाल रहा है..
मनोहर : हाँ मुन्ना तेरी माँ की चूत की याद मैं उछाल रहा है, कितनी मस्त रसीली चूत होगी..
मैं : हाँ मनोहर मस्त फूली हुई है एकदम बाल से भारी हुई.
मनोहर : कितने बाल है मुन्ना तेरी माँ की चूत पे..
मैं : बहुत मनोहर एकदम भरे हुए..
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ये सुन के मनोहर मुझे अपनी बांहो में पकड़ लिया और मेरे होंठो को चूमने लगा, फिर मेरे कपड़े खोल के नंगा कर दिया, इसके बाद वो खुद भी अपनी लूँगी खोल के नंगा हो गया और हमलोग एक दूसरे से चिपक गए. उसका लंड मेरे लंड से टकरा रहा था. वो मेरे अंडे को पकड़ कर एक हाथ मेरे गांड पे ले जाकर आस्ते आस्ते मेरा गांड सहलाने लगा और एक उंगली मेरे गांड के छेद पे लगाई और अंदर घुसा दी.
मैं : उउम्म्म्ममममममममममम मनोहर दर्द हो रहा है.
वो उंगली को मेरे गांड के अंदर घुसा के मेरी गांड चोदने लगा, कभी मेरे गाल के कभी कान पे कभी मुँह पे चुम रहा था, उसका लंड एकदम बेचैन और सख्त हो गया था चुदाई के लिए, वो अपना लंड मेरे बदन पे रगड़ रहा था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
और मेरे धीरे से मेरे कान मे बोला “मुन्ना उउउफफफफफफफफ्फ़ तेरी माँ ने मुझे पागल बना दिया है तेरी माँ की जैसी चुदास औरत मैने कभी नही देखी, उसको देख के ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है, कैसी बड़ी बड़ी टाइट चूचिया है मुन्ना तेरी कामुक माँ की, मन करता है की साली के निपल्स चूस के खा जाऊ, चूत का रस कितना नशीला होगा सारी रात चाटूँगा चूत को और सारा काम रस पी जाऊँगा तेरी माँ की चूत का.”
ये सुन के मैं उससे चिपक गया और वो फिर मुझसे बोला “मुन्ना जब तेरी माँ बाहर निकलती है सजकर के तो रास्ते के सब लोग उसकी मदमस्त जवानी घूरते है, मेरा कई दोस्त है जो उसको देखते है और मुझसे बोलते है की मैं बहुत नसीब वाला है जो ऐसी मालकिन तुझे मिली है, मेरे दोस्तों का भी लंड खड़ा हो जाता है तेरी माँ को देख के. सब साले तेरी माँ के नाम की मूठ माँरते है अह्ह्ह्हह उम्मम्मम्म साली कितनी रसीली है तेरी माँ.”
मनोहर : मुन्ना जब कल रात अंकल तेरी माँ को चोद रहे थे तो तेरा मन क्या कर रहा था..
मैं : मन कर रहा था की वो सारी रात मेरी माँ की चुदाई करे..
मनोहर : और क्या मन करता है तेरा मुन्ना..
मैं : मेरा मन करता है की तुम उसको अपने कमरे में बुला कर रंडी की तरह चोदो..
मनोहर : सच मुन्ना तू मुझसे अपनी माँ को चुदवायेगा..
मैं : हा मनोहर तेरा लंड मस्त है उसकी चूत मैं घुसेगा तो साली को खूब मजा आएगा.
मनोहर : कसम से मुन्ना तेरी माँ एकबार मेरा लंड पकड़ेगी ना तो उसके चूत से रस निकालने लगेगा..
मैं : उउउफ़फ्फ़ मनोहर तुम खूब चोदो उसको कैसे छिनाल की तरह चुद रही थी अंकल से..
मनोहर : सच मुन्ना जैसा बदन है तेरी छिनाल माँ का उसे देख के ही लगता है की तेरे पापा उसको ठंडा नही का पाएँगे. उसको बिहारी या फिर मुसलमानी लंड चाहिए तब उसकी चूत ठंडी होगी…
मैं : तुम्हारा कोई दोस्त है क्या मुस्लिम.
मनोहर : एक दोस्त है मेरा एकदम ख़ास उसका नाम रफ़ीक है.
मैं : मनोहर मेरा बहुत मन है की मैं कोई मुस्लिम का लंड चुसू क्या तुम उसका चुस्वाओगे मुझे…
मनोहर : सच मुन्ना उसका लंड बहुत मस्त है 9’ का है…
मैं : तुम्हे कैसे पता तूने देखा है क्या..
मनोहर : हा बहुत बार देखा है हम लोग एक ही कमरे मैं रहते थे और रात को एक दूसरे का मूठ लगते थे. वो एक माँरवाड़ी के यहाँ ड्राइवर है वहाँ के मलिक की लड़कियों को स्कूल ले जाता है. लड़कियाँ अभी 13/14 की ही है पर रफ़ीक ने उनको जवान कर दिया है…
मैं : कैसे..
