Purani Teacher Chudai
मेरा नाम मितुल है. मैं जयपुर मे रहता हूँ. मैं आपको एक सच्ची कहानी आपके साथ साझा करने जा रहा हू आपको पसंद आएगा. मैं २३ साल का नौजवान हू, मैं अभी एक अच्छी कंपनी मे जॉब करता हूँ. अब कहानी पे आते है. मैं जब कॉलेज मे था तभी. हुमारे कॉलेज मे एक टीचर थी प्रीति नाम था उनका उनकी उम्र करीब ३५ साल की थी वो बड़ी ही मस्त थी. Purani Teacher Chudai
वो इंग्लीश की क्लास लेती थी. उनकी हाइट कुछ 5’’ फुट थी. लेकिन उनके बूब्स और गांड बहुत बड़े थे. उनकी गांड बाहर निकली थी. जब भी उनका लेक्चर रहता था. मैं उन्हे देखकर तो आपने लंड को सहलाने लगता था. वो मुझे बहुत ही सेक्सी लगती थी. कभी कभार उनका भी ध्यान मेरे तरफ जाता था.
लेकिन वो कुछ बोलती नही थी. ये देखते देखते करीब कई साल गुजर गये मान के चलिए करीब ३ साल मैं मूठ मार के काम चलाया. मेरा कॉलेज ख़तम हुआ और मैं जॉब पे लग गया. और तभी मेरे कुछ डॉक्युमेंट्स कॉलेज मे रह गये थे. उसे लेने के लिए मुझे एक बार कॉलेज जाना पड़ा था.
तो दूसरे दिन मैं चला गया कॉलेज. वाहा जाके कुछ पुरानी यादे ताज़ा हो आई थी. बहुत अच्छा लग रहा था. फिर मैं टीचर्स रूम मे गया. और तभी मेरे सामने वही टीचर खड़ी थी. जिससे मैं सपनो मे लेकर मूठ मरता था. तभी उन्होने मुझे देखा और मैने भी उन्हे देखा. फिर मैने सोचा चलो बात करता हूँ.
मैं: हेलो प्रीति मेडम, पहचाना?
प्रीति मेडम: हाँ.. तुम मितुल हो ना.
मैं: बिल्कुल सही पहचाना मेडम. आप कैसी हो?
मेडम: मैं ठीक हूँ. तुम बताओ आज इतने दीनो बाद कॉलेज की कैसे याद आई.
मैं: अरे मेडम वो कुछ डॉक्युमेंट्स लेने थे. ऑफीस मे देने के लिए.
मेडम: ओके…मितुल..बाकी सब ठीक चल रहा है.
मैं: हाँ मेडम. आप अभी भी वैसी ही हो जैसी पहली थी.
मेडम: श मितुल तुम भी ना..( और मेडम थोडा शर्मा गयी).
मैं: ओके मेडम.. मैं वो डॉक्युमेंट्स लेकर आता हूँ.. बाद मे मिलता हूँ आपसे जाते वक़्त.
मेडम: ओके मितुल ठीक है..बाय.
इसे भी पढ़े – ससुर के लंड से अपनी जिस्म की भूख मिटाई
और मैं वाहा से कॉलेज के ऑफीस रूम मे चला गया और वाहा से मेरे डॉक्युमेंट्स लेके. मैं जाने के निकल रहा था. तभी सोचा एक और बार मिल लेता हूँ प्रीति मेडम से पता नही फिर कब मुलाकात हो उनसे. इसलिए मैं वापस टीचर रूम की तरफ जर आहा था. तभी वो सामने से आ गया.
प्रीति मेडम: हेलो मितुल हो गया तुम्हारा कम?
मैं: हाँ मेडम हो गया बस आपको ही बाय करने आ रहा था.
मेडम: श..सो स्वीट ऑफ उ..आक्च्युयली मैं भी निकल रही थी घर के लिए.
