Hardcore Group Chudai
मेरी सास पूजा, 38 वर्ष की, बहुत शानदार फिगर वाली— 36-28-38। अपने ससुर की मृत्यु के बाद मैंने पहली बार उसे चोदा था। एक दिन मेरा भाई मेरे घर आया। बातों-बातों में मेरी सास का जिक्र चल पड़ा। वो मुझसे बोला, “अरे अरुण, तेरी सास तो मस्त सेक्सी है यार। तेरे ससुर के मर जाने के बाद उसका गुजारा कैसे चलता होगा।” Hardcore Group Chudai
मैंने कहा, “अरे यार, तेरा भाई किस लिए है। आजकल मेरे लंड की सवारी करती है साली रांड।”
“क्या बात कर रहा है।” वो हैरान होकर बोला। “अगर ऐसी बात है तो अपने भाई के लंड को भी उसकी मस्त चूत के दर्शन करवा दे।”
“ठीक है, मैं कोशिश करता हूँ।” मैंने कहा।
अगले दिन दोपहर को हम दोनों भाई उसके घर गए। वो घर पर अकेली थी। हमेशा की तरह उसने साड़ी पहनी थी। उसने साड़ी को नाभि के काफी नीचे बाँध रखा था। और ब्लाउज काफी छोटा पहना था, सो उसका भरपूर शरीर पूरी तरह साड़ी में से झाँक रहा था। ऊपर से ब्लाउज लो-कट था। आगे से भी और पीछे से भी। सो उसकी सेक्सी कमर भी दिख रही थी और क्लीवेज भी पूरी तरह दिख रही थी।
ब्लाउज टाइट होने के कारण उसके मम्मे मानो बाहर टपक जाने को बेताब हो रहे थे। इतना सब तो हम दोनों भाइयों को गरम करने को काफी था। ऊपर से जब वो कोल्ड ड्रिंक का गिलास देने को झुकी मेरे भाई के सामने, तो मेरा भाई उसके ब्लाउज में बंद और ब्रा की कैद में तड़प रहे मम्मों का देख मचल उठा।
वो हमें कोल्ड ड्रिंक देकर किचन में चली गई। मैं उसके पीछे किचन में पहुँच गया और उसे पकड़ लिया। उसके एक मम्मे को पकड़कर मसलते हुए बोला, “साली, क्या मस्त सेक्सी लग रही है, रांड।”
“तो तुझे क्या फर्क पड़ता है साले भोसड़ी के। इतने दिन तक कहाँ माँ चुदवा रहा था बहनचोद। मेरा खयाल नहीं आया। पता है कितने दिनों से मेरी चूत लंड के लिए तड़प रही है। साले”, उसने जवाब दिया।
इतना कहकर वो मुझसे लिपट गई और मुझे चूमने लगी। मैं भी उसके होंठ चूस रहा था और मेरा हाथ अब भी उसके मम्मों से खेल रहा था। करीब दो मिनट बाद उसने खुद को मुझसे छुड़ाया और बोली, “डाले बहन के लंड, ये अपने साथ इसे क्यों ले आया। अकेला होता तो अब की अब मेरी चूत मार लेता।”
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मैंने कहा, “पूजा, मेरी प्यारी सासू माँ, मेरे पास एक आइडिया है। क्यों न आज हम दोनों भाई तुझे चोदें। वो बेचारा तो तेरे मम्मों की झलक पाकर ही दीवाना हो गया है और तुझे चोदने की तमन्ना रखता है। हम लोग तुझे कुतिया बनाकर चोदेंगे एक साथ—अगर तुझे नहीं पसंद है तो अभी न बोल दो, नहीं तो बाद में हम रुकेंगे नहीं।”
“ये बात है तो ठीक है, आज मैं तुम दोनों को अपनी चूत और गांड दूँगी पर अपने तरीके से,” वो बोली।
उसके बाद मैं कमरे में वापस आ गया। वो भी वहाँ हमारे पास बैठ गई। तभी मेरा भाई बोला, “गर्मी बहुत है। क्या एक गिलास पानी और मिलेगा।”
वो अंदर से पानी का गिलास ले आई। मेरे भाई राहुल के सामने इतना ज्यादा झुककर उसने वो गिलास उसे पकड़ाया ताकि मेरा भाई ब्लाउज के अंदर तक उसकी चुचियों का दीदार कर सके और बोली, “ले, बुझा ले अपनी प्यास, फिर न कहना कि प्यासा भेज दिया।” और वहीं झुकी रही।
