Godam Me Sex
दोस्तों, मैं अपनी खूबसूरती के बल पर कई लोगो को लूट चुकी थी। मैं सेक्स और वासना के भूखे लोगो को आसानी से पहचान लेती थी। खूबसूरत औरते तो हर मर्द की कमजोरी होती है, ये बात मैं अच्छे से जानती थी। मैं बहुत की खूबसूरत ५ फुट ४ इंच की लड़की थी और मेरी उम्र अभी २५ साल थी। Godam Me Sex
मैं अपने रूप रंग को अपना हथियार बनाकर इस्तेमाल करती थी और अभी तक मैं ५० से भी जादा लोगो को धोखे से ठग चुकी थी। अब मेरा अगला शिकार मेरे पड़ोस में रहने वाला राजेश दुकानदार था। वो होलसेल की ये बड़ी जनरल स्टोर की दूकान चलाता था।
उसकी बीबी और माँ में रोज लड़ाई होती रहती थी। इसलिए उसने अपनी बीबी को तलाक दे दिया था। पर तलाक के बाद वो बहुत दुखी रहता था क्यूंकि रात में उसे चूत मारने को नही मिलती थी। राजेश अभी जवान था और मेरी ही उम्र का २६ २७ का होगा। मैं उसकी दूकान पर कुछ सामान लाने गयी थी।
“हलो राजेश जी……कैसे है आप???” मैंने उसे मस्का लगाते हुए पूछा.
उसने मेरी लाइन तुरंत ले ली और मुझे देखकर हसने लगा।
“अनुराधा बस पूछो मत। बीबी से तलाक के बाद तो मेरी राते बंजर हो गयी है। नींद भी नही आती है। काश कोई लड़की मेरी गर्लफ्रेंड बन जाए!!” राजेश आहे भरता हुआ बोला.
“मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड बनने को तैयार हूँ। ऐसा करो तुम मुझे अपनी दूकान में नौकरी दे दो। मैं लेडीस आइटम बेचूंगी और हम लोग…..चुदाई भी करते रहेगे किसी को शक नही होगा” मैंने धीरे से फुसफुसाते हुए कहा।
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उसे ये आइडिया बहुत पसंद आया और अगले दिन से मैं उसकी दूकान पर जाने लगी। मैं उससे पट गयी। एक दिन उसका मुझे चोदने का बड़ा दिल कर रहा था। उसने मुझे शीटी मारकर इशारा किया और अंदर दूकान के गोदाम में बुलाया। उसने एक दूसरे नौकर में दूकान पर खड़ा कर दिया।
मैं समझ गयी की राजेश मुझे गोदाम में चोदने बजाने के लिए बुला रहा है। मैं खुसी खुसी चली गयी। मैंने एक बड़ा खूबसूरत सा सलवार सूट पहन रखा था। गोदाम में जाते ही राजेश ने मुझे बाहों में भर लिया और मीठी मीठी बाते करने लगा।
“अनुराधा… तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो। मेरी बीबी से तलाक होने के बाद तो मुझे सिर्फ तुम्हारे ही सपने रात में आते है!!” राजेश बोला.
फिर मैंने भी उससे मीठी मीठी बाते करने लगी। उसने मुझे बाहों में भर लिया और गालो पर किस करने लगा। राजेश का असली मकसद मुझे चोदना था, जबकि मेरा मकसद उसकी तिजोरी का माल लुटता था। मैं अपने मिशन में आगे बढ़ रही थी।
मेरी जवानी और खूबसूरती का असर राजेश बनिया पर साफ़ साफ़ हो रहा था। हर मर्द की तरह उसकी भी कमजोरी खूबसूरत लड़कियाँ थी। मैं ये बात अच्छे से जानती थी। मैंने उसे नही रोका और मैंने भी उससे प्यार करने का झूठा नाटक करने लगी।
उसने मुझे बाहों में भर लिया और मेरे रसीले होठ पर उसने अपने होठ रख दिए। और मजे लेकर चूसने लगा। मैं भी उसके होठ चूसने लगी। मुझे भी नये नये मर्दों से चुदवाना बहुत पसंद था। मैं कई मर्दों का मोटा लंड खा चुकी थी।
राजेश खड़े खड़े ही गोदाम में मेरे रसीले अंगूर जैसे होठ चूस रहा था और मजे ले रहा था। धीरे धीरे उसके हाथ मेरे ३८” के बड़े बड़े मम्मो पर जाने लगे और वो मेरे दूध दबाने लगा। मैंने उसे नही रोका। मैं भी चाहती थी की वो मुझे आज कसकर चोद ले।
मुझे बजाने के बाद वो मेरे उपर अंधा विश्वास करने लग जाएगा और मैं एक दिन उसकी तिजोरी खाली कर दूंगी। यही मेरा प्लान था। फिर राजेश बनिया मेरे सूट के उपर से ही मेरे मम्मे दबाने लगा। मैं तड़पने लगी।“आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..मम्मी… मैं चिल्लाने लगी।
