Sexy Chulbuli Ladki
मैं राजीव भोपाल का रहने वाला हूँ. आज मैं भी आपको अपनी मस्त सेक्सी कहानी सुना रहा हूँ. कोई गलती भूल चूक हो तो माफ करियेगा. दामिनी मेरी बीबी के साथ की स्कूल में पढ़ाती थी. मेरी बीबी सुप्रिया को पढाने का बड़ा शौक था. इसलिए एक दिन सुप्रिया बोली की वो रोज रोज घर में रहकर बोर हो जाती है. Sexy Chulbuli Ladki
इसलिए मैं उसे बाहर किसी स्कूल में पढाने की परमिसन दूँ. तो मैंने भी उसको परमिशन दे दी. सुप्रिया का वक्त अब मजे से कटने लगा. फ़ूड इंस्पेक्टर होने के कारण मुझे तो जरा भी वक्त नही मिलता है. मैं सुबह ९ बजे घर से निकलता था तो रात में ही घर पहुचता था. इस दौरान मेरी बीबी सुप्रिया की दोस्ती दामिनी से हो गयी.
वो बहुत ही चुलबुली लड़की थी. अभी दामिनी की शादी नही हुई थी. वो कुंवारी थी. धीरे धीरे दामिनी मेरे घर में आने लगी. मेरी उससे जान पहचान बढ़ने लगी. कभी कभी मैं अपनी बीबी सुप्रिया और उसकी सबसे अच्छी दोस्त दामिनी को बाहर घुमाने भी ले जाता था. हम पिक्चर देखने जाते, माल में शौपिंग करने जाते.
कभी कभी हम तीनों किसी डिस्नी पार्क में मस्ती करने जाते. मैं दामिनी को देखता तो बस उसमे ही खो जाता. बड़ी चुलबुली लड़की थी वो. मन में ख्याल आता की मेरी शादी दामिनी जैसी लड़की से होनी चाहिए थी.
क्यूंकि मैं भी उसकी तरह बड़ा चुलबुला, मनचला और शरारती आदमी था. मैं और दामिनी दोनों बड़े मजाकिया लोग थे, वहीँ मेरी बीबी सुप्रिया गंभीर नेचर की थी. मजाक तो जरा भी करती ही नही थी. एक दिन शाम को जब हम तीनों मैं, सुप्रिया और दामिनी बैठे थे तो मैंने मजाक में कह दिया.
यार दामिनी !! मेरी जोड़ी तो तुमसे ही बननी चाहिए थी. कहाँ मैं इस बोर लड़की से शादी कर बैठा’ मैंने कह दिया. दामिनी तो बड़ी मजाकिया हमेशा से थी.
तो अब कौन सी देर हो गयी है !! अभी करलो! वो फट से बोली.
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मेरी औरत सुप्रिया ने सुना तो कुछ नही कहा. क्यूंकि वो जानती थी की हम दोनों मजाक कर रहें है. एक दिन जब दामिनी घर पर आई तो मेरी बीबी सुप्रिया मंदिर गयी थी. मैंने उसको फोन लगाया तो पता चला की रास्ते में है और १० मिनट में जा जाएगी.
मैंने दामिनी को बैठने को कह दिया. वो सोफे पर मेरे बगल ही बैठ गयी. मैं छुप छुप कर तिरछी नजरों से दामिनी को देख रहा था. भरे भरे गाल, काले काले बाल, भरा भरा गोल चेहरा चेहरा, चेहरे पर भरपूर यौवन मैं चाह कर भी खुद को रोक नही पा रहा था. मैं फिर से जब इस बार दामिनी को देखा तो पाया की वो भी मुझे देख रही थी.
हम दोनों की नजरे लड़ गयी. वो भी झेप गयी, मैं भी झेप गया. कुछ देर बाद भी ऐसा ही हुआ. ना जाने क्यूँ मैं उसकी तरह आकर्षित होने लगा था. मैं नही माना और फिर से तिरछी नजरों से दामिनी की तरफ देखा तो वो भी इधर मेरी ओर देख रही थी. कुछ देर तक हम दोनों की नजरे आपस में फसीं और जुड़ी रही.
दामिनी! आई लव लू ! मैंने कह दिया.
