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देवर के मोटे लंड से ख़ुशी मिली 2

मई 12, 2022 by hamari

Bhabhi Real Chudai Maza

दोस्तों मैं आपकी लंडखोर ऋतु कैसे है आप लोग. उम्मीद है मेरी पिछली कहानी ने आपके लंड को खड़ा कर दिया होगा अब आगे की कहानी पढ़ कर मुठ मर लीजियेगा. दोस्तों मेरी कहानी की पिछले भाग देवर के मोटे लंड से ख़ुशी मिली 1 में आपने पढ़ा कि मुझे मेरे देवर ने चोदने के लिए नंगी कर लिया था और अपना लंड मेरी चूत में अभी घुसाया ही था कि तभी एक महिला हमारे घर घर में आ गई. अब आगे.. Bhabhi Real Chudai Maza

मैंने देखा कि उसके लंड पर ढेर सारा खून लगा हुआ था. तभी उसने अपने लंड के सुपारे को फिर से मेरी चुत के मुँह पर रखा और पूरे ताकत के साथ जोर का धक्का लगाते हुए अपना पूरा लंड मेरी चुत में घुसाने की कोशिश की.

लेकिन एक धक्के में वो अपना पूरा लंड मेरी चुत में नहीं घुसा पाया. उसने 2 धक्के और लगाए तब कहीं जा कर उसका लंड मेरी चुत में पूरा घुस पाया. मैं दर्द से तड़फते हुए चीखने लगी लेकिन अनमोल कुछ सुन ही नहीं रहा था. पूरा लंड घुसा देने के बाद उसने फिर से एक ही झटके में अपना लंड बाहर निकाल लिया. तभी फिर से कॉलबेल बजी.

मैंने कहा- पहले जा कर देखो तो सही कि कौन है?

वो बोला- अभी जाता हूँ. उसने फिर से 2 धक्के लगाए और अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चुत में घुसा दिया. पूरा लंड मेरी चुत में घुसाने के बाद उसने एक ही झटके से अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया. ऐसा उसने 3-4 बार किया. उसके बाद वो हट गया.

मैं उठना चाहती थी लेकिन दर्द के मारे मैं उठा नहीं पा रही थी. मेरी चुत में बहुत दर्द हो रहा था. मैं सोचने लगी कि अभी तो उसने केवल अपना पूरा लंड ही मेरी चुत में घुसाया है. जब वो अपना पूरा लंड घुसाते हुए मेरी चुदाई करेगा तब मेरा क्या हाल होगा. मैं तो मर ही जाऊंगी.

अनमोल ने लुंगी पहन ली और कहा- तुम बाथरूम में चली जाओ.. मैं देखता हूँ कौन आया है?

मैंने कहा- दर्द के मारे मेरा तो बुरा हाल है. मैं उठ ही नहीं पा रही हूँ और तुम कह रहे हो कि बाथरूम में चली जाओ.

वो बोला- फिर तुम चादर ओढ़ कर लेटी रहो.. मैं जा कर देखता हूँ कि कौन आया है.

मैंने चादर ओढ़ ली. अनमोल दरवाज़ा खोलने चला गया.

थोड़ी ही देर में अनमोल एक औरत के साथ मेरे पास आया. वो औरत बहुत ही खूबसूरत थी.

मैंने पूछा- कौन है ये?

वो बोला- ये करिश्मा है.

करिश्मा ने अनमोल से पूछा- ये तो तुम्हारी भाभी हैं ना?

अनमोल ने कहा- हाँ.

वो बोली- ये चादर ओढ़ कर क्यों लेटी हुई हैं.. तबियत तो ठीक है इनकी?

अनमोल बोला- मैं इनकी तबियत ही ठीक कर रहा था कि तुम आ गईं. मैंने भाभी से बाथरूम में चले जाने को कहा लेकिन ये खड़ी ही नहीं हो पा रही थीं. इसलिए इन्होंने चादर ओढ़ ली है.
इतना कह कर अनमोल ने मेरे ऊपर से चादर हटा दी. करिश्मा मेरी हालत देख कर हंसने लगी.

अनमोल ने कहा- हंस क्यों रही हो. तुम्हारी हालत तो इससे भी ज्यादा खराब हो गई थी.

वो बोली- क्या तुमने अपनी भाभी को आज पहली बार चोदा है?

अनमोल ने कहा- अभी चोदा कहाँ है. अभी तो मैंने केवल अपना पूरा लंड ही इनकी चुत में घुसाया था कि तुम आ गईं.

मैं उस औरत की तरफ सवालिया निगाहों से देखने लगी.

अनमोल ने मुझसे कहा- भाभी, ये करिश्मा है. हमारे पड़ोस में रहती है. इसे मेरा लंड बहुत पसंद है. ये मुझसे चुदवाने आई है.

मैंने कहा- कब से चोद रहे हो इसे?

अनमोल बोला- लगभग 2 साल से.

मैंने पूछा- इसे तुम्हारा लंड अपनी चुत में लेने में तकलीफ़ नहीं होती. तुमने तो अभी मेरी चुत में केवल अपना लंड ही घुसाया भर है और मेरी हालत एकदम खराब हो गई है.

करिश्मा बोली- पहली पहली बार तो अनमोल ने मुझे मार ही डाला था. इसने बड़ी बेरहमी से अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चुत में घुसेड़ दिया था. मैं बहुत चीखी और चिल्लाई थी लेकिन इसने मुझ पर कोई रहम नहीं किया था. मेरी चुत एकदम सूज गई थी और कई जगह से कट फट गई थी.

दो दिनों तक मैं ठीक से चल फिर भी नहीं पाई थी. लेकिन एक बार अनमोल से चुदवाने के बाद मैं अपने आप को रोक नहीं पाई क्योंकि इसने मुझे बहुत ही अच्छी तरह से चोदा था. मुझे अपने पति से चुदवाने में ऐसा मजा कभी नहीं मिला था.

“फिर?”

“फिर दो दिनों तक मैंने अपनी चुत की गर्म पानी से खूब सिकाई की तब कहीं जाकर मैं कुछ चलने फिरने के काबिल हुई. उसके बाद मैं फिर से इसके पास आ गई. इसने मुझे सारा दिन बहुत ही बुरी तरह से चोदा. शाम को जब मैं घर वापस गई तब तक ये मुझे 5 बार चोद चुका था.

उसके बाद से तो मैं इसके लंड की दीवानी हो गई हूँ. आज तुमने भी इसका पूरा लंड अपनी चुत में ले लिया है. अब जब ये तुम्हें चोदेगा तब तुम्हें पता चल जायेगा कि असली चुदाई क्या होती है और उसमें कितना मजा आता है.”

मैंने कहा- मैं भी तो अनमोल से चुदवा कर जवानी का मजा लेना चाहती हूँ. अभी इसने मेरी चुत में अपना पूरा लंड घुसाया ही था कि तुम आ गईं. तुम थोड़ी देर आराम कर लो. पहले मुझे अनमोल से चुदवा लेने दो उसके बाद तुम चुदवा लेना.

करिश्मा बोली- नहीं दीदी, पहले तुम मुझे अनमोल से चुदवा लेने दो. उसके बाद जब अनमोल तुम्हारी चुदाई करेगा तो जल्दी नहीं झड़ेगा और तुम्हें पहली पहली बार की चुदाई में ही पूरा मजा आ जायेगा.

अनमोल बोला- भाभी, करिश्मा ठीक कह रही है. पहले मुझे इसकी चुदाई कर लेने दो. उसके बाद जब मैं तुम्हारी चुदाई करूँगा तब तुम्हें खूब मजा आएगा.

मैंने कहा- जैसा तुम ठीक समझो वैसा करो.

अनमोल ने करिश्मा से कपड़े उतारने को कहा तो उसने अपने कपड़े उतार दिए और एकदम नंगी हो गई. करिश्मा का बदन एकदम गोरा था और वो मुझसे भी ज्यादा खूबसूरत थी.

मैंने अनमोल से कहा- तुम्हारी पसंद तो बहुत ही अच्छी है.

करिश्मा अनमोल के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी. थोड़ी ही देर में अनमोल का लंड खड़ा हो गया. मेरी चुत भी जोश के मारे फिर से गीली होने लगी. मैं भी जल्दी से जल्दी अनमोल से चुदवाना चाहती थी. मैं जानती थी कि अनमोल से चुदवाने में मुझे खूब मजा आएगा. अगर करिश्मा नहीं आई होती तो अब तक अनमोल मेरी चुदाई कर चुका होता.

करिश्मा डॉगी स्टाइल में हो गई तो अनमोल उसके पीछे आ गया. अनमोल ने अपना लंड करिश्मा की चुत में घुसाना शुरू कर दिया. करिश्मा के मुँह सा जरा सी भी आवाज नहीं निकल रही थी. देखते ही देखते अनमोल का पूरा का पूरा लंड उसकी चुत में समा गया. मैं आँखें फाड़े करिश्मा को देखती रही.

पूरा लंड घुसा देने के बाद अनमोल ने करिश्मा की कमर को जोर से पकड़ लिया और बहुत ही जोर जोर के धक्के लगाते हुए उसकी चुदाई करने लगा. अब हर धक्के के साथ करिश्मा के मुँह से “ओह्ह.. आह..” की आवाज निकलने लगी.

