Train Me Bahan Chudai
मित्रों नमस्कार! मेरा नाम सुनील (बदला हुआ) है. मेरी आयु 26 वर्ष है. मेरी हाइट 5.11, और गठा हुआ मजबूत बदन है मैं एक आकर्षक व्यक्तित्व का मालिक हूं मैं अपने परिवार के साथ दिल्ली के मयूर विहार में रहता हूँ. हमारे परिवार में चार सदस्य हैं. मेरे पिता जी की उम्र 48 वर्ष है. उनका जाब mnc में है. मेरी मां, जो कि 45 साल की हैं, एक हाउस वाइफ है. Train Me Bahan Chudai
मैं भी मैडिकल कंपनी में जॉब करता हूं मैंने अभी शादी नहीं की है चाहता हूं कि पहले कुछ अच्छा प्रोफाइल लेकर सैटल हो बहुत जाऊं फिर शादी करूंगा. आज जो मैं कहानी आप लोगों को बता रहा हूँ वह मेरी ही छोटी बहन और मेरे बीच में हुई घटना के बारे में है.
बात उस समय की है जब मैं अपनी मौसी के घर से अपनी बहन के साथ ट्रेन में उड़ीसा से अपने दिल्ली वाले घर पर लौट कर आ रहा था. कहानी को आगे बढ़ाने से पहले मैं अपनी बहन के बारे में भी कुछ संक्षिप्त परिचय देना चाहूँगा. उसका नाम सुनिधि (बदला हुआ) है और वह 18 साल की है उसकी हाइट 5.4, पतली कमर सुराहीदार गर्दन, रंग गोरा बड़ी बड़ी बातें करती हुई काली काली आंखें, तीखे नैन-नक्श और डार्क होंठ हैं वो बहुत ही सैक्सी और खूबसूरत लगती है.
सुनिधि अभी स्कूल में है और बारहवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है मुझे विश्वास नहीं होता कि उसके की बायफ्रेंड न हों। उडीसा की राजधानी भुवनेश्वर के एक गांव में मेरी मौसी का घर है. मौसी की लड़की रूपा की मंगनी थी और उसी के फंक्शन में हम वहाँ पर गये हुए थे.
फंक्शन वाले दिन रूपा के साथ ही सुनिधि मैं पार्लर जाकर अपना भी मेकअप कराया और उसने फंक्शन वाले दिन मौसी ने सुनिधि को लाल रंग का लहंगा-चोली मंगनी वाले दिन तोहफे में दिया था. सुनिधि उसी को पहने हुए वह मेरे साथ दिल्ली वापस लौट रही थी.
गांव से जब हम स्टेशन के लिए निकले तो हम लोग चौराहे पर खड़े होकर ट्रैकर जीप का इंतजार कर रहे थे. तभी मैंने देखा कि एक कुतिया दौड़ती हुई आ रही थी. वह आकर हमसे करीब 20 फीट की दूरी पर रुक गई. उसके पीछे ही एक कुत्ता भी दौड़ता हुआ आ पहुंचा.
कुत्ते ने आते ही कुतिया की बुर को सूंघना शुरू कर दिया. फिर अचानक से उसने अपने दोनों पैर कुतिया की कमर पर लगा कर उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी बुर को चोदना शुरू कर दिया. वह तेजी के साथ कुतिया की बुर को चोदने लगा. हम दोनों भाई-बहन खड़े होकर तिरछी नजरों से वह सीन देख रहे थे.
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मगर ये जाहिर नहीं होने दे रहे थे कि दोनों की ही नजर सामने चल रहे कुत्ते और कुतिया की चुदाई के सीन पर हैं. 8-10 धक्के तेजी के साथ लगाकर कुत्ता पलट गया और उसका लंड कुतिया कि बुर में ही फंस गया. कुत्ता अपनी तरफ जोर लगाने लगा और कुतिया उस कुत्ते को अपनी तरफ खींचने लगी.
तभी कुछ लड़के वहां पर दौड़ते हुए आये और उन्होंने दोनों के जोड़ को छुड़ाने के लिए उन पर कंकड़-पत्थर फेंकने शुरू कर दिये. लेकिन वो दोनों फिर भी अलग नहीं हो रहे थे. मैंने नीचे ही नीचे सुनिधि की तरफ देखा तो उसके चेहरे पर शर्म के भाव थे. मगर शायद उसको भी यह सब देखना अच्छा लग रहा था.
वो नीचे नजरें करके उन दोनों को गौर से देख रही थी. वह सीन देखने के बाद मेरे अंदर की हवस भी जाग गई. मुझे उस कुतिया के बारे में सोचते हुए ही अपनी बहन का ख्याल आने लगा. वह मुझे सेक्सी लगने लगी. अपनी बहन के बारे में सोच कर ही मेरा लंड मेरी पैंट में खड़ा होना शुरू हो गया.
मगर इतने में ही एक ट्रैकर जीप आ गई. हम दोनों जीप में जगह ज्यादा नहीं थी सुनिधि को मेरी गोद में बैठना पड़ा गया जीप के अंदर एक सीट पर पांच लोग बैठ गये और सुनिधि मेरी गोद में मुझसे चिपक कर बैठी थी. वह गिर न जाए इसलिए मैंने उसको पेट से पकड़ रखा था मेरा ध्यान बार-बार अपनी बहन की बुर की तरफ ही जाने लगा था.
जब वो मेरे गोद में चिपक कर बैठी हुई थी तो मेरे अंदर की हवस और ज्यादा जागने लगी थी मेरा लंड खड़ा हो गया और सुनिधि की गांड़ में चुभने लगा। उसने पीछे मुडकर मुझे देखा और मुस्कुरा दी। फिर हम रेलवे स्टेशन पहुंच गये. मैंने टिकट कन्फर्मेशन के लिए तत्काल श्रेणी ऑफिस जाकर पता किया मगर हमारा राजधानी का टिकट कन्फर्म नहीं हो पाया.
फिर सोचा कि किसी भी तरह कम से कम एक सीट तो लेनी ही पड़ेगी क्योंकि उड़ीसा से दिल्ली का सफर बहुत लम्बा था. ऑफिस में अधिकारी ने बताया कि आपको शायद ट्रेन के अंदर टी.टी.ई. से भी टिकट पर एक सीट तो मिल ही जायेगी. ट्रेन टाइम पर आ पहुंची.
मैं और सुनिधि ट्रेन में चढ़ गये. टी.टी.ई. से बहुत रिक्वेस्ट करने के बाद वह 3500 रू में एक, एसी फर्स्ट बर्थ देने के लिए तैयार हुआ. टी.टी.ई. ने हम लोगों का टिकट एसी फर्स्ट की दूसरी बोगी में टू सीटर केबिन में ऊपर वाली बर्थ पर कन्फर्म कर दिया. मैंने उसको 4000 रूपये दे दिये, टी टी ने कहा उसके पास चेंज नहीं है 500 रूपये और दे दो तो मुगलसराय के बाद एक सीट और दे दूंगा, इस सीट के नीचे की दूसरी सवारी मुगलसराय तक जा रही है।
मैंने उसको ₹500 और दिये तो उसने दूसरी वाली सीट भी मुगलसराय से दिल्ली तक कि हमें रिजर्व करदी है हम जाकर दूसरी बोगी में अपने कन्फर्म टिकट पर बैठने लगे. ऊपर चढ़ाते समय मैंने सुनिधि के बुर ड़ों को अपने हाथों से कस कर भींच दिया था. सुनिधि मुस्कुराते हुए ऊपर चढ़ गई. उसके बाद मैं भी ऊपर चढ़ गया.
एसी फर्स्ट बोगी में सब लोग सो रहे थे. हमारे नीचे वाली बर्थ पर एक बूढ़ी आंटी सोने की कोशिश कर रही थी जब नींद नहीं आई तो उन्होंने एक नींद की गोली खाली और हमसे कहा बेटा केविन बंद रखना मैं तो अब सुबह ही उठूंगी. मैंने कहा ठीक है आंटी आप निश्चिंत होकर सो जाओ। सुनिधि हमारी सीट पर जाकर लेट गई. मैं बैठा हुआ था.
सुनिधि: भैया लेटोगे नहीं?
सुनील – कहां लेटूँ? दो लोगों के लिए जगह तो कम है
ऐसा कहने पर उसने करवट ले ली और मुझे फिर उसकी बगल में लेटने के लिए कहा. मैं भी सुनिधि की बगल में लेट गया. हम दोनों ने कम्बल ओढ़ लिया. सुनिधि का मुंह मेरी तरफ था और उसकी चूचियां मेरी छाती पर आकर दब गई थीं. सुनिधि की बुर तो मेरे दिमाग में पहले से ही घूम रही थी. मैंने खुद को सुनिधि के बदन से और करीब होकर चिपका लिया.
सुनील: सुनिधि मेरी तरफ और थोड़ी खिसक जाओ, नहीं तो नीचे गिरने का डर रहेगा.
सुनिधि भी मुझसे चिपक गई. सुनिधि ने अपनी जांघ मेरी जांघ के ऊपर चढ़ा दी. उसके गाल मेरे गाल से आकर छूने लगे.
आंटी गहरी नींद में सो गई थी मैं और सुनिधि धीरे-धीरे बात करने लगे।
सुनील: सुनिधि कोई दिक्कत तो नहीं हो रही है
सुनिधि: नहीं भैया मुझे कोई परेशानी नहीं हो रही आप ठीक से हो न।
सुनील: हां मैं ठीक हूं, हम दोपहर में जीप का इंतजार कर रहे थे तो तुम कुछ देख कर मुस्कुरा रही थी.
