Indian Sister Bur
मेरा नाम दीपशिखा है, मैं गोरी और सुंदर लड़की हूँ। मेरा रंग रूप बहुत खूबसूरत है। मैं बिलकुल जवान लड़की हूँ। मेरे आँखे काली काली बड़ी बड़ी है और बेहद खूबसूरत है। मेरे होठ तो बहुत सेक्सी और गुलाब के फूल की तरह ताजे है। मेरी नाक काफी तीखी है। Indian Sister Bur
मेरे दूध अब बड़े बड़े और रसीले हो गये है। मेरी चूचियों का साइज 36” से भी जादा है और मेरा फिगर 36 28 30 है। दोस्तों जब मैं चलती हूँ तो मेरे रसीले दूध इधर उधर हिलते है और लकड़ो का ध्यान खीचते है। मेरे पडोस के लड़के मेरे दूध को मुंह में लगाकर पीना चाहते है।
मेरी कमर पतली और नागिन जैसी है। जींस में मेरी पतली की कमर की तारीफ़ हर लड़का करता है। इसके अवाला मेरा पिछवाड़ा भी काफी मस्त है। मैं अपनी चूचियों को आगे की तरफ करके और पुट्ठों को पीछे की ओर निकालकर चलती हूँ जिसमे मैं और भी जादा सेक्सी और हॉट माल लगती हूँ।
हर लड़का मेरी चूत मारना चाहता है और भरपूर मजे लेना चाहता है। सभी लड़के मेरी रसीली चूत को चाट चाटकर उसका रस पीना चाहते है। जवान लड़के मेरी तरह खींचे चले आते है। मैं हूँ ही इतना सेक्सी और कंटीला माल। मैं जादातर जींस टॉप और जींस टी शर्ट पहनती हूँ।
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चुस्त कपड़ों में मेरे सेक्सी जिस्म का एक एक अंग साफ़ साफ़ दिख जाता है। मेरी जवानी को देखकर लड़को के लंड खड़े हो जाते है। वो मुझे कसके चोदना चाहते है। दोस्तों मुझे सेक्स करना और चुदाना बेहद पसंद है। मेरी कई बॉयफ्रेंड है जिनका लंड मैं रोज बदल बदलकर खाती रहती हूँ। बिना चुदाये मैं जिन्दा नही रह सकती हूँ। आज आपको अपनी स्टोरी सुना रही हूँ।
दोस्तों करीब 1 साल से मेरा चक्कर मेरे बुआ के लकड़े से चल रहा था। उसका नाम सुजीत था। मेरा उससे अफेयर तब हुआ था जब मैं कुछ दिनों के लिए अपनी बुआ के घर घुमने गयी थी। एक रात सुजीत ने मुझे अपने कमरे में ले जाकर कसके चोद लिया था।
उसका मोटा लंड खाकर मुझे बड़ा सुकून मिला था। फिर मैं सुजीत से सेट हो गयी और जमकर चुदाने लगी। धीरे धीरे वो मुझसे लंड चुसने को कह रहा था। पर मुझे ये बहुत गंदा काम लगता था। मेरी बुआ का लड़का मेरी चूत में मुट्ठी भी डालना चाहता था।
मैं इसके लिए तैयार नही थी। चूत देने को मैं राजी थी। कुछ दिनों बाद मेरी रिश्तेदारी में एक शादी थी। मेरा पूरा घर उस शादी में बरेली गया था। वहां पर मेरा फुफेरा भाई सुजीत भी आया हुआ था। उसे देखकर ही मेरा मूड बन गया। हम दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं सुजीत से बेइन्तहा मुहब्बत करती थी। वो मुझे कई बार कसके चोद चुका था। मैं मन ही मन में उसे अपना पति मान चुकी थी पर अपनी फैमिली के सामने तो वो मेरा फुफेरा भाई ही था। रिश्ते में वो मेरा भाई लगता था पर अंदर ही अंदर वो मेरा बॉयफ्रेंड था।
सुजीत ने आकर मेरी मम्मी को नमस्ते किया और मेरे परिवार से मिला। फिर हम दोनों साथ साथ खाना खाने लगे। फिर सुजीत ने मुझे उपर आने को कहा। मैं मौक़ा देखकर वहां से खिसक गयी और अपनी बहन से कह दिया की कुछ देर में आ रही हूँ।
फिर मैं गेस्टहाउस में उपर अपने आशिक सुजीत ने मिलने चली गयी। दोस्तों ये गेस्टहाउस बहुत बड़ा था। और पूरा 3 मंजिल का था। सुजीत सबसे उपर वाली मंजिल में मेरा इन्तजार कर रहा था। मैं गयी तो सुजीत ने मुझे एक कमरे में खींच लिया। वहां पर कोई नही था। कमरा पूरी तरह खाली था। सुजीत ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और मुझे बाहों में भर लिया।
“ओह्ह्ह जान! कहाँ थी तुम????” सुजीत बोला.