दो मिनट में ही करिश्मा पूरी तरह से मस्त हो गई और उसने “और तेज.. और तेज… उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह फाड़ दो मेरी चुत को..” कहते हुए अनमोल से चुदवाना शुरू कर दिया. वो अपने चूतड़ आगे पीछे करते हुए अनमोल का साथ देने लगी थी.

अनमोल भी पूरी ताकत के साथ बहुत जोर जोर के धक्के लगा रहा था. अनमोल का 8″ लम्बा और खूब मोटा लंड करिश्मा की चुत में सटासट अन्दर बाहर हो रहा था. उसकी चुत की फांकों ने अनमोल के लंड को जकड़ रखा था.

अनमोल ने मुझसे पूछा- भाभी, कैसा लग रहा है. अच्छी तरह से चोद रहा हूँ ना?

मैंने कहा- तुम्हारा तो जवाब नहीं है. तुम तो बहुत ही अच्छी तरह से करिश्मा की चुदाई कर रहे हो. मेरी भी चुदाई इसी तरह करना.

अनमोल ने कहा- भाभी, अभी तुमने पूरी तरह से करिश्मा की चुदाई कहाँ देखी है. अब देखो कि मैं करिश्मा के साथ क्या करता हूँ.

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अब तक 10 मिनट गुजर चुके थे. करिश्मा अब तक एक बार झड़ चुकी थी. अनमोल ने अपना लंड करिश्मा की चुत से बाहर निकाला और करिश्मा की गांड में घुसाने लगा. मैं आँखें फाड़े अनमोल के लंड को करिश्मा की गांड में घुसता हुआ देखती रही. थोड़ी ही देर में अनमोल का पूरा का पूरा करिश्मा भाभी की गांड में लंड समा गया.

उसके बाद अनमोल ने बहुत ही बुरी तरह से करिश्मा की गांड मारनी शुरू कर दी. करिश्मा भी पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी. करिश्मा को चुदवाती हुई देख कर मेरी चुत गीली हुई जा रही थी. मैं भी अपनी चुत में उंगली डाल कर अन्दर बाहर करने लगी.

थोड़ी देर बाद अनमोल ने अपना लंड करिश्मा की गांड से बाहर निकाल कर उसकी चुत में डाल दिया और पूरी ताकत के साथ जोर जोर के धक्के लगाते हुए उसकी चुदाई करने लगा. अनमोल बहुत ही अच्छी तरह से करिश्मा की चुदाई कर रहा था और उसकी गांड मार रहा था.

लगभग 15 मिनट की चुदाई के बाद अनमोल ने अपना लंड करिश्मा भाभी की गांड से निकाल कर भाभी की चूत में घुसा दिया और कुछ देर में झड़ गया. करिश्मा भी अब तक 2 बार झड़ चुकी थी. लंड का सारा जूस करिश्मा की चुत में निकाल देने के बाद अनमोल ने अपना लंड उसकी चुत से बाहर निकाला तो करिश्मा ने तुरंत ही उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसके लंड को चाट चाट कर साफ़ करने लगी.

उसके बाद करिश्मा ने अपने कपड़े पहने और मुझसे बोली- दीदी, अब तुम सारा दिन अनमोल से चुदाई का मजा लो. उसके बाद वो घर चली गई. मेरे दिमग में बार बार करिश्मा की चुदाई का सीन घूम रहा था. अनमोल ने करिश्मा को बहुत ही अच्छी तरह से चोदा था.

फिर 15-20 मिनट के बाद अनमोल बोला- भाभी तुम मेरा लंड सहआओ, अब मैं तुम्हारी चुदाई करूँगा. मैं तो अनमोल के लंड की दीवानी हो चुकी थी. मैंने तुरंत ही उसके लंड को हाथ में पकड़ लिया और सहलाने लगी. उसने मेरे मम्मों को मसलते हुए मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया.

थोड़ी ही देर में उसका लंड टाईट हो गया. वो बोला- भाभी अब थोड़ी देर तक तुम लंड को मुँह में लेकर चूसो.. इससे मेरा लंड और ज्यादा टाईट हो जायेगा. मैंने देवर के लंड को अपने मुँह में ले लिया और तेजी के साथ चूसने लगी. मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था. मैं उसका लंड चूसती रही और वो जोश में आकर आहें भरते हुए मेरे मम्मों को मसलता रहा.

थोड़ी ही देर में उसका लंड पूरी तरह से टाईट हो गया. उसके बाद अनमोल मेरे पैरों के बीच आ गया. उसने मेरे पैरों को मोड़ कर मेरे कंधे पर सटा कर दबा दिए. मैं एकदम दोहरी हो गई और मेरी चुत ऊपर उठ गई. मैं इस स्टाइल में भावेश से कई बार चुदवा चुकी थी.

इस स्टाइल में चुदवाने पर भावेश का 3″ लम्बा लंड भी मेरी चुत में ज्यादा गहराई तक घुस जाता था. देवर का लंड तो भावेश के लंड बहुत ज्यादा लम्बा और मोटा था. मैं जानती थी कि मुझे अनमोल से चुदवाने में बहुत ज्यादा तकलीफ़ होने वाली है लेकिन मुझे ये भी मालूम था कि मुझे मजा भी खूब आएगा.

मेरे देवर ने अपने लंड का सुपारा मेरी चुत के मुँह पर रखते हुए कहा- भाभी, आज मैं पहली पहली बार तुम्हारी चुदाई करने जा रहा हूँ. तुम चाहे जितना भी चीखोगी या चिल्लाओगी मैं तुम्हारी एक भी नहीं सुनूंगा क्योंकि इसी तरह की चुदाई में औरत को मजा आता है और वो अपनी पहली पहली बार की चुदाई को सारी जिन्दगी याद करती है. मैं तुम्हारी चुत में पूरा का पूरा लंड घुसाते हुए तुम्हें बहुत ही बुरी तरह से चोदूँगा.

मैंने कहा- अनमोल प्लीज़, ऐसा मत करो. मुझे बहुत दर्द होगा. मैं मर जाऊंगी.

वो बोला- फिर मुझसे चुदवाने का इरादा छोड़ दो. मैं तुम्हें नहीं चोदूँगा.

इतना कह कर उसने अपना लंड मेरी चुत के मुँह पर से हटा लिया. मैं ठीक उसी तरह से तड़फ उठी जैसे कई दिनों के भूखे के सामने से खाने की थाली हटा ली गई हो.

मैंने कहा- अच्छा बाबा, तुम जैसे चाहो मुझे चोदो.. मैं तुम्हें मना नहीं करूँगी.

वो बोला- फिर ठीक है.

उसने अपने लंड का सुपारा फिर से मेरी चुत के मुँह पर रख दिया और अपने सारे बदन का जोर देते हुए एक धक्का मारा. मेरे मुँह से जोर की चीख निकली. मैं दर्द के मारे तड़फने लगी. जबकि मैं उसका पूरा लंड अपनी चुत में एक बार अन्दर ले चुकी थी.

मुझे लग रहा था कि कोई गर्म लोहा मेरी चुत को चीर कर अन्दर घुस गया हो. मेरी चुत का मुँह उसकी सीमा से बहुत ज्यादा फैल गया था. उसने मुझे इस तरह से पकड़ रखा था कि मैं जरा सा भी हिल डुल नहीं पा रही थी. अनमोल का लंड इस एक ही धक्के में मेरी चुत में 4″ तक घुस चुका था.

इसके पहले कि मैं अनमोल को मना कर पाती, उसने फिर से एक बहुत ही जोर का धक्का लगा दिया. मेरा सारा बदन थर थर कांपने लगा. मैं पसीने से नहा गई. मैं दर्द के मारे जोर जोर से चिल्लाने लगी. मैंने अनमोल से रुक जाने को कहा लेकिन अनमोल तो जैसे पागल हो चुका था. वो तो कुछ सुन ही नहीं रहा था.

उसका लंड दूसरे धक्के के साथ ही मेरी चुत में और ज्यादा गहराई तक समा गया. उसने पूरे ताकत के साथ बहुत ही जोर का तीसरा धक्का लगाया. इस धक्के के साथ ही उसका लंड मेरी चूत में पूरा समा गया. पूरा लंड मेरी चुत में घुसा देने के बाद अनमोल रुक गया और मेरे मम्मों को मसलते हुए बोला- क्यों भाभी, मजा आया ना?

मैंने कहा- देवर जी, तुम बड़े बेरहम हो. तुमने तो मुझे मार ही डाला. धीरे धीरे नहीं घुसा सकते थे क्या?

वो बोला- भाभी 3 ही धक्के तो लगाए हैं मैंने. इस तरह से लंड घुसवाने में जो मजा आता है वो मजा धीरे धीरे घुसाने में कहाँ है.

इतना कहने के बाद अनमोल ने धक्के लगाने शुरू कर दिए. मेरी चुत ने उसके लंड को इतनी बुरी तरह से जकड़ रखा था कि वो चाह कर भी तेजी के साथ धक्के नहीं लगा पा रहा था. मुझे भी बहुत तेज दर्द हो रहा था और मेरे मुँह से चीख निकल रही थी.

