Bahan Sexy Ass
ये एक राज है जो मैं आप आपको सुना रही हूँ। इस बात के बारे में मेरे घर में कोई नही जानता है। दोस्तों, जब मैं जवान हुई तो मैं काफी अच्छी लगती थी, बाहर के लड़के तो मुझे घूर घूर के देखते ही थे, मेरे सगे बड़े भैया भी मुझे घूर घूर दे देखने लगे थे। Bahan Sexy Ass
जैसे ही मैंने १८ साल की हुई, मेरे दूध बहुत बड़े बड़े ३४” के हो गये, बहुत ही रसीले हो गये। मेरा चेहरा भी बहुत भर गया और किसी सूरजमुखी के फूल की तरह दमकने लगा। हर जवान लड़के की नजर मुझ पर पड़ने लगी। सभी मुझे बहुत सुंदर मानते थे। “देखो, कितनी सुंदर लड़की है!!” सब लड़के यहीं कहते थे। धीरे धीरे मेरे सगे सूर्या भैया भी मुझे ताड़ने लगे। सायद वो मुझे चोदना चाहता थे और मेरी जवानी का रस पीना चाहते थे।
मेरे ३ भाई थे प्रथम, पंकज और सूर्या भैया। सूर्या भैया सबसे बड़े थे, मेरे पापा उसको हमेशा डाटा करते थे। क्यूंकि वो पढ़ते लिखते थे। बस सुबह से शाम तक अपने दोस्तों से साथ सारा दिन आवारागर्दी करते थे। रोज नई नई शिकायत हमारे घर पर आती थी, कभी बाहर मारपीट करके आते थे, तो कभी किसी लड़की को छेड़कर आते थे।
उनके और उनके दोस्तों से किसी लडकी का गैंगरेप कर दिया था। भैया को जेल हो गयी थी, बड़ी मुस्किल में वो जमानत पर छूटे थे। इस तरह से वो पुरे उन्नाव में काफी बदनाम हो चुके थे और कोई भी उनको अपनी लड़की देने को तैयार नही थी। मेरे पापा तो उसको रोज घर से निकालने की बात करते थे, पर माँ तो माँ होती है।
इसलिए मम्मी किसी तरह रो धोकर पापा को मना लेती थी। मैं ये बात बिलकुल भी नही जान पायी की मेरे सगे भैया ही मुझे गंदी नजरों से देखते है और मेरी रसीली चूत मारना चाहते है। एक दिन जब घर के सब लोग बाहर गये थे, मेरे बड़े भैया सूर्या ने मुझे अपने कमरे में बुलाया। और मुझे जबरदस्ती पकड़ लिया और मेरे होठ पीने लगे।
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“बड़े भैया!! ये आप क्या कर रहे है???” मैंने पूछा.
“आज मैं तेरी चूत मारूंगा बबली…तू अब जवान हो चुकी है और चुदने लायक सामान हो चुकी है। इसलिए आज मैं तेरी रसीली चूत में अपना मोटा लंड डालकर मजा लेकर तुझे खूब चोदूंगा और खाउंगा!!” बड़े भैया बोले और मुझे जबरदस्ती उन्होंने अपने बिस्तर पर पटक दिया.
“भैया….मुझे छोड़ दो वरना मैं पापा से कह दूंगी…” मैंने धमकी दी.
“कह कर देख….मैं तेरी सारी पोल खोल दूंगा की तू एक लड़के से फसी हुई है और उससे चुपके चुपके चुदवा लेती है। तेरे राज के बारे में मैं जानता हूँ बबली!” भैया बोले.
