Virgin Tight Chut Story
मेरा नाम श्रेष्ठा है और मै पुणे में रहती हूँ। मेरी उम्र 20 साल है और मै एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूँ। मेरा रंग गोरा है और मेरी हाईट 5.4 इंच है। मै सुंदर दिखती हूँ और बहुत से लड़को ने मुझे कई बार प्रोपज किया है लेकिन मैंने उन सभी को रिजेक्ट कर दिया। Virgin Tight Chut Story
मेरा एक बॉयफ्रेंड था लेकिन उसके साथ मैंने कभी भी सेक्स नहीं किया था.. क्योंकि उसे अपने पैसे का घमंड था। मेरी सील तोड़ने का श्रेय जाता है मेरे पड़ोस वाले एक लड़के को.. उसकी शादी को हुए 2 साल हो गये है और उसका एक साल का बेटा है। उसकी वाईफ ठीक ठाक दिखती है। वो एक बॉडी बिल्डर है और हेंडसम दिखता है।
मै जहाँ पर काम करती हूँ उसने मुझे पहले अपने घर से ताकता रहता था। इसके बाद उसने मेरे घर के पास मै ही आकर घर किराए पर ले लिया और अपनी फेमिली के साथ रहने लगा। फिर उसे देखने के लिए मैंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ ब्रेकअप कर लिया.. यह कहकर कि उसने मुझे धोखा देने की कोशिश कर रहा है.. लेकिन हक़ीकत में.. मै अपने पड़ोसी की दीवानी हो गयी थी।
मेरे पड़ोसी का नाम हेमंत है। तो हेमंत मेरे घर के पास मै रहने लग गया। मै उसकी वाईफ को सबके सामने दीदी बुलाती हूँ और हेमंत को जीजू लेकिन अकेले मै मै उसे हेमंत बुलाती हूँ। मेरी बहुत अच्छी दोस्ती हो गयी और मै अक्सर हेमंत के साथ घर से ऑफीस और ऑफीस से घर आने लगी।
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हेमंत मुझे मेरे ऑफीस खत्म होने के बाद मुझे मेरे ऑफीस से घर तक छोड़ा करता है। उसने जगह जगह से मेरी हर पसंद को पता कर लिया था और उसने मुझे ऑफीस के बाद कॉफी पिलाने ले जाता है और उसके बाद मुझे चोकलेट खरीद कर देता है।
मै उसे पसंद बहुत तो करती ही थी और धीरे धीरे उसकी दीवानी भी हो गयी। तभी एक दिन उसने मुझे प्रपोज़ किया और मै सकपका गयी.. क्योंकि उसने शादीशुदा था। इसके बाद उसने मुझे समझाया यह कह कर कि उसने अपनी वाईफ को बहुत जल्द तलाक दे देगा और मुझसे शादी करेगा और उसका बेटा मेरे साथ रहेगा और फिर उसने अपनी बीवी को महीने के महीने 10000/- रुपये भेजता रहेगा।
मेरी खुशी का अब कोई ठिकाना नहीं था.. तभी मैंने उससे मंजूर कर लिया। हम फिर ऑफीस के बाद रोज कोफ़ी पीने जाते और कभी कभी ऑफीस से छुट्टी करके घूमने जाते थे। तभी एक दिन जब ऑफीस मै छुट्टी थी। मैंने अपने घर वालो से यह बात छुपाई और उनसे कहा कि हम ऑफीस जा रहे है।
इसके बाद उस दिन हम एक गार्डन मै घूमने गये उसने मेरे घर और ऑफीस से बहुत दूर था और मैंने उस दिन पूरे दिन भर बाहर रहने का प्लान बनाया था। हम फिर एक रिसोर्ट घूमने गये.. रिसोर्ट बहुत बड़ा था। हम वहीं पर ही खाना खाने बैठे थे और जब मै चम्मच उठाने को झुकी तो हेमंत की नज़र मेरी शर्ट के अंदर गई और उसने मेरे चूची देखने की कोशिश कर रहा था।