वो धक्के लगाता रहा.. धीरे धीरे मेरी चुत ने उसके लंड को रास्ता देना शुरू कर दिया. अब मेरा दर्द कुछ कम होने लगा. मैं दर्द के मारे आहें भरती रही और अनमोल धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था. मेरी चुत ने अभी भी उसके लंड को बुरी तरह से जकड़ रखा था, इस वजह से अनमोल का लंड आसानी से मेरी चुत में अन्दर बाहर नहीं हो पा रहा था. वो मुझे धीरे धीरे चोदता रहा.

करीब 5 मिनट की चुदाई के बाद जब मैं झड़ गई तो मेरी चुत गीली हो गई. मेरी चुत ने भी अब अनमोल के लंड को थोड़ा सा रास्ता दे दिया था. अनमोल ने अपनी स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी. मेरा दर्द भी अब बहुत हद तक कम हो चुका था और मुझे भी मजा आने लगा था.

अनमोल अपनी स्पीड बढ़ाता रहा. अब वो पूरे जोश के साथ मुझे चोद रहा था. मैं भी मस्त हो चुकी थी. मैं इसी तरह की चुदाई के लिए इतने दिनों से तड़फ रही थी. फिर 5 मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई. अब मेरी चुत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.

मेरी चुत का ढेर सारा जूस अनमोल के लंड पर भी लग गया था. मेरी चुत ने भी अब अनमोल के लंड से हार मान ली थी और अपना मुँह खोल कर उसके लंड को पूरा रास्ता दे दिया. अब अनमोल का लंड मेरी चुत में सटासट अन्दर बाहर होने लगा था. अनमोल की स्पीड भी अब बहुत तेज हो चुकी थीं.

सारा बेड जोर जोर से हिल रहा था. ऐसा लग रहा था कि जैसे रूम में तूफान आ गया हो. मैं भी जोश में आ कर अपने चूतड़ उठाने की कोशिश कर रही थी लेकिन अनमोल ने मुझे इतनी बुरी तरह से जकड़ रखा था कि मैं चाह कर भी अपने चूतड़ नहीं उठा पा रही थी.

अनमोल जब अपना लंड मेरी चुत में अन्दर घुसाने लगता तो वो मेरे पैरों को मेरे कंधे पर जोर से दबा देता था. ऐसा करने से मेरी चुत एकदम ऊपर उठ जाती थी और उसका लंड मेरी चुत में पूरी गहराई तक घुस जाता था. उसके लंड का सुपारा मेरी बच्चेदानी के मुँह का चुम्बन लेते हुए उसे पीछे की तरफ़ धकेल रहा था.

मुझे इसमें खूब मजा आ रहा था. अनमोल मुझे बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा था. करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद मैं तीसरी बार झड़ गई. मैं पूरे जोश में थी और मेरी जोश भरी सिसकारियां रूम में गूँज रही थीं. मैं अब अनमोल से “और तेज… और तेज.. खूब जोर से.. आह और जोर से…. चोदो.. मुझे.. अनमोल फाड़ दो.. अपनी भाभी की चुत को..आह्ह..” कहते हुए चुदवा रही थी.

अनमोल भी जोश में आ कर आहें भरता हुआ मुझे बहुत बुरी तरह से चोद रहा था. अनमोल ताकतवर तो था ही.. वो बहुत जोर जोर के धक्के लगा रहा था. मेरे बदन का सारे जोड़ हिलने लगे थे. रूम में “धप धप..” और “चप चप..” की आवाज गूँज रही थी. साथ ही साथ पूरा बेड जोर जोर से हिल रहा था.

लम्बी चुदाई के बाद जब अनमोल मेरी चुत में झड़ गया तो मैं भी उसके साथ ही साथ चौथी बार झड़ गई. उसने मेरे पैर छोड़ दिए और अपना लंड मेरी चुत में ही पेले हुए मेरे ऊपर लेट गया. उसका लंड और मेरी चुत हम दोनों के जूस से एकदम भीग चुका था.

ढेर सारा जूस बेड की चादर पर भी लग गया था और मेरी जाँघों पर भी. अनमोल मेरे ऊपर ही लेटा रहा. हम दोनों एक दूसरे को चूमते रहे. मैं अनमोल की पीठ और कमर को सहलाती रही. वो मेरे होंठों को चूमता रहा और मेरी चूचियों को मसलता रहा.

मेरा चोदू देवर मुझसे कहने लगा- भाभी, तुमने भैया से भले ही बहुत बार चुदवाया है लेकिन तुम्हारी चुत मेरे लंड के लिए किसी कुंवारी चुत से कम नहीं थी. भैया तो तुम्हें औरत नहीं बना पाए थे लेकिन मैंने तुम्हें अब लड़की से आधी औरत बना दिया है.

मैंने कहा- आधी क्यों? अब तो तुमने मुझे पूरी तरह से औरत बना दिया है.

वो बोला- अभी मैंने तुम्हें पूरी तरह से औरत कहाँ बनाया है. थोड़ी देर बाद मैं तुम्हें पूरी तरह से औरत बना दूँगा.

मैंने कहा- वो कैसे?

वो बोला- तुमने देखा था ना कि मैंने करिश्मा की गांड और चुत दोनों को बुरी तरह से चोदा था. अभी तो मैंने केवल तुम्हारी चुत की ही चुदाई की है. जब मैं तुम्हारी गांड भी मार लूँगा, तब तुम पूरी तरह से औरत बन जाओगी.

मैंने कहा- प्लीज़.. ऐसा मत करो. मेरी चुत में पहले से ही बहुत दर्द हो रहा है. अगर तुम आज ही मेरी गांड भी मार दोगे तो मैं तो बेड पर से उठने के काबिल भी नहीं रह जाऊंगी.

वो बोला- तो क्या हुआ.. मैं तुम्हें आज पूरी तरह से औरत बना कर ही दम लूँगा.

फिर 15 मिनट गुजर गए तो अनमोल का लंड मेरी चुत में ही फिर से खड़ा होने लगा. जैसे ही उसका लंड खड़ा हुआ उसने फिर से मेरी चुदाई शुरू कर दी. इस बार मुझे बहुत हल्का सा दर्द ही हो रहा था क्योंकि उसने अपना लंड मेरी चुत से बाहर ही नहीं निकाला था.

इस बार मुझे मजा खूब आ रहा था. अनमोल पूरे जोश और ताकत के साथ जोर जोर के धक्के लगाता हुआ मुझे चोद रहा था. मैं 2 मिनट में ही एकदम मस्त हो गई थी और चूतड़ उठा उठा कर देवर से चुदवाने लगी.करीब 5 मिनट की चुदाई के बाद जब मैं झड़ गई तो अनमोल ने अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाल लिया.

उसका लंड मेरी चुत के जूस से एकदम भीगा हुआ था. उसने मुझे डॉगी स्टाइल में कर दिया. उसके बाद उसने अपने लंड का सुपारा मेरी गांड के छेद पर रख दिया और मेरी कमर को जोर से पकड़ लिया. मैं डर गई क्योंकि अब मुझे बहुत ज्यादा तकलीफ़ होने वाली थी. उसके बाद उसने एक धक्का मारा तो मेरी तो जान ही निकल गई.

उसके लंड का सुपारा मेरी गांड को चीरता हुआ अन्दर घुस गया. मैं दर्द के मारे जोर जोर से चीखने लगी. तभी उसने दूसरा धक्का लगा दिया. इस बार का धक्का इतने जोर का था कि मैं दर्द के मारे तड़फ उठी. मैं बहुत ही बुरी तरह से चीखने लगी. उसका लंड इस धक्के के साथ ही मेरी गांड में 4″ तक घुस गया.

मैं सिसकारियां लेने लगी. मैंने कहा- अपना लंड बाहर निकाल लो नहीं तो मैं मर जाऊंगी. बहुत दर्द हो रहा है. प्लीज, मेरी गांड मत मारो, मेरी गांड फट जाएगी.

अनमोल ने एक झटके से अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाल कर मेरी चुत में घुसेड़ दिया. उसके बाद उसने मेरी चुदाई शुरू कर दी. मुझे थोड़ी ही देर में फिर से मजा आने लगा और मैं गांड के दर्द को भूल गई. फिर 5 मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई तो उसका लंड फिर से गीला हो गया.

उसने अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाल कर एक झटके से मेरी गांड में डाल दिया. मेरे मुँह से जोर की चीख निकली. लेकिन उस बेरहम देवर ने इसके बाद जोर का दूसरा धक्का लगा दिया. इस धक्के के साथ ही उसका लंड मेरी गांड में और ज्यादा गहराई तक घुस गया.

मैं जोर से चिल्लाई- अनमोल, मैं मर जाऊंगी.

वो बोला- शांत हो जाओ.. क्या तुमने आज तक कभी सुना है कि किसी औरत कि मौत चुदवाने से या गांड मरवाने से हुई है?

मैंने कहा- नहीं.

वो बोला- फिर घबराओ मत, तुम मरोगी नहीं केवल दर्द बहुत होगा. उसके बाद तो तुम खुद ही रोज रोज मुझसे गांड भी मरवाओगी और चुत की चुदाई भी करवाओगी.

इतना कहने के बाद उसने पूरी ताकत के साथ फिर से एक धक्का मारा. मेरा बदन पसीने से लथपथ हो गया. मेरी आँखों के सामने अंधेरा छाने लगा. मैं दर्द के मारे जोर जोर से चीखने लगी. अनमोल ने मेरे ऊपर जरा सा रहम नहीं किया और बहुत जोरदार एक धक्का और लगा दिया. इस धक्के के साथ ही उसका पूरा का पूरा लंड मेरी गांड में समा गया.

