Hot Mom Son XXX Story
नमस्कार दोस्तों, मैं आरव शर्मा, चुदाई की शुरुआत के पांचवें भाग में आपका स्वागत करता हूँ। पिछले भाग चुदासी मम्मी चुदवाने के लिए मान गई 4 में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने सविता आंटी की चुदाई की और उन्हें दिन भर जानवर की तरह चोदा, और फिर हम दोनों एक-दूसरे के गले लगकर सो गए। अब आगे: Hot Mom Son XXX Story
अगले दिन मैं सुबह सोकर उठा। बारिश भी रुक चुकी थी, लेकिन सविता आंटी बिस्तर पर नहीं थीं। मुझे लगा शायद वो बाथरूम में होंगी। मैंने जाकर देखा, लेकिन वो बाथरूम में भी नहीं थीं। मैं किचन में गया, और वो किचन में काम कर रही थीं। और दोस्तों, मैं क्या बताऊँ आपको, वो साड़ी में क्या मस्त माल लग रही थीं। मैं उनके पास गया, सीधा उनकी गांड पर एक चांटा मारा, जिससे उनकी चीख निकल गई। वो मेरी तरफ घूमीं और मुझसे बोलीं:
सविता: जाग गया?
मैं: हाँ, जाग गया, और मेरा लंड भी।
सविता: तो अपने लंड को बोल फिर से सो जाए, और खबरदार अगर आज तूने मुझे हाथ लगाया। कल तूने जानवर की तरह मुझे चोदा, अभी तक मेरा शरीर दर्द कर रहा है।
मैं: अरे यार, जब आपको देखता हूँ, खुद को कंट्रोल नहीं कर पाता।
सविता: तो कंट्रोल करना सीख। मैं कोई जवान लड़की नहीं हूँ जो दिन भर चुदती रहे।
मैं: क्या बात कर रही हो, आप तो इतनी जवान दिखती हो।
सविता: जवान दिखने में और शरीर का एक जवान इंसान की तरह काम करने में ज़मीन-आसमान का अंतर है। और हाँ, अपनी माँ को भी ऐसे मत चोदना जैसे मुझे चोदा था, वो मर जाएगी।
मैं: अरे हाँ, उसे याद आया, बताओ ना कैसे चोदूँ मम्मी को?
सविता: देख, तेरी मम्मी मेरी जैसी नहीं है जो किसी से भी चुद जाए। वो अपने पति के लिए कुछ ज़्यादा ही लॉयल है। लेकिन जैसा तूने मुझे बताया कि उसने अभी तक वो ग्रुप नहीं छोड़ा है, इसका मतलब है कि उसे माँ-बेटे की चुदाई में मज़ा तो आ रहा है। बस उस पर थोड़ा और ज़ोर देंगे तो काम हो जाएगा।
मैं: हाँ, लेकिन ये करेंगे कैसे?
सविता: एक काम करते हैं। मैं आज रात को उसे फोन करूँगी और थोड़ा कोशिश करूँगी कि उसके मन में तुझे चोदने का खयाल डाल सकूँ। अगर ये चीज़ हो गई, तो फिर तू वही करना जो तूने मुझे चोदने से पहले किया था।
मैं: और अगर ये काम नहीं किया तो?
सविता: अगर ये काम नहीं किया तो कुछ और सोचना पड़ेगा। लेकिन अभी तो तू घर जा।
मैं: अभी पूरी रात बारिश हुई है, रास्ते में पानी तो नहीं भरा होगा?
सविता: मेरे यहाँ नहीं भरता। और वैसे भी, अगर तू यहाँ रहा तो मेरी चूत का बोशदा बना के ही छोड़ेगा।
मैं: ओह, एक बार और करते हैं।
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सविता: थप्पड़ खाएगा, मना किया ना। अब जा, रात को तेरी माँ को कॉल करूँगी, ठीक है? उसके बाद मैं सविता आंटी के घर से निकल गया और सीधा अपने घर पहुँचा। घर जाते ही मैंने डोर बेल बजाई और मम्मी ने गेट खोला। मुझे देखकर बोलीं:
माँ: आ गया बेटा?
मैं: नहीं, रास्ते में हूँ।
माँ: क्या, मज़ाक कर रहा है?
मैं: शुरू किसने किया?
माँ: हाँ ठीक है, ठीक है। तो फ्रेश हो जा और नाश्ता कर ले।
मैं: मैं सविता आंटी के यहाँ से नाश्ता करके आया हूँ।
माँ: अच्छा, ठीक है।
फिर मैं अपने कमरे में चला गया और सविता आंटी को कॉल किया।
सविता: हाँ, पहुँच गया?