मैने सोचा क्यूँ ना मेडम को लिफ्ट दी जाए और थोडा चान्स भी मिल जाएगा.
मैं: ओके मेडम मैं चोद देता हूँ आपको घर पे मैं बाइक लेकर आया हूँ.
मेडम: ओके मितुल ठीक है मैं अभी आती हूँ.
और फिर थोड़ी देर बाद मेडम आई. और मेरे पीछे बैठ गयी..आहह क्या एहसास था वो & मैं तो बहुत खुश था.. माई ड्रीम लेडी.. मेरी बाइक पे बैठी है..और उन्होने आपना एक हाथ मेरे कंधे पे रखा. फिर हम लोग उनके घर के नोचे पहुच गये. और मैने कहा.
मैं: ओके मेडम, मैं चलता हूँ अब.
मेडम: अरे ऐसे कैसे पहली बार घर आए हो चलो चाय पीके जाना.
मैं: नही मेडम इट्स ओके.. फिर कभी आऊंगा.
मेडम: अरे ऐसे नही चलेगा. मैं मेडम हूँ तुम्हारी मेरा कहा मानना पड़ेगा.
मैं: हाहाहा..ओके..मेडम चलो..
और हम दोनो लिफ्ट से मेडम के घर आगाय..उनके घर मे कोई नही था.. उनके हस्बैंड ऑफीस गये थे और बच्चे स्कूल गये थे.
मैं: श..वाउ आपका घर आपके जैसा ही बहुत खूबसूरत है.
मेडम: थॅंक उ मितुल. तुम बैठो मैं अभी आती हूँ.
और मेडम अंडर चली गयी. मैं तो बैठे बैठे ये सोच रहा था काश कोई मौका मिल जाए जिससे मैं उन्हे चोद साकु. मेरा लंड तो बार बार खड़ा हो रहा था. मैं तो बैचें हो रहा था. फिर मेडम आई और इसबार उन्होने सिर्फ़ एक नाइटी पहनी थी. और वो देखकर तो मेरा लंड तूफान जैसे खड़ा हो गया. और वो मेरे पेंट मे से दिखाने लगा था. मुझे कुछ समाज नही आरहा था.
मैं: मेडम बाथरूम कहा है. मैं फ्रेश हो के आता हूँ.
मेडम: ओके मितुल आओ अन्दर हे.
और मैं उनके पीछे पीछे चला गया. और मैं बाथरूम मे गया तो देखा उनकी पेंटी वही पे पड़ी थी. मैने उसे उठाया और सूंघने लगा…आह…क्या खुश्बू आ रही थी. और वो थोड़ी गीली भी थी. मैने उसे आपने लंड पे रखकर हिलने लगा और वही पे मूठ मरने लगा..लेकिन तभी बाहर से मेडम ने आवाज़ दी. और मैं फ्रेश होके बाहर आ गया.
मेडम: मितुल कोई प्राब्लम है क्या. इतना टाइम लगाया.
मैं: नही मेडम वो ज़रा…
और मेडम की नज़र सीधा मेरे लंड पे गयी जो अभी भी खड़ा था. मैं वाहा से सीधा आके सोफे पे बैठ गया. और मेडम ने मेरी तरफ देख कर एक नॉटी सी स्माइल दी और कहा.
मेडम: आ..ओके तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए चाय बनके लाती हूँ.
और मेडम किचन मे जाके चाय बनके लेके आई. और मेरे ही बाजू मे बैठ गयी. और चाय देने लगी. उनके बूब्स मेरे कंधो को रब कर रहे थे. और मुज़ासे रहा नही जा रहा था.
मैं: मेडम आपके हस्बैंड और बच्चे कब आएँगे.
मेडम: हस्बैंड तो रत को आते बच्चे 6 बजे तक आजाएँगे.
मैं: ओके..मेडम मेडम: और मितुल तुम्हारा कैसे चल रहा है जॉब. कोई गर्ल फ्रेंड पटाई की नही अभी तक.