मैं बुक्का फाड़ कर सिसकारियां लेने लगी थी और मेरी आँखों से बह रहे थे. उसने मुझे बिना कोई मौका दिए ही अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया और फिर एक झटके वापस मेरी गांड में घुसेड़ दिया. मैं फिर से चीखी.. लेकिन उसने मेरी चीख पर कोई भी ध्यान नहीं दिया और ना ही मुझ पर कोई रहम ही किया.

उसने ऐसा 4-5 बार किया. मैंने देखा कि उसका लंड सना हुआ था. मेरी गांड की हालत एकदम खराब हो चुकी थी. अनमोल ने मेरी गांड में अपना मूसल पेल दिया था. कुछ देर बाद उसने अपना लंड मेरी चुत में घुसा कर मेरी चुदाई शुरू कर दी. थोड़ी ही देर में मैं फिर से सारा दर्द भूल गई और मुझे मजा आने लगा.

दस मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई. मेरे देवर ने अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाला और मेरी गांड में घुसेड़ दिया. मैं फिर से चिल्लाई.. लेकिन इस बार अनमोल रुका नहीं. उसने तेजी के साथ मेरी गांड मारनी शुरू कर दी.

लगभग 5 मिनट तक मैं चीखती रही. फिर धीरे धीरे शांत हो गई. अब मुझे गांड मरवाने में भी मजा आने लगा था. अगले दस मिनट तक मेरी गांड मारने के बाद अनमोल ने अपना लंड मेरी चुत में घुसा दिया और मेरी चुदाई करने लगा. मैं एकदम मस्त हो चुकी थी और सिसकारियां भरने लगी थी.

कुछ मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई तो अनमोल ने अपना लंड मेरी चुत से निकाल कर मेरी गांड में डाल दिया. उसके बाद उसने तेजी के साथ मेरी गांड मारनी शुरू कर दी. देर तक मेरी गांड मारने के बाद जब वो झड़ने को हुआ तो उसने अपना लंड मेरी गांड से निकाल कर वापस मेरी चुत में डाल दिया. उसके बाद उसने बहुत ही बुरी तरह से मेरी चुदाई करनी शुरू कर दी.

मुझे खूब मजा आ रहा था. लगभग 10 मिनट तक मुझे बहुत ही अच्छी तरह से चोदने के बाद वो मेरी चुत में ही झड़ गया. थोड़ी देर बाद जब उसने अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाला तो मैंने कहा- अब तो तुमने मुझे पूरी तरह से औरत बना दिया.

वो बोला- अभी कहाँ.

मैंने कहा- अब क्या बाक़ी है?

वो बोला- अभी मैंने ठीक से तुम्हारी गांड कहाँ मारी है. मैं तो अभी तुम्हारी गांड को ढीला कर रहा था. अगली बार मैं केवल तुम्हारी गांड मारूंगा और अपने लंड का सारा जूस तुम्हारी गांड में निकाल दूँगा. उसके बाद तुम पूरी तरह से औरत बन जाओगी.

फिर पौन घंटे के बाद अनमोल का लंड खड़ा हो गया तो उसने मेरी गांड मारनी शुरू कर दी. पहले तो मुझे बहुत दर्द हुआ लेकिन थोड़ी ही देर बाद मेरा सारा दर्द खत्म हो गया. अनमोल बहुत बुरी तरह से मेरी गांड मार रहा था. मैं भी अब मस्त हो चुकी थी. मुझे भी अब खूब मजा आ रहा था. मैं नहीं जानती थी कि गांड मरवाने में भी इतना मजा आता है.

इस बार उसने मेरी चुत को छुआ तक नहीं, केवल मेरी गांड मारता रहा. उसने लगभग 45 मिनट तक खूब जम कर मेरी गांड मारी और फिर मेरी गांड में ही झड़ गया. इस दौरान जोश के मारे मेरी चुत से 2 बार पानी भी निकल चुका था. लंड का सारा जूस मेरी गांड में निकाल देने के बाद अनमोल हट गया और मेरे बगल में लेट गया.

मैंने मुस्कुराते हुए कहा- अब तो मैं पूरी तरह से औरत बन गई हूँ या अभी कुछ और भी बाक़ी है?

वो बोला- नहीं भाभी, अब तो मैंने तुम्हें पूरी तरह से औरत बना दिया है.

मैं मुस्कुरा दी.

वो बोला- शादी में लड़का लड़की की माँग में सिंदूर भरता है.. बोलो, भरता है या नहीं?

मैंने कहा- हाँ, भरता है.

“उसके बाद वो लड़की उस लड़के के साथ सुहागरात मनाती है. बोलो मनाती है या नहीं?”

मैंने कहा- हाँ मनाती है.

वो बोला- जब लड़के का लंड पहली बार लड़की की चुत में घुसता है तब खून निकलता है. निकलता है या नहीं?

मैंने कहा- हाँ निकलता तो है.

वो बोला- वो खून नहीं होता. लड़की की चुत लड़के के लंड को अपने खून का टीका लगा कर उस लड़के के लंड से शादी कर लेती है. उसके बाद वो लड़की लड़की नहीं रहती, औरत बन जाती है. मैंने तुम्हारी चुत में अपना लंड घुसाया तो तुम्हारी चुत ने मेरे लंड को अपने खून का टीका लगाया और मेरे लंड से शादी कर ली.

उसके बाद जब मैंने तुम्हारी गांड में अपना लंड घुसाया तो तुम्हारी गांड ने भी मेरे लंड को अपने खून का टीका लगाया और मेरे लंड से शादी कर ली. अब मेरा लंड तुम्हारी चुत और गांड का पति हो गया है और तुम पूरी तरह से औरत बन गई हो.

मैंने कहा- लेकिन तुम्हारे भैया ने जब अपना लंड पहली बार मेरी चुत में घुसाया था तो उनके लंड को मेरी चुत ने खून का टीका नहीं लगाया था.

अनमोल बोला- तुम्हारी चुत ने भैया के लंड को खून का टीका इसलिए नहीं लगाया था क्योंकि उनका लंड बहुत छोटा था और तुम्हारी चुत को भैया का लंड पसंद नहीं आया था. तुम्हारी चुत और गांड ने मेरे लंड को अपने खून का टीका इसलिए लगाया क्योंकि तुम्हारी गांड और चुत को मेरा लंड पसंद आ गया था.

उसकी बात सुन कर मैं जोर जोर से हंसने लगी. मेरे साथ ही साथ वो भी हंसने लगा. सारा दिन अनमोल मेरी चुदाई करता रहा और मेरी गांड मारता रहा. शाम के 5 बजे भावेश का फोन आया कि ऑफिस में कुछ काम होने की वजह से वो रात के 11 बजे तक आएंगे. यह सुन कर अनमोल खुश हो गया और मुझे भी मजा आ गया.

रात के 11 बजे तक अनमोल ने मुझे 5 बार चोदा और 3 बार मेरी गांड मारी. मुझे आज पहली बार जवानी का असली मजा मिला था और मैं एकदम मस्त हो गई थी. रात के 11 बजे भावेश वापस आ गए. मेरी गांड और चुत बुरी तरह से सूज गई थी. मैं बेड पर से उठने के काबिल ही नहीं रह गई थी.

अनमोल दरवाज़ा खोलने गया तो मैंने एक चादर ओढ़ ली. दरवाज़ा खोलने के बाद अनमोल अपने रूम में चला गया. भावेश मेरे पास आए. उन्होंने मुझे चादर ओढ़ कर लेटे हुए देखा तो बोले- क्या हुआ? मैंने कहा- वही जो होना चाहिए था. मैंने आज अनमोल से सारा दिन खूब जम कर चुदवाया है. उसने मेरी गांड भी मारी है. आज मुझे जवानी का असली मजा मिला है जो कि तुम मुझे कभी नहीं दे सकते थे.

वो बोले- चलो अच्छा ही हुआ. अब तुम्हें सारी जिन्दगी अनमोल से मजा मिलता रहेगा. तुम्हें कहीं इधर उधर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अनमोल से चुदवा कर खुश हो ना? मैंने कहा- हाँ, मैं बहुत खुश हूँ. उसने मुझे बहुत ही अच्छी तरह से चोदा है. मैं अनमोल से चुदवाने के बाद पूरी तरह से संतुष्ट हूँ. तभी भावेश ने मेरे ऊपर से चादर खींच ली और मेरी चुत और गांड को देखने लगे. वो बोले- तुम्हारी चुत और गांड की हालत तो एकदम खराब हो गई है.

बेड की चादर भी तुम दोनों के जूस से और खून से एकदम भीग कर खराब हो चुकी है. मैंने कहा- हाँ, मैं जानती हूँ. मैं इस चादर को साफ़ नहीं करूँगी. इससे मेरी यादें जुड़ी हुई हैं. मैं इसे सारी जिन्दगी अपने पास सम्भाल कर रखूँगी. वो बोले- ठीक है, रख लेना. उसके बाद भावेश ने भी मेरी चुदाई की. अनमोल के लंड ने मेरी चुत को इतना ज्यादा चौड़ा कर दिया था कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब उनका लंड मेरी चुत में घुसा और कब बाहर निकल गया. उसके बाद हम सो गए.

