Free Girlfriend Porn
बात आज से करीब दो साल पहले की है। मैं करोल बाग मार्केट में कुछ शॉपिंग कर रहा था, तभी किसी ने मुझे पीछे से आवाज़ दी। मैंने देखा तो वहाँ गोपी खड़ी थी। वो बहुत खूबसूरत लग रही थी। उसका ड्रेसअप किसी नई दुल्हन जैसा था—हाथों में चूड़ा, गले में मंगलसूत्र और माथे पर सिन्दूर। Free Girlfriend Porn
आप लोगों को गोपी के बारे में बता दूँ। गोपी मेरी गर्लफ्रेंड थी। छह महीने पहले ही हमारा ब्रेकअप हुआ था। ब्रेकअप क्या, उसने कहीं और शादी कर ली थी। गोपी एक स्मार्ट और बोल्ड 24 साल की सेक्सी लड़की थी। करीब एक साल तक हमारा अफेयर खूब चला। इस बीच चुंबन तो आम बात हो गई थी।
हम लोग घंटों नेहरू पार्क में बैठे एक-दूसरे को चूमते रहते। मैं उसकी शर्ट में हाथ डालकर उसके स्तन दबाता रहता और वो मेरी पैंट की ज़िप खोलकर मेरे लंड से खेलती रहती। हम लोग कभी-कभी फिल्म देखने भी जाते, तो वही होता। कॉर्नर की सीट पर वो मुझसे सटकर बैठती और मैं उसके गले से हाथ डालकर उसकी शर्ट में हाथ डालकर पूरे तीन घंटे उसके स्तन मसलता रहता।
वो मेरी जैकेट को मेरी गोद में रखकर, उसके नीचे से हाथ डालकर मेरी ज़िप खोलकर मेरा लंड बाहर निकाल लेती और पूरे तीन घंटे उससे खेलती रहती। फिल्म तो हम देख नहीं पाते थे, लेकिन इस ओरल सेक्स का खूब मज़ा लेते थे। मैं उसके स्तन सहलाता और मसलता था, तो उसे बहुत मज़ा आता था और मैं तो कई बार उसके हाथ में ही झड़ जाया करता था।
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हमारे ब्रेकअप तक हमने सिर्फ़ ओरल सेक्स ही किया था, चुदाई नहीं। फिर अचानक पता चला कि उसने कहीं और शादी कर ली है। बस, वो कभी मुझे फेस नहीं कर पाई। खैर, तो ये थी हमारी छोटी सी कहानी, जो गवर्नमेंट क्वार्टर्स में शुरू हुई थी। हम लोग ग्राउंड फ्लोर पर और वो फर्स्ट फ्लोर पर अपनी बुआ के यहाँ रहती थी। अब वापस असली कहानी पर आते हैं, फ्लैशबैक से बाहर।
गोपी को अपने सामने देखकर एक बार को तो बहुत गुस्सा आया। मन किया कि उससे खूब लड़ाई करूँ कि उसने ऐसा क्यों किया। लेकिन फिर मैंने अपने पर कंट्रोल रखते हुए उसका हालचाल पूछा और उसने मेरा। बातों-बातों में पता चला कि शादी के बाद वो यहीं पास में आनंद पर्वत में जॉब कर रही है।
उसने मुझे अपना सेल नंबर दिया और मेरा नंबर भी ले लिया। दो दिन बाद सोमवार को मुझे गोपी का फोन आया कि, “संतोष, क्या तुम मुझसे आज मिल सकते हो?” मैंने हाँ कर दी। 11 बजे हम लोग एक रेस्तराँ में मिले। उसने बताया कि वैसे तो उसकी सोमवार को छुट्टी होती है, लेकिन आज वो घर पर झूठ बोलकर सिर्फ़ मुझसे मिलने आई है।
मैंने कहा, “ऐसी क्या ज़रूरी बात है?”