“मैं तो हमेशा तुम्हारे ही पास रहती हूँ जानेमन” मैंने कहा.
फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक गये। मैंने मस्त खुसबू वाला परफ्यूम लगाया था और गुलाबी रंग का गाउन पहन रखा था। सुजीत मेरे जिस्म की भीनी भीनी खुश्बू सूंघ रहा था। कितने देर तक वो दोनों एक दूसरे से चिपके रहे। फिर मेरी बुआ का लड़का सुजीत मेरे गाल, गले और होठो पर किस करने लगा।
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दोस्तों धीरे धीरे मैं भी गर्म हो रही थी। सुजीत ने कमरे की ac खोल दी और बहुत ठंडा कमरा हो गया। फिर वो मुझे लेकर बिस्तर पर चला गया। मैंने अपनी जूती उतार दी। और बिस्तर पर लेट गयी। सुजीत ने जल्दी से अपने जूते खोल दिए और मेरे पास आकर लेट गया।
फिर वो मेरे ओंठ चूसने लगा। मैं भी चूस रही थी। धीरे धीरे हम दोनों गर्म हो गये। सुजीत मेरे गाउन के उपर से मेरे दूध दबाने लगा। दोस्तों मैं “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” की आवाजे निकालने लगी। मेरी चूचियां 36 की थी। बड़ी बड़ी और बेहद रसीली थी।
“जान जल्दी से नंगी हो जाओ। तुम्हारी चूत बजाऊंगा” सुजीत बोला.
“पर कहीं कोई देख ना ले???” मैंने डरते हुए अपने फुफेरे भाई से पूछा.
“अरे दीपशिखा!! चुदाई में कितनी देर सकती है। मुश्किल से 15 20 मिनट। तुम टेंशन मत लो। यहाँ कोई नही आएगा। चलो जल्दी से कपड़े उतार दो” सुजीत बोला.
फिर मैंने अपना गाउन उतार दिया। सुजीत ने ही आकर मेरी ब्रा खोली। दोस्तों, मेरे स्तन बहुत सुंदर थे। बड़े बड़े गोल और बिलकुल मक्कन की टिकिया जैसे नर्म। इतने सुंदर दूध को देखकर तो सुजीत बिलकुल पागल हुआ जा रहा था।
मेरी अनार जैसी लाल लाल निपल्स के चारो ओर बड़े बड़े काले काले घेरे थे, जो मेरे स्तनों में चार चाँद लगा रहे थे। अगर कोई भी मर्द मुझे इस तरह मेरे नग्न मम्मो को देख लेता तो मुझे बिना चोदे ना जाने देता। मेरी मस्त गदराई और उफनती छातियों को देखकर सुजीत बेचैन हो गया और अपने हाथ से कस कसकर दबाने लगे।
“अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…”बोलकर मैं सिसक कर बोली पर उस पर कोई असर ना हुआ। वो मजे से मेरे दूध दबा रहा था जैसे कोई मुसम्मी का रस निकालने के लिए उसे हाथ में लेकर निचोड़ देता है।
इसके साथ ही वो मेरे रसीले स्तनों को मुंह में लेकर पी और चूस रहा था। इधर मेरी तो जान ही निकली जा रही थी। ऐसा लग रहा था की आज सुजीत मेरा सारा दूध पी जायेगा। उसके दांत मेरी नर्म चूचियों को बार बार चुभ जाते थे।
……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” सुजीत लगती है!!” मैंने कहा।
पर उसने मुझे अनसुना कर दिया। मेरी दोनों बड़ी बड़ी मुसम्मी को वो आधे घंटे तक चूसता और पीता रहा। मुझे अभी बहुत अच्छा लग रहा था। मैं गर्म हो रही थी। अब मैं भी सुजीत से कसकर चुदना चाहती थी। वो मेरी चूचियों को अपनी औरत की चूचियां समझकर दबा रहे था। ऐसा बार बार करने से मेरी चूत गीली हो चुकी थी। मैं जल्दी से चुदना चाहती थी और चूत में मोटा लंड खाना चाहती थी।
“जान! आओ मेरा लंड चूसो। कितने दिन हो गये तुम्हारे सेक्सी होठो से मैंने लंड नही चुस्वाया” मेरी बुआ का लड़का सुजीत बोला और कपड़े उतारकर नंगा बिस्तर पर लेट गया।
मैं सुजीत का लंड जल्दी जल्दी फेटने लगी। कुछ ही देर में उसका लौड़ा फिर से हरा हो गया और खड़ा हो गया। मैंने अपने सीधे हाथ से जल्दी जल्दी सुजीत जी के लंड को फेट रही थी। मुझे अच्छा लग रहा था। लग रहा था की मैं किसी मोटे रसीले गन्ने को हाथ में लेकर फेट रही हूँ।
