Virya Chut Me Giraya
मेरा नाम सिमरन है मैं 24 वर्षीय दिल्ली की रहने वाली हूं। मेरे ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी हो चुकी है और अब मैं एक कॉल सेंटर में काम करती हूं। मैं सुबह के वक्त ही घर से निकल जाती हूं और शाम को ही घर लौटती हूं लेकिन कभी-कभार मेरी नाइट शिफ्ट भी होती है इसीलिए मुझे कभी नाइट में भी अपने कॉल सेंटर जाना पड़ता है और सुबह के वक्त ही मैं घर लौटती हूं। Virya Chut Me Giraya
मेरे घर पर मेरे माता-पिता और मेरा छोटा भाई है। मेरा छोटा भाई बारहवीं में पढ़ता है और वह बहुत ही शरारती है, उसका नाम अरुण है। वह हमेशा ही कुछ ना कुछ शरारत करता रहता है जिस वजह से मेरे माता-पिता को भी शर्मिंदा होना पड़ता है। कई बार मेरे माता-पिता उसकी वजह से हमारी कॉलोनी में बहुत शर्मिंदा होना पड़ता लेकिन उसके बावजूद भी वह बिल्कुल भी सुधरने को तैयार नहीं है।
उसके स्कूल से भी हमेशा ही शिकायतें आती है और उसके प्रिंसिपल हमेशा ही हमारे घर पर नोटिस भेज देते हैं वह कहते हैं कि अरुण बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं करता और स्कूल में बच्चों के साथ झगड़ा करता रहता है, जिस वजह से मेरे पिताजी भी बहुत परेशान हो चुके हैं और मेरी मां भी बहुत परेशान है।
हम सब लोगों ने उसे बहुत बार समझाया परंतु उसके बावजूद भी वह बिल्कुल भी समझने को तैयार नहीं है। मुझे कभी भी कोई आवश्यकता होती तो मैं अरुण को कह देती, वह मेरा काम जरुर करता है। उसके बदले में मैं उसे उसके जेब खर्चे के लिए पैसे भी दे दिया करती हूं।
मेरे पिताजी एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं और मेरी मां भी घर में छोटा मोटा काम कर के कुछ पैसे कमा लेती है। मैं भी अब काम करने लगी हूं तो इसलिए थोड़े बहुत पैसे मैं भी घर पर दे दिया करती हूं। कभी मैं अपने ऑफिस से आते वक्त कुछ ना कुछ सामान कर ले आती हूं। मेरी सहेलियां भी कई बार हमारे घर पर आते हैं और जिस दिन मेरी छुट्टी होती है.
उस दिन मेरे कॉलेज की सहेलियां मेरे घर पर आ जाती हैं क्योंकि वह लोग भी अब जॉब करने लगे हैं इस वजह से हमारी मुलाकात कम हो पाती है लेकिन हम लोगो का फोन पर हमेशा ही संपर्क रहता हैं। मैं अपने कॉलेज के समय से ही बहुत ज्यादा एक्टिव हूं इसीलिए मैं अपने काम में कभी भी बिल्कुल भी ढिलाई नहीं करती।
मेरे पिताजी और मेरी मां मेरी बहुत तारीफ करते हैं और जब वह मेरी तारीफ करते हैं तो उस वक्त मेरा भाई मुझसे बहुत झगड़ता है और कहता है कि तुम लोग सिमरन दीदी की कुछ ज्यादा ही तारीफ करते हो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता जब आप उसकी इतनी तारीफ करते हो।
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मेरे पिताजी मेरे छोटे भाई पर हमेशा ही गुस्सा रहते हैं और वह कहते हैं कि तुम तो बिल्कुल भी तारीफ के काबिल नहीं हो, तुमने हर जगह हमारी नाक कटवा रखी है और हर जगह तुम हमें शर्मिंदा करवाते हो। अरुण कहने लगा कि मैं हमेशा ही कोशिश करता हूं कि आप तक मेरी शिकायतें ना पहुंचे.