सुनिधि: हां भैया बहुत उस कुत्ते कुतिया को मार रहे थे।
सुनील: सुनिधि तू अब बड़ी हो गई है तुझे पता है वह कुत्ते क्यों चिपक गए थे.
सुनिधि: हां भैया मैंने कई बार कुत्ते को इस तरह करते देखा था.
सुनील: जानती है उसे क्या कहते हैं मैंने उसे बताया उसको चुदाई करना कहते हैं हर इंसान करता है यह सब कुछ जानती ही है जब तू जीप में मेरी गोद में बैठी थी तो मुझे देखकर मुस्कुरा क्यों रही थी.
सुनिधि: भैया आपका पप्पू मुझे चुभ रहा था.
सुनील: वह क्यो?
तो वह शर्मा गई मैंने सुनिधि को चूम लिया उसने भी मेरे गालों पर चूम लिया.
मैं उसके गाल से अपना गाल बहाने से रगड़ने लगा. धीरे-धीरे मेरा लंड भी तन रहा था. कुछ ही पल में मेरा लंड मेरी पैंट में पूरा तन गया. मैं अपना एक हाथ अपनी बहन सुनिधि की कमर पर ले गया और धीरे-धीरे उसका पेट सहलाने लगा उसे गुदगुदी लग रही थी वो मुझसे और जोर से लिपट गई फिर मैं धीरे-धीरे उसका लहंगा उसकी कमर से सरकाने लगा.
सुनिधि की सांसें भी तेज चलने लगी थीं. मैंने उसका लहंगा कमर के ऊपर कर दिया और उसके बुर ड़ों को सहलाने लगा. फिर मैं उसकी पैंटी के ऊपर से हाथ घुमा कर देखने लगा. उसकी बुर के आस-पास से उसकी पैंटी गीली हो गई थी. उसकी बुर से चिपचिपी लार सी निकल रही थी. मेरी उंगलियों पर उसकी चिपचिपी लार लग गई थी जिसे मैंने मुंह में लेकर चाट लिया.
फिर मैं पैंटी के अंदर से हाथ डालकर अंदर बुर के पास ले गया. उसकी बुर पूरी लार से गीली हो गई थी. मैं उसकी बुर को सहलाने लगा. ऐसा करते ही सुनिधि ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये. वो मेरे होंठों को अपने होंठों से चूसने लगी. मुझे भी पूरे बदन में जोश आ गया. मैंने एक हाथ सुनिधि की चोली के अंदर डाल दिया और उसकी संतरे जैसी चूचियों को सहलाने लगा.
सुनील: सुनिधि (कान में धीरे से) चोली के नीचे क्या है चोली के नीचे पैंटी के अंदर क्या है पैंटी के अंदर.
सुनिधि: भैया आप बड़े वो हो कोई अपनी छोटी बहन से एैसे पूछता है क्या.
सुनील: बोल न मेरी रानी चोली के नीचे क्या है पैंटी के अंदर क्या है?
सुनिधि: भैया मैं आपकी तरह से बेशर्म नही हूं.
सुनील: सुनिधि अपने भाई को प्यार करती हो।
सुनिधि: हां भैया यह कोई पूछने की बात है क्या आप मुझे प्यार नहीं करते?
सुनील: सुनिधि मैं भी तुम्हें बहुत प्यार करता हूं लेकिन तुम्हें गर्लफ्रेंड वाला प्यार करने का मन कर रहा है क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है।
सुनिधि: अपनी छोटी बहन से यह क्या पूछ रहे हो भैया। मेरा कोई बायफ्रेंड नहीं है।
सुनील: तेरा मन तो करता होगा न कि तेरा कोई बॉयफ़्रेंड हो जो तुझे प्यार करे।
सुनिधि: हां भैया बहुत मन करता है पर मैं बदनाम नहीं होना चाहती।
सुनील: सुनिधि अपने भाई पर भरोसा है क्या मेरी गर्लफ्रेंड बनेगी।
सुनिधि: शर्माते हुए) किसी को बताओगे तो नहीं।
सुनील: कैसी बातें करती है मैं किसी को क्यों बताऊंगा? मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं सुनिधि।सुनिधि: पुच्च पुच्च आई लव यू भैया।
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू टू बेबी। मैं तुझे गर्लफ्रेंड वाला प्यार करूं।
सुनिधि: भैया आप अपनी छोटी बहन को गर्लफ्रेंड वाला प्यार करना चाहते हो तो कर लो लेकिन गर्लफ्रेंड को कैसे प्यार करते हैं ही… ही…
ये कह कर सुनिधि ने हाथ ऊपर उठा कर एक जोरदार अंगड़ाई ली.
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी , बायफ्रेंड गर्लफ्रेंड को अकेले में प्यार करता है अपनी बाहों में लेकर चूमता है गर्लफ्रेंड की चूचियों को सहलाता है फिर…
सुनिधि: आप मुझे भी अपनी गर्लफ्रेंड समझ कर अपनी बाहों में लेकर चूमोगे लिप लॉक होकर फिर मेरी चोली में हाथ डालकर मेरी छोटी छोटी चूचियों को पकड़ कर अपने हाथ से दबाओगे और मेरी चूचियों को दबाने मसलने के बाद मुंह में ले कर पियोगे बस इतना ही करते हैं बायफ्रेंड और गर्लफ्रेंड.
सुनील : हां बेबी इसके बाद मैं अपनी गर्लफ्रेंड की पैंटी में हाथ डालकर मेरी गर्लफ्रेंड की बुर को सहलाऊंगा और फिर उसकी पैंटी को उतार कर बुर के होठों को खोलकर चूसूंगा बड़ा मज़ा आएगा पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी.
सुनिधि: भैया गर्लफ्रेंड क्या करती है.
सुनील :पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी गर्लफ्रेंड भी अपने बायफ्रेंड को इसी तरह प्यार करती है और अपने बायफ्रेंड का लंड को अपने मुंह में ले कर पीती है और फिर उसके बाद अपने बायफ्रेंड को अपने ऊपर चढ़ा कर उसके लंड को अपनी बुर में घुसा कर प्यार करती है। जैसे वो कुतिया कुत्ते के लंड को अपनी बुर में घुसा कर चुदाई करवा रही थी.
सुनिधि: शर्माते हुए मतलब आप अपनी छोटी बहन को गर्लफ्रेंड बना कर चोदना चाहते हो।
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी मैं अपनी गर्लफ्रेंड बहन को इस तरह से प्यार करना चाहता हूं आज बहुत बढ़िया मौका मिला है अपने भैया को देगी?
सुनिधि: क्या भैया, क्या चाहिए मेरे बाबू को।
सुनील: वहीं जो चोली के नीचे है तेरी पैंटी के अंदर है।
सुनिधि: क्या है मेरी चोली के नीचे और पैंटी में भैया.
सुनील: चोली में है तेरी संतरे जैसी रसीली चूची और पैंटी में रसभरी बुर, मेरी बहन आज अपने भैया को दे दें मैं तड़प रहा हूं इसके रस को पीने के लिए।
सुनिधि: हाय भैया आप अपनी छोटी बहन की बुर का रसपान करोगे? आजतक इसे किसी ने भी नहीं छुआ है।
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी तो ये तो मेरी खुशकिस्मती है कि मुझे मेरी छोटी बहन का पहला पहला प्यार मिलेगा।
यह कहकर मैंने सुनिधि की चोली को धीरे से ऊपर उठा दिया और उसकी संतरे जैसी रसीली चूची को सहलाने लगा उसके निप्पल काफी छोटे थे. मैं उनको अपने मुंह में लेकर चूसने लगा.
फिर मैंने एक उंगली अपनी छोटी बहन सुनिधि की बुर में ठोक दी. बुर गीली होने के कारण आसानी से उंगली उसकी बुर में चली गयी. उसके बाद मैं दो उंगली उसकी बुर में एक साथ घुसा कर चलाने लगा.
सुनिधि: आह्ह …भैया …आ…उम्म …आह सी सी.
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सुनिधि कसमसाने लगी. मैं एक हाथ से उसकी बुर में उंगली कर रहा था और दूसरे हाथ उसकी चूचियों के निप्पल की घुंडी मसल रहा था. मैंने धीरे-धीरे करके दोनों उंगली पूरी की पूरी उसकी बुर में घुसा दीं और फिर दोनों उंगलियों को चौड़ी कर लिया और उसकी बुर में चलाने लगा. आह्ह … बड़ा मजा आ रहा था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मेरे उंगली चलाने से सुनिधि सिसयाने लगी और अपना हाथ मेरी पैंट की जिप के पास लाकर जिप को खोलने लगी. मैंने जिप खोलने में उसकी मदद की. सुनिधि ने मेरी पैंट की चेन खोल कर मेरा तना हुआ लंड अपने हाथ में ले लिया और मेरे लौड़े के सुपाड़े को सहलाने लगी. ओह्ह… बहुत मजा देने लगी मेरी बहन मुझे मेरे लंड का सुपाड़ा सहलाते हुए.
उसको भी मेरा लंड सहलाने में बहुत मजा आ रहा था. फिर मैंने आगे बढ़ते हुए तीन उंगली उसकी बुर में डाल दीं. उसकी बुर से कामरस की लार काफी ज्यादा बहने लगी थी जिसके कारण मेरा हाथ और सुनिधि की पैंटी दोनों ही पूरे के पूरे भीग गये थे. मगर मेरी तीनों उंगली उसकी बुर में चल नहीं पा रही थी. मैंने दूसरे हाथ की मदद से उसकी बुर को खोल कर रखा और दूसरे हाथ की तीनों उंगली एक साथ डालने लगा.