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दोस्तों मैं आपकी लंडखोर ऋतु कैसे है आप लोग. उम्मीद है मेरी पिछली कहानी ने आपके लंड को खड़ा कर दिया होगा अब आगे की कहानी पढ़ कर मुठ मर लीजियेगा. दोस्तों मेरी कहानी की पिछले भाग देवर के मोटे लंड से ख़ुशी मिली 1 में आपने पढ़ा कि मुझे मेरे देवर ने चोदने के लिए नंगी कर लिया था और अपना लंड मेरी चूत में अभी घुसाया ही था कि तभी एक महिला हमारे घर घर में आ गई. अब आगे..

मैंने देखा कि उसके लंड पर ढेर सारा खून लगा हुआ था. तभी उसने अपने लंड के सुपारे को फिर से मेरी चुत के मुँह पर रखा और पूरे ताकत के साथ जोर का धक्का लगाते हुए अपना पूरा लंड मेरी चुत में घुसाने की कोशिश की.

लेकिन एक धक्के में वो अपना पूरा लंड मेरी चुत में नहीं घुसा पाया. उसने 2 धक्के और लगाए तब कहीं जा कर उसका लंड मेरी चुत में पूरा घुस पाया. मैं दर्द से तड़फते हुए चीखने लगी लेकिन अनमोल कुछ सुन ही नहीं रहा था. पूरा लंड घुसा देने के बाद उसने फिर से एक ही झटके में अपना लंड बाहर निकाल लिया. तभी फिर से कॉलबेल बजी.

मैंने कहा- पहले जा कर देखो तो सही कि कौन है?

वो बोला- अभी जाता हूँ. उसने फिर से 2 धक्के लगाए और अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चुत में घुसा दिया. पूरा लंड मेरी चुत में घुसाने के बाद उसने एक ही झटके से अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया. ऐसा उसने 3-4 बार किया. उसके बाद वो हट गया.

मैं उठना चाहती थी लेकिन दर्द के मारे मैं उठा नहीं पा रही थी. मेरी चुत में बहुत दर्द हो रहा था. मैं सोचने लगी कि अभी तो उसने केवल अपना पूरा लंड ही मेरी चुत में घुसाया है. जब वो अपना पूरा लंड घुसाते हुए मेरी चुदाई करेगा तब मेरा क्या हाल होगा. मैं तो मर ही जाऊंगी.

अनमोल ने लुंगी पहन ली और कहा- तुम बाथरूम में चली जाओ.. मैं देखता हूँ कौन आया है?

मैंने कहा- दर्द के मारे मेरा तो बुरा हाल है. मैं उठ ही नहीं पा रही हूँ और तुम कह रहे हो कि बाथरूम में चली जाओ.

वो बोला- फिर तुम चादर ओढ़ कर लेटी रहो.. मैं जा कर देखता हूँ कि कौन आया है.

मैंने चादर ओढ़ ली. अनमोल दरवाज़ा खोलने चला गया.

थोड़ी ही देर में अनमोल एक औरत के साथ मेरे पास आया. वो औरत बहुत ही खूबसूरत थी.

मैंने पूछा- कौन है ये?

वो बोला- ये करिश्मा है.

करिश्मा ने अनमोल से पूछा- ये तो तुम्हारी भाभी हैं ना?

अनमोल ने कहा- हाँ.

वो बोली- ये चादर ओढ़ कर क्यों लेटी हुई हैं.. तबियत तो ठीक है इनकी?

अनमोल बोला- मैं इनकी तबियत ही ठीक कर रहा था कि तुम आ गईं. मैंने भाभी से बाथरूम में चले जाने को कहा लेकिन ये खड़ी ही नहीं हो पा रही थीं. इसलिए इन्होंने चादर ओढ़ ली है.
इतना कह कर अनमोल ने मेरे ऊपर से चादर हटा दी. करिश्मा मेरी हालत देख कर हंसने लगी.

अनमोल ने कहा- हंस क्यों रही हो. तुम्हारी हालत तो इससे भी ज्यादा खराब हो गई थी.

वो बोली- क्या तुमने अपनी भाभी को आज पहली बार चोदा है?

अनमोल ने कहा- अभी चोदा कहाँ है. अभी तो मैंने केवल अपना पूरा लंड ही इनकी चुत में घुसाया था कि तुम आ गईं.

मैं उस औरत की तरफ सवालिया निगाहों से देखने लगी.

अनमोल ने मुझसे कहा- भाभी, ये करिश्मा है. हमारे पड़ोस में रहती है. इसे मेरा लंड बहुत पसंद है. ये मुझसे चुदवाने आई है.

मैंने कहा- कब से चोद रहे हो इसे?

अनमोल बोला- लगभग 2 साल से.

मैंने पूछा- इसे तुम्हारा लंड अपनी चुत में लेने में तकलीफ़ नहीं होती. तुमने तो अभी मेरी चुत में केवल अपना लंड ही घुसाया भर है और मेरी हालत एकदम खराब हो गई है.

करिश्मा बोली- पहली पहली बार तो अनमोल ने मुझे मार ही डाला था. इसने बड़ी बेरहमी से अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चुत में घुसेड़ दिया था. मैं बहुत चीखी और चिल्लाई थी लेकिन इसने मुझ पर कोई रहम नहीं किया था. मेरी चुत एकदम सूज गई थी और कई जगह से कट फट गई थी.

दो दिनों तक मैं ठीक से चल फिर भी नहीं पाई थी. लेकिन एक बार अनमोल से चुदवाने के बाद मैं अपने आप को रोक नहीं पाई क्योंकि इसने मुझे बहुत ही अच्छी तरह से चोदा था. मुझे अपने पति से चुदवाने में ऐसा मजा कभी नहीं मिला था.

“फिर?”

“फिर दो दिनों तक मैंने अपनी चुत की गर्म पानी से खूब सिकाई की तब कहीं जाकर मैं कुछ चलने फिरने के काबिल हुई. उसके बाद मैं फिर से इसके पास आ गई. इसने मुझे सारा दिन बहुत ही बुरी तरह से चोदा. शाम को जब मैं घर वापस गई तब तक ये मुझे 5 बार चोद चुका था.

उसके बाद से तो मैं इसके लंड की दीवानी हो गई हूँ. आज तुमने भी इसका पूरा लंड अपनी चुत में ले लिया है. अब जब ये तुम्हें चोदेगा तब तुम्हें पता चल जायेगा कि असली चुदाई क्या होती है और उसमें कितना मजा आता है.”

मैंने कहा- मैं भी तो अनमोल से चुदवा कर जवानी का मजा लेना चाहती हूँ. अभी इसने मेरी चुत में अपना पूरा लंड घुसाया ही था कि तुम आ गईं. तुम थोड़ी देर आराम कर लो. पहले मुझे अनमोल से चुदवा लेने दो उसके बाद तुम चुदवा लेना.

करिश्मा बोली- नहीं दीदी, पहले तुम मुझे अनमोल से चुदवा लेने दो. उसके बाद जब अनमोल तुम्हारी चुदाई करेगा तो जल्दी नहीं झड़ेगा और तुम्हें पहली पहली बार की चुदाई में ही पूरा मजा आ जायेगा.

अनमोल बोला- भाभी, करिश्मा ठीक कह रही है. पहले मुझे इसकी चुदाई कर लेने दो. उसके बाद जब मैं तुम्हारी चुदाई करूँगा तब तुम्हें खूब मजा आएगा.

मैंने कहा- जैसा तुम ठीक समझो वैसा करो.

अनमोल ने करिश्मा से कपड़े उतारने को कहा तो उसने अपने कपड़े उतार दिए और एकदम नंगी हो गई. करिश्मा का बदन एकदम गोरा था और वो मुझसे भी ज्यादा खूबसूरत थी.

मैंने अनमोल से कहा- तुम्हारी पसंद तो बहुत ही अच्छी है.

करिश्मा अनमोल के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी. थोड़ी ही देर में अनमोल का लंड खड़ा हो गया. मेरी चुत भी जोश के मारे फिर से गीली होने लगी. मैं भी जल्दी से जल्दी अनमोल से चुदवाना चाहती थी. मैं जानती थी कि अनमोल से चुदवाने में मुझे खूब मजा आएगा. अगर करिश्मा नहीं आई होती तो अब तक अनमोल मेरी चुदाई कर चुका होता.

करिश्मा डॉगी स्टाइल में हो गई तो अनमोल उसके पीछे आ गया. अनमोल ने अपना लंड करिश्मा की चुत में घुसाना शुरू कर दिया. करिश्मा के मुँह सा जरा सी भी आवाज नहीं निकल रही थी. देखते ही देखते अनमोल का पूरा का पूरा लंड उसकी चुत में समा गया. मैं आँखें फाड़े करिश्मा को देखती रही.

पूरा लंड घुसा देने के बाद अनमोल ने करिश्मा की कमर को जोर से पकड़ लिया और बहुत ही जोर जोर के धक्के लगाते हुए उसकी चुदाई करने लगा. अब हर धक्के के साथ करिश्मा के मुँह से “ओह्ह.. आह..” की आवाज निकलने लगी.

