Beti Ki Kunwari Chut
नमस्कार दोस्तों, आप सभी का फिर से स्वागत करती हूँ. आपने मेरी कहानी के पिछले भाग “पापा के साथ घर बसाया 1” में पढा होगा कि मेरी माँ की मौत के बाद मेरी बुआ मेरी घर में आई थी, और उन्होंने पापा का दुःख देख कर मुझे उनके साथ शादी करने को बोला. जो सुन कर मैं अपनी चूत खुजलाने लगी. और पापा ने भी मुझसे शादी करने को बोला, अब आगे- Beti Ki Kunwari Chut
इसका मतलब तुम अभी मुझे स्वीकार नहीं कर रही हो। मैं बोली ऐसी बात नहीं है पापा तो मैं बड़ी होने पर आपके जैसा ही पति चाहती थी मगर कुदरत का खेल देखिए कि उसने आपको ही मेरा जीवन साथी बना दिया आई लव यू पापा। मैं आपको बहुत प्यार करती हूं, पापा जी कोशिश करूंगी.
पापा ठीक ही कह रहे थे वो मेरे पापा की जगह मेरे होने वाले बच्चों के पापा की जगह जो लेने वाले थे तो अब मैं उनको पापा कैसे बुला सकती थी कुछ ही दिनों में हमारे बीच बाप बेटी का रिश्ता खत्म हो कर एक नया रिश्ता जो कायम होने वाला था। मैंने कहा जी मैं कोशिश करूंगी।
तो पापा ख़ुशी से मेरे चेहरे को अपने हाथ से उठा कर मेरी आँखो में आँख डाल कर बोले बस अब ये समझ लो अपनी निशी के मुंह से वो सुनने के लिए बेचैन हूं मम्मी हमेशा पापा को जी सुनते हो या अजी सुनते हो कह कर बुलाती थी। तो मैंने शरमाते हुए पापा की आँखें मेरी देख मुस्कुराती हुई अपने लहराते हुए जुल्फों ठीक करते कहा जी कोशिश करूंगी.
वैसे अब मैंने पापा की आंखो में आंख डाल कर ग्रीन सिग्नल दे दिया था कि अब मैं उनको पापा नहीं कहूंगी क्योंकि अब वो मेरे पापा की जगह मेरे डार्लिंग मेरे साजन मेरे बलम जो होने वाले थे इसलिए अब मैं नहीं बल्कि मेरे बच्चे उन्हें पापा कहेंगे और मुझे घूमते-घूमते जब मेरी नजर पापा की नजरों से मिलती थी तो पापा मुस्कराते थे तो अपनी आंखे पापा की आंखों से चुरा कर दोनों बच्चों से बात करने लगती थी।
और बच्चों से बात करते चौरी से पापा की और देखती तो उनको अपनी और ही निहारती पाती तो मेरा चेहरा एकदम से लाल हो उठा था. जैसे कोई सही मासूक लोगो के बीच में होते हुए आंखो से बात करते ही ठीक वैसे ही पापा और मेरी आंखो से बात कर रहे थे दोनों बच्चों पापा से किसी बात के लिए जिद करने लगी तो पापा ने मना कर दिया.
तो दोनों बच्चों मुझे कहने लगी मम्मी आप ही दिला दो ना मैंने कहा ठीक ले लो तो दोनों मेरी बहन पापा की और देखने लगी और मुझसे बोली रहने दो मम्मी पापा गुस्सा करेंगे. तो मैंने कहा नहीं करेंगे और पापा को देख कर मुस्कुरा दी तो कुछ नहीं बोले बस मुस्कुरा दिए। आज मैं बिल्कुल वैसा व्यवहार कर रही थी जैसा एक पत्नी करती है।
फिर हम एक आइसक्रीम पार्लर पर चले गए तो पापा से सब के लिए आइसक्रीम ली और फिर मेरी आंखे मेरी आंखे डाल कर मुझे आइसक्रीम खिलाने लगे तो मुस्कुराते हुए अपने मुंह को खोल आइसक्रीम खाते हुए आँखो के इशारे से बताने लगी कि अभी मुझे ये आइसक्रीम खिलानी है या फिर मुझे कोई दूसरी आइसक्रीम खिलानी है पर मुझे वो आइसक्रीम खिलाने के लिए कुछ दिनों का इंतजार करना पड़ेगा.
पापा : निशी कैसे लगी तुम्हें आइसक्रीम.
मैं : पापा की आंखें मुझे देख कर मुस्कुराती हुई अपने होठों को देखकर मुस्कुराती हैं, पापा को अपने होंठों पर फिर से प्यार करते हुए देखते हैं कि मुझे आइसक्रीम कितनी अच्छी लगती है, कितनी मलाईदार होती है और ये बात बोलते ही एक चेहरे की मुस्कान पापा को देख कर अपने होठों पर फिराने लगी।
मेरे जैसी खूबसूरत लड़की की इस जानलेवा अदा पर कोई मर्द कैसे बच सकता था पापा भी मेरी कामुक अदा देख कर कहा चुप रहने वाले थे मेरी आंखो में देखते हुए अपने हाथ को जींस में खड़े अपने लंड को सहलाते बोले वो तो ही तुम लड़कियों को मलाईदार क्रीमी आइसक्रीम पसंद ज्यादा होती है अब तुम्हें रोज बढ़िया ब्लैक चोकोबार आइसक्रीम खिलाऊंगा.
मैं पापा की इस हरकत पर समझ गया कि पापा मुझे कोन सी चोकोबार आइसक्रीम खिलाने की बात कर रहे हैं ये बात सुनते ही मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया और मेरी आंखों के इशारे से पापा को ये बताने लगी कि जानती हूं कोन सी आइसक्रीम खिलाने की बात कर रहे हैं हम काफी देर तक घूमे फिरे और रात का खाना पैक करवा कर घर आ गए।
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मैंने खाना लगाया और पापा और दोनों बच्चों को खाने पर बुलाया पापा को मुझसे बोले निशी तुम भी आओ ना तो मैंने आप खा लीजिए मैं बाद में खा लुंगी तो पापा बोले नहीं आओ न तुम मेरे साथ ही खा लो मैं मुस्कुराई और बोली जी पहले परोस तो दू और जैसे ही मैं खाना परोसने के लिए झुकी मेरी साड़ी का पल्लू खिंच कर नीचे गिर गया.
और चुचियां जो आधी ब्लाउज के बाहर थी पापा की नजर मेरी बहार झक रही चुचियो पर गई और जैसे ही मैंने पापा को अपनी चुचियों को ऐसे घूरते देखा मैं शर्म से लाल हो गई और जैसे ही पापा की आंखें मेरी आंखों से मिली मैं धीरे से मुस्कुराई कर दिया जल्दी से अपनी साड़ी के पल्लू से अपनी चुचियों को ढक लिया।
पापा ने फिर मुझे साथ बैठने को कहा तो पता नहीं मेरा इंकार नहीं कर सका तो मैंने और पापा ने एक साथ एक ही प्लेट में खाना खाया बच्चों की नजर बचाकर पापा ने मुझे अपने हाथ से खाना खिलाया मैं भी नजर बचाते हुए पापा को खाना खिलाया ये मुझे बहुत ही रोमांटिक करने वाले पल थे।
दोनों बच्चों को नींद आ रही थी सुबह के काफी थक गए थे तो मैंने पापा से कहा था कि मैं दोनों को सुला कर आती हूं और फिर मुझे दोनों बच्चों को सुला कर आई पापा अभी भी वही बैठे थे तो मैंने पापा से कहा था कि आप आराम कर लीजिए तो पापा उठ कर बेडरूम में चले गए और मेरा सामान साफ होने लग गया।
पापा अभी तक जाग रहे थे और बार-बार मेरे करीब आने की कोशिश कर रहे थे। सोने से पहले मैंने सोचा पापा को दूध दे दो क्योंकि 2 दिनो से उनको ने शराब को हाथ भी नही लगया तो मैं अंदर क्या जा कर उनसे पूछूंगी फिर सोचा यहीं सही है पूछ लेती अगर उनको दूध पीना ही तो दे दूंगी तो मैने बहार से आवाज लगाई अजी सुनते हो जी रिंकी के पापा क्या आपको दूध दे दूं.
उस समय पता नहीं कैसे मेरे मुँह से उनके लिए पापा की जगह जी सुनते हो निकल गया जैसा कि मम्मी अक्सर पापा को बुलाती थी, तो ये सोच कर शर्म से ज़मीन ही खराब हो रही थी कि ये मैंने क्या बोल दिया, सच कहूं तो मैंने पापा को अपने पति के रूप में बुलाया था, ये सोच कर शर्म आती है, अपने आप पर।
मै शरमाने लगी पहले पापा ने अंदर से मेरी बात का जवाब दिया और बोले श्रीमती जी क्या पूछ रही हो पापा का इस तरह मुझे श्रीमती कहने पर शर्म से दोहरी हो गई मेरे मुंह से कुछ निकल नहीं रहा था कि तभी पापा बहार आये उनके होठों पर मुस्कान थे और शायद वो मैं मेरे उनको इस तरह पूछने पर खुश थे।
पापा को अपने सामने पा कर मेरी सांसे तेज तेज चलने लगी और मैं अपनी शर्म को मिटाते हुए इधर उधर देखते हुए हकलाते हुए बोली जी वो मैं और वहां से जाने लगी तो पापा ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे अपनी करीब खींच कर पीछे से अपनी बाहों में पकड़ लिया और मेरे कान में बोले ‘डार्लिंग’ जैसी सरकार की इच्छा।
हम तो जनाब आपके गुलाम है पापा का इस तरह का जवाब सुन मैं बुरी तरह से शर्मा गई आज पापा के मुँह से अपने लिए डार्लिंग सुन कर मैं तो पानी पानी हो गई मैं पापा से नज़र नहीं मिल पा रही थी. और मुँह छुपाए वंहा से जाने लगी तो पापा बोले मुझे दूध पिला कर आइसक्रीम खाओगी।
मैं जानती थी कि पापा मुझे कोन सी आइसक्रीम खिलाने की बात कर रहे हैं, मैंने ना मैं सर हिला दिया और हकलाते हुए बोली आपने ड्रिंक नहीं किया, इसलिए सोचा कि आपको दूध पिला दूं पापा मेरे पास आएं, मेरे चेहरे को अपने हाथ से ऊपर उठा कर मेरी आंखें मैं आंखें डाल कर बोले, आँखों में है इतना नशा है इतना नशा है कि अब किसी और नशे की ज़रूरत ही नहीं बस तुम अपनी आँखों में नशीली आँखों से ऐसे ही पिलाती रहो, नशा खुद ही जाएगा बोलो पिलाओगी ना मेरी जान.
तो मैं आई शर्म से लाल बोली, क्या आप भी मैं दूध गरम कर के लाती हूँ.
पापा, गरम करके क्यों लाती हूं तुम जितनी गरम हो अगर हाथ में पकड़ लो खुद ही गरम हो जाए।
अब पापा के रोमांस के जवाब देते मुस्कुरा कर क्या आप भी रिंकी के पापा और बाहर चली गई। मैंने एक गिलास दूध गरम किया और पापा दिया तो पापा मेरे हाथ से दूध का गिलास लेते मेरी आंखे मेरी आंखे डाल कर बोले, जान तुम अपनी आंखों से ही पिला दो ना और फिर दूध का गिलास अपने होठों पर लगाते.
पापा बोले मुझे लगता ही तुमने इस मैं मीठा नहीं डाला तो मैंने नहीं मैंने डाला है तो पापा मेरी और दूध का गिलास बदलते हुए बोले लो खुद पी कर देख लो और जैसा है मैंने पिया तो मीठा था तो मैंने पापा से कहा मीठा तो है तो पापा मेरी आंखें मैं देखते बोले पहले नहीं था तुम्हारे रसीले होठों के चुनने से ये मीठा हो गया है मैं समझ गई.
पापा दूध पीते बोला, ये दूध पीने में इतना स्वादिस्ट नहीं, मजा तो कोई और दूध पीने का है पापा का इशारा मेरे दूध की और था. पापा की इस हरकत पर मैं शर्म से भाग कर अपने कमरे मैं आ गई और पापा की बातों को सोच कर मुस्कुराने लगी. पापा इतने रोमांटिक होंगे मैंने पहले कभी सोचा नहीं था। कितने बदमाश है मेरा दूध पीने की बात कर रहे हैं.