अब जब हम खाना खा रहे थे.. तो मै देख रही थी कि उसने मेरी चूची बार बार देखता जा रहा है और मैंने एक दो बार चुम्बन भी किया.. लेकिन बस उससे ज़्यादा नहीं और सेक्स तो कभी नहीं। मै उसके साथ अकेले नहीं रहना चाहती थी। मुझे वापस जल्दी जाना था लेकिन बाहर बहुत बारिश होने लगी तो मुझे वहीं पर रुकना पड़ा।
फिर खाना खाने के बाद उसने रिसेप्शन पर रूम बुक करने गया। होटेल मै सिर्फ़ एक ही रूम खाली था बाकी सब भरे हुए थे और मजबूरी मै मुझे एक ही रूम शेयर करना था। इसके बाद वापस आकर उसने मुझे रूम मै चलने कहा तो मै मान गयी और रूम के अंदर जाते ही उसने दरवाज़े पर मुझे परेशान ना करे का लेबल लगाया और दरवाज़ा बंद कर दिया।
तभी हेमंत ने मुझसे कहा कि उसने मुझे बिना कपड़ो के देखना चाहता है। तभी मै घबरा गयी और मैंने मना कर दिया। यह सब इतनी जल्दी हुआ कि मै कुछ बोल नहीं पाई उसका बर्ताव भूखे जानवर वाला हो गया था। मै डर गयी और मेरा दिमाग़ काम नहीं कर रहा था।
अब मैंने पहले अपनी शर्ट उतारी और हेमंत मुझे ब्रा मै ही घूर रहा था और मेरे पेट मै अजीब सी गुदगुदी सी मच गयी। तभी मैंने कहा कि क्या देख रहे हो? उसने कहा कि कितने सुंदर चूची है तेरे.. मै शरमा गयी और बोली कि ऐसे मत देखो.. मै जा रही हूँ कहकर मै अपनी शर्ट पहनने लगी और उठने लगी।
तभी उसने मुझे आगे बड़कर पकड़ लिया और कहने लगा कि.. नहीं मत जाओ प्लीज़.. आज इतनी मुश्किल से यह मौका मिला है इसे मत गावाओं। मुझे दिखाओ अपना बदन और मै खा नहीं जाऊंगा तुम्हे। अब मैंने कहा कि मुझे शरम आ रही है। तभी उसने बोला कि शरमाना छोड़ो और मुझे देखने दो प्लीज। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मै ऐसा कुछ नहीं करूँगा जो तुम्हे पसंद ना हो और जो होगा तुम्हारी मर्ज़ी से होगा। अब उसकी बातें मुझे ठीक लगी और मैंने सोचा कि अगर कुछ उल्टा सीधा हुआ तो मै चिल्ला दूँगी। फिर मै थोड़ी शांत हो गयी मगर मेरे दिल की धड़कन बहुत तेज़ हो रही थी और मैंने अपना मन मजबूत किया और उसके सामने नंगी होने लगी।
फिर मैंने अपनी पेंट उतारी मै पहली बार किसी मर्द के सामने सिर्फ़ ब्रा मै थी और बात आगे भी बढ़ने वाली थी.. लेकिन समझ मै नहीं आ रहा था कि मै क्या करूं? एक मन कर रहा था भाग जाऊँ तो दूसरा कर रहा था कि इसे एंजाय करूं और मज़े लूँ और आगे भी बढ़ना चाहती थी।
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आज जो हो जाए होने दो और मै इसी उलझन मै खड़ी थी। अब हेमंत मेरे पास आया और मेरे ब्रा के ऊपर से ही मेरे देसी चूची दबाने और सहलाने लगा। हेमंत ने इसके बाद अपनी शर्ट उतारी और फिर बनियान भी उतारकर मुझे अपनी बाँहों मै भर लिया। मेरी धड़कन और बढ़ गई और लगा कि अब इससे वापस जाना संभव नहीं है।
