Lund Ki Jarurat
मेरा नाम आसमा है. मैं एक होटल में मेनेजर के पोस्ट पर काम करती हूँ. मेरी असिस्टंट हैं दिव्यांका. हम दोनों आपस में बहुत अच्छी दोस्त है. हम दोनों को सेक्स से जुडी हर बात बहुत ही पसंद है. हम कई बार होटल के किसी भी खाली कमरे में चली जाती हैं और अपने सभी कपडे उतारकर एक दूसरे के शरीर के हिस्सों को अपने हाथों से मसलने लग जाती हैं. Lund Ki Jarurat
जब ज्यादा वक्त मिलता है तो हम आपस में लिपटकर एक दूसरे को हर जगह चूमने लग जाती है. कुछ दिन पहले हमारे होटल में एक पहाडी लड़का किचन में ज्वाइन हुआ था. वो बहुत ही सीधा और खुबसूरत है. हम दोनों उस पर मरने लगी. एक बार हम दोनों उसे लेकर एक खाली कमरे में ले गई.
हम दोनों नंगी हो गई. फिर उसे भी नंगा कर दिया. वो लड़का घबरा गया. हम दोनों ने उसे अपने बीच में दबाकर उसे बेतहाशा इतना चूमा की उसकी अंडरवियर गीली हो गई. वो ऐसा घबराया कि अपने कपडे पहने और भाग गया. इसके बाद वो कभी हमारे हाथ नहीं लग सका क्यूंकि वो दूसरी होटल में चला गया.
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कुछ दिन के बाद एक और हमारी उमर का युवक रिसेप्शन में लगा. वो भी खुबसूरत था. हम दोनों ने उसे पटा लिया. उसे दो-तीन बार खाली कमरे में ले गई और हम दोनों ने उसे अपने बीच में दबाकर खूब चूमा और दोनों-तीनों बार उसे गीली अंडरवियर होने के बाद ही छोड़ा. उसे यह पसंद आ गया.
अब हम जब भी इशारा करते वो आ जाता. लेकिन उसे हम इससे आगे नहीं बढ़ने देते थे. हम दोनों ये तय कर रखा था कि कोई भी हम दोनों के जननांगों को नहीं भेदेगा. धीरे धीरे इस तय बात से यह हुआ कि तीन-चार युवक हम दोनों के साथ तो हुए लेकिन दो तीन मीटिंग के बाद हमसे दूर रहने लगे.
दिव्यांका ने इसका भी रास्ता निकाल लिया. उसने इन्टरनेट से एक सेक्स टॉय मंगवाया. दिव्यांका ने मुझे दिखाते हुए कहा कि इसे डिल्डो कहते हैं. जब दो लडकीयाँ आपस में सेक्स करती हैं तो यही इस्तेमाल करती हैं. लेकिन ना जाने क्यूँ हमें एक मर्द की कमी महसूस होने लगी थी. ये कमी यहीं तक थी कि हम उसे चूमे.
इसके बाद जब हम आपस में लिपटें तो वो हमें देखता रहे. ये बड़ा अजीब था लेकिन क्या करते हम दोनों. हमें यही पसंद था. एक बार एक जोड़ा हनीमून मानाने हमारी होटल में ठहरा. मैं और दिव्यांका जब राउंड ले रही थी तो अचानक ही हम दोनों उनके कमरे में घुस गई. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उस वक्त वे दोनों बिस्तर में थे और सेक्स करने में इतने मशगुल थे कि हम दोनों कब अन्दर आकर पलंग के सामने की कुर्सी पर आपस में एक दूसरे को बाहों में लेकर बैठ गई उन दोनों को पता ही नहीं चला. करीब दस मिनट के बाद उन दोनों की नजर हम पर पड़ी. वो डर गए. मैंने उन्हें मेरे और दिव्यांका के बारे में पूरी बात विस्तार से कह दी.
