Force Sex
बात कुछ साल पहले की है जब मैं एक आश्रम जा रहा था. अकसर लोगो के दिमाग में आश्रम को लेकर कई दुर्विचार होते है जैसे वो मौजमस्ती का अड्डा होता है परन्तु ऐसा कुछ भी नही है, आश्रम एक पवित्र और मन को शान्ति देने वाली जगह होती है. मेरी नई नई शादी हुई थी. मेरी पत्नी का नाम नीता था. Force Sex
नीता की उम्र 22, पतली दुबली, रंग गोरा, गोल चेहरा, गुलाबी होंठ, लम्बे बाल, स्तन न तो ज्यादा बडे न ही ज्यादा छोटे, पतली कमर, सामान्य कद की आकर्षक व्यक्तित्व की मालिक थी. मेरी शादी घर वालो की मर्जी से हुई थी. शादी से पहले मैने नीता को कभी नही देखा था, शादी वाले दिन ही पहली बार नीता को देख कर अपनी किस्मत पर फक्र हो रहा था.
सुहागरात के रात काम की वजह से कमरे में जाने मे देर हो गया और मैने नीता से बात की और ये निर्णय लिया की सुहागरात हम अपने हनीमून मे ही मनाऐंगे. दो दिन के कार्यक्रम के बाद हम हनीमून के लिए निकल गये. वैसे हनीमून 5 दिन बाद का था पर मैने सोचा की 3 दिन आश्रम मे रुक जायेंगे.
आश्रम पहुंचे तो पता चला कि वहां बहुत भीड़ चल रही थी. न होटल मिल रहा था न आश्रम में जगह थी. बुरे फसे की स्थिति थी, तभी किसी ने पिछे से आवाज लगाई. मैने पिछे मुड़ कर देखा, अमित था. अमित एक 36 वर्ष का सन्यासी था और इस आश्रम मे मेरे खास परिचित मे से था, हमारे विचार काफी हद तक मिलते थे तो अच्छी दोस्ती थी.
पहले जब आश्रम आता था तो अक्सर अमित के पास ही रुक जाता था. आश्रम के बाहर उसका एक कमरा था जिसमे अक्सर लोगो को ठहरा लेता था, इससे कुछ आमदनी हो जाती थी उसकी. मेरे साथ नीता को देख कर उसने मुझे घुर कर देखा.
मैने मुस्कुरा कर बताया कि मेरी पत्नी है तो मुझे काफी खरी खोटी सुनाई, ये पुछा कि शादी मे क्यो नही बुलाया आदि आदि. गुस्सा कम शिकायत ज्यादा थी, मैने प्यार से माफी मांगी तो मुस्कुराने लगा. फिर उसने आने का कारण पुछा तो मैने बताया कि हनीमून पर जाना था पर सोचा की नीता को कुछ दिन आश्रम घुमा कर जाऊं.
अमित ने मुझ से कहा कि होटल या कुछ भी मिलना मुश्किल है, मै खुद भी ये जानता था तो उसने ये सुझाव दिया कि उसके घर पर रुक जाऊं. वैसे अपनी नई नवेली दुल्हन के साथ एक मर्द के यहां रुकना ठीक तो नही लग रहा था पर हालात के हिसाब से मजबूरी थी.
हम अमित के साथ उसके घर चल दियेम घर कुछ ज्यादा दुरी पर था पर सन्यासियों के लिये तो इतना चलना रो़ज़ की बात थी. लगभग 15 मिनट मे हम उसके घर पहुंचे. घर पूरा कबाड़खाना था, सिर्फ मर्द रहेगे तो वैसे भी बेतर्तीब तो रहता है. एक रस्सी से कपडे़ सूख रहे थे पर कुछ कपडे़ अमित के नही लग रहे थे.
मैने अमित से पुछा तो उसने बताया की गांव से उसका भतीजा बॉबी आया हुआ है. बॉबी 18 साल का लड़का था, हिष्ट पुश्ट, लम्बा. मै उस्से एक दो बार मिल चुका था और मुझे उसका नेचर बहुत अच्छा लगा था तो मैने कुछ नही कहा इस बारे में. थोडा़ अजीब लग रहा था कि हम दोनो दो मर्दो के साथ एक ही कमरे के घर में तीन दिन रहेंगे.
अमित ने सुझाव दिया कि हम लोग नहा कर नाश्ता कर ले, वो 2 बजे तक आश्रम से वापस आयेगा, तब तक बॉबी भी आ जायेगा. मैने सहमति दे दी और वो चला गया. मैने पहले खुद नहाया फिर नीता को नहाने के लिये बोला. नीता ने कपडे़ बदले और नहाने को चली, नीता ने नाईटी पहन रखी थी.
जब पानी की आवाज आने लगी तो मैने जा कर दरवाजे का मुआएना किया. लकडी़ के दरवाजे मे ऊपर की तरफ एक झीर्री थी. मैने अंदर देखा तो नीता बिना कपडो़ के बदन पर साबुन लगा रही थी. पुरा बाथरूम साफ दिख रहा था. मैने निर्णय लिया कि जब अमित या बॉबी घर पर होंगे तब हम नही नहाएंगे.
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होने के लिए दोनो सन्यासी है पर कोई रिस्क नही लेना चाहिए. नहाने के बाद नीता नाईटी पहन कर बाहर आ गई. उसके निप्पल नाईटी पर साफ झलक रहे थे. मैने उससे पुछा कि वो ब्रा नही पहनी है क्या? उसने शरमाते हुए बताया कि वो जब साडी़ पहनेगी तब ब्रा पहन लेगी. मैने कुछ नही कहा बस मुस्कुरा दिया.