सुनिधि मेरा हाथ पकड़ कर बुर के पास से हटाने लगी. शायद तीनों उंगली एक साथ जाने से उसकी बुर दर्द कर रही थी. मगर मैंने उसके होंठ अपने मुंह में ले लिये और चूसने लगा. जब तीनों उंगली आधी बुर में चली गई तो आगे जाकर उंगली अटकने लगी.
अब मेरा जोश और ज्यादा बढ़ गया था. मैं उसके ऊपर आ गया और उसने अपनी टांगें फैला कर मुझे उनके बीच में ले लिया मैंने उसकी पैंटी को खींचकर नीचे करते हुए साइड में किया और अपना लंड उसकी बुर में लगाकर धक्का देने लगा. लंड का सुपारा ही गया था कि-
सुनिधि: आह्ह … धीरे करो आह्ह …भैया …आ…उम्म … आह सी ..सी. बुर में दर्द हो रहा है.
मैंने थोड़ी सी पोजीशन लेकर उसके बुर ड़ों को ही अपने लंड पर दबाया तो एक चौथाई हिस्सा लंड का उसकी बुर में चला गया. मैं अपनी बहन को ज्यादा परेशान नहीं करना चाहता था इसलिए सोच-समझकर सब कुछ कर रहा था. मैंने सोचा कि अब पूरा लंड उसकी बुर में धकेल देता हूँ.
लेकिन उसके मुंह से उम्म्ह… अहह… हय… याह… चीख सी निकलने लगी. उससे आंटी के जाग जाने का डर था. इसलिए मैंने एक चौथाई हिस्सा ही लंड का बुर में डाले रखा और उसको अंदर-बाहर करने लगा. पैंटी के किनारे ने मेरे लंड को कस लिया था. इसलिए उसको चोदने में मुझे दोगुना मजा आ रहा था.
सुनिधि भी चुदाई की रफ्तार बांधने में मेरा साथ देने लगी. पैंटी भी बुर पर लंड को चिपकाए रखने में मदद कर रही थी. पैंटी के घर्षण के कारण जल्दी मेरा लंड भी पानी छोड़ने के लिए तैयार हो गया. मैंने सुनिधि की कमर को कस कर अपनी तरफ खींचते हुए अपने से चिपकाने की कोशिश की और मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया.
सुनिधि: आह्ह …आ…उम्म… आह सी सी आह्ह… आज से आप मेरे सैंया बन गए भैया.
सुनील : हां मेरी रानी आज से तू मेरी जान है.
सुनिधि: पुच्च पुच्च आई लव यू बाबू आप तो बहुत तेज़ निकले एक ही दिन में अपनी छोटी बहन को गर्लफ्रेंड बनाया और उसी दिन उसकी चूचियों को मसल डाला और बुर भी ले ली।
सुनील: मुस्कुराते हुए) पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी मेरी जान तुम इतनी गॉर्जियस और हाट हो और अपने भाई को इतना प्यार करती हो कि तुम मान गई और अपने भाई को बुर देदी.
सुनिधि: पुच्च पुच्च आई लव यू बाबू.
मेरे लंड के पानी से सुनिधि की पैंटी पूरी भीग गयी.
फिर सर्दी के कारण शायद उसको ठंड लगने लगी. फिर उसने अपनी पैंटी धीरे से उतार कर उसी से अपनी बुर को पोंछ लिया और अपनी पैंटी को अपने हैंड बैग में रख लिया. फिर मैं और सुनिधि एक-दूसरे के साथ चिपक कर सोने लगे लेकिन हम दोनों की आंखों में नींद कहां थी!
सुनील: सुनिधि ( कान में ) अभी पूरा मज़ा नहीं आया तुम्हारी बुर को नहीं पिया कुतिया बन कर कब चुदोगी मुझसे?
सुनिधि: पुच्च पुच्च आई लव यू बाबू घर चल कर जी भर कर बुर पी लेना और चाहे कुतिया बनाना या घोड़ी बनाकर चोदना मगर यहाँ तो बस धीरे-धीरे ही मजा लो.
हम दोनों ने अपने को कम्बल से पूरी तरह ढक रखा था. फिर सुनिधि ने दोबारा से मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे मसलने लगी. मैंने भी उसकी बुर के दाने को कुरेद कर मजा लेना शुरू कर दिया.
सुनिधि: आह्ह …भैया …आ…उम्म … आह सी सी ये क्या कर रहे हो मत करो नआह्ह …भैया …आ…उम्म … आह सी सी.
अब हम दोनों भाई-बहन आपस में काफी खुल चुके थे. सुनिधि मेरे होंठों को चूसते हुए मेरे लंड को मसले जा रही थी. उसके हाथों की हरकत से मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा. देखते ही देखते मेरा लंड सुनिधि की मुट्ठी से बाहर आ गया. सुनिधि बहुत ही गौर से मेरे लंड की लम्बाई और चौड़ाई नाप रही थी. 9 इंच का लंड देख कर वो हैरान होकर.
सुनिधि: कान में) भैया इतना मोटा और लम्बा लंड तुमने मेरी बुर में कैसे ठोक दिया?
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी अभी पूरा कहां ठोका है! मेरी रानी अभी तो सिर्फ एक चौथाई हिस्से से कम ही अंदर डालकर चलाया था. पूरा लंड तो घर जाकर डालूंगा जब तुम कुतिया बनोगी. डॉगी स्टाइल में पूरे लंड का मजा दूंगा।
इस पर वो जोर-जोर से मेरे गालों पर अपने दांतों से काटने लगी. फिर मैंने उसके कान में धीरे से कहा-
सुनील: सुनिधि तुम जरा करवट बदल कर लेट जाओ. अपनी गांड को मेरी तरफ कर लो.
सुनिधि: नहीं बाबू … गांड मारनी हो तो घर में जाकर मारना. यहां मैं तुमको गांड नहीं मारने दूंगी.
सुनील: नहीं मेरी रानी, मैं तुम्हारी गांड नहीं मारूंगा. मैं पीछे से तुम्हें लंड और बुर का ही मजा दूंगा.
मेरे कहने पर वो मान गयी और उसने करवट बदल ली. मैंने सुनिधि के दोनों पैर मोड़ कर सुनिधि के पेट में सटा दिये जिससे उसकी बुर पीछे से रास्ता देने लगी. मैंने उसकी गांड अपने लंड की तरफ खींच कर उसके पैरों को उसके पेट से चिपका दिया. उसकी बुर में फिर मैंने दो उंगली डाल कर बुर के छेद को फैलाया और फिर उसकी बुर में घुमाने लगा. ऐसा करते ही वो थोड़ा चिहुंक गयी.
फिर मैंने उसके गाल पर एक किस किया और अपने लंड को सुनिधि की बुर में धीरे-धीरे घुसाने लगा. बहुत कोशिश करने के बाद आधा लंड बुर में घुसा दिया. मैं सुनिधि को ज्यादा से ज्यादा मजा देकर खुद भी ज्यादा से ज्यादा मजा लेना चाहता था. इसलिए बहुत ही धीरे-धीरे घुसा रहा था. एक हाथ से उसके निप्पल की घुंडी मसलने लगा. मैंने देखा कि अब सुनिधि भी खुद ही अपनी गांड को मेरे लंड की तरफ धकेल रही थी.
उसकी बुर ने फिर हल्का सा पानी छोड़ा जिसके कारण मेरा लंड गीला हो गया. लंड को जब मैं बुर में अंदर बाहर करने लगा तो वो थोड़ा और अंदर जाने लगा. अब मेरे लंड का एक चौथाई हिस्सा ही बाहर रह गया था. मैंने धीरे-धीरे अपनी कमर चला कर सुनिधि को दोबारा चोदना शुरू कर दिया. सुनिधि भी अपनी गांड हिला-हिला कर मजे से चुदवाने लगी. इस बार करीब एक घंटे तक दोनों चोदा-चोदी करते रहे.
ट्रेन ने एक बार कहीं सिग्नल न मिलने के कारण एकदम से ऐसा ब्रेक मारा कि गचाक से दबाव बनाते हुए 5 इंच लंड उसकी बुर में चला गया. उसकी चीख निकलने ही वाली थी कि मैंने अपने एक हाथ से सुनिधि का मुंह बंद कर दिया और एक हाथ से उसकी दोनों चूचियों को बारी-बारी से मसलने लगा. वैसे मैं सच बताऊं तो ट्रेन के अंदर उसके साथ ऐसा नहीं करना चाहता था लेकिन ट्रेन के अचानक ब्रेक लगने के कारण ऐसा हो गया।
सुनिधि: धीरे-धीरे सिसकने लगी आह्ह …भैया …आ…उम्म … आह सी सीआह्ह …भैया …आ…उम्म … आह सी सी.
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मैंने अपने लंड को वहीं पर रोक कर पहले सुनिधि के दोनों चूचे कस कर दबाये. फिर कुछ देर के बाद जब उसको राहत हुई तो सुनिधि खुद ही अपनी कमर को आगे पीछे करने लगी. शायद अब उसे दर्द नहीं हो रहा था बल्कि मजा आ रहा था. मेरा हाथ सुनिधि की बुर पर गया तो मुझे पता लगा कि उसकी बुर से गर्म-गर्म तरल पदार्थ गिर रहा है. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैंने हाथ लगा कर देखा तो मेरे हाथ में खून लगा हुआ था मैं समझ गया कि ये बुर का पानी नहीं बल्कि उसकी झिल्ली फटने के कारण निकलने वाला खून गिर रहा है. मैंने सुनिधि को यह बात नहीं बताई वरना वो घबरा जाती. मैंने अपनी पैंट से रुमाल निकाल कर उसकी बुर को अच्छी तरह से पौंछते हुए साफ किया और सुनिधि को अपनी गांड आगे-पीछे करते हुए घपा-घप धक्का देकर चोदने लगा.