फिर राजेश बनिया मेरे सूट के उपर से ही मेरे ३८” के बड़े बड़े दूध कस कसकर दबाने लगा। मुझे भी मजा आ रहा था। उसने मुझे गोदाम में ही एक पन्नी पर लिटा लिया और बेतहाशा मेरे गाल, कसे को चूमने लगा। कुछ ही देर में वो गरमा गया और उसने मेरी कमीज निकाल दी, फिर मेरा सफ़ेद ब्रा भी उसने खोल दी।
मेरे बड़े बड़े दूध उसके सामने थे। राजेश बनिया चुदास की आग में जलने लगा। वो मेरे उपर ही लेट गया और मेरे जवान दूध को हाथ से किसी हॉर्न की तरह दबाने लगा।“……मम्मी…मम्मी….सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” मैं भी चिल्ला रही थी। उसके बाद वो मेरे बूब्स मुंह लगाकर पीने लगा और मजा लेने लगा।
“राजेश……मेरी जान कहीं कोई आ गया तो???” मैंने डरते हुए पूछा.
“कोई नही आएगा। मैंने गोदाम का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया है!!” वो बोला.
उसके बाद वो मेरे बड़े बड़े दूध किसी मीठे आम की तरह चूसने लगा।
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मैं बहुत गोरी और जवान लड़की थी। मेरा बदन बहुत गोदा और सुडौल था। मेरा फिगर कमाल का था। छरहरा और बिलकुल फिट। मेरे घर के आसपास के लकड़े मुझे माल, सामान, आईटम, टोटा और ना जाने क्या क्या बुलाते थे। मेरे मम्मे तो बहुत बड़े बड़े कसे कसे थे।
मैं राजेश बनिए के सामने पूरी तरह से नंगी हो गयी थी और आज वो मुझे इस गोदाम में कसकर चोदने वाला था। मेरे गदराये जिस्म को देखकर वो ललचा रहा था। राजेश ने आधे घंटे तो सिर्फ मेरी रसीली और भरी हुई चूचियाँ ही पी। फिर उसने मेरी सलवार का नारा खोल दिया और सलवार निकाल दी।
मैंने लाल रंग की चड्ढी पहन रखी थी। राजेश बनिया ने वो भी निकाल दी। अब मैं उसके सामने पूरी तरह से नंगी हो गयी थी। उस गोदाम में चीनी, गुड, साबुन, तेल, हिंग और सारा जनरल स्टोर का सामान रखा हुआ था, इसलिए वहां पर चीज की खुबसू आ रही थी।
और इसी बीच मेरी चूत की खुश्बू वहां पर उड़ने लगी। आज राजेश बनिया बड़े दिनों बाद चूत मारने को पा रहा था। उसकी बीबी के तलाक के बाद तो उसे चूत चोदने को नसीब ही नही हुई थी। आज कितने दिनों के बाद उसे एक मस्त कसी फुद्दी चोदने को मिली थी।
वो नीचे खिसक गया और मेरी चूत पीने लगा। मेरी चूत पर झाटे थी। राजेश बनिया ने मुझे बताया था की उसे झांटो में लड़की चोदना बहुत पसंद है, इसलिए मैंने जानबूझकर अपनी झाटे नही बनाई थी। मेरी चूत की झाटो पर राजेश बनिया की उँगलियाँ खेल रही थी जैसे छोटे बच्चे घास के मैदान पर खेलते है।
फिर वो अपना मुंह लगाकर मेरी रसीली चूत पीने लगा और मजा करने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। कई दिनों से मुझे भी किसी मर्द का लौड़ा खाने को नही मिला था। कितने दिनों से मैंने किसी मर्द को अपनी चूत नही पिलाई थी। राजेश बनिया दिल लगाकर मेरी चूत चाट रहा था। मुझे सेक्स का नशा चढ़ रहा था। वो मेरी योनी को मजे लेकर चूस रहा था।
राजेश बनिया की लम्बी जीभ मेरी चूत के बिलकुल अंदर तक जा रही थी और बड़ी खलबली मचा रही थी। मुझे इतना जूनून चढ़ गया की लगा कहीं मेरी चूत फट ना जाए। राजेश बनिया बड़ी जोर जोर से मेरी बुर पी रहा था। जैसे वो चूत नही कोई लोलीपोप हो।
फिर वो मेरे झांट को भी अपनी जीभ से चूमने लगा। फिर राजेश बनिया जोर जोर से मेरी बुर में ऊँगली करने लगा और जल्दी जल्दी मेरी चूत फेटने लगा। मैं बड़े प्यार से उसके सर में अपना हाथ फिराने लगी। मेरी चूत बड़ी पनीली हो गयी थी, क्यूंकि राजेश उसको जल्दी जल्दी फेट जो रहा था।