मैं: हाँ, पहुँच गया। ओके, अब प्लान को एग्जीक्यूट करना है। रात को मम्मी को कॉल कर देना।
सविता: हाँ, हाँ, रात तो होने दे।
मैं: यार, क्या करूँ, मम्मी की चुदाई करनी है, सब्र नहीं हो रहा।
सविता: थोड़ा सब्र रख, जल्दबाज़ी में काम मत खराब कर देना।
मैं: हाँ, हाँ, ठीक है।
उसके बाद मैं रात होने का इंतज़ार करने लगा। और कसम से बताऊँ, मुझसे बिल्कुल इंतज़ार नहीं हो रहा था। उस चक्कर में मैंने मम्मी के नाम की कई बार मुठ मार ली। फिर रात होती है। हमेशा की तरह मैं मम्मी के कमरे के पास चला जाता हूँ। और मम्मी भी पूरी नंगी होकर चूत में उंगली कर रही थीं। और शायद वो उस वक़्त उसी माँओं वाले ग्रुप पर चैट कर रही थीं। तभी मम्मी को कॉल आया। वो सविता आंटी का ही कॉल था।
सविता: और मेरी जान, क्या कर रही है?
माँ: चूत में उंगली।
सविता: बढ़िया। अच्छा, मैं पूछ रही थी, तूने वो ग्रुप तो छोड़ दिया होगा?
माँ: मम्म… हाँ, वो ग्रुप, नहीं, मैंने अभी नहीं छोड़ा।
सविता: क्या, तूने नहीं छोड़ा? लेकिन क्यों? और अगर तूने नहीं भी छोड़ा, तो भी वो तो हर किसी को निकाल देते हैं जो माँ-बेटे की चुदाई नहीं करते।
माँ: हाँ, वो मैंने उनको बोल दिया कि मैं बाद में अपने बेटे से चुदवाऊँगी, इसलिए इस ग्रुप में हूँ ताकि सलाह ले सकूँ कि कैसे चुद सकती हूँ।
सविता: वाह रे रंडी, मैंने जब बोला कि अपने बेटे से चुदना है क्या, तो मुझे तो चार बातें सुनाई थीं। और अब ख़ुद उससे चुदने के ख्वाब देख रही है।
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माँ: पागल है क्या? मैंने उनको झूठ बोला था ताकि मैं उस ग्रुप में रह सकूँ।
सविता: अच्छा, वैसे तुझे उस ग्रुप में रहना ही क्यों है?
माँ: यार, सही बताऊँ, मुझे ना मज़ा आ रहा है इन माँओं की कहानियाँ सुनकर कि कैसे उनके बेटे उन्हें चोदते हैं।
सविता: जब इतना मज़ा आ रहा है, तू ख़ुद भी चुद ले अपने बेटे से।
माँ: पागल है क्या? मैं ऐसा कुछ नहीं करूँगी। मैं ऐसी औरत नहीं हूँ।
सविता: तू है ऐसी औरत। जिस औरत को माँ-बेटे की चुदाई पसंद है, वो औरत ज्यादातर अपने बेटे से चुदवाना चाहती है। तू माने या न माने। और मुझे एक बात बता, क्या हो जाएगा अगर तू अपने बेटे से चुद जाएगी? तुझे तो पता ही है कि माँ-बेटे की चुदाई होती है।
माँ: वो मैं मानती हूँ कि वो चुदाई होती है। फिर भी मैं ये नहीं कर सकती। क्योंकि अगर मैं ये करती हूँ, तो मैं अपने पति को धोखा दे रही हूँ।
सविता: तू पागल है क्या? तू अपने पति को कोई धोखा नहीं देगी। हाँ, अगर तू किसी पराए मर्द से चुदवाती, तो समझ आता कि तू धोखा दे रही है। लेकिन ये तो तेरा ही बेटा है, तेरे अंदर से निकला है। इससे चुदवाने में ऐसा कुछ नहीं है। तू अपने पति को कोई धोखा नहीं देगी।
माँ: देख, वो सब मैं समझ गई। लेकिन मेरे बेटे के बारे में तो सोच। मान ले मैं उसे चोदना चाहती हूँ, लेकिन वो नहीं चाहता। तो सोच, वो मेरे बारे में क्या सोचेगा कि उसकी माँ कैसी बेशरम औरत है जो अपने ही बेटे से चुदना चाहती है। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
सविता: मेरी बात मान, तेरा बेटा ऐसा कुछ नहीं सोचेगा। वो एक जवान लड़का है, और जवान लड़कों को बस चूत चाहिए होती है। तू कोशिश तो कर।
माँ: लेकिन…
सविता: अच्छा सुन, मुझे कुछ काम याद आया। मैं तुझसे बाद में बात करती हूँ।
माँ: हेलो, सुन, सुन… अरे यार, क्या पागल औरत है। कैसे चुदवाऊँ अपने बेटे से? लेकिन क्या मेरा बेटा मुझे चोदना चाहेगा? नहीं, नहीं, ये मैं क्या सोच रही हूँ, छी।
और उसके बाद मैं अपने कमरे में आ गया और सीधा सविता आंटी को कॉल लगाया।
मैं: वाह मेरी जान, तूने क्या काम किया है! अब बता, आगे क्या करूँ?