सुनिधि अब मजे से चुदवा रही थी. जब मैंने दस-पंद्रह धक्के आगे-पीछे होकर लगाये तो सुनिधि की बुर ने पानी छोड़ दिया. मैं सुनिधि की संतरे जैसी चूचियों मसलने लगा. दस मिनट तक मैंने उसकी बुर में लंड को अंदर बाहर करते हुए उसकी बुर को चोदा और मेरे लंड ने भी पानी छोड़ दिया.
पांच मिनट तक मैं उसकी बुर में लंड को डाले पड़ा रहा. जब मेरा लंड सिकुड़ गया तब खुद ही बुर से बाहर आ गया. मैंने रुमाल से लंड और बुर दोनों को साफ कर दिया. खून और वीर्य के मिश्रण से रुमाल काफी गंदा हो गया जिसे जब मैं मैं टॉयलेट करने गया तो टायलेट से बाहर फेंक दिया.
जब टाइम देखा तो सुबह के 4 बजकर 35 मिनट हो गये थे हम दोनों कंबल के अंदर एक दूसरे को पकड़ कर सो गये। 9:30 बजे कूपे में शोर हुआ तो हमारी नींद खुली मुगलसराय स्टेशन आ चुका था आंटी के परिवार वाले आंटी को लेने के लिए आए थे उन्होंने आंटी और उनका समान नीचे उतार लिया।
तब हम दोनों भाई बहन उस कूपे में अकेले थे 5 मिनट बाद मुगलसराय स्टेशन से गाड़ी छूटी तो टी टी आकर दूसरी सीट पर भी टिक करके चला गया। टीटी के जाने के बाद मेन दरवाजे को अच्छी तरह से बंद कर लिया और सुनिधि को ऊपर से उतर कर नीचे वाली सीट पर अपनी गोद में लेकर बैठ गया।
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी अब हमें दिल्ली तक कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा वरना तुम्हें पूरे रास्ते प्यार करता रहूंगा।
सुनिधि: भैया कैसे प्यार करोगे अपनी छोटी बहन को।
सुनील: मेरी छोटी बहन आप मेरी गर्लफ्रेंड है कल रात में अच्छी तरह से प्यार नहीं कर पाया था तो मैं अब करूंगा । अपनी बहन के सुंदरता को अंधेरे में देखा नहीं पाया अब कोई डर नहीं है अब मैं तेरे सारे कपड़े उतार कर और अपनी गोद में लेकर प्यार करूंगा हम पूरा एंजॉय करेंगे।
कह कर सुनिधि की चोली में हाथ डालकर उसकी चूचियों को पकड़ कर सहलाने लगा वो नार्मल तरह से बातें कर रही थी.
सुनिधि: भैया मैं अपने कपड़े नहीं उतरूंगी यह खिड़की से बाहर दिखाई पड़ रहा है।
सुनील: हां मेरी जान बाहर दिखाई पड़ रहा है लेकिन बाहर से अंदर नहीं दिखाई पड़ेगा और वैसे भी रेल पूरी स्पीड में भाग रही है तो तुम डरो मत मैं हूं ना। यदि किसी स्टेशन पर रुकेगी तो अतिरिक्त सावधानी बरतते हुए हम पर्दे लगा लेंगे तुम चिंता मत करो। बस अपने भैया की बाहों में आकर प्यार करो।
फिर मैं अपनी शर्ट बनियान और जींस उतार दी और आगे बढ़कर सुनिधि की चोली खोल दी उसकी ब्रा को भी उतार दिया उफ़ कितनी प्यारी बड़े संतरे जैसी गोल टाइट चूचियां उस पर काले रंग के छोटे छोटे निप्पल जैसे आइसक्रीम के ऊपर ब्लैकबेरी मेरे मुंह में पानी आ गया रात के अंधेरे में मैं उसकी सुंदरता को देख नहीं पाया था मैं अपनी छोटी बहन की रसीली चूची को देख कर सुध-बुध खो बैठा।
सुनिधि: मुस्कुराते हुए) ऐसे क्या देख रहे हो भैया कहां खो गए।
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू सुनिधि मैंने इतनी सुन्दर चूचियों को कभी नहीं देखा कितनी प्यारी रसीली और कसी हुई हैं तुम्हारी चुचियां, लगता है इसमें कितना दूध भरा है पीने का मन कर रहा है।
फिर मैं अपनी छोटी बहन की चूचियों को चूमने लगा फिर मैं उसको अपनी बाहों में कस लिया और उसे पागलों की तरह चूमने लगा वह पूरी तरह शर्मा रही थी.
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी मेरी जान अब क्यों शर्मा रही हो ये कूपा साउंड प्रूफ और डबल डोर बंद है हम दोनों जोर से बातें करेंगे तो भी बाहर आवाज नहीं जाएगी तुम्हें मेरी कसम पूरा खुलकर बिना शर्माए देसी भाषा में बात करोगी जानू एसी फर्स्ट क्लास में पैसा खर्च किया है मैं उसको पूरा वसूल करूंगा।
सुनिधि: सही कह रहे हो भैया आप तो पूरी कीमत वसूलने के मूड में हो लेकिन मुझे इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है ही….ही….
सुनील: मेरी जान तू क्यों कोई कीमत चुकाएगी मैं दिल्ली तक तुझे प्यार करता जाऊंगा तुझे पूरे रस्ते अपने नीचे दबा कर बुर मारूंगा फिर खड़े होकर तुझे अपनी गोद में उठाकर पेलूंगा।
सुनिधि: आप लग्ज़री कूपे में अपनी छोटी बहन को चोद कर एसी फर्स्ट क्लास के पैसे वसूलोगे और जिसकी कीमत मुझे अपनी बुर, अपने भैया से बुर मरवा कर चुकानी पड़ेगी ही….ही…. ये मुझे बहुत मंहगी पड़ेगी।
सुनील : हा.. हा … तेरा सेंस ऑफ ह्यूमर भी गजब का है जानूं आई लव यू। वैसे कल रात मज़ा आया था.
सुनिधि: जी भैया (शर्माते हुए) नजरे झुका कर मुस्कुरा कर गर्दन हां में हिला दी.
सुनील: आज जो मजा आयेगा उस मज़े के सामने कल रात का मजा कुछ भी नहीं है।
बात करते-करते मैंने सुनिधि के लहंगे का नाड़ा खोल दिया और लंहगा नीचे गिर गया वो उठाने के लिए झुकती उसके पहले ही मैंने उसे अपनी गोद में उठाकर सीट पर बैठ गया। और उसकी गर्दन को अपने मुंह में भरकर चूसने लगा और हाथों को आगे लाकर उसकी दोनों चूचियों को मींजने लगा।
सुनिधि: हाय… भैया… सी..…. सी.…. उम्म…उइ मां ये क्या कर रहे हो मुझे बड़ी गुदगुदी हो रही ऊं… उफ़ थोड़ा धीरे धीरे करो..… भैया देखो न आपके मींजने से चूचियां कैसे फूल रही हैं सी..…. सी.…. उम्म…उइ छोटे छोटे निप्पल कैसे तन कर खड़े हो गए।
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी सही कह रही है लग रहा है जैसे अभी दूध निकलने वाला है।
सुनिधि: आ…उम्म … आह सी सीसी..…. सी.…. उम्म…उइ भैया अपनी बहन का दूध पी लो ना भैया कब से तैयार है आ…उम्म … आह सी सी पुच्च पुच्च आई लव यू बाबू.
मैंने सुनिधि को अलग कर पालथी मार कर बैठाया और छोटे बच्चे की तरह उसकी गोद में लेट गया और उसकी संतरे जैसी गोल रसीली चूची को अपने मुंह में भरकर पीने लगा।
सुनिधि: आ आ आह उई भैया प्लीज काटो मत उफआ…उम्म … आह सी सी देखो आपने मेरी चूचियों को काट काट कर लाल कर दिया है मुझे दर्द हो रहा है आ…उम्म …उह्…उई… आह.. सी…सी … पुच्च पुच्च आई लव यू बाबू आराम से पियो काटने से निशान पड़ जायेंगे आ…उम्म …उह्…उई… आह.. सी…सी…
भैया मेरी एक चूची हाथ से मसल रहे थे और दूसरी चूची को मुंह में भरकर चुभलाने लगे और चूची को मुंह में पूरा भरने क कोशिश करने लगे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था अब भैया मेरे ऊपर चढ़ कर लेट गए मैंने भैया के मुंह में दूसरी चूची डाल दी भैया उसे भी मुंह में भरकर पीने लगे.
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भैया का लंड मेरे पेट पर सिसक सिसक कर आंसू बहा रहा था और अंडरवियर को गीला कर दिया था यही हाल मेरी पैंटी का भी हो गया था वो भी गीली हो गई थी। थोड़ी देर बाद भैया नीचे की तरफ खिसकते हुए मेरी नाभि पर पहुंच कर चूमने लगे और फिर जीभ से गोल गोल घुमाकर और नाभि में जीभ डाल कर चाटने लगे मुझे बहुत तेज गुदगुदी हो रही थी और अच्छा भी लग रहा था.