उसने मेरे होंठो को चुम्बन करने लगा हेमंत मेरे होंठ सक कर रहा था। इस बीच उसने मेरी ब्रा का हुक पीछे से खोल दिया। आह्ह्ह्हह मै चीख उठी और उसने मेरी ब्रा उतार फेंकी। मेरी दोनों चूची आज़ाद हो गयी और उसने चूची देखकर कहा कि कितनी मज़ेदार चूची है.. निप्पल तो देखो एकदम रसमलाई है.. मन करता है खा जाऊँ।
तभी मैंने कहा कि तो खा लो ना.. रोका किसने है? मै उसकी तारीफों के शब्द से निढाल हो रही थी और मेरी निप्पल खुशी से कड़क हो गई थी। अब मै सिर्फ़ पेंटी मै उसकी बाहों मै थी और उसने मेरे होंठ चूस रहा था और मेरे निप्पल को चूसने लगा लेकिन मेरे निप्पल को कोई मर्द पहली बार चूस रहा था और यह मैंने अपने पति के लिए रखे थे।
इस्स्स्सस अह्ह्ह्ह बहुत अच्छा लग रहा था और धीरे धीरे मेरी आँखें बंद हो रही थी। अब उसने अपने मुहं से खींचकर मेरी जीभ को अपने मुहं मै ले लिया और मेरी जीभ सक करने लगा। यह सब मेरे लिए कुछ नया था और मै उस पल को एंजाय करती जा रही थी।
उसने फिर धीरे धीरे मेरे पूरे शरीर को चुम्बन करते करते नीचे आने लगा। इसके बाद उसने मेरे निप्पल पर अपने होंठ रख दिए हेमंत अब से मेरे निप्पल को चुम्बन किए जा रहा था। फिर उसने मेरे निप्पल को चुम्बन करके अपने मुहं मै भर लिया और उसे चूसने लगा फिर उसने मेरे दूसरे चूची को अपने दोनों हाथों से दबा रहा था।
तभी मेरी चूत मै एक अजब सी हलचल मचने लगी मुझे बहुत गीलापन महसूस हो रहा था और मै भगवान को याद करने लगी। बीच मै उसने मेरे निप्पल को दांतो से काट लेता.. जिससे मुझे एक हल्का सा शॉट लगता। अब हेमंत मेरी नाभि मै ऊँगली डाल रहा था और मेरी हालत बहुत खराब हो रही थी।
जिस लड़की को किसी ने कभी चुम्बन नहीं किया था.. आज एक मर्द उसके निप्पल चूस रहा था। उसने मेरी नाभि मै ऊँगली रगड़ कर इसके बाद उसे सूंघ रहा था। फिर उसने मेरी नाभि के ऊपर चुम्बन करने लगा और चुम्बन करते करते हेमंत ने मेरी नाभि मै अपनी जीभ घुसा दी और अंदर तक टेस्ट किया।
मै मदहोश होती जा रही थी। बहुत मज़ा आ रहा था.. भगवान इस मै कितना मज़ा है.. मेरा हाथ अपने आप उसकी पेंट के ऊपर से उसके लंड को छूने लगा.. उसका लंड एकदम कड़क था और उसके चहरे पर एक मुस्कान आ गई और उसने सब करते करते उसने मेरी पेंटी दाँत से पकड़ी और उतार दी।
पेंटी मेरे पानी से गीली हो रही थी.. मै उसे रोक भी नहीं पाई। तभी मेरी गीली पेंटी देख कर उसने ज़ोर से हंसा और बोला.. मेरी जान तुम भी आज पूरी तरह से तैयार हो। मेरी पेंटी उतारने के बाद हेमंत ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और अब उसने अपनी पेंट और अंडरवियर उतारने लगा..
जैसे ही मैंने उसका लंड देखा मै डर गयी और हेमंत से कहा कि यार यह तो बहुत बड़ा है यह मेरी चूत मै कैसे जाएगा? यह मैंने क्या कह दिया उसने हँसने लगा और बोला कि सब चला जाएगा तुम देखो तो.. पहले इसे हाथ मै लो और मैंने उसके लंड को हाथ से छूकर देखा..