पापा मेरे पीछे पीछे और पीछे से मुझे अपनी बाहों में पकड़ लिया और अपने से सता लिया फिर मेरे कान में बोले आई लव यू जानू मुझे बताओ मुझे यह असली वाला दूध कब पिलाओगी प्लीज पापा रुक जाइए न, खुद ही मेरा मन कर रहा है अपना दूध पिलाने को पर कुछ दिन रुक जाइए शादी हो जाए पीते रहिए, रुकूंगी थोड़ी.
तभी बुआ का फोन आ गया और मैं बुआ से बात करने लगी, बात करते करते बुआ पूछने लगी कि भाभी क्या कह बाहर गई तो मैंने कह दिया हां दीदी वो बच्चे कितने दिनों से घर थे रिंकी जिद करने लगी। तो आपके भैया को आइसक्रीम खिलाने के लिए ले गई थी.
बुआ : भाभी मेरे भैया ही तो आपके साथ कोई रिश्ता है कि नहीं मैंने के हुए नहीं सैंया हो जाएंगे पर अभी-अभी आपके साथ कोई रिश्ता ही है.
मैं जानती थी कि बुआ किस रिश्ते की बात कर रही है तो मेरी बोली वो तो ठीक है दीदी पर हम अपने पुराने रिश्तों को भूल जाएंगे तभी नए रिश्ते को निभाएंगे पुराना रिश्ता भूलना ही हम सब के लिए बेहतर ही.
बुआ : ठीक कह रही हो भाभी तो फिर अपने भैया के साथ खूब एन्जॉय किया.
मैं : क्या दीदी, वैसे दीदी इन्हो ने भी हमारे पुराने रिश्ते को भुला दिया है बुआ मुझे छेड़ते हुए क्या भाभी ने ऐसा कहा भैया ने हाथ में तो नहीं पकड़ा.
मैं : क्या दीदी आप कैसी बातें कर रही हैं.
बुआ : तो फिर भाभी आप को कैसे पता चला कि भैया ने पुराने रिश्ते को बुला दिया.
मैं : ऐसा तो कुछ नहीं दीदी वो हम आइसक्रीम खाने गए थे तो ये बार बच्चों के सामने मुझसे कह रहे थे कि तुम्हें रोज आइसक्रीम खिलाऊंगा वो चोकोबार। दीदी आपको भी पताहै ये कोन सी चोकोबार की बात कर रहे थे भला वोभी कोई मुझे लेता है.
बुआ : अरे भाभी वोहै असली चोकोबार होतीहै बड़ी मज़ेदार होती है.
मैं : हैरानी से तो क्या दीदी आप भी जीजा जी का मुहं मील.
बुआ : तो इस में हर्ज ही क्या ही है मैं तो अब जब तक उनका चूस ना लू लगता ही कुछ अधूरा ही सच कहूं उनकी रस मलाई उसका जवाब ही नहीं.
मैं, शर्म से क्या दीदी आप बी.
बुआ, अभी बोल रही हो भाभी कुछ दिनों के बाद पूछूंगी जब तुम एक बार भैया की रसमलाई का स्वाद चख लोगी फिर कोई और रस मलाई अच्छी नहीं लगेगी।
ये सुन कर मैं शर्म से पानी पानी हो गई मेरे अपने कमरे में आ गई थी पर मेरी सांसें अभी बड़ी तेज चल रही थीं। बुआ की बात अभी मेरे कानों में गूंज रही थी, भाभी एक बार भैया की रसमलाई का स्वाद चख लोगी तो सब कुछ भूल जाओगी। मैं, क्या सच है पापा की रसमलाई का स्वाद इतना स्वादिष्ट ही क्या पापा मुझे खिलाएंगे अपनी चोकोबार और फिर खुद क्यों नहीं खिलाएंगे.
उनकी बीवी अपनी बीवी को नहीं खिलाएंगे तो और किसे खिलाएंगे मैं बिस्तर पर लेटी ये सोचने लगी कि बुआ ने पापा से हमारी शादी की बात की होगी या नहीं पर पापा की मेरे प्रति नज़रो से ऐसा लग रहा था कि बुआ ने जरूर इस बारे में कहा कि पापा से बात होगी तभी तो पापा आज इतने खुश थे.
मैं मान मैं ये सोच रही थी क्या सच मैं पापा मुझे अपनी दुल्हन बनाना चाहता ही मुझे अपनी बीवी अपने बच्चों की मां बनाना चाहती है और खुद ही अपने सवालों का जवाब दिया क्यों नहीं चाहते होंगे तभी तो बोल रहे थे कि मुझे पापा मत बोलो मैं तुम्हारा पापा नहीं बल्कि तुम्हारे बच्चों का पापा हूं।
पापा मुझे अपने बच्चों की माँ बनाना चाहिए ही। मैंने वही बिस्तर पर पड़ा तकिया अपने टांगों के बीच फंसा लिया और धीरे-धीरे अपने कमर को चला कर तकिया प्रति अपनी चूत को रगड़ने लगी ताकि अपनी चूत की आग को बुझा सके प्रति मेरी चूत की आग बुझाने की बजाय और भी ज्यादा से ज्यादा भड़क रही थी तो खुद ही सोचने लगी.
मेरी चूत की इस आग हो अब ये तकिया नहीं इसको पापा का हथियार ही बुझा सकता है यही सोचहै मुझे इतनी शर्म आई कि मैंने अपना मुँह खुद ही तकिये से छुपा लिया। मैं बेड से खड़ी हुई और खुद को शेष के सामने अपने आप को निहारने लगी बिना दुपटे के सूट मैं मेरी चुचिया एकदम से टाइट थी और अपने चुचियो को इस तरह तना देख मेरा हाथ खुद ही अपनी चुचियो पर चला गया.
और में सोचने लगी पापा को मेरी चुचियाँ क्या इतनी अच्छी लगती हैं कि उनको जब मेरा मोका मिलता ही है तो अपनी नज़र मेरी चुचियों पर ही गड़ा देते हैं। पर अभी तो हमारी शादी नहीं हुई और पापा की मेरी चूचियों के प्रति दीवानगी इस कदर है कि जब मेरे पापा की बीवी बन जाएगी तब क्या होगा तब तो पापा सारा दिन मुझे अपने सामने बिठाकर मेरी चूचियों को निहारते रहेंगे मसलते रहेंगे चूसते रहेंगे हाए टैब मैं कैसे ये सब कर पाऊंगी.
यही सोचते मेरे गाल एकदम से गुलाबी हो गए और शीशे के सामने खादी मैं शीशे से बोली, धत् क्या आपना इनको कि गौर रहे ही सुबह से जैसे मेरे अपने आप को नहीं पापा को बोल रही मेरा हाथ कब अलग हो गया पर चला गया मुझे पता ही नहीं चला चूत पर हाथ पड़ते ही मुझे वंहा गीला लगा मेरी चूत तो सुबह से पानी चोद रही थी.
मैं सोचने लगी क्या सच है मेरी चूत पापा के बारे में मैं सोच कर पानी चोद रही है मेरा हाथ अपनी सलवार मैं चला गया और खुद ही अपनी चूत को सहलाने लगी. आज मेरी पहली बार इस तरह से अपनी चूत को सहला रही थी आज अपनी चूत को इस तरह से रगड़ कर मुझे इतना मजा आ रहा था.
मैं बता नहीं सकती मेरा पूरा हाथ और मेरी रेशमी झांटे मेरे रस से बड़ी क्योंकि थी ऐसी अपनी चूत सहलाती थी खराब राही थी आआआआआआअह्हह्हह्ह रिंकी के पापा बस करो और मेरी चूत ने पानी चोद दिया कब मुझे निंद आ गई मुझे पता ही नहीं चला। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अगले दिन सुबह दोनों बच्चे तयार हो कर स्कूल के लिए निकल पड़े पापा अभी सोए हुए थे तो मैंने सोचा क्यों ना बुआ को फोन करके पूछ लूं कि उनके पापा से शादी के बारे में मेरी बात हुई ही या नहीं कहीं ऐसा ना हो मैं अपने मन में क्या क्या सोच कर बैठी रहू इसलिए मैंने बुआ को फोन किया.
मुझे: बुआ जी नमस्ते.
बुआ: क्या भाभी फिर से बुआ.
मुझे: सॉरी दीदी.
बुआ: और सुनाओ इतनी सुबह कैसे याद किया।
मुझे: वो दीदी मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा कैसे आपसे कहूं.
बुआ: भाभी कहो ना क्या बात है.
मुझे: दीदी आपकी इनसे बात हुई हां नहीं.
बुआ: क्या भाभी अभी से ही इनसे हो गया.
मुझे: शर्मा कर क्या दीदी आपसे पहले तो बस ये जाना चाहती थी कि पापा ने मना कर दिया ना.
बुआ: बात तो हो गई है भाभी आपको क्या लगता है.
मैं:( मुझे तो यकीन था कि पापा तो ख़ुशी से झूम उठे होंगे जो उनको मुझे जैसा माल चोदने को मिलेगा फिर भी बुआ से कहा मुझे तो लगता ही पापा ने मन कर दिया होगा।
बुआ: अच्छा भाभी ऐसा नहीं हो सकता ही कोई मेरी भाभी के इस रिश्ते को ठुकरा सके अरे भाभी भैया तो इतना खुश ही बता नहीं सकती और एक बात बताऊ तुम्हें भैया ने खुद मुझसे बात करने को कहा था वो तो बार बार पूछ रहे थे पूजा सच बता निशीतयारहै इस रिश्ते के लिए।
बुआ की बात सुन कर बुरी तरह से शर्मा गई कि पापा ने मुझे अपनी बीवी बनाने के लिए इतना बेकरार ही रखा, फिर मुझे पापा की आवाज सुनाई दी तो मैंने बुआ से कहा, दीदी रखती हूं ये उठ गई और फिर मैंने फोन रख दिया। मैं किचन थी तो पापा मेरे पीछे किचन मैं खड़े हो गए। उस समय उहोन एक पायजामा और एक बनियान पहन रखी थी.
उनकी बालों से भारी चाटी अलग ही दिखाई दे रही थी। जैसे ही वो मेरे पीछे एकर खड़े हुए उनका तन हुआ लंड मुझे मेरी गांड की दरार में आभास हुआ। लंड का मेरे शरीर को जिंदगी में पहली बार आभास हुआ था। मेरे शुद्ध शरीर में सिहरन दौड़ गई। चुत भी हल्की सी गिली हो गई. पेयर फ़्रीज़ हो गया. और पापा ने मुझे से मेरे हाथों को पकड़ते हुए कहा लाओ निशी मैं तुम्हारी मदद कर देता हूं।
मुझे से शर्म से कुछ बोला ही नहीं जा रहा था बस मैंने इतना ही कहा था कि मुझे कर लूंगी बसआपजयिये यहां से.और पापा ने मुस्कुराते हुए मुझे चोद दिया..फिर पापा ने मेरे कंधों पर हाथ रखा और कहा निशी जल्दी तैय्यर हो जायो कहिन बाहर चलते हैं ना घूमने और ये कहकर वो चले गए बड़ी मुश्किल से मेरी सांस वापस आई.
अब पक्का हो गया कि दो चार दिन में ही मेरे कमरे का ठिकाना अपने कमरे से बदल कर पापा के कमरे में होने वाला है। जैसे ही मैं तैयार हूं केर बाहर निकली तो पापा के पास किसी का फोन आ गया और पापा को किसी काम के लिए कहीं और जाना पड़ा। फिर मैंने अपना कपरे चेंज करके घर के काम में लग गई।
झाड़ू पोचा लगाने के बाद कपरे धोने के लिए पापा के कमरे में उनके कपरे लेने चली गई। जब मैं कपरे सेट कर के रख रही थी जब मैंने ध्यान दिया कि मैंने अपनी पैंटी के ऊपर पापा की अंडरवियर रख दिया जिस का ध्यान आते ही मेरी चूत तो मानो पानी ऐसे ही पहनने लगी कि जैसे हमें से नाल लगा हो मुझे ऐसा अहसास हो रहा था कि मेरी पैंटी के ऊपर पापा के अंडरवियर नहीं पड़े, बल्कि मेरी चूत के ऊपर पापा का लंड पड़ा ही।
मेरा हाथ खुद ही नीचे मेरी चूत के ऊपर चला गया जो गिली हो कर मेरी सलवार सफेदी तरह से गिली कर दिया था। अब शायद मेरी चूत भी पापा के मोटे लम्बे लंड को लेने के लिए बेकरार हो रही थी तभी पानी छोड़ रही थी। फिर मेरी मुस्कुराती गुनगुनाती अपने काम में लग गई तभी बाहर मुझे बेल सुनाई दी.