मनोहर : स्कूल ले जाते हुए खूब चूचीयाँ और चूत मसलता है उनके और अपना लौड़ा चुस्वता है उनसे. मैंने उसको अपनी मालकिन के बारे में बताया था, उसके बारे में सुन के वो बोला की ऐसी मालकिन है तो हम दोनो मिल के चोदेगे.
मैं : क्या बताया तुमने उसको..
मनोहर : यही की तेरी माँ एकदम मस्त मलाई माल है ये सुनके उसका लंड उछालने लगा, खूब पूछता है उसके बारे में रफ़ीक…
मैं : मनोहर उसको बुला ना कल..
मनोहर : क्या करोगे मुन्ना..
मैं : उसका लौड़ा चूसना है मुझको..
मनोहर : खूब चुसवायेगा उसको तो औरत और मर्द दोनो का शौक है..
दूसरे दिन दोपहर में जब मैं मनोहर उसके रूम में गया तो एक स्मार्ट सा २२ साल का लड़का बैठा था दोनो लूँगी में ही थे, मैं अंदर आया तो मनोहर ने कहा की मुन्ना ये रफ़ीक है कल तुम बोल रह थे ना की मुस्लिम केला खाना है, आज रफ़ीक तुझे अपने मुसलमानी केले का मजा देगा.
मैं रफ़ीक को देख के थोड़ा सकपका गया, उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने पास बुलाया और पूछा क्यूँ मुन्ना तेरी माँ कैसी है. मैं बोला अच्छी है रफ़ीक, रफ़ीक ने मुझे देखकर अपना लंड मसला हे मुन्ना मनोहर तेरी माँ की खूब तारीफ करता है, बोलता है की तेरी माँ खूब चुड़क्कड़ औरत है, सच है क्या?
मैं बोला रफ़ीक प्ल्ज़ ऐसा मत बोलो, तो उसने मेरी तरफ देख कर अपना लंड लूँगी से बाहर निकाला और बोला देख मुन्ना तेरी माँ एकदिन इस लौड़े के नीचे होगी. मैं उसका लंड देख कर मचल गया एकदम लंबा काला मोटा लंड था उसका, टोपी कटा हुआ था सूपड़ा चमक रहा था उसने लंड सहलाते हुए मुठिया और मुझे अपने खींच कर अपनी गोद में बैठा लिया.
उसका लंड मेरी गांड की दरार में घुस गया था, मैं पाजामाँ पहने हुए था मेरे पाजामे में उसका लंड ऐसे चुब रहा था की कोई लोहे का रोड हो. उसने पाजामे के उपर से मेरा लंड पकड़ा और सहलाने लगा, मेरे कान मैं बोला क्यूँ मुन्ना चुसेगा मुसलमाँनी लौड़ा.
मैं कुछ नहीं बोला. रफ़ीक ने फिर से मेरे कान में अपनी जीब फेरते हुए कहा तेरी माँ को तेरे सामने ही अपने मुसलमानी लौड़े का मजा दूँगा अपनी रखैल बना कर, देखना चाहता है अपनी गरम माँ को मुझसे चुदते हुए.
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मैं बोला हाँ रफ़ीक.
रफ़ीक : तो फिर बोल चूसेगा मेरा लौड़ा.
मैंने कहाँ : हाँ.
इस पर उसने मुझे उठाया और मेरा मुँह अपने लंड पे झुकाया, मैं उसके लंड को मुँह में लिया और चूसने लगा. उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ क्या मस्त गरम लंड था उसका, मैं चूसने लगा बगल मैं मनोहर बैठा हुआ था ये देख कर वो भी खड़ा हुआ और अपना लंड निकल दिया और रफ़ीक से बोला रफ़ीक कैसा चूस रहा है मुन्ना?
रफ़ीक मस्ती में था बोला साला बेटा ऐसा चूस्ता है तो इसकी माँ कैसा चुसेगी? मनोहर ने मेरी गांड की छेद में उंगली डालते हुए बोला इसकी माँ साली मस्त रंडी है ऐसे ही चुसेगी. दोनो का लंड एकदम टाइट था दोनो मुझे सेक्स की दुनिया मैं डूबा रहे थे, रफ़ीक का लंड मुँह में लेकर मैं पागल हो गया था मनोहर का उंगली मेरी गांड मैं घुसा था.