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मेरी इस हरकत से हेमंत को बहुत अच्छा लगा.. एक तो उसका लंड पहले से ही खड़ा था और यह पहली बार था कि मैंने लंड देखा था और जब मैंने हेमंत का लंड पकड़ा था तो उसने बहुत गरम था। एकदम गरम रोड की तरह। उसका लंड छोड़ने की इच्छा ही नहीं हो रही थी और मन कर रहा था कि बस पकड़े ही रहूँ।
फिर हेमंत ने मुझे पैर से चुम्बन करना शुरू किया और उसने धीरे धीरे ऊपर बढ़ता रहा.. मेरी जाँघो तक, मेरी चूत के पास लेकिन चूत को चुम्बन नहीं करता और आगे बढ़ जाता है। मै उसका सर पकड़कर अपनी चूत पर लगाती मानो जैसे मुझे उसके मुँह से ही चुदवाना है।
इसके बाद उसने अपना मुँह मेरी चूत पर लगाया और चाटने लगा लेकिन मुझे उसका लंड चाहिए था और मैंने उसका लंड पकड़ना चाहा.. लेकिन हेमंत मुझे लेटाकर मेरे पास मै इस तरह लेटा था कि उसका लंड मेरे मुहं के सामने था और उसका मुहं मेरी चूत मै। तभी हेमंत मेरी झांटो के ऊपर से मेरी चूत सहला रहा था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अब उसने मेरी चूत के होंठ खोले और बड़े प्यार से मेरी चूत को चाट रहा था। अब उसका लंड मेरे मुहं के सामने नंगा था और उसमे से अजीब सी महक आ रही थी। तभी मैंने उसके लंड के टोपे को ही मुहं मै लिया और डरते डरते उस्मह्ह्ह अपनी जीभ फैर रही थी और लंड का टेस्ट बहुत अच्छा लगा.. मै और ज़ोर जोर से उसका लंड चूसने लगी।
तभी हेमंत ने मेरी चूत चाटते चाटते उसमे उंगली डाली और मै थोड़ी मचल गयी। मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ क्योंकि यह मेरे लिए बिल्कुल नया था। हेमंत ने अपना आधा लंड मेरे मुहं मै घुसा दिया और मुझे चूसने मै दिक्कत हो रही थी.. क्योंकि मुझे लंड चूसना नहीं आता था और यह पहली बार था।
मुझे फिर उसका लंड चूसना पसंद आने लगा और मै लंड को लोलीपोप समझ कर चूसने लगी.. क्या मस्त देसी स्वाद था उसका और उधर उसने बहुत शौक से मेरी कुँवारी चूत का जायका लिए जा रहा था और उसकी जीभ मेरी कुँवारी चूत मै साँप की तरह घुस रही थी। फिर मै चाह रही थी कि उसने अपनी जीभ अंदर ही रखे।
तभी उसने उठकर खड़ा हो गया और मेरे नंगे बदन को निहारने लगा। अब उसने मेरे पैरो को फैलाकर बीच मै बैठ गया और अपने लंड को मेरी चूत मै हल्के से रगड़ रहा था। तभी मै सारी शरम को त्याग कर बोली कि अब मत तड़पाओ प्लीज मेरी देसी चूत मै इस लंड को डाल दो।
तभी मैंने महसूस किया कि मेरी चूत से कुछ निकलने वाला है और मैंने कहा कि रूको मुझे बाथरूम जाना है लेकिन हेमंत ने मुझे रोक लिया और मेरी चूत मै मुँह डाल कर मेरी चूत चूसने लगा। मै कंट्रोल नहीं कर पाई और अचानक मेरी चूत से पहली चुदाई का पानी निकला और हेमंत झट से मेरी चूत से निकला माल पूरा पी गया और मेरी चूत इसके बाद चाटने लगा।