सुनिधि: आ…उम्म …उह्…उई… आह.. सी…सी …पुच्च पुच्च आई लव यू बाबू ये क्या कर रहे हो मुझे बहुत तेज गुदगुदी हो रही है बस्स बस करो …उम्म .. भैया… मैं मर जाऊंगी… आह सी सी पुच्च पुच्च आई लव यू बाबू.
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी कैसा लग रहा है जानू.
सुनिधि: आ…उम्म …उह्…उई… आह.. सी…सी … भैया बस करो अब और नहीं आ…उम्म …उह्…उई… आह.. सी…सी … भ.…. भैया आ….आ…
भैया उठ कर बैठ गए और मेरी पैंटी को नीचे उतारने लगे मैंने अपने हिप्स को उठाकर पैंटी उतारने में भैया की मदद की फिर भैया ने अपने अंडरवियर को भी उतार दिया मैंने पहली बार उसे देखा तो मैं डर गई।
सुनिधि: हाय रे भैया ये इतना बड़ा और मोटा कल रात में आपने मेरी बुर में घुसा दिया था कितना दर्द कर रहा था.
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी नहीं जानूं ये पूरा नहीं घुसाया था सिर्फ 5 इंच ही घुसाया था तुम उतने में ही चीख पड़ी और कूपे में आंटी भी थीं तो पूरा मजा नहीं आया था अब हम दोनों पूरी तरह से प्यार करेंगे और मज़े लेंगे।
सुनिधि: बस 5 इंच इसने मुझे बहुत दर्द दिया था न बाबा न मैं इसे अपनी छोटी सी बुर में नहीं लूंगी ये तो मेरी जान ले लेगा।
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी कुछ नहीं होगा कल बाद में मज़ा भी तो आया था वो…..
सुनिधि: वो तो आधा ही अंदर गया था जिससे मेरी जान निकल गई थी पूरा तो मेरी बुर फाड़ देगा।
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी तुम्हे पता है कल रात को तुम्हारी थोड़ी सील टूटती थी जरा सा खून छलक आया था।
सुनिधि: क्या…. आपने मुझे बताया क्यों नहीं कि आपने मेरी सील तोडी है, मैं इसको महसूस करना चाहती थी एंजॉय करना चाहती थी आप बहुत गंदे हो।
सुनील: सच में तुम्हें इसको एंजॉय करना था तो आज मैं पूरा 9 इंच घुसा कर तुम्हें इसका पूरा मज़ा दूंगा कल आधा हिस्सा ही अंदर गया था आज पूरा तुम्हें सील टूटने का मजा देगा।
सुनिधि: भैया बहुत दर्द करेगा न।
सुनील: दर्द तो करेगा लेकिन मैं बहुत प्यार से धीरे धीरे घुसा कर पेलूंगा तो दर्द कम और मज़ा ज्यादा आयेगा।
मैंने सुनिधि की जांघों को सहलाते हुए फैला दिया और उसके बीच में आ गया बहुत ही सुन्दर और कामरस से भीगी जैसे मेरे होंठों को चूसने के लिए आमंत्रित कर रही हो मैंने सुनिधि की आंखों में देखा तो उसने शरमा कर अपने हाथ से चेहरे को छुपा लिया और मुस्कुराते हुए बोली-
सुनिधि: ऐसे क्या देख रहे हैं भैया मुझे शर्म आ रही है मैं अपने भैया के सामने इस तरह से नंगी, जांघों को फैलाकर लेटी हुई हूं।
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी शर्माओ मत इस प्यार के पलों को एंजॉय करो चलो हम दोनों एक साथ एक-दूसरे को प्यार करते हैं मैं तुम्हारी बुर को प्यार करता हूं तुम मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर प्यार करो सारी शरम दूर हो जायेगी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
कह कर मैंने अपने पैर सुनिधि के मुंह की तरफ और अपना मुंह सुनिधि की बुर पर रख कर चूसने लगा।
सुनिधि: आ…उम्म … आह सी सी भैया क्या कर रहे हो वहां भी कोई चूसता है क्या आ…उम्म … आह सी सी भैया मुझे बहुत गुदगुदी हो रही है प्लीज छोड़िए ना आ…उम्म … आह सी सी.
सुनील: इसको चूसने में बहुत मज़ा आता है, उस मज़े को तुम नहीं समझोगी, सुनिधि तुम भी मेरे लंड को चूसो चूसो ना तुमको भी बड़ा मजा आयेगा।
सुनिधि: छी मुझे तो सोच कर ही घिन आती है। आपको जो करना है करो लेकिन मैं मुंह में नहीं लूंगी।
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी कोई बात नहीं चूम तो सकती हो।
सुनिधि: भैया आप इतना कह रहे हैं तो मैं सिर्फ किस करुंगी और कुछ करने को मत कहिएगा.
सुनिधि ने मेरे लंड को अपनी नरम नरम हाथों में पकड़ कर अपने होंठों के पास लाई और उसमें से निकलते हुए प्रीकम को पोंछ कर उस पर एक किस कर लिया उसको कोई परेशानी नहीं हुई तो उसने लंड के सुपारी को अपनी जीभ से चाटन शुरू कर दिया फिर उसे थोड़ा अच्छा लगा तो उसने उसको अपने मुंह में भर लिया और अंदर बाहर करके चूसने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था.
सुनील: आ…उम्म … आह सी सी मेरी जान तुम बहुत अच्छी तरह से मेरे लंड को चूस रही हो मुझे बहुत मजा आ रहा है तुम्हें मजा आ रहा है तो उसे और अंदर तक लो पूरा गले में उतार कर चूसो.
सुनिधि: नहीं भैया इतना ही बहुत है मैं और नहीं करूंगी मुझे उल्टी सी आने लगती है मेरी बुर को पीकर के आपको मजा आ रहा है ना इसी को पीने के लिए आप इतना परेशान थे।
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी तुम्हारे बुरे के पानी का स्वाद बहुत ही बढ़िया है एकदम कच्चे नारियल के पानी की तरह उसको पीकर मेरी इंद्रिया तृप्त हो गई बहुत मजेदार टेस्ट है।
सुनिधि: भैया आ…उम्म … आह….सी…. सी…. बस भी कीजिए बहुत हो गया मुझे कुछ हो रहा है प्लीज कुछ और कीजिए ना मेरी बुर में अंदर बहुत खुजली सी हो रही है …उम्म …उह्…उई… आह.. सी…सी … प्लीज कुछ कीजिए.
मैं उठकर सुनिधि की जांघों के बीच में बैठ गया उसकी कसी हुई बुर की दरार में अपने लंड के सुपाड़े को पकड़ कर रगड़ने लगा सुनिधि मजे से तड़प रही थी और अपनी गांड को उठा कर अंदर लेने की कोशिश करने लगी मुझे उसकी तड़प देखकर मजा आ रहा था और मैं उसको अंदर नहीं जाने दे रहा था.
सुनिधि: …उम्म …उह्…उई… आह.. सी…सी … भैया परेशान मत करो अब तो इसको अंदर डाल दो मेरी बूर जल रही है.
इतना सुनते ही मैंने उसके कमर को पकड़ा सुपाड़े को उसकी बुर की दरार में सेट करके एक हल्का सा धक्का मारा तो सुपाड़ा उसकी बुर में घुस गया।
सुनिधि: उम् …उम्म …उह्… उई. भैया धीरे पेलो.. आह.. सी…सी .. मुझे लग रही है.
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू जान एक बार अंदर घुस जाने दो फिर बस मज़ा ही मज़ा है जानू.
मैंने सुनिधि को कंधे से पकड़ लिया और उसके निप्पल को अपने मुंह में भरकर चूसते हुए एक और धक्का लगाया तो मेरा 3 इंच लंड उसकी बुर में घुस गया.
सुनिधि: आउच… आह… उम्म … उह्…उई… आह.. सी…सी … भैया उफ्फ मेरे राजा भैया थोड़ा प्यार से धीरे धीरे घुसाओ प्लीज थोड़ा सा धीरे धीरे प्यार से करो आई लव यू भैया मुझे दर्द हो रहा है.
भैया ने मेरी बुर से अपना लंड बाहर निकाल लिया और मेरी दोनों टांगों को दूर तक खोलकर फैला दिया जिससे मेरी बुर के लिप्स भी थोड़ा खुल गए थे भैया ने अपने लंड को मेरी बुर पर घिसना शुरू किया और फिर थोड़ा सा नीचे करके अपने लंड को मेरी बुर में घुसा दिया.
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मेरे मुंह से आह निकल गई फिर भैया ने मेरी टांगों को उठाकर अपने कंधों पर रखकर मेरी जांघों को अपनी बाहों में जकड लिया फिर एक जोरदार धक्का मारा उनका लंड मेरी बुर में 6 इंच घुस गया था मैं इस धक्के को संभाल नहीं पाई और जोर से चीख पड़ी.
सुनिधि: आउच… आह… उम्म … उह्…उई… आह.. सी…सी … उई मां आह बाबू आज मेरी जान लेने का इरादा है क्या आपने एक ही धक्के में मेरे बच्चेदानी में अपना लंड घुसा दिया मेरी बुर को फ़ाड़ दिया मुझे आपकी नीयत ठीक नहीं लग रही आह आ आआ उफ़ मां कितना दर्द हो रहा है आउच… आह… उम्म … उह्…उई… आह.. सी…सी … भैया आप धीरे-धीरे भी कर सकते हैं मैं कब मना कर रही हूं अपने राजा भैया को बुर देने के लिए मैंने तो आपको ही दी है अपनी छोटी सी कुंवारी बुर प्लीज आप धीरे-धीरे करके डालो न.