सुजीत का लंड 9” लम्बा और ढाई इंच मोटा था। इस लौड़े से मैं कई बार चुदा चुकी थी। बहुत ही अच्छा स्वाद था इस लौड़े का। मैं जानती थी। फिर मैंने झुककर लंड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी। मैं जल्दी जल्दी अपना सिर उपर नीचे हिलाने लगी।
मुझे ये बहुत अच्छा लग रहा था। इतने मोटे मोमबत्ते को चूसना एक मस्त बात थी। सुजीत का सुपाड़ा तो और भी गुलाबी खूबसूरत था। कुछ देर बाद सुजीत के लोटे खीरे से रस निकलने लगा और मुझे मुंह में नमकीन स्वाद मिल रहा था। मैं जल्दी जल्दी लंड को हाथ से फेटने लगी जिससे मुझे और मजा आये।
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मैंने देखा को सुजीत पागल हुआ जा रहा था। उसे डर था की कहीं उसका माल न निकल जाए। मैंने उसके लंड को 15 मिनट चूसा, फिर मुंह से निकाल लिया। अब मैं उसे जीभ से चाट रही थी। वो मेरे गोल मटोल 30” के पुट्ठों को सहला रहा था।
मैं बहुत देर तक सुजीत जी के लौड़े से मंजन किया। फिर मैंने उसकी गोलियां चूसने लगी। एक एक गोली को मैं मुंह में लेकर उसे मजा दे रही थी। सुजीत को बहुत मजा आ रहा था। वो बार बार अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा की आवाजे निकाल रहा था।
मैं अच्छी तरह उसकी गोलियां चुसी। अब वो मुझे चोदने को रेडी था। दोस्तों फिर सुजीत ने मुझे सीधा लिटा दिया। मेरी पेंटी मेरी चूत के रस से पूरी तरह से भीग गयी थी। मेरी पेंटी पर चूत से निकले माल के कई धब्बे थे। सुजीत कुछ देर तक मेरी लाल रंग की पेंटी को उपर से चाटना रहा।
फिर उसने वो भी उतार दी। मैं अपनी रसीली चूत को दोनों हाथों से ढकने लगी। मुझे शर्म आ रही थी। हर इंडियन लड़की अपनी बुर चुदवाने में शर्म करती है। मैं भी शर्म से पानी पानी हुई जा रही थी। सुजीत ने मेरे पैर खोल दिए और चूत पीना शुरू कर दिया।
मैं “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” बोलकर तडप रही थी। सुजीत ने अपनी जीभ मेरी चूत में दफन कर दी थी। वो जल्दी जल्दी मेरी बुर पी रहा था। मैं मर रही थी। मेरी जान निकल रही थी। मैं कामुक और सेक्सी फील कर रही थी।
जब जब सुजीत की खुदरी जीभ मेरी चूत में घुसने लग जाती थी मैं तडप जाती थी। मुझे बड़ी जोर जोर की सनसनी हो रही थी। सुजीत तो जल्दी जल्दी मेरी बुर पी रहा था। मेरी चूत में आग लग चुकी थी। वो मेरी चूत के बड़े बड़े होठो को दांत से काट रहा था। मैं बार बार अपनी कमर और गांड हवा में उपर को उठा देती थी।
“…..ही ही ही……अ अ अ अ .अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” बस ये ही मैं चिल्ला रही थी। फिर मेरी बुआ का लड़का सुजीत मेरी चूत के दाने को छेड़ने लगा। मुझे बहुत आनंद मिल रहा था। मेरे पुरे जिस्म में मधुर लहरे और तरंगे दौड़ रही थी। फिर सुजीत अपने अंगूठे से मेरे चूत के दाने को जल्दी जल्दी घिसने लगा। मैं तडप गयी।
“करो करो और करो सुजीत! मजा आ रहा है” मैंने कहा.
उसके बाद तो वो किसी चुदासे कुत्ते की तरह पागल हो गया और जल्दी जल्दी मेरी बुर में अपनी जीभ को गोल गोल करके घुमाने लगा। मेरी चूत दुप दुप करने लगी और सफ़ेद रंग का रस छोडने लगी। सुजीत सारा रस पी जाता था।
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फिर मेरे चूत के दाने को ऊँगली से घिसना शुरू कर देता और कुछ देर में मेरी चूत फिर से अपना ताजा मक्खन छोड़ देती। दोस्तों उस दिन सुजीत ने मेरी माँ चोद के रख दी। मेरी चूत का एक एक बूंद रस वो पी गया।
“जान अब मुझे जल्दी से चोद लो वरना मैं मर जाउंगी” मैंने मिन्नते करते हुए कहा.
