Girl Sexy Ass Fuck
मेरा नाम नवल है. मेरी उम्र 24 साल की है. मै दिल्ली के एक अमीर घर का इकलौता वारिस हूँ. मेरे घर पर मेरे पापा और मम्मी के अलावा और कोई नहीं रहता. मेरे पापा एक जाने माने बिजनसमैन हैं. मम्मी घर पर ही रहती हैं. घर काफी बड़ा होने के कारण घर के काम काज करने घर में एक नौकरानी भी रख ली गयी है. Girl Sexy Ass Fuck
नौकरानी का नाम रौशनी है. वो बिहार के किसी गाँव की थी. उम्र कोई 25- 26 साल की होगी. तीन बच्चों की माँ होने के बावजूद देखने में काफी खुबसूरत भी थी. लेकिन मेरा ध्यान उस पर नही जाता था. मै अपने कालेज से आ कर सीधे अपने कमरे में चला जाता और अपना काम करता.
रौशनी सुबह के छः बजे ही आ जाती थी जब सभी कोई सोये रहते थे. वो आ कर सबसे पहले सभी कमरों की सफाई करती थी.एक दिन घर में पापा और मम्मी नहीं थे . वो दोनों मेरे मामा के यहाँ गए थे. उस रात मै अपने कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देख रहा था.
मै आराम से नंगा हो कर पूरी रात फिल्म देखता रहा. फिल्म देखने के दौरान मैंने 3 बार मुठ मार लिया. मै कब नंगे ही निढाल हो कर बिस्तर पर सो गया की मुझे पता भी नहीं चला. सुबह के छः बजे रौशनी मेरे घर आई. उसके पास भी मेरे घर की एक चाभी रहती थी.
इसलिए मुझे पता भी नही चला कि रौशनी आई है. और मै नंगा ही सोया हुआ था. रौशनी मेरे कमरे में अचानक आ गयी. उसने मुझे नंगा सोया हुआ देखा तो वो मुझे वापस नहीं लौट मेरे कमरे की सफाई करने लगी. सफाई कर के वो वापस दुसरे कमरे में चली गयी.
उसकी ड्यूटी सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक की थी. आज मम्मी पापा थे नहीं इसलिए उसे नाश्ता भी बनाना था. मै सुबह के नौ बजे उठा. मैंने अपने आप को नंगा पाया तो सोचा चलो कोई बात नहीं किसने मुझे देखा है? अचानक कमरे में नजर दौड़ायी तो देखा हर सामान करीने से रखा हुआ है. तो क्या रौशनी मेरे कमरे में आयी थी? क्या उसने मुझे नंगा देख लिया? मै सोच कर शर्मा गया.
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मै सोचा क्या सोचती होगी वो. मेरी तो सारी इज्ज़त मिटटी में मिल गयी. खैर मैंने कपडे पहने और अपने कमरे से बाहर आया. देखा रौशनी किचन में काम कर रही थी. थोड़ी देर के बाद जब मै फ्रेश हो गया तो मैंने रौशनी से नाश्ता मांगा. उसने मुझे पराठा और सब्जी ला कर दी. मै चुप चाप खाता रहा. मैंने धीरे से पूछ लिया – मेरे कमरे की सफाई तुमने कर दी?
रौशनी ने कहा- हाँ.
मैंने कहा – कब?
रौशनी ने कहा – जब आप सोये हुए थे.
मेरा गाल शर्म से लाल हो गया.
मैंने थोड़े गुस्से में कहा- मुझे जगा कर ना मेरे कमरे में आना चाहिए था?
रौशनी ने लापरवाही से कहा- क्यों? पहले तो कभी जगा कर कमरे में नही जाती थी. आप कितनी बार सोये रहते और मै आपके कमरे की सफाई कर देती हूँ. फिर आज मै क्यों आपको जगा कर आपके कमरे में जाती?
बात भी सही थी.
मैंने कहा- अच्छा सुनो, मम्मी को नहीं बता देना आज सुबह के बारे में.