सविता: कुछ नहीं, बस जो तूने मेरे साथ किया था, वही कर। उसके मन में डाल दे कि तू भी उसे चोदना चाहता है। बस फिर तेरा काम हो जाएगा।
मैं: ओह, थैंक यू मेरी जान!
सविता: कोई ना।
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उसके बाद मैं सुबह होने का इंतज़ार करने लगा। मैं पूरी रात बस मम्मी के बारे में सोच-सोचकर मुठ ही मार रहा था। लेकिन आखिरकार मुझे नींद आ गई। अगली सुबह मैं उठा तो मेरी जान निकली जा रही थी। मैं फटाफट मम्मी को ढूँढने लगा। मैं सीधा किचन में गया, लेकिन मम्मी वहाँ नहीं थीं।
फिर मैं बाथरूम में गया। मम्मी वहाँ गंदे कपड़े वॉशिंग मशीन में डाल रही थीं। तभी एक शर्ट नीचे गिर गई और मम्मी उसे उठाने के लिए झुकीं। और उनकी वो मोटी गांड मेरे सामने थी। मैंने ना आओ देखा ना ताओ, सीधा एक चांटा कसकर मम्मी की गांड पर रख दिया। और दोस्तों, वो चांटा बहुत ज़ोर का था। बहुत ज़ोर से आवाज़ आई थी। और मम्मी भी एकदम से उछल पड़ी थीं। मेरे हाथ में भी दर्द हो रहा था।
माँ: पागल है तू, ये क्या बदतमीज़ी है?
मैं: मम्मी, अब सब्र नहीं होता, मैं आपको चोदना चाहता हूँ।
ये सुनकर मम्मी के होश उड़ गए।
माँ: ये… ये क्या बोल रहा है तू? दिमाग़ है तेरे पास? मैं तेरी माँ हूँ, ये क्या बेहूदा बात कर रहा है?
मैं: बेहूदा नहीं है, सच है। जब से मैंने आपको उस रात चूत में उंगली करते हुए देखा, तब से मैं आपको चोदना चाहता हूँ।
माँ: उस रात तू मेरे कमरे में झाँक रहा था? साले बेशरम इंसान, कैसी औलाद है तू?
मैं: मैं कैसी औलाद हूँ? आप कैसी माँ हैं? रोज़ माँ-बेटे की चुदाई के वीडियो देखकर चूत में उंगली करती हैं और वो कौन सा माँओं का ग्रुप है, वो भी जॉइन कर रखा है। और बेशरम मैं हुआ? वाह, रंडी वाली हरकतें तो आपकी हैं और मुझे बेशरम बोल रही हैं। मैं कुछ नहीं जानता, मुझे आपको चोदना है।
माँ: देख, वो मैं मानती हूँ कि वो सब मैं देखती हूँ, पर इसका मतलब ये नहीं कि मैं भी वो करना चाहती हूँ।
मैं: अरे, पर मैं तो करना चाहता हूँ ना। मैं तो आपकी चूत में अपना लंड पेलना चाहता हूँ ना। मैं तो आपके ये बड़े-बड़े बूब्स चूसना चाहता हूँ ना। मुझे तो आपकी ये मोटी गांड मारनी है ना।
माँ: देख, तू मुझसे दूर रह, नहीं तो अच्छा नहीं होगा।
लेकिन मैंने माँ की एक न सुनी और सीधा उन्हें किस करने लगा। वो पूरी कोशिश कर रही थीं मुझे दूर करने की, लेकिन मैं भी अड़ा हुआ था। मैंने उनकी टी-शर्ट फाड़ दी, जिससे मुझे उनके बूब्स सीधे दिख रहे थे। और फिर मैंने उनका पायजामा भी थोड़ा सा फाड़ दिया। तभी माँ ने मुझे ज़ोर से धक्का मारा और चीखते हुए मुझे एक कसकर चांटा मारा।
माँ: आआआ, दूर हट कमीने!