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तो दरवाजे की और कर मुस्कुराती खुद ही बोली लगती है ये आ गई और फिर दरवाजे की और ऐसे लपकी जैसे अपने बरसों के बाद अपने साजन से मिल रही हूं मेरे चेहरे पर एक अलग ही ख़ुशी थी पापा को देखने की और जैसा ही मैंने दरवाजा खोला सामने पापा कोई और नहीं था। पापा की जगह किसी और सामने पापा कर मेरा चेहरा मुरझा गया मैंने सामने खड़े उस लड़के से पूछा, जी आप को किस से मिलना ही है.
वो लड़का: मदन कूरियर है ये लेटरहै श्रीमान राज चौधरी जी के नाम.
मैं : जो वो घर पर नहीं है आप ये मुझे दे दे.
वो लड़का: मैडम आप कोन.
मैं : जी मैं उनकी पत्नी हूं।
आज खुद को पापा की पत्नी कहते हुए मुझे अलग ही खुशी मिल रही थी वो लड़का पहला इंसान था, जिस से मैंने अपने आप को पापा की बीवी बताई थी। पापा शाम को आ गए। शायद कोई ज़रूरी ही काम था जो इतनी देर हो गई। पापा ने आने के बाद अपने कमरे में फ्रेश होने चले गए और इतनी देर में मैंने खाना लगा दिया।
खाना लगाने के बाद मैंने पापा को बाहर से ही आवाज दी अजी सुनते हो “रिंकी के पापा” खाना लगा दू। मैं भी एक ही दिन हूं, मम्मी की तरह बोलने लगी हूं। और मम्मी और मुझअब ज्यादा फर्क नहीं रह गया था और जो फर्क था वो भी शायद कुछ दिनों में मुझसे मिल जाएगा। मम्मी का जो कुछ था अब वो सब कुछ मेरा था.
यानि के घर इस घर की एक चीज उनके बच्चे उनका बिस्तर और यहां तक कि उनका पति जिस दिल मैं अब तक मम्मी रहती थी अब हमारा दिल मैं मैं रहने वाली थी। रहने वाली थी क्या बल्कि मुझे हमारा दिल बस चुकी थी। पापा और बच्चे भी आ गये तो पापा ने शरारत से मेरी आँखों में देखा हुआ कहा सुनाये मेरी हुस्न की सरकार। पापा को मेरे साथ इस तरह मज़ाक करते हुए मेरी बुरी तरह से शर्मा गई और धीरे से बोली धत्त क्या अभी खाना लग गया है.
पापा, तुम्भिया जाओ.
मैं, आप लोग खा लीजिये, बाद में खा लुंगी.
पापा, नहीं आज हम दोनों एक साथ बैठ कर खाना खाएंगे तो मैं पापा का प्यार देख मुस्कुराऊंगा अपने सर इधर उधर करते आप मनाएंगे नहीं.
पापा, अब हम रिंकी की मम्मी नहीं मानेगी तो कौन मानेगा मैडम और हमें पता नहीं क्या हुआ मेरे बड़े प्यार से पापा का चेहरा पकड़ कर बोली, मनाना ही पड़ेगा रिंकी के पापा समझे और जल्दी से किचन की और खाना लेने चली गई और हां एक बात और आजकल मुझे बचिया ऐसी लग रही है.
जैसे मैंने ही इन्हें पेदा किया और ये भी उसी तरह घुलमिल गई है जैसे मेरी उनकी बहन ना कर उनकी सगी माँ हूँ। फिर बच्चों का खाना खाने के बाद अपना-अपना रूम में चली गई और पापा अपने रूम में जाने लगे तो मैंने पापा को रोक कर का सुनिए तो बोले कहो तो मैंने पापा के हाथ में लेटर देते हुए कहा शाम को कूरियर वाला दे कर गया था.
पापा : उसने मुझे फोन किया था मैंने उससे कहा था कि मैं घर पर नहीं हूं वो मेरी पत्नी को दे दे ये बोल कर पापा जल्दी से अपने कमरे में चले गए।
पापा के मुँह मुझे किसी के सामने अपनी बीवी बताने की बात सुन कर मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया मैं आई किचन को समेटने और झूठे बर्तनों को साफ कर रही थी। तभी पापा किचन मैं आई ऐ और बोले निशी तुम्हारे लिए फोन ही तो मैंने पूछा किसका फोनहै तो पापा बोले पूजा का ही तुम से बात करना चाहती थीहै और वो फोन देकर चले गए।
फिर मैं अपने कमरे में चली गई और बात करने लगी। बुआ ने सब से पहला शब्द यहीं कहा भाभी जी नमस्ते। मैंने भी उन्हें दीदी नमस्ते कहा। फिर घर बार की बैचिट होती रही फिर मैंने पूछा कि अगर मेरी शादी उनसे हो गई तो जीजा जी यानी (बुआ के पति) क्या कहेंगे तो दीदी कहने लगी भाभी वो क्या कहेंगे वो इस शादी से खुश ही पताहै क्या बोल रहे थे.
मैं : क्या दीदी.
बुआ: बोल रहे अब मजा आएगा ससुराल में जाने खूबसूरत सलहज के खूबसूरत हाथो से बढ़िया खाना भी मिलेगा और खातिरदारी होगी और आप देखेंगे, इस फैसले से वो कितने खुश हैं बोल रहे पूजा अब हमें ना हफ्ते में एक बार जाना ही चाहिए, भाभी आप ना जरा इन से बचहै राहै आप की ख़ूबसूरती ने सिर्फ भैया को अपना दीवाना नहीं बनाया बल्कि ये भी आपके पीछे लट्टू हुए बैठे है.
मैं : क्या दीदी आप भी ना.
और भाभी मैंने तो अपने बच्चों को भी बता दिया है कि उनकी नई मामी तुम ही हो। वैसे बुआ के बारे में बताओ उनकी उमर 32 के आस-पास ही और उनके दो बच्चे हैं। हमारी तरह उनकी भी हमारे अलावा कोई और रिश्तेदारी नहीं है। हम ही हैं उनके लिए और वो हमारे लिए। क्योंकि बदनामी का कोई डर नहीं था, कोई हमारे असली रिश्ते के बारे में मुझे पता नहीं लग सकता था।
बुआ के साथ बातें करके मुझे अच्छा लगा और अपनापन लग रहा था। तभी बुआ ने मुझसे पूछा मैं इस समय रात को क्या कर रही थी तो मैंने उन्हें बताया कि मैं बार्टन साफ कर रही थी तो बुआ मुझ पर गुस्सा करने लगी तो मुझे बड़ा बुरा लगा तो इस का कारण बुआ से कहा और कहा दीदी ये सब काम करना तो मेरा फ़र्ज़ ही है.
तो बुआ ने कहा भाभी वो सब तो ठीक ही है पर देखो भाभी तुम्हारी शादी होने वाली ही है और इस समय औरत को साज सिंगार करके रहना चाहिए वो क्याहै औरत जब रात को सज सवार कर अपने पति के पास जाती ही ना तो उन्हें अच्छा लगता ही बड़ा प्यार आता ही समझरही हो ना भाभी। रात को सजने सावन की बात सुन कर मैं शर्म से दोहरी होती बोली, ये कैसी बातें कर रही है दीदी.
बुआ: ठीक कह रही हूं अब से हमेशा बन ठन के रहो करो ताकि भैया आपके पीछे लट्टू की तरह घुमने लगे वो क्या ही ना भाभी मर्दो की लगाम में हमेशा अपने हाथ में रखनी चाहिए.
बुआ को अब मैं क्या कहती हूं ध्यान रखूंगी दीदी. फिर बुआ ने कहा भाभी एक बात जो सब से जरूरी है वो ये है कि मैंने पंडित जी से आपकी भैया की शादी की बात की है तो उन्हें नेपदोनो की शादी आज से 15 दिन के बाद यानी 11 दिसंबर को फिक्स है कि वो बता रहे थे ये दिन बड़ा शुभहै और हां भाभी पंडित जी यहीं बता रहे थे कि भैया औरा की जोड़ी तो ऐसी ही मानो राम और सीता की जोड़ी हो।
औरापदोनो का साथ 7 जन्मो का ही आसा उन पंडित जी का कहना ही। बुआ की बात सुन कर मेरे मन में बड़ी ख़ुशी हुई कि ये संजोग ही है या फिर कुछ और जो हमारी जोड़ी बिल्कुल राम और सीता के जैसी है। अब तो मुझे भलगने लगा कि पापा ही मेरे सपनों के बाबूकुमार की मेरे दिल का शहजादा।
जब बुआ ने मुझे पापा को फोन देने को कहा तो पहले मैं समझ नहीं पाई और फिर जब आपने मुझे फोन किया तो मैंने क्या दीदी उनको फोन किया तो बुआ ने मुझे छेड़ते हुए कहा क्या भाभी अभी से भैया को ये सब कहने की प्रैक्टिस कर रही हो तो मैंने प्यार से रूठते हुआ कहा क्या दीदी बादी बड़ी वो ही.
तो बुआ ने फिर मुझे छेड़ते हुए कहा भाभी अभी तो मैं ही वो हू देखना कुछ ही दिनों में तुम ही बड़ी वो हो जाएगी तो मेरे साथ हंसे बिना ना रह सकी और पापा के कमरे में पापा को फोन देने चल पड़ी.मैं आई पापा को फोन दे कर अपने कमरे में आ कर बिस्तर पर लेट गई पर पता नहीं, आज मुझे नींद नहीं आ रही थी।
बिस्तर पर लाईट तो मुझे ऐसा महसूस हुआ कि जैसे पापा सुबह की तरह मेरे पीछे लैते ही और मुझे आसा लग रहा था की उनका कड़क लंड मेरी गांड से सटा हुआ ही और वो इतना गरम था कि मुझे सुबह पापा का इस तरह मेरी गांड से अपना लंड टच करना याद आता था, बदन मैं झुरझरी हो उठी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे मैं सोच रही हूं पापा का लंड मेरी गांड को छुआ था उसी तरह अपना लंड मेरी गांड से टच करके एक्साइटेड हो उठे होंगे।मी यहीं सब सोच रही थी। जिस बिस्तर पर मेरी रोज़ रात को लेट कर मीठी नींद आती थी, आज मुझे वही बिस्तर काट खाने को लग रहा था.
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मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो मेरे बिस्तर पर नहीं, कहीं कांटो पर लाती हूं और दिन मैं जब पापा के बिस्तर पर लाती थी मानू आसा एहसास हो रहा था कि कोई नरम मखमल पर लाती हूं। अपने आप से बातें करते ही मैं मुस्कुरा रही थी कि कुछ रातें और इस बिस्तर पर तो जाओ फिर तो तुम्हें पापा के बिस्तर पर उनकी बहो मैं ही सोना ही मैं तो यही सब सोच सोच रोमांस हो रही थी।
अगले दिन मैंने ख़ुशी ख़ुशी घर का सारा काम जल्दी निपटा लिया पापा उठे और मुझसे बोले निशीतयार हो जाओ कहीं घुमने चलते ही तो मैंने पापा की और देख बीवी की तरह तना मरते हुए कहा वैसे तैयार होना ही जैसे कल हुई थी तो पापा मेरे सामने कान पकड़ते बोले सारी यार माफ कर दो कल जरूर काम आ गया था.
पापा का इस तरह मेरे सामने कान पकड़ना मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई और मैं अपने कमरे में चली गई लेकिन मुझे समझनहीं आ रहा था कि पापा के साथ चलेंगे क्या पहनूं आज मैं वो पहन ना चाहती थी जो पापा को पसंद हो लेकिन अभी मेरे पापा से पूछ नहीं सकती थी कि तभी पापा मेरे रूम में आये और बोले यार क्या यार तुम अभी तक तैयार नहीं हुई.
