Wife Bathing
मेरे पापा के एक दोस्त हैं मोहन जयसवाल ! पापा और मोहन अंकल एक ही कम्पनी में काम करते हैं, दोनों की काफी अच्छी दोस्ती है। मोहन अंकल हमारे घर अक्सर आते रहते हैं। एक दिन मोहन अंकल का पापा के पास फोन आया, कहा- यार मुझे और मेरी पत्नी को रिश्तेदारी में एक शादी में जाना है और मेरा बेटा भी काम के सिलसिले में बाहर गया है। Wife Bathing
हम शादी में जायेंगे तो यामी बहू घर में अकेली हो जाएगी, शादी में जाना भी जरूरी है और मेरी पोती बहुत छोटी है, तो हम यामी को अकेला नहीं छोड़ सकते। क्या तुम नव्या को कुछ दिन के लिए मेरी बहू के साथ हमारे घर में रहने के लिए भेज सकते हो?
तो पापा ने कहा- मैं नव्या से पूछ कर बताता हूँ।
फिर पापा ने मुझसे पूछा तो मैंने कहा- ठीक है, मैं चली जाऊँगी।
पापा ने अंकल को कह दिया- ठीक है, वो यामी के साथ रह लेगी !
तो अंकल ने कहा- हमें कल शाम में जाना है, मैं कल सुबह नव्या को लेने आ जाऊँगा।
उनका घर हमारे घर से काफी दूर है, मैंने अपनी तैयारी की जाने की और अगले दिन सुबह अंकल मुझे लेने के लिए आ गये। मैं तैयार हो रही थी, मम्मी ने उन्हें जलपान कराया फिर उन्होंने कहा- हम दोनों में तो एक हफ्ते के लिए जा रहे हैं पर मेरा बेटा तीन-चार दिन में घर वापस आ जायेगा तो वो नव्या को वापस छोड़ देगा तब तक नव्या यामी और उसकी बेटी के साथ रह लेगी।
पापा ने कहा- ठीक है यार, जब तक तुम दोनों नहीं आ जाते, नव्या वहाँ रह सकती है।
और फिर अंकल मुझे लेकर अपने घर आ गए। उनके घर जाकर मैं उनकी बहू से मिली, वैसे तो मैं उनसे पहले भी मिल चुकी थी जब वो हमारे घर आई थी पर हमारी ज्यादा बात नहीं हो पाई थी। फिर शाम को पाँच बजे अंकल और आँटी की ट्रेन थी तो वो चले गये, मैं उनके घर में थोड़ी चुप-चुप सी थी तो यामी भाभी ने मुझसे कहा- नव्या, तुम इतनी चुप क्यों हो? क्या तुम्हें यहाँ अच्छा नहीं लग रहा है?
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मैंने कहा- नहीं नहीं भाभी, ऐसी कोई बात नहीं है !
तो भाभी कहने लगी- नव्या, तुम इसे अपना ही घर समझो, किसी भी चीज की जरूरत हो तो बेझिझक मुझसे कहना ! तुम मुझे अपनी सखी-सहेली ही समझो।
भाभी की बेटी अभी नौ महीने की है, मैं उसके साथ खेलने लगी।
भाभी ने रात का खाना बनाया, हमने खाना खाया, फिर मैंने भाभी से कहा- मैं कहाँ पर सोऊँगी भाभी?
तो भाभी ने कहा- नव्या, तुम मेरे साथ मेरे ही कमरे में सो जाओ, तुम्हारे भईया तो है नहीं, तुम मेरे साथ सोओगी तो अच्छा रहेगा।
रात में भाभी और मैं कुछ बातें करने लगे। उनकी बेटी रोने लगी तो भाभी ने अपना ब्लाउज ऊपर करके एक उरोज को बाहर निकाल कर गुलाबी निप्पल को बेबी के मुँह में देकर उसे दूध पिलाने लगी। मैं यह देख कर वहाँ से उठ कर जाने लगी तो भाभी ने कहा- कहाँ जा रही हो नव्या ! बैठी रहो ! इसमें क्या शरमाना !
मैं वहीं बैठी रही।
भाभी के स्तन काफी बड़े थे जो मुझे साफ साफ दिखाई दे रहे थे। मैंने भाभी से पूछा- भाभी, आपकी अरेंज मैरिज थी या लव मैरिज?
तो भाभी मुस्कुराने लगी कहा- अरेंज कम लव मैरिज थी।
फिर मैंने पूछा- भाभी, आप और भईया कहाँ मिले थे?
