Sexy Paki Babe Fuck
मेरा नाम मेह्विश है और अब मैं कराची में रहती हूँ। मेरी उम्र 18 साल है.. मेरा रंग बिल्कुल दूध की तरह गोरा है.. मेरा कद 5’4″ का है, मेरे जिस्म का कटाव 32-28-33 है.. मैं बहुत प्यारी और सेक्सी हूँ.. यह मैं नहीं.. लोग कहते हैं। मेरे जिस्म का आगे का हिस्सा या यूँ कहूँ कि मेरे स्तन बहुत ही उठे और उभरे हुए हैं.. मेरी सहेलियाँ भी मुझे यही कहती हैं। अब मैं अपनी कहानी सुनाती हूँ.. Sexy Paki Babe Fuck
मेरे अब्बू के चचेरे भाई का हमारे घर बहुत आना-जाना था। वो पहले ऐसे नहीं थे.. वो बचपन में मुझे बेटी की तरह उठाते थे और एक चाचा के लिहाज़ से मुझे बहुत प्यार करते थे। वो रिश्ते में मेरे चाचा थे लेकिन मैं उन्हें फ़वाद भाई कहती थी।
उन्होंने कभी मेरे बारे में ऐसा नहीं सोचा था और ना ही मैंने कभी उनको इस नजरिए से देखा था। आहिस्ता-आहिस्ता जब मैं बड़ी होने लगी.. तो खूबसूरत भी होने लगी। लेकिन उन्हें इस बात की परवाह नहीं थी।
मैं अपनी सहेलियों को मैसेज करने के लिए अपनी अम्मी के मोबाइल इस्तेमाल करती थी। मुझे मेरे एक कज़िन अदनान से मुहब्बत हो गई थी और उसे मुझसे मुहब्बत हो गई थी.. मैं उसे भी मैसेज करती थी। एक दिन जब मैं घर से बाहर धूप में बैठी अपने ब्वॉय-फ्रेंड अदनान को मैसेज कर रही थी।
फ़वाद भाई अचानक आ गए तो मैंने जल्दी से मोबाइल नीचे कर लिया और सीधी बैठ गई। कहा जाता है कि समझदार के लिए इशारा ही काफ़ी होता है। फ़वाद भाई समझ गए और उनके दिल में यह ख्याल भी आ ही गया कि मैं अब बड़ी हो गई हूँ।
वो अब मुझे दूसरी नज़रों से देखने लगे। वो अब मुझसे ज्यादा बातें करने लगे और मुझे अपनी गर्ल-फ्रेंड्स के बारे में बताने लगे। मैं भी बड़े शौक़ से ये सब सुनती थी। फिर उन्होंने मुझे एक दिन कहा- मेह्विश.. अब हम बेस्ट-फ्रेंड हैं और अब हम एक-दूसरे से कुछ नहीं छुपाएंगे।
मैं मान गई… चूंकि उस वक़्त गाँव में रहती थी.. उस वक़्त मैं स्कूल में पढ़ती थी। तो मैंने एक दिन उनसे पूछा- फ़वाद भाई.. आप नेट इस्तेमाल करते हैं.. मेरी स्कूल की सहेलियाँ तो इस्तेमाल करती हैं.. और चैट करती हैं।
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उन्होंने कहा- हाँ करता हूँ.. लेकिन मेह्विश क्या पता.. तुम्हारी फ्रेंड्स वहाँ चैट ही करती हैं.. या कुछ और देखती हैं.. आई मीन कि एक्ट्रेस की फोटोज वगैरह..
मुझे समझ नहीं आया कि वो क्या कहना चाहते हैं।
मैंने कहा- हाँ तो.. देखती हैं तो क्या हुआ… इसमें बुरा क्या है?
उन्होंने कहा- बेवक़ूफ़.. वो वाले नॉर्मल फोटो नहीं.. बल्कि नंगे फोटोज..
यह सुनते ही मेरे पूरे जिस्म में करेंट दौड़ गया और हैरान रह गई- क्या कह रहे हैं आप फ़वाद भाई.. पागल तो नहीं हो गए हैं?
उन्होंने कहा- कसम से.. इंडियन एक्ट्रेस के नंगे फोटो हैं। तुम किसी को ना बताना ओके.. मैं जब अगली बार आऊँगा तो मोबाइल पर लेकर आऊँगा..
मैंने कहा- झूट मत बोलिए.. प्रियंकी चोपड़ा.. मलिका सेहरावत.. बिपाशा बसु तो लगती हैं ऐसी.. लेकिन ऐश्वर्य.. आयशा टाकिया.. ऐसी नहीं हैं.. वो तो बहुत शरीफ अदाकारा हैं।
उन्होंने जवाब दिया- मेह्विश तुम वेट करो.. जब मैं अगली बार लाऊँगा.. तो तुम खुद देख लेना।
मैंने कहा- ओके..
मैं वहाँ से चली गई.. अब फ़वाद भाई की नियत खराब होने लग गई। अगर मैं उन्हें डांटती या अम्मी को बताने की बोलती तो वो फिर ऐसी बातें ना करते.. लेकिन मेरी खामोशी से उन्हें हौसला मिला और सच कहूँ तो मेरा दिल भी नंगे फोटोज को देखने का कर रहा था। खास तौर पर आयशा टाकिया का.. क्योंकि उसके उठे हुए चूचे मुझे बहुत हैरान करते थे। वो अपने घर चले गए और जब एक महीने के बाद दुबारा आए.. तो मुझसे मिले और हमने बात भी की।
फिर उन्होंने मुझसे कहा- मैं ‘वो’ ले आया हूँ।
मैंने थोड़ा सख़्त लहजे में कहा- मैं नहीं देखती।
तो वो बोले- प्लीज़ ना.. यार.. तुम मेरी दोस्त नहीं हो..