तो उसने कहा, “यहाँ काफ़ी शोरगुल है, कहीं अकेले में आराम से बैठकर बात करना चाहती हूँ।”
मैंने कहा, “ठीक है, नेहरू पार्क चलकर बैठते हैं, अपनी पुरानी जगह।”
तो वो बोली, “नहीं, वहाँ कोई भी मुझे देखकर पहचान सकता है। तुम मुझे अपने घर ले चलो।”
वहाँ से हम दोनों घर आए। घर का ताला खोलकर हम अंदर आए और मैंने दरवाज़ा बंद कर लिया। सर्दियों के दिन थे, इसलिए मैंने रूम हीटर चला दिया। हम बाइक पर घर आए थे और उसे ठंड लग रही थी। रूम हीटर से उसे कुछ गर्माहट सी मिली और वो अपनी शॉल उतारकर आराम से बैठ गई।
काफ़ी देर तक हम दोनों के बीच खामोशी रही और मैं तो बस उसे देखे जा रहा था। पंजाबी सूट में वो काफ़ी सेक्सी लग रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने ही खामोशी तोड़ी और कहा, “बोलो, क्या बात करनी है मुझसे?” वो अचानक उठी और मेरे गले लगकर मुझसे रोने लगी।
वो कहने लगी, “संतोष, मुझे माफ़ कर दो। मैंने हम दोनों की लाइफ खराब कर दी। पता नहीं मुझे क्या हो गया था।”
करीब 15 मिनट तक खूब रोने के बाद मैंने उसे पानी पिलाया, तो वो कुछ नॉर्मल सी हुई। लेकिन इस बीच वो मुझसे लिपटी रही। काफ़ी दिनों बाद उसका स्पर्श पाकर मुझे भी अच्छा लग रहा था। फिर वो बोली, “संतोष, मेरे एक गलत डिसीजन की वजह से तुमने काफ़ी कुछ सहा होगा। मैं उसका हर्जाना भरना चाहती हूँ। मैं तुम्हें कुछ देना चाहती हूँ।”
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मैंने कहा, “मुझे कुछ नहीं चाहिए।” तो वो अपनी शॉल उठाकर वॉशरूम चली गई। और जब बाहर आई, तो उसने शॉल अपनी बॉडी पर लपेटा हुआ था। उसने रूम में आकर लाइट ऑफ कर दी। यूं तो दिन का समय था, इसलिए थोड़ा-थोड़ा नज़र तो आ ही रहा था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैंने उससे पूछा, “क्या हुआ?” तो उसने मेरे पास आकर शॉल हटा दी। मैं ये देखकर दंग रह गया कि उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए थे और सिर्फ़ शॉल पहनकर आई थी। शॉल पूरी तरह हटाकर वो फिर मुझसे लिपट गई। आप लोग मेरी हालत का अंदाज़ा लगा सकते होंगे कि एक पूरी नंगी लड़की मेरी बाहों में है, तो मेरी क्या हालत रही होगी।
उस वक्त कुछ दिमाग में नहीं आ रहा था कि सही या गलत क्या होता है। इस तरह से तो वो उस पीरियड में भी मुझसे नहीं लिपटी थी, जब हमारा अफेयर था। अब वो पूरी नंगी मुझसे लिपटी हुई थी। उसने अपना चेहरा थोड़ा उठाया और मेरे चेहरे के पास आकर बोली,
“संतोष, मैं आज पूरी तरह से वो करना चाहती हूँ, जो कभी हमारे बीच नहीं हुआ। मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहती हूँ और चाहती हूँ कि तुम मुझे प्रेग्नेंट कर दो और मैं तुम्हारे बच्चे को जन्म दूँ। यही मेरा हर्जाना होगा। तभी मुझे भी सुकून मिल पाएगा। बाकी सब कुछ मैं संभाल लूँगी, बस तुम मुझे चोद डालो।”
वो पूरी तरह से मुझसे लिपटी हुई थी। मुझे कुछ नहीं सूझ रहा था कि क्या करूँ। फिर उसने मुझे चूमना शुरू किया। अभी भी उसके होंठ वैसे ही सॉफ्ट थे और उसका अंदाज़ तो मेरे लिए पुराना ही था। मुझे अच्छी तरह से पता था कि उसे क्या पसंद है। मैंने भी मन बना लिया कि जब उसे कोई प्रॉब्लम नहीं है, तो मुझे क्यों हो। मैं उसे रिस्पॉन्ड करने लगा।