तो भाभी कहने लगी- हम कॉलेज में मिले थे !
काफी देर तक हम ऐसे ही बातें करते रहे, बात करते करते रात का एक बज गया था, मैंने भाभी से पूछा- भईया ने आपको प्रपोज कैसे किया था?
तो भाभी कहने लगी- रात बहुत हो गई है नव्या, हमें सोना चाहिए, अब कल बात करेंगे।
फिर सुबह जब मेरी नींद खुली तो भाभी बिस्तर पर नहीं थी। मैं उठ कर बाथरूम की तरफ गई पर बाथरूम अन्दर से बन्द था। भाभी को पता चल गया था कि मैं उठ गई हूँ तो उन्होंने अन्दर से ही कहा- नव्या, मैं अभी 5 मिनट में निकलती हूँ !
मैंने कहा- ठीक है।
फिर भाभी बाथरूम से निकली तो वो सिर्फ ब्रा-पेंटी में थी और वो ब्रा-पेंटी सफ़ेद रंग की पारदर्शी थी। भाभी तौलिये से अपने बालों को पौंछ रही थी। मैं उन्हें देखती ही रही, उनके बड़े बड़े उरोज ब्रा में से छलक-झलक रहे थे और उनकी योनिस्थल पर हल्के हल्के बाल थे, जो मुझे उस पारदर्शी ब्रा पेंटी से दिखाई दे रहे थे। मैं उन्हें एकटक देखे जा रही थी।
फिर भाभी ने अलमारी से अपने कपड़े निकाले और उन्हें पहनते हुए भाभी ने मुझे कहा- जाओ नव्या, तुम भी जाकर नहा लो।
मैं अपने बैग से कपड़े निकलने लगी पर बैग में ब्रा और पेंटी दिखी नहीं तो मैं बैग में ही ढूंढने लगी।
तो भाभी ने मुझे देख कर पूछा- क्या ढूँढ रही हो नव्या?
तो मैंने कहा- कुछ नहीं भाभी !
तो उन्होंने कहा- क्या हुआ, बताओ? तुम कुछ परेशान सी लग रही हो?
तो मैंने कहा- हाँ भाभी, लगता है मैं अपनी ब्रा-पेंटी घर ही भूल आई हूँ, वो बैग में नहीं है !
तो भाभी ने कहा- इसमें परेशान होने की क्या बात है, मेरे पास बहुत सारी हैं तुम वो ले लो !
तो मैंने कहा- भाभी, आपकी ब्रा-पेंटी मुझे कहाँ फिट आयेंगी, आप का साइज़ और मेरा साइज़ अलग अलग है।
तो भाभी ने कहा- मेरे पास तुम्हारे साइज़ की ब्रा-पेंटी भी हैं। जब मेरी नई नई शादी हुई थी तो मेरा साइज़ भी तुम्हारे साइज़ जितना ही था, तुम्हारे भईया जब भी बाहर जाते हैं, मेरे लिए ब्रा पेंटी लेकर ही आते हैं। रुको, मैं तुम्हें वो लाकर देती हूँ !
तब भाभी ने अलमारी खोली और उसमें से मुझे अपनी 4-5 ब्रा-पेंटी निकाल कर दी और कहा- ये लो नव्या, ये तुम रख लो ! अब ये मेरे साइज़ की नहीं है, ये तुम्हारे काम आयेंगी।
मैं नहाने चली गई। जब मैं नहा कर बाहर आई तो भाभी कमरे में ही थी।
भाभी ने मुझे कहा- नव्या, दिखाओ तो तुम्हें ब्रा पेंटी ठीक आई या नहीं?
तो मैंने कहा- हाँ भाभी, ठीक साइज़ की हैं।
तो उन्होंने कहा- दिखाओ तो ! मुझ से क्या शरमा रही हो?
और उन्होंने मेरा तौलिया हटा दिया, फिर कहा- हाँ ठीक हैं ये !
और कहा- नव्या, मुझसे तुम शर्माया मत करो, मुझे अपनी दोस्त ही समझो !
तो मैंने कहा- ठीक है भाभी !
और वो कमरे से चली गई, मैंने अपने कपड़े पहने, फिर हमने नाश्ता किया।
मैंने फिर भाभी से पूछा- बताओ ना भाभी, आप लोग कैसे मिले थे?
