Sex Ki Anokhi Kahani
रोहन की कार अंधेरी हाइवे पर तेज़ रफ्तार से दौड़ रही थी। रात के ग्यारह बज चुके थे। अचानक उसका फोन बजा। स्क्रीन पर “जान” लिखा था। उसने एयरपॉड लगाया और मुस्कुराते हुए फोन उठाया। “हब्बी… कहाँ हो तुम? मैं तो मर रही हूँ यहाँ… बच्चे सो गए हैं, घर में कोई नहीं… सुबह से मेरी चूत में आग लगी हुई है।” पत्नी की आवाज़ में हवस टपक रही थी। Sex Ki Anokhi Kahani
“जान, मैं आधे रास्ते में हूँ। सुबह तक आ जाऊँगा तुम्हारे पास… बस थोड़ा सब्र करो।”
“सब्र? छह महीने से तुम बाहर हो, मेरी चूत सूखी पड़ी है। आज नई लाल ब्रा-पैंटी पहनी है… तुम्हारे सात इंच के मोटे लंड की याद में उँगलियाँ अंदर-बाहर कर रही हूँ… आह्ह… जल्दी आओ ना, मैं तुम्हें नंगा करके पूरा चूसूँगी… सारा माल मुँह में लूँगी…”
रोहन का लंड पैंट में तन गया।
“ऐसी गंदी बातें करोगी तो मैं अभी गाड़ी रोककर खुद का माल निकाल लूँगा।”
“निकालो ना… वॉइस नोट भेजो, मैं सुन-सुनकर दो बार झड़ जाऊँगी… जल्दी आओ वरना किसी और से चुदवा लूँगी…”
रोहन हँसा, “सुबह पहुँचते ही तुम्हारी चूत और गाँड दोनों फाड़ दूँगा, मेरी रंडी।”
“प्रॉमिस?”
“प्रॉमिस।”
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फोन कट गया। तभी दूर हाइवे किनारे एक लड़की दिखी। पूरा सफेद सलवार-सूट, लंबे काले बाल, गोरी त्वचा चाँदनी में चमक रही थी। वो हाथ हिला रही थी। रोहन ने ब्रेक मारा और पास जाकर रुक गया। लड़की करीब आई। बाईस-तेईस साल की, कातिल आँखें, भरे हुए दूध, पतली कमर, गोल मोटी गाँड। “Sex Ki Anokhi Kahani”
“जी… लिफ्ट चाहिए थी… बस स्टॉप तक?”
रोहन ने दरवाज़ा खोला, “बैठो।”
वो आगे की सीट पर बैठी और खुद दरवाज़ा बंद कर लिया। रोहन ने कार स्टार्ट की और धीरे-धीरे आगे बढ़ाया। तभी मुस्कुराते हुए बोला, “नाम?”
“मुस्कान…”
“बहुत सुंदर नाम… और तुम उससे भी ज्यादा सुंदर।”
मुस्कान शरमा कर मुस्कुराई, “थैंक यू… आप?”
“रोहन।”
बातें शुरू हो गईं। रोहन ने जानबूझकर स्पीड धीमी रखी।
“इतनी रात को अकेली?”
“स्कूल टूर था… सब से बिछड़ गई। फोन डेड।”
“टीचर हो तुम?”
“हाँ… छोटे बच्चों को पढ़ाती हूँ।”
“बड़े भी पढ़ना चाहेंगे तुमसे…”
मुस्कान हँस पड़ी। उसने दुपट्टा ठीक किया, गला और गहरा हो गया। रोहन की नज़रें वहाँ अटक गईं। “Sex Ki Anokhi Kahani”
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“क्या देख रहे हो?”
“ब्रा का रंग।”
मुस्कान की साँस रुक गई, फिर शरारत से बोली, “काला है… देखोगे?”
