Desi XXX Kahani
देसी चुदाई की कहानी में पढ़े मेरा नाम अजय है और में फरीदाबाद का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 25 साल है और मेरी बॉडी दिखने में एकदम अच्छी है क्योंकि में हर रोज जिम जाता हूँ. में आप सभी का ज़्यादा समय ना लेते हुए सीधे अपनी आज की कहानी पर आता हूँ. वैसे मैंने बहुत सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है. Desi XXX Kahani
लेकिन यह मेरी पहली कहानी है और अगर मुझसे इसमें कोई भी गलती हुई हो तो प्लीज मुझे आप सभी माफ करना. दोस्तों मेरे पापा की म्रत्यु के बाद मेरे परिवार में सिर्फ़ में, मेरी माँ और एक बड़ी बहन थी और यह बात उन दिनों की है जब में 19 साल का था..
उस समय हमारी आमदनी का सिर्फ़ एक ही ज़रिया था रेंट, मतलब कि किराया. दोस्तों हमारे पास 10-12 कमरे थे जिनको हमने किराए पर दे रखा था. और हमारा किराया सबसे कम था इसलिए हमारा एक भी कमरा खाली नहीं था.
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लेकिन हमने कुछ टाईम के बाद ही अपने मकान का किराया बढ़ा दिया. और करीब करीब अधिकतर किरायेदार ज्यादा किराया ना दे पाने की वजह से कमरा खाली करके चले गये. और धीरे धीरे सभी ने अपना अपना कमरा खाली कर दिया और अब हमारी आमदनी का सहारा टूट रहा था. लेकिन भगवान ने हमारी जल्द ही सुन ली.
फिर कुछ दिन में ही एक शादीशुदा जोड़ा आया और वो मेरी माँ से कमरे के किराए के बारे में बात कर रहे थे. लेकिन में कुछ और ही नोटीस कर रहा था वो एक नया नया शादीशुदा जोड़ा था और वो औरत तो.. में उसके बारे में क्या बताऊँ दोस्तों.. क्या मस्त फिगर था उसका?
गोरा रंग, पतली सी कमर, लंबी नाक, लंबे, काले बाल, एकदम गुलाबी होंठ, मस्त मटकती हुई बड़ी गांड, बड़े बड़े बूब्स जिसकी निप्पल उभरी हुई थी. मुझे उसको देखकर लगता था कि उसका पति शायद उसकी गांड बहुत चोदता है.
क्योंकि वो बहुत बड़े आकार की थी और बहुत सेक्सी लगती थी. उसे देखकर मेरा मन कर रहा था कि इसे अभी पकड़कर चोद दूँ. फिर आखिरकार उनको कमरा पसंद आया और वो रहने लगे. क्योंकि सिर्फ़ एक ही कमरा किराए पर चढ़ा था और सभी कमरे अभी तक खाली पड़े हुए थे.
इसलिए छोटी छोटी चीज़ो के लिए वो आंटी हमारे घर आती थी. जैसे कभी दूध लेने, कभी शक्कर लेने और फिर धीरे धीरे हमारी दोस्ती बहुत अच्छी हो गई. क्योंकि आंटी पढ़ी लिखी थी इसलिए वो मुझे मेरे कॉलेज के पहले साल की पढ़ाई में मदद किया करती थी.
और उस समय में पहले साल का स्टूडेंट था और फिर हमारी लंबी गपशप होती थी. धीरे धीरे मेरी और आंटी की अच्छी दोस्ती हो गई. फिर एक दिन माँ को मेरी दीदी के लिए लड़का देखने के लिए हमारे गावं जाना पड़ा और उनके साथ दीदी भी चली गई.
और में 10-15 दिनों के लिए घर पर एकदम अकेला था और में खाना आंटी के घर पर ही खाता था. फिर में उनके पास दिन भर बैठकर गपशप करने लगा. और वो भी मेरे साथ बहुत खुश रहने लगी थी. में उनके गदराए हुए बदन को घूरने लगा में हमेशा उनकी गांड, बूब्स पर ही नजर रखने लगा.
वो जब भी घर का काम करती में उन्हें तिरछी नजर से देखता. यह बात उनको भी पता थी. लेकिन उन्होंने कभी मुझे कुछ नहीं कहा और मुझे आगे बढ़ने का मौका मिलता गया. फिर उसी बीच एक दिन अंकल को भी अचानक से गावं जाना पड़ा.
