Village Chachi Sex Kahani
मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हु, दिल्ली में पढाई कर रहा हु, हु बड़ा ही सेक्सी और हमेशा मैं अपने से ज्यादा उम्र की महिलाओं के के तरफ आकर्षित होता हु. मैं कई सारे औरतो को चोद चूका हु, मैंने अपने मासी को भी चोदा, मैं अपनी बुआ को भी चोदा टीचर की भी खूब चुदाई की थी, टूशन बाली दीदी की तो मत पूछो. Village Chachi Sex Kahani
पर आज जो मैं आपको बताने जा रहा हु उसमे से सबसे हॉट जो मेरे मन में है वो है मेरी चाची. आज मैं उन्ही की चुदाई की कहानी आपके सामने पेश कर रहा हु. दोस्तों मेरी ये कहानी एक दम सच्ची है, मैं कोई भी बनावटी कहानी नहीं लिख रहा हु, तो मैं भी आपका टाइम खराब नहीं करते हुए कहानी पे आता हु.
मेरी चाची जो की 35 साल की है, बहुत ही सुन्दर, गोरी, लम्बी, मोटे मोटे गांड, मस्त मस्त चूच, होठ गुलाबी, क्या बताऊँ दोस्तों सच पूछो तो मैं पता नहीं कितनी रात अपने चाची के बारे में सोच कर हस्थमैथुन किया, मुझे उनके नाम का मूठ मारके बहुत ही ज्यादा संतुष्टि होती है.
चाची का नाम इन्द्राणी है, चाचा जी सेना में थे, सेना में ही कोई ऐसी घटना घाटी की उनका दाया पैर कट गया, सरकार के तरफ से काफी मुआवजा मिला और वो लोग गाँव आ गए, वही रहने लगे, मेरे कॉलेज की छुट्टी हो गई थी इस वजह से मैं कुछ दिन के लिए गाँव चला गया था.
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जब गाँव पंहुचा तो पता चला चाचा जी गाँव के पास ही एक कंपनी है वह पे वो जॉब करने लगे नाईट शिफ्ट में. कभी कभी तो दो दो दिन तक नहीं आते थे. चाचा जी ही बता रहे थे की मुझे घर में बैठना अच्छा नहीं लगता है इसवजह से मैंने जॉब कर कर ली ऐसे किसी चीज की कमी नहीं है ना तो ये जॉब मैं पैसे के लिए कर रहा हु ये जॉब सिर्फ अपने आप को बीजी रखने के लिए कर रहा हु.
फिर चाचा जी शाम को ६ बजे चले गए, मैं अपने घर पे खाना खाया और फिर चाची जी की यहाँ ही टीवी देखने लगा, तो चाची बोली तुम यही सो जाना, जब तक यहाँ हो, मुझे भी मन लग जायेगा, चाचाजी तुम्हारे नहीं होते है रात को तो थोड़ा सुना सुना लगता है, मैंने भी हां कर दिया.
रात को चाची जी पिंक कलर की नाईटी पहनी थी अंदर ब्रा नहीं पहने की वजह से उनका बूब हिल रहा था और उनके निप्पल साफ़ साफ़ दिख रहे थे चाही के दो छोटे छोटे बच्चे जो की ६ और ८ साल का था वो दोनों जल्दी ही सो जाते थे.
चाची जी की पायल की आवाज मेरे दिल को लग रहा था, सच पूछो तो मैं चाची को देखकर पिघल गया था, मेरी नजर उनके चूचियाँ पर से हट ही नहीं रहा था, मुझे लग रहा था किस तरह मैं उनके चूचियों को मसल दू, पर ये पॉसिबल नहीं था.
मैं चाची के बारे में ही सोच रहा था और टी वि का रिमोट से चैनल को इधर उधर कर रहा था, बगल से सट के चाची निकली मैं बैठा था, ओह्ह्ह क्या बताऊँ दोस्तों, चूतड़ हिलते हुए जा रहे थे, मचल रही थी वो ऊपर से उन्होंने टेम्पटेशन का डिओडरेंट लगाई हुई थी जी तो कर रहा चाट जाऊं उनके बदन को.