राहुल खुद को रोक नहीं पाया और उसने अपना एक हाथ बढ़ाकर ब्लाउज के ऊपर से ही मेरी सास का एक मम्मा पकड़ लिया और उसे मसलने लगा। मेरी सास ने उसके बाल पकड़े और अपने होंठ उसके होंठों पर रखकर चूसने लगी। वो किसी भूखी रंडी की तरह उसके होंठ चूस रही थी।
फिर वो खड़ी हो गई और अपनी साड़ी उतारकर एक तरफ फेंक दी। ब्लाउज और पेटीकोट में वो बेहद सेक्सी लग रही थी। उसे इस हालत में देखकर मेरा भाई बोला, “पूजा, साली रांड, तू बहुत खूबसूरत है।” पूजा ने हमारी ओर देखा और बोली, “कम ऑन, लुक एट द लव होल। माय चूत। सी हाउ नाइस इट इज। साली तुम्हारा लंड खाने को तरस रही है। ओह अरुण! देख तेरी सास कैसे बेशर्म होकर नंगी हो रही है और ये साला मेरी चूत में लंड डालने को रेडी है। चल देखो मेरी चूत।”
वो हमारे सामने खड़ी थी और ब्लाउज के ऊपर से ही अपने मम्मे मसल रही थी। अब राहुल ने अपना एक हाथ बढ़ाकर उसका एक मम्मा पकड़ लिया और उसे मसलने लगा। वो सिसकारियाँ भरने लगी। मैं अपनी जगह से खड़ा हुआ और पूजा का ब्लाउज उतार दिया और पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। काले रंग की ब्रा और पैंटी में उसका गोरा बदन मदक लग रहा था।
राहुल ने उसकी ब्रा की हुक खोलकर उसके मम्मों को ब्रा की कैद से आजाद किया और जैसे ही उसके निप्पल को उंगली में लेकर मसला तो पूजा ने तड़पते हुए अपना पूरा बदन झटक दिया। दो-तीन मिनट तक वो पूजा के मम्मों से खेलता रहा। फिर जमीन पर बैठकर उसने पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत का एक चुम्मा लिया। फिर वो खड़ा हो गया और अपने कपड़े उतार दिए थे और पूरी तरह नंगा हो गया।
मेरी सास उसके आगे झुक गई और उसका लंड हाथ में पकड़ लिया। वो उसका लंड हिला रही थी और मैं चाहता था कि वो मेरे भाई का लंड चूसे। तभी जैसे उसने मेरी बात सुन ली हो, वो थोड़ा और झुकी और राहुल का लंड चूसने लगी। मैं उसे मुंह-चोदन करते देखकर मस्ती में आ गया। राहुल ने अपनी आँखें बंद कर रखी थी और लंड चुसवाई का पूरा मजा ले रहा था।
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थोड़ी देर बाद उसने पूजा को घूम जाने को कहा पर साथ-साथ उसका लंड चूसते रहने को भी कहा। जब पूजा ने अपनी टाँगें उसके सिर के पास ऊपर उठाई तो उसने पूजा के दोनों घुटने फैलाकर अपनी दो उँगलियाँ उसकी गीली चूत में डाल दी। और वो सिटकर कर उठी। जैसे-जैसे वो उसका लंड मुँह में अंदर-बाहर करती, वैसे-वैसे वो उसकी चूत में उँगलियाँ अंदर-बाहर करता रहा।
जितनी तेजी से वो उसका लंड चूसती, उतनी तेजी से वो अपनी उँगलियों से उसकी चूत चोदता। उसने राहुल का पूरा लंड अपने मुँह में ले रखा था और चूस रही थी। राहुल ने उसका सिर पकड़ लिया और बोला, “साली रंडी, क्या मस्त लंड चूसती है घस्ती। और चूस, मैं तेरे मुँह में झड़ना चाहता हूँ रंड।” इतना पूजा के लिए काफी था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
