Free Dehati Sex Kahani
यह तब हुआ जब मैं 18 साल का हुआ था और मैंने सेक्स कहानियां पढ़ना शुरू ही किया था। मैं अभी तक वर्जिन था, मैंने कभी हकीकत में किसी लड़की को नंगा नहीं देखा था. मैं अपने पड़ोसियों के घर बहुत आया जाया करता था और हम वहां अक्सर बच्चों के साथ डिफरेंट गेम्स खेला करते थे जिस में से एक हम सब का फेवरेट हाईड एंड सीक था. Free Dehati Sex Kahani
मेरा पहला इंसिडेंट हमारी पड़ोसी के साथ हुआ जिस का नाम सलमा था. यह लोग ट्रेडिशनल देहाती टाइप के थे और बुहत सादा से. सलमा का हस्बैंड एक ट्रक चलता था और अक्सर कई कई दिनों तक घर से बाहर रहता था. मेरा ज़्यादातर टाइम अपने पड़ोसियों के घर गुज़ारने का एक मकसद यह भी था के वो और उस की रिलेटिव्स.
जो सब तकरीबन साथ साथ ही जुड़े हुए घरों में रहते थे बिलकुल देहाती टाइप के थे और उनमें से कोई भी ब्रा नहीं पहनता था. और उनके ब्लाउज अक्सर पतली पतली सी थ्रू किस्म के होते जिन में से उनकी निप्पल्स सब दिखाई देते थे. मैं सारा दिन उनके बड़े बड़े मम्मे हिलते हुए देखता और फिर घर आकर उनका सोच सोच के मुठ मारता.
कभी कभार वो बैठें अपने बच्चों को दूध पीला रही होती और मैं वहां जा पुहंच जाता लेकिन उन्होंने कभी मुझ से पर्दा नहीं किया. क्योंकि मैं उनके सामने ही बड़ा हुआ था और उन सब से बुहत क्लोज था. और मैं कोने में खड़ा उनको अपने मोटे मम्मों से अपने बच्चों को दूध पिलाते हुआ देखता रहता.
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फिर एक रोज़ मैं सलमा के घर में था और उसने मुझे डॉक्टर की पर्ची देके मेडिकल स्टोर से दवाई लाने को भेजा. मैं स्टोर से सामान ले आया और उससे दिया तो वो मुझे कमरे में ले गई और संदूक से एक थैली निकाल के मुझे देके बोली, ज़रा मुझे पढ़के बताना यह क्या है क्योंकि वो पढ़ना नहीं जानती थी.
मैंने बैग खोला और उसमें एक ट्यूब था, और एक पंपनुमा चीज़ थी. मैंने उनकी इंस्ट्रक्शन पढ़ी तो मुझे पता चला के वो ब्रैस्ट पंप था. “क्या लिखा है इसमें क्या चीज़ है यह.” सलमा बोली. उउम्म्म मैंने बोलने की कोशिश की पर मेरा गाला सूख रहा था. “अरे बताओ ना.” वो दोबारा बोली.
मैंने अपनी तमाम हिम्मत जमा की और बोला “यह पंप मम्मों से एक्स्ट्रा दूध निकालने के लिए है…” हेहेहे… वो हंसी बस इतनी सी बात और तुम ऐसे शर्मा रहे हो बचपन में तो बड़ा खेला करते थे मेरे मम्मों से. मैं चुप रहा वो उठी और मेरे पास आ गई और पंप मेरे हाथ से ले के अपने सीने पर लगा के बोली, अब पता नहीं इसे इस्तेमाल कैसे करते हैं.
मेरी शलवार के अंदर से मेरा लंड खड़ा होने लगा. वो बोली ज़रा बताना तो इससे इस्तेमाल कैसे करते हैं. मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था, मुझे समझ नहीं आया के क्या कहूँ. वो उठी और बोली, उफ़ तुम तो बच्चों की तरह शर्मा रहे हो वो दरवाज़े की तरफ गई और उससे अंदर से लॉक कर दिया.
और फिर वहीं खड़े खड़े कमीज उतार दी मेरी सांस मेरे सीने में रुक के रह गई. वो मेरे सामने कमीज उतार के खाड़ी थी और उस के बड़े बड़े मम्मे उसके सीने पर धीरे से ढलके हुए थे. फिर वो एक अदा से चलती हुई मेरे पास आई, उस के चलने से उसके मम्मे हिल रहे थे और मुझे लग रहा था के मेरा लंड मेरी शलवार फाड़ के बाहर निकल आएगा.