रौशनी – क्या?
मैंने कहा – यही कि नवल बाबा नंगा सोया हुआ था.
रौशनी ने मुस्कुराते हुए कहा – सिर्फ नंगे सोये थे आप? आपके तौलिये में ढेर सारा माल है वो किसका था?
मैंने कहा – हाँ जो भी था. किसी को बताना नही.
रौशनी ने कहा- चिंता नहीं करें. नहीं बताऊँगी. अरे आप जवान है. ये सब तो चलता रहता है.
मै अब कुछ निश्चिंत हो गया. उसने मुझे जवान होने के कारण कुछह छुट दे दी. मै खा रहा था.
रौशनी ने कहा- एक बात कहूं नवल बाबु? बुरा तो नहीं मानोगे?
मैंने कहा – बोलो क्या बात है?
रौशनी ने कहा- आपका हथियार छोटा है. इसे बड़ा कीजिये. नहीं तो आपकी बीबी क्या कहेगी.
मैंने कहा – हथियार? ये हथियार क्या है?
रौशनी – हथियार मतलब आपका लंड, कह के वो मुस्कुराने लगी.
ये सुन के मेरा दिमाग सन्न रह गया. तो इसने मेरे लंड का साइज़ भी देख लिया. हाँ ये बात सच थी की मेरे लंड का साइज़ छोटा था और मै इस से काफी चिंतित भी रहा करता था. लेकिन मेरे लंड पर टिप्पणी करने का अधिकार रौशनी को किसने दे दिया? मै अचानक उठा और अपने कमरे में आ कर लेट गया. मुझे रौशनी पर काफी गुस्सा आ रहा था. थोड़ी देर के बाद मेरा गुस्सा कुछ कम हुआ.
मै सोचने लगा – सचमुच मेरे लंड का साइज़ छोटा है. जब मेरी शादी होगी तो मेरी पत्नी क्या सोचेगी.?
ये सोच कर मै परेशान हो गया. अचानक दिल में ख़याल आया कि हो सकता है की रौशनी को इसे इलाज़ के बारे में कुछ देशी नुस्खा पता हो. मैंने पहले अपने सभी खिडकी को बंद किया और फिर वहीँ से रौशनी को आवाज लागई. रौशनी मेरे कमरे में आई.
मैंने रौशनी से कहा- क्या कर रही है तू अभी?
रौशनी – कुछ नही बाबा. बस इधर उधर सफाई कर रही थी.
मैंने कहा – वो सब छोड़. देख न मेरा बदन बड़ा दुःख रहा है क्या तू मेरी मालिश कर देगी?
वो मेरे बगल में मेरे बिस्तर पर बैठ गयी. बोली – हाँ, क्यों नहीं आप लेट जाओ मै आपकी मालिश कर देती हूँ.
मै कहा – नहीं सिर्फ कंधे को थोडा दबा दो कह कर मैंने शर्ट उतार दिया.
वो मेरे कंधो की मालिश करने लगी. फिर बोली – ये गंजी भी खोल दो बाबा, अच्छे से तेल लगा कर मालिश कर देती हूँ. मैंने गंजी उतार दिया. और बिस्तर पर लेट गया.मै सिर्फ हाफ पैंट में था. वो मेरे नंगे छाती और पीठ की बेहतरीन तरीके से मालिश कर रही थी.
घर में कोई नहीं था और एक औरत मेरे बदन की मालिश कर रही थी. मामला फिट था. लगा अब सही मौका है इसे शीशे में उतारने का. मै उसकी चूची को घूरने लगा. वो मेरी नजर को पढ़ रही थी लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
मैंने उस से कहा – रौशनी , तू दिन भर काम करती है. थकती नहीं है क्या?