नहाने के बाद मैने खाने के बारे मे पुछा तो उसने सहमति जताई. मैने उसे बताया कि खाना लेने कुछ दूर जाना पडे़गा और क्या वो अकेले रह लेगी. वैसे तो वो इतनी हिम्मत वाली नही थी फिर भी उसने बडे़ आराम से कहा कि वो रह लेगी. मैने उसे बताया कि मुझे 30 मिनट लग जायेंगे.
उसे दरवाजा अंदर से बंद करने को कह कर मै खाना लेने निकल पडा़. आस पास की दुकाने बंद थी तो वापस आते आते 40 मिनट हो गये. जैसे ही घर के दरवाजे पर पहुंचा तो अंदर से किसी मर्द की आवाज सुनाई दे रही थी. मैने सोचा की इस वक्त अंदर कौन हो सकता है इसलिए दरवाजे के एक झिर्री से अंदर झांक कर देखा.
अंदर बॉबी था और वो नीता से बात कर रहा था,उसने नीता को बताया कि आश्रम मे कुछ जरूरी काम है इसलिए वो जल्दी आ गया, बस नहा कर निकल जायेगा. फिर वो मेरे बारे में पुछने लगा, नीता ने उसे बताया की मै खाना लेने गया हूं. इतनी बात के बाद वो अंदर घुस गया.
मुझे किसी ने पीछे से आवाज दी. आटो वाला था, हड़बडी़ मे उसको किराया देना भूल गया था. मैने उसको किराया दिया और दरवाजा खटखटाने के लिए हाथ बढा़या तो फिर बॉबी की आवाज सुनाई दी. वो नीता को आवाज लगा रहा था कि वो टावेल ले जाना भूल गया है और वो उसे टावेल दे दे.
उत्सुक्तावश मैने झिर्री से अंदर झांक कर देखा तो नीता टावेल लिये बाथरूम के गेट पर खडी़ थी उसने बॉबी को आवाज लगाई कि वो टावेल ले ले. अचानक बॉबी ने बाथरूम का पूरा दरवाजा खोल दिया, वो एक दम नंगा खडा़ था. मैं और नीता दोनो भौचक्के रह गये.
बॉबी ने टावेल के साथ नीता का हाथ पकड़ कर नीता को बाथरूम के अंदर खींच लिया. ये सब इतना अचानक हुआ कि कुछ रिस्पांस करने का समय ही नही मिला. मुझे लगा की 2 मिनट मे नीता चिल्लाते हुए बाहर आ जायेगी पर वो काफी देर बाहर नही आई तो मुझे डर सताने लगा.
मैने दरवाजे पर दस्तक दी, कोई आवाज नही आई तो मैने फिर दस्तक दी. इस बार बॉबी ने पुछा की कौन है. मैने अपना नाम लेकर बताया और दरवाजा खोलने को कहा. उसने कहा दो मिनट तो मैने फिर झिर्री से झांका. बॉबी ने दरवाजा खोला और नीता की नाईटी लेकर बाहर निकला और एक तरफ मुड़ गया.
दरवाजा पुरा खुला हुआ था और नीता बिना कपडो़ के एक कोने में उकडु़ बैठी थी. उसने अपने स्तन अपने जाघो मे छुपा रखा था. थोडी़ देर में बॉबी दिखा वो नाईटी सुखा रहा था और नीता की साडी़ ब्लाऊज लेकर बाथरूम मे चला गया. फिर उसने जल्दी जल्दी बदन पर साबुन लगाया और टावेल लपेट कर बाथरूम से निकला, निकलते हुए उसने बाथरूम का दरवाजा टिका दिया.
कुछ रुक कर उसने दरवाजा खोला. मै अंदर गया और बिस्तर पर बैठ गया. मैने नीता के बारे मे पुछा तो उसने बताया की क्योकि मुझे देर हो रही थी इसलिए वो घबरा गई थी और मुझे बाहर धुंधने गई है. मै जानता था कि वो झुठ बोल रहा था पर क्या करूं कुछ समझ नही आ रहा था.
बॉबी ने मुझसे कहा कि मै बैठ कर नीता का इंतजार करू और वो नहा कर आ रहा है. मेरे कुछ बोलने से पहले ही वो बाथरूम मे घुस चुका था और बाथरूम का दरवाजा बंद कर चुका था. मै अपने होशोहवास खो चुका था, मेरी नई नवेली दुल्हन बिना कपडो़ के अपने से काफी कम उमर के लड़के के साथ बाथरूम मे बंद थी और ये जानते हुए कि मै कमरे मे हूं चिल्ला नही रही थी.
शायद एक लड़के के साथ इस स्थिति मे पकडे़ जाने का डर और शर्म ने उसे चुप रहने पर मजबूर कर दिया था,या शायद बॉबी ने डराया धमकाया होगा. मैं बहुत उत्सुक था ये जानने के लिए कि अंदर हो क्या रहा है. इसलिए दबे पांव मै बाथरूम के दरवाजे तक गया और झिर्री से अंदर झांक कर देखने लगा.
बॉबी ने नीता को बाजू से पकड़ कर उठाया और चुप रहने का इशारा किया. नीता की नजरे निचे कि ओर थी और वो धीरे धीरे खडी़ हो गई. नीता का पुरा बदन थर थर कांप रहा था और पुरे बदन पर पसीना आ रहा था. बॉबी ने उसे दीवार से सटाया और उसके ऊपर उसका सीना नीता के स्तनो को दबा रहा था.