मेरे मुँह से आवाज़े निकल रही थी.. आहह उफ्फ्फ्फ़ लेकिन मै चुदाई चाहती थी और मैंने कहा कि चूसने से आगे तो बढ़ो.. मेरी चूत क्या तेरे चूसने के लिए है। मै मस्ती मै ना जाने क्या क्या बोलती जा रही थी। उसने फिर से मेरे ऊपर आया और मेरे कानो मै कहा कि श्रेष्ठा पहली बार मै थोड़ा दर्द होगा.. तू बर्दाश्त कर लेना मेरी जान और बाद मै तुझे जन्नत का मज़ा मिलेगा।
तभी मैंने हाँ मै सर हिलाया.. लेकिन मै बहुत डर गयी.. मै चुप रही और डर के मारे मैंने अपनी आँख ज़ोर से बंद कर ली। अब हेमंत ने मेरे हाथ अपने हाथों मै भर लिए और उसने अपना लंड मेरी चूत के मुँह पर रगड़ने लगा। उसका लंड थोड़ा सा अंदर गया और उसी पोज़िशन मै उसने लंड रगड़ता रहा।
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तभी उसने मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ते रगड़ते अचानक से एक जोरदार धक्का मारा.. लेकिन सिर्फ़ उसके लंड का टोपा ही मेरी चूत के अंदर गया था। मुझे इतना दर्द हुआ लेकिन मै चीख नहीं सकती थी.. क्योंकि हेमंत ने मेरे होंठो पर अपने होंठ जो ले जाकर रखे हुए थे।
फिर मै कसमसाई मगर चुदती रही बिना रुके.. इसके बाद उसने अगला धक्का मारा और उसका लंड और अंदर घुस गया और उस धक्के ने मेरी देसी चूत और फाड़ डाली। मेरी हालत बहुत खराब हो गयी.. मेरे आँसू निकलने लगे.. मै रोने लगी.. मै रो रो कर उसे धक्के देने लगी.. लेकिन उसने लंड को और अंदर घुसेड़ता रहा।
अब मै रो रो कर हेमंत की पीठ पर मुक्का मारती जा रही थी.. लेकिन उसने नहीं रुका और उसकी चोदने की ताक़त और बढ़ती गई.. उसकी गांड लगातार और ज़ोर ज़ोर से हिल रही थी। तभी उसने मेरे आँसू की परवाह किए बगैर तीसरा धक्का लगाया और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी चूत को गरम लोहा चीरता हुए अंदर घुस गया हो।
फिर मै रूठे जा रही थी.. लेकिन हेमंत पर कोई असर नहीं हुआ। मै गाली देने लगी.. साले हेमंत मदारचोद छोड़ मुझे.. मुझे जाने दे.. इतना दर्द हो रहा है और तू मुझे चोदे जा रहा है। तभी मुझे रोते देख हेमंत भी थोड़ा ढीला पड़ गया और मैंने आराम महसूस किया मगर ये आराम भी बनावटी था।
फिर हेमंत बोला कि ठीक है मै नहीं चोदूंगा.. तू आराम से रह। तभी हेमंत थोड़ी देर लंड अंदर ही रख कर मेरे ऊपर लेटा रहा और मेरे चूची दबा रहा था। मेरे कंधों पर चुम्बन कर रहा था.. मेरी गर्दन पर चुम्बन कर रहा था और मेरा दर्द कुछ कम होता रहा और हेमंत का लंड भी थोड़ा सा सिकुड़ने लगा।
अब हेमंत ने मेरे अंदर इसके बाद से धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किया। फिर उसने धक्के मारते मारते मुझे लगातार चुम्बन करता जा रहा था और उसका लंड मुझे अपनी चूत मै अंदर बाहर होता महसूस हो रहा था। मुझे अब उसका लंड अच्छा लगने लगा था और आँख बंद करके मै उससे चुदवाना चाह रही थी.
और मै भी गरम होती जा रही थी और मैंने अचानक उसका जवाब देना शुरू कर दिया। तभी मै अपने आप बोलने लगी कि हेमंत डार्लिंग चोदो मुझे आआआ चोदो ना.. अपना लंड मेरी चूत मै डाले रहो.. फाड़ दो मेरी चूत.. साली बहुत तड़पाती थी। तेरा इतना मोटा लंड है अह्ह्ह मुझे.