तभी उसके लंड ने वीर्य की धार छोड़ दी और वो जितना लंड का माल खा सकती थी, उसने खाया। उसके बाद उसने मेरी सास को अपने सामने खड़ा कर दिया और पीछे से उसके चूतड़ पकड़कर खींचे और उसे अपनी ओर खींच लिया। वो उसकी चूत को सूँघ रहा था।
सूँघते-सूँघते उसने अपनी दो उँगलियाँ पैंटी के ऊपर से ही उसकी गांड में डालने की कोशिश की। उसके बाद उसने मेरी सास की पैंटी उतार दी और अपनी उँगलियाँ उसकी चूत में डाल दी और जोरों से चूत खोदने लगा। उसके बाद उसने अपनी उँगलियाँ पूजा की चूत से निकाल ली। हम बेडरूम में चले गए।
वो बेड पर लेट गया और मेरी सास भी बेड पर चढ़ गई। मैंने देखा राहुल का लंड पूरी तरह खड़ा हुआ था और चुदाई के लिए तैयार था। मेरी सास राहुल को चाटना शुरू कर दिया। टाँगों से शुरू होकर उसने राहुल की जाँघों पर, बॉल्स, लंड और फिर पेट और छाती सब कुछ चाटा।
चाट लेने के बाद उसने अपनी चूत को राहुल के लंड पर टिका दिया और लंड पर बैठ गई। राहुल का लंड मेरी सास की चूत में था। वो उछल-उछलकर लंड को अंदर-बाहर करने लगी। इस तरह उसकी बड़ी-बड़ी चुचियाँ भी थिरकने लगीं। राहुल ने उसकी गांड पकड़ रखी थी और मजे ले रहा था। थोड़ी देर बाद राहुल उसकी चुचियों मसलने लगा।
वो उछल-उछलकर लंड ले रही थी और बीच-बीच में राहुल की बॉल्स को मसल रही थी। राहुल ज्यादा देर तक खुद को नहीं रोक पाया और उसने पूजा को लेटा दिया और उसकी चूत में लंड डालकर चोदने लगा। मेरी सास अपनी टाँगें चौड़ी करके पड़ी थी।
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दो-तीन मिनट बाद ही राहुल ने अपने लंड का पानी उसकी चूत में झड़ दिया और उसके ऊपर ही लेट गया। अब मेरी बारी थी। मैं इतना ज्यादा गरम हो गया था अपनी सास को अपने भाई से चुदते देखकर कि खुद को रोक नहीं पाया। मैं बिस्तर के एक कोने पर बैठ गया और बोला, “चल कुतिया, मेरा लंड चूस। चल अपने मुँह में इसे लेकर मुंह-चोदन कर।”
जब वो मेरी तरफ बढ़ी तो मैं उसकी आँखों में वासना साफ देख सकता था। वो अभी भी गरम थी, सो उसने मेरा लंड पकड़ लिया। कुछ देर तक उसे ऊपर-नीचे करने के बाद वो बेड पर इस तरह लेट गई ताकि मेरा लंड आराम से उसके मुँह में आ सके। मैं चाहता था कि वो मेरे भाई के सामने मेरा लंड चूसे।
उसने मेरा लंड अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगी। तब मैंने अपना एक हाथ बढ़ाकर उसका एक मम्मा पकड़ लिया और बोला, “चूस मेरी जान, और जोर से चूस मेरा लंड, तुझे ऐसा लौड़ा नहीं मिलेगा, ओओओह येेह्ह्ह मेरी गांड भी सहला साली आआआ ममाआआ ही क्या लौड़ा चूसती है तू, तूने तो रंडों को भी पीछे छोड़ दिया लंड चूसने में, हिईईई मेरी जान बस इसी तरह सीईईई, कुतिया रंडी।”
वो पूरे जोरों से मेरा लंड चूस रही थी जब मेरे लंड ने रस की धार छिड़ दी। उसने मेरे लंड का माल चाटा और अच्छी तरह से खाया। तभी राहुल बोला, “क्या बात है अरुण। तेरी सास तेरा लंड चाट रही है। तेरी मौज है। एक तरफ तू माँ चोदता है दूसरी तरफ बेटी।” जैसे ही उसने मेरे लंड से वीर्य की आखिरी बूंद चाटी, राहुल ने उसका चेहरा ऊपर उठाया और उसके होंठ चूसने लगा।