वो चुप रही. मैंने उसके पास चला गया. ‘ सच में दामिनी, मेरी शादी तुमसे ही होनी चाहिए थी’ मैंने कहा और उसका हाथ उठाकर अपने होंठों से लगा लिया. मैंने उसका हाथ चूम लिया. मैंने उससे लगके खड़ा हो गया और उसके होंठो को चूमने ही वाला था की वो पीछे हट गयी. दामिनी ने मुझे रोक लिया.
‘नही राजीव जी, ये सही नही है. आप एक शादी शुदा आदमी है. ये पाप होगा’ मेरी बीबी की सबसे अच्छी दोस्त दामिनी बोली. कुछ देर में मेरी बीबी सुप्रिया आ गयी. मैं उससे दुर हट गया. सुप्रिया और दामिनी आपस में बात करने लगी. पर मैं अभी भी उसे चोर नजरों से दामिनी को ताड़ रहा था. वो मुझे देखती थी तो नजरे फेर लेती थी.
उस रात जब मैं अपनी बीबी सुप्रिया के साथ कमरे में लेटा था की बार बार दामिनी का ख्याल आता था. बार बार उसकी याद आती थी. कास अगर एक बार उसकी……मिल जाए तो. बस मैं यही बात बार बार सोच रहा था. तभी सुप्रिया आ गयी और प्यार करने को पहने लगी. अभी बीबी को मैंने पूरा नंगा कर दिया.
उसके दूध पीने लगा. बार बार दामिनी का चेहरा मेरी आँखों में समा रहा था. मैंने अपनी बीबी को दामिनी की कल्पना करते हुए उस रात चोदा. सच में लगा की कोई नई चूत मार रहा हूँ. मैं रात भर दामिनी को ही सोचता रहा और अपनी बीबी को चोदता रहा. बड़ा आनंद आया मुझे. दिन गुजरने लगे तो बार बार दामिनी की याद आने लगी.
मैंने अपने मोबाइल से सुप्रिया को एक रोमांटिक मेसेज भेज दिया. कोई जवान नही आया. मैंने हार नही मानी. अगले दिन फिर मेसेज भेज दिया. इसी तरह कई मेसेज भेज दिए. कुछ दिन बाद हम दोनों के बीच की बर्फ पिघल गयी. दामिनी ने उस तरफ से मुझे जवाब भेजा. और हम दोनों इसी तरह रोमाटिक शेरो शायरी करने लगे. फिर हम चैटिंग करने लगे.
दोगी? मैंने पूछा.
हाँ दूंगी’ वो बोली.
कसके लूँगा!’ मैंने कहा.
कसके दूंगी ! वो बोली.
खोल के लूँगा! मैंने इधर से लिखा.
पूरा खोल के दूंगी! दामिनी ने उधर से जवाब दिया.
बात फिट हो गयी. हमदोनो इसी तरह से मजे से सेक्सी चैट करने लगे. मैंने अपनी बीबी की सबसे अच्छी दोस्त को पटा लिया था. अगले दिन मैंने ऑफिस से छुट्टी ले ली. पर सुप्रिया को नही बताया. सीधा दामिनी के घर पर पंहुचा. वो किराये के घर में कमरा लेकर रहती थी. मैं उसके घर गया और घंटी बजायी. उसने दरवाजा खोला.
वो बिल्कुल खिली हुई कली लग रही थी. गोरे गोरे फूले फूले गाल थे उसके. मैं भीतर चला गया. वो बिल्कुल खरबूजा लग रही थी. मैंने उसको पकड़ लिया. उसके गालो पर मैंने चुम्बनों की बौछार कर दी. दामिनी मुझसे लिपट गयी. उसकी खुशबू मेरी साँसों में समा गयी. अपनी बीबी सुप्रिया को इतने दिनों तक लगातार चोदने के बाद आज एक नई चूत मैं मारूंगा. कितना नसीबवाला हूँ मैं.
मैंने भी दामिनी से लिपट गया. वो भी मुझसे पूरी तरह से फंस चुकी थी. मैं उसके तोतापरी आमो को दबाने लगा. दामिनी साड़ी पहनती थी. उस दिन वो डार्क हरे रंग की साड़ी में थी. हल्के हल्के बिंदी बिंदी चमकीले डोट्स थे उसकी साड़ी पर. ब्लौस बेहद कसा था उसका. बड़े बड़े फूल साइज़ के मम्मे मैं गहरे हरे रंग के ब्लौस से उसके खूबसूरत सुडोल गोल गोल उभारों को देख रहा था.