तो भाभी ने कहा- मैंने बताया तो था कि हम कॉलेज में मिले थे और तुम्हारे भईया ने मुझे वहाँ प्रपोज किया, मुझे भी वो पसंद आये तो मैंने भी हाँ कर दी थी। फिर हम ऐसे ही मिलते रहे थे और पढ़ाई पूरी करने के बाद हमारी शादी हो गई।
और कहने लगी- शादी से पहले हमने लाइफ को खूब एन्जोय किया !
तो मैंने कहा- वो कैसे भाभी?
तो उन्होंने कहा- हम शादी से पहले खूब घूमते थे और मस्ती किया करते थे।
मैंने कहा- क्या क्या मस्ती करते थे आप?
तो उन्होंने कहा- हमने शादी के पहले भी बहुत चुदाई की है !
फिर भाभी ने मुझ से कहा- नव्या, तुमने कभी चुदाई की है?
तो मैंने कुछ नहीं कहा और मुस्कुराने लगी।
फिर भाभी ने कहा- बताओ नव्या? की है तुमने कभी चुदाई?
“की है!” मैंने भाभी से कहा- हाँ मैंने की है भाभी ! आप किसी को बताना मत !
उन्होंने ने कहा- ठीक है !
फिर भाभी ने कहा- कैसा लगा था तुम्हें?
तो मैंने कहा- बहुत अच्छा लगा था !
फिर भाभी ने कहा- चलो, मैं तुम्हें कुछ दिखाती हूँ !
हम कमरे में गए तो भाभी ने एक बैग निकाला, उसे खोला तो उसमें ढेर सारी सीडी थी !
मैंने पूछा- ये किसकी सीडी हैं?
तो भाभी ने कहा- चुदाई की सीडी हैं, तुम्हारे भईया की हैं हम कभी कभी साथ बैठ कर देखते हैं। और फिर जैसे जैसे उस सीडी में चुदाई होती है तुम्हारे भईया भी मुझे वैसे वैसे ही चोदते हैं। बहुत मजा आता है।
भाभी ने एक सीडी लेपटोप में लगा दी, भाभी और मैं उस सीडी में चल रही चुदाई को देखने लगे। चुदाई को देख कर मेरा मन भी चुदने का करने लगा और भाभी भी गर्म हो गई थी तो उन्होंने अपनी साड़ी उठाई और पेंटी के अन्दर हाथ डाल कर अपनी चूत में उंगली करने लगी, मैं उन्हें देख रही थी फिंगरिंग करते हुए !
फिर भाभी ने कहा- नव्या, क्या तुम्हारा मन नहीं कर रहा चुदने का?
मैंने कहा- भाभी कर तो रहा है !
तो उन्होंने मुझे कहा- तुम भी फिंगरिंग कर लो, तुम्हें अच्छा लगेगा !
और उन्होंने मेरी सलवार का नाड़ा खोल दिया। मैं भी गर्म थी तो मैंने भी अपनी सलवार उतार दी।
फिर भाभी ने कहा- अब तुम भी करो नव्या !
तो मैं भी करने लगी।
भाभी ने कहा- नव्या, मैं तुम्हारी कुछ मदद करूँ क्या?
और फिर उन्होंने मेरा हाथ हटा दिया और मेरी चूत में अपनी उंगली डाल कर आगे पीछे करने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था कुछ ही देर बाद मैं झड़ गई।
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फिर भाभी कहने लगी- नव्या, तुम्हारे भईया का लंड बहुत बड़ा और मोटा है, मुझे उससे चुदने में बहुत मजा आता है। वो 8-10 दिन से बाहर हैं तो मैं चुदाई की प्यासी हो गई हूँ, अब तो ऐसे लग रहा है कि वो जल्दी से आ जायें और मुझे चोदें ! और वो भी मुझे चोदने के लिए उतने ही बेताब होंगे जितना कि मैं उनसे चुदने के लिए बेताब हूँ ! देखना आते ही सबसे पहले वो मेरी चुदाई करेंगे !
अगली सुबह भईया का फ़ोन आया कि वो आज रात में घर आ रहे हैं तो भाभी की ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं था। फिर मैंने भैया के उस बैग से एक दूसरी सीडी निकाली और उसे लेपटोप पर लगा कर देखने लगी और अपनी चूत में उंगली डाल कर हिलाने लगी।
भाभी ने कहा- नव्या, अब तुम्हें फिंगरिंग की नहीं किसी लंड की जरूरत है।
मैंने कहा- भाभी, अब वो मुझे कहाँ मिलेगा, इसलिए मैं ये कर रही हूँ।
तो भाभी ने कहा- नव्या, अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारी कुछ मदद कर सकती हूँ।
मैंने पूछा- वो कैसे भाभी?