दो मिनट में ही करिश्मा पूरी तरह से मस्त हो गई और उसने “और तेज.. और तेज… उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह फाड़ दो मेरी चुत को..” कहते हुए अनमोल से चुदवाना शुरू कर दिया. वो अपने चूतड़ आगे पीछे करते हुए अनमोल का साथ देने लगी थी.

अनमोल भी पूरी ताकत के साथ बहुत जोर जोर के धक्के लगा रहा था. अनमोल का 8″ लम्बा और खूब मोटा लंड करिश्मा की चुत में सटासट अन्दर बाहर हो रहा था. उसकी चुत की फांकों ने अनमोल के लंड को जकड़ रखा था.

अनमोल ने मुझसे पूछा- भाभी, कैसा लग रहा है. अच्छी तरह से चोद रहा हूँ ना?

मैंने कहा- तुम्हारा तो जवाब नहीं है. तुम तो बहुत ही अच्छी तरह से करिश्मा की चुदाई कर रहे हो. मेरी भी चुदाई इसी तरह करना.

अनमोल ने कहा- भाभी, अभी तुमने पूरी तरह से करिश्मा की चुदाई कहाँ देखी है. अब देखो कि मैं करिश्मा के साथ क्या करता हूँ.

अब तक 10 मिनट गुजर चुके थे. करिश्मा अब तक एक बार झड़ चुकी थी. अनमोल ने अपना लंड करिश्मा की चुत से बाहर निकाला और करिश्मा की गांड में घुसाने लगा. मैं आँखें फाड़े अनमोल के लंड को करिश्मा की गांड में घुसता हुआ देखती रही. थोड़ी ही देर में अनमोल का पूरा का पूरा करिश्मा भाभी की गांड में लंड समा गया.

उसके बाद अनमोल ने बहुत ही बुरी तरह से करिश्मा की गांड मारनी शुरू कर दी. करिश्मा भी पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी. करिश्मा को चुदवाती हुई देख कर मेरी चुत गीली हुई जा रही थी. मैं भी अपनी चुत में उंगली डाल कर अन्दर बाहर करने लगी.

थोड़ी देर बाद अनमोल ने अपना लंड करिश्मा की गांड से बाहर निकाल कर उसकी चुत में डाल दिया और पूरी ताकत के साथ जोर जोर के धक्के लगाते हुए उसकी चुदाई करने लगा. अनमोल बहुत ही अच्छी तरह से करिश्मा की चुदाई कर रहा था और उसकी गांड मार रहा था.

लगभग 15 मिनट की चुदाई के बाद अनमोल ने अपना लंड करिश्मा भाभी की गांड से निकाल कर भाभी की चूत में घुसा दिया और कुछ देर में झड़ गया. करिश्मा भी अब तक 2 बार झड़ चुकी थी. लंड का सारा जूस करिश्मा की चुत में निकाल देने के बाद अनमोल ने अपना लंड उसकी चुत से बाहर निकाला तो करिश्मा ने तुरंत ही उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसके लंड को चाट चाट कर साफ़ करने लगी.

उसके बाद करिश्मा ने अपने कपड़े पहने और मुझसे बोली- दीदी, अब तुम सारा दिन अनमोल से चुदाई का मजा लो. उसके बाद वो घर चली गई. मेरे दिमग में बार बार करिश्मा की चुदाई का सीन घूम रहा था. अनमोल ने करिश्मा को बहुत ही अच्छी तरह से चोदा था.

फिर 15-20 मिनट के बाद अनमोल बोला- भाभी तुम मेरा लंड सहआओ, अब मैं तुम्हारी चुदाई करूँगा. मैं तो अनमोल के लंड की दीवानी हो चुकी थी. मैंने तुरंत ही उसके लंड को हाथ में पकड़ लिया और सहलाने लगी. उसने मेरे मम्मों को मसलते हुए मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया.

थोड़ी ही देर में उसका लंड टाईट हो गया. वो बोला- भाभी अब थोड़ी देर तक तुम लंड को मुँह में लेकर चूसो.. इससे मेरा लंड और ज्यादा टाईट हो जायेगा. मैंने देवर के लंड को अपने मुँह में ले लिया और तेजी के साथ चूसने लगी. मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था. मैं उसका लंड चूसती रही और वो जोश में आकर आहें भरते हुए मेरे मम्मों को मसलता रहा.

थोड़ी ही देर में उसका लंड पूरी तरह से टाईट हो गया. उसके बाद अनमोल मेरे पैरों के बीच आ गया. उसने मेरे पैरों को मोड़ कर मेरे कंधे पर सटा कर दबा दिए. मैं एकदम दोहरी हो गई और मेरी चुत ऊपर उठ गई. मैं इस स्टाइल में भावेश से कई बार चुदवा चुकी थी.

इस स्टाइल में चुदवाने पर भावेश का 3″ लम्बा लंड भी मेरी चुत में ज्यादा गहराई तक घुस जाता था. देवर का लंड तो भावेश के लंड बहुत ज्यादा लम्बा और मोटा था. मैं जानती थी कि मुझे अनमोल से चुदवाने में बहुत ज्यादा तकलीफ़ होने वाली है लेकिन मुझे ये भी मालूम था कि मुझे मजा भी खूब आएगा.

मेरे देवर ने अपने लंड का सुपारा मेरी चुत के मुँह पर रखते हुए कहा- भाभी, आज मैं पहली पहली बार तुम्हारी चुदाई करने जा रहा हूँ. तुम चाहे जितना भी चीखोगी या चिल्लाओगी मैं तुम्हारी एक भी नहीं सुनूंगा क्योंकि इसी तरह की चुदाई में औरत को मजा आता है और वो अपनी पहली पहली बार की चुदाई को सारी जिन्दगी याद करती है. मैं तुम्हारी चुत में पूरा का पूरा लंड घुसाते हुए तुम्हें बहुत ही बुरी तरह से चोदूँगा.

मैंने कहा- अनमोल प्लीज़, ऐसा मत करो. मुझे बहुत दर्द होगा. मैं मर जाऊंगी.

वो बोला- फिर मुझसे चुदवाने का इरादा छोड़ दो. मैं तुम्हें नहीं चोदूँगा.

इतना कह कर उसने अपना लंड मेरी चुत के मुँह पर से हटा लिया. मैं ठीक उसी तरह से तड़फ उठी जैसे कई दिनों के भूखे के सामने से खाने की थाली हटा ली गई हो.

मैंने कहा- अच्छा बाबा, तुम जैसे चाहो मुझे चोदो.. मैं तुम्हें मना नहीं करूँगी.

वो बोला- फिर ठीक है.

उसने अपने लंड का सुपारा फिर से मेरी चुत के मुँह पर रख दिया और अपने सारे बदन का जोर देते हुए एक धक्का मारा. मेरे मुँह से जोर की चीख निकली. मैं दर्द के मारे तड़फने लगी. जबकि मैं उसका पूरा लंड अपनी चुत में एक बार अन्दर ले चुकी थी.

मुझे लग रहा था कि कोई गर्म लोहा मेरी चुत को चीर कर अन्दर घुस गया हो. मेरी चुत का मुँह उसकी सीमा से बहुत ज्यादा फैल गया था. उसने मुझे इस तरह से पकड़ रखा था कि मैं जरा सा भी हिल डुल नहीं पा रही थी. अनमोल का लंड इस एक ही धक्के में मेरी चुत में 4″ तक घुस चुका था.

इसके पहले कि मैं अनमोल को मना कर पाती, उसने फिर से एक बहुत ही जोर का धक्का लगा दिया. मेरा सारा बदन थर थर कांपने लगा. मैं पसीने से नहा गई. मैं दर्द के मारे जोर जोर से चिल्लाने लगी. मैंने अनमोल से रुक जाने को कहा लेकिन अनमोल तो जैसे पागल हो चुका था. वो तो कुछ सुन ही नहीं रहा था.

उसका लंड दूसरे धक्के के साथ ही मेरी चुत में और ज्यादा गहराई तक समा गया. उसने पूरे ताकत के साथ बहुत ही जोर का तीसरा धक्का लगाया. इस धक्के के साथ ही उसका लंड मेरी चूत में पूरा समा गया. पूरा लंड मेरी चुत में घुसा देने के बाद अनमोल रुक गया और मेरे मम्मों को मसलते हुए बोला- क्यों भाभी, मजा आया ना?

मैंने कहा- देवर जी, तुम बड़े बेरहम हो. तुमने तो मुझे मार ही डाला. धीरे धीरे नहीं घुसा सकते थे क्या?

वो बोला- भाभी 3 ही धक्के तो लगाए हैं मैंने. इस तरह से लंड घुसवाने में जो मजा आता है वो मजा धीरे धीरे घुसाने में कहाँ है.

इतना कहने के बाद अनमोल ने धक्के लगाने शुरू कर दिए. मेरी चुत ने उसके लंड को इतनी बुरी तरह से जकड़ रखा था कि वो चाह कर भी तेजी के साथ धक्के नहीं लगा पा रहा था. मुझे भी बहुत तेज दर्द हो रहा था और मेरे मुँह से चीख निकल रही थी.

वो धक्के लगाता रहा.. धीरे धीरे मेरी चुत ने उसके लंड को रास्ता देना शुरू कर दिया. अब मेरा दर्द कुछ कम होने लगा. मैं दर्द के मारे आहें भरती रही और अनमोल धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था. मेरी चुत ने अभी भी उसके लंड को बुरी तरह से जकड़ रखा था, इस वजह से अनमोल का लंड आसानी से मेरी चुत में अन्दर बाहर नहीं हो पा रहा था. वो मुझे धीरे धीरे चोदता रहा.