उस ने मेरा पास आकर मेरा हाथ पकड़ा और अपने नंगे मम्मे पर रख दिए और बोली लो इनसे इतना शर्मा रहे हो. वो मेरे हाथ को अपने मम्मे पर धीरे धीरे मसलने लगी और फिर बोली पहले कभी नहीं देखे क्या. नहीं मैंने धीरे से बोला. हहममम, तो यह बात है, यह भी पता है के शादी के बाद क्या करते हैं.
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मैंने साफ़ झूठ बोला नहीं…
हेहेहे वो हंसी और फिर बोली सीखोगे?
मेरा कॉन्फिडेंस बहाल होने लगा, क्यों नहीं मैं बोला.
आओ बेड पर आ जाओ.
वो मेरा हाथ पकड़ के मुझे बेड पास ले आई और मुझे अपने सामने बिठा दिया और मेरा हाथ पकड़ के दोबारा अपने स्तनों पर रख दिए. मैं उन्हें धीरे धीरे मसलने लगा. शाबाश वो बोली कभी इनको चूसा है. नहीं, मैंने जवाब दिया. वो बोली मैं वैसे ही दूध पंप से निकाल के जाया करने लगी थी तुम चाहो तो तुम पी लो. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैंने चेहरा आगे बढ़ाया और उसकी निप्पल पर रख के थोड़ा से चूसा उसके मोटे मम्मे दूध से भरे पड़े थे. उसके दूध का ज़ायका शहद की तरह मीठा था. मैं मुसलस उसके मम्मे से दूध चूसने लगा. वो धीरे धीरे सिसकने लगी… ह्ह्हम्म्म आअह्ह्ह्हह, बहुत अच्छा, सारा पी लो दूध बुहत तंग करते हैं यह मम्ममे जब दूध से भर जाते हैं.
उसकी बातों से मैं और भी मस्त होने लगा और खींच खींच के उसके मम्मे की निप्पल से दूध पीने लगा. उसने हाथ मेरी शलवार के अंदर डाला और मेरा मोटा लंड अपनी नरम मुट्ठी में पकड़ लिया और उससे धीरे धीरे दबाने लगी. मेरे पूरे जिस्म में करंट सा डरने लगा और मैं झटकों से उसके मम्मे को चूसने लगा.
में तकरीबन 10मिनट तक उसके मम्मे चूसता रहा और तब पीछे हटा जब वो बिलकुल खाली हो गई. तुम तो जन्म जन्म के प्यासे लग रहे हो इतना ही शौक था तो पहले बता देते, मुझसे क्यों शर्माते रहे वो बोली. मैंने मुस्करा दिया. अब वो मेरे कपड़े उतारने लगी और मुझे बिलकुल नंगा कर दिया.
मेरा लंड फुल तना हुआ था वो पीछे हुई और अपनी शलवार नीचे करदी. उसकी चूत बालों से बिलकुल साफ़ थी शायद उसने आज ही शेव की थी. वो अपनी टांगें फैला के अपनी चूत के होंठ मुझे दिखा के बोली, इसे चूत कहते हैं अब में तुम्हें एक मिशन दूँगी जो तुमने पूरा करना है.
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इतना कह के उसने एक टॉफी ली और अपनी चूत के होंठों के अंदर डाल दी और बोली, तुमने इस टॉफ़ी को चूस के बाहर निकालना है. इतना कह के उस ने मुझे लेटा दिए और मेरे सीने पर मेरी तरफ कमर कर के बैठ गई और अपनी चूत के होंठ मेरे चेहरे पर ले आई, और खुद आगे झुक के मेरा मोटा लौड़ा अपने मुंह में ले लिए.
लज़्ज़त के मारे मेरा बुरा हाल होने लगा मैंने उसके कूल्हों पर हाथ रख के उसकी चूत के होंठों को अपने होंठों के करीब की और उन पर अपने होंठ चिपका दिए और उससे जूस की तरह चूसने लगा. वो ज़ोर से सिसक पड़ी मैं अपने होंठ उसकी चूत के होंठों से चिपकाये हुए अपनी जुबान अंदर मार रहा था और टॉफ़ी को तलाश रहा था.