मेडम के मूह से ये सुनके मैं थोडा शॉक रह गया और उनकी तरफ देखने लगा.
मेडम: अरे मितुल अब तुम बड़े हो गए हो, और ये सब बातें अब नॉर्मल हो गयी है.
मैं: हाँ मेडम वो तो है. नही मेडम अभी तक नही मिली मुझे कोई आपने जैसी.
मेडम: अच्छा तो तुम्हे कैसी लड़की चाहिए.
मैं: अगर बता दूं तो आपको गुस्सा नही आएगा ना.
मेडम: ऑफकोर्स नोट.
और मेडम थोडा और चिपक के बैठ गयी. मैने मेडम की आँखो मे आँखे डाल के कहा.
मैं: मेडम मुझे ना आप जैसी लड़की चाहिए.
मेडम: श..मितुल..ऐसा क्या है मुझमे जो तुम्हे मैं इतनी अच्छी लगती हूँ. इतना कहके और उन्होने आपना हाथ मेरे कंधे पर दल दिया.
मैं: मेडम मैं तो जबसे कॉलेज मे था तब से आप मुझे बहुत अच्छी लगती थी. मैं दीवाना था आपका और आज भी हूँ.
मेडम: अच्छा इसीलिए तुम हर रोज़ मुझे इतना घूर घूर के देखते थे यू नॉटी बॉय.
और उन्होने मुझे आपने गले लगा कर मेरे गाल पर एक पप्पी दे दी. मैं तो होश मे ही नही था. फिर मैं भी उन्हे धीरे धीरे सहलाने लगा था. उनकी आँखे भी अब एकदम नशीली लग रही थी.
इसे भी पढ़े – माँ को गरम करने के लिए शराब ले आया
मेडम: ह..मितुल..और क्या क्या अच्छा लगता है.. तुम्हे मुझमे.. शरमाओ मत जब ही है.. बतादो.
मैं: आपके ये आँखे, आपके कोमल गुलाबी होंठ, आपके….
मेडम: अब बोलो भी ना मितुल..आह..और मत तड़पाओ मुझे और मुझे भी तुम बहुत अच्छे लगते हो..उम्म्माआआ….आआआ.
मैं: मेडम आप सच मे बहुत खूबसूरत है…आपके ये बड़े बड़े बूब्स..कितने अच्छे लगते..और आपकी ये पतली कमर..आ..मेडम…जी तो करता है..बस इन्हे ही देखता रहूं…
मेडम: आ..मितुल तुम्हे कितनी कदर है.. मेरे जिस्म की और मेरे पति तो अभी ध्यान भी नही देते. यू आर सो स्वीट..डियर..और तुम्हे मेरी ये बड़ी गांड कैसी लगती है..जिसे तुम बचपन मे किसी ना किसी बहाने से टच करते थे.
ये बात सुनके मैं थोडा हैरान रह गया.. और मेडम को उठाके आपने सामने खड़ा किया और उनके गांड को मसलने लगा..
मैं: मेडम आपकी गांड तो जन्नत है..देखो कितनी सॉफ्ट है..आआआआआः……जैसे..कोई…रुई की गद्दी हो..अहह….
मेडम: आ…मितुल…तुम आपनी टीचर की गांड को दबा रहे हो.आह….हह….
मैं: हाँ मेडम…आपकी गांड बहुत नरम है..अहह…आह…..आह…ह.ह..ह.बहुत मजा आरहा है…दबाने मे..आआाअघह….
और मैने उनकी नाइटी मे हाथ डालके उनकी गांड को दबाने लगा..ज़ोर ज़ोर से..
मेडम: श..मितुल….दबाओ और ज़ोर से दबाओ मेरी गांड..आह….