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उस गोदाम में मेरी चूत को फेटने की पनीली फच फच करती आवाज आ रही थी। मैं ये सब बर्दास्त नही कर पा रही थी। मैं जल्द से जल्द चुदवाना चाहती थी। “……उई..उई..उई…. माँ….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ…. .अहह्ह्ह्हह..” मैं चिल्ला रही थी। अपनी दोनों गोरी गोरी टाँगे उठा उठाकर राजेश बनिया से चूत में ऊँगली करवा रही थी।
मैं जानती थी की मुझसे बड़ी छिनाल इस दुनिया में दूसरी नही मिलेगी। दोस्तों, ये बात मैं अच्छी तरह से जानती थी। राजेश बनिया मेरे रूप रंग पर पूरी तरह से लट्टू हो गया था। उसने मेरी चूत को मजे से पी लिया और चूत में ऊँगली भी कर ली थी।
आखिर में राजेश बनिया ने मेरे भोसड़े में अपना मोटा लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगा। मैंने भी उसको दोनों बाहों में भर लिया जैसे वो मेरा सैयां हों। मेरे गाल चुमते चुमते वो मुझे चोदने लगा। मैं भी उसका पूरा सहयोग कर रही थी। क्यूंकि इस ठुकाई में सबसे जादा फायदा मेरा ही होने वाला था।
मैं उसको अपने प्यार के जाल में फंसाकर उसके १० लाख रूपए लूटने वाली थी। यही मेरा प्लान था। अपने प्लान में अनुराधायाब बनाने के लिए मेरा उससे चुदना जरुरी था। वैसे भी मुझे सेक्स और ठुकाई में बड़ा मजा आता था।
मैंने राजेश बनिया को अपनी बाहों में भर लिया और उसके चेहरे पर अपने हाथ से बड़ी प्यार के साथ मैं सहलाने लगी। वो फट फट करके मुझे पेलने लगा। राजेश मेरे जिस्म को हर जगह चूम रहा था। जैसे मैं उसका घर का माल हूँ । उसने मुझे अपनी बाहों में भर रखा था और बड़ी प्यार से मुझे पेल रहा था जैसी मैं उसकी बीबी हूँ।
मेरी नर्म नर्म छातियाँ वो मुँह में भर लेता था। मेरी चूचियों पर बड़े बड़े काले रंग के घेरे थे। जिसे वो कसके चूस रहा था। हम दोनो बिलकुल मस्त चुदाई कर रहे थे। फिर राजेश बनिया ने इकदम से अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और ताबड़तोड़ धक्के मेरी नर्म चूत में मारने लगा।
मैं अपनी कमर हवा में उठाने लगी। राजेश बनिया रुका नही। वो मुझे लेता ही रहा। मैंने अपना पेट हवा में उपर उठा दिया। मेरा जिस्म किसी धनुष की तरह हो गया था। राजेश बनिया को इस तरह मैं और जादा चुदासी लग रही थी। वो जोर जोर से धक्का मारता था। “उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी.. हा हा हा.. ओ हो हो….”
मैं चीख रही थी।फिर कुछ तेज धक्के मारते मारते वो मेरे भोसड़े में ही झड गया। हम दोनों एक दुसरे से लिपट गये। मैं भी चुदने के बाद उसे पागलों की तरह प्यार करने लगी। आज एक गैर का लंड खाकर मुझे बहुत आराम मिला। उसके बाद हम दोनों गोदाम से निकल आये और वापिस दूकान पर आ गये।
धीरे धीरे उसका मुझ पर विश्वास बढ़ने लगा और वो मुझ पर पूरा भरोसा करने लगा। उसकी झगड़ालू बीबी तो पहले ही तलाक ले चुकी थी, इसलिए अब मुझे रोकने वाला कोई नही था। पर राजेश की माँ मुझ पर नजर रखती थी और राजेश से कहती थी की मुझ पर जादा विश्वास ना किया करे।
पर मैं राजेश को चूत देकर पता लेती थी। धीरे धीरे मुझे मालुम हो गया की वो अपनी तिजोरी की चाभी कहां रखता था। उसकी दूकान में एक सीक्रेट जगह थी जहाँ तो अपनी तिजोरी की चाभी छुपाता था। एक दिन जब राजेश बनिया की माँ अपने मायके गयी हुई थी तो उसने मुझे बुलाया।
मैं रात के १० बजे एक सेक्सी सी ड्रेस पहन कर उसके घर पर पहुच गयी। आम तौर पर जब उसकी माँ घर पर होती थी तो वो मुझे घर में नही ले जाता था, पर आज तो कोई नही था। राजेश बनिया ने पार्टी का फुल मूड बना रखा था। उसने मुझे बड़े बियर मग में बिअर दी और अपने लिए विस्की का पेग बनाया। पीते ही हम दोनों के नशा होने लगा।
“अनुराधा …..आज मेरा पार्टी करने का मन है…बोल तू क्या बोलती है???” वो बोला.