उसने नीता की पीठ पर हाथ ले जाकर उसे बांहो मे जकडा़ और उसके गालो को चुमने लगा. नीता उससे बचने के लिए अपना सर इधर उधर करने लगी पर नाकाम रही. कुछ देर के बाद उसने नीता के होंठो को चुमने की कोशिश करने लगा. नीता आवाज तो नहीं कर रही थी पर अपना सर इधर उधर कर रही थी जिसके कारण वो उसके होंठो को चुम नही पा रहा था.
उसने एक हाथ से नीता का चेहरा पकडा़ और उसके होंठो से अपने होंठ चिपका दिये. पुरी तन्मयता से वो नीता के होंठो का स्वाद लेने लगा. क्योकि नीता दरवाजे से 90 अंश के कोण पर खडी़ थी इसलिए नीता का बांया और बॉबी का दांया तरफ झिर्री की तरफ था.
मैं अंदर से जल रहा था, जलन, गुस्सा, चिढ़, दुख और कुछ न कर पाने की मजबूरी मुझे अंदर से अजीब सा एहसास दे रही थी. दिमाग में यही चल रहा था कि कैसे अपनी पत्नी कि कौमार्य कि रक्षा करूं. मैने दरवाजा खटखटा कर कहा “बॉबी, जल्दी बाहर निकलो, मुझे भी अन्दर जाना है!”
बॉबी ने नीता के होंठो को छोडा़ और गालो को चुम कर कहा, “पांच मिनट मेरे भाई, मुझे बस पांच मिनट लगेगा.” अब पांच मिनट कुछ बोल ही नही सकता था. बॉबी ने नीता के होंठो को छोड़ कर थोडा़ नीचे झुका, और नीता के निप्पल को चुसने लगा. बीच बीच में वो नीता के स्तनो को मसल भी रहा था.
2–3 मिनट तक नीता के स्तनो को मसलने के बाद वो खडा़ हुआ तो नीता ने हाथ जोड़ कर उसे कहा, “प्लीज, मुझे छोड़ दो, मुझे बरबाद मत करो.” वैसे नीता ने इतने धीरे कहा था कि आवाज सिर्फ बॉबी को सुनाई दे पर होंठो के हिलने के अंदाज से पता चल रहा था कि वो क्या बोल रही है.
बॉबी ने आंखे निकाल कर कहा, “साली कुतिया! मुंह बंद कर, वर्ना इतने बेरहमी से चोदुंगा कि चीखने लगोगी, तेरे मियां के पता चल जायेगा वो अलग, कुछ नहीं बोला तो ठीक वरना तेरे मियां को यही काट कर गाड़ दुंगा, और तेरे को तब तक अपनी रखेल बना कर रखुंगा जब तक तेरे जिस्म से मेरा दिल नही भर जाता, फिर तुझे किसी कोठे पर बेच दुंगा. इसलिए अपना मुंह बंद रख और ज्यादा नौटंकी मत कर.”
डर नीता के चेहरे पर साफ झलक रहा था, डर तो बॉबी के शब्दो से मुझे भी लग रहा था. बॉबी कसरती बदन का था, मुझसे उंचा भी था, मै किसी भी तरीके से उससे नही लड़ सकता था और अगर वो सच बोल रहा था ये सोच कर भी मेरी सांस रुकने लग रही थी. पर फिर भी नीता को किसी न किसी तरीके से बचाना ही था तो कोशिश तो करना ही था.
मैने फिर से दरवाजा खटखटाया, “बॉबी पांच मिनट हो गये!” बॉबी ने फिर चिल्ला कर कहा, “पांच मिनट और भाई.” मुझे फिर पांच मिनट के लिये खामोश होना पडा़. बॉबी ने हाथ फिराते हुए हाथ नीता के योनि तक ले गया और एक उंगली नीता कि योनि मे डाल दिया. नीता ने चुहंक कर अपना सर पिछे कि तरफ फेंका और कुछ उपर की तरफ उछली.
थोडा़ विराम देने के बाद बॉबी ने फिर उंगली नीता कि योनि मे अंदर की तरफ घुसाया. नीता चुहंकी तो नही पर अपना सर पिछे कि तरफ फेंका और कुछ उपर की तरफ उछली. थोडा़ थोडा़ विराम दे कर बॉबी यही हरकत दुहराता रहा. नीता की शरीर में एंठन साफ दिख रहा था. लगभग तीन मिनट में नीता ने योनि रस छोड़ दिया.
कुछ पल का विराम देने के बाद बॉबी ने नीता के सारे शरीर पर हाथ फेरा और उसे कंधो से दबा कर घुटनो के बल बैठा दिया. उसने अपना लॅंड का छोर नीता के होंठो पर रख कर दबाव डाला. लॅंड नीता के मुंह मे चला गया और नीता की सांसे रुकने लगी. उसका लॅंड बहुत मोटा और लम्बा था.
वो नीता को मुख मैथुन करने को कह रहा था पर नीता इससे अंजान थी तो उसने खुद ही लॅंड अंदर बाहर करने लगा. अपने हाथो से उसने नीता के स्तन पकड़ रखे थे और वो उसे जोर जोर से मसल रहा था. मैने फिर से दरवाजा खटखटाया पर बॉबी ने कोई जवाब नही दिया. चेहरे के भाव बता रहे थे कि वो जवाब देने कि स्थिति मे नही था.
उसे बहुत मजा आ रहा था और ये चेहरे पर साफ झलक रहा था. मैने दो तीन बार और दरवाजा खटखटाया पर बॉबी ने कोई जवाब नही दिया. कुछ ही देर में बॉबी ने नीता का सर बालो से पकड़ लिया और अचानक ही उसके शरीर की एंठन शांत हो गई. उसने अपने बीज नीता के मुंह मे ही छोड़ दिया था.