तो उन्होंने कहा- मैं तुम्हें अपने पति से चुदवा सकती हूँ !
मैंने चौंकते हुए कहा- यह क्या बोल रही हो भाभी आप? मैं ऐसा नहीं कर सकती ! वो आप के पति हैं, मैं उन्हें भइया बोलती हूँ।
तो भाभी ने कहा- तो क्या हुआ नव्या? मैं तुमको उनसे चुदने की परमिशन दे रही हूँ और वैसे भी काफी दिनों से वो बोल रहे थे कि उन्हें किसी और चूत का स्वाद चखना है। तो तुम ही उनको अपनी चूत का स्वाद चखा दो !
मैंने कुछ भी नहीं कहा, मैं चुप ही रही तो फिर भाभी ने कहा- अच्छा तुम आज रात हमारी चुदाई देख लो, फिर अच्छा लगे तो तुम भी अपनी चुदाई करवा लेना। और कहने लगी- नव्या, जब तुम उनका लंड एक बार देख लोगी तो तुम खुद को रोक नहीं आओगी और उनसे चुदाई करवा ही लोगी।
फिर भाभी और मैं रात के खाने की तैयारी करने लगे। रात के 8 बज चुके था पर भईया अभी तक नहीं आये थे तो भाभी ने उन्हें फोन लगाया और पूछा कि वो कहाँ पर हैं, घर कब तक पहुँचेंगे।
तो उन्होंने कहा- 10 बज जायेंगे घर आते तक !
फिर मैंने कहा- चलो भाभी, हम खाना खा लेते हैं।
भाभी ने कहा- ठीक है !
और हम खाना खाने बैठ गए। खाना खाकर कमरे में जा कर हम दोनों टी वी देखने लगे। थोड़ी देर बाद दरवाजे की घंटी तो भाभी झट से उठी और दरवाजा खोलने गई। मैं भी उठ कर कमरे से बाहर आई तो मैंने देखा, भाभी ने जैसे ही दरवाजा खोला, भैया उन पर टूट पड़े, उन्होंने भाभी को अपने गले से लगा लिया और उन्हें चूमने लगे। कभी वो भाभी के गाल और गर्दन को चूमते तो कभी उनके होठों को !
भाभी भैया को कहने लगी- रुक जाओ, इतनी जल्दी क्या है, मैं कहीं भागी थोड़े ही जा रही हूँ !
तो भईया ने कहा- नहीं, मुझसे नहीं रुका जायेगा !
फिर भईया ने अचानक मेरी तरफ देखा कि मैं उन्हें देख रही हूँ तो वो भाभी से अलग हो गए। वो अन्दर आये और अपना
सामान रख कर मुझे कहा- अरे नव्या, तुम अभी तक सोई नहीं !
तो भाभी ने झट से कहा- नहीं, वो मेरे साथ आप के आने का इन्तजार कर रही थी।
फिर भाभी ने भैया को कहा- जाओ, आप जाकर फ्रेश हो जाओ, मैं खाना लगाती हूँ !
मैं भी कमरे में आकार टीवी देखने लगी तब भईया भी उसी कमरे में आए और फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चले गए।
तभी भईया ने आवाज लगाई- अरे, जरा मेरा तौलिया तो देना !
तब भाभी आई और मुझे कहा- नव्या, जरा उन्हें तौलिया दे देना, मेरे हाथ गन्दे हैं।
मैं तौलिया लेकर बाथरूम की तरफ गई और दरवाजा खटखटाया तो भईया ने कहा- दरवाजा खुला है !
तो मैंने दरवाजे को थोड़ा से खोला और कहा- यह आपका तौलिया !
तो भईया ने हाथ बड़ा कर तौलिया लिया और मेरा हाथ पकड़ कर अन्दर खींचने लगे।
मैंने कहा- भईया, यह आपका तौलिया !