रौशनी मेरे छाती पर हाथ फेरती हुई बोली – साहब, थकती तो हूँ, मगर काम तो निपटाना होता है न.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी मालिश रोकते हुए कहा – आज कौन सा काम है तुझे. देखो न घर में कोई है भी नहीं बात चीत करने के लिए . मै बहुत बोर हो रहा हूँ. तू यहाँ बैठ मेरे पास. आज तुझसे ही बात करके मन बहलाऊंगा.
रौशनी – अच्छा बाबा. जैसा आप कहें.
मैंने – ठीक से बैठ ना ..नहीं तू लेट जा….आराम से.. इसे अपना बिस्तर समझ.
मैंने जब ये कहाँ तो वो धीरे से मेरे बिस्तर पर मेरे बगल में लेट गयी. उसकी बड़ी बड़ी चूची किसी गुम्बद की तरह ऊपर की तरफ ताक रही थी. मेरी नजर कामुक होने लगी. मै उसके ढीले ब्लाउज में से झांकते उसके गोरे गोरे चुचियों पर नजर गडाने लगा. वो भी मेरी नजर को ताड़ गयी थी.
उसने जान बुझ पर अपनी साडी का पल्लू नीचे कर दिया और कहा – आज बड़ी गरमी है ना नवल बाबा. अब उसकी चुचीयों के गहरी घाट बड़ी आसानी से दिख रहे थे. उसके चूची के घाट के ऊपर में कुछ गुदा हुआ सा था. मुझे लग गया कि ये बहूत ही खुली हुई मस्त औरत है और इस से कुछ गरम बातें की जा सकती है. वैसे भी घर पर कोई और है नहीं.
मैंने उसके साड़ी के पल्लू को उसके बदन से दूर हटाते हुए कहा कहा – हाँ सही कह रही है तू, बड़ी गरमी है.
वो बिना किसी परेशानी के मेरे बदन में सट गयी थी. फिर मै उसके बदन से थोडा और सटते हुए मैंने अपना एक हाथ उसके पेट पर रखा और कहा – और बता, तेरे घर में कौन कौन है.
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उसने बेफिक्री के साथ कहा – मै, मेरा मरद और तीन बच्चे.
मैं उसकी नाभी पर उंगली फेरते हुए कहा – तीन बच्चे? तू लगती तो नहीं तीन बच्चों की माँ.
रौशनी – साहब 23 साल में ही तीसरी बच्चे की माँ बन गयी थी. अभी तो वो दो साल का भी नहीं हुआ है.
मैंने उसकी नाभि में उंगली डालते हुए पूछा – पहला बच्चा कितने साल में पैदा कर दी थी तुने.
रौशनी – जब पहला पैदा हुआ था तो मेरी उम्र 19 साल की थी. दुसरे के वकत मै 21 साल की और तीसरे की वक़त 23 साल की थी.
मै उसके नाभि में उंगली डाल रहा था लेकिन उसने किसी प्रकार का कोई प्रतिरोध नहीं किया तो मेरी हिम्मत बढी और मैंने उसके चूची की घाटी के उपरी हिस्से पर गुदे हुए अक्षर पर अपना हाथ ले गया और उस से पूछा – रौशनी, ये क्या है?
रौशनी – ये? जब मै आठ-नौ साल की थी तभी मेरी दादी ने मेरे सीने पर ये गुदवा दिया था. इसमें मेरा नाम लिखा हुआ है.
इधर मेरा लंड टाईट होने लगा था. मै जान बुझ कर उसके चूची पर हाथ रखे रहा और काफी धीरे धीरे सहलाते हुए कहा – मुझे आज तक पता नहीं था की तू तीन बच्चे की माँ है. मुझे लगा कि तेरी अभी अभी शादी हुई होगी. तेरा बदन तो एकदम ढीला नहीं हुआ है.
रौशनी – अच्छा? बदन ढीला होता है तो क्या होता है?
मैंने उसके चूची को दबाते हुए कहा – देख, तेरी चूची अभी भी किसी कुंवारी लड़की से कम टाईट थोड़े ही है. मैंने दोनों चूची को बारी बारी से दबा दबा कर मुस्कुराते हुए कहा – तू अभी भी किसी कुंवारी लड़की से कम नहीं.