उसके अलग हटते ही नीता ने सारा वीर्य एक तरफ उगल दिया. मैने फिर से दरवाजा खटखटाया, वो अपना लॅंड सहलाने मे व्यस्त था. लॅंड फिर से आकार लेने लगा. वो नीता के साथ जो कर चुका था वो तो कुछ नही था उसके सामने जो वो करने कि तैयारी कर रहा था. मैने इस बार जोर से कई बार दरवाजा खटखटाया.
बॉबी ने एक झटके से दरवाजा खोला और गुर्राते हुए मेरा कॉलर पकड़ लिया.मुझे लगभग झंझोड़ते हुए कहने लगा, “सुनो मियां, मुझे और 30 मिनट या ज्यादा अंदर लग सकता है, क्योकि मै अपने हिसाब से नहाता हूं, कोई मुझे नहाते हुए डिस्टर्ब करता है तो मै उसका मुंह तोड़ देता हूं.
तो अगर तुमको बाथरूम मे काम है तो गली के मोड़ पर सार्वजनिक शौचालय में चले जाओ. खबरदार जो मुझे डिस्टर्ब किया वरना बाहर आकर तुम्हारा मुंह तोड़ दुंगा. समझा!” मैने सहमति मे सर हिला दिया और उसने धर से दरवाजा बंद कर दिया. अब दरवाजा खटखटाने का तो प्रशन ही नही उठता था तो मैने झिर्री में आंख गडा़ दी.
बॉबी ने नीता के कंधे को दबाते हुए उसे ज़मीन पर चित लिटा दिया और उसकी टांगे चौडी़ कर दी. उसकी योनि द्वार से गुलाबी फांक साफ दिख रही थी. और गीलापन भी झलक रहा था. बॉबी नीता के ऊपर लेट गया और कुछ देर तक उसके होंठो और गले को चुमता रहा.
फिर उसने अपने लॅंड को उसके योनि पर रखा और नीता के मुंह पर अपने हाथ का ढक्कन फिट कर दिया. अगले ही पल मेरी दुख का बांध फूट गया, एक झटके से उसने अपना लॅंड नीता के योनि मे प्रविष्ट कर दिया. नीता की आंखे कटोरो से बाहर आने लगी और वो अपना पैर फेंकने लगी.
अगर नीता के मुंह पर अपने हाथ का ढक्कन फिट न किया होता तो नीता चीख पडी़ होती. नीता का कौमार्य भंग हो गया था. बॉबी कुछ देर तक स्थिर रहा जब तक नीता ने अपने हाथ पैर झटकने बंड नही किये. फिर उसने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू किया. जब नीता पुरी तरह से स्थिर हो गई तो उसने नीता के मुंह पर अपने हाथ हटा लिया.
धीरे धीरे धक्के होने लगे. जब धक्के लगा कर थक जाता था तो थोडी़ देर रुक कर नीता के होंठ चुमता था और स्तनो को मसलता था. आराम करके फिर धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर देता था. लगभग १५ मिनट बाद उसका शरीर एंठ गया और चेहरे के भाव से पता चल रहा था की वो अपना बीज अंदर ही छोड़ रहा था.
फिर उसने अपना लॅंड बाहर खींचा. लॅंड वीर्य से और खून से सना हुआ था. थोडा़ अलग हट कर बॉबी नहाने लगा और नीता उकडू़ होकर बैठ गई. तभी पिछे से दरवाजा खुलने कि आवाज आई तो मैं झट से बिस्तर पर बैठ गया. दरवाजे पर अमित था और वो अंदर आ गया.
उसने नीता कि बारे में पुछा तो मैने कहा ही वो पास ही घुमने गई है. उसने बताया कि उसे वापस आश्रम जाना है और वो नहाने आया था. उसने बॉबी के बारे मे पुछा आउर बाथरूम की तरफ जाकर बॉबी को आवाज दी. फिर वो दोनो पंजाबी में बात करने लगे. दो मिनट मे अमित टावेल लपेट कर बाथरूम के सामने खडा़ था.
मै उसे बाथरूम में घुसने से कैसे रोकुं यही सोच रहा था कि बॉबी गेट खोल कर बाहर आ गया. वो पुरी तरह तैयार था इसलिए सीधे बाहर चला गया और मेरे कुछ बोलने से पहले ही अमित अंदर घुस गया और दरवाजा बंद कर लिया. मैं अपनी उत्सुक्ता दबा नही पाया और झिर्री से अंदर झांकने लगा.
अमित ने जैसे ही पलट कर देखा तो नीता को बिना कपडो़ के उक्कडू़ बैठे पाया. उसने इशारे से उसे उठने को कहा और उसी दीवार से उसे टिका कर खडा़ कर दिया जिस दीवार से बॉबी ने नीता को टिका कर खडा़ किया था. हालाकि दोनो इतने धीरे बोल रहे थे कि बाहर आवाज़ न आये पर होंठो के हिलने से पता चल रहा था कि दोनो क्या बात कर रहे हैं!
अमित ने कहा, “अभी तो बॉबी बाहर निकला है, तुम क्या कर रही थी बॉबी से साथ अंदर?” नीता ने नजरे झुका कर कहा, “बॉबी ने मुझे जबरदस्ती अंदर खींच लिया था.” अमित ने पुछा, “तुम्हारा पति कहा था उस टाईम?” नीता ने कहा, “वो बाहर गये थे खाना लेने, बॉबी नहाने आया था, नहाने के लिए अंदर घुसा और मुझसे टावेल मांगा, मै टावेल देने आई तो मुझे अंदर खींच लिया.”
