XXX Aunty Kahani
यह मेरी असली कहानी है जब मैं 22 साल का था और कॉलेज में पढ़ता था। मेरी हाइट 5.7 फीट है और मेरा शरीर स्वस्थ है। एक साल पहले मैं अपने दोस्त के साथ उसके होम टाउन, मोदीनगर, गया था, जो दिल्ली के पास है। शाम को हम मोदीनगर में उसके घर रुके। XXX Aunty Kahani
मैं वहाँ एक हफ्ता बिताना चाहता था, इसलिए ये छुट्टियाँ थीं। मेरे माता-पिता को इस बारे में अच्छे से पता था। हम दोनों मोदीनगर के पास एक गाँव में गए, जहाँ उसकी माँ, पिता और बहन थीं। उसकी माँ और बहन बहुत सेक्सी थीं। दोनों ही बहुत सुंदर थीं और उनकी हाइट करीब 5.5 फीट थी।
माँ का फिगर 36/32/38 और बहन का फिगर 34/32/30 था। उसकी बहन का फिगर बहुत सेक्सी था और उसकी बहन के सामने मेरा लंड खड़ा हो गया। लेकिन मैंने अपने कैरी बैग से इसे छुपा लिया। शाम को हम गाँव में घूमते हुए मज़े कर रहे थे।
अगले दिन सुबह मेरे दोस्त के पिता ने उससे कहा कि वह उनके साथ पास के गाँव में कुछ खरीदारी के लिए चले। उन्होंने मुझे बताया कि वे शाम 8 बजे तक लौटेंगे। अब घर में सिर्फ हम तीन लोग थे—मैं, उसकी माँ और उसकी बहन (अंशिका)। मेरी नजरें अंशिका पर थीं।
सुबह करीब 10 बजे आंटी ने मुझसे कहा कि वे कुछ काम से बाहर जा रही हैं और पड़ोस के मकान में चली गईं। मुझे कुछ शक हुआ। मैं बिना बताए छत से पड़ोस के मकान में चला गया। वहाँ मैंने देखा कि अमित की माँ को पड़ोस में रहने वाले उनके अंकल अपनी गोद में उठाकर नीचे के कमरे में ले गए।
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मैं तुरंत समझ गया कि अब तो आंटी की चुदाई होने वाली है, और वैसा ही हुआ। अंकल ने बिना समय गँवाए उन्हें नीचे के कमरे में ले जाकर उनकी साड़ी उतार दी और ज़मीन पर डाल दी। उन्होंने आंटी का पेटीकोट ऊपर उठा दिया, जिससे उनकी गांड मेरी तरफ थी और चमक रही थी।
अंकल उनकी गांड को दोनों हाथों से दबा रहे थे और उनके होंठों को अपने होंठों में दबाए हुए थे। तभी आंटी ने अपने होंठ हटाए और बोलीं, “जल्दी से चुदाई करो, बहुत प्यासी हूँ।” फिर अंकल ने अपने कपड़े उतार दिए और नंगे हो गए। साथ ही उन्होंने आंटी को भी नंगा कर दिया।
अंकल ने आंटी का सिर पकड़कर नीचे किया और अपना 8 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड उनके मुँह में डाल दिया। अंकल बोले, “मेरी रानी, जल्दी से चूस, इसके बाद मैं तेरी चूत फाड़ दूँगा।” आंटी ने ज़ोर-ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया। करीब 5 मिनट में ही उनका लंड तन गया और मुँह से बाहर आने लगा।
अंकल ने आंटी को लकड़ी की चादर पर लिटाया, उनकी टाँगें चौड़ी कीं और बिना चूत चाटे अपना लंड उनकी चूत पर रखा। एक ज़ोर का धक्का मारा, जिससे आंटी चीख पड़ीं। उनका लंड आधा अंदर चला गया था। अंकल ने आंटी की दोनों चूचियाँ दबा रखी थीं और उनका मुँह बंद कर रखा था।
इसके बाद 5-7 धक्कों में ही अंकल ने पूरा लंड आंटी की चूत में डाल दिया। अब आंटी मस्त होकर चुदाई करवा रही थीं। तभी वह दरवाज़ा, जहाँ से मैं यह सब देख रहा था, अंदर की ओर खुल गया और मैं अंदर की तरफ गिर गया। दोनों चौंक गए और डर गए। मेरा लंड भी चुदाई देखकर तना हुआ था। आंटी ने देखा कि मेरा लंड खड़ा है।
उन्होंने अंकल से कहा, “चिंता मत करो, तुम चुदाई करते रहो।”
फिर आंटी ने मुझसे कहा, “दरवाज़ा बंद कर दो और मेरे पास आ जाओ।”
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मैंने दरवाज़ा बंद किया और आंटी के पास चला गया। तब भी अंकल आंटी की चुदाई कर रहे थे और आंटी उनका साथ दे रही थीं।
आंटी ने कहा, “प्रमोद, तुम क्या देख रहे थे? चलो, कोई बात नहीं, अब आराम से देखो। तुम्हारा तो लंड खड़ा है, क्या तुम भी मुझे चोदना चाहते हो?”