मैंने रफ़ीक का मुसलमानी लंड को मुँह से निकल के बोला – रफ़ीक ऐसे लंड पा कर तो कोई भी औरत चुदने के लिए बेकरार हो जाएगी…काफ़ी देर चूसने के बाद रफ़ीक ने मेरे मुँह से लंड निकाला मैने देखा की उसके अंडे भी बहुत बड़े बड़े है चारों तरफ झाट उगी हुई है मन उसके झांघो को चूमने लगा झाँट से खेलने लगा इस पर मनोहर बोला क्यूँ मुन्ना रफ़ीक को देख कर मुझे भूल गये.
मैं बोला नही मनोहर तुम्हारा तो बहुत बार चूसा है आज रफ़ीक के मुसलमानी लौड़े का मजा लेने दे. रफ़ीक बिस्तर पर लेट गया और मैं उसके उपर चढ़ गया. मैंने उससे पूछा तुमने कितनी औरतों को चोदा है रफ़ीक?
इस पर रफ़ीक मुस्कुरा के बोला मुन्ना मैने बहुत सारे घर मैं काम किया है ख़ास कर माँरवाड़ी घरों मैं एक से एक मालकिन मिलती है वहाँ की लड़कियाँ भी बहुत मस्त होती है 13/14 साल की उमर से ही नींबू निकल जाता है, चूत मैं भी बाल आ जाते है. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अभी मैं जहाँ काम कर रहा हूँ वहाँ दो लड़कियाँ है, एक 13 की एक 15 की दोनो एकदम तैयार हो गयी है, जब स्कूल ले जाता हूँ गाड़ी मैं तो रास्ते मैं दोनो की पैंटी उतार देता हूँ खूब मस्त चूत है दोनो लड़कियों की 6 महीने पहले तो बहुत शरमाँती थी मेरे से अब तो खुद स पैंटी उतार देती है दोनो और मेरा लंड पकड़ कर सहलाती है, कभी मौका लगता है तो दोनो की चूत चाट लेता हूँ.
मुन्ना दोनो चुदवाने के लिए तैयार है कभी घर मैं कोई नही रहता है तो मैं उनके कमरे मैं चला जाता हूँ, दोनो लड़कियाँ नंगी हो कर मेरे से चूत चटवाती है और मुन्ना इसके पहले जहाँ मैं काम करता था वहाँ का सेठ बाहर रहता था मालकिन चुदाई के लिए तरसती थी, मालकिन को गाड़ी सीखने के बहाने गरम कर देता था और खूब चोदता था उसको.
इस पर मैं बोला मालकिन लोग को खूब चोदा है क्या तुमने?
रफ़ीक बोला मुन्ना माँरवाड़ी मालकिन के चूत का रस पीने का मजा ही कुछ और है…
मेरा लंड एकदम तनटना गया था.
मैं रफ़ीक से बोला – मेरी माँ बहुत गरम किस्म की औरत है और लम्बी चुदाई की शौक़ीन है.
रफ़ीक: मुन्ना तेरी माँ की चूत भी खूब चोदुँगा अपनी रखैल बनाकर, बोल चुदवायेगा अपनी रंडी माँ को मेरे मुसलमानी लौड़े से.
मैं : रफ़ीक मेरी माँ तो तुम्हारे जैसे लंड के लिए तरसती है, खूब चुदवायेगी मेरी रांड माँ.
रफ़ीक: तेरी माँ मेरे लौड़े से चुदवा लेगी तो किसी और के पास नही जाएगी..
मैं : रफ़ीक माँ तो अंकल से चुदवाती है.
रफ़ीक: मुन्ना तेरे पापा और अंकल के लंड में कोई दम नही है, तेरी माँ की फोटो तो दिखा..
मैं: देख मुन्ना मेरे मोबाइल में है…
रफ़ीक: ( फोटो देख के ) – उफफफफफफफफफफफफ्फ़ मुन्ना तेरी माँ तो एकदम गरम हिन्दू माल है, क्या मस्त बड़ी बड़ी चूचिया है इस रंडी की, तेरी माँ के चूत मैं बाल है क्या?
मैं : हा रफ़ीक..
रफ़ीक : तेरी माँ की फोटो देख के लगता है साली ने बहुत लंड खाये है..
मैं : हाँ रफ़ीक बहुत लोगो ने इसको बिस्तर पर नंगा किया है, और अपना माल गिराया है चूत में..
रफ़ीक : रंडी की औलाद ऐसी माँ मेरी होती तो मैं उसको भी चोद देता.
मैं : रफ़ीक मुस्लिम लंड चाहिए मेरी गरम माँ को…..तेरे जैसा कटा हुआ मुसलमानी लौड़ा मिलेगा तब जाकर कर साली कुतिया की चूत की गर्मी निकलेगी..
रफ़ीक: मुन्ना मेरा मुसलमानी लंड तो तेरी जैसी की गरम माँ के लिए ही बना है जितने भी घरों में मैंने काम किया है वहां सबकी औरतो को अपने मोटे लौड़े का मजा दे चुका हूँ. सालियों के मर्द चोद नही पति, औरतें बिहारी और मुस्लिम लंड खोजती है. देख मुन्ना तेरी माँ को जल्द ही अपने बिस्तर की रौनक बनाऊगा और यही पर तेरी माँ को लिटाकर उसका पेटीकोट उठाऊंगा, और उसकी गरम चूत के काम रस को चाटूँगा.