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अमित ने कहा, “बहुत कमीना है, है मेरा रिश्तेदार पर बहुत कमीना.” अमित ने फिर पुछा, “तुम्हारे पति को पता है कि तुम अंदर हो?”
नीता ने न मे सर हिलाया. अमित ने फिर पुछा, “क्या क्या किया बॉबी ने, सिर्फ ऊपर ऊपर मज़ा लिया या सब कुछ कर लिया?”
नीता की नजरे झुकी हुई थी, वो थोडी़ देर रुक कर बोली, “सब कुछ कर लिया.”
अमित थोडी़ देर रुक कर बोला, “तुम चिल्लाई क्यो नही.”
नीता ने कहा, “उसने मुझे धमकी दी थी, मैं डर गई थी.”
अमित ने पुछा, “तुम्हे मालूम है कि तुम्हारा पति बाहर ही बैठा है.”
नीता ने सहमति में सर हिलाया. अमित ने आगे कहा, “अब जो हो गया सो हो गया, तुम अपने पति को कुछ मत बताना, मै उसे बाहर ले जाऊंगा और कह दुंगा कि तुम मेरे साथ आश्रम गई थी.”
नीता ने कहा, “आपका बहुत बहुत धन्यवाद, आपने मेरी परेशानी आसान कर दी, पता नही मैं आपका कर्ज़ कैसे चुकाऊंगी.”
मेरे खुद के नजर मे अमित की इज्जत बढ़ गई थी पर अगले ही पल उतर भी गई. अमित ने अपने दोनो हाथो से नीता के दोनो स्तन थाम लिया और उन्हे सहलाने और मसलने लगा. उसने कहा, “एहसान का बदला तो अभी ही वसूल लुंगा, जो बॉबी करके निकला है मै भी वही कर लेता हूं.”
नीता कुछ कहना चाहती थी उससे पहले ही अमित ने कहा, “एक बार तो बॉबी सब कर चुका है, मै भी कर लुंगा तो तुम्हारा कुछ नही जाएगा.”
नीता ने उसे स्तनो से खेलने से रोका तो नही पर एक सवाल पुछा, “अभी तो आप बॉबी को गालियां दे रहे थे, आप भी तो वही कर रहे हैं.”
अमित ने नीता के होंठो को चुमा और मुस्कुरा कर कहा, “बॉबी तुम्हे मुसीबत में डाल कर गया है और मै तुम्हे मुसीबत से निकाल रहा हूं, इतना तो अंतर है ही. पर अगर तुम्हे परेशानी है तो चलो बाहर चलते है और मैं तुम्हारी तुम्हारे पति से आमना सामना करवा देता हूं.”
एक डर की लहर नीता के चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी, उसने थोडा़ रुक कर कहा, “नही! मुझे कोई परेशानी नही है, आप कुछ भी कर सकते है, मुझे सब शर्ते मजूंर है, पर बॉबी तो कोई नहीं लगता उनका पर आप तो उनके दोस्त हैं आपको भी तो दिक्कत होगी अगर उनको पता चल जाए.”
अमित ने कहा, “मानता हूं बॉबी कमीना है, पर मैं भी कम नही हूं, अगर तेरे पति मुझसे उलझेगा तो मै भी वही करूंगा जो बॉबी कर सकता है. तुझे जी भर के नोचुंगा और फिर कोठे पर नुचवाने के लिए छोड़ दुंगा.”
मैने चुप रहने में ही भलाई समझी, अमित जोर जोर से नीता के स्तनो को मसलने लगा. दर्द की लहर नीता के चेहरे पर दिख रही थी पर आवाज मुंह से नही निकल रहा था. संतुष्ट होने के बाद अमित नीता के निप्पल चुसने लगा, बारी बारी से एक एक निप्पल को आराम से चुसता रहा पर बीच बीच मे नीता के चेहरे के भाव बता रहे थे कि वो निप्पल को चबा भी रहा था.
संतुष्ट होने के बाद उसने नीता के होंठो को चुमना शुरू किया और साथ ही नीता के योनि में भी उंगली डाल दी. जब भी अमित उंगली अंदर डालता था तो नीता थोडा़ उछल जाती थी. काफी देर बाद वो अलग हुआ और अपना टावेल उतार दिया. अमित का लॅंड किसी भी तरीके से बॉबी से रत्ती भर भी कम नही था, बल्कि ज्यादा ही लंबा और मोटा था.
अमित का लंबा और मोटा लॅंड देख कर नीता के चेहरे पर परेशानी साफ झलक रही थी. अमित ने नीता के टांगो को फैलाया और अपना लॅंड नीता के चूत के द्वार पर सटाया. नीता को समझ आ गया था कि क्या हो सकता है इसलिए उसने खुद अपने मुंह पर ढक्कन लगा लिया. उसने अपने हाथ से अपना मुंह बंद कर ली थी.
अमित ने नीता के दोनो कंधो को पकडा़ और जोर से धक्का लगाया. पुरा लॅंड अंदर समा गया, नीता के चेहरे पर दर्द की लहर दिख रही थी. वो चीखना भी चाहती थी पर मेरे बाहर होने के डर से उसने आवाज दबा ली. अमित ने धीरे धीरे धक्का लगाना शुरु किया. लगभग 3 मिनट के बाद नीता उन धक्को से अभ्यस्त हुई और उसने अपने मुंह से अपना हाथ हटा लिया.