हेमंत का चोदना इतना अच्छा लग रहा था कि जब हेमंत मेरी चूत के अंदर धक्के मारता था तो मै अपनी गांड को उठा उठाकर उसके हर एक धक्के का जवाब देने लगी। अब हेमंत ने मुझे कस करके अपनी बाहों मै भरकर चुम्बन करने लगा और साथ ही साथ मेरी चूत मै धक्के लगाए जा रहा था।
फिर मुझे अपने शरीर मै अकड़न महसूस होने लगी और मैंने हेमंत को कसकर पकड़ लिया। तभी मेरे बदन के टकराने से आवाज़ निकल रही थी और बहुत सेक्सी सीन था उसने ठप, ठप, ठप, ठप और उसने माहौल पूरा चुदाई से भरा था। तभी हेमंत भी बोलने लगा कि आहह कितना मज़ा आ रहा है कुँवारी चूत चोदने मै आआआ मस्त चूची है तेरी और चूत भी मस्त.. आज तेरी चूत की सील टूट गई आज तेरी चूत फटकर भोसड़ा बन गई है.
और उसने इसी तरह से मस्त देसी चुदाई की बातें करता जा रहा था और मै सुन सुनकर मदहोश हो रही थी और पता ही नहीं लगा कि कैसे मेरा दर्द गायब हो गया और मै मज़े से चुदवा रही थी अह्ह्हफ्फ्फ़ मुझे लगा कि मेरी इसके बाद से चूत मै से कुछ निकलने वाला है। मै अकड़ गयी मेरा पानी निकलने वाला था।
तभी मैंने हेमंत को ज़ोर से पकड़ लिया और पानी छोड़ दिया। मै चिल्लाई हेमंत मै गयी और मेरी चूत का फव्वारा निकल गया और मै कुछ देर मै ढीली पड़ गयी.. लेकिन हेमंत अभी भी लगा रहा और उसने रुकने का नाम ही नहीं लिया और उसके धक्के और तेज तेज होते जा रहे थे.. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
लेकिन कुछ टाईम मै ही उसका बदन भी अकड़ने लगा और उसने चिल्ला कर मेरी चूत मै जोर से अपना लंड दबा रहा था और अब मैंने महसूस किया कि मेरी चूत मै कुछ भर रहा है.. गरम गरम और गाढ़ा गाढ़ा और जब मेरी चूत भर रही थी मुझे बहुत ही अच्छा एहसास होने लगा।
फिर हेमंत मेरे अंदर ही झड़ गया और मेरे ऊपर ही थोड़ी देर लेटा रहा तभी कुछ देर बाद उसने मेरी चूत के अंदर से अपना लंड बाहर निकाला और मुझे चूस कर साफ करने को कहा। तभी उसने अपना लंड बाहर निकाला तो मै देखकर डर गयी.. उसमै खून लगा था।
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मैंने बेडशीट पर अपना खून देखा तो मै और डर गई कि यह क्या हो गया? मै अब क्या करूँगी? लेकिन हेमंत ने कहा कि यह सभी नॉर्मल बात है और पहली बार हर लड़की के साथ ऐसा ही होता है। हे भगवान अब मै कुँवारी नहीं रही.. फिर मै अपनी चूत चुदवा कर बहुत खुश थी। अब उसने मुझे अपने साथ बाथरूम मै ले गया और फिर हम दोनों साथ मै नहाने लगे.. नहाते वक़्त उसने मेरे बदन के साथ शौक से खेल रहा था और चुम्बन करता जा रहा था। तभी थोड़ी देर नहाने के बाद फिर मैंने अपने कपड़े पहने।
अब मैंने चेक आउट किया और हेमंत ने एक रूम बॉय को 100 रु दिए और बेडशीट को जला देने को कहा। इसके बाद हम वहाँ पर से निकल गये.. लेकिन मुझसे ठीक से चला नहीं जा रहा था और हेमंत मुझे अपनी बाईक पर केमिस्ट के पास ले गया। फिर वहाँ से उसने मुझे 2 दवाइयाँ दिलाई.. ताकि मै गर्भवती ना हो जाऊँ और दूसरी मेरे दर्द के लिए। फिर हम शाम तक घूमे, आइस्क्रीम खाई, मौज मस्ती की और शाम को वापस अपने घर आ गये। अब मैंने अपनी नौकरी बदल कर हेमंत के ऑफीस मै ही नई नौकरी कर ली है और हेमंत मेरा पड़ोसी भी है। अब हम अक्सर चुदाई करते है।
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