खैर अगले दिन घर में कोई नहीं था.. सब किसी शादी में गए हुए थे। घर में मेरे अलावा मेरी दादी थीं। मैं नहा रही थी और दादी सोई हुई थीं क्यूँकि दिन का वक़्त था और गर्मियाँ थीं। इतने में फ़वाद भाई भी आ गए.. मैं नहा कर निकली तो वो वहाँ ही खड़े थे।
फिर मैं रसोई में गई.. जहाँ पास ही के बरामदे में मेरी दादी सोई हुई थीं। मैं वहाँ चाय पीने लगी। फ़वाद भाई उधर आकर बाहर खड़े हो गए और मुझे बाहर आने का इशारा करने लगे। मैंने इशारा किया कि दादी हैं.. तो उन्होंने इशारा किया कि वो सोई हुई हैं। फिर थोड़ी देर बाद उनके बार-बार कहने पर मैं बाहर आई और उनका मोबाइल उनसे ले लिया। जिसमें मैं नंगी फोटोज थीं।
मैंने कहा- फ़वाद भाई.. आप मुझे पिक्स लगा कर दें और दूसरी कमरे में जाएं.. मैं आप के सामने नहीं देखूँगी।
वो मान गए और दूसरे कमरे में चले गए। मैंने जब पहली नंगी फोटो देखी.. तो मेरे पूरे जिस्म में करेंट दौड़ गया। वो फोटो ऐश्वर्या राय की फेक फोटो थी.. जिसमें वो बिल्कुल नंगी थी और एक आदमी उसकी गाण्ड में लण्ड देकर उसको चूचियाँ दबा रहा था।
मैं तो हैरान रह गई.. इसी तरह ऐश्वर्या राय, माधुरी, मनीषा, प्रियंका, दीपिका पादुकोणे, रिया सेन, करीना कपूर, करिश्मा कपूर, कटरीना कैफ़, रानी मुखर्जी और मेरी फेवरिट आयशा टकिया की नंगी और कामुक तस्वीरें थीं। मैंने ये सब देखा तो मुझे हैरानी हुई और मैं गरम भी होने लगी। फिर मैं उठी.. अपने आप पर क़ाबू किया और बाहर निकल गई।
मैंने फ़वाद भाई को मोबाइल दिया और कहा- तौबा है फ़वाद भाई..
वो हंसे और बोले- मेरे पास तो नंगी वीडियो भी हैं..
मैंने कहा- नहीं.. अब नहीं देखनी..
वो मुस्कुराए और चले गए। अब वो मुझसे खुलने लग गए… मुझसे गंदी बातें करते.. मेरे हाथ को छूते.. और एक दफ़ा तो मेरे मम्मों को भी छूने लगे। तो मैंने उनका हाथ रोक लिया.. लेकिन छोटी थी इसलिए किसी को ना कह सकी। अब वो हर वक़्त मेरे साथ होने का बहाना ढूँढने लगे।
मैंने भी इतना गौर नहीं किया। फिर कुछ दिनों बाद मेरा ब्वॉय-फ्रेंड अदनान कराची से आया हुआ था। वो भी मेरा रिश्तेदार था तो मेरे घर आया हुआ था। हम एक-दूसरे से मुहब्बत भी करते थे.. लेकिन यह बात किसी को पता नहीं थी।
एक दिन मैं और अदनान हमारे घर के एक कमरे में सीट पर दोनों साथ बैठे बातें कर रहे थे। सारे घर वाले बाहर थे.. और दरवाज़ा थोड़ा सा बंद था। अदनान ने मेरा हाथ पकड़ा ही था कि अचानक दरवाज़ा खुला और फ़वाद भाई.. मेरे एक और रिश्तेदार फ़िरोज़ अन्दर आए। उन्हें देखते ही अदनान डर कर उठा और एकदम शीशे के सामने खड़ा हो कर बालों पर कंघी करने लगा।
मैं भी एकदम से उठ कर अपनी बुक्स लेने लगी। हमने ऐसा ज़ाहिर किया कि हम दोनों के दरमियाँ कुछ नहीं है.. लेकिन फ़वाद भाई और फ़िरोज़ भाई नादान ना थे.. दोनों की उम्र 26 और 24 थी। जब कि मेरी और अदनान की उम्र उनकी उम्र से काफी कम थी। उन दोनों ने हम पर शक किया.. यह हमें यक़ीन हो गया था। वो दोनों चले गए..
बाद में फ़वाद भाई ने मुझसे कहा- अफ़सोस मेह्विश.. तुमने मुझसे एक बात छुपाई.. अफ़सोस…
मुझे तो यक़ीन हो गया था कि फ़वाद भाई को मेरे और अदनान के अफेयर का पता चल गया है। मैंने एकदम अपने आपको ठीक से बात करने के लिए और फ़वाद भाई से जान छुड़ाने के लिए कहा- मुझे पता है फ़वाद भाई कि आप क्या सोच रहे हैं.. ऐसा कुछ नहीं है और अब मैं आपसे बात भी नहीं करती और आपकी-हमारी दोस्ती भी ख़त्म.. यह कह कर मैं चली गई.. फ़वाद भाई की तो जान निकल गई।
वो मुझसे माफी माँगने लगे और कहने लगे- मेह्विश मैं तो मज़ाक़ कर रहा था… प्लीज़ ऐसा मत करो..
लेकिन मैं नहीं मानी और सच्ची बात तो यह है कि मुझे फ़वाद भाई की हरकतें अच्छी नहीं लगती थीं तो मैंने कहा- नो.. मीन्स.. नो.. अब मुझे तंग किया.. तो मैं अम्मी को बोलूँगी..
उन्होंने बहुत मिन्नतें कीं.. लेकिन मेरे ना मानने पर वो चले गए। अब फ़वाद भाई मेरे लिए बेचैन होने लगे और वो मुझसे लव करने लगे.. उन्हें यह तो पता था कि मैं भी किसी से लव करती हूँ तो वो समझे कि उनका काम भी बन जाएगा।
लेकिन यह तो उन की गलतफहमी थी। फिर एक-दो माह वो नहीं आए और इस दौरान अदनान भी वापस कराची चला गया। फिर एक दिन फ़वाद भाई आए तो मैंने बिल्कुल सामान्य होकर उन्हें सलाम किया और चली गई।
वो उदास-उदास से लग रहे थे.. मैं जहाँ भी बैठी होती वो मुझे मासूम बच्चों की तरह देखते रहते और मुझसे नज़र ना हटाते। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था.. फ़िरोज़ भाई से मेरी अच्छी बनती थी.. क्योंकि वो मेरे पड़ोसी भी थे और गाँव के माहौल तो ऐसा होता है कि हर कोई एक-दूसरे के घर बिना किसी रोक-टोक के आता-जाता है।
उसी रात को मैं फ़िरोज़ भाई के पास बैठी हुई बातें कर रही थी.. तो फ़वाद भाई हमसे दूर बैठे मुझे देख रहे थे और उदास भी थे। मुझसे रहा ना गया तो मैंने फ़िरोज़ भाई से पूछा- क्या बात है फ़वाद भाई को?