करीब 5 मिनट की चुदाई के बाद जब मैं झड़ गई तो मेरी चुत गीली हो गई. मेरी चुत ने भी अब अनमोल के लंड को थोड़ा सा रास्ता दे दिया था. अनमोल ने अपनी स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी. मेरा दर्द भी अब बहुत हद तक कम हो चुका था और मुझे भी मजा आने लगा था.

अनमोल अपनी स्पीड बढ़ाता रहा. अब वो पूरे जोश के साथ मुझे चोद रहा था. मैं भी मस्त हो चुकी थी. मैं इसी तरह की चुदाई के लिए इतने दिनों से तड़फ रही थी. फिर 5 मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई. अब मेरी चुत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.

मेरी चुत का ढेर सारा जूस अनमोल के लंड पर भी लग गया था. मेरी चुत ने भी अब अनमोल के लंड से हार मान ली थी और अपना मुँह खोल कर उसके लंड को पूरा रास्ता दे दिया. अब अनमोल का लंड मेरी चुत में सटासट अन्दर बाहर होने लगा था. अनमोल की स्पीड भी अब बहुत तेज हो चुकी थीं.

सारा बेड जोर जोर से हिल रहा था. ऐसा लग रहा था कि जैसे रूम में तूफान आ गया हो. मैं भी जोश में आ कर अपने चूतड़ उठाने की कोशिश कर रही थी लेकिन अनमोल ने मुझे इतनी बुरी तरह से जकड़ रखा था कि मैं चाह कर भी अपने चूतड़ नहीं उठा पा रही थी.

अनमोल जब अपना लंड मेरी चुत में अन्दर घुसाने लगता तो वो मेरे पैरों को मेरे कंधे पर जोर से दबा देता था. ऐसा करने से मेरी चुत एकदम ऊपर उठ जाती थी और उसका लंड मेरी चुत में पूरी गहराई तक घुस जाता था. उसके लंड का सुपारा मेरी बच्चेदानी के मुँह का चुम्बन लेते हुए उसे पीछे की तरफ़ धकेल रहा था.

मुझे इसमें खूब मजा आ रहा था. अनमोल मुझे बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा था. करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद मैं तीसरी बार झड़ गई. मैं पूरे जोश में थी और मेरी जोश भरी सिसकारियां रूम में गूँज रही थीं. मैं अब अनमोल से “और तेज… और तेज.. खूब जोर से.. आह और जोर से…. चोदो.. मुझे.. अनमोल फाड़ दो.. अपनी भाभी की चुत को..आह्ह..” कहते हुए चुदवा रही थी.

अनमोल भी जोश में आ कर आहें भरता हुआ मुझे बहुत बुरी तरह से चोद रहा था. अनमोल ताकतवर तो था ही.. वो बहुत जोर जोर के धक्के लगा रहा था. मेरे बदन का सारे जोड़ हिलने लगे थे. रूम में “धप धप..” और “चप चप..” की आवाज गूँज रही थी. साथ ही साथ पूरा बेड जोर जोर से हिल रहा था.

लम्बी चुदाई के बाद जब अनमोल मेरी चुत में झड़ गया तो मैं भी उसके साथ ही साथ चौथी बार झड़ गई. उसने मेरे पैर छोड़ दिए और अपना लंड मेरी चुत में ही पेले हुए मेरे ऊपर लेट गया. उसका लंड और मेरी चुत हम दोनों के जूस से एकदम भीग चुका था.

ढेर सारा जूस बेड की चादर पर भी लग गया था और मेरी जाँघों पर भी. अनमोल मेरे ऊपर ही लेटा रहा. हम दोनों एक दूसरे को चूमते रहे. मैं अनमोल की पीठ और कमर को सहलाती रही. वो मेरे होंठों को चूमता रहा और मेरी चूचियों को मसलता रहा.

मेरा चोदू देवर मुझसे कहने लगा- भाभी, तुमने भैया से भले ही बहुत बार चुदवाया है लेकिन तुम्हारी चुत मेरे लंड के लिए किसी कुंवारी चुत से कम नहीं थी. भैया तो तुम्हें औरत नहीं बना पाए थे लेकिन मैंने तुम्हें अब लड़की से आधी औरत बना दिया है.

मैंने कहा- आधी क्यों? अब तो तुमने मुझे पूरी तरह से औरत बना दिया है.

वो बोला- अभी मैंने तुम्हें पूरी तरह से औरत कहाँ बनाया है. थोड़ी देर बाद मैं तुम्हें पूरी तरह से औरत बना दूँगा.

मैंने कहा- वो कैसे?

वो बोला- तुमने देखा था ना कि मैंने करिश्मा की गांड और चुत दोनों को बुरी तरह से चोदा था. अभी तो मैंने केवल तुम्हारी चुत की ही चुदाई की है. जब मैं तुम्हारी गांड भी मार लूँगा, तब तुम पूरी तरह से औरत बन जाओगी.

मैंने कहा- प्लीज़.. ऐसा मत करो. मेरी चुत में पहले से ही बहुत दर्द हो रहा है. अगर तुम आज ही मेरी गांड भी मार दोगे तो मैं तो बेड पर से उठने के काबिल भी नहीं रह जाऊंगी.

वो बोला- तो क्या हुआ.. मैं तुम्हें आज पूरी तरह से औरत बना कर ही दम लूँगा.

फिर 15 मिनट गुजर गए तो अनमोल का लंड मेरी चुत में ही फिर से खड़ा होने लगा. जैसे ही उसका लंड खड़ा हुआ उसने फिर से मेरी चुदाई शुरू कर दी. इस बार मुझे बहुत हल्का सा दर्द ही हो रहा था क्योंकि उसने अपना लंड मेरी चुत से बाहर ही नहीं निकाला था.

इस बार मुझे मजा खूब आ रहा था. अनमोल पूरे जोश और ताकत के साथ जोर जोर के धक्के लगाता हुआ मुझे चोद रहा था. मैं 2 मिनट में ही एकदम मस्त हो गई थी और चूतड़ उठा उठा कर देवर से चुदवाने लगी.करीब 5 मिनट की चुदाई के बाद जब मैं झड़ गई तो अनमोल ने अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाल लिया.

उसका लंड मेरी चुत के जूस से एकदम भीगा हुआ था. उसने मुझे डॉगी स्टाइल में कर दिया. उसके बाद उसने अपने लंड का सुपारा मेरी गांड के छेद पर रख दिया और मेरी कमर को जोर से पकड़ लिया. मैं डर गई क्योंकि अब मुझे बहुत ज्यादा तकलीफ़ होने वाली थी. उसके बाद उसने एक धक्का मारा तो मेरी तो जान ही निकल गई.

उसके लंड का सुपारा मेरी गांड को चीरता हुआ अन्दर घुस गया. मैं दर्द के मारे जोर जोर से चीखने लगी. तभी उसने दूसरा धक्का लगा दिया. इस बार का धक्का इतने जोर का था कि मैं दर्द के मारे तड़फ उठी. मैं बहुत ही बुरी तरह से चीखने लगी. उसका लंड इस धक्के के साथ ही मेरी गांड में 4″ तक घुस गया.

मैं सिसकारियां लेने लगी. मैंने कहा- अपना लंड बाहर निकाल लो नहीं तो मैं मर जाऊंगी. बहुत दर्द हो रहा है. प्लीज, मेरी गांड मत मारो, मेरी गांड फट जाएगी.

अनमोल ने एक झटके से अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाल कर मेरी चुत में घुसेड़ दिया. उसके बाद उसने मेरी चुदाई शुरू कर दी. मुझे थोड़ी ही देर में फिर से मजा आने लगा और मैं गांड के दर्द को भूल गई. फिर 5 मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई तो उसका लंड फिर से गीला हो गया.

उसने अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाल कर एक झटके से मेरी गांड में डाल दिया. मेरे मुँह से जोर की चीख निकली. लेकिन उस बेरहम देवर ने इसके बाद जोर का दूसरा धक्का लगा दिया. इस धक्के के साथ ही उसका लंड मेरी गांड में और ज्यादा गहराई तक घुस गया.

मैं जोर से चिल्लाई- अनमोल, मैं मर जाऊंगी.

वो बोला- शांत हो जाओ.. क्या तुमने आज तक कभी सुना है कि किसी औरत कि मौत चुदवाने से या गांड मरवाने से हुई है?

मैंने कहा- नहीं.

वो बोला- फिर घबराओ मत, तुम मरोगी नहीं केवल दर्द बहुत होगा. उसके बाद तो तुम खुद ही रोज रोज मुझसे गांड भी मरवाओगी और चुत की चुदाई भी करवाओगी.

इतना कहने के बाद उसने पूरी ताकत के साथ फिर से एक धक्का मारा. मेरा बदन पसीने से लथपथ हो गया. मेरी आँखों के सामने अंधेरा छाने लगा. मैं दर्द के मारे जोर जोर से चीखने लगी. अनमोल ने मेरे ऊपर जरा सा रहम नहीं किया और बहुत जोरदार एक धक्का और लगा दिया. इस धक्के के साथ ही उसका पूरा का पूरा लंड मेरी गांड में समा गया.