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू जान एक बार और एक झटका मारने दे और पूरा लंड अंदर घुस जाने दो फिर बस मज़ा ही मज़ा है जानू पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी मुझसे भी तेरी तड़प देखी नहीं जाती धीरे-धीरे करूंगा तो बहुत देर तक दर्द होगा बस एक बार और दर्द सहन कर लें.
सुनिधि: आह… उम्म … उह्…उई… आह.. सी…सी… भैया ठीक है मेरे राजा भैया थोड़ा रुक कर सांस लेने दो और ये भयानक दर्द सहन करने दो हां धीरे-धीरे इसी तरह आ आह आऊं उ ऊं उफ सिसकारियां निकलने लगी हां जी आ आ आह उई उह बाबू आई लव यू आई लव यू बाबू इसी तरह से इसी तरह से चोदो।
फिर भैया ने अपना थोड़ा सा लंड बाहर खींच कर पूरी ताकत से दूसरा धक्का मारा तो लंड बच्चेदानी से होता हुआ मेरे सीने में घुस गया और भैया के टट्टे मेरी गांड पर दस्तक देने लगे। मैं इस तरह की चुदाई के लिए तैयार नहीं थी इतना भयंकर दर्द हुआ कि मुझे भी बेहोशी छाने लगी भैया का लंड अपनी औकात से ज्यादा बड़ा हो गया था और मोटा भी बहुत हो गया था।
सुनिधि: रोतेरोते) आ आ आह उफ़ मार डाला रे मेरे भैया कैसे ज़ालिम राक्षस बन गए उऊ उई मां मर गई रे फाड़ दी मेरी बुर ये यह कैसे कर रहे हो क्या कोई अपनी छोटी बहन को इतनी ही बेदर्दी से चुदाई चोदता है इस तरह तो मैं मर जाऊंगी।
मेरी चीखें और रोना सुनकर भैया को और उत्तेजना आ रही थी उनका लंड और भी फूल रहा था.
सुनील: …उम्म …उह्… आह.. सी…सी … कितनी कसी बुर है तेरी बहुत मजा आ रहा है तेरी बुर ने मेरे लंड को अपने अंदर दबोच रखा है आह… उम्म … उह्.. आह.. सी…सी … मेरी रानी मेरी उह्.. आह.. सी जान तेरी पहली चुदाई और इस ट्रेन के सफ़र को यादगार बनाने के लिए इसी तरह की चुदाई करूंगा.
अभी 2 मिनट बाद तुमको बहुत मजा आएगा और तुम अपनी गांड उछाल उछाल कर चुदवाओगी मेरा यकीन करो। आई लव यू बाबू मेरा बेबी बस बस हो गया बस बस तुम्हारी बुर में मैंने पूरा लंड घुसा दिया अब और दर्द नहीं होगा तुम मजे करोगी आह बेबी तेरी बुर कितनी गर्म है वाओ कितना मजा आ रहा है. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
सुनिधि: आ आह उफ़ उई मां मार डाला रे मुझ पर रहम करो मेरे राजा भैया एक तो मेरी बुर कितनी छोटी सी और टाइट है मैं कितनी छोटी हूं और आप मुझ पर इतनी भीषण चुदाई कर रहे हैं मुझे लगता है कि आप मेरी जान लेने का इरादा रखते हैं आ आह उफ़ मार डाला रे उई मां मार डाला रे।
भैया अपना लंड थोड़ा सा निकाल कर फिर अंदर घुसा देते इस तरह वह मेरी चुदाई करने लगे थोड़ी देर बाद मेरी बुर में ढेर सारा पानी छोड़ दिया जिससे बुर में खूब चिकनाई हो गई मुझे मजा आने लगा.
सुनिधि: आ आह उफ़ मार डाला रे आ आ आह आऊं उ ऊं उफ सिसकारियां निकलने लगी हां जानू आ आ आह उई उह बाबू आई लव यू आई लव यू बाबू इसी तरह से इसी तरह से चोदो.
भैया मेरी सिस्कारियों और चीखों को सुनकर उत्तेजित होते जा रहे थे मुझे और कसकर जकड़ लिया और राजधानी की रफ्तार से मुझे चोदने लगे पूरे कूपे में मेरी सिस्कारियां और चीखें गूंज रही थी और पटपट पटपट की आवाज आ रही थी जो मुझे भी बहुत उत्तेजित कर रही थी और भैया मुझे लगतार काफी देर तक चोदते रहे।
सुनील : आ आ आ आ आ आह उफ़ जानूं कितना मजा आ रहा है तुम उछल-उछल कर चुदवा रही हो आ आ आ आ आ आह उफ़ वाओ।
लगभग 100 तक के मरने के बाद भैया बोले जानू अब घोड़ी बन जाओ मैं तुम्हारे ऊपर चढ़कर चोदूंगा मैंने तकिया पर अपना सर रखकर घोड़ी बन गई भैया मेरे पीछे आए और मेरी बुर के छेद पर सुपाड़ा टिककर एक ही धक्के में पूरा लंड मेरी बुर में घुसा दिया और मेरे पीठ पर लेट कर मेरी लटकती हुई चूचियों को पकड़ कर मसलने लगे और फिर राजधानी एक्सप्रेस की तरह चोदने लगे.
सुनिधि: आ आह उफ़ उई मां बड़ा मजा आ रहा है आ आ आह आऊं उ ऊं उफ सिसकारियां निकलने लगी हां जानू आ आ आह उई उह जानू आई लव यू आई लव यू जानू इसी तरह से इसी तरह से चोदो मैं झडने वाली थी हां भैया और जोर से मारो यस यस आ आह उफ़ मार डालो रे आ आ आह आऊं उ ऊं उफ आ आ आह उई उह बाबू आई लव यू आई लव यू बाबू.
भैया ने मुझे अपनी बाहों में भर कर मेरी दोनों चूचियों को अपने हाथों से दबा लिया और फिर ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगे और मेरी बुर में पूरा लंड पेल कर मेरी बच्चेदानी में अपना गरम गरम गाढ़ा ढ़ेर सारा वीर्य भर दिया हम दोनों एक साथ स्खलित हो गये मैं सीट पर पेट के बल लेट गई और भैया मेरी चूचियों को दबोचे हुए मेरी पीठ पर लेट गए भैया का लंड अभी भी मेरी बुर में घुसा हुआ था हम दोनों पसीने से लथपथ गहरी गहरी सांसें लेने लगे.
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी आई लव यू जानू तुम बहुत अच्छी हो सुनिधि आज तुमने अपने भैया को बहुत मज़ा दिया आई लव यू पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी.
सुनिधि: आई लव यू टू भैया आपने भी मेरी बुर मारकर बहुत मजा कराया मेरी पहली चुदाई बहुत मस्त और यादगार बना दी मैं इसे कभी नहीं भूलूंगी आई लव यू भैया।
अब भैया मेरे ऊपर से उतर कर बराबर में लेट गए और मुझे अपनी बाहों में लेकर मेरी जुल्फों से खेलने लगे मुझे भैया का इस तरह से प्यार करना बहुत अच्छा लग रहा था फिर वो मुझे चूमने लगे और मेरे गालों को मुंह में भरकर चूसने लगे और गालों को काटने लगे।
सुनिधि: आ…उम्म … आह सी सी भैया क्या कर रहे हो मेरे नरम नरम गालों को मत काटिए उन पर निशान पड़ जायेंगे आ…उम्म … आह सी सी भैया प्लीज छोड़िए ना आ…उम्म … आह सी सी कोई पूछेगा तो मैं क्या जवाब दूंगी कि मेरे भैया ने मेरे गालों को काटा है प्लीज छोड़िए ना आ…उम्म … आह सी सी।
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी, हमें ये एकांत और प्यार करने वाला मौका पता नहीं कब मिलेगा हम लोग आज रात तक घर पहुंचेगे आई लव यू जानू।
सुनिधि: हां भैया, जी भर कर प्यार करलो भैया।
सुनील: पहले फ्रेश होकर खा पी लो फिर हम खूब मजे करेंगे मैं फ्रेश होकर नहा कर पैंट्री कार से कुछ खाने पीने का सामान ले आता हूं फिर तुम भी फ्रेश होने और नहाने चली जाना।
सुनिधि: प्लीज छोड़िए ना अब नहाने जाइये फिर प्यार करिए.
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दोस्तों हम इतने सारे खर्च किए हुए पैसों को पूरी तरह वसूल करना चाहते थे एसी फर्स्ट क्लास में बाथरूम में नहाने धोने का बहुत बढ़िया साधन होता है एकदम फाइव स्टार के बाथरूम के जैसा. मैं टावल लेकर बाथरूम फ्रेश होने और नहाने चला गया नहा धोकर में पेंट्री कर में गया और नाश्ते का ऑर्डर दे दिया.
मैंने उससे कहा कि मेरी दातों में दर्द है क्या मुझे कुछ लौंग मिल जाएगी उन्होंने मुझे 8-10 लौंग दे दिये, चार लौंग को मुंह में डालकर मैं चूसता हुआ कूपे में वापस चला आया फिर मैं सुनिधि को नहाने के लिए भेजा वह भी अपनी टॉवल और कपड़े लेकर नहाने चली गई। आप सब सोच रहे होंगे कि मैं लौंग क्यों लिया.