तो मैंने कहा देखिये ना मुझे कुछ समझहै नहीं आ रहा कि मैं क्या पहचानूं बता दीजिए तो पापा ने मम्मी की एक बहुत ही सुंदर काले रंग की साड़ी निकली और मेरी और बदलते बोले ये पहन लो तुम्हारे गौरे बदन पर बहुत अच्छी लगेगी मैंने पापा के हाथ से साड़ी ली और जल्दी तैयार होने लगी.
उस दिन मैंने मम्मी का काला रंग बहुत ही सुंदर साड़ी और उसके साथ मैचिंग ब्लाउज जो काफी सेक्सी और स्लीवलेस था। मैंने जल्दी से वो साड़ी और ब्लाउज पहन लिया, मैंने अपनी साड़ी से पहले ही काफी जगह बांध ली थी ताकि पापा को मेरी गहरी नाभी दिखाई दे, मैं जानती थी कि मर्दो को हमारी नाभी देख कर हम पर कितना प्यार आता है और ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी हुई तो मैं काफी सेक्सी लग रही थी.
अपने आप को मैंने जैसे ही देखा तो मुझे लगना लगा कि आज मेरे कुवारे जीवन का आखिरी दिन हो क्योंकि इस ड्रेस में मुझे मुर्दा भी देख लेगा तो उसका भी उठ जाएगा फिर पापा तो अभीजावन थे और मुझे चाहते थे मेरे दीवाने थे। और अब तो मुझे भीउर पापा को पता था कि अब हम बहुत जल्दी ही शादी के बंधन में बंधने वाले ही हैं और येभीसच की अगर वो आज मुझे चोदने लगे.
तो मैं उनको इंकार नहीं कर पाऊंगी क्योंकि अब उनसे तो चुदना ही था आज नहीं तो कल मेरी चुदाई तो उनसे होनी ही थी.. और हां एक बात और कि पापा जो भी कपड़े लेट हैं उनके साथ हमेशा मैचिंग चुड़िया जरूर लेट हैं। दो चार चूड़ियाँ नहीं दर्जन भर ताकि कोहनी तक हाथ भरा रहे। आज मुझे समझ आया कि मम्मी हमेशा इतनी चूड़ियाँ क्यों पहनती थी।
मैने साड़ी के साथ चूड़ियां इयरिंग और लाल बिंदी ये सब पहनकर मैं आज अपनी उम्र से बड़ी लग रही थी। मैने सारीभीनाभी के बारे में बहुत कुछ कहा था क्योंकि मैं इतना जानती थी कि मर्दो को हमारी नाभी देख कर मस्ती कुछ ज्यादा ही आती है। मैं आज पापा पर अपने हुस्न की बिजली गिराने वाली थी, मैं जैसा सज रही थी उस समय मेरे मुंह से यहीं बोल निकल रहे थे सजना ही मुझे सजना के लिए।
वैसे हमारे समय ये गाना मुझ पर बहुत अच्छा लग रहा था आज मिया आपने साजन के लिए ही सज रही थी। अब जब पापा कुछ दिनों में मेरे साजन बनने वाले थे तो मैंने भी अपने साजन के रूप में ही देख रही थी। और मैं आज इतनी उत्साहित हूं कि मैं बता नहीं सकती क्योंकि आज मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं पापा के साथ बाहर नहीं जा रही हूं बल्कि एक मासूम अपने आशिक के साथ डेट पर जा रही हूं।
मैंने अपनी दोनों बेटियों को संबोधित किया तबी पापा आ गया और जैसे ही उन्होंने मुझे देखा उनका तो मुंह एकदम से खुला रह गया क्योंकि आज मैंने पहली बार पापा के सामने सारी पहनी थी जिस से पापा को मेरा नंगा पेट और मेरी गहरी नाभी को घुरेटे साफ देख रही थी जिस से में अंदर और अंदर उत्साहित होती जा रही थी और मेरी छुट भी पानी शुरू हो गई।
मेरे पापा की और प्यार से देखते हुए अपने निचले होठों को अपने दांतो मैं चबा कर अपनी रेशमी झुल्फो को ठीक करती हुई धीरे से उनसे पूछा आ गए आप तो बस पापा जवाब मैं मुस्कुरा कर दीये. तो पापा भी मेरे पीछे आ गए उनके हाथ में एक बॉक्स था और वो मेरी और उस बॉक्स को बडाते बोले, निशी तुम्हारे लिए गिफ्ट।
मैंने पापा के हाथ से गिफ्ट लिया तो पापा बोले खोल कर देखोगे नहीं तो, मैंने मुस्कुराते हुए पापा को देखा हुआ बॉक्स खोला हमारे सोने के दो बहुत ही खूबसूरत कंगन थे कंगन को देख कर मैं चहक कर बोली, वाह कितनी खूबसूरत कंगन है.
पापा: लेकिन मेरी जान से ज्यादा नहीं अगर सरकार का हुकम हो तो मुझे पहचानना चाहिए, दो तो मैं कैसे पापा को इंकार कर सकती थी मैंने आंखों के इशारे से पापा को सहमत दे दी तो पापा मुझे अपने हाथों से कंगन पहनने लगे.
जब मैंने अपनी आंखें पापा की आंखें डालीं पापा मुस्कुरा रहे थे तो मैं शर्म से उठ कर बोली, मैं आप के लिए पानी लाती हूं तो पापा ने मुझसे रोका.
पापा: निशी तुम्हारी पूजा से कुछ बात हुई.
मैं जानती थी कि पापा कोन सी बात के बारे में मैं पूछ रहे थे कि फिर भी मैं फिर से जन्मा हूं, जी किस बारे में मैं.
पापा: पूजा ने तुम्हें किसी तारीख के बारे में बताया.
तो मैं अपने आंखे पापा की आंखो में डाल कर मुस्कुराने लगी मुस्कुराहटहै मेरा जवाब थी और मैंने देर शर्माते हुए कहा जी पापा मेरे मुँह से हा सुन कर मेरे पास आये और अपने हाथ को मेरे कंधे पर रख कर अपने से चिपकाते मुझसे पूछने लगे, निशीतुम्हें तो ऐतराज नहीं ही ना।
अब मैं पापा की बात का क्या जवाब देती हूं तो शर्म से दोहरी हो रही थी मेरा इस तरह पापा के सामने शर्मना ही मेरा जवाब था कि मुझसे शादी करने के लिए मुझे कोई एतराज़ नहींहै .मेरा चेहरा एकदम से लाल सुरख हो गया तो मैंने चेहरा घुमा लिया तो पापा ने अपने हाथ से मेरा चेहरा पकड़ कर ऊपर उठाया.
वो कुछ बोलने ही वाले थे कि तभी रिंकी वाह आ गया तो मेरी शर्म से पापा अलग हो गए कर मेरे आपके लिए पानी लाती हूं कह कर किचन की और बाग गई. रिंकी पापा के पास गई और पापा से पूछने लगी पापा मैं केसी लग रही हूं तो पापा ने उसको भगवान मैं उठा कर प्यार से कहा बड़ी ही सुंदर लग रही हो और उसके गालों को प्यार से चूम लिया.
तो रिंकी ने कहा और मम्मी से पापा ने काहा बड़ीहै सुंदर लग रहीहै तुम्हारी मम्मी। तो रिंकी ने पापा से कहा मैं सुंदर लग रही थी तो आपने मेरी पुची ली तो मम्मी सुंदर लग रही तो फिर आप ने मम्मी की पुची क्यों नहीं ली। तो क्याआपझूठ बोल रहे हैं कि मम्मी सुंदर लग रही हैं।
रिंकी के इस सवाल से मेरी बुरी से शर्मा गई मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया और मैंने प्यार से उसको डांटते हुए बोली क्या तुभी कुछ बोलती रहती हैहै जा भाग यहां से और पापा की और देखा वो मेरी और देख कर मुस्कुरा रहे थे.. मी तो पापा का सामना नहीं कर पा रही थी और बस शरमते हुए उनसे नज़रें अलग किया जैसे ही कमरे से बाहर जाने लगी तो पापा ने मेरा हाथ पकड़ लिया.
तो मेरे तो जोड़े जैसे जमीन से ही चिपक गए मेरी सांसे तेज चले लागी मैंने धीरे से अपना हाथ पापा से छोड़ने की कोशिश की और कहा चोदिया ना रिंकी आ जाएगी तो पापा ने मेरा हाथ पकड़ा था मैंने अपनी और खींच लिया तो सीधा उनके सीने से जा तकराई तो उनको ने मुझे अपनी बहो मैं समेट लिया मैं शर्म से आंखे नीचे किये उनकी बहो मैं थी।
पापा और मुझे बहो मेरे लिए अपनी उंगली से मेरे चेहरे पे जो मेरी रेशमी झुल्फे थे उसको हटा कर बोला मेरी आंखो मैं देखो ना तो मैंने धीरे से अपनी आंखें खोल कर पापा को आंखो मैं देखा तो पापा अपनी नाक को मेरे चिकने गालों पर रगड़ते हुए ठूंठ.
सच में निशीबहुत ही सुंदर लग रही हो बिल्कुल स्वर्ग की अप्सरा। तुम्हारे इस रूप ने तो पागल कर दियाहै दिल कर रहाहै तुम्हें चूम लू। मैं कुछ कहती हूं इस से पहले, पापा ने अपने हौंथ मेरे गालों पर रख दिए और मेरे गालों को चूमने लगे मुझे उनकी गरम सांसें मुझे और भीमधोश कर रही थी जहां उनके हौंथ मेरे गालों को चूम रहे थे.
और उनके हाथ मेरी पीठ पर से होते मेरे चूतड़ों पर पहुंच चुके थे जिनको वो अपने हाथ में भर कर बड़े प्यार से दबा रहे थे मस्ती में मेरी आंखे ही नहीं खुल रही थी।मैं उनकी बाहोमैं कसमसाती बोली हये जी ये क्या कर रहेहै दम घुट रहाहै मेरा सांस तो लेने दो लेकिन वो अपना मुंह मेरे गालों से खराब हो गया.
निशी बड़ी नरम हो तुम बड़ी नमकीन हो कि तभी मुझे रिंकी के आने का आभास हुआ तो मुझे उनसे अलग होती बोली अभीताय्यर हो जाए और मैं जल्दी से कमरे से बाहर निकल गई कुछ देर बाद पापाभीताय्यर हो कर आ गए मैं तो पापा से नज़र नहीं मिल पा रही थी जबकी पापा मेरी और देख कर मुस्कुरा रहे थे। की तभी रिंकी मेरी तस्वीर ले आई और पापा से बोली, पापा आप मम्मी की तस्वीर पूछ लो।
मैं क्या बोलती हूं पापा की आंखो मैंने एक बड़े ही सेक्सी अंदाज में देखा और फिर मुस्कुराते हुए अपना चेहरा घुमा कर आँखो के इशारे से बताने लगी कि अभी आप को मेरी तस्वीर चूम कर काम चलाना पड़ेगा और पापा मेरी और देख कर मेरी तस्वीर को चूमने लगे तो रिंकी जो बहुत ही शरारती थी.
पापा आप तो बुद्दू हो अपनी मम्मी के गाल नहीं मम्मी के दूदू चूम के लिए और फिर खिलखिलाते बोलने लगी,है पापा ने मम्मी का दूध पी लिया तो मैं मस्क्रेटे शरमाते उसको प्यार से थप्पड़ मरते हुए क्या कुछ बोलता है। हमें समय पापा के सामने मेरी क्या हालत थी मैं ही जानती हूं.