उसने पूजा ने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और उसे वापस किस करने लगी। तभी मैंने अपना हाथ उसकी टाँगों के बीच डाल दिया। उसने मेरा हाथ झटकाने की कोशिश की पर तब तक मेरी उँगलियाँ उसकी चूत में थी। मैं पागल सा हो गया था। वो मेरे पास आ गई और अपनी चूत को मेरे चेहरे के पास ले आई। वो मुस्कुरा रही थी और मैंने उसके मम्मे पकड़ लिए और निप्पल्स मसलने लगा।
“ओह, येह, बेबी। मैं चुदाई की भूखी रंडी हूँ। जोर-जोर से खेलो मेरे निप्पल्स से।”
मैंने उसके चूतड़ पकड़ लिए। मेरी जीभ उसकी चूत में थी और उसकी चूत चूसने में मजा आ रहा था। वो मेरी जीभ इस तरह ले रही थी जैसे राहुल का लंड। मैंने अपने मम्मे जोर-जोर से मसलने शुरू कर दिए। वो झड़ने वाली थी। वो मस्ती में चिल्लाई और झड़ गई।
अब तक मैं बहुत गरम हो चुका था। वो अभी भी बिस्तर पर घोड़ी बनी हुई थी और उसने अपना मुँह तकिए में छुपा रखा था जबकि उसकी गांड हवा में थी। फिर उसने मेरी तरफ देखा तो पाया कि मैं उसकी नंगी गांड को निहार रहा था।
“तुम थरकी हो,” वो हँसी और उसने अपनी गांड मेरी तरफ मटकाई।
वो फिर मुड़ी और उसने अपना मुँह दुबारा तकिए में छुपा लिया पर जब उसने ऐसा किया तो मैं बिस्तर पर बिल्कुल उसके पीछे आ गया। मैं उसके साथ चिपक गया और अब वो अपने बदन पर मेरा स्पर्श महसूस कर सकती थी। जैसे ही वो पीछे मुड़ी, मैंने अपने हाथ उसके चूतड़ों पर रख दिए और मेरे लंड ने उसकी टाँग पर रगड़ खाई। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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“दुबारा से आ गए तुम मेरा दिमाग खाने। तुम्हारा लंड खराब हो जाएगा!” उसने ताना मारा। साथ ही उसने अपनी गांड फिर मेरी तरफ मतकाई। सच तो ये था कि वो चुदाई से थकने वाली नहीं थी।
उसने खुद को बेड की रेलिंग का सहारा देते हुए अपनी टाँगें जरा और फैला दी। मैं उसका इशारा समझ गया और अपना लंड उसकी चूत के होंठों पर रख दिया। जैसे ही लंड के सुपारे ने चूत में प्रवेश किया, वो उत्तेजना के मारे चिल्ला उठी।
“ओह गॉड, दैट फील्स गुड,” वो बोली जब मैं उसकी चूत में लंड डाल रहा था और उसकी चूत मानो मेरे लंड को खा जाना चाहती हो।
“ओह फक येस, इट डज,” मैंने कहा।
उसने अपनी गांड ऊपर को उठा ली ताकि मेरा लंड पूरी तरह उसकी सुलगती हुई चूत में समा जाए। मेरा लंड पूरा चूत में जा चुका था। वो चुदाई करवा कर बहुत खुश हो रही थी। मेरा लंड उसकी चूत में बहुत तेजी से अंदर-बाहर हो रहा था। इस उमर में भी उसकी चूत गजब की टाइट थी। मैंने तड़पते हुए कहा, “सासू माँ, तुम्हारी चूत बहुत टाइट है। इतना मजा तो तेरी बेटी को चोदने में भी नहीं आता। साली बहन की लौड़ी, मेरा लंड तो अब तेरी चूत को तरसता रहता है।”
“बहनचोद, फिर क्यों चोदता है उस रंडी को। उसके करनामे बताऊँगी तो हिल जाएगा साले। वो और तेरे भाई की बीवी क्या-क्या गुल खिलाती हैं पता है साले। हरामजादे, अगर मेरी चूत मारने में इतना मजा आता है तो साले १५-१५ दिन तक कहाँ गायब रहता है दल्ले। हर रोज आ जाया कर मेरी चूत मारने।” उसने जवाब दिया।
मैंने अपना हाथ उसकी एक चुची पर रख दिया और उसे दबाने लगा। जब-जब मैं उसके निप्पल दबाता, वो तड़प उठती। इस बीच मैं उसकी चूत को तेजी से चोद रहा था। वो भी अब गांड पीछे निकालकर मेरा लंड ले रही थी। पीछे से चुदाई हालांकि उसके लिए नई नहीं थी पर उसे इसमें बहुत मजा आता था।