मैं : रफ़ीक चाट मेरी माँ की चूत, और चूस ले सारा रस उसकी नशीली चूत का.
रफ़ीक: मुन्ना मैं तेरी माँ को नंगी देखना चाहता हूँ दिखाएगा ?
मैं : रफ़ीक जब वो नहाएगी तब देख लेना, मनोहर भी तो तभी देखता है..
रफ़ीक : मनोहर तूने खूब देखा है क्या मालकिन के गदराये जिस्म को.
मनोहर : रफ़ीक क्या बोलूं जब से यहाँ काम पे लगा हूँ मालकिन के नंगे बदन को देख कर ही रोज़ मूठ मर रहा हूँ (ये कह कर वो भी अपना लौड़ा मुठियाने लगा).
रफ़ीक : मुन्ना आज रात में और मनोहर हम दोनो मिल के तेरी माँ को चोदेगे, आज मुझे यहीं रहने दे, देखना आज तेरी माँ को अपना लौड़ा दिखाऊगा, अगर साली नही आई मेरे पास तो बोलना..
मैं : रफ़ीक आज पापा भी बनारस गये हैं आज जो करना है कर लो…रात को खाना खाने के बाद माँ अपने कमरे में अधनंगी हो कर बिस्तर पर सोती है.
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एक सच ये भी था की मेरी माँ भी कुछ दिन से मोटे के लंड के लिए तरस रही थी, माँ ने एक दिन मनोहर को नहाते हुए उसका मोटा लौड़ा देख लिया था उस दिन मनोहर का लंड देख के माँ की चूत में रस आ गया, तब से माँ मनोहर को अपने बिस्तर पर बुलाने के फिराक में थी उसका मन भी काले लंड खाने के लिए तरस रहा था.
और इस बात मैं, मनोहर और रफ़ीक भी अनजान थे. दोनों तरफ चुदाई की आग धधक रही थी. घर की प्यासी औरतें जब पराये मर्द के लौड़े लेने के लिए मचल जाये तो उन्हे कोई नही रोक सकता, यही हाल मेरी कामुक माँ का भी था. ना जाने कितने लंड ले चुकी थी अब तक पापा की गैर मौजूदगी में.
जब भी पापा शहर से बाहर जाते थे तब मेरी माँ अपने आशिक़ो के लंड लेने का कोई मौका नहीं चूकती थी. लेटे हुए माँ का हाथ अपने आप गरम चूत पे चला गया वो लेटे हुए सोचने लगी ” उफ्फ्फ कैसा मस्त कड़क लंड है मनोहर का, कितनी लकी होगी वो औरत जिसको ऐसे लौड़े चुदने का मौका मिलता होगा.
ये सोचते हुए माँ चूत पे हाथ चलने लगी, चूत से खेलते हुए माँ मनोहर के लंड चूसने के सपने देखने लगी, वो सोचने लगी की काश मनोहर आज रात मेरे बिस्तर पर होता तो उसके लंड का सारा माल निकल के पी जाती, मनोहर के नीचे नंगी हो कर अपना गरम जिस्म और चूत उस पर कुर्बान कर देती.
खिड़की से भीनी भीनी रोशनी आ रही थी, अचानक उसे लगा की कोई खिड़की के बाहर है, वो तोड़ा घबरा गयी और उठ के देखने लगी की कौन है, बाहर देखा तो रफ़ीक और मनोहर खड़े बातें कर रहे थे. मनोहर रफ़ीक से कह रहा था मादरचोद आज मालकिन को चोदना ही है कोई भी तरीके से, अगर नही मानेगी तो साली की ज़बरदस्ती चुदाई कर देंगे…
रफ़ीक बोला मनोहर मालकिन मेरा लंड देख लेगी तो खुद चूत खोल देगी.. माँ ये सब खिड़की से सुन रही थी, अपनी चुदाई की बातें सुन के उसका चूत गीली हो गयी, उसके मन का मुराद जो पूरी होने वाली थी. उसने गंदी किताबों में बिहारी और मुसलमानी लंड की तारीफ सुनी थी.
माँ की चूत मनोहर और रफ़ीक के लौडो के लिए गरम हो गई, उसको तो रोज़ रात में चुदाई की आदत थी, जब तक उसके चूत में लौड़े का माल नही गिरता उसको नींद नही आती थी. इधर मनोहर खिड़की से अंदर झाँका उसने देखा की मालकिन बिस्तर पर लेटी थी ब्रा और पैंटी पहनकर और अपनी दोनों टांगे चौड़ी कर के आंखें बंद कर रखी थी, माँ की दोनों टांगो के बीच का नज़ारा देख कर उसका लौड़ा खड़ा हो गया था.