चूमते-चूमते उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों पूरी तरह नंगे हो गए थे और पहली बार एक-दूसरे को ऐसे देख रहे थे। वो मेरा हाथ पकड़कर बेड की तरफ ले गई। अब वो बेड पर लेट गई और मुझे अपने ऊपर लिटा लिया। करीब 15 मिनट तक हम चूमते रहे और मैं साथ में उसके स्तन दबाता रहा।
वो पूरी तरह गर्म हो गई थी। फिर उसने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया और बेड के साथ पीठ लगाकर बैठने को कहा। मैंने पूछा, तो उसने कहा, “ये सब तो हम कर चुके हैं पहले। मैं आज वो करना चाहती हूँ तुम्हारे साथ, जो पहले कभी नहीं किया।” फिर मैं बैठ गया और वो मेरी टाँगों के बीच आकर पेट के बल उलटी लेट गई और मेरे लंड को सहलाने लगी।
मेरा लंड उसके सहलाने से टनकर रॉड की तरह हो चुका था। फिर थोड़ी देर सहलाने के बाद उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया। कसम से, क्या मज़ा आ रहा था। पहली बार किसी ने मेरा लंड मुँह में लिया था। मैं तो जन्नत के मज़े ले रहा था। पहले तो उसने मेरा लंड खूब चूसा, फिर लॉलीपॉप की तरह अंदर-बाहर करने लगी।
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मेरे मुँह से भी सेक्सी आवाज़ें निकल रही थीं, “आआआह गोपी, मज़ा दिला दिया तुमने तो आज। कसम से, ये कहाँ से सीखा तुमने? श्ह्ह्ह, मैं कमिंग… कम्म्म…” और मैं उसके मुँह में ही झड़ गया। फिर उसने मुँह से ही चूस-चूसकर मेरा लंड साफ कर दिया।
फिर बोली, “सेक्स तो मेरा पति भी रोज़ ही करता है, पर वो ये सब नहीं करता, जो मैं चाहती हूँ। मुझे लंड चूसना अच्छा लगता है और तुम्हारा मोटा लंड चूसकर आज मुझे शांति मिली है। तुम वादा करो, जब-जब मेरा मन करेगा, तुम मुझे अपना लंड चूसने दोगे, प्लीज़।”
मैंने कहा, “ठीक है।”
फिर वो बोली, “मुझे एक और चीज़ पसंद है।”
और वो बेड पर पीठ के बल लेट गई और मुझे अपनी टाँगों के बीच आने को कहा। मेरे वहाँ आते ही उसने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को थोड़ा फैला दिया और बोली, “संतोष, असली मज़ा लेना है सेक्स का, तो इसे चाटो।” मैं भी शुरू हो गया और जीभ से खूब अच्छी तरह उसकी चूत की चटाई की।
वो तो सातवें आसमान में उड़ रही थी और आवाज़ें निकाल रही थी, “आह्ह्हा संतोष, मुझे चोद डालो, फाड़ डालो मेरी चूत को, प्लीज़ मुझे प्रेग्नेंट बना दो। मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ, प्लीज़, ओह्ह्ह चोदो।” 20 मिनट अच्छी तरह चाटने के बाद वो झड़ गई। फिर हमने 5 मिनट का रेस्ट लिया।
इसके बाद उसने मुझे नीचे लिटा दिया और मेरे ऊपर आ गई चुदने के लिए। मैंने कहा, “गोपी, तुम नीचे आओ, मैं तुम्हें चोदूँगा अच्छी तरह।” वो बोली, “नहीं, नीचे तो मैं रोज़ ही चुदती हूँ। आज मैं चोदना चाहती हूँ। प्लीज़ मुझे हॉर्स राइडिंग करने दो, प्लीज़ यार।” मैंने कहा, “ठीक है, जो तुम्हारा मन करे।”