अमित के धक्के इतने तीव्र थे कि ऐसा लग रहा था कि वो अपने बदन के भार से नीता को अपने और दीवार के बीच पीस देगा. धीरे धीरे धक्को का वेग तेज होता गया और एक समय पर अमित ने अपना बीज अंदर छोड़ दिया. उसने थोडे़ देर तक नीता के निप्पल और होंठो को चुसा और अलग हो गया. फिर दोनो साथ मे नहाए.
मैं फौरन बिस्तर पर बैठ गया. अमित कपडे़ पहन कर बाहर आ गया. बाहर आते समय उसने बाथरूम का दरवाजा भीडा़ दिया. अमित ने बडे़ भोलेपन से पुछा नीता के बारे में, मैने उसे बताया कि वो अभी तक नही आई है. उसने कहा कि अगर मुझे चिंता हो रही हो तो मैं नीता को धुंधने जा सकता हूं वो तब तक यही रूक जायेगा.
मैं भी कोई फसाद नही करना चाहता था तो बाहर निकल गया. लगभग 30 मिनट के बाद वापस आया तो नीता अमित के साथ कमरे में बैठी थी. मैने उस से बस इतना ही कहा कि नये शहर में अकेले नही घुमने जाना चाहिए. अमित ने बीच मे पड़ कर कहा, “तुम व्यर्थ मे चिंता करते हो भाई, ये शहर आश्रम के लिए मशहूर है. इस शहर में कभी कुछ गलत नहीं हो सकता.”
मैने और बहस करने कि अपेक्षा चुप रहना ही उचित समझा. अमित के जाने के बाद नीता ने चुप चाप खाना खाया और सो गई. मुझे पता था कि सुबह तक कोई ट्रेन नही थी तो सुबह तक रुकना मजबूरी थी, फिर भी अपने तरीके से होटल धुंधना शुरू किया पर नाकामयाब रहा. रात में ठीक आठ बजे अमित आ गया. उसने खाने के बारे में पुछा तो मैने बताया कि नीता के साथ बाहर खाने जाऊंगा.
उसने बॉबी को फोन किया और कुछ देर पंजाबी में बात करने के बाद बताया कि बॉबी शायद रात में आश्रम में ही रुकेगा. उसने कहा कि अब तो जिंदगी भर मै नीता के साथ ही खाऊंगा एक दिन उसके साथ खा लूँ, वापसी में नीता के लिए ले आयेंगे. बहुत जिद करने के बाद मैने हा कह दिया और हम पास ही एक होटल में आ गये.
एक कैबिन में बैठने के बाद अमित ने कहना शुरू किया, “सैम! मै जानता हूं कि नीता के साथ जो मैने और बॉबी ने किया वो तुम जानते हो, और मुझे उसका अफसोस भी नही है. अगर तुम जाना चाहते हो तो जा सकते हो, पर ट्रेन तो सुबह ही है. अभी निकल कर स्टेशन पर इंतिजार ही करोगे. और हमारा भी डर बढा़ दोगे, जिसमे हम कुछ उलटा सीधा कर सकते है. सुबह पुरे सत्कार के साथ जाओगे तो हमें बहुत खुशी होगी.”
मुझे तो उसकी बातो से बहुत डर लग रहा था तो मैने कोई जवाब नही दिया. उसने फिर पुछा कि अभी जाओगे या सुबह. मैने धीरे से कहा सुबह. उसने कहा की रात भर रुक रहे हो तो एक बात बता ही देता हूं. रात में 9 बजे के आसपास बॉबी आयेगा तो हम लोग फिर से एक बार नीता के साथ आन्नद लेगे.
तुम बीच में मत पड़ना नही तो मुसीबत में आ जाओगे. हम बाथरूम के बजाए बिस्तर पर ही उसके साथ सब कुछ करेंगे. अगर तुम्हे अच्छा न लगे तो बाहर चले जाना. सुबह पुरे सत्कार के साथ तुम्हे विदा करेंगे. मुझे उसके बातो के विश्वास पर बहुत अचरज हो रहा था.
वो एक पति के सामने ही ये कह रहा था कि वो और उसका रिश्तेदार आज रात में उसकी पत्नी को उसी के सामने भोगेंगे और या तो वो खडे़ होकर देखे या मुंह छुपा कर बाहर भाग जाये. पर मेरी स्थिति मे उसका पलडा़ भारी था, मैने कुछ जवाब नही दिया. वो मुस्कुराया और खाने के बारे में पुछने लगा तो मैने कह दिया कि मुझे खाने का मन नही है.
उसने कहा कि वो समझ सकता है तो उसने नीता के लिए कुछ बंधवाया और हम वापस चले आये. नीता को खाने के लिये दिया तो उसने भी बेमन से थोडा़ ही खाया और बाथरूम जा कर मैक्सी पहन कर आ गई. अमित ने लुंगी पहन ली और मैने भी कपडे़ बदल लिये. नीता निचे ही लेट गई और सोने कि कोशिश करने लगी.
कुछ ही देर मे बॉबी आ गया और उसने अमित से पंजाबी मे थोडी़ बात की. उसके बाद उसने नीता को आवाज लगा और उठने को कहा. नीता उठ कर बैठ गई. उसने नीता को खडे़ होकर पास आने को कहा. नीता मुझे देखने लगी पर मैं कोई प्रतिक्रिया नही कर सका. उसने नीता की तरफ देखा और पास आ कर उसे हाथ से खींच कर उठाया और अपने पास खडा़ कर लिया.