तो उन्होंने मेरा हाथ छोड़ दिया और दरवाजा बंद कर लिया। यह बात मैंने भाभी को आकर बताई तो भाभी हँसी और कहने लगी- नव्या, शायद उन्होंने समझा होगा कि मैं हूँ इसलिए उन्होंने तुम्हारा हाथ पकड़ कर अन्दर खींचा होगा। वो अक्सर ऐसा ही करते हैं, तौलिया लेकर बाथरूम नहीं जाते और फिर मुझे कहते हैं कि तौलिया दो और जब मैं उन्हें तौलिया देने जाती हूँ तो मेरा हाथ पकड़ कर अन्दर खींच लेते हैं।
फिर भईया जब फ्रेश होकर बाहर आये वो मुझे देख कर मुस्कुराने लगे। मैं भी मुस्कुराने लगी तो भाभी ने उनसे कहा- मेरे लिए क्या ले कर आये हो?
तो भईया ने कहा- वही जो हमेशा लाता हूँ ! बैग में है।
भाभी ने भईया को खाना परोसा और कहा- मैं जाकर देखती हूँ !
भाभी ने कहा- चलो नव्या !
मैं उनके साथ चली गई। भाभी ने बैग खोली तो उसमें एक बॉक्स था, भाभी ने भईया को आवाज देकर पूछा- बॉक्स में ही है क्या?
तो भईया ने कहा- हाँ बॉक्स में ही है !
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भाभी ने जल्दी से उस बॉक्स को खोला तो उसमें से गुलाबी ब्रा पेंटी का सेट था। भाभी ने वो मुझे भी दिखाया तो मैंने कहा- भाभी, ये तो उसी ब्रा और पेंटी के जैसे हैं जो आपने मुझे दी थी, और जो मैंने अभी पहन भी रखी हैं।
भाभी ने कहा- मुझे दिखाओ नव्या !
और उन्होंने मेरी कुर्ती को ऊपर कर दी और देखने लगी, कहने लगी- हाँ नव्या, ये तो एक जैसी ही हैं।
भाभी ने कहा- कोई बात नहीं !
और फिर भाभी ने भईया से पूछा- आपका खाना हो गया क्या?
तो उन्होंने कहा- हो ही गया है।
फिर भाभी ने कहा- मैं इसे पहन कर देख लूँ क्या?
भईया ने कहा- हाँ पहन लो, ये भी कोई पूछने की बात है?
फिर भईया कमरे में आये और भाभी से पूछा- पसंद तो आई ना?
तो भाभी ने कहा- हाँ बहुत अच्छी है !
फिर भईया ने अपनी बेटी को उठा कर कमरे से बाहर चले गए और उसके साथ खेलने लगे।
भाभी ने अपनी साड़ी उतार दी और मुझसे भी कहा- नव्या अब तुम भी कपड़े बदल लो !
मैं कपड़े बदलने बाथरूम में जाने लगी तो भाभी ने टोका- कहाँ जा रही हो?
तो मैंने कहा- कपड़े बदलने बाथरूम में जा रही हूँ !
तो भाभी ने कहा- तुम यहीं बदल लो, मुझे जाना है बाथरूम !
और फिर भाभी ने जल्दी से अपना पेटीकोट, ब्लाउज, ब्रा-पेंटी को उतार उस नई ब्रा पेंटी को पहना और बाथरूम में चली गई। मैंने अपने कपड़े उतारे और अपने बैग से नाईटी निकालने लगी, तभी अचानक भईया ने आकर पीछे से मेरे बूब्स पकड़ लिए और उन्हें दबाने लगे और मेरी गर्दन पर चुम्बनों की बौछार कर दी। अचानक हुए इस हमले से मैं घबरा गई, मैंने कहा- भईया, ये क्या कर रहे हो आप?
तो भईया ने मेरा मुँह घुमाया और मुझे देख कर दूर हट गये और कहा- नव्या तुम? यामी कहाँ है?
मैं वैसे ही खड़ी थी ब्रा और पेंटी में, मैंने कहा- भाभी बाथरूम में हैं !
तो भईया ने कहा- मुझे माफ़ कर देना नव्या, मैंने सोचा यामी है।
और कहा- मैंने जो यामी के लिए लाया था वो तुमने कैसे पहन लिया? इसलिए मुझे गलतफहमी हो गई और मुझे लगा कि तुम ही यामी हो।
उधर भाभी बाथरूम से निकल कर आई और कहा- मैं यहाँ हूँ !