उसके बाद सुजीत ने मेरी कमर के नीचे २ मोटे तकिया लगा दिए जिससे मेरी रसीली चुद्दी अब उपर आ गयी। सुजीत ने अपना 9” का मोटा लंड मेरी चूत पर रख दिया और उपर नीचे करके मेरे चूत के दाने को घिसने लगा। मुझे बहुत सनसनी महसूस हो रही थी।
मैं लंड खाने को पागल हो रही थी। सुजीत मुझे बार बार तडपा रहा था। वो बार बार अपने लौड़े के सुपाड़े से मेरे चूत के दाने को घिसे जा रहा था। मैंने उत्तेजित होकर उसके दोनों हाथ कोहनी से पकड़ लिए। फिर सुजीत ने मेरी चूत के छेद पर लंड रख दिया और हल्का सा धक्का मारा। लंड अंदर चूत में चला गया।
वो अब मुझे चोदने लगा। उसका लौड़ा २ इंच मोटा था। इसलिए मुझे उसकी मोटाई अपनी चुद्दी में महसूस हो रही थी। सुजीत जल्दी जल्दी मुझे चोदने लगा। मैंने आँखें बंद कर ली थी। मेरे मुंह से “…..ही ही ही ही ही…….अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” की आवाज ही निकल रही थी।
मैं बार बार अपने ओठो को चबा रही थी। मेरा गला बार बार सूख रहा था क्यूंकि मेरा बॉयफ्रेंड जल्दी जल्दी मुझे चोद रहा था। उसका लौड़ा तो बहुत मोटा ताजा लग रहा था, जल्दी जल्दी मेरे भोसड़े में घुस जाता था। वो मुझे सट सट करके चोदने लगा। मुझे लग रहा था की मुझे हजारों चींटे एक साथ काट रहे हो।
उसके बाद तो सुजीत बहुत तेज तेज धक्के मेरी चूत में मारने लगा। मुझे बड़ा आनंद आ रहा था जैसे मेरी चुद्दी में कितने पटाखे एक साथ फूट रहे हो। कहना गलत नही होगा की मेरी चूत बार बार फ़ैल जाती और बार बार सिकुड़ जाती थी।
मेरे बुआ के लकड़े सुजीत के लंड की मोटाई मैं अपनी चूत में साफ साफ महसूस कर रही थी। मैं “अई….. अई…. अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” बोलकर कामुक आवाजे निकाल रही थी। सुजीत धकाधक मुझे पेल रहा था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
आज इस गेस्टहाउस में मेरी चूत फट जाएगी ये बात मुझे नही मालूम थी। सुजीत के मोटे लंड की वजह से मेरी चूत की सरहदे किनारे को दौड़ गयी थी। अब हम दोनों के पसीने छूट रहे थे। सुजीत के जल्दी जल्दी तेज धक्को से मेरी रसीली चूचियों गोल गोल करके हिल रही थी और बेहद सेक्सी और आकर्षक लग रही थी।
सुजीत मुझे जादा से जादा मजा देने के लिए एक हाथ से मेरे भग शिश्न (क्लिटोरिस) को जल्दी जल्दी घिस रहा था। मुझे बहुत आनंद मिल रहा था। वो बिना रुके मुझे जल्दी जल्दी ठोंक रहा था। मेरी चूत को फाड़ फाड़कर वो भरता बना रहा था।
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मैं “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की आवाजे निकाल रही थी। दोस्तों अब 20 मिनट बीत चुके थे। धीरे धीरे हम दोनों क्लाइमेक्स की तरफ बढ़ रहे थे। मैं जानती थी की 5 7 मिनटों में हम दोनों एक साथ झड जाएंगे। मेरी चूत किसी भट्टी की तरह दहक रही थी। मेरी बुआ का लड़का सुजीत बार बार अपने कंधे से अपने मत्थे का पसीना पोछता था और बिना रुके मेरी चूत का बाजा बजा रहा था। फिर हम दोनों के बदन रस्सी की तरह ऐठने लगे।
आखिर में सुजीत तेज धक्के मारते मारते मेरी चूत में झड़ गया। फिर मैंने भी अपना माल छोड़ दिया। मेरी चूत उपर तक सुजीत के माल से भर गयी थी। उसका लंड अब भी मेरी रसीली चुद्दी में था। अब वो मुझ पर लेट गया था। हम एक दूसरे को पति पत्नी की तरह किस कर रहे थे। मैं आज चुदा कर जन्नत के मजे लूट लिए थे। फिर मैं कपड़े पहनकर आ गयी। “अरे बेटी दीपशिखा कहाँ थी तुम??? कितने देर से मैं तुमको ढूढ़ रही थी??” मेरी मम्मी बोली. “मम्मी मैं अपनी सहेलियों से मिलने गयी थी” मैंने बहाना बना दिया।