तो वो बोले- इनकी गर्लफ्रेंड की शादी है और ये उसी बात से परेशान हैं।
मेरा दिल बहुत खफा हुआ और जिस तरह वो मुझे देख रहे थे.. मुझे शक होने लगा कि शायद वो मुझे पसन्द करते हैं। फिर जब फ़िरोज़ भाई ने फ़वाद भाई से पूछा तो उसने कहा- यार फ़िरोज़, मुझे मेह्विश से लव हो गया है और मैं उससे शादी करना चाहता हूँ।
फ़िरोज़ भाई ने कहा- पागल है क्या.. वो तुझसे छोटी है.. और रिश्ते में भी तेरी बेटी लगती है।
फ़वाद ने कहा- आई नो.. लेकिन फ़िरोज़ तू बोल ना उससे यार… तेरी उससे बनती है.. वो मान जाएगी।
फ़िरोज़ ने कहा- सोच ले फ़वाद.. देख कोई मसला बन गया तो बदनामी हो जाएगी और मेह्विश ने अपना अम्मी को बोला तो पूरी कुनबे में हंगामा हो जाएगा।
लेकिन फ़वाद ने कहा- तुम बोलो तो.. बाक़ी देखा जाएगा।
फिर फ़वाद भाई अपने घर वापस चले गए। दो दिन बाद फ़िरोज़ भाई ने मुझे बुलाया और पहले इधर-उधर की बातें करने लगे और फिर कहा- मेह्विश.. तुम्हें पता है कि फ़वाद क्यों उस दिन उदास था?
मैंने कहा- नहीं.. आप बताएँ ना.. वे क्यों खफा थे.. उन्हें देख कर तो मेरे दिल भी खफा हो गया था।
तो उन्होंने कहा- अगर तुम प्रॉमिस करो कि किसी को नहीं बताओगी.. तो मैं बता देता हूँ।
मैंने कहा- ओके आई प्रॉमिस..
फ़िरोज़ भाई ने कहा- मेह्विश.. फ़वाद तुमसे बहुत प्यार करता है और वो तुमसे शादी करना चाहता है। वो पागल है तुम्हारे पीछे..
मुझे शक तो था ही लेकिन अब यक़ीन हो गया कि फ़वाद भाई मुझे मुहब्बत करते हैं। मेरे दिल को थोड़ी खुशी भी हुई लेकिन फिर मैंने एकदम से कहा- ये आप क्या कह रहे हैं? मैंने कभी उन्हें इस नज़र से नहीं देखा और वो मेरे चाचा की तरह हैं.. वो ऐसा नहीं कह सकते।
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फ़िरोज़ ने कहा- तुम उससे बात करके देख लो.. मैं बात करवाता हूँ।
मैंने कहा- ओके… करवाइए।
फ़िरोज़ ने फिर फ़वाद भाई को कॉल की और उससे कहा- फ़वाद ये लो.. मेह्विश बात करेगी।
मैंने मोबाइल लिया और कहा- हैलो फ़वाद भाई.. मैं यह क्या सुन रही हूँ?
फ़वाद ने कहा- क्या हुआ?
मैंने फिर उन्हें सारी बात बता दी तो वो बोले- यार मैंने फ़िरोज़ को मना किया था कि तुमसे बात ना करे लेकिन उसने पता नहीं क्यों ऐसा किया।
मैंने कहा- वो छोड़िए.. यह बताएँ कि यह सच है कि नहीं?
तो फ़वाद ने कहा- हाँ मेह्विश.. ये सच है.. प्लीज़ मुझे गलत मत समझो.. मैं तुम्हारे बिना मर जाऊँगा.. आई लव यू मेह्विश..
मैंने कहा- प्लीज़ फ़वाद भाई ऐसा मत कहें और उदास मत हों… हम नहीं मिल सकते..
लेकिन वो तो रोने लग गए तो मिन्नतें करने लगे। तो मुझे भी शक होने लगा कि शायद ये मुझसे सच्चा प्यार करते हैं।
मैंने कहा- प्लीज़ फ़वाद भाई रोईए मत.. जो होगा अच्छा होगा.. आप परेशन मत हों… चलिए आप यहाँ गाँव आइए.. तो बात करते हैं..
वो खुश हो गए और मैं भी थोड़ी खुश हो कर चली गई। ज़ाहिर है मैं लड़की थी.. मुझसे कहाँ बात पेट में रहती है। मैंने अपनी सारी सहेलियों और कज़िन को बता दिया कि फ़वाद मुझसे लव करता है। फिर जब फ़वाद गाँव आए तो मेरी सहेलियों ने मौका मिलने पर हम दोनों को मिलाया और बातें कीं।
मैं फिर भी ना मानी तो मेरी सहेली ने कहा- फ़वाद भाई ये नखरे कर रही है.. मान जाएगी.. मैं इसे मना लूँगी।
अब आहिस्ता-आहिस्ता मैं भी फ़वाद को पसंद करने लगी और जब मैंने सोचा कि फ़वाद भाई को बता दूँ कि आई लव हिम.. तो तो किस्मत ने ऐसा मोड़ लिया कि मैं ना तो फ़वाद भाई की रही और ना अदनान की। मुझे पता ही नहीं चला और कराची में मेरे अब्बू ने हमारे एक रिश्तेदार के बेटे हुमायूँ से मेरा रिश्ता तय कर दिया और मेरी मंगनी हो गई।
अदनान, फ़वाद भाई ओर मैं शॉक में चले गए। खैर.. मैं तो संभल गई और अपने अब्बू की खुशी में खुश हो गई और अदनान को भी समझा दिया। लेकिन फ़वाद भाई न संभल सके.. वो मुझसे और प्रेम करने लगे। मैं उन्हें मना भी करने लगी और मैंने उनसे बात भी करनी छोड़ दी। वो पागल हो गए.. उन्होंने अपनी अम्मी को बोल दिया तो उनकी अम्मी ने मेरी अम्मी को कहा।
मेरी अम्मी ने कहा- अब तो बहुत देर हो चुकी है.. आप लोग पहले कहाँ थे.. अब कुछ नहीं हो सकता।
फ़वाद भाई तो टूट गए… वो मुझसे मिन्नतें करते.. मैंने मना किया और अब मैं अपने मंगेतर हुमायूँ से बातें करने लगी और उसको पसंद करने लगी। हालांकि मैंने हुमायूँ को नहीं देखा था क्योंकि वो कराची में था और मैं एबटाबाद में थी। हम मोबाइल पर बातें करते.. अब अदनान और फ़वाद भाई मेरे दिमाग से निकल गए।
फ़वाद भाई फिर भी मुझे ना छोड़ते और मैसेज करते। आहिस्ता-आहिस्ता फ़वाद भाई पूरी की पूरी फैमिली में मेरी वजह से बदनाम हो गए। सब उन्हें बुरा कहते। अब वो पागल हो गए और जब वो समझे कि मैं अब उनकी नहीं हो सकती तो वो मुझे बुरा-भला कहने लगे..