दोस्तों लौंग से आधे घंटे के अंदर लंड एकदम कठोर होकर तैयार हो जाता है और फिर देर तक झड़ता नहीं चलता रहता है यह सामान्य लोगों के लिए देसी वियाग्रा का काम करता है। पैंट्री बॉय मेरा दिया हुआ ऑर्डर लेकर आ गया और मैंने उसे लेकर बिल पे कर दिया थोड़ी देर में सुनिधि भी नहा धोकर फ्रेश होकर आई उसके बदन से बहुत प्यारी खुशबू आ रही थी उसके आते ही मैंने कूपे को बंद कर लिया और उसको अपनी बाहों में भर कर चूमने लगा।
सुनिधि: प्लीज छोड़िए ना भैया आ…उम्म … आह सी सी मुझे तैयार तो होने दीजिए ना आ…उम्म … आह सी सी हाय राम मेरा भैया कितना बेसबरा है रात भर मुझे अपनी बाहों में लेकर प्यार करने के बाद भी मन नहीं भरा।
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी तू इतनी प्यारी है तेरा शरीर एकदम कामदेव की रति की तरह से खूबसूरत है तुझे प्यार करने से मन कभी नहीं भरेगा मैं तुझे घर पहुंचने तक 6-7 बार तो प्यार करूंगा ही आई लव यू जानू.
सुनिधि: पुच्च पुच्च आई लव यू टू भैया मैं भी आपको बराबर से प्यार करूंगी।
सुनील: जानू कुछ नया करें.
सुनिधि: अभी क्या नया करोगे भैया।
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी पीछे वाली दे दो कल रात में तुमने आज देने के लिए कहा था।
सुनिधि: भैया मैं आपको मना कहां कर रही हूं पुच्च पुच्च आई लव यू भैया आपको मेरी गांड लेनी है अपकी खुशी के लिए मैं आपको दे रही हूं पर थोड़ा प्यार से लेना बहुत दर्द करेगा।
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी मैं जानता हूं तू मुझे कितना प्यार करती है मैं तुम्हें बहुत प्यार से धीरे धीरे लूंगा चल मेरी प्यारी बहन अब कुतिया की तरह हो जा और मैं कुत्ते की तरह तेरी कसी हुई गांड की चुन्नट ढीली करके फिर प्यार से तेरी गांड़ लूंगा।
सुनिधि कोहनी और घुटनों पर झुक कर कुतिया बन गई मैंने उसके बैग से बोरोलीन एंटीसेप्टिक क्रीम लेकर उसके गांड के चुन्नटदार छेद पर लगाया और उंगली से अंदर तक घुसा दिया उंगली अंदर जाते ही सुनिधि ने गांड सिकोड़ ली।
सुनील: जानूं थोड़ा ढीला छोड़ दो तभी तो अंदर तक क्रीम लगाऊंगा और बिना क्रीम के तुम्हें बहुत दर्द करेगा पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी.
सुनिधि ने गांड को ढीला छोड़ दिया तो मैंने बोरोलीन की ट्यूब को उसकी गांड के छेद में घुसा कर ट्यूब को दबा दिया आधी क्रीम उसकी गांड में डाल कर मैंने अपनी एक उंगली डाल कर अंदर-बाहर करने लगा जब सुनिधि कम्फ़र्टेबल हो गई तो मैं अपनी दूसरी उंगली भी डाल कर अंदर-बाहर करने लगा।
अब सब सैट हो गया था और सुनिधि की गांड़ लेने का समय हो गया था मैने उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़ा और अकड़े हुए लंड का सुपाड़ा उसकी गांड के छेद पर जैसे ही टिकाया तो उसने अपने भैया का लंड अपने हाथ से गांड के छेद पर टिका कर पकड़ा अब मैंने उसकी गांड पर अपने लंड को दबाया. पहले लंड का सुपाड़ा अधिक क्रीम की वजह से अंदर घुस गया कुंवारी गांड का छेद धीरे-धीरे फैलने लगा।
सुनिधि: …उम्म …उह्…उई… आह.. सी…सी …भाई आप आराम आराम से करो और पूरा अंदर मत डालो तो मैं करने देती हूं लेकिन प्लीज बिल्कुल आराम से करना और पूरा अंदर मत डालना। जहां तक आसानी से जाए वहां तक डालने दूंगी और अगर मुझे दर्द होने लगा तो मैं तुम्हारे अपने हाथ से इशारा कर दूंगी. फिर तुम उसके आगे नहीं डालना वहीं तक डाल कर आहिस्ता आहिस्ता अंदर बाहर कर लेना।
मैं खुश हो गया और.
सुनील: ठीक है मेरी प्यारी बहना, मैं आराम से करूंगा.
सुनिधि:, मैं पहली दफा मरवा रही हूं और आपका बहुत मोटा मुझे दर्द हो रहा है मुझे तो डर लग रहा है कि तुम्हारा इतना मोटा लंबा कैसे अंदर जाएगा।”
मैं लंड अंदर डाले बिना उसके ऊपर चढ़ गया. और उस के गर्दन पे और साइड से गाल और होठों पे किस करते हुए.
सुनील: सुनिधि मैं तेरी गांड मारूंगा तो एक बार थोड़ा सा दर्द बर्दाश्त कर लेना अपने भैया के लिये। मेरा लंड उस वक्त पूरा खड़ा था। और सीधा डंडा हो कर उसकी पीठ से चिपका हुआ था।
एक बार लंड को बाहर निकाल लिया और मैने सुनिधि को चूमा। पीछे आ कर बुर डों को चूमा और गांड के छेद पर थूका, फिर कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर लंड का सुपाड़ा गांड पर टिकाया तो सुनिधि परेशान सी दिख रही थी..
सुनिधि: वो बोली “भैया प्लीज़ देखो. मैं तुम्हारे प्यार के लिए बात मान रही हूं। मगर आराम करना .. मुझे दर्द नहीं होना चाहिए।”
ये कह कर उसने टांगें और चौड़ी कर ली और गांड बाहर निकाली ली.
सुनील: सुनिधि पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी बस तू फिकर ना कर.. तू मेरी इतनी प्यारी बहन है. मैं तुझसे कोई तकलीफ़ कैसे दे सकता हूँ। मैं तो सिर्फ तुझे मजा ही दूंगा ना.. आज के बाद देख लेना तू खुद कहेगी। की मेरी गांड मारो. भैया. “और मैंने अपने लंड का सुपाड़ा उस की गांड की मोरी पर रखा और ज़ोर लगाया।
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सुनिधि: भाई आह आराम से करो प्लीज़ मुझे डर लग रहा है अरे आराम से अंदर डालो।
अब मैं ने दोनों हाथ आगे बढ़ा कर सुनिधि के मम्मों को पकडा.. और ज़ोर लगा कर अपना लंड सुनिधि की गांड की नीचे की तरफ लगा.. थूक और क्रीम की चिकनाहट की वजह से लंड आराम आराम से अंदर जा रहा था.. और सुनिधि आगे-आगे हो रही थी.. ताकि लंड उस की गांड मैं ज्यादा ना घुसे। मैं आराम से ज़ोर देने लगा और मेरा लंड धीरे धीरे बहन की गांड को खोल के अंदर जाने लगा अभी थोड़ा सा ही गया था कि सुनिधि को दर्द होने लगा और उसने मुझे रोक दिया।
सुनिधि: आ आ…उम्म …उह्…उई… आह.. सी…सी …“भाई तुम्हारा लंड पहले से ज़्यादा मोटा लग रहा है, मुझे दर्द हो रहा है…है आह…आराम से भाई… उई..माँ… भाई मैं एडजस्ट करने की कोशिश करती हूं लेकिन प्लीज बिल्कुल आराम से करो आह आराम से भाई आह दर्द होता है थोड़ा पीछे करो हां अब आराम से अंदर करो उम्म भाई आह आराम से हम्म भाई आराम आराम से करो भाई मुझे ऐसा लग रहा है जैसा मेरी गांड फट रही हो आह हम्म.
मैं ने आराम आराम से अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया, मैं थोड़ा सा लंड बाहर निकलता फिर अंदर डाल देता मेरा लंड 2, 4 झटके मारने के बाद थोड़ा सा सुनिधि की गांड में पहले से ज्यादा अंदर चला जाता।
सुनिधि : भाई आराम आराम से ज़ोर दो और आज अपनी सुनिधि की गांड का मजा ले लो आह भाई ज़ोर दो आराम से हां भाई आराम से ज़ोर दो थोड़ा थोड़ा अंदर जा रहा है आह भाई हम्म्म थोड़ा सा ज़ोर दो आह भाई आराम से करो भाई थोड़ा और थूक लगा के फिर डालो लेकिन भाई अपनी सुनिधि की गांड में आराम से डालो अपना लंड.
मैंने आराम से अपना लंड सुनिधि की गांड से निकाला और काफी सारा थूक दिया सुनिधि की गांड के चुन्नटदार सुराख पे लगा दिया और फिर अपना लंड पकड़ के सुनिधि की गांड के चुन्नटदार सुराख पे रख के जोर दिया तो मेरा लंड पहले से काफी आराम से सुनिधि की गांड मैं चला गया.
सुनिधि की गांड बहुत टाइट थी मुझे बहुत मजा आया जब लंड फिसल गया और अंदर गया मैंने लंड बाहर निकाल लिया दोबारा अंदर जोर दिया तो लंड दोबारा आराम से सुनिधि की गांड में चला गया मुझे मजा आ रहा था मैं बार-बार ऐसा करने लगा और कुछ देर में मेरा आधा लंड सुनिधि की गांड में घुस गया था.