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और फिर वो मेरे अंडकोष में लात मारकर बाथरूम से रोते हुए भाग गईं। और मैं बाथरूम में ही गिर गया। मुझे बहुत दर्द हो रहा था। थोड़ी देर बाद जब मैं संभला, तब मुझे एहसास हुआ कि मुझसे कितनी बड़ी गलती हो गई है। मैं मम्मी के कमरे के पास गया, तो दरवाज़ा लॉक था और अंदर से मुझे रोने की आवाज़ आ रही थी।
मुझे एहसास हुआ कि मैंने कितना बड़ा कांड कर दिया है। और शायद मम्मी ने अब तक पापा को भी ये बात फोन करके बता दी होगी। और शायद वो मुझे गिरफ्तार भी करवा देंगी। मैं सीधा अपने कमरे में भागा और मैंने दरवाज़ा लॉक कर लिया। और रात होने तक मैं वहीँ रहा। मुझे बहुत डर लग रहा था। ऐसा लग रहा था कि कभी भी पुलिस आएगी और मुझे गिरफ्तार कर लेगी।
मैं अपने बिस्तर पर डरके बैठा हुआ था। तभी मेरे दरवाज़े पर किसी ने खटखटाया। वो मम्मी थीं। मम्मी ने मुझे गेट खोलने को कहा। मैं पहले तो बहुत डर गया, लेकिन मैं धीरे-धीरे गेट के पास गया और गेट खोला। बाहर सिर्फ़ मम्मी थीं। वो अंदर आईं और उन्होंने गेट लॉक कर दिया। मैं सीधा उनके पैरों में गिर गया और रोते हुए माफी माँगने लगा।
मैं: मम्मी, सॉरी, माफ कर दो, गलती हो गई।
माँ: आरव, खड़े हो।
मैं: मम्मी, सॉरी।
माँ: आरव, खड़े हो, मैं नाराज़ नहीं हूँ, खड़े हो।
मैं: क्या?
उन्होंने मुझे खड़ा किया और मेरे आँसू पोंछे। मैं शॉक्ड था कि जो मैंने आज किया और उस पर मम्मी ने जैसा रिएक्ट किया था, उसके बाद भी वो मुझसे नाराज़ नहीं थीं। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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माँ: आरव, तुम्हें पता है ना जो तुमने आज किया वो एक क्राइम था। ये तो शुक्र मनाओ मैं थी जो कम्प्लेन नहीं करूँगी। लेकिन मान लो यही हरकत तूने किसी लड़की के साथ की होती, तो तुम अभी जेल में होते और तुम्हारे पापा का नाम कितना खराब होता।
मैं: मैं जानता हूँ मम्मी, मुझसे गलती हुई है। वो भी ऐसी गलती जिसकी कोई माफी नहीं है। लेकिन मैं क्या करता, काफ़ी समय से मैं आपको चोदना चाह रहा था और आज मुझसे सब्र नहीं हुआ, इसलिए।
माँ: देखो आरव, मैं समझती हूँ कि जो तुमने उस रात देखा, उससे तुम्हारे मन में मेरे लिए उत्तेजना उत्पन्न हुई थी। पर तुम समझो, मैं तुम्हारी माँ हूँ, ये नहीं हो सकता।
मैं: क्यों नहीं हो सकता? क्या आप एक औरत नहीं हैं और मैं एक मर्द नहीं हूँ? क्या इतना काफ़ी नहीं है? और दूसरी बात, मैं जानता हूँ जब पापा घर से दूर रहते हैं तो आप चुदाई के लिए कितना तड़पती हैं। अगर मैं आपकी वो तड़प दूर कर सकता हूँ, तो उसमें प्रॉब्लम क्या है? और दूसरी बात, क्या माँ-बेटा बंद दरवाज़े के पीछे कुछ पता नहीं चलता कि कौन माँ है, कौन बेटा। बस लंड, चूत और चुदाई।
माँ: बेटा, सुन।
मैं: माँ, प्लीज़, मैं आपसे भीख माँगता हूँ। एक बार मुझसे चुद जाओ। अगर आपको पसंद न आए, बीच चुदाई में मना कर देना। प्लीज़, एक बार, प्लीज़ एक बार।
मम्मी थोड़ा सोच में पड़ गईं।
माँ: ठीक है, लेकिन सिर्फ़ एक बार। और इसके बाद तू कभी नहीं कहेगा मुझे चुदने के लिए, ठीक है?
मैं: हाँ, पक्का, पक्का, कभी नहीं कहूँगा।
और फिर मैंने मम्मी को किस कर दिया। और इस बार उन्होंने मुझे ख़ुद से दूर नहीं किया और मेरा पूरा साथ दे रही थीं। बाकी की कहानी अगले भाग में। आप बताइए कि आपको यह कहानी कैसी लगी।
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