और हुमायूँ को भी गालियाँ निकालते और उससे काला और बदसूरत कहते। क्योंकि हुमायूँ वाकयी में काला है और खूबसूरत नहीं है। वो मुझे पर ताने मारते.. अब तो मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैंने अम्मी को बोल दिया और अम्मी ने मेरे चाचा को बोल दिया।
सब फ़वाद भाई से नफ़रत करने लगे और हुमायूँ को भी जब पता चला तो वो भी फ़वाद भाई को कॉल या मैसेज करके गालियाँ देने लगा। फ़वाद की औकात पूरी फैमिली में मेरी वजह से एक कुत्ते के जैसी हो गई। उनकी पूरी इज्जत खत्म हो गई। अब वो और फ़िरोज़ भाई अकेले पड़ गए… इतनी जिल्लत के बाद तो इंसान मर जाता है।
फ़वाद भाई भी मरने को तैयार थे लेकिन बस कुछ दिन के बाद वो समझने लगे और होश में आने लगे। अब उन्हें मुझसे मुहब्बत नहीं बल्कि नफ़रत हो चुकी थी क्योंकि मेरी वजह से वो बदनाम हो कर रह गए थे। उन्होंने मुझसे बदला लेने की कसम खा ली।
इसी तरह वक़्त गुज़र गया और मैं जवान हो कर मस्त माल बन चुकी थी.. अब मैं स्कूल के अंतिम दिनों में थी। मैं और भी सेक्सी और हॉट हो गई थी। उधर फ़वाद भाई अब बदले के लिए तैयार थे। इस बदले के लिए उन्होंने मेरी बेस्ट-फ्रेंड जो कि कराची में रहती थी और जिससे पता था कि फ़वाद मुझसे मुहब्बत करते हैं..
फ़वाद ने उसी का सहारा लिया और उससे कहा- अब मैं मेह्विश से नहीं.. तुमसे मुहब्बत करता हूँ। उसने भी मान लिया और वो फ़वाद से फंस गई। फिर वो एक-दूसरे के बहुत क़रीब हो गए… इतना कि वो एक-दूसरे की हर बात मानने लग गए।
फिर मेरी वो सहेली जून-जुलाई की छुट्टियों में कराची से एबटाबाद आई.. तो मैं उससे मिल कर बहुत खुश हुई। हम दोनों सहेलियां साथ घूमने लगीं। मेरी इस सहेली का नाम आयेशा है। आयेशा भी बहुत खुश थी… मेरी वजह से नहीं बल्कि इसलिए कि उसकी मुलाक़ात फ़वाद भाई से हो गई थी।
मुझे जब उसने बताया कि वो और फ़वाद एक-दूसरे से मुहब्बत करते हैं तो मुझे गुस्सा आया और जलन भी महसूस हुई। मैंने उससे डांटा और उसे फ़वाद से मिलने के लिए मना किया। फ़वाद ने उस ज़िल्लत के बाद गाँव आना छोड़ दिया था।
अगर कोई शादी या न्योता हो तो 2-3 घंटे के लिए आकर चला जाता था। हालांकि गाँव में मेरे दादा का घर यानि उसके मामू का घर.. नानी-नाना का घर.. खालाओं का घर और बहनों का घर भी था। लेकिन उसने मेरे कारण हुई जिल्लत की वजह से आना छोड़ दिया था।
खैर.. मैं और आयेशा रात को भी साथ सोते.. हमारे घर के साथ आयेशा की भी फूफी का घर था। आयेशा की फूफी फ़िरोज़ भाई की भाभी लगती थी और जब भी फ़वाद भाई आते, तो वे फ़िरोज़ भाई के घर ही सोते और वहीं रहते। आयेशा भी जब आई तो रात को फ़िरोज़ भाई के ही घर रहती क्योंकि वो उसकी फूफी का घर था।
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फ़िरोज़ भाई का घर बहुत ही बड़ा था। वो एक तीन मंजिला मकान था और हर मंजिल पर 5-5 कमरे थे। आयेशा वहाँ रहती तो मुझे भी रात को वहाँ सोना पड़ता। हम दोनों अलग कमरे में सोते थे। फिर एक दिन फ़वाद भाई गाँव आए तो आयेशा की खुशी की इंतेहा ना रही.. वो एक-दूसरे को मिले तो सलाम किया। जब मैं सामने आई तो फ़वाद भाई के चेहरे पर गुस्सा आ गया और वो नफ़रत से मुझे देख कर चले गए।
मैंने सलाम भी किया लेकिन उन्होंने सलाम का जवाब तक ना दिया। फिर रात को छत पर आयेशा और फ़वाद भाई अकले में मिले तो दोनों एक-दूसरे से गप्पें मारने लगे और चुम्मा-चाटी भी की। दोनों मोहब्बत में पागल थे.. फिर दोनों छत पर बैठ गए। आयेशा बैठ गई ओर फ़वाद भाई उसकी गोद में सर रख कर लेट गए और आयेशा उन के बालों में हाथ फेरने लगी। वो दोनों गप्पें मारने लगे।
फिर फ़वाद भाई ने कहा- आयेशा मैं बहुत उदास हूँ और दिल खफा है.. मुझे तुम्हारी मदद चाहिए।
आयेशा ने कहा- हाँ जान बोलो… कैसी मदद चाहिए.. तुम्हारे लिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ.. समझे कुछ भी…
इस पर फ़वाद भाई ने कहा- आयेशा मुझे तुम्हारी बेस्ट-फ्रेंड मेह्विशसे बदला लेना है.. उसकी वजह से मैं पूरी फैमिली में बदनाम हो गया हूँ.. मुझ पर लोगों ने लानत भेजी.. क्या होता अगर वो बात अपने दिल में रखती.. आज मैं किसी को मुँह दिखाने के काबिल नहीं रहा.. प्लीज़ मुझे मदद करो। ये कह कर फ़वाद भाई रोने लगे..
