Gulabi Honth
मेरा नाम विशाल सिंह है। मैं यूपी का रहने वाला हूँ। मैं विकास भवन में को ओर्डीनेटर के पद पर काम कर रहा हूँ। मेरे सरकारी दफ्तर में नई नई योजनाये केंद्र सरकार से आती रहती है। उसे ही मैं जन जन तक पहुचाता हूँ। इसमें मेरा काफी फायदा हो जाता है। अनेक लड़कियाँ इन योजनाओं से लाभ उठाना चाहती है और मुझे आकर कमरे पर पर्सनली मिलती है और अच्छे से चुदवा लेती है। Gulabi Honth
मेरी बीबी और 2 बच्चे है। मेरी बीबी खूबसूरत और जवान है। पर रोज रोज उसकी चूत मार मारकर पक गया हूँ। अब नई नई औरतो की नई नई फुद्दी की तलाश में रहता हूँ। कुछ दिनों पहले एक सरकारी योयना आई थी जिसमे नई लड़कियों को भर्ती करना था। मेरे पास रोज 20 30 लड़कियाँ आ जाती थी।
ये कम्प्यूटर कोर्स था जिसमे लिमिटेड सीट थी। हर लड़की मुझसे कहती की उसे मैं फॉर्म दे दूँ। पर मुझे तो सिर्फ ऐसी लड़की चाहिए थी जो मुझे चूत दे सके। मैंने सबसे बोल दिया की इंटरव्यू के बाद ही फैसला होगा की किसे फ्री में कोर्स करने को मिलेगा।
उनमे एक लड़की काफी सेक्सी और भरे जिस्म वाली थी। वो गरीब घर की दिख रही थी और बड़ी मजबूर लग रही थी। उसका नाम अंकिता था। मुझे देखते ही मेरे सामने हाथ जोड़ने लगी। “सर!!! मैं बड़ी गरीब और बेसहारा लड़की हूँ। आप ये कोर्स मुझे करने को दे दे। मेरे पास इतने पैसे नही की पैसे देकर बाहर ये कोर्स कर सकूं। प्लीस!! आप मुझे सेलेक्ट करे” अंकिता कहने लगी.
मैंने उसे नजर उठाकर देखा तो अच्छी खासी 5’6” की लड़की थी। अभी उम्र 22 साल की होगी। उसने सस्ते कपड़े पहने थे। एक पुराना सा काले रंग का सलवार सूट पहना था पर लड़की अच्छी थी। फिर मेरी नजर उसके दूध पर गयी। 34” की बड़ी बड़ी सुडौल चूचियों को दुप्पटे से छिपाए थे। उसका चेहरा और आँखे भी मुझे पसंद आया।
मैंने उसे आसवासन दिया और कहा की देखता हूँ। दफ्तर के बाद घर पंहुचा तो बार बार अंकिता की याद आ रही थी। जब रात में मेरी बीबी कपड़े उतारकर मेरे लौड़े के नीचे आई तो अंकिता को सोच सोचकर अपनी बीबी को चोद डाला। कुछ दिन बाद अंकिता का फोन फिर आ गया।
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“प्लीस!! सर मुझे ये कोर्स करने के लिए चुन ले” अंकिता फिर कहने लगी.
मैं उससे उसके बारे में पूछने लगा। धीरे धीरे हम दोनों का इंट्रोडकशन होने लगा। दोस्तों ये कोर्स केंद्र सरकार की तरफ से चलाया जा रहा था इसलिए फ्री था। कोई फीस नही थी इस कोर्स के लिए। बाहर प्राइवेट सेंटर्स पर यही कोर्स करने के लिए 25 से 30 हजार रूपए ले लेते थे। डो एक A+B लेवल का कोर्ष था ये। इसलिए हर लड़की इसको करना चाहती थी।
मैंने भी सोचा की अगर अंकिता चुदवा लेगी तो उसे इंटरव्यू में पास कर दूंगा। कुछ दिनों बाद मेरी बीबी बच्चो को लेकर अपने मायके चली गयी। मैंने अंकिता को काल करके घर पर बुला लिया। अब तो मेरी उससे अच्छी जानपहचान बन गयी थी। वो सलवार सूट पहनकर आ गयी। वो मेकअप नही करती थी और ऐसे ही काफी अच्छी लगती थी।
मैंने अंकिता को देखा तो लंड फिर से खड़ा हो गया। रोज की तरह उसके मस्त मस्त दूध दुप्पटे से ढंके हुए थे। मेरी नजर उसके ओंठो पर गयी तो कितने सुंदर गुलाबी गुलाबी होठ थे अंकिता के। लंड चुसाने का दिल करने लगा। आज उसे किसी तरह पटा लेना था बस।
“आओ आओ अंकिता!! तुम्हारे ही बारे में सोच रहा था” मैंने कुटिल मुस्कान बिखेरकर कहा.