बगल से वो निकली शायद वो बथूरम में पेशाब करने जा रही थी सोने का टाइम हो गया था, तभी मुझे बाथरूम में धड़ाम की आवाज आई, मैं दौड़कर गया तो देखा चाची गिर गई थी, वो कुछ बोल भी नहीं पा रही थी कमर पकड़ के बैठ थी और मुह रोने रोने जैसा हो रहा था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं तुरंत उठाने की कोशिश की पर उनका वजह करीब ६० किलो का था, और ऊपर से उनको मैं उस तरह से उठा भी नहीं सकता, पता नहीं उनको बुरा लग जाता, मैंने उनको हाथ का सहारा दिया और उठा लिया वो मेरे ऊपर वजह रखकर चलने लगी.
मैं उनको बैडरूम में लाने की कोशिश करने लगा, वो कह रही टी कमर में बहुत जोर से चोट लगा है, बहुत दर्द हो रहा है. मैंने उनको पकड़ के चल रहा था उनकी चूचियां मेरे हाथ में सट रहा था, सच पूछो तो दोस्तों मैं इतना हरामी हु किसी को दर्द हो रहा है और मेरा लंड खड़ा हो रहा था.
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मैं उनके बदन की खुसबू को महसूस कर रहा था, उनको गुलाबी होठ और गाल मेरे होठ के आस पास ही थे, तो मन मचल भी रहा था, मैं उनको बेड पे लिटा दिया, और कहा मैं कैसा लग रहा है चाची जी, आप कहें तो डॉक्टर के पास ले चलते है.
तो चाची बोली रात काफी हो गई है, किसी तरह से काट लेती हु रात सुबह दिखा दूंगी लगता है मांस फट गया है और हड्डियों में भी चोट लगी है. तो मैंने कहा अगर रात भर में ज्यादा हो गया तो तो बोली गरम पानी और नमक से शेंक कर बाम का मालिश कर लेते है आराम हो जायेगा.
मैंने कहा क्या मैं गरम पानी से शेंक लगा दू, तो बोली हां गरम पानी ले आ, मैं रसोई से गरम पानी लेके आ गया, पर मैं उनके कमर पे शेकै करता कैसे, तो मैंने कहा चाची जी मैं कैसे करूँ तो वो अपनी नाईटी ऊपर कर दी कमर के ऊपर, निचे वो पेटीकोट पहनी थी.
तो मुझे बस पीठ का हिसा ही दिख रहा था, गरम पानी का शेंक करने लगा, पर मेरा हाथ उनके गोर बदन को जैसे ही टच करता था मेरा लंड सलामी देने लगता था, करीब रात के १२ बज गए थे, मैं उनके लिए आलमारी से बाम लाया और उनके कमर पे मालिश करने लगा.
मैं मालिश कर रहा था, मैंने पूछा चाची अब कैसा लग रहा है, पर वो कुछ भी नहीं बोली, वो सो चुकी थी, अब मेरा हाथ का स्पर्श का तरीका चेंज हो गया, मैं उनके पीठ को कमर को सहलाने लगा धीरे धीरे करीब पन्दरह मिनट में ही मेरा लंड और भी टाइट हो गया था.
मैंने चाची के पति कोट का नाड़ा खोल दिया और थोड़ा बाम लेके पीछे से उनके उभरे हुए चूतड़ पे लगाने लगा, धीरे धीरे मैंने उनके पेटीकोट को निचे सरका दिया, ओह्ह्ह माय गॉड मेरे सामने चाची के गांड सामने था, क्या बताऊँ दोस्तों मेरी तो हालत ख़राब होने लगी.
धीरे धीरे कर के चाची के गांड के बीच में भी ऊँगली ले जाने लगा, पूरा चूतड़ सहला रहा था, तभी चाची करवट ले ली और सीधी हो गई अब तो उनका बूर मेरे सामने था पेटीकोट निचे थोड़ा हो गया था, साफ़ साफ़ बूर दिखाई देने लगा.