मेरे मुँह से निकल गया, “हाँ, मैं भी तुम्हें चोदना चाहता हूँ।”
आंटी ने अंकल से कहा, “सुनो, जल्दी से चोदो, अब प्रमोद की प्यास भी ठंडी करनी है।”
आंटी ने मुझसे कहा कि मैं अपने कपड़े उतारकर नंगा हो जाऊँ। अब हम तीनों एक कमरे में नंगे थे। मैं सोच रहा था कि जब माँ इतनी सुंदर है, तो बेटी कितनी सुंदर होगी। मैं आंटी के पास गया। तभी अंकल ने आंटी से कहा, “चलो अब ज़रा घोड़ी बन जाओ ताकि मैं तुम्हें पीछे से चोद सकूँ।”
आंटी घोड़ी बनीं और मेरा लंड अपने मुँह में डाल लिया। अंकल उनकी पीछे से चुदाई करने लगे। मेरा लंड और ज़्यादा तन गया। मैंने आंटी के बाल पकड़कर उनके मुँह में धक्के मारने शुरू कर दिए। अब आंटी दो तरफ से धक्के खा रही थीं। तभी मैंने आंटी का सिर कसकर पकड़ा और सारा वीर्य उनके मुँह में डाल दिया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उधर, अंकल ने भी आंटी को कसकर पकड़ रखा था क्योंकि उन्होंने भी अपना वीर्य उनकी चूत में डाल दिया। आंटी ने सारा वीर्य मुँह और चूत में पी लिया। मैं खुश था। अंकल थक चुके थे, लेकिन आंटी में अभी भी दम था। अंकल वहीँ ज़मीन पर लेट गए। अब मैं आंटी के सामने था। मेरा लंड भी अंकल की तरह था, लेकिन मोटाई 1 इंच ज़्यादा थी।
आंटी बोलीं, “हाय, इतना मोटा!”
मैंने कहा, “चिंता मत करो आंटी, सारा घुस जाएगा।”
आंटी बोलीं, “कैसे चोदना चाहते हो?”
मैंने कहा, “पहले सामने से, फिर पीछे से।”
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मैंने देखा कि अब तक आंटी की गांड किसी ने नहीं मारी थी। मैंने सोच लिया कि आंटी की गांड ज़रूर मारूँगा। आंटी कमरे में बने बाथरूम में गईं और अपनी चूत को अच्छे से धोकर आईं। फिर उन्होंने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया। मैंने उनकी चूत को 69 की पोज़िशन में चाटना शुरू किया।
आंटी बोलीं, “क्या इस तरह भी चूसते हैं?”