इस तरह वो मुझे बैकमैल करने लगे तो मैं कुछ नही कर सकी। मैं जवान हो चुकी थी और काफी सुंदर थी। कितनी गलत बात थी की मेरे बड़े और बहुत ही बिगड़ैल भैया ही आज मुझे चोदने जा रहे थे। उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे मस्त मस्त रसीले होठ पीने लगे।
“बबली!..तू बड़ी सुंदर है रे!! अपनी जवानी के समुंदर से मुझे एक बाल्टी पानी अगर तू दे देगी तो तेरा क्या बिगड़ जाएगा!!” सूर्या भैया बोले और मेरे होठ पीने लगे। उन्होंने मेरे हाथ कसकर पकड़ लिए थे, जिससे मैं उनको रोक ना सकूँ। मेरे होठ इस तरह से चूस रहे थे, जैसे मैं उसकी छोटी बहन नही बल्कि कोई माल हूँ।
मैं मजबूर थी वरना मेरे बोयफ्रेंड के बारे में भैया पापा मम्मी को बता देते। मेरे रसीले होठ पीते पीते वो मेरी सासों की खुसबू भी लेने लगे। उन्होंने मेरे चेहरे को दोनों हाथ से पकड़ लिया था और मेरे रसीले गुलाबी होठ का मजा वो ले रहे थे।
मेरी कमीज पर मेरे २ बड़े बड़े बूब्स का उभार सूर्या भैया को साफ़ साफ़ दिख रहा था। मेरे मम्मे उनको बहुत आकर्षित कर रहे थे। फिर उनका सीधा हाथ मेरे मम्मे पर आ गया और वो तेज तेज मेरे बूब्स दबाने लगे।
“बबली, तू तो बड़ा कटीला माल है रे!! तेरी बुर चोदने में तो बहुत मजा आएगा!!” बड़े भैया बोले.
“सूर्या भैया !! आपको शर्म नही आती? अपनी ही छोटी बहन को ब्लैंकमेल कर रहे है??” मैंने गुस्साकर पूछा.
“आती है बहन…..पर तुरंत चली जाती है!” सूर्या भैया बोले और फिर हा हा.. करके किसी रावण की तरह हँसने लगे।
मैं मन ही मन उनको गाली देने लगी। “ये भाई नही कसाईं है….इससे अच्छा होता की ये पैदा होते ही मर गया होता” मैं अपने दिल में ही कहने लगी। सारी कोशिश करना व्यर्थ था, क्यूंकि मेरा हरामी बड़ा भैया सिर्फ और सिर्फ चूत का पुजारी था, इसलिए आज मैं चाहे उसे कुछ भी कहती, कोई भी कसम खिलाती सब व्यर्थ था क्यूंकि आज वो मुझे बिना चोदे नही मानता।
धीरे धीरे बड़े भैया मेरे बूब्स तेज तेज मेरी कमीज के उपर से ही मसलने लगे, तो मैं भी गर्माने लगी। फिर उन्होंने मेरा सलवार सूट निकाल दिया और अपने सारे कपड़े निकाल दिए। उनको जरा भी रहम नही आया की मैं उनको राखी बाधती हूँ मुझे ना चोदे।
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बड़े भैया ने मेरी ब्रा और पेंटी भी निकाल दी। मुझे बहुत बुरा और अजीब लग रहा था। मैंने दोनों हाथ मेरी नंगी चूत को छुपाने के लिये दौड़ गए। “चल हात हटा!!” बड़े भैया किसी बेरहम तानाशाह की तरह बोले, उन्होंने मेरी चूत को ढके होठ हाथ हटा दिए और मेरे उपर बिलकुल नंगे होकर लेट गये।
और एक बार फिर से मेरे होठ पीने लगे। वो बार बार “उफफ्फ्फ्फ़….क्या मस्त मॉल है तू!!..यकीनन मेरा गुलाबी भोसड़ा चोदने में बड़ा मजा आएगा बबली!!” वो बार बार बोल रहे थे। मेरा हरामी और बिगडैल भाई ये बात भूल चूका था की मैं उसकी सगी बदन हूँ, कोई अल्टर चुदासी रंडी नही हूँ मैं जो वो मेरे साथ ये सब कर रहा है।
पर किसी भी तरह से बड़े भैया को समझाना बेकार था क्यूंकि वो बहुत ठरकी आदमी थे और चूत के प्रेमी थे। मुझे पूरी तरह से नंगी करने के बाद वो फिर से मेरे रसीले होठ पी रहे थे। मैं किसी तड़पती मछली की तरह कसमसा रही थी और ‘…नही!…नही…” बोल रही थी।