रौशनी – वो तो मेरा मरद भी कहता है.
मै उसके चूची को खुल्लम खुल्ला जोर जोर से दबाने लगा.अब मुझे अन्दर से काफी यकीन हो गया कि इस से कुछ और भी काम करवाया जा सकता है. मैंने अपनी एक टांग उसके ऊपर चढाते हुए उस से सट कर कहा – रौशनी अगर मै तुमसे एक सवाल पूछूंगा तो तुम बुरा तो नहीं मानोगी?
रौशनी ने कहा – पहले पूछिए तो सही.
मैंने कहा – तू अपने मरद से रोज़ सेक्स करती है क्या?
रौशनी – सेक्स मतलब?
मैंने कहा – मेरा मतलब तू अपनी पति से रोज़ चुदवाती हो क्या?
रौशनी – नहीं , रोज़ तो नहीं लेकिन लगभग हर तीसरे दिन वो मुझे चोद ही डालता है.
मैंने कहा – रौशनी, तुमने जो कहा की हथियार यानी लंड को बड़ा कीजिये. कितना बड़ा होना चाहिए ये?
रौशनी – उतना तो जरुर होना चाहिए कि बीबी को खुश रख सके.
मैंने कहा – तेरे मरद का कितना बड़ा लंड है?
रौशनी – कोई ख़ास नहीं. लेकिन ठीक ठाक है.
मैंने कहा – मेरा लंड क्या सचमुच काफी छोटा है? क्या मै सचमुच अपनी बीबी को खुश नही कर पाऊँगा?
मेरे सवाल को सुन कर वो मुसुकुराने लगी .मैंने भी उस कि चूची को मसलते हुए फिर कहा – ए, बोल ना, मेरा लंड क्या सचमुच काफी छोटा है? क्या मै सचमुच अपनी बीबी को खुश नही कर पाऊँगा? क्या कोई उपाय है क्या लिंग को बड़ा करने का?
रौशनी ने हँसते हुए कहा- अरे नवल बाबु ,इतने सारे सवाल एक साथ? मै क्या कोई मास्टर हूँ? मै तो मज़ाक कर रही थी, लंड के छोटे बड़े होने से बीबी को थोड़े ही कोई फर्क पड़ता है? वैसे आपका लंड इतना भी छोटा नही है.
रौशनी के मुह से लंड शब्द सुन कर मेरे मन में कुछ होने लगा.
मैंने कहा- अच्छा, ये बता कि बीबी को तो बड़ा लंड चाहिए ना?
रौशनी ने कहा- मर्द का लंड कितना भी छोटा क्यों ना हो वो बीबी को चोद ही डालता है. बीबी की चुदाई हर लंड से की जा सकती है.
रौशनी के इतना खुल के बोलने पर मै पूरी तरह से आज़ाद हो गया. मैंने उस पर लगभग चढ़ गया और अपना लंड उसके बदन पर दबाते हुए पूछा – अगर बीबी की गांड मारनी हो तो?
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रौशनी ने कहा – वो भी होती है. चूत और गांड सभी आराम से मार सकते हो.
मैंने उसके चूची को जोर से दबाते हुए कहा – रौशनी, बड़े लंड से चुदवाने पर औरत को ज्यादा मज़ा आता है या दर्द होता है?
रौशनी – ये तो चुदने वाली औरत पर निर्भर करता है कि वो नयी है पुरानी. अगर नयी हुई तो छोटा लंड भी उसे दर्द देगा. लेकिन अगर पुरानी हुई तो बड़ा लंड भी उसे मज़ा देगा.
मैंने रौशनी से कहा- रौशनी , अगर तुम बुरा नहीं मानो तो क्या तुम मेरे लंड को देख कर बता सकती हो की मेरा लंड कितने पानी में है?
रौशनी ने मुस्कुराते हुए कहा- ठीक है. आप पैंट उतारो. मै देखती हूँ आपके लंड को.