“ठीक है ….चलो पार्टी करते है!!” मैंने भी हंसकर कहा.
“जान….आज मेरा गांड तेरी गांड लेने का बहुत मन है। प्लीस मना मत करना!!” राजेश बनिया बोला.
“ठीक है मैं तुजे गांड दूंगी पर तुझे ये विस्की की बड़ी बोतल खाली करनी होगी!!” मैंने कहा और उसे गटागट मैंने पूरी बोतल पिला दी। उसने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए और मुझे घोड़ी बना दिया। मैं पूरी तरह से नंगी हो गयी थी और अपने दोनों घुटनों को मोड़कर मैं कुतिया बन गयी थी।
मैंने अपना कंधा बिस्तर पर झुका दिया था और अपना पिछवाड़ा उपर को उठा दिया था। मेरी गांड और मेरा पिछवाड़ा बहुत सफ़ेद,गोरा और सुंदर था। राजेश बनिया तो बड़ी देर तक मेरे सफ़ेद चिकने पुट्ठों को चूमता और चाटता रहा।
“अनुराधा तुम बहुत सेक्सी माल हो यार…. । मैंने कई लड़कियों चोदी है पर तुम्हारा तो कोई जवाब नही!!” राजेश बोला.
“जान….आज तुम मेरी खुलकर गांड चोद लो। आज तुमको पूरी छूट है!!” मैंने कहा.
उसके बाद वो पीछे से मुंह लगाकर मेरी चूत पीने लगा और मजा करने लगा। कुछ देर बाद उसने मेरी चूत की एक एक फांक को मजे लेकर पी लिया और अब मेरी गांड पर आ गया। अब वो अपनी लम्बी जीभ से मेरी कसी गांड चूस और पी रहा था। मुझे खूब मजा आ रहा था। आज तक मेरी गांड कुवारी थी। मैंने किसी भी से अपनी गांड नही मरवाई थी।
पर आज मैं करना चाहती थी। राजेश बनिया ने कुछ देर मेरी गांड के छेद को पीया, फिर उसने अपने लंड का सुपाडा मेरी गांड पर रख दिया और जोर से एक धक्का मारा। मैं रोने लगी। “आऊ….. आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह….सी सी सी सी.. हा हा हा..” मैं चिल्लाई। क्यूंकि मेरी गांड में उसका लौड़ा अंदर तक घुस गया था।
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“राजेश…..प्लीस अपना लौड़ा बाहर निकाल लो, मुझे दर्द हो रहा है !!” मैं रो रोकर कहने लगी पर उसने मेरी बात मेरी बात नही सुनी और धीरे धीरे वो मेरी गांड चोदता रहा। मेरी आँखों से मोटे मोटे आंशू निकल रहे थे। पर राजेश बनिया को मुझ पर तरस नही आ रहा था। उसे तो मजे से कसी कसी गांड चोदने को मिल गयी थी। उसने अपना लौड़ा बाहर नही निकाला और मुझे ठोकता ही चला गया। मैं रोती रही और “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ. हमममम अहह्ह्ह्हह.. अई…अई….अई……” करती गयी।
मेरी कुवारी गांड की सील भी टूट चुकी थी और उसने से खून भी निकल रहा था। राजेश ने एक घंटा मेरी गांड चोदी और अपना माल उसी में निकाल दिया। उसके बाद वो विस्की के नशे में धुत्त होकर सो गया। मैंने उसके घर में गयी और चाबी निकालकर मैंने उसकी तिजोरी खोल दी और एक बैग में मैंने १० लाख रूपए भर लिया और सारे गहने और जेवरात मैंने ले लिया और उस शहर में मैंने रात में ही छोड़ दिया।