रोहन ने कार सुनसान जगह पर रोक दी। इंजन बंद।
“अब और इंतज़ार नहीं होता, मुस्कान।”
मुस्कान पीछे खिसकी, “रोहन जी… ये गलत है…”
रोहन ने उसकी कलाइयाँ पकड़कर सीट पर दबाईं और ऊपर चढ़ गया।
“गलत ही सही… आज तू मेरी है।”
उसने मुस्कान के होंठ दबोच लिए। पहले वो छटपटाई, फिर जीभ से खेलने लगी। दस मिनट तक गीला, जंगली किस। दुपट्टा फेंका, सूट का गला नीचे खींचा। काली ब्रा में भरे हुए दूध बाहर। दोनों को ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा।
“आह्ह… दर्द हो रहा है…” ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
“दर्द ही मज़ा है, रंडी।”
फिर पैंट खोला। सात इंच का मोटा लंड बाहर।
मुस्कान ने देखकर आँखें फाड़ दीं, “ओ माय गॉड… इतना बड़ा…?” हाथ से मुँह ढक लिया, शर्मा गई।
रोहन ने उसके बाल पकड़े और लंड होंठों पर रगड़ा।
“डर मत… बस मुँह खोल।”
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मुस्कान ने मना नहीं किया। धीरे से मुँह खोला। रोहन ने सुपारा अंदर सरकाया। मुस्कान की आँखों में आँसू आ गए (डर और मज़े के), पर वो खुद जीभ से चाटने लगी। रोहन ने सिर पकड़कर धीरे-धीरे गले तक ले गया। मुस्कान “उम्म… उम्म…” कर रही थी, हाथ से लंड का नीचे का हिस्सा पकड़कर और गहराई तक लेने लगी। दस मिनट तक लंबा, गीला, प्यार भरा डीपथ्रोट चला। आखिर में रोहन ने मुँह में ही झड़ गया। मुस्कान ने सब निगल लिया और शरमाते हुए होंठ चाटे।
“पता नहीं था इतना बड़ा भी इतना स्वादिष्ट हो सकता है…”
अब रोहन ने उसकी सलवार-पजामी-पैंटी उतार दी। मुस्कान की गुलाबी चूत एकदम गीली थी। रोहन नीचे झुका और जीभ से चाटने लगा।
“उफ्फ्फ… ये क्या कर रहे हो… आह्ह्ह… कोई नहीं चाटता वहाँ…”
रोहन ने टाँगें कंधों पर रखीं और जीभ अंदर तक घुसाई। मुस्कान पागल हो गई।
“चाटो… और चाटो… मेरी चूत फाड़ दो जीभ से… आह्ह्ह… मैं झड़ने वाली हूँ…”
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तीन बार झड़ गई, रस रोहन के मुँह पर गिरता रहा।
अब रोहन ने सात इंच का लंड चूत पर रखा और एक ज़ोरदार झटका मारा। आधा अंदर। मुस्कान चीखी, “मर गई… बहुत मोटा है…”
रोहन ने पूरा घुसा दिया। फिर तेज़-तेज़ ठोकना शुरू। कार हिलने लगी।
पहले दर्द… फिर मज़ा। मुस्कान ने खुद टाँगें कमर पर लपेटीं।
“चोदो… ज़ोर-ज़ोर से चोदो… फाड़ दो मेरी चूत… मैं तेरी रंडी हूँ… रोज़ चोदना… आह्ह्ह… और तेज़…!”
रोहन ने डॉगी बनाया, बाल खींचे, गाँड पर थप्पड़ मारे। मुस्कान खुद पीछे धक्के मारने लगी।
“गाँड में भी डालो ना… आज सब ले लो मेरा…”
रोहन ने गाँड में भी घुसाया। मुस्कान चीखी फिर मज़े में पागल हो गई। आखिर में चूत में ही सारा माल भर दिया। दोनों पसीने-वीर्य से लथपथ एक-दूसरे पर गिर पड़े। सुबह की किरणें झाँकने लगीं। रोहन नंगा लेटा था। आँख खोली – मुस्कान गायब। सीट पर सिर्फ एक लाल लिपस्टिक वाला लेटर: “Welcome to AIDS. अब तुम्हें भी AIDS हो गई।” रोहन का चेहरा सफेद पड़ गया। दुनिया एक पल में खत्म।
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