भईया ने भाभी की तरफ देख और कहा- तुम दोनों ने एक सी ब्रा-पेंटी कैसे पहनी हैं। मैं तो इस ब्रा-पेंटी का एक ही सेट लाया था तो ये दो जोड़ी कैसे हो गई। तुम दोनों ने एक सी ब्रा-पेंटी पहनी है।
तो भाभी ने कहा- आप एक बार पहले भी यही ब्रा पेंटी का सेट लाए थे मेरे लिए, जब हमारी शादी हुई थी, जो अब मुझे छोटी हो गई है तो मैंने नव्या को दे दी है और इत्तेफाक से नव्या वही पहने है।
भईया मुझे देख कर मुस्कुराने लगे, मैं भी मुस्कुराई और अपनी नाईटी पहन कर कमरे के बाहर जाने लगी तो भैया ने भाभी का हाथ पकड़ कर उन्हें अपने सीने से लगा लिया और उन्हें चूमने लगे।
तब भाभी ने कहा- अभी रुको, बेटी को सुला तो लेने दो !
फिर भाभी भईया से छुट कर बाहर आई तो मैंने भाभी से कहा- भाभी, आज मैं कहाँ सोऊँ?
तो भाभी ने कहा- हमारे ही कमरे में सो जाओ !
तो मैंने कहा- नहीं भाभी, भईया बहुत दिन बाद आये हैं।
और मैंने भाभी से इसे ही मजाक करते हुए कहा- आज तो भैया आप को छोड़ने वाले नहीं हैं, कैसे उतावले हो रहे हैं, मेरे सामने ही चूमा चाटी कर रहे हैं।
तो फिर भाभी ने कहा- हाँ, ये तो आज मुझे चोदे बिना छोड़ेंगे नहीं, तुम बगल वाले कमरे में सो जाओ !
और फिर भाभी ने भी मुझसे कहा- वैसे भी तुम्हें भी आज नींद कहाँ आयेगी !
मैं मुस्कुराने लगी तो भाभी ने कहा- सच सच बताना नव्या, तुम्हारा भी मन कर रहा है ना चुदने का?
तो मैंने कहा- हाँ भाभी, जिस तरह भैया आपके साथ चूमा चाटी कर रहे थे और मुझे भी उन्होंने जिस तरह पीछे से आकर पकड़ कर मेरे चूचों को मसल दिया, मुझे बहुत अच्छा लगा !
तो भाभी कहने लगी- तो कर लो ना इनके साथ सेक्स ! बहुत अच्छी चुदाई करते हैं तुम्हारे भईया ! इनसे चुदते हुए मुझे तो ऐसा लगता है कि मैं स्वर्ग में हूँ !
तो मैंने कहा- नहीं भाभी, आप जाइये, भईया आपकी राह देख रहे हैं, वो बहुत उताबले हो रहे हैं !
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फिर भाभी बोली- मैं अपनी बेटी को सुला देती हूँ ! नव्या प्लीज, तुम इसे आज इसे अपने पास सुलाए रखना, क्योंकि जब ये मेरे साथ सेक्स करते है तो बहुत बुरी तरीके से करते हैं और उस हड़बड़ी में यह उठ जाती है, फिर इसे सुलाने में सारा मज़ा खराब हो जाता है।
फ़िर आगे बोली- मैं इसे सुलाती हूँ, जब सो जाएगी तो मैं तुम्हें आवाज दे दूंगी, तुम इसे ले जाना !
मैंने कहा- ठीक है भाभी, मैं ले जाऊँगी !
भाभी अपने कमरे में चली गई, मुझे नींद तो आ नहीं रही थी तो मैं उत्तेजनावश उनके कमरे के पास आ गई। मुझे कुछ सुनाई दिया, भाभी भईया से कह रही थी- तुम नव्या की चुदाई करना चाहते हो? तुम उसे जिस तरह पीछे से आकर पकड़ कर उसके बूब्स दबा रहे थे, उसे बहुत अच्छा लग रहा था, जब उसने मुझे बताया, तो मैंने उससे पूछ लिया कि क्या वो सेक्स करना चाहती है तो उसने चुदने की इच्छा जताई !
भैया ने कहा- हाँ यामी, मैं भी नव्या को चोदना चाहता हूँ, मुझे उसकी चूत का स्वाद चखना है।
यह सुन कर जब मैं उनके कमरे में झांकने लगी तो भाभी सिर्फ पेंटी में थी, उन्होंने ब्रा उतार दी थी और बेटी को दूध पिला रही थी।
और भैया को भी ! भाभी का एक निप्पल उनकी बेटी के मुँह में था और दूसरा भैया के मुँह में ! वो दोनों को दूध पिला रही थी और कह रही थी- छोड़ो, बेटी के हिस्से का दूध भी तुम पी लोगे क्या?