आयेशा ने एकदम उन्हें अपने गले से लगा कर चुप करवाया और कहा- प्लीज़ फ़वाद मत रो.. मुझे भी अंदाज़ा है.. मेह्विशने बहुत बुरा किया.. सच कहूँ तो मुझे भी अब वो अच्छी नहीं लगती। बातों-बातों में मुझ पर टोक मारती है और जो तुम्हारे साथ किया.. वो तो उसने बहुत ही बुरा किया। मैं तुम्हारी मदद करूँगी.. चाहे कैसी ही क्यों ना हो।
फ़वाद ने कहा- ओके.. तो बताओ कि तुम एक-दूसरे से कितनी खुली हो?
आयेशा ने कहा- इतनी कि हमने एक-दूसरे के नंगे जिस्म भी देखते हैं.. हमको मौका मिले तो नंगे नहाते भी हैं और रात को अगर साथ सो जाऊँ तो एक-दूसरे के मम्मों को दबाते हैं.. अन्दर-बाहर से..
फ़वाद ने सुना तो एकदम बोला- ओके.. यही तो मैं चाहता हूँ.. मतलब मैं बदला उसके साथ चुदाई करके लूँगा।
फिर उन दोनों ने योजना बनाई और चले गए। सुबह आयेशा रोज़ की तरह मुझसे मिली और सारा दिन मेरे साथ रही.. रात को उसने मुझसे कहा- मेह्विश आओ आज हम लोग रात को फूफी के घर (मतलब फ़िरोज़ भाई के घर) रहेंगे.. मैं मान गई..
हालांकि वहाँ फ़वाद भाई भी थे.. रात को फ़वाद के प्लान के मुताबिक़ जिस कमरे में हम दोनों सोते थे.. वहाँ हमारे आने से 4-5 मिनट पहले फ़वाद भाई उस कमरे में चले गए और जिस बिस्तर पर हम सोते थे.. उसके सामने वाले बिस्तर के नीचे जाकर वो लेट गए।
फ़िरोज़ भाई को भी ये सब पता था। खैर.. थोड़ी देर बाद मैं और आयेशा उस कमरे में आए और दरवाज़ा बंद कर के कुण्डी लगा दी और बिस्तर पर चले गए और बातें करने लगे। मुझे नहीं पता था कि फ़वाद भाई कमरे में हैं और बिस्तर के नीचे हैं.. जब कि आयेशा को पता था..
मैंने पीले रंग के फूल वाले प्रिंट के कपड़े पहने हुए थे और आयेशा ने लाल रंग की सलवार कमीज़ पहने हुई थी। आयेशा ने अपने मोबाइल में फ़वाद भाई से नंगी वीडियो लेकर रखी हुई थीं। रात को बातों-बातों में हम चुदाई की बातें करने लगे.. तो आयेशा मुझे नंगी वीडियो दिखाने लगी।
हम दोनों उतेजित होने लगे.. थोड़ी देर बाद हम दोनों बहुत गरम हो गईं तो आयेशा ने अपना हाथ मेरे मम्मों पर रख दिया और उन्हें दबाने लगी। मुझे मज़ा आने लगा लेकिन मैंने हिम्मत की और आयेशा को पीछे किया लेकिन वो कहाँ मानने वाली थी।
अब हम दोनों मज़े में पागल होने लगे.. आयेशा आहिस्ता-आहिस्ता मेरी कमीज़ ऊपर करने लगी और मेरे नंगे पेट पर चुम्बन करने लगी। मैं भी आयेशा के जिस्म पर हाथ फेरने लगी।ड़ी देर ये करने के बाद आयेशा ने मेरी कमीज़ उतार दी और मेरी काली ब्रेज़ियर के ऊपर से मेरी चूचियाँ मसलने लगी।
फिर उसने मेरी ब्रा भी उतार दी और मेरी कमीज़ और ब्रा उठा कर उस बिस्तर पर फैंक दिया.. जिसके नीचे फ़वाद भाई छुपे थे। फिर उसने आहिस्ता-आहिस्ता मेरी सलवार भी उतार दी और मेरी चूत में ऊँगली करने लगी। मैं मज़े में पागल होने लगी।
अब मैं बिल्कुल नंगी पड़ी थी और मेरा गोरा जिस्म चमक रहा था… वो मेरी चूचियों के निपल्स को चूस रही थी और साथ ही मेरी चूत में ऊँगली कर रही थी। फिर मैंने भी उसकी कमीज़ और ब्रा उतार दी और उसके मम्मों को चूमने लगी।
थोड़ी देर बाद जैसे ही मैं उसकी सलवार उतारने लगी.. तो फ़वाद भाई बिस्तर के नीचे से बाहर आ गए। उन के एक हाथ में उनका मोबाइल था और दूसरे हाथ में मेरे कपड़े थे.. जो उन्होंने बिस्तर से उठाए थे। मोबाइल में वो वीडियो बना रहे थे। मैंने उन्हें निकलते हुए नहीं देखा था।
मैं उस वक्त नीचे थी और आयेशा मेरे ऊपर चढ़ी हुई थी। मेरी तो जान उस वक़्त निकल गई जब मुझे उनकी आवाज़ आई- वाह.. जी वाह.. मेह्विश बीबी.. ये क्या हो रहा है.. हम मर्द मर गए क्या.. जो ये कर रही हो?