और उन्होने आपने हूठ मेरे हूठो पे लगाके किस करने लगी..उससे मुझे और जोश आया और मैं उनकी गांड और ज़ोर से दबाने लगा.. फिर उन्होने मेरा त-शर्ट निकल दिया और मैने उनकी नाइटी भी निकल दी. आह… क्या मम्मे थे उनके एकदम गोरे गोरे. और उसपे ब्राउन कलर के निपल्स… फिर मैने उन्हे सोफे पे लिटाया. और उनको चूमने लगा… उनके हर एक अंग को चूम रहा था.. मुझे पता नही क्या होगया था… मैं पागलों की तरह उन्हे चूमे जा रहा था.
मेडम: आ…ओह…मितुल..इतना प्यार करते थे आपनी प्रीति मेडम से….अहह…
मैं: हहानं मेडम…बहुत श… और मैं उनके बूब्स चूसने लगा…
मेडम: ऑश…चूसो मेरे डियर स्टूडेंट …आ.हह..और ज़ोर से चूसो…भोोट अच्छा लग रहा है…अहह..चूसो मेरी जान चूसो… अहह…
और मैं उनके बूब्स चुसते चुसते उनके पेट और नाभि को भी चूमने लगा… वो सिर्फ़ सिसकियाँ ले रही थी और मेरे बालो को सहला रही थी…ह…कितना सच मिल रहा था..मुझे..फिर मैं…नीचे जाके उनकी पेंटी के उपर से चुत को छूता रहा…
मेडम: आह..मितुल..क्या कर रहे हो…
मैं: आपको प्यार कर रहा हूँ…अहह…उम्म्म्माआआआ……
मेडम: श….मितुल तुमने तो मुझे पागल ही कर दिया है.. अहह…
और मैने उनकी पेंटी नीचे करके …उसे चूसने लगा…अहह….क्या स्वाद था…उनकी चुत..का…
मेडम: आह…मितुल..चूसो….बेटा…और चूसो..बहुत अच्छा लग रहा है…अहह…इतना मजा पहले कभी नही आया था…अहह…..चूसो..और ज़ोर से….अहह…खा जाओ मेरी चुत को..अहह.
करीब 15 से 20मीं तक मैं उनकी चुत को चुसता रहा…अहह…और वो झड गयी.. मैने उनका सारा रस पी लिया..अहह…
मेडम: यू आर सो ग्रेट मितुल. इतना अच्छा. आह… अब चोद दो मुझे…जल्दी से… मितुल… घुसा दो तुम्हारा लंड तुम्हारी टीचर की चुत मे..
मैं: ओके..मी स्वीट मेडम….उम्म्माआआआआअ… मुआाहह….
और मैने आपना लंड उनकी चुत के उपर रख कर रगड़ने लगा….अहह…..
मेडम: आह..मितुल…कितना तड़पाओगे डाल दो ना अन्दर.. आहह… आपनी टीचर की बात नही मनोगे क्या..आअहह…
मैं: हहााआ….मेडम…ज़रूर मानूँगा..अहह….
और मैने उनको वही सोफे पे आधा लिटके उनके दोनो पैर आपने कंधे पर रख एक ज़ोर का धक्का मारा.. मेरा आधा लंड मेडम की चुत मे घुस गया…मेडम की चीख निकल गयी..
मेडम: आआअहह..मितुल..धीरे करो ना… दर्द हो रहा है… बहुत दिनों बाद चुद रही हूँ…ह… धीरे धीरे चोदा…अहह..
फिर मैं उन्हे धीरे धीरे चोदने लगा… और आपनी स्पीड बढाता चला गया..
मैं: ह..मेडम आपकी चुत कितनी नरम और गरम..है..अहह..कितना मजा आरहा है आपको चोदने मे….आह..अहह….काश मैं पहले से….ही आपकी चुदाई..कर पता…अहह………
मेडम: आह….अहह..चोदा मुझे और ज़ोर से चोदा…..आहह….हा मितुल…अगर मैं तुम्हे पहले ही पहचान पति.. तो अब तक कितना मजा किया होता हमने..अहह….