भईया ने भाभी से कहा- अब यह सो गई है, तुम इसे नव्या को दे दो, अब तो मुझ से रहा नहीं जा रहा है।
भाभी ने मुझे आवाज दी और कहा- नव्या इसे ले जाओ।
मैं उनके कमरे में गई, भैया अभी भी भाभी के निप्पल को मुँह में लिए चूस रहे थे !
मुझे भाभी ने कहा- देख रही हो नव्या, इन्हें बिलकुल सब्र नहीं हो रहा है !
फिर मैंने जैसे ही उनकी बेटी को भाभी की गोद से उठाया, भईया ने भाभी को बिस्तर पर लिटा दिया और उनके दूसरे चूचे को हाथ से दबाने लगे। मैं उनकी बेटी को लेकर कमरे से बाहर आई, उसे दूसरे कमरे में लाकर सुलाया और फिर जल्दी से भईया और भाभी के कमरे के पास पहुँची, उनके कमरे में झांकने लगी।
भैया अभी भी भाभी के दुग्धकलश चूस रहे थे, इधर मेरी हालत भी अब ख़राब हो रही थी, मैं अपनी पेंटी के अन्दर हाथ डाल कर अपनी चूत को सहलाने लगी, फ़िर भईया भाभी की रति क्रिया देखने लगी। फिर भईया ने अपने होंठों को भाभी के होंठों पर रखा और चूसने लगे।
कुछ देर होंठों को चूसने के बाद भईया भाभी के बदन को चूमते हुए नीचे आने लगे, कभी वो चूचियाँ चूसते तो कभी पेट की नाभि को और दोनों हाथों से बूब्स को जोर जोर से दबा रहे थे तो भाभी कहने लगी- थोड़ा धीरे करो !
तो भैया ने कहा- आज कुछ धीरे नहीं करुँगा।
और भैया फिर उरोजों को दबाने लगे, भाभी के मुँह से आअह्ह्ह्ह्ह् ह्ह आआअ ह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह आअह्ह्ह की आवाजें निकल रही थी जो बड़ी ही मोहक उत्तेजक लग रही थी। फिर भईया नाभि को चूमते हुए पेंटी के ऊपर से ही भाभी की चूत को चूमने लगे और भाभी के उरोजो को मथे जा रहे थे। अब भैया ने अपनी टीशर्ट और लोअर उतारी और फिर से चूत को पेंटी के ऊपर से ही चूमने लगे।
भाभी ने कहा- ऊपर से क्यूँ चूम रहे हो, पैंटी हटा कर अन्दर फ़ुद्दी चूमो !
तो भईया ने पेंटी को चूत से थोड़ा बगल में किया, उनकी चूत पर अपना मुँह रख कर चूत को चूसने लगे। भाभी की आआह्ह्ह आअह्ह आअह्ह की आवाजें अब और तेज को गई थी, अब भाभी भैया से कह रही थी- जोर जोर चूसो ! खा जाओ मेरी चूत को!
उनके मुँह से लगातार सिसकारियाँ निकल रही थी, पूरा कमरा उनकी आवाज से गूंज रहा था।
फिर भईया ने कहा- साली, अभी कह रही थी कि धीरे धीरे करो, और अब कह रही है जोर जोर से करो ! क्यूँ अब मजा आने लगा लगता है?
भाभी कहने लगी- हाँ, बहुत मजा आर हा है ! तुम बात मत करो, चूसो, मेरी चूत को खा जाओ !
अब भैया ने अपनी जीभ चूत के अन्दर डाल दी थी, भाभी आह्ह्ह आऐईईईइ आअह्ह करते हुए चिल्ला उठी।
अब भईया उठे और अपनी अंडरवीयर उतार कर अपने लंड को भाभी के मुँह में दे दिया। भाभी लण्ड चूसने लगी। फिर उन्होंने भईया को बिस्तर पर लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ कर लंड को चूसने लगी। कुछ देर लंड चूसने के बाद भईया ने भाभी को बिस्तर पर लिटाया और उनके मुँह को बिस्तर से नीचे लटका दिया.