उसने रफ़ीक से बोला दोस्त आज तो मालकिन गरम है और उसको मर्द और लंड दोनों की ज़रूरत है, मैं भी वही रफ़ीक के साथ खड़ा था, रफ़ीक मुझसे बोला – आज हम तेरी माँ को अपनी रखैल बनायेगे और तेरे सामने चोदेगे, तू चुपचाप अपनी रांड माँ की चुदाई देखना और उसका वीडियो बनाना, ये कह कर रफ़ीक ने मुझे एक वीडियो कैमरा दिया.
दोनो धीरे से खिड़की के रास्ते कमरे में घुसे, और इधर मैंने खिड़की के बाहर से ही कैमरा चालूँ कर के वीडियो बनाना शुरू कर दिया. बिस्तर पर लेटी मेरी गरम माँ समझ गयी थी की दोनो आज उसे जमकर रगड़ेगे, ये सोच कर ही माँ के सारे बदन में काम वासना की लहर दौड़ गई.
रफ़ीक अपना लौड़ा सहलाता हुआ माँ के पास आ के उसकी चूचीयों को देखा, माँ की चूचिया उसकी काम वासना के कारण मस्त फूली हुई थी और साली की ब्रा फाड़ कर बाहर आने को बेताब थी. रफ़ीक की हवस पूरी तरह से जाग उठी थी, उसने धीरे से माँ की चूची को मसला और माँ के कान में बोला “उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ क्या मस्त माल है तू साली.”
माँ आँखें बंद कर के लेटी रही, उसका मन तो चुदाई के लिए बेकरार था, और आज उसके बदन में आग लगा रहे थे रफ़ीक और मनोहर के मोटे मस्त लौड़े, एक बिहारी का मस्त लंड था और एक मुस्लिम का ज़ालिम लंड, आज सारी रात माँ की ज़बरदस्त चुदाई होने वाली थी और मैं अपनी माँ की सारी रासलीला का वीडियो बना रहा था.
रफ़ीक का ज़ालिम मुसलमानी लौड़ा लूँगी से बाहर निकालने को बेकरार था, उसने माँ की होंठो को छुआ और ब्रा के ऊपर से माँ की चूचियों को हल्के से मसल दिया, माँ सोने का नाटक कर रही थी वो साली तो रफ़ीक और मनोहर से भी ज्यादा बेकरार थी चुदाई के लिए.
रफ़ीक माँ के पैंटी के उपर से चूत को सहलाने लगा, माँ की चूत तो वैसे ही गीली थी और उसकी पैंटी भी गीली हो चुकी थी, मनोहर उसके बगल मे आ कर खड़ा हो गया और अपना लंड लूँगी से बाहर निकाला और रफ़ीक सी बोला चल इस रैंड को नंगा करते है, बहुत दिनों से साली तरसा रही है हमे, आज इसकी चूत का भोसड़ा बना देंगे.
रफ़ीक ने ये सुनके माँ की पैंटी निकल दी और मनोहर ने माँ की ब्रा. अब माँ पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी, चाँदनी रात में माँ की की गीली चूत उसके रस से भीग कर चमक रही थी, चूत की खुश्बू रफ़ीक के मन को पागल बना रही थी, चूत के चारों तरफ झाँट के बाल मांसल झांघें गदराया बदन देख कर दोनो मदहोश हो गये.
रफ़ीक ने झुक के माँ की चूत में अपनी जीभ डाल दी. उफफफफफफफफफफफफ्फ़ माँ की चूत की सुगंध उसको पागल बना गयी माँ की चूत से रस निकालने लगा, रफ़ीक एक भूखे कुत्ते की तरह माँ की रसीली चूत को चाट रहा था, उधर मनोहर ने अपना लौड़ा माँ के मुँह में लगाया और माँ के होंठो पे रगड़ने लगा.
दोनो आज पागल हो गये थे, माँ आँखें बंद किए हुए दोनो का मजा ले रही थी उसका मन कर रहा था की रफ़ीक का लंड पकड़ ले और चूत में घुसा ले, मनोहर रफ़ीक से बोला रफ़ीक आज इस रंडी को चोद कर अपनी रखैल बनाते है, मुन्ना कह रहा था की खूब चुदवाती है साली…. आज मुन्ना को भी सुकून मिल जायेगा.
माँ रफ़ीक के मुँह से ये बात सुन के सहम गयी, मुन्ना को कैसे पता चला की उसकी माँ बेहद कामुक और चुड़क्कड़ औरत है और खूब चुदवाती है, क्या मुन्ना मनोहर और रफ़ीक से अपनी माँ को चुदवाना चाहता है, क्या मुन्ना अपने दोस्तों से अपनी माँ की चुदाई की बाते करता है, ऐसी बहुत सारी बाते अचनाक माँ के मन में आ गयी.