मैंने कहा, “हाँ।”
करीब 15 मिनट बाद मैंने उन्हें सीधा करके अपना लंड उनकी चूत पर रखा और ज़ोरदार धक्का मारा। मेरा एक-तिहाई लंड अंदर घुस गया। वह चीख पड़ीं, लेकिन चीख को अपने होंठों में दबा लिया और बोलीं, “चोदने के लिए मना नहीं किया, लेकिन प्यार से चोद।”
मैंने फिर एक और धक्का मारा और मेरा पूरा लंड उनकी चूत में समा गया। मैं लगातार धक्के मार रहा था और आंटी मेरा साथ दे रही थीं। इसके बाद मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू किया। वह नए स्टाइल में चुदाई से खुश थीं। करीब 20 मिनट तक कुत्तिया की तरह चुदाई की।
फिर मैंने उनकी एक टाँग ज़मीन पर और दूसरी टाँग अपने कंधे पर रख ली। इससे पहले कि वह कुछ सोच पातीं, मैंने अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया। एक ही धक्के में पूरा लंड अंदर चला गया। मैंने उन्हें चीखने भी नहीं दिया। काफी समय तक उसी तरह चुदाई करता रहा। वह खुश थीं।
मैंने कहा, “चिंता मत करो आंटी, मैं और अमित बहुत सारे नए स्टाइल जानते हैं। हम दोनों ने मिलकर एक ही लड़की को चोदा था, जैसे आज हम दोनों ने तुम्हें चोदा है।”
कुछ देर बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उन्हें लकड़ी की चादर पर उल्टा लिटा दिया। फिर उनकी गांड पर तेल लगाया।
मैंने कहा, “आंटी, मैं तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ।”
उन्होंने कहा, “प्रमोद, मैंने कभी गांड नहीं मरवाई।”
मैंने कहा, “आंटी, एक बार मरवा लो, फिर तुम हमेशा चुदाई से पहले गांड मरवाना पसंद करोगी।”
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मैंने अपने लंड पर भी तेल लगाया और धीरे-धीरे उनकी गांड में लंड डालना शुरू कर दिया। मैंने पहले ही उनकी गांड को नरम कर दिया था ताकि लंड अंदर जाने में दिक्कत न हो। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए और लंड अंदर जाने लगा। फिर वह रुक गया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
आंटी बोलीं, “प्रमोद, दर्द हो रहा है।”
मैंने कहा, “चूत की तरह गांड में भी दर्द होता है, कुछ देर बाद खत्म हो जाएगा।”
मैं धक्के मारता रहा। करीब 20 मिनट बाद पूरा लंड अंदर घुस गया था। आंटी मचल रही थीं। मैंने अपना पूरा लंड बाहर निकाला और एक ज़ोर का धक्का मारा। लंड फिर से पूरा अंदर चला गया। आंटी उछल पड़ीं और बोलीं, “प्रमोद, छोड़ दो, मेरी गांड फट जाएगी।”
मैंने कहा, “रानी, तुम्हारी गांड तो मैंने फाड़ ही दी है।”
वह गुस्सा हो गईं और बोलीं, “अपना लंड मेरी गांड से निकालो।”
मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहा था और वह मचल रही थीं क्योंकि मैंने उनकी कमर को कसकर पकड़ रखा था। वह बोलीं, “प्लीज़ छोड़ दो।” मैंने उनके कान में धीरे से कहा, “छोड़ तो दूँगा, लेकिन मुझे एक बार अंशिका की चूत दिला दोगी।”
वह बोलीं, “वह अभी छोटी है।”
मैंने कहा, “मैं उसे बड़ा बना दूँगा।”
काफी देर बाद आंटी अंशिका की चुदाई के लिए राज़ी हो गईं, लेकिन मैंने उनसे कहा कि उसे सिर्फ़ मैं ही लूँगा, अंकल नहीं। वह राज़ी हो गईं। गांड मारने के 30 मिनट बाद अंकल उठे और फिर से चुदाई करने की बात करने लगे। मैंने आंटी से कहा, “अब हम दोनों मिलकर तुम्हारी चुदाई करेंगे।”
वह बोलीं, “कैसे?”
मैंने कहा, “अंकल, तुम नीचे लेट जाओ।”
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अंकल लेट गए। मैंने आंटी से कहा, “तुम अपनी चूत में अंकल का लंड डाल लो।” आंटी ने वैसा ही किया। अब मेरी बारी थी क्योंकि अब आंटी की चूत और गांड दोनों फटने वाली थीं। मैंने अपने लंड पर तेल लगाया और आंटी की गांड को हाथों से चौड़ा करके लंड को गांड का रास्ता दिखा दिया। फिर क्या था, आंटी चीखने लगीं। मैंने अंकल से कहा, “अंकल, चूत में धक्के मारो, मैं इनकी गांड मारता हूँ।” फिर हम दोनों आंटी पर टूट पड़े और सारा रस उनकी गांड और चूत में डाल दिया। मैंने आंटी से कहा, “अमित और मैं हमेशा इसी तरह लड़कियों को चोदते हैं।”
कुछ देर बाद आंटी को भी मज़ा आने लगा। करीब 30 मिनट की चुदाई और गांड मरने के बाद आंटी बोलीं, “आज पहली बार मुझे अपनी चूत और गांड पर गर्व है, जिसने दोनों लिंगों को अंदर ले लिया। सच, इतना मज़ा मुझे ज़िंदगी में कभी नहीं आया।” इसके बाद मैंने अपना लंड सीधे आंटी को चुसवाया। दोपहर 3:00 बजे हम दोनों अंकल को वहीं छोड़कर आ गए, जहाँ आंटी को अब अंशिका को चुदाई के लिए तैयार करना था। उसकी कमसिन जवानी मेरी नज़रों में नाच रही थी।
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