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और वो मेरे लंड के ठीक ऊपर आई और मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी। जब लंड फिर रॉड की तरह तन गया, तो उसने अपने ही हाथ से मेरे लंड को अपनी चूत का दरवाज़ा दिखाया और जैसे ही लंड चूत के द्वार से टकराया, वो झटके से पूरी बैठ गई और मैंने भी नीचे से धक्का लगाया।
एक ही झटके से लंड पूरा का पूरा उसकी चूत में जा घुसा। वो थोड़ी देर शांति से बैठ गई। मैंने पूछा, तो बोली, “रोज़ मेरा पति एक ही तरीके से चोदता था, तो मज़ा नहीं आता था। आज आया है असली मज़ा।” फिर जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ, तो उसने हॉर्स राइडिंग शुरू की। कसम से, क्या सीन था, वो जन्नत का मज़ा आ रहा था।
वो मेरे लंड पर ज़ोर-ज़ोर से हॉर्स राइडिंग कर रही थी और मैंने उसे उसके हिलते हुए स्तनों से पकड़ रखा था। वो आँखें बंद किए मस्ती से चुदवा रही थी। करीब 20 मिनट चोदने के बाद उसकी स्पीड फुल हो गई। वो कह रही थी, “आआआह संतोष, मैं झड़ने वाली हूँ, उईईई माँ।” मैं भी झड़ने वाला था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उसने कहा, “संतोष, मेरे अंदर ही झड़ना, लंड बाहर मत निकालना, प्लीज़। मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ।”
हम दोनों की रफ्तार बढ़ती जा रही थी, शताब्दी एक्सप्रेस की तरह। फिर हम दोनों ने एक-दूसरे को कसकर पकड़ लिया और दोनों एक साथ ही झड़ गए। कसम से, क्या आनंद था। वो मेरी ये फीलंड हर कोई चोदने वाला और चुदवाने वाली समझ सकती है। एक अजीब सी मस्ती होती है उस फीलंड में।
खैर, मैं उसके अंदर ही झड़ गया और लंड उसकी चूत में ही डाले 15 मिनट तक हम लंबी-लंबी साँसें लेते रहे। कहने को तो सर्दियाँ थीं, पर हम दोनों ही पसीने-पसीने हो गए थे। जब वो मुझसे मिली थी, तो कुछ परेशान दिख रही थी। अब उसका चेहरा एकदम शांत था। एक तरह की संतुष्टि थी उसके चेहरे पर और वो स्माइल कर रही थी।
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कुछ देर मेरे ऊपर लेटे रहने के बाद वो बोली, “संतोष, मैंने तुम्हारे साथ वो किया है, जो मैं अपने पति के साथ नहीं कर सकती। बस एक प्रॉमिस करो, तुम हमेशा ऐसे ही मेरी ज़रूरत पूरी करते रहोगे।” मैंने उससे प्रॉमिस किया। फिर वो बोली, “संतोष, मैं तुम्हारे साथ नहाना चाहती हूँ, एकदम नंगे।” मैंने कहा, “एनीथिंग फॉर यू, माय डॉल।” फिर हम नहाए और नहाने के बाद मैंने दो बार और उसे चोदा—एक बार डॉगी स्टाइल में और एक बार खड़ा करके। दोस्तो, क्या दिन बीता था, वो मेरी लाइफ का मज़ा आ गया था।
फिर वो अपने घर चली गई और एक महीने बाद उसने ये न्यूज़ देने के लिए फोन किया कि वो प्रेग्नेंट है और मेरा बच्चा ही है। उसने मुझे थैंक्स कहा और कहा कि वो जल्दी ही फिर मिलेगी, चुदाई का एक नया जोश लेकर। तो दोस्तो, यही थी मेरी कहानी। आज हमारा बच्चा 1.5 साल का है। उसके पति को इस बारे में कुछ नहीं पता। उसे लगता है कि वो उसी का है। गोपी आज भी कई बार मिलती है चुदवाने के लिए, क्योंकि उसे अपने पति से ज़्यादा मेरे साथ सेक्स करने में मज़ा आता है।
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