वो सोफे पर बैठ गयी और मेरी तरफ बेचैनी से देखनी लगी।
“तो क्या सर आप मुझे इंटरव्यू में पास कर देंगे??” वो बेचैनी से पूछने लगी.
मैं भी हंस दिया। उसके पास जाकर कुर्सी पर बैठ गया और मैंने उसके हाथो को अपने हाथो में लिया। मैं उसे किसी शिकारी की नजर से देख रहा था। आज वो मेरी शिकार होने वाली थी।
“देखो अंकिता!! हर चीज की एक कीमत होती है। तुम मेरे लिए खास हो, मैं तुमको इंटरव्यू में पास कर दूंगा पर तुमको इसकी कीमत चुकानी होगी” मैंने कहा.
“कीमत कैसे कीमत???” वो मेरे हाथ से अपना हाथ छुड़ाने लगी। मैंने पकड़े रखा.
“देखो!! मेरी भी कुछ जरूरते है। मर्द हूँ। औरत की प्यास तो रहती है मुझे। मेरी शादी भी नही हुई है। अगर तुम मेरी प्यास को बुझा दो तो समझो तुम्हारा सेलेक्शन हो गया इस कोर्स के लिए” मैंने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा.
अंकिता सायद कुवारी और अनचुदी लड़की थी। वो पीछे हटने लगी, मुझे दूर खिसकने लगी। “सर!! मैं वैसी लड़की नही हूँ जैसा आप समझ रहे है” अंकिता भारी मन से कहने लगी.
“देखो!! चुदवाना कोई बड़ी बात नही है। किसी को पता नही चलेगा। आओ कमरे में चलो। देखो तुमको मेरी जरूरत है और मुझे तेरी…आओ कमरे में चलो” मैंने बोला और न चाहते हुए भी धीरे धीरे फुसलाकर बहकाकर मैं उसे कमरे में ले गया। अंकिता सायद एक बार भी चुदी नही थी इस वजह से इतना संकोच कर रही थी।
उसके जिस्म के कोमल और अंधरूनी गुप्तांगो को देखने को मैं परेशान था। इतनी सुंदर और जवान लड़की की चूत कैसी होगी यही सोच रहा था। बेड पर ले जाकर उसे बिठा दिया और धीरे धीरे उसे चुम्मा देने शुरू किया। उसके बाल खुले हुए थे। बेमन से वो सब करने लगी। फिर उसे बाहों में भरके मैंने उसके होठो पर अपने होठ रख दिए और चूसने लगा। कुछ देर बाद वो भी चूसने लगी।
मैंने उसका सलवार सूट उतरवा दिया। अब वो ब्रा पेंटी में आ गयी। मैंने अपनी शर्ट पेंट उतारी और उसे बिस्तर पर लिटा दिया। उसके बाद अपने हाथो से उसके पैर और सफ़ेद जांघो को सहलाने लगा। दोस्तों, मेरा अंदाजा बिलकुल सही थी। अंकिता अंदर से संगमर्मर थी।
उसके भरे पूरे अनचुदे जिस्म को बार बार हाथ से छूकर देख रहा था। सफ़ेद ब्रा में कैद उसकी 34” की बड़ी बड़ी गोल गोल चूचियां गर्व से तनी हुई थी। अंकिता का पेट भी कोई कम खूबसूरत नही था। इकदम मक्खन की तरह चिकना पेट।
फिर उसकी नाभि भी काफी गहरी और सेक्सी थी। नीली पेंटी में उसकी चूत ढंकी हुई थी। जब जब मेरा हाथ उसकी चूत पर चला जाता था तो वो “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….”करने लग जाती थी। मुझे भी उसकी सिसकी अच्छी लगती थी। मैं बार बार उसके चिकनी साफ़ सुंदर जांघो को हाथ से सहलाए जा रहा था।
“कोई मर्द नही क्या तुम्हारी जिन्दगी में???” मैंने पूछा.
“नही सर!! अभी तक मुझे किसी ने नही चोदा है” अंकिता आँखे बंदकर बोली.