सुनिधि: भाई अब दर्द कम हो रहा है थोड़ा और थूक लगाओ उससे चिकना हो जाता है तो मुझे दर्द नहीं होता।
मैंने अपना लंड सुनिधि की गांड से निकाल लिया और फिर काफी थूक दिया सुनिधि की गांड पे लगाया और मैंने दोबारा लंड सुनिधि की गांड के चुन्नटदार सुराख पे रख के ज़ोर दिया वह मेरा लंड प्यार से आराम से फिसलकर के सुनिधि की गांड में चला गया मेन ने थोड़ा ज़ोर दिया तो मेरा लंड पहले से ज़्यादा सुनिधि की गांड में घुस गया।
सुनिधि: भाई मजा आ रहा है मुझे अब आराम आराम से ज़ोर दो और डाल दो अपना पूरा लंड अपनी कुंवारी सुनिधि की गांड मैं और चोदो अपनी कुंवारी सुनिधि को जितना दिल चाहे उतना चोदो खूब मजा से गांड मारो, तुम ने अपनी सुनिधि की कुंवारी गांड की सील तोड़ी है.
अब जैसा तुम्हारा दिल करे वैसे चोदो अपनी सुनिधि को आह भाई आराम से हां ऐसे ही अब जरा जोर से उई मां भाई थोड़ा पीछे हट कर के फिर आराम से जोर दे के अंदर डालो भाई आह हम्म भाई मजा आ रहा है भाई थोड़ा और थूक लगा के इस बार पूरा अंदर डाल दो बस देखा जाएगा भाई जल्दी करो मुझे अब मजा आ रहा है तुम से गांड मरवा के।
सुनील: सुनिधि तुम्हारी गांड बहुत अच्छी है मुझे बहुत मजा आ रहा है तुम्हारी गांड मार के, सच सुनिधि तुम बहुत अच्छी हो, काश तुम मेरी बीवी होती.. मैने लंड बाहर निकाल के काफ़ी सारा थूक लगाया और फिर सुनिधि की गांड में डाल दिया और ज़ोर दे दिया इस बार मेरा 7 इंच का लंड सुनिधि की गांड में आसानी से घुस गया।
सुनिधि : भाई आप भी तो बहुत अच्छे हो, काश आप मेरे पति होते। जब तक आपकी शादी नहीं हो रही तब तक मुझे अपनी बीवी समझ कर प्यार करो।
मैंने सुनिधि के मम्मों को पकडा। और एक झटका दिया. मेरे टट्टे उसकी गांड से चिपक गए। मैं उस के साथ पीछे से लिपट गया.. सुनिधि की चीख निकल गयी.
सुनिधि: “भैयाआआआआआ.. …आआआआआ आआआआआआ आआआ आआआ आआआआआ बस्स्स.. बस्स्स.. प्लीज़.. रुक जाओ.. मेरी गांड फट गई है। प्लीज भैया जरा सा रुक जाओ.
“मैं सुनिधि को चूमने लगा.. ..गर्दन पर कमर पर.. और एक हाथ से मैं उसकी चूची दबा रहा था और दूसरा हाथ उसकी बुर के टींट पर ले गया.. और रगड़ने लगा.. और लंड को आराम आराम से अंदर बाहर करने लगा।
सुनील: “सुनिधि बस. .. अब तो जितना दर्द होना था हो गया सब। अब तो तू मजे में झूला झूलेगी..।”
और वही हुआ.. थोड़ी देर के बाद। सुनिधि अपनी गांड मरवाने का मजा लेने लगी। मैं आराम आराम से धक्के मार रहा था।
सुनिधि: …उम्म …उह्…उई… आह.. सी…सी …आह भाई आराम से करो ना मजा आता है आराम से करने में आह हां भाई करो अब ठीक है हां भाई अंदर बाहर करो पूरा लंड निकाल के फिर अंदर डाल दो चोदो अपनी बहन की गांड में और करो भाई थोड़ा तेज तेज करो मजा आ रहा है आह भाई मजा आ रहा है हम्म…उम्म …उह्…उई… आह.. सी…सी… ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
सुनील: मेरा पूरा लंड तुम्हारी गांड में चला गया है मैं पूरा लंड बाहर निकल के दोबारा तेरी गांड में डाल रहा हूँ बहना मुझे बहुत मजा आ रहा है आपकी गांड बहुत टाइट है मुझे और मेरे लंड को बहुत मजा आ रहा है।
सुनिधि: आअहह भैया…. मुझे भी बहुत मजा आता है, मैं बहुत डरती थी कि गांड में डलवाने से बहुत दर्द हो गया लेकिन भाई तुमने इतना प्यार से मारी है, मुझे इतना दर्द नहीं हुआ अब मुझे मजा भी आ रहा है भाई चोदो अपनी बहन की गांड और तेज तेज करो भाई, डरो मत, मुझे दर्द नहीं हो रहा है… मुझे बहुत मजा आ रहा है आह भाई चोदो मुझे यस यस् और तेज़ भ…भा…भाई आह…उम्म …उह्…उई… आह.. सी…सी…
भाई तेज तेज करो चोदो मुझे चोदो अपनी बहन को फाड़ दो अपनी सुनिधि की गांड को और तेज करो और तेज, झटके ना मारो भाई बस स्पीड तेज कर दो मुझे मजा आ रहा है भाई मैं फारिग होने वाली हूं भाई मेरी गांड को अपने वीर्य से भर दो जोर मारो मेरी गांड., और तेज़.. आह भाई मैं गई., मैं झड़ रही हूँ., है नीचे मेरी कुंवारी बुर से टप-टप पानी गिर रहा है.. आह भाईइइइइइइइइइ।
सुनिधि फारिग हो गई मुझे भी बहुत मजा आ रहा था मैं ने उसकी गांड में झटके मारे और सुनिधि भी जोश में आ गई अपनी गांड को बड़े प्यार से ताल से ताल मिल रही थी। उउउउउउउउफ़्फ़.. सुनिधि जानु. ह्ह्ह्हह्ह. और मैं छूटने लगा था.. उस की गांड बुहत टाइट थी.
सुनील: आआआ…उम्म …उह्…उई… आह.. सी…सी …आआअह्हह्हह.. सुनिधि आ.. मेरी बहना. उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ तेरी मस्त गांड.. आ आ आ आह उफ़ बहुत मजा आ रहा …
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और एकदम मैं उस की गांड की अंदर ही छूट गया.. उसकी गांड में फारिग हो गया मेरा लंड झटके मार रहा था जब सुनिधि की गांड को वीर्य से भर रहा था तब मुझे उसकी गांड में फारिग होने में बहुत मजा आ रहा था मेरा लंड खुश था हार्ड था.
मैं थोड़ा थोड़ा लंड को हिला रहा था सुनिधि की गांड बहुत टाइट थी मुझे सच मैं बहुत मजा आ रहा था। मैं ने आराम से अपना लंड सुनिधि की गांड से निकला तो सुनिधि फोरन वापस घूमी और घुटनों पर बैठ कर मैरा लंड चूसने लगी। और एक एक ड्रॉप साफ कर लिया।
सुनिधि: “भैया. वाकई …गांड मरवाने में तो बुहत मजा है …मैं तो ऐसे ही डर रही थी।”
सुनील: पुच्च पुच्च आई लव यू बेबी तू बड़ी हाट है तूने मुझे निचोड़ लिया.
सुनिधि: पुच्च पुच्च आई लव यू टू भैया आपने भी तो मेरी जान निकाल दी लेकिन मैं आपको आज बहुत खुश कर दूंगी और आप जितना चाहे मेरी मारो मैं मना नहीं करूंगी।
सुनील: तू मेरी बीवी बन कर रहने की बात कर रही थी आज से तू मेरी बीवी और मैं तेरा पति जब तक हमारी शादी नहीं होती तब तक हम दोनों एक दूसरे को प्यार करते रहेंगे।
सुनिधि: हां भैया प्यार तो हम हमेशा से करते हैं ये कहिए कि एक दूसरे की शारीरिक जरूरतों को पूरा करेंगे और जब भी हमारा मन करेगा तो हम चुदाई करेंगे।
मित्रों हम पूरे रास्ते एक दूसरे को प्यार करते रहे मैंने 9-10 बार अपनी छोटी बहन सुनिधि की बुर और गांड ली हम दोनों एक-दूसरे के दीवाने हो गए थे इस सफर के बाद हम दोनों भाई-बहन खुल कर एक-दूसरे को प्यार करने लगे. इसके आगे की कहानी जानने के लिए 7-8 जोशीले कमेंट मिलने पर ही आगे की कहानी लिखूंगा इतने प्रेम से पढ़ने के लिए धन्यवाद.
Rahul says
Jabardast ISI Bhai bahan ki chudai padhne mein maja aata hai aur chodne ki ichcha Ho jaati Hai Bhai bahan ki chudai hoti rahana chahie
Mujhe asha hai ki next part mein Bhai bahan ke bich aur jabardast tarike se chudai hoga
धनंजय says
ये कहानी बहुत पुरानी कहानी को बहुत ही शानदार तरह से अपग्रेडेड माडिफाईड वर्जन है
उस अधूरी कहानी को लगभग सभी साइटों ने कई बार अधूरा ही दिया और चाहने वाले दूसरा भाग आज तक ढूंढते हैं।
यह कहानी काफी हदतक पूर्णतः के करीब है
बहुत सुन्दर और कामुक प्रस्तुति धन्यवाद के पात्र हैं
भाई अगला भाग अवश्य लायें और कहानी पूरी करें
Nitin says
बहुत ही शानदार कहानी है ये कहानी और आगे बढ़ाई जा सकती है कुछ नये तरीके से या किसी और पात्र को शामिल कर सकते हैं
Good job