क्योंकि उनकी बड़ी माँ की म्रत्यु हो गई थी और वो भी 10-15 दिन से पहले नहीं आने वाले थे. और अब बस में और मेरी आंटी ही अकेले रह गये थे और अब अकेला रहने की वजह से मेरे अंदर का शैतान जाग गया.
और में रात में अपने डीवीडी पर ब्लूफिल्म देखता था और आंटी अपने कमरे में अकेली सोती थी. एक दिन की बात है उस दिन सुबह से ही बहुत ज़ोर से बारिश हो रही थी और वो रात होने तक भी रुकने का नाम नहीं ले रही थी.
और आंटी के घर पर में खाना खा चुका था और फिर में अपने कमरे में आकर ब्लू फिल्म देखने लगा. कुछ देर बाद मुझे दरवाजा खटखटाने की आवाज़ सुनाई दी. और मैंने जब दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर कोयल आंटी खड़ी थी.
और वो पूरी तरह बारिश में भीग चुकी थी और उनकी सफेद कलर की साड़ी उनके शरीर से बिल्कुल चिपकी हुई थी. जिसकी वजह से उनके कामुक जिस्म के हर एक अंग का साईज पता चल रहा था. और वो क्या मस्त, सेक्सी लग रही थी.
और उनके बूब्स वाह मुझे उनके बूब्स देखते ही मेरे मुहं में पानी आ गया और मेरी नजरें उनके जिस्म से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी. फिर मैंने थोड़ी देर के बाद होश में आकर उनसे पूछा कि क्या बात है आंटी? तो उन्होंने बताया कि उनके कमरे की लाईट नहीं आ रही है.
तो मैंने कहा कि आप चलो में अभी आकार देख लेता हूँ. दोस्तों में बता दूँ कि हमारे किरायेदारों के कमरे हमारे घर के पीछे है और हमारे घर के आस पास कोई घर नहीं है. पूरा सुनसान इलाक़ा है. सिर्फ़ फार्महाउस ही फार्महाउस हैं.
फिर वो मेरे आगे आगे और में उनके पीछे पीछे उनकी मटकती हुई गांड को देखता हुआ चल रहा था. और मैंने उनके कमरे में जाकर देखा तो एक तार बारिश की वजह से टूट गया था. मैंने उनसे कहा कि आप मेरे कमरे में से प्लायर ले आओ. “Desi XXX Kahani”
और तब तक में अच्छे से देख लेता हूँ कि कहीं और तो कट नहीं है और में थोड़ा ऊपर खड़ा होकर अपना काम करने लगा. कुछ देर के बाद वो प्लायर लेकर आ गई और ठीक मेरे नीचे आकर खड़ी हो गई और मुझे उनके बूब्स की गहराईयां नजर आने लगी.
जिससे मेरी नीयत और भी खराब होने लगी उनको यह सब मालूम था कि में उनको किस नजर से देख रहा हूँ. तभी उन्होंने मुझसे कहा कि काम भी करोंगे या नीचे ही देखते रहोगे और फिर मैंने अपनी नींद से उठकर सभी टूटे हुए तार जोड़ दिए.
और अब उनकी लाईट आ चुकी थी. लेकिन हाए में तो मरा जा रहा था क्योंकि वो मेरे सामने भीगी हुई साड़ी में खड़ी थी. जो गीली होने की वजह से उनके जिस्म से एकदम चिपकी हुई थी और मैंने अपने पर बहुत कंट्रोल किया.
तभी आंटी ने फिर धीरे से कहा कि आप अपने कमरे में क्या देख रहे थे. तो मुझे याद आया कि में जल्दबाजी में अपने कमरे की टीवी बंद करना भूल ही गया था. और जब आंटी मेरे कमरे में प्लायर लेने गई होगी तब उन्होंने वो सब कुछ देख लिया होगा.. ओह !! “Desi XXX Kahani”
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में : प्लीज मुझे माफ़ करना आंटी.. लेकिन प्लीज़ माँ को मत बोलना.
कोयल : कोई बात नहीं इस उम्र में यह सब कुछ होता है. लेकिन में यह सब तुम्हारी माँ को नहीं बोलूँगी अगर तुम मेरा एक काम करोगे तब?
में : हाँ बताओ आंटी वो क्या काम है?
कोयल : ठीक है.. लेकिन पहले कमरे में चलो तब में तुम्हे वो काम बताती हूँ.
फिर में कोयल आंटी के साथ उनकी पतली कमर और बड़ी सी गांड को देखता हुआ उनके कमरे में चला गया.