फिर बड़े भैया मेरे मस्त समत दूध पर आ गये और मेरे बूब्स मुंह में लेकर पीने लगे। जिस हवस, चुदास और जल्दबाजी में वो मेरी नंगी छातियों का सेवन कर रहे थे, उससे उसकी इक्षा मैं साफ़ साफ़ देख सकती थी। वो मुझे बस किसी तरह जल्दी से चोद लेना चाहते थे।
मैं मजबूर थी, कुछ विरोध भी नही कर पा रही थी। बड़े भैया ने मेरी एक एक नंगी छाती को आधे आधे घंटे पिया और निपल्स को खूब जी भरकर चूसा, जैसे मैं उसकी बहन नही कोई रंडी छिनाल हूँ। फिर वो मेरी चूत पर आ गये और मेरी पतली सेक्सी कमर को सहलाने लगे, मेरी सेक्सी गड्ढे वाली नाभि पीने लगे। उसमे जीभ डालने लगे।
फिर मेरी चिकनी बुर को बड़े भैया जीभ लगाकर ऐसे चूसने लगे जैसे मैं उसकी बहन नही कोई उनकी माल या गर्लफ्रेंड हूँ। फिर वो अपनी जीभ ने मेरी चूत को छेड़ने लगे और मजा मारने लगे। जल्दी जल्दी अपनी खुदरी और कांटेदार जीभ को मेरी चूत से टकराने लगे।
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मेरे पुरे जिस्म में फुरफुरी सी दौड़ने लगी। जैसे मैंने कोई 11 हजार की करेंट वाली कोई बिजली की चलती लाइन छू ली हो। फिर बड़े भैया ने अपनी सांप जैसी जीभ मेरे चूत में अंदर डाल दी तो मैं अपनी गांड और चूतड़ उठाने लगी।
वो अपनी जीभ मेरे भोसड़े में चूत के अंदर डालने लगे, मुझे इतनी जोर की उतेज्जना हो रही थी की मैं क्या बाताऊं आपको। “आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..मम्मी..” कहते हुए मैं बहुत जोर जोर से चिल्लाने लगी क्यूंकि मुझे ऐसा लग रहा था की अभी मेरी बुर पूरी तरफ से फट जाएगी जैसे कोई जमीन गर्मी से फट जाती है।
दोस्तों बिलकुल वैसा ही हाल था मेरा। मैं बार बार चिल्ला रही थी, पर भैया को मुझ पर कोई तरस नही आया और वो लगाकर अपनी नुकिली दानेदार खुदरी जीभ से मेरी बुर चोदते रहे। मेरी चूत की एक एक फांक बड़े भैया मजे से पी रहे थे।
मैं किसी बिन जल की मछली की तरह तडप रही थी। चूत के दाने को तो बड़े भैया ने अपने दांत से काट काटकर चोटिल कर दिया था। मैं “……मम्मी…मम्मी….सी सी सी सी.. हा हा हा….. ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करके बार बार चिल्ला रही थी।
बिलकुल बड़े भैया ने मेरे भोसड़े में अपना १० इंची लम्बा और काफी मोटा लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगे। जब मैं बार बार “आ आ ….हा हा..” की आवाज करने लगी तो बड़े भैया डर गये। उनको डर था की कही पड़ोसी मेरी चुदाई की आवाज ना सुन ले.
इसलिए उन्होंने मेरे मुंह में अपना बहुत मोटा अंगूठा पेल दिया और मेरी आवाज को दबा लिया। और फिर मुझे हुमक हुमक कर किसी रंडी छिनाल की तरह बेरहमी से चोदने लगे। दोस्तों, अब तो मैं कुछ बोल भी नही पा रही थी क्यूंकि बड़े भैया ने मेरे मुंह में अपना मोटा अंगूठा ठूस दिया था और मेरी आवाज को दबाकर मेरी चूत मार रहे थे।
मेरे नंगे जिस्म के एक एक भाग को वो अपनी मर्जी से प्यार कर रहे थे, जो दिल करता था वही करते थे। मेरी छोटी सी चूत बड़ी मुस्किल से उनका १० इंची लौड़ा खा पा रही थी। मेरी चूत में बहुत जोर का दर्द हो रहा था, मैं रोना चाहती थी, चीखना और चिल्लाना चाहती थी।
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पर मैं कुछ नही नही कर सकती थी, चुदते चुदते मेरी बुर किसी बीअर के खाली कैन की तरह पिचकी जा रही थी। मेरा गला सुखा जा रहा था। मेरी चूत का बहुत बुरा हाल था। बड़े भैया गहरी और लम्बी लम्बी सांसे ले रहे थे और मुझे हुमक हुमक कर चोद रहे थे, बिस्तर चूं…चूं…..करके आवाज कर रहा था।