मैंने उसे थोड़ा और ऊपर उठा दिया और उसकी कमर पकड़कर उसे चोदता रहा। वो भी अपनी चूत को सिकोड़कर मेरा लंड इस तरह ले रही थी मानो उसे कभी चूत में से निकालेगी ही नहीं। “उम्म्म… येस… येस… यीएसएस… चोद मुझे… चोद मुझे मदरचोद रंडी कुतिया के बच्चे… फूउउक मीईई… चोद मुझे… बस चोद मुझे… येह … फक मी! फक मी हार्ड… ओह्ह्ह्ह्ह प्लज थोड़ा और जोर से धक्के मारो हिईईई बहुत मजा आ रहा है, ओह्ह्ह्ह्ह।”
उसने एक मदम सी सिटकार की और इसके साथ ही उसकी चूत से रस टपकने लगा। वो झड़ रही थी। उसने मेरे लंड को अपनी चूत में मानो कस लिया था। मैंने धक्के मारना चालू रखा। करीब दो मिनट और मैं उसे चोदता रहा और फिर मैं भी चिलाते हुए झड़ गया।
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कुछ देर बाद हम फिर से चुदाई के लिए तैयार थे। मेरी सास ने मेरा लंड पकड़ लिया और हलके हाथ से हिलाते हुए बोली, “अरुण, मेरी गांड नहीं मारेगा या दिल भर गया है। जब से आया है मैं तुझे अपनी गांड दिखा रही हूँ और तू नोटिस ही नहीं कर रहा।”
मैंने कहा, “ऐसी कोई बात नहीं है। अब तैयार हो जा गांड मरवाने के लिए। पर पहले मुझे मेरी बीवी और भाभी के बारे में बता, क्या सच में वो गस्तियाँ हैं।”
“अरे मेरी बेटी जुगाड़ नहीं होगी तो क्या होगी साले। मेरा बेटा है न तेरा साला, साला पक्का गांडू है। गांड मरवाता है और वो कुतिया तो उससे भी चुद चुकी है। और तेरी भाभी तो अपने सफाईवाले का लंड खाती है। चल अभी मेरी गांड मार। बाद में मैं तुझे उन दोनों रंडियों के बारे में खुलकर बताऊँगी।” उसने जवाब दिया।
इतना कहकर वो बेड पर घोड़ी बन गई। तभी राहुल बोला, “मेरा लंड भी देख कैसे तेरे मुँह में जाने को तरस रहा है—देख कैसे इसके मुँह में से लार टपक रही है”। हमारे लंड अब तक पूरी तरह तन चुके थे और हम दोनों उसका कार्यक्रम करने को तैयार थे। तब वो बोली, “अरे मेरे राजा लोग, तुम्हारे लंड रेडी हैं तो देखो मेरी भी चूत तुम्हारे लंड खाने को कैसे मुँह खोले तैयार बैठी है, बोलो कैसे लोगे मेरी चूत और गांड? एक साथ या बारी-बारी से।”
“साली कुतिया, अब तो जो भी करेंगे साथ-साथ ही करेंगे। तीनों मिलकर सामूहिक-चुदाई करेंगे।” मैंने जवाब दिया, “ले पहले तू मेरे भाई का लंड चूस।”
उसने झुककर राहुल का लंड अपने मुँह में ले लिया और जैसे ही लंड उसके मुँह में गया, मैंने पीछे से उसके चूतड़ पकड़ लिए और मसलने लगा। चूँकि उसके मुँह में लंड था इसलिए वो कुछ बोल भी नहीं सकती थी। मैं उसकी गांड सहला रहा था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
और बोल रहा था, “अह्ह्ह्ह्ह हाआआआ कितने दिनों बाद आज ये मस्त गांड मारने को मिली है, हाय तेरी गांड का छेद कितना कसा हुआ है, तेरा आदमी तो पूरा ही चूतिया था साला हीजड़ा—जिसने आज तक ऐसी मस्त और कसी हुई गांड नहीं मारी, अह्हाआआ क्या तेरे चूतड़ हैं—इनमें तो मुँह मारकर सारे दिन और रात तेरी इस मस्त अनचुदी भूरी गांड को मैं चूसता रहूँ। उफ्फ क्या नरम बॉल हैं, एक-एक चूतड़ को खा जाने का मन करता है।”