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मैंने फिर से बाम लिया और उनके पेट को सहलाने लगा नाभि में ऊँगली देता और सहलता पर बूर तक नहीं पंहुचा था, पेट सहलाते सहलाते मै उनके चूच को छूने लगा धीरे धीरे कर कर नाइटी को भी ऊपर कर दिया मेरे सामने चाची के दोनों चूची और बूर सामने थे.
मैं उनके बदन का भूखा उनके सामने बैठा था, मुझे लग रहा था साली अभी बूर में लौड़ा घुसा दू, मेरे बर्दास्त के बाहर हो चूका था सारा मामला, मैंने चूच को सहलाने लगा और उनके निपप्पले को ऊँगली से दबाने लगा, मैं उनके फेस का एक्सप्रेशन देख रहा था वो अपना होठ अपने दांत में दबा रही थी.
कभी कभी, उनका मुह का एक्सप्रेशन से लग रहा था, उनको मेरे हाथ का स्पर्श अच्छा लग रहा था, मैं अब उनके गोर गोर बूर के ऊपर काले काले बाल में अपनी ऊँगली फिराई तो वो आअह की आवाज मुह से निकली और ऐसा मुझे महसूस हुआ की वो अंगड़ाई लेने लगी.
फिर मैंने अपने ऊँगली को बूर के छेद पर ले गया, तो उनके बूर से पानी निकल रहा था, उनका बूर चिकना हो गया था मैंने उनके बूर में ऊँगली घुसाई, तो वो अपना पैर फैला दी, मैं समझ गया की लगता है उनको चुदने का मन करने लगा है, अब मैं उनके बूर में ऊँगली पूरा घुसा दिया और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा.
करीब पांच मिनट बाद है उनके मुह से आह आअह आअह उफ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ उफ्फ्फ उई माँ उई माँ उई माँ उई माँ, ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह की आवाज निकलने लगी, मैं भी तेज तेज करने लगा, वो मेरे हाथ पकड़ ली, और बोली बस अब बर्दास्त नहीं होगा, मुझे चोद दो. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
इतना कहते ही वो आँख खोल दी, और मुझे अपनी तरफ खीच के मेरे होठ को चूसने लगी, मैं उनके होठ को चूसते हुए उनकी दोनों चूची को दबाने लगा, वो अपना पैर मेरे पैर में रगड़ने लगी, फिर वो मेरा सारा कपड़ा धीरे धरे उतार दी और अपना नाइटी भी उतार दी.
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वो मेरे ऊपर चढ़ गई मैं निचे था वो मेरे होठ को गाल को बाल को चूमने लगी, उनकी बड़ी बड़ी सुडौल चूचियाँ मेरे साइन पे लोट रहा था, मैंने उनके चूतड़ को दबा के अपने लंड पे रगड़ रहा था, फिर वो निचे हो गई मैं ऊपर हो गया फिर मैं चूमने लगा, चूच को पिने लगा ये सिलसिला करीब दस मिनट तक चला फिर चाची बोली, अपना लंड मेरे मुह में डालो मैंने वही किया वो मेरे लंड को चूसने लगी, फिर वो बोली अब मुझे चोदो इतना चोदो की मेरी आग जो लग चुकी है शरीर में उससे शांत कर दो.
मैंने उनके पैर को अपने कंधे पे उठाया और अपना लंड का सुपाड़ा उनके गीले बूर के छेद पे रखा और अंदर पेल दिया, फिर क्या था रात भर कभी ऊपर से कभी निचे से कभी खड़ा होक, कभी उनको गोद में बैठा के कभी घोड़ी बना को खूब चोदा रात भर, उसके बाद से तो रोज करीब आज पंद्रह दिन होने बाले है रोज रात भर चुदाई करता हु, मजा आ गया है ज़िंदगी का, पर आज मैं बहुत ही निराश हु क्यों की कल मेरी ट्रैन है, मैं वापस अपने प्यारी चाची को छोड़कर दिल्ली जा रहा हु, पर जल्दी ही कोई बहन बना के वापस आऊंगा.