मैं बुक्का फाड़ कर सिसकारियां लेने लगी थी और मेरी आँखों से बह रहे थे. उसने मुझे बिना कोई मौका दिए ही अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया और फिर एक झटके वापस मेरी गांड में घुसेड़ दिया. मैं फिर से चीखी.. लेकिन उसने मेरी चीख पर कोई भी ध्यान नहीं दिया और ना ही मुझ पर कोई रहम ही किया.

उसने ऐसा 4-5 बार किया. मैंने देखा कि उसका लंड सना हुआ था. मेरी गांड की हालत एकदम खराब हो चुकी थी. अनमोल ने मेरी गांड में अपना मूसल पेल दिया था. कुछ देर बाद उसने अपना लंड मेरी चुत में घुसा कर मेरी चुदाई शुरू कर दी. थोड़ी ही देर में मैं फिर से सारा दर्द भूल गई और मुझे मजा आने लगा.

दस मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई. मेरे देवर ने अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाला और मेरी गांड में घुसेड़ दिया. मैं फिर से चिल्लाई.. लेकिन इस बार अनमोल रुका नहीं. उसने तेजी के साथ मेरी गांड मारनी शुरू कर दी.

लगभग 5 मिनट तक मैं चीखती रही. फिर धीरे धीरे शांत हो गई. अब मुझे गांड मरवाने में भी मजा आने लगा था. अगले दस मिनट तक मेरी गांड मारने के बाद अनमोल ने अपना लंड मेरी चुत में घुसा दिया और मेरी चुदाई करने लगा. मैं एकदम मस्त हो चुकी थी और सिसकारियां भरने लगी थी.

कुछ मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई तो अनमोल ने अपना लंड मेरी चुत से निकाल कर मेरी गांड में डाल दिया. उसके बाद उसने तेजी के साथ मेरी गांड मारनी शुरू कर दी. देर तक मेरी गांड मारने के बाद जब वो झड़ने को हुआ तो उसने अपना लंड मेरी गांड से निकाल कर वापस मेरी चुत में डाल दिया. उसके बाद उसने बहुत ही बुरी तरह से मेरी चुदाई करनी शुरू कर दी.

मुझे खूब मजा आ रहा था. लगभग 10 मिनट तक मुझे बहुत ही अच्छी तरह से चोदने के बाद वो मेरी चुत में ही झड़ गया. थोड़ी देर बाद जब उसने अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाला तो मैंने कहा- अब तो तुमने मुझे पूरी तरह से औरत बना दिया.

वो बोला- अभी कहाँ.

मैंने कहा- अब क्या बाक़ी है?

वो बोला- अभी मैंने ठीक से तुम्हारी गांड कहाँ मारी है. मैं तो अभी तुम्हारी गांड को ढीला कर रहा था. अगली बार मैं केवल तुम्हारी गांड मारूंगा और अपने लंड का सारा जूस तुम्हारी गांड में निकाल दूँगा. उसके बाद तुम पूरी तरह से औरत बन जाओगी.

फिर पौन घंटे के बाद अनमोल का लंड खड़ा हो गया तो उसने मेरी गांड मारनी शुरू कर दी. पहले तो मुझे बहुत दर्द हुआ लेकिन थोड़ी ही देर बाद मेरा सारा दर्द खत्म हो गया. अनमोल बहुत बुरी तरह से मेरी गांड मार रहा था. मैं भी अब मस्त हो चुकी थी. मुझे भी अब खूब मजा आ रहा था. मैं नहीं जानती थी कि गांड मरवाने में भी इतना मजा आता है.

इस बार उसने मेरी चुत को छुआ तक नहीं, केवल मेरी गांड मारता रहा. उसने लगभग 45 मिनट तक खूब जम कर मेरी गांड मारी और फिर मेरी गांड में ही झड़ गया. इस दौरान जोश के मारे मेरी चुत से 2 बार पानी भी निकल चुका था. लंड का सारा जूस मेरी गांड में निकाल देने के बाद अनमोल हट गया और मेरे बगल में लेट गया.

मैंने मुस्कुराते हुए कहा- अब तो मैं पूरी तरह से औरत बन गई हूँ या अभी कुछ और भी बाक़ी है?

वो बोला- नहीं भाभी, अब तो मैंने तुम्हें पूरी तरह से औरत बना दिया है.

मैं मुस्कुरा दी.

वो बोला- शादी में लड़का लड़की की माँग में सिंदूर भरता है.. बोलो, भरता है या नहीं?

मैंने कहा- हाँ, भरता है.

“उसके बाद वो लड़की उस लड़के के साथ सुहागरात मनाती है. बोलो मनाती है या नहीं?”

मैंने कहा- हाँ मनाती है.

वो बोला- जब लड़के का लंड पहली बार लड़की की चुत में घुसता है तब खून निकलता है. निकलता है या नहीं?

मैंने कहा- हाँ निकलता तो है.

वो बोला- वो खून नहीं होता. लड़की की चुत लड़के के लंड को अपने खून का टीका लगा कर उस लड़के के लंड से शादी कर लेती है. उसके बाद वो लड़की लड़की नहीं रहती, औरत बन जाती है. मैंने तुम्हारी चुत में अपना लंड घुसाया तो तुम्हारी चुत ने मेरे लंड को अपने खून का टीका लगाया और मेरे लंड से शादी कर ली.

उसके बाद जब मैंने तुम्हारी गांड में अपना लंड घुसाया तो तुम्हारी गांड ने भी मेरे लंड को अपने खून का टीका लगाया और मेरे लंड से शादी कर ली. अब मेरा लंड तुम्हारी चुत और गांड का पति हो गया है और तुम पूरी तरह से औरत बन गई हो.

मैंने कहा- लेकिन तुम्हारे भैया ने जब अपना लंड पहली बार मेरी चुत में घुसाया था तो उनके लंड को मेरी चुत ने खून का टीका नहीं लगाया था.

अनमोल बोला- तुम्हारी चुत ने भैया के लंड को खून का टीका इसलिए नहीं लगाया था क्योंकि उनका लंड बहुत छोटा था और तुम्हारी चुत को भैया का लंड पसंद नहीं आया था. तुम्हारी चुत और गांड ने मेरे लंड को अपने खून का टीका इसलिए लगाया क्योंकि तुम्हारी गांड और चुत को मेरा लंड पसंद आ गया था.

उसकी बात सुन कर मैं जोर जोर से हंसने लगी. मेरे साथ ही साथ वो भी हंसने लगा. सारा दिन अनमोल मेरी चुदाई करता रहा और मेरी गांड मारता रहा. शाम के 5 बजे भावेश का फोन आया कि ऑफिस में कुछ काम होने की वजह से वो रात के 11 बजे तक आएंगे. यह सुन कर अनमोल खुश हो गया और मुझे भी मजा आ गया.

रात के 11 बजे तक अनमोल ने मुझे 5 बार चोदा और 3 बार मेरी गांड मारी. मुझे आज पहली बार जवानी का असली मजा मिला था और मैं एकदम मस्त हो गई थी. रात के 11 बजे भावेश वापस आ गए. मेरी गांड और चुत बुरी तरह से सूज गई थी. मैं बेड पर से उठने के काबिल ही नहीं रह गई थी.

अनमोल दरवाज़ा खोलने गया तो मैंने एक चादर ओढ़ ली. दरवाज़ा खोलने के बाद अनमोल अपने रूम में चला गया. भावेश मेरे पास आए. उन्होंने मुझे चादर ओढ़ कर लेटे हुए देखा तो बोले- क्या हुआ? मैंने कहा- वही जो होना चाहिए था. मैंने आज अनमोल से सारा दिन खूब जम कर चुदवाया है. उसने मेरी गांड भी मारी है. आज मुझे जवानी का असली मजा मिला है जो कि तुम मुझे कभी नहीं दे सकते थे.

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वो बोले- चलो अच्छा ही हुआ. अब तुम्हें सारी जिन्दगी अनमोल से मजा मिलता रहेगा. तुम्हें कहीं इधर उधर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अनमोल से चुदवा कर खुश हो ना? मैंने कहा- हाँ, मैं बहुत खुश हूँ. उसने मुझे बहुत ही अच्छी तरह से चोदा है. मैं अनमोल से चुदवाने के बाद पूरी तरह से संतुष्ट हूँ. तभी भावेश ने मेरे ऊपर से चादर खींच ली और मेरी चुत और गांड को देखने लगे. वो बोले- तुम्हारी चुत और गांड की हालत तो एकदम खराब हो गई है.

बेड की चादर भी तुम दोनों के जूस से और खून से एकदम भीग कर खराब हो चुकी है. मैंने कहा- हाँ, मैं जानती हूँ. मैं इस चादर को साफ़ नहीं करूँगी. इससे मेरी यादें जुड़ी हुई हैं. मैं इसे सारी जिन्दगी अपने पास सम्भाल कर रखूँगी. वो बोले- ठीक है, रख लेना. उसके बाद भावेश ने भी मेरी चुदाई की. अनमोल के लंड ने मेरी चुत को इतना ज्यादा चौड़ा कर दिया था कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब उनका लंड मेरी चुत में घुसा और कब बाहर निकल गया. उसके बाद हम सो गए.

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