मैंने देर नही की और दामिनी के उभारों पर साड़ी के आचल के उपर से हाथ रख दिया. लगा जैसे कितनी बड़ी दौलत आज मुझको मिल गयी. हम और दामिनी भीतर चले गए. वो भी मुझसे चुदवाने को पुरे मन से तैयार थी. इसलिए मुझे सीधा बेडरूम में ले गयी. हम दोनों मुलायम बिस्तर पर लेट गये.
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मैं उसके शराब जैसे होठों से शराब पीने लगा. वो मुझसे अपने अधरों की सुरा पिलाने लगी. आज इसको जी भरके चोदूंगा और स्वर्ग की प्राप्ति करूँगा. मैंने खुद से कहा. दामिनी बिल्कुल कमांगी लग रही थी. उसके एक एक अंग मुझसे निवेदन कर रहा था की राजीव जी ! मुझे चोदिये प्लीस. प्लीस ! मुझे चोदिये! कुछ देर तक मैं और दामिनी एक दूसरे से प्रेमालाप करने रहें. मैंने साड़ी के उपर से ही उसके फूल साइज़ के दूध दबा रहा था.
राजीव जी !! मेरी चूत में अपना लौड़ा प्लीस घुसा दीजिए! दामिनी ने निवेदन किया.
हाँ दामिनी जी !! मैं आपको कसके चोदूंगा! मैंने कहा.
मुझे कसके पेलियेगा राजीव जी, मेरी चूत बहुत प्यासी है! दामिनी बोली.
जैसी आपकी मर्जी दामिनी जी, तब तो मैं आपको कसके ही पेलूँगा! मैंने कहा.
उसके बाद हम दोनों प्यार और चुदास में अंधे हो गए. मैंने उसका ब्लाउज फाड़ दिया मारे चुदास के. क्यूंकि इंतजार मुझसे होता नही. मैंने उसकी साड़ी भी फाड़ दी. उसके बड़े बड़े दूध उपर निकल आये ब्लौस के फटने से. मैंने पीने लगा. एक्स्ट्रा लार्ज साइज़ की साऊथ इंडियन औरतों जैसे मम्मे थे दामिनी के. आज मैंने पास से देखे.
मम्मे के शिखर पर काली काली मादक भुंडीयां और उसके चारों ओर काले काले घेरे. मैंने पीने लगा. उसके तोतापरी आम के जैसे मम्मो को मैंने हाथ में ले रखा था और दबा दबाकर मैं पी रहा था. दामिनी को बड़ी मौज आ रही थी.
वो मेरे उपर ही पसरी हुई थी. दामिनी बड़ी उत्तेजित थी. उसकी साँस बड़ी तेज चल रही थी. मैं जल्दी जल्दी उसके मीठे शहद रूपी मम्मो से उसका रस पी रहा था. मैने जी भरके अपनी बीबी की सबसे अच्छी दोस्त दामिनी के दूध पीये. उसके होठो पर मैंने अपनी उँगलियाँ रख दी. वो सिहर गयी.
मैंने कामुक्तावश अपना मोटा सा अंगूठा दामिनी के मुँह में डाल दिया. वो चूसने लगी. मुझे बड़ा मजा आया. मैं जल्दी जल्दी अपने अंगूठे से उनका मुँह चोदने लगा. जल्दी जल्दी अपना मोटा अंगूठा उसके मुँह में पेलने लगा. वो मस्त हो गयी.
दामिनी के नैनों को देखते हुए उसके मस्त मस्त संतरे जैसे होठों को चोदना बहुत बड़ा आकर्षण था. उसके हसीन लब मुझे उसकी चूत जैसे लग रहें थे. मैं बड़ी देर तक अपने मोटे अंगूठे से दामिनी के मुँह को चोदता रहा. वो निढाल हो गयी. उसके पैर खुद ब खुद खुल गए.