और फिर हम सब बाजार शॉपिंग के लिए निकल पड़े आज मुझे पापा के साथ जा कर ऐसा लग रहा था कि मेरे पापा के साथ बल्कि अपने बच्चों और पति के साथ शॉपिंग पर जा रही हूं।हम एक मॉल मैं जहां पापा ने मेरे लिए सारी पसंद कि और मेरे लिए शादी का जोड़ा बी। शॉपिंग करते मैंने महसूस किया मेरी पसंद और पापा की पसंद बिल्कुल एक जैसी ही क्योंकि जो सारी मुझे पसंद थी वही पापा को पसंद थी।
हमारी पसंद इतनी मिलती देख अब मुझे भलगने लगा कहा मैं पापा के लिए ही बनी हूं। एक बार शॉपिंग करते पापा ने मेरा हाथ पकड़ लिया तो मेरे अंदर ही अंदर गुनगुना उठी मेरा रोम रोम कानप उठा मेरे पूरे बदन में बिजली डौडने लगी। पापा ने सब साड़ीयों के ब्लाउज को अपने हिसाब से बहुत ही सेक्सी तरीके से सिलने के लिए दे दिया मुझे कोई ऐतराज नहीं था क्योंकि ये सब उनको ही पहन कर दिखाना था तो मुझे कोई पसंद नहीं थी।
हम लोगो ने बाहर ही खाना खाया और घर वापस आ गई रात को अपने बिस्तर पर रात लाते समय पापा के बारे में सोचती रही मेरी आंको मैं नींद कोसो दौर थी कि तभी मैं उठी और देखा पापा के कमरे में लाइट जल रही है। मैंने सोचा पापाभीसायद जाग रहे ही उनको मेरी याद मैं शायद निंद नहीं आ रही होगी मेरी तरह अनकिभीतो शादी होने जा रही थी.
और जिसकी शादी होने वाली होती है ही उनको भला नींद कहा आती है तो क्यू न मैं उनके रूम जजा कर उनसे बात करती हूं और जैसे मैं उठ कर उनसे कमरा मैं जाने लगी तो मैंने देखा पापा के कमरे की खिड़की खुली हुई थी और जैसे ही मैंने खिड़की के अंदर से जान कर देखा तो मेरे जोड़े लड़खड़ाने लगे अंदर पापा एक दम नंगे थे.
उन्हें ने हमें समय सिर्फ वी शेप का अंडरवियर पहनना हुआ था. उस समय पापा की पीठ मेरी और थी मैंने गौर से देखा तो पापा के हाथ मेरा मोबाइल था जिसे वो बड़े गौर से देख रहे थे जैसे ही मेरी नजर मोबाइल पर पड़ी तो देखा पापा का मोबाइल पर मेरी तस्वीर देख रहे थे और मेरी तस्वीर को देखते देखते अपने आप से बातें कर रहे थे जान तुम कितनी सुंदर हो कितनी हसीन हो आई लव यू माय लव माय स्वीटी.
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और मेरी तस्वीर को बार-बार चूम रहे थे तभी अचानक पापा पलटे किस तरह हर लड़की की इच्छा होतीहै कि वो अपने पति के हथियार के बारे मेंमैं जाने की वो कैसा ही कितना लंबा और मोटा कड़क ही ठीक उसी तरह मेरी इच्छाभीथि की शादी से पहलेमैं की तरह से एक बार पापा ओह यानी के अपने पति के हथियार के दीदार कर सकु और मेरी ये इचाभीजल्दी ही पूरी हो गई.
क्यूकी जब पापा पलटे मेरी नजर नीचे उनके अंडरवियर पर पड़ी तो में हेयरन रह गई क्योंकि उनका लंड अंडरवियर को फाड़ कर बाहर आने को बेताब था पापा के लौड़े ने पापा के अंडरवियर को किसी तम्बू की तरह बना दिया था जिसे पापा ने मेरी तस्वीर देखी थी अपने लंड को सहला रहे थे. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मानो वो उसे समझा रहे हो पर एक मस्त लंड जैसा अब पता हो कि उसके मेरे जैसे मस्त लड़की के नरम हाथो और मेरी मस्त टाइट चूत मैं गुसाने का मोका मिलने वाला हो तो भला वो पापा के खुदारे हाथों से कहां शांत हो वाला था. अंडरवियर के ऊपर से अपने होने वाले पति का हथियार देख कर मेरे चेहरे पर एक अलग ही चमक आ गई और मेरे मन ही मन सोचने लगी कि मेरे होने वाले पति का हथियार कितना जबरदस्त है.
आखिर कब तक पापा अपने शेर को पिंजरे में रखते हैं, पापाभीजान गए कि अगर और ज्यादा उन्हें ने अपने “शेर को बंद कर रखा तो कहीं उनका” शेर “भागवत ना कर दे और फिर वो और भी ज्यादा जयादा खुंखार हो जाएगा इसलिए पापा ने अपने अंडरवियर को नीचे खिस्काया उनका काला एक दम कड़क लंड किसी काले नाग की फनकार मारता हुआ मेरी आंखों के सामने था.
और जैसा ही मेरी नजर पापा के मोटे लंड पर पड़ी जो किसी लोहे की रॉड की तरह एक दम से कड़क हो चूका था मैं अंदर ही अंदर कांप उठि जैसे कि मैंने कोई बहुत ही ज्यादा चीज देख ली हो। क्योंकि पापा का लंड था कि इतना लंबा और मोटा मैंने आज तक अपनी लाइफ में किसी का लंड नहीं देखा था और आज देखा भी वो भी तना विशाल आज मेरी नजरों के सामने मेरे से कुछ ही दूरी पापा का लंड था।
मुझे अपने दिल में डर लगने लगा कि मेरे पापा के इतने बड़े लंड को अपने अंदर लेभीपाऊंगी या नहीं, मेरे अपने होठों पर दोनों हाथ रख कर सोचने लगी इतना लंबा और मोटा मेरे टोपी जितना मेरे अंदर घुसपेगा ये तो मेरी फाड़ कर रख देगा कैसे ले पाऊंगी मैं ये बांस जितना जबकी मैं कभी कभी अपनी चूत में उंगली डालती थी तो मुझे बड़ा दर्द होता था.
मैं तो बस यही सोच एससोच कर काम और डर रही थी कि मेरा तब क्या होगा जब पापा अपना ये लंड मेरी चूत में डालेंगे, कैसे में उसका ये मस्त लंड, अपनी इस छोटी सी चूत में सेहन कर पाऊंगी पर मेरे दिल के किसी कोने में खुशी के साथ मेरे चेहरे शर्म से लाल हो गया कि मेरे होने वाले साजन का हथियार कितना मस्त कड़क और लम्बा मोटाहै.
वैसे मैं तो किसी अपने पति का एसा लंड देख कर उसकी दीवानी हो सकती थी। मैंने अपनी सहेलियों से सुना कर की मर्दो का हथियार जितना लम्बा और मोटा होताहै उतना हो मजा देताहै और पापा का लंड देख कर मुझे डर के साथ ख़ुशी की मेरे होने वाले पति का हथियार इतना ज़बरदस्त है.
और मैं खुद ही शरमाते मुस्कुराते हुए धीरे से बोली।है दैया इनका इतना बड़ा हथियार मेरी छोटी सी गुफा मैं घुसपैठ करेगा कहीं मेरे आगे वाले छेद मैं जा कर पीछे वाले छेद से बहार ना निकल जाए. पापा अपने लंड को बड़े प्यार से अपने हाथ से सहला कर समझा रहे थे पर पापा का काले नाग की तरह फनकारता लंड और जोर-जोर झटके मारने लगा कि पापा ने अपने लंड को अपने हाथ की कसर कर ली और हमें अपने हाथ को आगे बढ़ाते रहे पिछे करने लगे.
तो मानो मुझे लगा जैसे कोई किसी जवान को तैयार कर जंग लड़ने के लिए। अपने हथियार को जंग के लिए इस तरह तैयार करते देख मेरे अंदर एक अलग ही हलचल सी होने लगी मेरा दिल जोर जोर से धक धक करने लगा और मेरे अपने चेहरे पर हाथ रख मुस्कुराती सोचने लगी.
पापा जिस तरह से अपने हथियार को जंग के लिए तैयार कर रहे हैंहै मानो पहली बार मैं मेरा सब कुछ तब करके अपना झंडा गाड़ देगा फिर पापा ने वो किया जिसे देख कर सुन कर मैं शर्म से लाल और पानी पानी होने लगी पापा अपने लंड को सहलाते एक हाथ से पिल्लौर को उठा कर अपने आगे की बात करते हुए बोले मेरी जान खोलो ना अपने तांगे और अपने लंड को तैयार के नीचे दबाये अपने कमर को जोर-जोर से चलने लगें मेरी जान आआआआआआआआआ.
बहार मैं खादी पापा की हरकतों को देख शरमते मुस्कुराते सोच रही थी कि पापा ने मेरे साथ अपने रिश्ते को कितनी उम्र तक बढ़ा लिया है और जिस तरह से पापा तकिया को मुझे समझकर चोद रहे हैं ही मुझे नहीं लगता कि वो हमारी शादी तक रुक भी पाएंगे और शादी से पहले ही पापा मेरा बैंड ना बजा दे और खुद ही यही सोचेंगे अपने चेहरे को छुपाये की.
पापा को कहा अपने ऊपर चादने से रोक नहीं पाऊंगी बल्कि ऐसाभीहो सकता है ही मैं खुद पापा का साथ देने लगु और अपने ऊपर चादने मैं पापा की मदद करु खैर ये तो मेरे और पापा के मन के ख्यालात थे और मैंने अब बातों को समय पर छोड़ दिया था और ये फैसला कर लिया कि ये तो एक ना एक दिन होना ही हमारे मन के मिलन के साथ-साथ हमारे तन कभी-मिलन.
तो फिर ये शादी से पहले हो या बाद में क्या फ़र्क पड़ता ही आख़िर मेरी बदन पर अब पापा का ही तो अधिकार था वो अपनी मोहर मुझ पर शादी से पहले लगाए या बाद मेरी ऊपर तो उनकी ही मोहर लगना तो साफ ही था खैर अब मेरी फिर से बाहर आ कर फिर से अंदर देखने लगी. अब पापा सीधे हो कर अपने लंड को पकड़ कर आगे पीछे कर रहे हो.
पापा के मुँह से आआआआजाजा जानू मेरी जान आई लव यू निशु पापा की हालत पर तरस आ रहा था कि बुआ ठीक कह रही थी पापा हमारे लिए अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे थे मेरी उनकी हालात को अब अच्छी तरह से समझ सकती थी कि पापा जैसे हट्टे कट्टे मर्द के लिए इस उम्र में बिना औरत के रात गुज़ारना कितना मुश्किल था.
मेरा तो दिल कर रहा था कि अभी मेरे कमरे के अंदर चली जाउ और अपनी सलवार खोल कर नंगी हो कर पापा के आगे अपनी तांगे खोल कर लेट जाउ और उनसे काहू पापा हांआप क्या कर रहे हैं ही जो करना चाहता हूं मेरे साथ किजिए आखिर कुछ दिनों के बाद मेरा ये बदन आपका ही होने वाला है आपकी होने वाली बीवी आज ही मुझे अपनी बीवी बना लीजिए पर शर्म से मेरी आशा नहीं कर रही मैं वही पापा को अपना लंड जौर जौर से हिलते देखती रही.
पापा अपने लंड को अपने हाथ में दबाये जोर-जोर से आगे पीछे कर रहे थे कि तभी मैंने देखा पापा के हाथ की स्पीड और खराब हो गई है और पापा का मुंह भी खुल चुका था कि अंदर पापा का हाथ अपने लंड पर चल रहा और बाहर मेरी खड़ी अपनी सलवार मैं अपना हाथ डाले अपनी चूत सहला रही थी कि तभी मैंने देखा पापा के मुँह से आअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्ह आआआह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्ह मेरी जान मेरा निकलने वाला ही.
और ऐसा करते ही पापा के लंड से हमेशा सफेद रंग की पिचकारी छौरी आज मैंने पहली बार किसी मर्द के लंड से वीर्य निकलता देखा था मैं अपने होठों को अपने दांतो पर दबा कर मन बना चुका था मैं ये सोच कर मुस्कुरा रही थी बस कुछ दिन इंतजार कर लीजिये पापा फिर ये पिचकारी मेरे अंदर ही होगी अब मेरा वहां खड़ा होना मुश्किल है था तो मैं अपने कमरे में आ गई.
मेरी सांसे बड़ी जौरो से चल रही थी मेरी आंखों के सामने बार बार पापा का लंड ही नजर आ रहा था और पापा के लंड के बारे में सोच सोच कर मैं खुद ही मुस्कुरा रही थी और शर्मा रही थी. तभी मेरी नजर बेड की साइड टेबल पर राखी पर पापा की तस्वीर चली गई तो पापा की तस्वीर देख कर मुझे ऐसा लगा कि सच में पापा मेरे सामने खड़े ही मेरे होंटो शर्म के साथ मुस्कुराहटभीया गई.