ये सुनते ही मेरी तो सांस रुक गई। आयेशा भी डरने का नाटक करते हुए उठ कर अलग हो गई। फ़वाद भाई के सामने मैं पूरी नंगी थी और आयेशा आधी नंगी थी। मैं रोने लगी और आयेशा फ़वाद भाई से मिन्नतें करने लगी। इसके साथ ही आयेशा ने जल्दी से अपने कपड़े भी पहनना शुरू कर दिए। मेरे कपड़े तो फ़वाद भाई के हाथ में थे। हम दोनों फ़वाद भाई के आगे रोने लगे और मिन्नतें करने लगे..
तो फ़वाद भाई ने कहा- ओके.. जाओ लेकिन किसी को मत बताना.. क्योंकि मेरे पास तुम दोनों की फिल्म है जो अभी बनाई है।
हमने कहा- ओके..
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आयेशा बाहर जाने लगी और मैं कपड़ों की तरफ बढ़ी जो कि फ़वाद भाई के पास थे.. तो फ़वाद भाई ने अचानक मुझे धक्का दिया.. मैं बिस्तर पर गिर गई।
वो बोले- मैंने आयेशा को बाहर जाने का कहा है.. तुम्हें नहीं.. साली मेह्विश कुतिया.. तुमसे तो मुझे बहुत बदला लेना है।
मैं रोने लगी और आयेशा मुझे अकेला कमरे में छोड़ कर चली गई। फ़वाद भाई ने कमरे को कुण्डी लगाई और मेरी तरफ आने लगे।
मैं डर कर पीछे होने लगी और कहने लगी- प्लीज़ फ़वाद भाई.. ऐसा मत करें.. मैं आप की रिश्तेदार हूँ.. आपने बचपन से मुझे अपनी बेटियों की तरह प्यार किया.. मैं आपके कज़िन की बेटी हूँ.. प्लीज़ फ़वाद भाई..
मैंने अपने जिस्म को कंबल में छुपाने की कोशश की.. तो फ़वाद भाई ने कंबल को उठा कर दूर फैंक दिया और बोले- साली कुतिया.. तुझे उस वक़्त इन बातों का ख्याल नहीं आया कि मैं तेरा क्या हूँ?
मैंने थोड़ी हिम्मत कर के कहा- आगे मत आना.. वरना शोर करूँगी।
उसने कहा- करो ना.. मुझे क्या.. बदनाम तो तुम होगी..
फिर उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे होंठों को चूमने लगा और मेरे पूरे चेहरे पर चुम्मा-चाटी करने लगा। मैं रोने लगी और उससे पीछे धकेलने लगी। वो मेरी चूचियाँ को दबाने लगा।
उसने कहा- मेह्विश आज तुझे चोद कर ही रहूँगा… चाहे कुछ भी हो.. इसलिए ज्यादा ज़ोर मत लगाओ… अगर तुमने ज़ोर ना लगाया और आराम से मुझे चुदाई करने दिया.. तो तुम्हें मैं जल्दी छोड़ दूँगा और तुम चुदाई का मजा भी लूटोगी और मैं किसी को नहीं बताऊँगा.. लेकिन अगर तुमने मेरी बात ना मानी तो सुबह तक तुझे नंगा रखूँगा और तेरे कपड़े भी ले जाऊँगा। इसके बाद अभी फ़िरोज़ को भी बुलाऊँगा और सबको तेरी नंगी वीडियो बताऊँगा।
ये सुन कर मैं डर गई, मैंने उसके सामने खुद को तकरीबन पेश कर दिया। वो मेरे पूरे नंगे जिस्म पर हाथ फेरने लगा और मेरे मम्मों को अपने मुँह में ले कर उन्हें पीने और चूसने व काटने लगा। मेरी तो चीख निकल गई… काफ़ी देर तक वो पागलों की तरह मेरी चूचियाँ को चूसता रहा ओर उन्हें दबाता रहा।
वो मेरे बाएं दूध को दबाता और दाएं को मुँह में डाल कर पीता.. फिर कुछ देर बाद दायें को दबाता और बाएं को मुँह में डालता.. काफ़ी देर बाद जब वो हटा तो उसके थूक से, दबाने से और काटने की वजह से मेरे मम्मे लाल हो गए थे मुझे भी मम्मे चुसवाने से मेरे मम्मे नुकीले और सख्त से लगने लगे थे।
मेरे मम्मे थूक से गीले हो कर चमक रहे थे। अब मुझे भी मज़ा आने लगा… फिर वो नीचे को हुआ और मेरी चूत के ऊपर हाथ फिराने लगा। फिर उसने मेरी चूत में अपनी एक ऊँगली डाली तो मेरी चीख निकल गई और मैं बोली- अयायाई… हटो फ़वाद भाई.. प्लीज़ दर्द हो रहा.. बहुत आआआ…ऊऊओ…
फ़वाद ने मेरी एक न सुनी और अपनी पूरी ऊँगली अन्दर-बाहर करने लगा। फिर जब मुझे थोड़ा आराम मिला तो उसने दूसरी ऊँगली अन्दर डाल दी.. अब तो मैं तो मर ही गई। ‘उफ्फ़… इतनाआआ दर्द… प्लज़्ज़्ज़ फ़वादन् भईईई… बस ना…’
फ़वाद कहाँ सुन रहा था.. वो अपनी ऊँगली आहिस्ता-आहिस्ता अन्दर बाहर करने लगा। कुछ देर बाद मुझे उसकी दो ऊँगलियों से भी मज़ा आने लगा और मैं ‘ऊऊऊ…आआआ…अयाया…’ करने लगी। काफ़ी देर ये करने के बाद मुझे अपने जिस्म में अजीब सा नशा सा महसूस हुआ और मुझे लगा कि मैं छूटने वाली हूँ।
मेरा जिस्म अकड़ने लगा और मैं मजे में पागल होने लगी। फ़वाद मुसलसल मेरी चूत में ऊँगलियां कर रहे थे। फिर अचानक मेरी चूत से पानी निकलने लगा और मैं एकदम से चीख पड़ी ‘आआआ… ऊऊऊऊ… हस्स्सन भाईयीई… मेरा पाअनी ईईईईईई निकल रहाआ आहि यीईईई… हाआ ईयईईईई…आआआ..’