नीता बार बार मुझे ही देख रही थी, बॉबी ने पुच्कारते हुए कहा, “नीता, बाथरूम जाओ और सारे कपडे़ उतार कर आ जाओ.” उसने एक झटके से बॉबी को देखा फिर मुझे देखा. बॉबी ने आगे कहा, “उसे क्या देख रही हो, हमारे आश्रम का नियम है कि चीजो को मिल बांट कर भोगते है, तुम्हारे पति भी आश्रम के सदस्य है तो तुम्हे भी मिल बांट कर भोगेंगे. अब जल्दी जाओ.”
नीता ने फिर मुझे देखा तो मैने सर झुका लिया. वो चुपचाप बाथरूम में घुस गई, २ मिनट मे बाहर आई तो बिलकुल निर्वस्त्र थी. मैं चोर नजरो से उसे देख रहा था. बॉबी ने मुस्कुरा कर उस से बिस्तर पर चित लेटने को कहा. वो थोडा़ झिझकी फिर बिस्तर पर जाकर लेट गई.
बॉबी और अमित से पंजाबी मे थोडी़ बात की और दोनो उसके अगल बगल जा कर लेट गये. दोनो ने उसके एक एक स्तनो को थाम लिया और निप्पल को चुसने लगे. एक एक हाथ नीता के जांघो के बीच रख कर बारी बारी से नीता के योनि मे ऊंगली घुसाते रहे.
कुछ ही देर मे उन्होने नीता के दोनो स्तन थाम लिये और उसके निप्पल को चुसते हुए उसके स्तनो को मसलने लगे. नीता दर्द से कसमसाने लगी. कुछ देर मे पश्चात दोनो संतुष्ट हुए तो उठ कर दोनो ने कपडे़ उतार दिये. पहला नम्बर अमित का था. वो नीता के टांगो को फैला कर उस पर चढ़ गया और कुछ देर तक उसके होंठो को गाल को, गले को चुमता रहा.
फिर उसने अपना लॅंड उसके योनि पर रख कर एक जोर के झटके से उसे अंदर डाल दिया. वेग इतना था की नीता की चीख निकल गई. अमित धीरे धीरे धक्के लगाने लगा, धीरे धीरे धक्को का वेग बढ़ने लगा और साथ ही नीता की कराहे भी और एक चरम पर पहुंचने के बाद अमित ने अपना बीज अंदर छोड़ दिया.
अमित के उठते ही बॉबी नीता के टांगो के बीच आ गया और अपना लॅंड उसके योनि पर रख कर एक जोर के झटके से उसे अंदर डाल दिया. वेग तो बहुत था पर नीता सह गई. बॉबी धीरे धीरे धक्के लगाने लगा. लगभग 15 मिनट के बाद बॉबी ने अपना बीज अंदर छोड़ दिया और खडा़ हो गया.
इस बीच अमित अपने लॅंड को सहला रहा था, बॉबी ने भी अपना लॅंड सहलाना शुरू किया, कुछ ही देर मे लॅंड फिर से तन गया था. मुझे समझ आ रहा था कि उनका एक और राऊंड का विचार था, उन्होने दराज से क्रीम निकाली और अपने अपने लॅंड पर लगाने लगे.
जब पुरी तरह से क्रीम से अपना लॅंड भींगा चुके तो बॉबी ने नीता को टांगो से पकड़ कर बिस्तर के नीचे की तरफ खींचा, नीता कमर तक बिस्तर पर थी और नीता को उलटा लिटा दिया. उसकी टांगे निचे को झुल रही थी. इस से पहले कि मैं या नीता कुछ समझ पाते बॉबी ने अपना लॅंड नीता की गाँड पर लगाया और नीता के स्तनो को अपने दोनो हाथ में कस कर भींच लिया.
उसने एक झटके से अपना पूरा लॅंड नीता की गाँड में अंदर तक घुसा दिया. नीता के मुंह से चीख निकल गई. चीख इतनी तेज थी कि मुझे खुद सिहरन होने लगी. बॉबी कुछ देर रूका रहा जब तक नीता पुरी तरह से शांत नही हो गई. फिर उसने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरी किया.
हर एक धक्को पर नीता की सिसकी निकल रही थी. बॉबी बीच बीच में रूक कर नीता के स्तनो को मसलता और उसके पीठ और कंधो को चुमता. लगभग 20 मिनट के बाद उसने अपना बीज अंदर छोड़ दिया और खडा़ हो गया. उसके हटते ही अमित ने वो जगह ले ली. उसने भी धीरे धीरे धक्के लगाना शुरी किया.
बॉबी की तरह ही अमित भी बीच बीच में रूक कर नीता के स्तनो को मसलता और उसके पीठ और कंधो को चुमता रहा. लगभग 15 मिनट के बाद उसने अपना बीज अंदर छोड़ दिया और खडा़ हो गया. दोनो ने नीता के दोनो छेदो को गीले कपडे़ से पोछा और चित बिस्तर पर लिटा दिया.
दोनो उसके अगल बगल लेट गये और अपना अपना चेहरा नीता के गले के पास रख लिया. बॉबी ने अपना एक हाथ नीता के पेट कर और अमित ने छाती पर रख लिया. दोनो ने अपनी एक एक टांगे नीता की टांगो पर चढा़ दी और बारी बारी से नीता के गाल, गले, और होंठो को चुमते रहे.
बारी बारी से नीता के स्तनो को सहलाते और हलके हाथो से मसलते रहे. अमित ने मुझसे कहा, “सैम, तुम नीचे ही सो जाओ, हम भी सो रहे है.” मैने नीता की तरफ देखा तो बॉबी ने कहा, “इसे हमारे बीच ही सोने दो, बहुत थक गई है, बिस्तर पर अच्छी नींद आयेगी.” मैं बहस नही करना चाहता था इसलिए नीचे ही लेट गया.