उसकी चूत से गाढ़ा गाढ़ा सा पानी निकलने लगा और वो टॉफी के रस के साथ मिलके बिलकुल मीठा सा हो गया था और मैं बग़ैर रुके चूसे जा रहा था. वो मेरे लंड को अपने मुंह में ले के चूसने लगी. उसके गरम मुंह के एहसास से ही मेरा पूरा जिस्म गरम हो गया और मैंने चंद ही मिनट में अपना माल छोड़ दिया.
उसने अपने होंठ मेरे लंड के इर्द गिर्द चिपका दिए, और उससे उस वक्त तक नहीं छोड़ा जब तक मेरा लंड बिलकुल सूख के छोटा नहीं हो गया. फिर वो अपने होंठ चाटते हुए उठी और बोली ह्ह्हम्म्म बुहत मज़ेदाररर… वो आकर मेरे सीने पर बैठ गई और अपनी चूत के होंठ मेरे होंठों पर दबा दिए.
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मैं उसके गीले गीले होंठों का पूरा मज़ा ले रहा था. वो अपनी चूत को आहिस्ता आहिस्ता मेरे होंठों पर रगड़ने लगी. उसने मेरा हाथ अपने मम्मों पर रख दिए और मैं उन्हें दबाने लगा. आहिस्ता आहिस्ता उसकी सिसकारियां तेज़ होने लगें और फिर जैसे उसकी चूत में ज़लज़ला सा आया और मेरा मन उसके लव जूस से भर गया.
मैंने बग़ैर साँस लिए उसे पी लिया और उससे उस वक्त तक चूस चूस के पीता रहा जब तक वो बिलकुल खाली नहीं हो गई. वो मेरे ऊपर गिर गई हम दोनों तेज़ तेज़ सांसें ले रहे थे. वो मेरे होंठों पर किस करने लगी. मेरा लंड दुबारा खड़ा हो चूका था और उसकी नरम सी फुद्दी पर चिपका हुआ था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उसने अपने कूल्हे ज़रा सा उठाई और बोली, अब मैं तुम्हारे लंड को अपनी फुद्दी में घुसा लुंगी, शादी के बाद मर्द अपनी बीवी को ऐसे ही चोदता है. उसने हाथ से मेरा लंड पकड़ा और उससे निशाने पर रख के फिर मुझ पर लेट गई और मेरा लंड किसी नरम गीली, और टाइट सी चीज़ में घुसता चला गया.
हम दोनों के मन से लज़्ज़त भरी सिसकारी निकली. वो मुझे फिर किस करने लगी थोड़ी देर बाद वो थोड़ा सा उठी और अपने मम्मे के निप्पल फिर मेरे होंठों से लगा दी और अपनी चूत को मेरे लंड पर आगे पीछे हरकत देने लगी. मैंने उसकी निप्पल से मुंह लगा दिए और सिसकते हुए दोबारा उसका दूध पीने लगा.
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वो आहिस्ता आहिस्ता तेज़ होने लगी. पर वो तजर्बेकार थी जैसे ही उससे पता चलता कि मैं छूटने वाला हूँ वो रुक जाती और फिर दोबारा शुरू हो जाती. अब फिर वो दोबारा तेज़ हो गई उसके मोटे मम्मे हिलते हुए मेरे चेहरे पर टकरा रहे थे और फिर चंद एक मिनट बाद हम दोनों को झटका लगा और वो मुझ पर गिर गई. मैंने अपनी टांगें उसके इर्द गिर्द लपेट दिए और उससे बिलकुल खुद से चिपका दिए. उसके चूत में दोबारा ज़लज़ला आया हुआ था और वो पानी छोड़ रही थी. मेरा लंड उसकी गरम चूत के अंदर गहराई में पम्पिंग कर रहा था.
हम दोनों गहरी गहरी सांसें लेने लगे और काफी देर तक ऐसे ही लेटे रहे. आखिर मैंने दोबारा से उसके मम्मे की निप्पल को मुंह में लिए और उससे आहिस्ता आहिस्ता चूसने लगा. क्यों कैसा था वो मुस्कराते हुए बोली… ज़बरदस्त… मैं कमज़ोर से लहजे में बोला… फिर करना है… उसने पुछा… अभी नहीं अभी मुझे बुहत कमज़ोरी सी हो रही है.. मैंने जवाब दिया. फिर जब भी, जिस वक्त भी दिल करे तो बेशक आ जाना.. ओके.. वो बोली… मैंने अपने बाज़ू उसके गिर्द लपेट दिए, और हम दोनों एक दूसरे के जिस्म की नरमी और गर्मी को फील करते हुए सो गये.
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