इसके साथ ही मेरी चूत से पानी निकल गया और मैं बिस्तर से 3 फीट तक ऊपर उठी और फिर नीचे गिर गई… मेरा पानी निकल कर फ़वाद का हाथ और मेरी टाँगों और बिस्तर पर गिर गया। थोड़ी देर बाद फ़वाद ने अपने कपड़े उतार दिए।
उसका 8 इंच का लण्ड मेरी तरफ मुँह उठाए खड़ा था… मेरे चाचू फ़वाद मुसलसल मेरी चूत में उंगलियां कर रहे थे। फिर अचानक मेरी चूत से पानी निकलने लगा और मैं एकदम से चीख पड़ी- आआआ… ऊऊऊऊ… हस्स्स्सन भाईयीई… मेरा पाअनीईईईई निकल रहाआ आहि यीईईईई… हाआाईयईईईई…आआआ..
इस के साथ ही मेरी चूत से पानी निकल गया और मैं बिस्तर से 3 फीट तक ऊपर उठी और फिर नीचे गिर गई… मेरा पानी निकल कर फ़वाद का हाथ और मेरी टाँगों और बिस्तर पर गिर गया। थोड़ी देर बाद फ़वाद ने अपने कपड़े उतार दिए।
उसका 8 इंच का लण्ड मेरी तरफ मुँह उठाए खड़ा था… फ़वाद फिर मेरी तरफ आया और मेरे मम्मों को चाटने लगा और फिर मुझे उठाया और अपना लण्ड मेरे हाथ में दे दिया। तो मैंने गुस्से से उसे दूसरी तरफ कर दिया तो फ़वाद ने ज़ोर से मुझे एक चांटा मारा और कहा- साली छिनाल.. इसे पकड़ वरना तेरे मुँह में लण्ड ठूंस दूँगा।
मैं डर गई और उसके लण्ड को पकड़ कर आगे-पीछे करने लगी।
फिर फ़वाद ने मुझे कहा- मेरा लण्ड अपने मुँह में डाल छिनाल…
मैंने कहा- नहीं..
तो उसने ज़बरदस्ती मुझे उठा कर ज़मीन पर बिठाया और मेरे मुँह को खोल कर अपना लण्ड मेरे मुँह में डाल दिया। मैंने पहली मुज़हमत की लेकिन फिर समझ गई कि कोई फ़ायदा नहीं है। मैं फिर उसका लण्ड पकड़ कर अपने मुँह में डालने लगी।
फ़वाद मेरे बालों को पकड़ कर अपना लण्ड मेरे मुँह के अन्दर-बाहर करने लगा। ऐसा लग रहा था कि वो मेरे मुँह को चोद रहा है… कुछ देर ऐसा करने के बाद उसने अपना लण्ड मेरे मुँह से निकाला और मेरी दोनों चूचियाँ के दरमियाँ लंड फंसा कर आगे-पीछे करने लगा।
मुझे भी इसमें मज़ा आ रहा.. क्योंकि इससे मेरे मम्मे भी दब रहे थे और मुझे उसका बड़ा लौड़ा भी साफ़ दिख रहा था। काफ़ी देर तक ऐसा करने के बाद उसका पानी निकलने लगा.. तो वो चिल्ला उठा- आआआ… मेह्विशआआ… मेरा.. पानीईईई निकलल्ल गया.. है…
यह कहते ही उस के लण्ड से सफेद गाढ़ा और गरम पानी निकल कर मेरे मम्मों.. मेरी गर्दन और मेरे मुँह पर गिरने लगा… वो थक कर बिस्तर पर गिर गया और मैं ज़मीन पर गिर पड़ी। हम दोनों ज़ोर-ज़ोर से साँसें ले रहे थे।
हम दोनों नंगे थे.. फिर थोड़ी देर बाद वो उठा और मुझे उठा कर बिस्तर पर ले गया और मेरे पूरे जिस्म को चूमने लगा। अब मुझे वो अच्छा लगने लग गया था। फिर उसने मेरी टाँगों को खोला और अपना लण्ड मेरी चूत पर रख दिया और साथ ही मेरे मम्मों को दबाने लगा।
फिर आहिस्ता से अपना लण्ड मेरी चूत में डालने लगा.. ज्यों ही उसका सुपारा मेरी चूत में घुसा.. तो मैं चीख पड़ी- प्लीज़ फ़वाद भाई.. नहीं..न्न दर्द होगा… लेकिन फ़वाद ने एक ना सुनी और अपना लण्ड अन्दर करने लगा… हालांकि वो अपना तना हुआ लौड़ा आहिस्ता आहिस्ता डाल रहा था… जब उसने लण्ड थोड़ा और अन्दर किया तो मैं चीख़ उठी- आआआ… नाआ कराऐन्न्नणणन् प्लज़्ज़्ज़्ज़…
लेकिन वो अन्दर करता रहा। जब उसका तकरीबन आधा लण्ड अन्दर चला गया.. तो वो रुक गया और आहिस्ता-आहिस्ता लण्ड वहीं से ही अन्दर-बाहर करने लगा। मुझे बहुत दर्द हो रहा था.. जब थोड़ी देर तक वो ये करता रहा तो उसका लौड़ा मेरी चूत में जगह बना चुका था और मुझे भी मज़ा आने लगा और मैं मज़े से कराहने लगी।
थोड़ी देर ऐसा करने के बाद फ़वाद रुक गया और मेरी तरफ देखकर गुस्से से बोला- साली मेह्विश रंडी.. चुद.. ले खा मेरा लवड़ा… यह कह कर फ़वाद ने ज़ोर से झटका मारा और अपना पूरा 8 इंच का लौड़ा मेरी चूत के अन्दर घुसा दिया।
मैं तो मर ही गई.. मेरी आँखें बाहर आ गईं.. मैं इतने ज़ोर से चीखी कि दूसरे घर तक आवाज़ चली गई। ‘आआआ… ऊऊऊओ.. अम्म्मी आह उऊहह अहह उई माआईयईईईई अम्मिईई… मेरी..ई तो फट गइिईई.. अम्मी मैं मरर गइईईई. माआररर डालाअ इसने मुझेए… बदला लेई रहाआ है..यईईईई… आआआ…
मेरी आवाज़ इतनी ऊँची थी कि मेरे घर तक आवाज़ चली गई। एक तो रात का वक़्त ऊपर से गाँव.. आवाज़ तो जानी ही थी। मेरी अम्मी एकदम बाहर आईं और जोर से चिल्ला कर मुझे आवाज लगाई- क्या हुआ मेह्विश? वो डर गई थीं।
फ़वाद ने एकदम मेरे मुँह पर अपना मुँह रख कर मेरे मुँह को बंद कर दिया।
आयेशा साथ वाले कमरे में चली गई थी.. वो एकदम उस कमरे से बोली- चची कुछ नहीं.. मैं और मेह्विश एक-दूसरी को तंग कर रहे थे… आप सो जाएं।
अम्मी ने वहाँ से ही कहा- बदतमीजो इंसान बनो.. और सो जाओ.. सारा गाँव जाग जाएगा….