रात मे आंख लग गई तो सुबह ही खुली, नीता और बॉबी बिस्तर पर नही थे सिर्फ अमित ही बिस्तर पर लेटा हुआ था. मुझे देख कर बोला, “बॉबी और नीता बाथरूम में नहा रहे है, इसके बाद मैं नहाऊंगा, उसके बाद तुम नहा लेना, अभी ट्रेन के लिए 2 घंटे है. बॉबी तो नही जा पाऐगा पर मैं तुम दोनो को स्टेशन तक छोड़ दुंगा.” मैंने कहा कुछ नही बस सर हीला दिया.
अमित ने आंखे बंद कर ली तो मैं टहलते टहलते बाथरूम के गेट तक पहुंच गया. बाथरूम का गेट आधा खुला हुआ था तो मैने अंदर झांका. अंदर नीता और बॉबी बिना कपडो़ के खडे़ थे. दोनो के बदन भीगे हुए थे और नीता के बदन पर बॉबी साबुन लगा रहा था.
जिस समय मैने अंदर झांका था वो नीता के स्तनो पर साबुन लगा रहा था. साबुन के बहाने वो नीता के स्तनो को कस के मसल रहा था. जब वो पुरी तरह से साबुन लगा चुका तो उसने खुद साबुन लगाया और फिर दोनो नहा लिये. बॉबी बाहर आने को हुआ फिर रुका और उसने नीता को ज़मीन पर लिटा दिया.
वो खुद नीता पर लेट गया और उसकी योनि मे लॅंड घुसा दिया और थोडी़ तेजी से धक्के लगाने लगा. 15 मिनट मे संतुष्ट होने के बाद खुद भी उठा और नीता को भी उठाया और एक बार फिर दोनो नहाये. नहाने के बाद बॉबी ने नीता के और खुद के बदन को पोछा और अपने कमर पर टावेल लपेट लिया.
फिर नीता को गोद में उठा कर बाहर आ गया. मुझे बाथरूम के गेट पर खडा़ देख कर गुर्राते हुए बोला, “खा नही जाऊंगा तुम्हारी पत्नी को जो हर वक्त नजर रखे रहते हो!” अमित ने उसे डपटते हुए कहा, “क्या बॉबी? सैम ने तो अपने भाईचारे का सबूत दिया है, अपनी नई नवेली दुल्हन की नथ उतारने दिया है, और रात भर उसे भोगने भी दिया है. तुम फिर भी उस पर नाराज हुए जा रहे हो.”
बॉबी ने अमित से कहा, “चाचा भाईचारे में नही डर में, और मै क्या कम भाईचारे का सबूत दे रहा हूं, इसकी पत्नी मुझे इसके साथ जाने दे रहा हूं. वरना इसकी पत्नी तो मुझे इतनी पसन्द है कि मै इसे अपनी रखेल बना कर रख लेता, खुद भी इसकी जवानी का रस चुसता और अपने दोस्तो को भी इसकी जवानी चखाता.” न अमित ने कुछ कहा न मैने कुछ कहा.
बॉबी नीता को गोद मे लेकर बैठ गया और अमित बाथरुम में घुस गया. नहा कर बाहर आया तो मुझे अंदर भेज दिया. मैं जल्दी जल्दी नहा कर बाहर आया दो देखा कि बॉबी तैयार होकर जा चुका था और नीता घुटनो के बल बैठी अमित के लॅंड को चुस रही थी.
साफ पता चल रहा था कि ये करने का नीता का बिल्कुल मन नही था और अमित उससे जबरदस्ती ये करवा रहा था. 10 मिनट के बाद अमित नीता के मुंस में ही संखलित हो गया. नीता ने उसका वीर्य बाहर थूक दिया. उसके बाद अमित तैयार हो गया.
मै भी तैयार हो गया पर अमित ने नीता को कपडे़ नही पहनने दिये. उसके बाद सबने बैठ कर नाश्ता किया. नीता बिना कपडो़ के ही बैठ कर नाश्ता की. फिर तैयार होने लगी. उसके बाद हम तीनो स्टेशन पहुंचे. मैंने सामान ट्रेन में रखा और नीता को अंदर बैठा दिया.
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अमित ने मुझे प्लेटफार्म पर बुला लिया और बाते करने लगा. उसने कहा, “सैम, हम जानते है कि ये सब तुम्हारे लिए अच्छा अनुभव नहीं था, पर बॉबी तुम्हरी पत्नी को देख कर सैयम नही रख सका और न ही मैं. अब जो हुआ उसे भूल जाओ और अपनी जिंदगी जियो.” मैने कोई जवाब नही दिया तो उसने आगे कहा, “अच्छा पहलु देखोगे तो नीता को यौन कला में निपुर्ण कर दिये है और उसका हर एक छेद खोल दिये है, तुम्हे किसी भी क्रिया में परेशानी नही होगी.
अब नीता को सम्भोग का स्वाद लग गया है, उसे उपेक्षित मत कर देना, वरना अपने ही घर मे नौकरो के साथ नीता को बाथरूम में पाओगे.” ट्रेन ने सिग्नल दिया तो मैं बिना कुछ बोले ही ट्रेन में चढ़ गया. हनीमून पर जाने के बजाय हम घर वापस आ गये. 2 हफ्ते लगे इस झटके से उबरने में और उसके बाद ही मैने नीता के साथ पहली बार सम्भोग किया. फिर धीरे धीरे आश्रम की यादे धुंधली होती गई और हम अपनी जिंदगी में बस गये.