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उस लड़के ने हमसे कहा – “इसका मतलब है आप दोनों ही लेस्बियन हैं. इसमें कोई बुराई नहीं है. लेस्बियन को अपनी तरह से जीने का हक़ है. आप आज की रात हमारे कमरे में हमें ज्वाइन कर लेना. आप दोनों अपना काम कर लेना और हम दोनों हमारा काम करते रहेंगे. बीच बीच में हम दोनों आपको भी पूरी मदद करते रहेंगे.”
हम दोनों खुश होकर उनके कमरे के बाहर आ गई. हम दोनों ने मन में सोचा कि आज हमारा डिल्डो पहली बार काम में आयेगा. रात को हम दोनों ड्यूटी के बाद उस कमरे में पहुँच गई. वे दोनों पहले से ही तैयार थे. हम चारों ने अपने अपने कपडे उतार दिए.
हम दोनों ने पहले उसे अपने बीच में लेकर उसे खूब चूमा. उसकी बीवी ने भी हमें मदद की. एक बार वो भी हम दोनों के बीच में आई और हम दोनों ने उसे भी खूब चूमा. इसके बाद दिव्यांका ने डिल्डो निकाल लिया. वे दोनों अब आपस में लिपटकर सेक्स करने लगे.
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हम दोनों ने उन्हें काफी देर तक देखा. फिर उसकी बीवी ने हम दोनों को नीचे जमीन पर लिटा दिया. हम दोनों के जननांग अब आमने सामने थे. उस ने अब डिल्डो का एक तरफ का हिस्सा पहले मेरे जननांग में धीरे से घुसेड दिया. फिर दूसरी तरफ का हिस्सा दिव्यांका के जननांग में घुसाया.
अब हम दोनों आपस में जोर लगाकर अपने अपने जननांग एक दूसरे के करीब लाने में लग गई. धीरे धीरे डिल्डो हमारे जननांग में अन्दर जाता चला गया और हम दोनों एक दूसरे के एकदम करीब आ गई. अब उन दोनों में से एक यानि कि वो युवक दिव्यांका के ऊपर लेट गया और उसकी बीवी मेरे ऊपर लेट गई.
अब वे दोनों हम दोनों के ऊपर हिल हिलकर हमें सेक्स करने में मदद करने लगे. हम दोनों ने अब उन दोनों की मदद की. मैंने अब उन दोनों को जमीन पर उसी तरह से लिटाया जैसे मैं और दिव्यांका लेटे थे. मैं धीरे धीरे उस युवक के लिंग को उसकी बीवी के जननांग में घुसेड दिया.
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उन्हें थोड़ी तकलीफ हुई लेकिन वो हो गया. फिर मैं और दिव्यांका के उन दोनों के ऊपर लेट गई. अब हम दोनों हिल हिलकर उनकी मदद करने लगे. लेकिन उन्हें बहुत दर्द होने लगा तो हम हट गए. अब उस युवक ने अपना लिंग अपनी बीवी की उस गीली गुफा में डाल दिया और ऊपर लेट गया. हम दोनों जननांगों में अभी भी डिल्डो फंसा हुआ था. अब मैं दिव्यांका के ऊपर आ गई और हम दोनों भी उन दोनों की तरह लेट गए उनके बिलकुल बगल में.
अब हम हिल हिलकर सेक्स का मजा ले रहे थे. अचानक मैंने और दिव्यांका ने उन दोनों को भी उनके मुंह ; गालों और होंठों पर चूमना शुरू किया. सेक्स का ये नया तजुर्बा बहुत ही कामयाब रहा था. वे दोनों इसके बाद दो रात और रुके. दोनों रात हम दोनों ने उन दोनों के सहयोग से भरपूर सेक्स का मजा लिया. तब से हम ऐसे ही जोड़े की तलाश में हैं. क्या आप में से कोई जोड़ा हमारी मदद करेगा?