Gujju Aunt Kamukata
आज जो एक्सपीरियंस मैं आपके साथ शेयर करने जा रहा हूँ, वो एकदम सच्ची घटना है। बात उन दिनों की है जब मैं जिओ के इनबाउंड कॉल सेंटर में कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव की पोस्ट पर काम करता था। मेरा काम ये था कि जो कस्टमर अपना नंबर बंद करवाने की एप्लीकेशन देते थे, मैं उन्हें वापस फोन करके कनेक्शन एक्टिव रखने के लिए समझाता था या फिर उन्हें कोई अच्छी स्कीम बताता था। ऐसे ही एक दिन मैंने एक आंटी को फोन किया। Gujju Aunt Kamukata
“हेलो विभा जी, मैं जिओ से विजय बोल रहा हूँ।”
मैं उन्हें समझाने लगा कि कनेक्शन न कटवाएँ, उसके बदले हम आपको फ्री डाटा देंगे और जीरो रेंटल स्कीम में आपका प्लान सेट कर देंगे। बातों-बातों में मुझे आंटी की आवाज़ इतनी अच्छी लगी कि मैंने फोन पर ही कह दिया,
“विभा जी, आपकी आवाज़ बहुत स्वीट है। अगर बुरा न मानें तो क्या मैं आपको कभी-कभी फोन कर सकता हूँ?”
आंटी ने हँसते हुए कहा, “हाँ… कर लेना… कभी भी।”
उस दिन के बाद से ये सिलसिला शुरू हो गया। शुरू-शुरू में तो हम जनरल बातें करते थे। जब भी काम से बोर होता, आंटी को फोन कर लेता। बातों-बातों में पता चल गया कि आंटी के हसबैंड की टूरिंग जॉब है, इसलिए वो महीने में 20 दिन बाहर रहते हैं। अब धीरे-धीरे मुझे भी आंटी से मिलने की बेकरारी होने लगी।
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एक दिन हिम्मत करके मैंने कहा, “आंटी, अगर बुरा न मानें तो क्या मैं आपसे मिल सकता हूँ?”
आंटी ने तुरंत हाँ कह दिया और मुझे अहमदाबाद में अपने घर का एड्रेस दे दिया। आंटी अहमदाबाद के सैटेलाइट एरिया में रहती थीं और मेरी ऑफिस से बिल्कुल पास ही था। तो उस दिन शाम को जॉब से छूटते ही मैं आंटी के घर पहुँच गया। दरवाज़ा खोला तो मैं देखकर दंग रह गया।
ऑरेंज साड़ी में एकदम एक्ट्रेस लग रही थीं – डिंपल कपाड़िया की डुप्लीकेट कॉपी! फिगर 38-30-38, मैं तो एकदम पागल हो गया।
आंटी ने कहा, “बैठ जाओ।”
फिर पानी लेकर आईं। मैंने पानी पीकर बात छेड़ी, “आपके हसबैंड कहाँ हैं?”
उन्होंने कहा, “उनकी तो टूरिंग जॉब है, वो तो 4 दिन बाद आएँगे।”
फिर आंटी ने कहा, “देखो ना, सारा दिन घर पर अकेले-अकेले टाइम ही नहीं कटता।”
और अपनी प्रॉब्लम बताने लगीं कि उनके हसबैंड तो उनकी तरफ ध्यान ही नहीं देते – सारा दिन काम, काम और काम। बोलते-बोलते आंटी ने मेरी जाँघ पर हाथ रख दिया और रोने लगीं। पूछने लगीं, “क्या मैं इतनी बुरी दिखती हूँ?” मेरी हालत अब एकदम खराब हो रही थी।
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एक तरफ आंटी का मस्त फिगर देखकर मेरा लंड एकदम कड़क हो रहा था, दूसरी तरफ उनकी जाँघ पर रखा हाथ – जैसे करंट लग रहा हो। फिर मैंने आंटी का हाथ अपने हाथ में लिया और कहा, “विभा जी, प्लीज़ रोइए मत।” उनके आँसू पोंछे। वो मेरे कंधे पर सिर रखकर और ज़ोर से रोने लगीं।
मैंने दोनों हाथों से उनका चेहरा पकड़ा और रोते हुए देखकर मैंने उनके माथे पर प्यारी सी किस कर दी और कहा, “आप जैसी प्यारी लेडी को कौन छोड़कर जा सकता है? अगर मैं होता तो आपको कभी नहीं छोड़ता।”
आंटी ने कहा, “सच्ची?” और मेरी आँखों में देखा।
मैंने भी उनकी आँखों में देखकर कहा, “हाँ… सच्ची।”
बस फिर क्या था, आंटी ने मेरे होंठों पर किस कर दिया।
मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी। मैंने भी उन्हें स्मूच करना शुरू कर दिया और उन्हें गोद में उठा लिया।
उन्होंने कहा, “बेडरूम लेफ्ट में है।”
मैं उन्हें उठाकर बेडरूम में ले गया और फिर किस करने लगा। फिर मैंने उनका हाथ अपने लंड पर रख दिया। वो तो मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगीं। मुझे ज़ोर-ज़ोर से झटके लगने लगे। उन्होंने मेरी पैंट की चेन खोली, अंडरवियर से लंड बाहर निकाला और उसे चूमने लगीं। मैंने भी आंटी का ब्लाउज़ उतारकर उनके बूब्स चूसने शुरू कर दिए और फिर उनकी पेटीकोट भी उतार दी। उनकी चूत पर उंगलियाँ घुमाने लगा।
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धीरे-धीरे आंटी से कहा, “आंटी, इसे मुँह में लेकर चूसो।”
आंटी ने लंड पकड़कर लॉलीपॉप की तरह ऊपर से नीचे, ऊपर से नीचे चूसना शुरू कर दिया। आह्ह्ह्ह… मेरे मुँह से ऐसी आवाज़ें निकलने लगीं। फिर हमने 69 पोजीशन कर ली और मैं भी उनकी चूत चाटने लगा। वो भी बोलने लगीं, “ओह्ह्ह्ह… चूसो इसे… काटो इसे… प्लीज़ ज़ोर से चूसो।” ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं तो एकदम हवसी हो गया और उनके मुँह में लंड घुसाकर झटके देने लगा। वो इतना बढ़िया चूस रही थीं कि मेरा स्पर्म निकलने ही वाला था।
मैंने कहा, “आंटी, मेरा अब निकलने वाला है।”
आंटी ने लंड मुँह में ही पकड़ लिया और मुझे कसकर पकड़ लिया। पूरा स्पर्म उन्होंने अपने मुँह में ले लिया। फिर जीभ से चाट-चाटकर पूरा लंड साफ कर दिया। मैं आधा घंटा हिलकर थक चुका था। इतने में आंटी ने फिर से लंड चूसना शुरू कर दिया। मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।
मैंने कहा, “विभा जी, आज मैं आपकी सारी निराशा दूर कर दूँगा।”
फिर मैंने अपना लंड आंटी की चूत पर रखा, थोड़ी चार्मिस क्रीम उनकी चूत पर लगाई और एक जोरदार झटका देकर पूरा लंड उनकी चूत में घुसेड़ दिया। आंटी अब आह्ह्ह्ह… ओह्ह्ह्ह… अरे ज़ोर से डालो… फाड़ डालो… ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगीं। मैं तो एकदम इंजन की तरह चलने लगा। धपक-धपक आवाज़ आने लगी। मैं चोद ही रहा था कि आंटी की चूत ने पानी छोड़ दिया।
आंटी ने कहा, “विजय, मैं तो हो गई।”
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लेकिन मेरा स्पर्म अभी नहीं निकला था। मैंने कहा, “आंटी, मैंने ब्लू फिल्म्स में गांड मारते देखा है, क्या मैं आपकी गांड मार सकता हूँ?” आंटी ने कहा, “मैंने कभी गांड में नहीं डलवाया। चलो आज ट्राई कर लेते हैं।” फिर मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में किया और लंड घुसाने लगा, लेकिन अंदर घुस ही नहीं रहा था। मैंने थोड़ी सी चार्मिस क्रीम ली, पहले उनकी गांड में उंगली डाली, फिर धीरे से लंड रखा और एक धक्का मारा तो आधा लंड उनकी गांड में घुस गया।
सच कहूँ तो इतनी कड़क गांड थी कि मज़ा आ गया। अब मैं ज़ोर-ज़ोर से झटके देने लगा। करीब 30 मिनट बाद मेरा स्पर्म निकलने वाला था। मैंने कहा, “आंटी, निकलने वाला है।” आंटी ने फटाफट गांड से लंड निकाला और एक झटके में मुँह में लेकर चूसने लगीं। मैंने भी उनके मुँह में ही पूरा स्पर्म निकाल दिया। फिर मैं और आंटी बाथरूम में नहाए। आंटी ने मुझे कहा, “सच में आज मेरी ज़िंदगी का बहुत यादगार दिन था।” और ऐसे ही आज भी मैं उस आंटी को चोदता हूँ।
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