मैं बार बार सिर उठाकर अपनी चूत की तरफ देख रही थी। बड़े भैया मुझे दनादन चोद रहे थे। उसके चेहरे पर संतुस्ती और चुदाई के सुख के भाव मैं साफ देख सकती हूँ। वो “उ उ उ…” करके अपना मुंह खोलकर मेरी बुर चोद रहे थे।
आधे घंटे बाद उन्होंने अपना लौड़ा मेरी चूत से निकाल दिया और मेरे उपर ही माल छोड़ दिया। कम से कम १० पिचकारी उन्होंने छोड़ी और उनका कम से कम १०० ग्राम माल मेरे चेहरे, मम्मे और पेट पर जाकर गिर गया।
“हा हा हा…..बबली..सच में जान, तेरी बुर चोदकर आज मजा आ गया…हा हा हा !” बड़े भैया हाफ्ते हाफ्ते बोले और और मेरे बगल धराशाही हो गये।
मैंने अपनी चड्ढी से उनका माल साफ़ करने लगी। फिर मैंने अपनी चूत देखी, ३५ मिनट की इस गर्मागर्म चुदाई में बड़े भैया ने मेरी बुर चोद चोदकर फाड़ दी थी। उनके १० इंची लौड़े ने मेरी बुर को चोद चोदकर उसको पूरी तरह से नेस्तोनाबूत कर दिया था। मैं नही जानती थी की बड़े भैया इतने बड़े चुदकक्ड आदमी निकलेंगे।
सायद इसी तरह उन्होंने और उनके दोस्तों ने उस लडकी के साथ गैंगरेप किया था, अब तो मैंने चाहती थी की उनकी जमानत रद्द हो जाए और मेरा हरामी बड़ा भाई फिर से जेल की सालाखों के पीछे पहुच जाए और भगवान करे की गांडू को फांसी हो जाए। मैं मन ही मन ये सब सोचने लगी। कुछ देर बाद बड़े भैया ने मुजे अपने लौड़े पर बिठा लिया और मेरी बुर में अपना १० इंची लम्बा लंड डाल दिया।
“बबली…चल अब मेरे लंड की सवारी कर!!…ये बहुत आसान है। बस सोच ले की तू किसी घोड़े पर बैठी हुई है और घोडा बहुत तेज दौड़ रहा है!!” बड़े भैया बोले धीरे धीरे उन्होंने मुझे सब सिखा दिया। मैं उनकी कमर पर बैठकर उनके लौड़े की सवारी करने लगी, जल्दी जल्दी कमर मटकाकर मैं चुदवाने लगी।
“ओह्ह यस…..बेबी….ओह्ह्ह यस!!” भैया हसकर जोर से चिल्लाए.
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फिर धीरे धीरे वो भी नीचे से धक्के मारकर मेरी बुर चोदने लगे। उन्होंने मेरे पंजों को अपने पंजों से जोडकर मुझे सहारा दे दिया था और जल्दी जल्दी फटर फटर करके मुझे चोद रहे थे। कुछ देर बाद मैं उसने खुल गयी और मजे लेकर चुदवाने लगी। “उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ. हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई….अई……” करके मैं चिल्ला रही थी और उनके लंड की सवारी कर रही थी। एक बार फिरसे उन्होंने मेरे मुंह में अपना मोटा सीधे हाथ का अंगूठा डाल दिया और मेरी आवाज को घोट दिया और मुझे कसकर चोदने लगे।
कुछ देर बाद तो बड़े भैया बिलकुल फॉर्म में आ गये और मुझे उन्होंने अपने उपर ही लिटा दिया। मेरे मस्त मस्त आम को वो मुंह में लगाकर पीने लगे और मजा मारने लगे। मेरे आम चूसते चूसते और पीते पीते बड़े भैया ने मुझे १ घंटा चोदा। इतनी जल्दी जल्दी नीचे से ठोकने लगे की मेरी चूत से जैसे कोई दिवाली का पटाखा फूटने की आवाज आने लगी। मेरी बुर बहुत मस्त तरह से चुद रही थी। फिर बड़े भैया ने अपना माल मेरी बुर में ही गिरा दिया। मैं बड़ी देर तक उनके उपर लेती रही और उसके सीने के बालों से खेलती रही। फिर उन्होंने मेरी गांड मारी।