और फिर पापा की तस्वीर उठा कर उनकी आंखो में आंख डाल कर बोली, बड़ी प्रैक्टिस कर रहे थे ही लगता है मैच जोरदार होगा और फिर से कुछ दिन साबर नहीं हो रहा कैसे निकल कर जोर-जोर से हिला रहे थे। मुझसे नहीं कह सकते थे भला मैं आप को मना करती थी आपकी अमानत हू अब आप मुझे आज इस्तेमाल करे या कल मुझे इस्तेमाल तो आप को ही करना है.
लेकिन नहीं जनाब को बस की मैं काहू सुनिया अगर अगर शादी से पहले आपको कुछ करना ही ना तो आपकोहै हिम्मत करनी होगी मैं नहीं कुछ कहूंगी समझे और अपने चेहरे पर आई झुल्फो को ठीक करने लगी मेरे पापा की तस्वीर से बात करते हुए पापा से बोल रही थी कि उन से सब्र नहीं होता कि वो अपना हथियार निकाल कर हिला रहे थे.
जबकी मेरी खुद की टांगों के बीच मेरी’ ‘बिल्लौरनी’ पानी की नदिया बह रही थी। अपने होने वाले बबुआ को देख कर उसका जोश की लहर उठने लगी थी और मेरा हाथ मेरी सलवार के अंदर चला गया और अपने हाथ को डाल कर अपनी उंगली को अपनी चूत के अंदर बाहर करने लगी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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हमें समय मुझे इस बात का एहसास नहीं था कि मेरी दोनों बहनें मेरे साथ सोई हुई थीं, मैं तो बस अपनी दुनिया में खोई हुई थी लेकिन मेरे अंदर की आग तो भुजने की बजाये और भीबदक रही थी, मैं अपने बिस्तर से उठी और अपने बदन पर से कपडे किसी ने चिलके किउतार कर फेंक दिये। और फिर से अपनी चूत को सहलाने लगी.
मैं जैसे जैसे अपनी चूत को रगड़ रही थी वैसे ही मेरे बदन में आग भड़क रही थी मेरी चूत उस समय पूरी तरह से गीली थी मैंने अपनी पंटी में हाथ डाले चूत को रगड़ रही थी, आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह पापा ऐसे क्यों तड़प रहेहै मेरे होते हुए आपकी होने वाली वाली बीवी हुमैं क्यू नहीं मुझे पकड़ लेते पकड़ लीजिये मुझे भर लीजिये मुझे अपनी बहो मैं मसल डालिये मुझे अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह और अपनी चूतमैं उंगली डाल कर अंदर बहार करने लगी।
मैंने अपनी दोनो टांगों को पूरी किया था और किसी पोर्नस्टार की तरह अपनी चूत को सहलाती बोल रही थी ऐ पापा मेरी चूत अब आप की है डालिये मेरी चूत मैं अपना लंड आआह्ह्ह्ह चोद डालिये मुझे मेरे पापा के बारे में सोच रही थी कि जैसे मेरी चूत मैं उंगली अंदर बाहर हो रही है वैसे ही पापा का मोटा लंड मेरी चूत मैं गचा गच अंदर बाहर होगा.
बस मैं पापा के लंड के बारे में सोचती हूं तेजी से अपनी उगली अपनी चूत में अंदर बाहर करने लगी अब मेरे झड़ने के बहुत करीब पहुंच चुकी थी।सच कहु मुझे उस रात पहली बार इतना मजा आया कि खुद ही शर्मा कर अपना मुँह तकिया मैं छुपा कर सो गई। मेरे अंदर ही अंदर बहुत खुश थी पापा (यानी मेरे होने वाले पति) का लंड इतना लंबा और मोटा था.
और कोई भी ऐसा मर्द बन सकता है जो अपने आप को भाग्यशाली समझेगी यही हाल अब मेरा था। मैं ता पापा को अपनी आंख मैं बसाए निंद मैं चली गई. सुबह मैं उठी और जल्दी से दोनों बच्चों को स्कूल के लिए तैयार किया तो रिंकी जिद करने लगी मम्माफुम्हे स्कूल छोड़ कर आये। मुझे घर का बहुत काम था.
तो मैंने उसको बहुत समझने की कोशिश की आज वो चली जाए पर जिद पर आदि रही तो मैंने हमसे पूछा क्या वो पापा के साथ गाड़ी में चली जाएगी तो वो बोली हा तो मैंने बहार से ही पापा को आवाज लगाई अज़ी सुनते हो (पापा अभी उठे नहीं क्योंकि उनको देर से उठने की आदत थी) लेकिन पापा ने कोई जवाब नहीं दिया.
तो मेरे पापा के कमरे में उनको उठ गई और पापा के बिस्तर के पास खड़ी हो बोली मैंने कहा अज़ी सुनते हो तो इस बार पापा ने अपनी आँखे खोली और कहा क्याहै तो मैंने कहा उठ कर बच्चों को स्कूल छोड़ आओ तो पापा बोले यार क्यू उठ रही हो चले जायेंगे ना वैन से तो मैंने नहींअपाज उनको चोद कर आयी.
तो पापा उठे बोले यार सुबह सुबह तंग कर रही हो कहा ना चले जाएंगे वो वैन से तो मैंने कहा मुझे कुछ नहीं सुनना आपको कहा ना मैंने जल्दी से कपड़े पहन कर बच्चों को स्कूल छोड़ दिया। पापाभीयाब आगे कुछ नहीं बोले और हाथ मेरी बगल में डाल कर प्यार से मुझे देखते हुए बोले, जो हुकम सरकार हम तो आपके दास ही कैसे, एक और हुकम ताल ही।
पापा की इस हरकत पर मैं मुस्कुरा कर बोली क्या आपभी जल्दी बाहर आई बच्चों को देर हो रही हैहै और बाहर चली आई अब मेरे पापा के साथ बिल्कुल वासे ही व्यवहार कर रही थी जैसा कि पत्नी अपने पति के साथ करती है यानी के उन पर हुकम चलने का। पता नहीं आज मुझे ऐसा लगने लगा कि अब ये घर मेरा ही है और इस घर की हर चीज़ मेरी ही है।
पापा दोनों बच्चों को घर से निकलने दो और फिर से घर के काम लग गई तो मुझे ध्यान आया कि क्यों ना पहले मैं पापा का कमरा ठीक कर दूं पापा के बिस्तर जैसे ही मैं ठीक करने लगी तो बिस्तर पर आजभ्यूसी जगह पर पापा का बिस्तर खत्म हो गया था पता नहीं आज पापा का बिस्तर देख मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई और मैंने वही खड़े ढेर से कहा इनसे जराभीसाबर नहीं होता कैसे बरबाद कर रहेहै.
और मुस्कुराते हुए पापा का बच्चे ठीक करने लगे तो तभी पापा का मोबाइल बजने लगा तो मैंने उठाया तो वो बुआ का था बुआ मुझसे पूछने लगी भाभी भैया कहा तो मैंने कहा दीदी ये बच्चों को पढ़ने स्कूल गए ही तो बुआ मुझसे हंसी ठिठोली करते बोली भाभी क्या बात है कभी से भैया को अपने इशारों पर नाचने लगी तो मैंने कहा क्या दीदी अभी वो रिंकी जिद कर रही थी इसलिए फिर ऐसे ही बात करने लगी।
मैं सेक्स के मामले में इतना जानती नहीं थी। और मैं किसी से ज्यादा पूछ नहीं सकती थी, ऐसे में मेरे पास सिर्फ बुआ का ही सहारा था, जिनसे मैं कुछ पूछ सकती थी। मैंने पापा के लंड को पहले सिर्फ बच्चों की नूनी ही देखी थी और मैं सोचती थी कि हर मर्द के पास इतनी ही नूनी होती है.
पर मुझे क्या पता था कि मर्दो के पास छोटी सी लुल्ली नहीं लुल्ला होताहै और पापा का लौड़ा देख कर मुझे डर लगने लगा था कि इतना बड़ा लौड़ा भला मेरे अंदर घुसेगा कैसे। मुझे तो एसा लगने लगाकी श पापा का ही इतना बड़ा होगा बाकी मर्दों का छोटा होगा तो मैंने धीरे से बुआ से कहा दीदी यापसे एक बात पूछो तो बुआ ने कहा हा भाभी पूछो।
मुझे: दीदी क्या सबका बड़ा है.
बुआ: क्या बड़ा होता हैहै भाभी.
मुझे: दीदी वही.
बुआ: अच्छा वो भाभी तुम ने किस का देख लिया कहीं ऐसा तो भैया ने दिखा दिया हो.
मुझे: शर्मा क्या दीदी ऐसा कुछ नहींहै वो बस मैं आई ऐसे ही पूछ रही थी मैंने सुना ही कि मर्दो का बड़ा होता ही क्या लड़की कैसे इतना बड़ा ले सकती है.
बुआ : बताओ भाभी क्या हुआ खुल कर बताओ.
तो मैंने बुआ को कहा दीदी रात को जब मैं उनके कमरे के बाहर से निकल रही थी तब मैंने देखा ये अंदर अपना निकल कर हिला रहे थे मसल रहे थे.
बुआ: अच्छा ये बात ही लगती है भैया अपने हथियार को तेज़ कर रहे हैं उन्हें पता ही है ना इस बार मुकाबला ज़बरदस्त पहलवान से ही। भाभी अबआपको ज्यादा मेहनत करनी होगी भैया से खुशी जो लड़ी ही.
मैं : क्या दीदी आप भीना अब मैं भी इथोदा खुल गई थी पता ही रात को ताकि अपने नीचे किए जा सके पता नहीं क्या क्या कर रहे हो.
बुआ: मुझे चेडते हुए अरे भाभी तुम्हें सिखा रहे हैं कि कोन सी पोजीशन वो इस्तेमाल करेंगी सीख लो भाभी अभी तो भाभी तकिए को नीचे ले कर रहे थे जान लो वो तकिये को नहीं बल्कि तुम्हें और कुछ दिनों के बाद तकिये की जगह तुम होगी और भैया तुम प्रति चैडे होंगे.
मैं : हंसते हुए दीदी आप नहीं सुधरोगी, दीदी बताओ ना क्या इतना बड़ा अंदर चला जाता है.
बुआ: भाभी मर्दो का जितना बड़ा होता ही हमें उतना ही ज्यादा मजा आता है। और रही बात अंदर लेने की देखने एक बारापैंदर ले लोगी ना तो फिर निकलेंगी ही नहीं दोगी बुआ की इस बात पर मेरी शर्मा गई और तभी मुझे पापा की आवाज सुनाई दी तो मैंने जल्दी से बुआ से कहा दीदी बाद में बात करूंगी ये आ गई और फ़ोन रख दिया. पापा मेरे पास आये और मुझसे बोले, निशीचलो कहीं घुमने चलते और तुम्हारे साथ कुछ ले लेंगे.
मैने भी मुस्कारा कर पापा को अपनी हमी भर दी और अब पापा मेरे साथ अकेले घुमने का मजा लेना चाहते थे। मैं तयार होने के लिए अपने कमरे में चली गई लेकिन फिर मुझे ध्यान आया कि क्यों ना मैं पापा की पसंद की कपडे पहनूं उनको अच्छा लगेगा तो मैंने पापा से पूछा कि क्या पहनूं तो पापा ने मेरी लिए लाल साड़ी चुनी तभी पापा मुझसे बोला निशीपूजा से तुम्हारी बात हुई.
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मैं : जी.
पापा: पूजा ने तुम्हें कुछ बताया.
मैं : किस बारे में मेरी दीदी ने बताया था.
पापा: किसी तारीख के बारे में.