आयेशा ने कहा- ओके चची आप सो जाओ…
अम्मी यह कह कर अन्दर चली गईं।इधर मेरी तो हालत खराब हो गई थी.. एक तो फ़वाद अपना मोटा लण्ड मेरी चूत से निकालने का नाम नहीं ले रहा था और ऊपर से मेरे मुँह को भी बंद कर दिया था। मेरी चूत फट चुकी थी.. मेरी चूत से खून निकल कर नीचे गिर रहा था।
थोड़ी देर ऐसा रहने के बाद जब मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो फ़वाद ने अपना मुँह मेरे मुँह से हटा लिया और अपना लण्ड मेरी चूत में अन्दर पड़ा रहने दिया। जब मुझे थोड़ा आराम हुआ तो उसने अपना लण्ड मेरी चूत के अन्दर-बाहर करना चालू कर दिया.. मुझे दर्द तो हो रहा था.. लेकिन ज्यादा नहीं…
थोड़ी देर तक वो यूँ ही धीरे-धीरे मेरी चुदाई करता रहा। तो मेरा दर्द आहिस्ता-आहिस्ता ख़तम होने लगा.. मुझे दर्द हो रहा था.. लेकिन अब दर्द से ज्यादा मुझे मज़ा आ रहा था। वो लवड़े को मेरी चूत के अन्दर-बाहर कर रहा था। मुझे मजा आने लगा और मैंने अपनी कमर को चलाया तो वो तेज़-तेज़ मेरी चूत में अपना लण्ड अन्दर बाहर करने लगा।
अब मैं तो मज़े में पागल हो रही थी और कहने लगी- आआआ… ऊऊ… फ़वाद भाई और तेज़ करो ना.. प्लीज़.. मज़ा आ रहा है.. करते रहो.. अपनी बेटी को चोदो ना.. प्लीज़ मत रूको.. येह्ह..ह आई एम एंजायिंग इट… प्लीज़ चाचूऊओ…एयेए आ… और तेज़्ज़्ज़ तेज़्ज़्ज़… अगर यही आप का बदला था तो ये बदला पहली ले लेते नाआ… जानू… फक्कक मीईई…
मेरी बातें सुनकर फ़वाद और भी तेज़ हो गया.. और कहने लगा- अयाया… हाआअन्न ना मेरी मेह्विश छिनाल. तुझे चोदूँ.. रण्डी… तुझे मैं रोज चोदूँगा.. मेरी बेटी.. अह… तुझे तो रखैल बनाऊँगा अपनीईई… आआआ…एसस्सस्स… रंडडईईईई….
हम दोनों आसमान में उड़ रहे थे।
तभी अचानक मेरा पानी निकलने लगा.. तो मैंने कहा- जानू मेरा पानी निकल रहा है।
उसने कहा- रूको.. मेरा भी निकलने वाला है.. साथ में निकलेंगे…
फिर थोड़ी देर तक चुदवाने के बाद… हम दोनों का पानी निकलने लगा।
मैं बोली- आआआ… जान्नू.. आआआ… जानू मेरा पानी निकल रहा है..अई आआआ… तेज़्ज़्ज़्ज़ करोऊओ….
वो भी बोला- मेह्विश मेरा पानीई भी निकल रहा अहाईईईई.. तुझे अपने मंगेतर हुमायूँ का वास्ताअह.. रुक.. मेरा सारा पानी अपनी चूत के अन्दर डालना और एक कतरा भी बाहर ना आने पाए…
मैंने कहा- आआआह.. जानन्न्नूऊ ये किस हरामी का नाम ले लिया है..ईईईईई… मैं भी तेरी ओर मेरी चूत भी तेरी.. फ़वाद भाई.. जो दिल कहे वो करो..
इसके साथ ही मेरा पानी निकलने लगा और उसका पानी भी सारा का सारा.. मेरी चूत में चला गया। हम दोनों कराहते रहे और हमारा पानी निकलता रहा। फिर हम दोनों थक कर बिस्तर पर लेट गए और हम दोनों फिर नंगे एक-दूसरे के साथ लिपट कर सो गए।
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तकरीबन 2-3 घंटे सोने के बाद हम उठे और जब मैं कपड़े पहनने के लिए उठी, तो फ़वाद की नज़र मेरी गाण्ड पर पड़ गई.. फिर तो वो और पागल हो गया और एकदम उठ कर मेरी गाण्ड को पकड़ा और वक्त ज़ाया किए बगैर अपना पूरा खड़ा लण्ड.. मेरी गाण्ड में पेल दिया… मैं तो चीख पड़ी और रोने लग गई। लेकिन वो ना माना और मेरी गाण्ड को भी चोदने लगा और मेरी गाण्ड को भी फाड़ दिया। आधा घंटा मेरी गाण्ड को चोदने के बाद उसका पानी निकल गया और मैं भी अपनी चूत में ऊँगली मार रही थी तो मेरा पानी भी निकल गया।
एक बार फिर हम दोनों थक कर बिस्तर पर गिर गए। थोड़ी देर लेटने के बाद फजर का वक्त हो गया और आख़िर वो सेक्सी रात जो नफ़रत ओर ब्लॅकमेलिंग से शुरू हुई.. एक अच्छे.. कामुक और रोमान्टिक इंतकाम पर खत्म हुई। फ़वाद भाई फिर उठे और उसने मेरे गदराए जिस्म को चूमा और अपने कपड़े पहन कर बाहर चले गए। मैंने भी अपने कपड़े पहने और लेट गई। फ़वाद भाई फ़िरोज़ भाई के पास चले गए और वहाँ सो गए… और मेरी सहेली आयेशा वापस मेरे पास आ गई। इसके बाद भी फ़वाद ने मेरे साथ बहुत एंजाय किया।