और खुद बिस्तर के नीचे खड़े हो गये और लण्ड को भाभी के मुँह में डाल कर उनके मुँह की चुदाई करने लगे और दोनों हाथों से यामी के वक्ष उभारों को मसलने लगे। मेरी हालत अब और ख़राब हो गई थी, मैंने चूत में उंगली डाल ली थी और उसे अन्दर बाहर हिला रही थी।
कुछ देर मुँह की चुदाई के बाद भईया अब बिस्तर पर लेटे और भाभी को अपने ऊपर लिया, उनका मुँह लंड की तरफ और भाभी की चूत भैया के मुँह की तरफ थी अब भाभी भैया का लौड़ा चूस रही थी और भईया भाभी की फ़ुद्दी को चूस रहे थे।
लगभग 5-7 मिनट की चुसाई के बाद भाभी ने कहा- मुझसे सब्र नहीं हो रहा है, मुझे चोदो ! भईया ने भाभी को सीधा किया, उनके दोनों पैरों को उठा कर अपने कंधे पर रख लिया। अब उन्होंने लण्ड को चूत के ऊपर रखा और लंड से योनि को सहलाने लगे।
भाभी कहने लगी- इतना तड़पा क्यूँ रहे हो? लण्ड डालो चूत के अन्दर और चोदो !
तो भैया ने कहा- इतनी जल्दी क्या है डार्लिंग ! अभी तो पूरी रात पड़ी है, आज तो पूरी रात चोदूँगा तुझे !
भाभी कहने लगी- प्लीज़ ! ऐसे तड़पाओ मत ! चोदो मुझे !
तो भईया ने लंड को अन्दर सरकाना शुरू किया पर लंड अन्दर नहीं जा रहा था तो भईया भाभी से कहने लगे- डार्लिंग, तुम्हारी चूत तो बहुत टाईट हो गई है, लंड अन्दर ही नहीं जा रहा है?
फिर भईया ने एक जोरदार झटके के साथ लंड को आधा चूत के अन्दर घुसा दिया और भाभी के मुँह से एक जोरदार चीख निकली। भईया थोड़ा रुके फिर एक और झटके के साथ उन्होंने पूरा लण्ड भाभी की चूत में डाल दिया, उन्होंने भाभी को धीरे धीरे चोदना शुरू किया, भाभी मस्त हुए जा रही थी और चुदाई का पूरा आनन्द ले रही थी.
उन के मुँह से लगातार आह आअह्ह ऊउह्ह्ह् आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह्ह की आवाजें निकल रही थी। भैया ने अपनी स्पीड को थोड़ा बढ़ा दिया और उनकी चुदाई करने लगे, भाभी कहने लगी- चोदो बलमा चोदो ! आज जम कर चोदो मुझे !
भैया ने अपनी स्पीड को और बढ़ा दिया। अब भाभी की फ़ुद्दी ने पानी छोड़ दिया था पर भईया भाभी को चोदे जा रहे थे, चूत में से फच फच की आवाज निकल रही थी। इतनी चुदाई के बाद भाभी दो बार झड़ चुकी थी। फिर भैया ने चूत में से लण्ड निकाल को बिस्तर पर लेट गए।
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अब भाभी उनके ऊपर चढ़ी और लण्ड को अपनी चूत के अन्दर लेती हुई लंड पर बैठ गई। भैया ने अपने हाथों से उनके दोनों बूब्स को पकड़ा और भाभी ने लंड पर उछलना चालू कर दिया। भैया भी नीचे से धक्के लगा रहे थे। फिर अचानक भैया उठे और भाभी को नीचे बिस्तर पर पटका और उनके दोनों पैरों को फैला दिया और लण्ड को चूत में डाल कर धक्के लगाने लगे और बोलने लगे- साली आज बहुत दिन बाद चोदने को मिली है तू ! आज तो तेरी चूत को फाड़ डालूँगा ! पूरा कमरा भाभी की सिसकारियों से गूंज रहा था।
करीब 5 मिनट की चुदाई के बाद भैया के मुँह से भी आअह आअह्ह आअह्ह्ह की आवाज निकलने लगी और उन्होंने अपना गर्म गर्म वीर्य भाभी की गर्भ-गुहा में छोड़ दिया। इस चुदाई के बाद भैया थक कर भाभी के पास ही लेट गए और भाभी उठ कर उनके लण्ड को अपने मुँह में लेकर चाट कर साफ करने लगी। इधर मेरी चूत भी पानी छोड़ चुकी थी, मैं अपने कमरे में चली गई। इतने में ही भाभी की बेटी जग गई और रोने लगी तो मैं उसे उठा कर सुलाने की कोशिश करने लगी। दोस्तों अभी कहानी बाकि है, मेरी चुदाई भैया ने कैसे की ये अगले भाग में…
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