उधर मनोहर ने थोड़ा ज़ोर लगाया तो माँ ने मुँह खोल कर मनोहर के लौड़े को आहिस्ता से अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी उसको मजा आने लगा था. उसकी मन की मुराद पूरी हो रही थी. दो दो जवान लड़के उसको चोदने के लिए व्याकुल थे, माँ ने मनोहर के लौड़े को चूसना स्टार्ट कर दिया.
मनोहर को भी पता चल गया की मालकिन जागी है और सोने का नाटक कर रही है, उधर रफ़ीक माँ की चूत को कुत्ते की तरह चाट रहा था जीभ को चूत के अंदर घुसा के चोद रहा था, माँ की कामुक सिसकारियां निकालनी शुरू हो गयी, मैं समझ गया कि माँ गरम हो चुकी है.
उसके बाद रफ़ीक ने अपने कपडे निकल दिए और नंगा हो कर बिस्तर में आ गया और अपनी एक उंगली माँ के चूत मे घुसा दिया… माँ एकदम से चौंक गयी जैसे साली को करंट लगा हो. रफ़ीक लगातार माँ के चूत मे उंगली करता रहा. माँ की चूत के रस से सारा रूम महकने लगा.
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माँ अपनी कामुकता के चरम पे पहुंच गयी और उसकी गरम चूत ने काम रस का फौवारा छोड़ दिया, लेकिन फिर भी वो अपने आप को रफ़ीक के बंधन से छुड़ाने की नाकाम कोशिश करने लगी. लेकिन रफ़ीक माँ को ज़ोर से जकड़ा रहा.
अपने एक हाथ से रफ़ीक अपना मुसलमानी लंड माँ के गांड से सटा दिया. वो पागलों की तरह उसको चोदना चाहता था, उसको ना जाने क्या हो गया उसने माँ की दोनो चूचीयाँ को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया और अपने लंड को माँ की गांड की दरार में रगड़ने लगा.
मनोहर ने आगे से माँ को पकड़ा और उसके होंठो को चूसना शुरू कर दिया, माँ के साँस तेज़ चल रही थी. मनोहर ने भी अपने दोनो हथेलियों से माँ के गदराये बदन को मसलना शुरू कर दिया और उससे कस्स-कस्स के दबाने लगा माँ की सिसकारियां तेज़ हो गयी, वो भी उत्तेजित होकर अपना सब्र खो रही थी.
वो अपने होंठ मनोहर के मुँह के अंदर डालते हुए अपने हाथों से मनोहर का हाथ पकड़ कर अपनी चूचीयों को ज़ोर-ज़ोर से रगड़ रही थी. माँ अब दोनो के साथ खुलने लगी थी उसको चुदाई के खेल में मजा आने लगा था मनोहर माँ के भारी बूब्स दबाते हुए कहा कितनी मस्त है मेरी जान तू तेरे जैसा माल नहीं देखा मैंने, माँ ने आँखें खोल के मनोहर क तरफ देखा और मुस्कुरा दी.
मनोहर : साली आज तुझे जन्नत का मजा देंगे हम दोनों मिलकर.
माँ: मनोहर तुम दोनो ये क्या कर रहे हो मेरे साथ..
मनोहर: भेन की लौड़ी तेरी चूत का भोसड़ा बनाने की तैयारी कर रहे है देख साली लंड की क्या हालत हो गयी है, ये मेरा दोस्त रफ़ीक है.
माँ ने रफ़ीक की तरफ देखा और मुस्कुरा दी माँ अब दोनो के लंड देखने लगी, रफ़ीक माँ की चूत चाट रहा था और माँ के मुँह से कामुक सिसकारियाँ निकाल रही थी, मनोहर माँ की तरफ अपना लंड बढ़ाया और बोला इसको चूस मेरी रांड…
माँ: मनोहर कितना मोटा है तुम्हारा लौड़ा. तुम्हारे साहब का तो इससे आधा भी नही है.
मनोहर : साहब क्या चोद पाते होंगे तुझको.
माँ : हाँ मनोहर उनका तो 2 इंच की लुल्ली है और १० सेकंड में झड़ जाते है और मैं तरसती रहती हूँ..
मनोहर : अब और नही तरसना पड़ेगा तुझको मेरी जान हम दोनो दोस्त रोज़ तेरी प्यास बुझाएंगे.
माँ : मनोहर रफ़ीक को भी यहीं रख लो.
मनोहर : बिलकुल जानेमन हम दोनो तुझे कुत्ते बन कर रोज़ चोदगे..
माँ : नही मनोहर कुत्ते नही बल्कि मेरे यार बन के मेरे बदन के मालिक बन के रहो और खूब लुटो मेरी जवानी को..