अब मैं उनके बूब्स दबाते दबाते उन्हे चोद रहा था फुल स्पीड मे…अहह…….आआअहह…..उनके रूम मे सिर्फ़ चुदाई की ही आवाज़े आ रही थी…कुछ 20 से 25मीं बाद..मेडम ने कहा…
मेडम: आआअहह….मितुल आई एम कमिंग डियर….डोंट स्टॉप..आह…..फक मे हार्डर बेबी…आह..हार्डर…अहह…आआआआआआआआआआहह……………….
और वो थोडा शांत होके लेती रही..लेकिन मेरा अभी तक बाकी था…
मैं: श..मितुल…कितना स्टॅमिना है..तुममे….आह…लाओ मैं इससे थोडा चूस देती हूँ…
और फिर मेडम ने मेरा लंड..आपने मूह मे लेके चूसने लगी….आह…कितना अच्छा चूस रही थी….पूरा लंड अंडर लेती बाहर निकलती थी…आआ
मैं: आह….मेडम….यू आर सो गुड इन तट….आ..हह….चूसो…और ज़ोर से..आआहह…..
फिर थोड़ी देर बाद मैने उन्हे उठाया और घोड़ी बनाना को कहा उन्हे पता चल गया मैं उनकी गांड मारना चाहता हूँ..
मेडम: आ…मितुल…..तुम्हे मेरी गांड मारनी है…डियर..
मैं: आह..मेडम इसके बिना तो सूब कुछ अधूरा है…और आप जानती हो आप की गांड मुझे कितनी प्यारी लगती है..
मेडम: अहहाअ..बेटा…लेकिन उसके पहले वॅसलीन लगा लेना क्यूंकी मैने कभी मरवाई नही है…और तुम्हे ना भी नही कह सकती..इतने प्यारे हो तुम..
फिर मैने वॅसलीन लिया और उनकी गांड के छेद को लगाया और थोडा मेरे लंड पे लगाया….और उन्हे घोड़ी बनके पीछेसे आपना लंड उनके गांड पे सेट कर दिया…
इसे भी पढ़े – नई दुल्हन हनीमून मनाने जा रही थी मैंने भी पेला
मेडम: बेटा धीरे धीरे करना ….बहुत दर्द होता है, इसमे…
मैं: डोंट वरी मेडम मैं हूँ ना…बहुत प्यार से आपकी गांड मारूँगा…
और मैं.धीरे धीरे मेडम की गांड मे आपना लंड घुसने लगा….पहले पहले मेडम चिल्लाई बाद मे उन्हे भी मजा आने लगा….
मैं: अहह…मेडम सच मे आपकी कितनी कड़क है…चोदने मे बहुत मजा आरहा है..अहह……
मेडम: आह..मितुल….मुझे भी मजा..आ रहा है…चोदा मेरी गांड…को….आआआआअहह……
और मैं ज़ोर ज़ोर से उनकी गांड मरने लगा…आआआअहह….फिर करीब 15 मीं बाद मैं ज़डने को आने लगा..
मैं: आहह…मेडम मेरा निकालने वाला है..कहा निकालु…आआआहह..
मेडम: अंडर ही दाल दो……डियर…
मैं: आआआअहह……
और मेरा पूरा माल मेडम की गांड मे चला गया……..आआआआहह…….फिर हम लोग एकदुसरे पे नंगे ही सोए हुए थे..फिर थोड़ी देर बाद उठकर हमने फिर एक बार चुदाई की…
मेडम: आ..मितुल..सच मे बहुत अच्छा लग रहा है… अब जब भी मुझे तुम्हारी ज़रूरत होगी.. मैं तुम्हे कॉल करूँगी…आओगे ना….
मैं: हाँ मेडम ज़रूर आऊंगा आपकी बात तो माननी ही पड़ेगी ना..
और मैं उस दिन वहाँ से निकल गया.. अब जब भी उन्हे मौका मिलता है.. वो मुझे फोन कर के बुला लेती है… और हम दोनो बहुत एंजाय करते है…