कोयल : अच्छा तुम मुझे एक बात बताओ जो सब तुम थोड़ी देर पहले टीवी पर देख रहे थे, क्या तुम वो सब कुछ उसी तरह से कर सकते हो?
तभी में यह बात सुनते ही स्वर्ग में पहुंच गया और मैंने कहा कि हाँ क्यों नहीं, आप एक बार मुझे आजमा कर देख लो.. लेकिन उसके लिए आपको हाँ भरनी होगी.
कोयल : मैंने कब मना किया है.
फिर उसके बाद तो हमारा रोमान्स सेक्स के साथ शुरू हो गया और मैंने सही मौका देखकर उनकी भीगी साड़ी उतार फेंकी. और 5 मिनट तक तो बस उनको देखता रहा. उनकी गहरी नाभि, उनके लाल लाल होंठ, उनका गोरा बदन. “Desi XXX Kahani”
और वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्लाउज और पेटिकोट में खड़ी थी. तो उसके बाद में उनके होंठो पर चिपक गया और मैंने उसके होंठ ऐसे चूसे, ऐसे चूसे कि बस हमारे अंदर का सेक्स का तूफान जाग गया. फिर में उनकी गर्दन पर आ गया.
उसके बाद उनके बूब्स से होते हुए उनकी नाभि पर आ गया और 15 मिनट तक उनकी नाभि चूसता रहा. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और आए भी क्यों ना यह मेरा पहला अनुभव था. फिर उसके बाद मैंने उनको दीवार के साथ खड़ा किया और एक एक करके उनके बूब्स दबाने लगा.
और फिर एक एक करके ब्लाउज के सारे बटन खोल दिए क्या बूब्स थे उनके एकदम खरबूजे जैसे. में उन पर टूट पड़ा और चूस चूसकर एकदम लाल कर दिए और आंटी लगातार मोन किये जा रही थी. फिर मैंने उनका पेटिकोट और पेंटी भी उतार दी. “Desi XXX Kahani”
वो पूरी तरह गीली हो चुकी थी और में उनकी उभरी हुई रस से भरी चूत चाटने लगा. तो मैंने उसको इतना चाटा इतना चाटा कि आंटी ने अपने दोनों हाथो से मेरा सर पकड़कर चूत पर दबाना शुरू कर दिया. और कुछ 10 मिनट के बाद उन्होंने पानी छोड़ दिया. “Desi XXX Kahani”
और में सारा पानी चाट गया मुझे बहुत मज़ा आ गया और आंटी तो जानवर बन चुकी थी. और उन्होंने मेरा अंडरवियर उतार फेंका और लंड को बहुत तेज़ी से लॉलीपोप की तरह चूसने लगी. और अब में स्वर्ग में था और करीब 10 मिनट के बाद मैंने भी पानी छोड़ दिया.
अब मैंने उनको बेड पर पटका और उनके ऊपर आ गया और अपना 7 इंच का लंड एक ही धक्के में उनकी चूत में घुसेड़ दिया. और फिर खच खच फ़च फ़च और उनकी आअम्म अह्ह्ह उह्ह्ह्ह से सारा कमरा गूँज उठा.
और फिर मैंने उनकी गांड पर अटेक किया और वो भी डॉगी स्टाईल में और उनकी आअहह उह्ह्ह्ह और चोदो ऐसी आवाज़ें आती रही. फिर कुछ 15 मिनट के बाद मैंने और कोयल आंटी ने एक साथ पानी छोड़ा. “Desi XXX Kahani”
और उस रात मैंने उनको तीन बार और चोदा और वैसे भी बाहर तो बारिश हो रही थी. ऐसे में मौसम बन ही जाता है. दोस्तों सुबह के तीन बजे जाकर हम अलग हुए और ऐसे ही नंगे पड़े रहे और में पूरा दिन उन्ही के घर पर नंगा सोता रहा.
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और उन्होंने भी नंगी रहकर सारा काम किया और मुझे खाना खाने के लिए उठाया. हम दोनों ने खाना खाया और बहुत जूस पिया और फिर मैंने उससे कहा कि मुझे इस जूस का मज़ा नहीं आया. मुझे तुम्हारा जूस अच्छा लगता है.. प्लीज मुझे वही दो. “Desi XXX Kahani”
फिर आंटी ने इंतजार करने को कहा. फिर हमने खाना ख़त्म किया और मैंने उनको अपनी गोद में उठाया और बेड पर फिर से उनकी चूत चाटने लगा और फिर से हमने चुदाई का मज़ा लिया.