मनोहर : एक बात पूँछू मेरी जान, क्या तू वर्मा अंकल से भी चुदवाती है क्या..
माँ : ये तुमसे किसने कहा..
मनोहर : तेरे बेटे ने..
माँ : उसको कैसे पता चला..
मनोहर : उसने तुम दोनों को देख लिया था चुदाई करते हुए.
माँ : हे राम वो क्या सोचेगा मेरे बारे में..
मनोहर : (हँसते हुए) कुछ नही साली वो तो बहुत खुश है और जानता है की हम दोनो यहा पर है तेरे साथ तेरे बिस्तर में.
माँ : क्या बोल रहे हो उसको ये सब पता है क्या..
मनोहर : हा और वो चाहता है की हम दोनो तेरी ज़बरदस्त चुदाई करे..
माँ कसमसा गयी कि उसके लड़के को पता था की उसकी माँ चुदासी औरत है, दूसरों मर्दो के बिस्तर पर नंगी होकर उनका लौड़ा लेती है और इस बात से उसके बेटे को मस्ती मिलती है, और वो छुपकर उसकी चुदाई देखता है और घर के नौकरो को बताता भी है और चाहता है की घर के नौकर उसकी माँ को रंडी की तरह रोज़ चोदे. ये बात सोच कर माँ की वासना की आग और भड़क गयी. उसने मनोहर का लंड पकड़ लिया और पूछा..
माँ : सच कह रहे हो क्या उसको इसी कोई परेशानी नही की माँ दूसरों से चुदवाती है.
मनोहर : नही मेरी जान उसको तेरे बारे में गंदी बातें करने में बहुत मजा आता है, वो चाहता है की आप बिहारी और मुसलमाँनी लंड का मजा लो.
माँ का चूत रस छोड़ने लगी उसने मस्त होकर मनोहर के लंड को मुँह में ले लिया और पागलों की तरह चूसने लगी, मनोहर उसकी निपल्स दबाने लगा.
माँ – उउउफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ करने लगी आआआआआआअहह मनोहर मुझे अपनी रखैल बना लो उफफफफ्फ़ ऐसा मजा कभी नही आया आआआआआआहह.
मनोहर और रफ़ीक अब माँ की दोनो चूची चूसने लगे, रफ़ीक ने माँ के हाथ मैं अपना लंड पकड़ा दिया, माँ ने उसके मोटे काले लंबे लंड को मुट्ठी मैं दबाया और अपना चूत खोल दी…
माँ – रफ़ीक चोदो मुझे ऐसा लंड तो किसी आदमी का नही होता कहाँ से पाए हो उउउफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ मादरचोद रफ़ीक चोदो मुझे.
गाली सुनते ही रफ़ीक उत्तेजित हो गया उसने अपना लंड माँ के हाथ से छुड़ाया और मम्मी गरम चूत पे लगा दिया, उसके लंड के सामने चूत टाइट था, लंड एकदम तस गया.
माँ – उउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उूुुउउफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ करने लगी रफ़ीक ने एक धक्का लगाया तो सूपड़ा माँ की चूत के अंदर घुस गया.
रफ़ीक को लग रहा था की किसी कमसिन लड़की की चूत है 14 साल की, इतनी टाइट थी माँ की चूत…रफ़ीक ने और ज़ोर लगाया तो आधा लंड घुस गया माँ की चूत में… साली क्या माल है मनोहर तेरी मालकिन इस उमर मैं इतना टाइट चूत… साली को अपनी रंडी बना के रखूँगा ऐसी चिनार कुतिया को. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
माँ – आह्हः रफ़ीक तेरे जैसा लंड मुझे कभी नही मिला चोद मुझे बना ले मुझे अपनी रांड़.
रफ़ीक – रंडी साली अब से तू हमारी रांड ही है जब मन करेगा तब तेरी चुदाई करेंगे कुतिया.
ये कह कर रफ़ीक चोदने लगा ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप…… माँ अब रुकने वाली नही थी उसको ऐसी चुदाई का आनंद कभी नही मिला था दो दो जवान लड़के चोद कर उसे जवानी का मजा दे रहे थे… रफ़ीक का लंड माँ की चूत के अंदर बाहर हो रहा था चूत से निकलता हुआ रस से पूरा बिस्तर भीग रहा था, माँ का गदराया हुआ बदन पा कर रफ़ीक मस्त हाथी की तरह हो गया था उसको पता था की माँ उसके लंड की दीवानी हो गयी है अब उसको रोज़ बुला के चुदवायेगी.
रफ़ीक ने माँ से पूछा : साली, कितने लंड ले चुकी है अब तक इस मस्त चूत में..
माँ : मेरी जान तुम्हारे साहब में तो दम नहीं है मेरी प्यास भुझाने में, मुझे तो तेरे जैसे दमदार मर्दो का शानदार ताक़तवर लौड़ा चाहिए..