मैंने पैंट उतार दिया. अब मै अंडरवियर में था. मेरा लिंग खडा हो गया था.
मैंने कहा- बताओ.
रौशनी ने कहा – अरे बाबा, पूरा दिखाओ ना. ये अंडरवियर उतारो ना.
मेरा दिल जोर से धड़क रहा था. मैंने आज तक किसी मर्द के सामने अपने लंड को नहीं दिखाया ये तो औरत है. लेकिन फिर भी मन में एक अजीब सा आनंद था कि कोई औरत स्वयं ही मेरे लंड को देखना चाहती है. इसलिए मैंने थोडा हिचकते हुए अपने अंडरवियर को अपने लंड से थोडा नीचे किये. मेरा लंड सामने आ गया.
रौशनी जमीन पर ठेहुने के बल बैठ गयी और अपना मुह मेरे लंड के सीध में लेते आई. मेरे लंड को वो गौर से देख रही थी. उसने मेरे अंडरवियर को पकड़ा और जमीन तक लेते आई. मैंने पैर उठा कर अंडरवियर को पुरी तरह खोल दिया. अब मै कमर के नीचे बिलकूल नंगा था. अचानक रौशनी ने मेरे लंड को पकड़ा और उसे सहलाने लगी. मेरा लंड तनतना गया.
मैंने कहा- ये क्यों कर रही हो?
रौशनी ने कहा- देख रही हूँ कि कितना बड़ा होता है.
मुझे काफी आनंद आ रहा था. मेरे सामने रात वाली ब्लू फिल्म का सीन दौड़ने लगा.
मैंने कहा – बोल ना? कैसा है मेरा लंड?
रौशनी – बढ़िया है बाबा. एकदम परफेक्ट.
मैंने कहा – अब बता , तेरे मरद से बड़ा है कि छोटा..?
रौशनी – बिलकूल बराबर है.
मैंने कहा- रौशनी, आज तक मैंने किसी औरत का चूत नहीं देखा है तू अपनी चूत मुझे दिखा ना. मै सिर्फ देखूँगा. कुछ करूंगा नहीं.
रौशनी ने कहा- ठीक है. इसमें कौन सी बड़ी बात है.
कह कर वो खडी हुई और एक झटके में अपनी साडी खोल दी. उसने पेटीकोट नही पहनी थी. उसने पेंटी पहन रखी थी. उसने खुद ही अपनी पेंटी को थोड़ी नीचे कर दी . मै उसके चूत को एकटक निहार रहा था. चिकना चूत था उसका. चौड़ा और फुला हुआ.
मैंने कहा- ये पेंटी पूरा खोल ना.
उसने अपनी पेंटी पूरी तरह से खोल दी. अब वो सिर्फ ब्लाउज में थी. इधर मेरा लंड तनतना रहा था.
मैंने झट से कहा- रौशनी मै तेरे चूत को छूना चाहता हूँ.
वो बोली – छु लो ना. इसमें कौन सी बड़ी बात है?
मै उसके चूत को सहलाने लगा. बिलकूल ही कोमल पत्ते की तरह बुर था. उसने भी मेरा लंड पकड़ लिया. अब मै कुछ भी करने के लिया आज़ाद था. मैंने एक हाथ उसके चूची पर रखा और सहलाने लगा. अगले मिनट में ही मैंने उसके चूची को भी नंगा कर दिया. अब वो मेरे सामने बिलकूल नंगी खड़ी थी और मेरा लंड सहला रही थी.
मैंने कहा – रौशनी, तेरी चूत एकदम इतनी चिकनी कैसी है? क्या रोज़ शेविंग करती हो?
रौशनी – मेरा मर्द है ना. वो हर सप्ताह मेरी चूत अपनी रेजर से साफ़ कर देता है.
ये सुनते ही मेरा लिंग इतना बड़ा हो गया था कि मैंने कभी कल्पना भी नही की थी कि मेरा लंड इतना बड़ा हो सकता है.