मैं फिर से उसके गालो पर किस करने लगा। मेरा हाथ जांघो को टच करते करते उसकी चूत पर आ गये। अंकिता की पेंटी में उसकी उभरी और गद्दीदार चूत की बीच ली लाईन मुझे दिख रही थी। मैं उपर से ही चूत सहलाने लगा। वो फिर से सिसकियाँ लेने लगी।
अब मेरा हाथ उपर आकर उसके पेट को सहलाने लगा। फिर दोनों हाथ उसके दूध पर आकर रुक गये। मैंने अंकिता की 34” रसीली चूचियों पर ब्रा के उपर से हाथ लगाना शुरू कर दिया। ऐसे में वो “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” करने लगी।
मैंने उपर से उसके आम दबाने शुरू कर दिए। वो मुंह खोलकर आहे भरने लगी। कुछ देर मैंने उसके संतरों को दोनों हाथो से पकड़ पकड़ कर दबाया और मजा लूटा। अब अंकिता की ब्रा को किसी तरह से खोलना था।
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“चलो पलटो!” मैंने कहा.
हालांकि अंकिता का चुदवाने का दिल नही कर रहा था पर फिर भी वो पलट गयी। उसकी पीठ के दर्शन हुए। काफी भरी हुई और मांसल गोरी चिकनी पीठ थी। मैं मुंह लगाकर अंकिता की पीठ पर चुम्बन की बरसात करने लगा। फिर धीरे से उसकी ब्रा के हुक को पकड़कर खोल दिए। उसको फिर पटलने को कहा और ब्रा उसके मस्त मस्त आमो से हटा दी।
मुझे अंकिता जैसी सेक्सी बदन वाली लौंडिया के मस्त मस्त कबूतरों के दर्शन हो गये। उसके बाद तो मैं पागल हो गया और दोनों चूचियों पर हाथ फिराने लगा। वो असहाय होकर “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….”करने लगी। मारे शर्म और हया के उसने आँखे नही खोली और बंद किये रही।
मैंने उसकी नंगी तनी चूचियों को हाथ से पकड़ लिया और दबाने लगा। “आह आराम से करो सर!! लगती है आआआअह्हह्हह…..” वो कहने लगी। पर मैं तो जोशीला मर्द बन गया और हाथो से कस कसके उसके कबूतर दबाने लगा। दोस्तों उसकी चूचियां बड़ी मनचली थी। किसी चंचल मछली की तरह मेरे हाथ से फिसल जाती थी।
चूचियां तो बेहद सफ़ेद और चिकनी थी पर निपल्स के चारो ओर बड़े बड़े काले घेरे थे जो बहुत ही सेक्सी दिखते थे। मैंने अंकिता की चूचको (निपल्स) को हाथ से पकड़कर मुंह में ले लिया और चूसने लगा। कुछ देर बाद अंकिता फ्रेंक हो गयी और खुलकर चुसाने लगी।
……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ—अच्छा लग रहा है सर!! और चूसिये!!” अंकिता कहने लगी.
उसकी बाते मुझे और जोश दिलाने लगी। इसलिए अब मैं बेहद जोश से भरकर उसके दूध मुंह में लेकर चूसने लगा। उसकी एक एक चूची बड़ी रसीली थी जिसे पीकर मैं मस्त हो गया। दोस्तों जब मेरी बीबी नई नई आई थी तब उसकी चूचियां इतनी रसीली होती थी। मैं अंकिता की दोनों चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा। बड़ा आनन्द आया। मैंने मुंह चला चलाकर उसका रस लूटा। इस दौरान अंकिता भी मुझे बॉयफ्रेंड की तरह किस करती रही।
“आप तो बड़ा अच्छा चूसते है सर!!” अंकिता बोली.
“तू बड़ी सेक्सी लड़की है रे!! तेरे दूध तो कितने रसीले है” मैंने कहा.
इसके बाद काफी देर तक चुसाई करता रहा। फिर अंकिता के पेट पर दोनों हाथो को घुमाने लगा। फिर होठ लगाकर पेट पर चुम्मी लेने लगा। अब वो भी “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” करने लगी। सर से पाँव तक अंकिता खूबसूरत लड़की थी किसी सेक्सी मॉडल की तरह दिखती थी।
उसकी नाभि के छेद में मैं चुम्मी देने लगा और अपनी ऊँगली को जब उनकी नाभि के बिल में कामवश डालने लगा तो वो सी सी करने लगी। उसकी पेंटी को मैंने उतार दिया। अंकिता की चूत काफी भरी हुई डबलरोटी की तरह दिख रही थी। मैं जीभ लगाकर चाटने लगा।
पहले तो उसे कुछ नही हुआ। पर जब काफी देर तक मैं उसकी हरी भरी चूत को चूसता चाटता रहा तो अंकिता गर्म हो गयी और उसकी चूत अपना माल छोड़ने लगी। मैं अब उसकी चूत को अच्छे से पी रहा था। अपनी जीभ को लगा लगाकर अंकिता के भोसड़े को चाट रहा था। उसका भोसड़ा काफी लाल लाल था जिसे चाटने में बड़ा मजा आ रहा था।
“उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ—चाटो और चाटो सर!! अच्छा लग रहा है. सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….” ऐसा अंकिता कहने लगी। मैंने भी 15 मिनट तक उसके बड़े से भोसड़े की चटाई चालु रखी। फिर अंकिता जोश में आ गयी.