और ना ही मैं इस प्रकार का कुछ काम करू कि आप मेरे काम से गुस्सा हो, उसके बावजूद भी ना चाहते हुए कुछ ना कुछ ऐसे काम हो ही जाते हैं जिससे कि आप मुझ पर गुस्सा हो जाते हो और आपको वह बात पता चल जाती है तो मुझे भी बहुत बुरा लगता है।
मेरे पिताजी कहने लगे कि तुम अब बड़े हो रहे हो और तुम्हें भी अब अपनी जिम्मेदारियों को समझ लेना चाहिए क्योंकि इसके बाद तुम भी कॉलेज में चले जाओगे, कॉलेज में तुम्हें नए नए बच्चे मिलेंगे और उनके साथ तुम यदि इस प्रकार का व्यवहार रखोगे तो तुमसे कोई भी बात नहीं करेगा और ना ही तुम उनके बीच में रहोंगे।
अरुण कहने लगा कि आप सही बात कह रहे हैं, मैंने भी कई बार कोशिश की लेकिन उसके बावजूद भी हमेशा ही कुछ ना कुछ गलत हो जाता है जिस वजह से आप लोगों को मेरी वजह से शर्मिंदा होना पड़ता है। मेरे ऑफिस में ही है एक लड़का है जोमुझे बहुत पसंद है लेकिन वह हमसे सीनियर है, उसका नाम सुधीर है।
मैं हमेशा ही सुधीर को ध्यान से देखा करती हूं और जब भी हमारी ट्रेनिंग होती है तो वह हमें बहुत अच्छे से समझाता है लेकिन सुधीर मेरी तरफ कभी भी नहीं देखता, मुझे लगता है कि शायद उसकी कोई गर्लफ्रेंड है इसीलिए वह मेरी तरफ नहीं देखता।
मैंने एक दिन सुधीर से इस बारे में बात की तो वह कहने लगा कि मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है और मैं सिंगल हूं, मैं गर्लफ्रेंड बनाने में बिल्कुल भी बिलीव नहीं करता और मैं अपनी जिंदगी में सिंगल ही रहना ही पसंद करता हूं। सुधीर बहुत ही खुले विचारों का लड़का है और अपने काम के बलबूते पर ही उसका प्रमोशन हुआ है।
वह अपने काम से बहुत खुश रहता है जो भी काम उसे दिया जाता है वह बखूबी उसे निभाता है और ऑफिस में जितने भी हमारे सीनियर है वह सब सुधीर की बहुत तारीफ करते हैं। वह लोग कहते हैं कि सुधीर जिस प्रकार से काम करता है उस प्रकार से हमारे पूरे ऑफिस में कोई काम नहीं करता क्योंकि सुधीर को जो भी टारगेट दे दिया जाता है वह उसे आसानी से पूरा कर लेता है।
मैं जब भी सुधीर को देखती हूं तो मुझे बहुत खुशी होती है लेकिन मेरी सुधीर के साथ ज्यादा बातचीत भी नहीं है। मेरी कुछ दिनों के लिए ऑफिस में नाइट शिफ्ट लग गई और मैं रात के वक्त ऑफिस आती थी और सुबह मैं घर जाती थी।
हमारे कॉल सेंटर से हमें गाड़ियां लेने को आती थी और सुबह भी हमें हमारे घर पर छोड़ देती थी इसलिए मुझे कोई भी समस्या नहीं होती थी लेकिन जब मैं सुबह घर पहुंचती तो मुझे बहुत ज्यादा नींद आती, मैं सुबह घर जाते ही सो जाती थी। रात को मैं घर से निकलती तो मेरे घर वाले हमेशा ही मुझे कहते कि तुम अपना ध्यान रखना क्योंकि रात का वक्त सही नहीं है।
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मैं उन्हें कहती कि हमारे ऑफिस से हमें गाड़ियां लेने आती हैं इसलिए आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है लेकिन उसके बावजूद भी मेरे माता-पिता मेरी बहुत चिंता करते हैं। वह कहते कि तुम अपना ध्यान रखना और जब ऑफिस पहुंच जाओ तो हमें फोन कर देना.
इसीलिए मैं जब भी ऑफिस पहुंचती हूं तो सबसे पहले मैं अपने मम्मी पापा को फोन कर देती हूं, उसके बाद ही मैं कुछ काम शुरू करती हूं। एक दिन मैं सुबह काम से लौटी तो मैं घर आकर सो गई। मुझे कुछ ज्यादा ही गहरी नींद आ गई, मुझे पता भी नहीं चला कि कब दोपहर हो गई और जब मैं दोपहर को उठी तो मेरी मम्मी मुझे कहने लगी कि तुम आज बहुत देर में उठ रही हो.