मैं : (मेरी जान गई कि पापा कोन सी तारीख के बारे में मुझसे पूछ रहे हैं) मेरे पास से आंखे नीचे की बोली जी दीदी ने बताया था 11 दिसंबर। शर्म से मेरा बुरा हाल था पापा मेरी और देख कर मुस्कुरा रहे थे और फिर बाहर चले गए। मैंने पापा की पसंद की हुई लाल रंग की साड़ी पहनी और अपने बालों को खुला चोद दिया।
मैं जानती थी पापा को मेरे खुले बाल बहुत अच्छे लगते थे.. मेरी बहार आई तो पापा मेरी और ही देखने लगे तो माई पापा की और देख कर मुस्कुराती बोली ऐसे ही देखते रहेंगे या फिर चलना तो पापा मुस्कुरा पड़े और जैसे ही हम चलने लगे तो पापा बोले निशी थोड़े पैसे अपना पर्स मैं रख लेना तो मैंने पूछा कितने तो पापा बोला सरकार जितना आपका दिल चाहे आखिर शॉपिंग आप ही करें।
हम तो नौकर ही जनाबापके। हमारी क्या मजाल जो मालकिन से ये पूछे कि बदतमीजी कर सके। पापा की बात पर मेरा चेहरा लाल हो गया तो मैंने कहा बाटे बनाना कोई आप से सीखे फिर मैंने अलमारी से 50000 रुपये लिए और पापा के साथ घूमने और शॉपिंग करने चल पड़ी। पापा गाड़ी को सहर के बहार एक सुनसान जगह पर ला कर रोक दिया वहा एक पुराना सा किला था।
और वहा मुझे कोई दिखाइ भी नाही दे रहा था। मेरी धड़कन तेज हो गई, कहीं मेरी चूत का उद्गतन यहीं नहीं, बल्कि न हो जाए। मैं नहीं चाहती ऐसी कोई अंजान जगह पर मेरी चूत का उद्गतन हो मैं तो अपनी चूत का उद्गतन अपने सुहाग की सेज पर करना चाहती थी। मेरी तमन्ना तो यही है कि मेरा साजन यानि पापा मुझसे शादी करके अपने कमरे में मुझे प्यार करे मेरी चूत को अपना मसल लंड से खोले।
प्रति में ये सोचने पर मजबूर थी पापा आख़िर मुझे यहाँ क्यू लाये। पापा ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे किले की और ले जाने लगे तो मुझे मेरा हक सही लगने लगा कि कहा पापा मुझे यहां चोदने के लिए ही लाएहै पर फिर मेरा दिल बोला अरे नहीं पापा तुम्हें यहां छोड़ने के लिए कैसे ला सकते हैं. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अगर उनको मुझे चोदना ही होता तो वो मुझे घर पर भी चोद सकते थे मैं कहा इंकार नहीं कर सकती थी, और अब मुझे उनहे चोदना ही है तो मैंने अपने मन से कहा जो अगर वो मुझे यहाँ चोदने लाये तोहै तो कोई बात नहीं जो होगा देखा जाएगा यहीं सोच कर मैं उनके साथ किले के और चल पड़ी.
ये सब सोचते सोचते पापा ने कहा निशीमैं यहां तुम्हारी फोटो खींचने के लिए लाया हूं। मैंने कहा ये तो आप घर पर भी हैं। उन्हें कहा बीच जंगल में और बाहर की हरियाली में फोटो अच्छी आएगी। पापा की बात सुन मैं हल्के से मुस्कुरा पड़ी और पापा के साथ चलने लगी तो पापा ने मेरा हाथ पकड़ लिया मुझे ऐसा लगा मानो.
मैंने कोई बिजली की तार को पकड़ लिया ही इस तरह मेरे बदन को झटका लगा पर मैंने अपने हाथ को पापा के हाथ से छोड़ा नहीं और उनका हाथ पकड़ा ही चलने लगी कि तभी पापा ने अपना हाथ मेरी कमर पर रख दिया पापा का हाथ अपने कमर पर कर मेरे बदन मैं बिजिया कुंडने लगी मैं पापा का हाथ अपने कमर से हटभीकाइसेस इसलिए थी.
क्योंकि अब उन का मुझे अधिकार पर था मैं चुप कड़ी रही मेरी सांसें और भी तेज चलने लगीं मैं पापा के साथ चल रही थी कि पापा ने मेरा हाथ पकड़ लिया पापा के द्वारा मेरा हाथ पकड़ने से मुझे मेरे बदन पर करंट लगने लगा। मेरी सांसें तेजी से चलने लगीं कि कहीं मेरा सोचना सच ही नहीं कि पापा सच है कि मैं मुझे इस वीराने में ला कर मुझे चोदना तो नहीं चाहता.
लेकिन ये सोचने लगी अगर सच में पापा मुझे चोदने लगे तो मैं कैसे उनको रोक पाऊंगी। मैंने धड़कते दिल से पापा से पूछा हम यहां क्यों आयेहै तो पापा मेरे कान मैं बोले, क्यों डर लग रहा है मैं पापा को क्या जवाब देती थी धीरे से बोली, जबाब साथ ही तो फिर मुझे किस बात का डर.
पापा : याहा मैं तुम्हारे कुछ होतो लेने ही तो मैंने पूछा मेरे फोटो वो क्यू अगर फोटो लेने ही हो तो घर परभले ही तो पापा बोले बीच जंगल में और बाहर की हरियाली में फोटो अच्छी आएगी मैं तुम्हारी तस्वीर को अपना दिल मैं संभाल कर रखना चाहता हूं और पापा बड़े प्यार से मेरे करीब आ कर बोले अगर तुम्हारी इज्जत हो तो पापा के इस तरह कहने पर हल्के से मुस्कुरा पड़ी।
मैं एक दीवार के सहारे पीठ टिका कर खड़ी हो गई मैंने मेहसूस किया पापा की नजर मेर क्लीवेज पर मेरी चुचियों पर थी। पापा मेरे बिल्कुल करीब खड़े थे उनको ने अपनी एक टांग मेरी टांग के बीच रख कर मेरी एक लट जो मेरे गालों को छू रही थी उसको नफरत बोले निशी कितनी प्यारी खूबसूरत और हसीन हो।
किसी भी आदमी को तुम से प्यार हो सकता है ही मैं कितना खुश किस्मत हूं जो तुम मुझे मिली.. पापा के इस तरह मेरी तारीफ करने पर मेरा चेहरा लाल हो गया और मैंने शर्म से अपने दोनों जोड़े को आपस में जोड़ा तो पापा की टांगभीमेरी जांघों के बीच दब गई.और मैंने आंखे नीची करते शर्मते हुए कहा कितना झूठ बोलतेहै नाहै मैं इतनी खूबसूरत हूं और नाहै इतनी हसीन..
पापा अपने हाथों को मेरे गालों पर फिराते हुए मेरी और देख कर बोले मेरी जान मेरी नजर से देखो फिर तुम्हें पता चले कि तुम क्या चीज हो। इस तरह दीवानगी से मेरी तारीफ सुन मैं बुरी तरह से शर्मा रही थी और बात को घुमाते पापा से बोली वाह चले और पापा को बाहर एक आम के पेड़ की और इशारा किया और जल्दी से बिना कुछ कहे वंहा की और चल दी।
फिर पापा मेरी पिक क्लिक करने लगे और मुझे पोज बना कर खड़ी होने को कहा मैं पापा के कहे अनुसर पोज दे रही और पापा मेरी पिक क्लिक कर रहे थे। फिर पापा ने कैमरा एक स्टैंड पर रख केर ऑटो मॉड पर रख दिया। फिर पापा मेरे पास एकर मुझे बहो मैं भार कर अपने नज़दीक कर लिया। पापा मुझे अपनी बहो मैं भरे मेरी आँखे मैं आँखे डाल कर देखने लगे.
पापा की गरम सांसे मुझे अपने चेहरे पर महसुस हो रही थी मेरी सांसेभीपापा के इस तरह से मुझे बहो मैं भरने से तेज चल रही थी हम दोनों की गरम सांसें एक दूसरे की तरह चेहरे से टकरा कर एक दूसरे को और भी बहुत पसंद कर रही थी पापा मुझे अपनी बहो मैं जकदे हुए थे और वहा कैमरा अपना काम कर रहा था।
मेरे पापा की आंखें मुझे देखते प्यार से मुस्कुराती बोली, चोदिया ना कोई आ जाएगा लगता ही आजापने सुबह-सुबह ही पी ली आपको नशा हो गया। पापा मुझे औरभीकास कर अपनी बहो मैं भारत अपनी आँखे मेरी आँखो मैं डाले बोले, सच कह रही हो मुझे नशा हो गया ही तुम्हारी नशीली आँखों में कोई बार देख कर तो उसे नशा हो जाए।
इतना नशा ही तुम्हारी इन आँखों में बस अब यहीं दिल करता ही दिन रात इन्ही नसीली आँखों से पीता रहु। पापा के मुँह ये सुन कर मैंने शर्म से अपना सर पापा के सीने पर रख दिया मुझे पापा का खड़ा लंड अपनी चूत पर फील हो रहा था रात को मैंने पापा का लंड देखा था और आज पापा का लंड अपनी चूत पर फील कर रही थी.
पापा ने कई पोज में मेरे साथ फोटो खींची जैसे कोई अपनी बीवी के साथ खिंचता ही कभी मुझे बहो मैं ले कर और कभी मेरी कमर मैं हाथ डाल कर और कभी मुझे पीछे से जकड़ कर। मैंने नोटिस किया कि पापा का लंड मेरे साथ पिक्चर खिचवाते खड़ा ही था और मैंने पापा के लंड को आज अपने लंड को दर्द से महसूस कराया था फिर कैमरे को गाड़ी में रखके वापस ले लिया।
फिर उन्हें अपनी जेब से एक छोटा सा बॉक्स निकला और उसमें एक अंगुठी थी। और किसी मजनू की तरह मेरा हाथ पकड़ मुझे अंगुठी पहन दी और मेरी आंखें देखते हुए कहने लगे जान आई लव यू। अचानक ये सब हो जाने के बाद मैं एक दम से शर्मा गई और अंदर की तरफ भाग गई। पापा भी पीछे-पीछे आ गए और मुझसे पीछे से पकड़ कर अपनी तरफ कर लिया और बोले निशी आई लव यू अब मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता।
मुझे तुम्हारी ज़रूरत ही बिना बीवी के मैं नहीं रह सकता। पापा ने मुझे पीछे से जकड़ रखा था और उनका मस्त लंड मेरे चूतडो पर टच कर रहा था मैं तो शर्म से कुछ बोल नहीं पा रही थी कुछ देर इसी तरह मुझे फंसाए रहे फिर पापा ने मुझे घुमाया और मेरा चेहरा अपने हाथो मैं लिया तो शर्म से मैंने अपनी आंखे झुका ली।
मेरी धड़कन तेज चलने लगी मुझे कुछ बोल पाती पापा ने तेजी से अपने होठों से को मेरे होठों पर रख कर चूम लिया। पापा की इस हरकत पर में चौंक गई और बहो से निकल कर शरमाते बोली, “ये क्या कर रहे हैं? कोई देख लेगा। ऐसे खुले में पापा के द्वार चूमने पर में घबरा गई थी पापा मेरी और देखते बोले यहां आओ ना निशी.
तो मैंने ना मैं सर हिला दिया तो पापा मेरा हाथ पकड़ कर मुझे पेड़ के पीछे बने पेड़ के बड़े से झुंड के बीच ले गए। तकरीबन 15-16 सफेदे के सीधे लंबे और मोटे पेड़ एक साथ थोड़े से उसके पास लगे जो सुरक्षितो के सामने थे। पापा ने मुझे एक पेड़ से सता दिया।”यहां से तो हमें कोई नहीं देखेगा ना?” अभी इतना कहा था कि पापा ने ऐसे खड़े हुए, मुझे अपने ऊपर खींच लिया मेरे गालों को चूमने के बाद मेरे नाज़ुक होठों को चूमने लगे।
हम दोनों किसी लैला मजनू की तरह दुनिया भूला कर एक दूसरे का मुखरस पीने लगे। जब सांस उखाड़ने लगी तो हम दोनों अलग हुए। मैं तो शर्म से पापा से आंख ही नहीं मिल पा रही थी पापा मेरे मान की बात समझ गए और हम घर की और चलने लगे मैं आंखे नीचे किया पापा के साथ वापस चलने के लिए गाड़ी मैं आ कर उनके साथ आगे की सीट पर बैठ गई.
हम रोज़ कुछ-कुछ शॉपिंग करते थे और अभी बच्चों के स्कूल में आने के लिए कुछ समय था तो पापा और मैं वहां से शॉपिंग के लिए निकल पड़े। अब तक मेरी सिंपल ब्रा और पैंटी ही पहनती थी पर अब मेरी शादी होने वाली थी और हर पति चाहता था कि उसकी बीवी रोज उसके लिए सजे सेक्सी सेक्सी कपड़े पहने और यहीं पापाभीचाते थे.