“सर! अब मुझे चोद डालिए!! मुझे भी आपका मोटा लंड खाना है” वो कहने लगी.
दोस्तों मेरा लंड 9” लम्बा था और 2.5” मोटा। मैंने अपने पप्पू को हाथ में ले लिया और जल्दी जल्दी फेटने लगा। कुछ मिनट में मेरा लंड किसी गदे की तरह सख्त हो गया। मेरे लंड को देखकर अंकिता चुदासी हो गयी और खुद ही अपने पैर खोल दी। मैंने लंड को मुठ देते देते उसकी चूत पर रख दिया।
फिर हाथ से पकड़कर अंदर डालने लगा। मेरे लंड का टोपा उसकी चूत को फाड़ने लगा फिर अंदर पहुच गया। उसके बाद मैंने धीरे धीरे अंकिता जैसी खूबसूरत जवान लड़की को चोदना शुरू कर दिया। वो पेट उठा उठाकर “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..”करने लगी। मैं उसको चोदने लगा।
“और तेज पेलिए सर!!! और तेज लंड चूत में मारिये!! अच्छा लग रहा है” अंकिता इसी तरह से कहने लगी तो मुझे बड़ा आनन्द आने लगा।
अब मैं जोर जोर से उसकी चूत की पिटाई करने लगा। जोर जोर से लम्बे फटके उसकी चुद्दी में मार रहा था जिसके उसकी चूत की एक एक सिलन खुली जा रही थी। मेरा मोटा लंड उसकी चूत में घमासान चुदाई कर रहा था। मैं अंकिता के उपर लेता हुआ था और उसके होठो को चूस चूसकर उसको पेल रहा था।
इस तरह से उसे बहुत जोश चढ़ रहा था। अंकिता मोम की तरह मेरे में पिघल रही थी। फिर मैं उसके 34” के बड़े बड़े दूध को फिर से मुंह में लेकर चूसने लगा। अंकिता अपने सीधे हाथ को चूत पर ले गयी और जल्दी जल्दी सहलाने लगी। मैं सटाक सटाक अपने लंड को उसकी चूत की घुफा में पंहुचा रहा था।
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“ओह्ह मैं झड़ने वाला हूँ…. अई…अई…अई….. झड़ा गया मैं” मैं कहने लगा।
अब मेरा बदन अकड़ने लगा था। रस्सी की तरह मरोड़ खा रहा था।
“चूत में ही माल छोड़ना सर!! मेरी जमीन आपके माल की प्यासी है!!” अंकिता किसी छिनाल की तरह बोली.
उसके बाद दोस्तों मैं जल्दी जल्दी कुछ मिनट चूदाई की, फिर उसकी फुद्दी में ही झड़ गया। गर्म गर्म माल मेरे लंड से उसकी फुद्दी में छोड़ दिया। उसके बाद मैं अंकिता के उपर ही लेट गया और फिर से उसके दूध पीने लगा। काफी मजा लिया हम दोनों ने। अंकिता बैठ गयी और मेरे लंड को पकड़ने लगी।
“अब बताइए सर!! क्या आप मुझे इंटरव्यू में पास कर देंगे” वो भंवे उठाकर कहने लगी.
“बस जान!! इस लंड को अच्छे से चूस दो। फिर तुमको फ्री में ये महंगा कोर्स करने को मिल जाएगा” मैंने कहा.
अंकिता शुरू हो गयी। मेरे लंड को हाथ में लेकर फेटने लगी। मैं बिस्तर पर लेट गया। कुछ देर में अंकिता के हाथ मेरे 9” लंड पर मालिश करने लगे। फिर लंड फिर से खड़ा होने लगा। अंकिता के हाथो में बड़ा सा लंड किसी ट्रोफी जैसा दिख रहा था। वो मेरे सुपारे को किस करने लगी। मुंह में ले ली और चूसने लगी। दोस्तों उसके सेक्सी होठो को देखकर कोई भी मर्द पागल हो जाता और अंकिता से लंड जरुर चुसाता। धीरे धीरे वो किसी अच्छी रंडी की तरह चूसने लगी। फिर मैंने उसको घोड़ी बनाकर उसकी गांड चोदी। मैंने उसे इंटरव्यू में पास कर दिया और अब वो मजे से अपना कम्प्यूटर कोर्स कर रही है।