मैंने उन्हें कहा कि हां आज मुझे कुछ ज्यादा ही नींद आ गई थी इसलिए मेरी आंख नहीं खुल पाई। मैंने दोपहर का अलार्म भी लगाया था लेकिन मुझे वह सुनाई नहीं दिया। मैं कुछ देर अपनी मम्मी के साथ ही बैठी रही, उसके बाद उन्होंने मेरे लिए चाय बनाई और कहा कि क्या तुम लंच करने वाली हो, मैंने कहा हां मैं लंच करूंगी लेकिन मैं पहले फ्रेश हो लेती हूं।
मैं फ्रेश होने के लिए गई तो अरुण अपने कमरे में बैठा हुआ था और मैंने उसे देखा। जब मैं अरुण के कमरे में गई तो मैंने देखा कि वह हस्त मैथुन कर रहाहै उसने अपने लैपटॉप पर पॉर्न मूवी लगाई हुई है। मैंने उसे देखा तो मैंने कहा कि तुम यह क्या कर रहे हो वह कहने लगा कुछ भी तो नहीं कर रहा जैसे ही उसका वीर्य गिरा तो वह शांत हो गया।
मैं उसके पास जाकर बैठ गई उसका पूरा लंड मुरझा चुका था। मैंने अरुण को समझाया और कहने लगी यह अच्छी बात नहीं है यदि तुम इस प्रकार से अपने वीर्य को गिराते रहोगे तो तुम्हारे अंदर कमजोरी आ जाएगी तुम अपने माल का सही इस्तेमाल करो। वह मुझे कहने लगा कि मैं इस माल का सही इस्तेमाल कहां करूं।
मैंने उसके लंड को अपने हाथ में लिया तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा जब उसका लंड पूरा खड़ा हो गया तो उसका लंड बहुत ही बड़ा हो गया था। मैंने उसे तुरंत अपने मुंह के अंदर ले लिया और अच्छे से चूसने लगी। मैंने उसके लंड को चूस कर उसका पानी निकाल दिया वह कहने लगा मुझे तुम्हारे मुंह मे लंड डलकर मजा आ रहा है।
अरुण ने कहा आप भी अपने कपड़े खोलो और मुझे अपनी चूत दिखाओ। मैंने अपनी चूत को उसे दिखाया तो वह कहने लगा कि आपकी चूत तो बिल्कुल ही ब्लू फिल्म की हीरोइन जैसी है आपकी चत मे तो एक भी बाल नहीं है। मैं पूरे मूड में थी और उसने जैसे ही मेरी चूत पर उंगली लगाई तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा उसने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरी योनि को चाटने लगा।
मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था जब वह मेरी योनि का रस पान करने लगा उसने काफी देर तक मेरी चूत चाटी। उसके बाद जब उसने अपने लंड को मेरी योनि के अंदर डाला तो मुझे बहुत दर्द महसूस होगा और मेरी योनि से खून भी निकलने लगा। वह मुझे बड़ी तेजी से झटके देने पर लगा हुआ था मुझे भी बहुत अच्छा महसूस होने लगा।
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मैंने अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया और उसका लंड मैं अपनी योनि के अंदर तक लेने लगी। उसे भी बहुत अच्छा महसूस होने लगा मुझे बड़ी तेज झटके मार रहा था। उसके बाद उसने मुझे घोड़ी बना दिया जैसे ही उसका लंड मेरी योनि में गया तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था उसने मेरी बड़ी-बड़ी चूतडो को कसकर पकड़ लिया। उसका लंड जब मेरी चूत के अंदर जा रहा था तो मैं चिल्लाने लगी और वह मुझे बड़ी तेज गति से धक्के देने लगा।
मुझे भी अच्छा लगने लगा मेरी चूत पूरी गीली होचुकी थी इसलिए मैं भी अपनी चूतडो को अरुण से मिलाने लगी लेकिन हम दोनों ही एक दूसरे की गर्मी को ज्यादा देर तक नहीं झेल पाया जैसे ही अरुण का माल मेरी योनि के अंदर गया तो मैं समझ गई कि अब उसका वीर्य मेरी योनि में गिर चुका है। मैंने अपनी योनि से उसके लंड को बाहर निकाला तो वह मुझे कहने लगा कि आपने तो आज मेरा सपना हीपूरा कर दिया आपकी कमसिन चूत के मैंने मजे लिए मुझे बहुत ही खुशी हुई।