रफ़ीक : अच्छा तो बता भेन की लौड़ी कितनो का बिस्तर गरम किया है…
माँ : बहूँतो का, पर मेरी जान तुम दोनों जैसे मर्द कोई नहीं था.
रफ़ीक : मैं तो तेरा बदन देखते ही समझ गया था की बहुत लोगो का मजा लिया है तेरी जवानी का, नही तो ऐसा गदराया हुआ बदन नही होता..
माँ : मादरचोद जब तक मुझे दमदार लौड़ा नही मिलता मेरा मन चूत शांत नही होती..
रफ़ीक : मर्दो को भी तो तेरी जैसी रंडी चाहिए….
माँ : रफ़ीक मुझे अपनी रंडी बना, मनोहर अब से रोज़ अपने दोस्त को लाना मेरे पास..
मनोहर : साली बोल तो दूधवाले को भी ले आउ साला बहुत बड़ा दीवाना है तेरा..
माँ : हाँ मैने देखा है मादरचोद मेरी चूची घूरता रहता है..
मनोहर : एक बार मेरे से बोल रहा था साली ऐसी चूची है देख के लंड मैं करंट आ जाता है…
माँ : तूने देखा है क्या उसका लौड़ा..
मनोहर : हाँ मूतते हुए देखा था, रफ़ीक के साइज का है..
माँ: तुम लोगो का इतना ज़बरदस्त कैसे होता है..
मनोहर : मस्त होता है तभी तो माँरवाड़ी औरत बिहारी नौकर खोजती है..
माँ : अब तुम नौकर नही मेरे बदन के मालिक हो..
माँ मनोहर का लंड मुँह मैं ले कर चूसने लगी, इधर रफ़ीक माँ की चूत पेले जा रहा था मनोहर का लंड तन के रॉड हो गया था.
मनोहर – साली रांड क्या मस्त चुस्ती है तू की रंडी भी क्या चुसेगी ऐसा..
माँ – मनोहर तेरे जैसा लंड मिल जाए तो चूस के खा जाऊ..
मनोहर : सच रांड कितने लंड ले चुकी है तू अब तक.
माँ : बहुत.
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मनोहर : साली बड़ी नशीली माल है तू जो तुझे एक बार चोद ले उसको तो तेरी लत लग जाएगी…. चल बता किस किसने चोदा है तुझे.
माँ : पहले तो मेरे ड्राइवर ने चोदा था मुझे, गाड़ी सीखने के बहाने..
मनोहर : साली तू तो पहले से ही बिहारी लंड खा रही है..
माँ: हाँ मनोहर तभी तो मुझे बिहारी लंड पसंद है और आज पहली बार मुसलमानी लंड का भी मजा ले लिया है.
मनोहर : हां साली कुतिया तेरे बेटे को भी बिहारी और मुस्लिम लंड ही पसंद है.
माँ : क्या बोल रहे हो वो तो अभी छोटा है उसको क्या पता ये सब..
मनोहर: भेन की लौड़ी तुझे क्या पता की तेरा लड़का कितना बड़ा लंडबाज़ है, हम दोनो का लंड कई बार चूस चुका है, और तुझे हम दोनों के लंड से चुदवाने के लिए बेताब है.
माँ : क्या ये सच है?
रफ़ीक : हां मेरी जान क्या मस्त लंड चूसता है मुन्ना हमारा, बहुत रस पीया है उसने हमारा.
माँ : उसको ये शौक कैसे लग गया.
रफ़ीक : जबसे उसने आपको अंकल से चुदवाते देखा है तबसे.
माँ : क्या बोला उसने तुमको.
रफ़ीक : क्या बोलेगा बेचारा यही बोल रहा था की रफ़ीक मेरी माँ लंड की भूखी है तुम दोनो मिल के उसे खूब चोदो उसको.
माँ की आँख में चुदास भर गयी ये जान कर की उसका बेटा अपनी माँ को नौकरों से चुदवाना चाहता है उसकी चूत से पानी रिसने लगा, दोनो माँ पे चढ़के चुदाई कर रहे थे आधे घंट की चुदाई के बाद रफ़ीक झड़ने को आया मनोहर पास बैठ के चुदाई देख रहा था और अपने लंड से माँ का मुँह चोद रहा था.
माँ दोनो लंड से चुद के निहाल हो रही थी उसने अपने जीवन में बहुत लंड खाए थे पर ऐसी चुदाई कभी नही हुई थी आख़िर दोनो चोदते चोदते झड़ने पर गए रफ़ीक ने अपना मुसलमानी रस से माँ की चूत की गहराई को भर दिया और मनोहर ने अपने से रस से माँ का मुँह भर दिया… और उन दोनों के साथ माँ भी बुरी तरह से झड़ गई.