और मैं बुरी तरह उसके चूतड़ मसल रहा था और फिर धीरे से एक उंगली मैंने उसकी गांड में डाल दी और उंगली से उसकी गांड मारने लगा।
राहुल चिल्ला रहा था, “हाई मेरे भाई, इस रांड का मुँह इतना गरम है कि लगता है कि इसकी चूत में ही लंड पेल रहा हूँ हाई इसकी चूत कितनी गरम होगी, हाआई आज तो मजा आ जाएगा। चूस साली कुत्तिया, तुझे तो मैं गालियाँ दे-देकर तेरे दोनों बोबे खींच-खींचकर चोदूँगा साली बाप चुदी कुत्तिया उफ्फ्फ…भगवान को प्रसाद चढ़ाना है गुरु याद दिलाना है मेरी जान जरा मुँह और खोल न साली तेरी छाती को चोदूँ।”
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वो चुपचाप उसका लंड चूस रही थी। असल में दो लंड एक साथ उसकी पकड़ में थे और वो अपना मजा खराब नहीं करना चाहती थी। राहुल उसे दोबारा चोदना चाहता था और मैं उसकी गांड मारने को तड़प रहा था। तब हम दोनों ने फैसला किया कि राहुल नीचे उसकी चूत मारेगा और मैं पीछे से उसकी गांड और वो भी एक साथ।
उसने इंकार किया, “अरे तुम दोनों एक साथ करोगे तो मेरी चूत और गांड दोनों फट जाएँगी न—इस लिए प्लीज एक-एक करके मेरे साथ मजे लो, पर एक साथ मत चढ़ो, नहीं तो मैं मर जाऊँगी।” “चुप साली—छोड़ ये सब मरने जीने की बातें, तुझे तो दो क्या एक साथ चार-चार आदमी भी चोदें तो भी तेरा कुछ नहीं बिगड़ने वाला, इस लिए तू चिंता मत कर, और वैसे भी हम तुझे इतने प्यार से चोदेंगे कि तुझे कुछ पता ही नहीं चलेगा। चल जल्दी से कुतिया के जैसी हो जा फिर देख तुझे कितना मजा आता है। और वैसे भी तूने वादा किया ही कि हम दोनों भाइयों को एक साथ मजा कराएगी।”
वो बोली, “वादा तो किया था पर मुझे क्या पता था कि तुम्हारे साथ-साथ तुम्हारे भाई का लौड़ा भी घोड़े का जैसा है और फिर तुम मुझे भले ही प्यार से चोदोगे पर अपने इस लंड की साइज का क्या करोगे ये तो इतना ही बड़ा रहेगा न इसे छोटा तो नहीं कर सकते हो।”
राहुल को अब गुस्सा आ गया और वो बोला, “साली कुत्तिया छिनाल बहन की लोड़ी अब क्यों नखरे कर रही है—बड़ा लंड चाहिए था तभी तो हमारे से चुदवाने को तैयार हुई है वरना अपने पति की मौत के बाद किसी का लंड न लेती, हमारे पास क्यों आई अपनी माँ चोदाने के लिए। चल जल्दी से चोदाने को तैयार हो जा नहीं तो अभी ये टेलीफोन तेरी भोसड़ी में घुसेड़ दूँगा, साली खड़े लंड पे नखरा कर रही है।”
उसने चुपचाप राहुल का लंड अपनी चूत पर टिका दिया और राहुल ने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। वो उसे चोदने लगा साथ ही उसके मम्मे पकड़ लिए। अब मैं उसके सामने खड़ा हो गया और उसने मेरा लंड पकड़कर अपने मुँह में डाल लिया। वो मेरा लंड बड़े प्यार से चूस रही थी।
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मैं चिल्लाने लगा, “हाँ चूस इसे साली रांड साली बाप चुदी और जोर से चूस फिर तुझे सारी जिंदगी ऐसा लौड़ा चूसने को नहीं मिलेगा। इसे प्यार से चूसेगी तो मैं भी तेरी गांड प्यार से मारूँगा आआह्हाआआआ… हाईईईईई। और चूउस साली रांड तेरी माँ के भोसड़े में घोड़े का लंड। आआआह्हा आआआआ।” वो किसी कुतिया की तरह मेरा लंड चूस रही थी।