मैंने कहा – हाय, इतनी चिकनी चूत देख मुझे इसे चूसने का मन कर रहा है.
रौशनी – तो चुसो ना साहब इसे.
मैंने रौशनी को अपने बिस्तर पर लिटा दिया और उसके चूत पर अपनी जीभ घुसा कर उसे चाटने लगा. रौशनी 3 बच्चों की माँ हो कर भी किसी कुवारी लड़की से कम नहीं थी. उसका बुर और चूची में काफी कडापन था.
थोड़ी देर में उसके चूत ने मस्त पानी निकाला. मै उसके पानी को चाटने के बाद धीरे धीरे मै ऊपर की तरफ बढ़ा और उसकी चूची को मुह में ले कर चूसने लगा. मेरा लंड तनतना रहा था. रौशनी ने मेरे लंड को पकड़ कर सहला रही थी.
वो बोली – नवल बाबा, एक काम करो. तुम अपना लंड मेरे चूत में डालो. तब पता चलेगा कि तुम्हारा लंड का साइज़ सही है कि नहीं.
मैंने कहा – तू मुझसे चुदवायेगी?
वो बोली – हाँ, क्यों नहीं. जरा देखूं तो सही. बाबा का हथियार सही है या नहीं?
मै मन ही मन काफी खुश हो गया. मैंने अपने लंड को एक हाथ से पकड़ा और रौशनी के बुर में घुसा दिया. जब मेरा लंड रौशनी के बुर में अन्दर जा रहा था तो मुझे काफी मज़ा आया. मैंने काफी अन्दर तक अपना लंड घुसा दिया. लेकिन वो कराहने लगी.
वो बोली – बस बाबा, अब और अन्दर नहीं जाएगा. बहुत बड़ा है तेरा लंड. अब यही से चोदो.
मैंने उसके चूत को चोदना शुरू कर दिया. उसके बुर में जा कर मेरा लंड और भी बड़ा और मोटा हो गया. रौशनी के मुह से आह आह की आवाज निकलने लगी.
वो बोली – धीरे धीरे कीजिये ना. दर्द होता है.
मुझे महसूस हुआ कि जिस लंड को मै हमेशा छोटा मानता आया हूँ वो किसी महिला के भी बुर में दर्द पैदा करने के लिए काफी है. 5 मिनट की चुदाई के बाद उसके बुर ने दोबारा पानी छोड़ दिया. 10 मिनट तक चुदाई करने के बाद मेरा माल निकलने वाला था. उसे अनुभव हो गया था कि मेरा माल निकलने वाला है.
वो बोली – माल अन्दर में मत गिरा देना साहब.
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ज्यों ही मेरा शरीर अकड़ने लगा त्यों ही उसने अपने कमर को नीचे कर के मेरे लंड से अपने बुर को निकाल ली और झट से नीचे आ कर मेरे लंड को अपने मुह में ले ली. 3-4 सेकेंड में ही मेरा लंड महाराज से वीर्य निकलना शुरू हो गया. कुछ वीर्य उसने पी ली और कुछ उसके मुह से बाहर निकल आया. थोड़ी देर के बाद उसने कहा- देखा ना नवल बाबु, लंड छोटा या बड़ा नही होता. सभी लंड चुदाई के लिए अव्वल होते हैं.
थोड़ी देर के बाद मैंने अपने लंड की साइज़ की सत्यता जांचने के बहाने रौशनी की गांड की भी चुदाई की. उस में भी मै सफल हो गया. रौशनी ने आज मुझे विश्वास दिला दिया कि मर्द कभी भी नामर्द नहीं हो सकता. मैंने उसे एक हज़ार का पत्ता निकाल के दिया. उस के बाद जब भी मौक़ा मिलता मै रौशनी को अवश्य ही चोदता हूँ. इसके लिए मैं रौशनी को अलग से सभी से छुपा कर पैसे भी देता हूँ.