राजीव जी! अब मुझे चोदिये! और ना तडपाइए!! मैं कबसे आपके लौडे की प्यासी हूँ’ दामिनी अचानक बोली. उसके दोनों मस्त मस्त गदराये गठीले गोरे गोरे पैर खुद ब खूब खुल गए थे. मैंने अपने कपड़े निकाल दिए. दामिनी के सिरहाने मैंने अच्छी सी मोटी तकिया लगा दी जिससे वो आराम से मजे से चुदवा सके.
मैं उसकी मस्त मस्त चूत पर आ गया और पीने लगा. जब मैं उसके दूध पी रहा था, तो उसकी चूत गीली हो गयी थी. अब जब मैं उसकी चूत पर आया तो देखा की वो तो कबसे बह रही थी. मैंने उसके भोसड़े पर मुँह लगा लिया और पीने लगा. आज पहली बार मैंने दामिनी के तरल अमृत रस का स्वाद लिया. नमकीन अमृत रस मैंने चखा.
फिर किसी कुत्ते की तरह मैं अपनी खुदरी जीभ के आगे के नुकीले भाग से दामिनी की बुर चाटने लगा. मैं बिल्कुल किसी कुत्ते की तरह उसकी बुर चाट रहा था. दामिनी मस्त थी. मस्ती से वो मुझे अपनी चूत पीला रही थी. मैं मस्ती से उसकी बुर पी रहा था. वो अपने हाथों ने अपने दूध दबा रही थी.
कुछ देर बाद मैंने अपने मोटे से काले लौडे को उसके भोसड़े पर रख दिया और हाथ से पकड़ के अंदर डाल दिया. मैं दामिनी को चोदने लगा. वो खुद अपने दूध को दबाने लगी, मैं उसको चोदने लगा. उसके सिरहाने पर मैंने जो तकिया लगाई थी उससे उसे काफी आराम मिल रहा था. वो मजे से चुदवा रही थी.
उसकी तर और गीली चूत में मेरा मोटा और काला लौड़ा मजे से सरक रहा था. मुझे बड़ी मौज आ रही थी. मैं दावे से कह सकता हूँ की इतनी मौज दामिनी को भी आ रही होगी. वो मुझसे किसी लता की तरह चिपकी हुई थी. मैं उसको ठोक रहा था. क्या मस्त माल आज मुझे चोदने को मिली थी.
मैं खुद को बहुत किस्मतवाला मान रहा था. वरना आज कल कहाँ कोई लौडिया पटाने को मिलती है. पेलते पेलते मैंने दामिनी से चिपक गया. उसको खुद में भर लिया और अपनी बीबी की तरह लेने लगा. उफ्फ्फ!! उस दिन तो मौज आ गयी दोस्तों. उसकी चूत पर मेहनत करना बड़ा अच्छा लग रहा था.
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उसको अपनी बीबी समझ के चोदने बड़ा अच्छा लग रहा था. लगा जैसी उसको चोदने खाने के लिए ही मैंने जन्म लिया है. दामिनी की सुंदरता को देखके मेरी कबसे तमन्ना थी की उसकी चूत पर मेहनत करने का सौभाग्य मुझको प्राप्त हो. कबसे इक्षा थी ये मेरी. जो आज पूरी हुई दोस्तों. फिर उसे पेलते पेलते मैं दामिनी पर पूरी तरह से पसर गया. उसके होठ पर मैंने अपने होठ रख दिए. २ होठ २ होठ अब चार गो गए. दामिनी के चेहरे पर मैंने अपना चेहरे रख दिया. उनकी आँखें बंद थी, वहीँ मेरी आँखें बंद थी. मेरा चेहरे उसके चेहरे पर रखा हुआ था.
हा हा हा करके मैं जोर जोर से उससे ठोक रहा था. पूरा पलंग मेरे मेहनत से चूं चूं कर रहा था. मन ही नही करता था की मैं रुक जाऊं. फिर मेरी रफ्तार अचानक से बढ़ रही. माल छूटने वाला था, मैं जानता था. मैंने जोर जोर धक्के देना शुरू कर दिया. मेरा लंड उसके भोसड़े को जोर जोर से लेने लगा, जैसे किसान हल से जमीन जोत देता था. ठीक वैसे ही मैं अपनी बीबी की सबसे अच्छी दोस्त दामिनी को ले रहा था. कुछ देर बाद मैंने अपना गरम गरम माल दामिनी के बड़े से भोसड़े में छोड़ दिया.