5 मिनट बाद मैंने कहा, “बड़ी मदरचोद औरत है तू साली क्या लौड़ा चूसती है तेरे बाप ने तुझे सिखाया होगा है क्यों चल अब मेरा लंड छोड़—इसे तेरी गांड में घुसाने का वक्त आ गया है।” कहकर मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाल लिया और उसके पीछे आ गया।
मैंने राहुल से कहा, “अबे साले अभी तक इसकी ले ही रहा है फाड़ दे साली की चूत चल हट अभी तक मैं होता तो इसकी चूत और गांड दोनों एक हो जाते चल हट रांड के नीचे लेट और चूत मार इसकी बहुत प्यार आ रहा है इस गांड मार पर क्या अरे मैं सब जानता हूँ इस जैसी औरत को तो एक आदमी से काम नहीं चलने वाला उफ्फ गांड देखी न तूने और इसकी चूत अभी भी लगता है कि भोसड़ी की चूत कुंवारी ही है घर के सारे आदमी इसकी गुलामी करते होंगे।”
“क्या कह रहा है सच में”, राहुल ने कहा और बेड पर लेट गया। पूजा उसके बड़े लंड पर बैठ गई और चूत में पूरा लौड़ा जाने तक दबाती रही। मैंने उसकी गांड में दो उँगलियाँ डाल दी और बोला, “देख साली कुतिया अब तो तेरी गांड भी लंड खाने के लिए तैयार हो गई—ले अब संभाल मेरा मुसल अपनी गांड में।” ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
इतना कहकर मैंने अपना लंड उसकी गांड में घुसा दिया। वो चिल्ला उठी पर उसकी परवाह किए बिना मैंने अपना पूरा लौड़ा उसकी गांड में घुसेड़ दिया। राहुल पूरी जोरों से उसे नीचे से चोद रहा था और वो उसके मम्मे भी मसल रहा था और बीच-बीच में निप्पल्स भी दबा देता था। वो बुदबुदाया, “हाई काश इन मम्मों में दूध होता तो मजा आ जाता, फिर तो आज चोदते-चोदते दूध भी पी लेता।” ये सुनकर वो बोली, “अरे भड़वे दूध पीना था तो अपनी माँ के पास क्यों नहीं गया।”
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मैंने तभी कहा, “क्यों कुतिया अब तेरा दर्द कहाँ गया अब तो साली कुत्तिया तू मजे ले-लेकर गांड मरवा रही है।” कुछ मिनट बाद राहुल के लंड ने वीर्य की धार उसकी चूत में छोड़ दी और वो बोला, “आआह्ह्ह्हाहह हाय ले मेरा पानी पी ले रंड हाह्ह्हाईईईईई मैं तो गया। चल रंडी साली कुतिया ले मेरा सारा पानी पी जा अपने भोसड़े में अहहहाआआआ।” दूसरी तरफ मैं पूरे जोरों से चालू था। राहुल का वीर्य उसकी चूत से टपक रहा था और मैंने अपनी एक उंगली उसकी गीली चूत में डाल दी और उंगली से उसकी चूत मारने लगा। वो ताजी-ताजी झड़ी थी इसलिए चिल्लाने लगी,
“अबे चूतिए गांड मारने का मूड है न वो क्या कम है जो मेरी चूत में भी उंगली डाल रहा है—क्या एक ही रात में पूरा वसूल करना है—चल जल्दी से चूत में से उंगल निकाल वरना गांड से भी हाथ धो बैठोगे।” मैं मस्ती के चरम पर था और मेरे लंड ने वीर्य रस की धार उसकी गांड में छोड़ दी। उसके बाद मैं वहीं जमीन पर बैठ गया। वो भी कुछ मिनट तक वहाँ लेटी रही। उसके बाद मैंने पूछा, “सासू माँ, कैसा लगा दो-दो लंड से एक साथ चुदवाकर?” वो बोली, “बहुत अच्छा लगा—ऐसा मजा मुझे जिंदगी में कभी नहीं मिला था। सच में मजा आ गया दामादजी।”
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