इसलिए वो चाहते थे कि शादी के बाद मि भी सेक्सी ब्रा पैंटी पहनूं तो वो मुझे सेक्सी ब्रा और पैंटी की दुकान पर ले आए वंहा पापा ने मुझे सेक्सी ब्रा और पैंटी सिलेक्ट करने को कहा पापा के सामने शर्म से तो मेरी हिम्मत ही नहीं हो रही थी तो मैंने उनको सेलेक्ट करने को बोल दिया तो पापा ने मुझे मेरा साइज बताया पूछा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
तो मैंने धीरे से शरमाते हुए उनको अपना साइज 32 बता दिया तो पापा ने मेरे लिए अलग अलग रंगो की ब्रा और थोंग के सेट ले लिए। पेट देख कर मुझे तो बड़ी शर्म आ रही थी क्यूकी इस मैं सिर्फ आगे की तरफ ही चूत को ढकने के लिए थोड़ा सा कपड़ा था जबकी पीछे सिर्फ एक दौर थी जो कि गांड में फंसी रहती थी।
और सब से बड़ी बात कुछ सेट के ऊपर लिखा था ‘फक मी’ यानी चोदो मुझे और कुछ पर ‘किस मी’ यानी यहां पर चुमो चाटो पापा को मेरे लिए ये सब लेते देख जहां मुझे मन ही मन एक्साइटमेंट हो रही वही शर्म भी आ रही थी तो मैंने धीरे से पापा से कहा ये क्या इसको कोई पूछता है क्या तो पापा मुझसे कहते हुए बोले, क्यों नहीं तुमने फिल्मो मैं देखा, वहा ऐसी ही देखी तो मैंने कहा ये नहीं देखा.
तो पापा मेरी कमर मैं हाथ डाल कर मुझसे मेरे कान मैं बोले, अच्छा कोई बात नहीं आज तुम्हें दिखा डूंगा मेरे तो गाल लाल हो गए पर मैंने भी पापा की बात के जवाब में कहा अब आप को ऐसे उनको देखने नहीं दूंगी। मेरी बात सुनते पापा अपना हाथ मेरी पीठ कर रख कर सहलते हुए बोले अब उनको क्यों देखूंगा जिसकी इतनी सुंदर बीवी हो वो तो उसे ही देखेगा मैं पापा की इस बात पर बुरी तरह से शर्मा गई।
अब पापा को मन से अपना पति मान चुकी थी बस अब तन से पापा को अपना पति बनाना था और अब वह दिन भी बहुत दूर नहीं था। तभी मैंने देखा पापा की नज़र बार-बार दूसरी तरफ़ तांगी हुई सेक्सी सी रेड क्लॉर की नाइटी प्रति पैड रही थी पर मुझसे कुछ कह नहीं रहे थे वो कहते थे ये सोच रहे होंगे मैं एएसआई नाइटी उनके सामने पहनी गी या नहीं क्यूकी मैंने आज तक मम्मी को कभी इस तरह की नाइटी पहनी कभी देखी नहीं थी.
पर पापा बहुतहै हसरत भारी नजरो से हमें नाइटी देख रहे थे तो मैं पापा के मन की बात को समझकर ढेर से बोली वो नाइटी देखिये ना कितनी सुंदरहै तो पापा खुश हो गए और बोले तुम्हें पसंद ही तो मैंने हा मैं सर हिला दिया और धीरे से कहा जी वो नाइटी मैं रात को थोड़ा आसान रहताहै तो पापा मुस्कुराते हुए बोले ये तो सही ही रात को नाइटी मैं कम्फर्टेबल भी हूं,है पापा ने मेरे लिए वो नाइटी और कुछ उसी तरह की सेक्सी नाइटी.
बी मेरे लिए ली. मेरे लिए कपड़ो की शॉपिंग करने के बाद पापा बोले, निशीहमें अपने बेडरूम का बेडभीचेंज करवाना है, मैं सोचता हूं कि मेरा ट्रांसफर हो जाएगा तो क्यों ना हम नया बेड वहीं जा कर लें। मैं मम्मी के बेड पर पापा के साथ सुहागरात नहीं मनाना चाहती थी तो मैं थोड़ा उखड़े मूड में हूं बोली, जैसा आप ठीक समझे वही चल कर ले लेंगे नया बिस्तर और फिर वही सुहागरात मनाएंगे।
सुहागरात वाह माने की बात सुन कर पापा, यार ये क्या बात हुई, इतने दिनों बाद मैं, ठीक है अगर आप यहीं हमारी सुहागरात मनाना चाहते हैं तो हम जमीन पर अपने सुहाग की सेज सजा लेंगे पर मां के बिस्तर पर सुहागरात नहीं मनाएंगे पापा, जो आज्ञा सरकार पर अपने बिस्तर पर तो होगी ना तो मुस्करा पापा के सीने से लग गई बच्चों के आने का समय होने वाला था तो हम फिर घर वापस आ गए.
जैसे ही घर पहुंचें तब भी दोनों बचेभीया गए और मेरे घर के कामो मिल गए पापा जिनको किसी का फोन आया तो पापा उन्हें मिलने के लिए घर से निकल पड़े।आज मैं पूरी तरह से अपने आप को पापा को अपना मान चुकी थी यह घर की हर चीज़ मुझे अपनी लग रही थी और ऐसा लग रहा था कि मैं इस घर की मालकिन हूं और इस घर की हर चीज़ के साथ.
पापा और बचेभीमेरे हो अब मेरे घर की हर चीज़ को अपने तरीके से रख रही थी कि मेरे हाथ मैं पापा और मम्मी की एल्बम आ गई आज पता नहीं पापा को मम्मी के साथ खड़ी देख कर मुझे बिलकुलभीचा नहीं लग रहा था मुझे आज पापा के साथ खड़ी मम्मी मेरी मां नहीं बल्कि मुझे अपनी सौतन लग रही थी और ये सचभीथा की मेरी मम्मी अब मेरी सौतनहै थी.
मुझे इतना बुरा लग रहा था कि कोई दूसरी औरत मेरे पापा यानी मेरे होने वाले पति के साथ खड़ी हो अब उनके साथ खड़ी होने का हक सिर्फ मुझे था और मैंने पापा और मम्मी के साथ वाली सब तस्वीर जला दी। मैंने रात के लिए डिनर तयार किया तब तक पापभीया चुके थे.
पापा अपना कमरा मैं द मैं पापा के रूम मैं उनको बुलाने गई तो मेरे बोलने से पहले ही पापा मुझसे पूछने लगे, निशीतुमने वो सब पहन कर देख लिया साइज़ तो ठीक ही तो मैं शर्मा कर धीरे से बोली क्या अपभीना तो पापा फिर से पूछने लगे में तो ये पूछ रहा है कि कहीं उनका साइज़ छोटा या बड़ा तो नहीं एक बार ट्राई कर लेती तो मैं शर्मा कर बोली कर लुंगी।
पापा शायद मुझे वो पहने हुए देखना चाहते थे प्रति शायद वो झिझक रहे थे मुझे ये कहने मैं वैसे मेरा दिल यहीं कर रहा था कि मैं ये सब पहन कर पापा को दिखाउ पर अब कुछ दीनो की ही बात थी मुझे ये सब पहन कर पापा को ही दिखाना था कि मैं पापा के सामने खड़ी नहीं हो पा रही थी और शर्म से जल्दी से वहां जाना चाहती थी। तो पापा से बोली आपजल्दी आ जाइए खाना तयार ही।
पापा बोला बस आता हूं मैं जानती थी कि पापा अब पान बैठ जाएंगे तो मैंने पापा की आंखें मेरी देख कर कहा कम ही पीना ज्यादा पाइन सीपको नशा हो जाएगा और जैसे ही मुड़ने लगी पापा ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे खींच लिया और मेरे चेहरे को अपने हाथ से उठा कर मेरी आंखो में आंख डाल कर मुस्कुराओ बोले
सराकर नशा कमबख़्त इस बोतल मैं कहा नशा तो मेरी जान की झील सी गहरी आंखें मैं है, जान तुम इन आंखों से पिला दो तो पापा की ये रोमांटिक बात सुन कर मैं शर्म से ना मैं सर हिला देने लगी. मी पापा की बातो मैं समा गई और शर्मटे बोली हांआप क्या कर रहे हैंहै बच्चे आ जाएंगे पापा के लिए.
मेरी जान तुम क्या किसी नशे से कम हो बस मेरी जान इसी तरह तुम आंखों से पिलाती रहो नशा तो मुझे ऐसे ही हो जाएगा। और पापा ने अपने होठों को मेरे होठों की ओर बढ़ाया और अपने होठों को मेरे होठों पर रख दिया और मेरे होठों का रस चूसने लगे मेरे होठों को चूसे पापा बोले मेरी जान कितना नशाहै तुम्हारे अंदर रसीले होठों पर बस इसी नशे में डूबा रहना चाहता हूं.
मेरे पापा से अलग हुई तो उनसे नजर नहीं मिल रही थी जबकी पापा मेरी और देख कर शरारत से अपने होठों पर जिभ फिर रहे थे मिभीमुस्करा कर उनकी और देखा तो पापा अपने दिल पर हाथ रख कर लंबी सांस लेते हुए प्यार से बोले,है मेरी जान तुम्हारी ये अदा कसम से जान ही ले लेगी आंखो के एक बाण से घायल कर दिया.
मैं भी थोड़ा पापा के साथ रोमांटिक मूड में आ गई थी चलती हुई दरवाजे के पास कर पीछे मुड़कर पापा की और देख कर हाथ के इशारे से बुला कर अब आप आ जाएंगे क्योंकि अभी इस तरह से कुछ नहीं मिलने वाला है
मैं शर्म से जल्दी से भाग कर बाहर आ गई। बहार आ कर मैं डिनर को टेबल पर लगा दिया पापा और बच्चे डिनर कर रहे थे और जब मेरी नज़र पापा की नजरों से मिलती थी.
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तो मैं अपनी आंखे झुका लेती थी तो पापा मुस्कुरा कर अपने होठों को गोल करके ऐसा जैसा मुझे चूमने का इशारा कर रहे थे आँखो को पापा की आँखो में डाल कर ये बताने की कोशिश करने लगी कि क्या कर रही है बच्चे पास बैठे है लेकिन पापा थे कि बार बार अपने होठों को गोल घुमा कर मुझे किस के लिए मना रहे थे तो अब मैं जवाब मैं मुस्कुराते हुए ना मैं सर हिलाने लगी
और अपनी जीभ निकाल कर अपने होठों पर फिराते मानो अभी भी मेरे होठों का स्वाद ले रहे हो। मैं किचन मैं बर्तन रखने गई तो पापा भी मेरे पीछे पीछे किचन मैं आ गए पापा को किचन मैं अपने पीछे आते थे मेरी सांसे और भी तेज चलने लगी मैं जानती थी कि पापा किचन मैं क्यू आएहै.
पापा ने किचन मैं आते ही अपने दोनों हाथ मेरी कमर पर रख कर अपनी और खिंचने लगे तो मेरी पतंग से बंधी दौर की और उनकी और खिंची चली गई तो पापा ने अपने दोनों हाथ मेरी कमर में डाल कर मुझे अपने से चिपका लिया मैं शर्म से पापा की बहन से निकल गई.
मैं : क्या कर रहे बच्चे आ जायेंगे.
पापा भी आगे आ कर मेरे कानों के झुमके को छेड़ते हुए कुछ भी तो नहीं कर रहा.
मैं : जाइए ना बहार रिंकी ना जाएगी और मुड़ कर पापा की और देख मुस्कुराने लगी.
पापा: निशीअब एक पल भी तुमारे बिना रहा नहीं जाता तुमने तो मुझे जादू कर दिया ही जादूगरनी हो तुम.
कोईप्रेमी पति अपनी प्रेमिका अपनी पत्नी की ऐसी तारीफ करे तो किसे अच्छा नहीं लगता उस लड़की को अपनी सुंदरता अपनी जवानी पर और घमंड हो जाता है पापा की बात सुन कर मैं अदा से मुस्कुराती हूं चलिए अब बहुत कहानी पढ़ ली अब मैं अगले पार्ट 3 में आगे बताऊंगी कि फिर क्या हुआ अगर आपको कहानी पसंद आई तो एक कमेंट जरुर करिए…