Randi Payal Ki Kahani
हेलो दोस्तो, मेरा नाम है पायल, आज में आप सबको अपनी जीवन घटी इस घटना के बारे में बताने जा रही हूं जिसे सुनने के बाद आप मेरा नाम लेकर अपनी लंड को सहलाने लग जायेंगे। दोस्तो आपकी जानकारी के लिये बता दूं में बचपन से काफी कामुक रही हूं। मैंने अब तक 5000 से ज़्यादा मर्दों के साथ जवानी का मजा ले चुकी हूं। Randi Payal Ki Kahani
में 42 साल की हो चुकी हूं लेकिन कोई भी देख कर नहीं मानता है कि में 42 साल की हूँ। मेरा जिस्म अब ऐसा बन चूका है कि जिससे देख कर कोई भी मर्द खुद पर काबू नहीं रख सकता है। ख़ैर आज में आपको आज में आपके चुदाई का एक किस्सा बताने जा रही हूं जो कि मेरी सहेली की शादी में जाने से पहले ट्रैन में सफर करने के समय हुआ।
दरअसल दोस्तो ये घटना आज से 8 साल पहले घटी थी मेरे साथ जब में 34 साल की थी। मेरी सहेली मीना( बदला हुआ नाम ) मेरे ही पड़ोस में रहती थी, वो शायद मांगलिक थी जिस वजह से उसकी शादी देरी से हो रही थी। खैर उसकी शादी की बात मुझे नवम्बर महीने पता चली थी कि उसकी शादी दिसम्बर में है और मुझे जरूर आना है।
मे भी तैयार हो गयी की सहेली की शादी में सब पुराने दोस्त मिल जायेंगे। लेकिन मेरी सहेली की शादी दूसरे शहर में थी जिस कारण से मुझे ट्रैन से जाना पड़ गया। मैंने एसी क्लास की टिकट बुक की थी जिस वजह से मेरा रूम अलग था। दिसंबर के महीने शायद कुछ लड़के सर्दियों की छुट्टी के लेकर अपने घर जा रहे थे।
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मेरा सफर करीब 8 घंटे का था जिस वजह से मे सोने चली गयी लेकिन 20 मिनट बाद मेरी नींद खुल गयी क्योंकि मेरे केबिन के बाहर कुछ लोग खड़े थे। मैंने ध्यान से उनकी बात सुनी तो पता चला कि इन लड़को के पास ट्रैन का रिज़र्वेशन नहीं था जिस कारण से ये लोग परेशान थे कि कही टीटी इन्हें पकड़ ना ले।
अब दोस्तो में 8 घंटे का अकेला सफर करने वाली थी और अब सबको पता है कि में कितनी बड़ी लैंडखोर तो भला ये मौका में अपने हाथ से कैसे जाने देती। मैंने टाइट सलवार और चुस्त लेगीस पहनी थी जिस वजह से में काफी हॉट लग रही थी। मैंने अपना केबिन गेट खोला और उनसे पूछा कि शोर क्यों कर रहे हो।
तब उनमें से एक लड़के ने बताया कि उनके पास रिज़र्वेशन नहीं है जिस कारण से परेशान है। मैं उनकी परेशानी समझ गयी और उंन्हे कहाँ मेरी केबिन पर आ जाओ। वो लोग भी मान गये। आपकी जानकारी के लिये बता दूं कि मेरी केबिन पर सिर्फ दो लोगो के रहने की जगह थी, लेकिन ये चार लोग थे। में उनके बैठने की व्यवस्था की ताकि वो लोग आराम से सफर कर सके। मैंने उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने अपना नाम सचिन, सूरज, रमेश, राजेश बताया।
में – तो कहाँ जा रहे है हो आप सब.
सचिन – मेम हम लोग तो अपने गांव जा रहे है क्योंकि सर्दी की छुट्टियां मिली है।
में – ठीक है पर तुम लोगो कौनसे स्टेशन पर उतारोगे।
सूरज – दिल्ली में।
में – ठीक है लेकिन।
रमेश – मेम धन्यवाद आपका जो आपने हमको अपने केबिन में जगह दे दी।
में- धन्यवाद का में क्या करुंगी? इतना लंबा सफर है मेरी सेवा करो।
चारो ने एक साथ बोला – कैसी सेवा मेम?
में – मेरे शरीर में दर्द है उसकी मालिश कर दो।
रमेश – ठीक है मेम कर देंगे। (हवस भारी मुस्कान के साथ)
में – ठीक अभी बाहर जाओ मुझे चेंज करना है।
चारो उठ कर बाहर आ गये। मैंने अपने सारे कपड़े उतार कर एक नाइटी काले रंग पहन ली। फिर मैंने उनको अपने केबिन के अंदर बुला लिया। अब वो चारो मुझे ध्यान से देख रहे थे। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
में – तुम लोगो ने खाना खा लिया?
राजेश – हां मेम हम लोग खाना खा कर ही चढ़े थे।
में – तो अब क क्या इरादा है।
सूरज – बस मेम आपके पैर की मालिश करना है फिर हम लोग सोयेंगे।
में – ठीक है चलो दबाओ कोई एक मेरा पैर।
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मैं लेट गयी, सूरज ने मेरे पैर की उंगलियों को दबाना शुरू किया जिस वजह से मेरी आँख लग गयी मुझे पता ही नही चला। जब आंख खुली तो सूरज को छोड़कर बाकी उसके दोस्त सो चुके थे लेकिन सूरज अब मेरी पैर की उंगली को अपनी जीभ से चूम रहा था।
मेरी आंख खुलते ही सूरज ने इशारो से आगे बढ़ने की अनुमति मांगी। में तो कब से तैयार थी, मैने तुरंत हां में अपने सर को हिलाया। सुरज को जैसे इशारा मिला उसने केबिन की लाइट बंद कर दी और मेरी नाइटी को जांघ के ऊपर करके मेरी जांघ पर अपनी जीभ घुमा रहा था। उसके इस वार से में पागल हो रही थी।
उसने 5 मिनट तक मेरी जांघ को ऐसे चूमा की मेरी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी। ये बात सूरज भी समझ चुका था लेकिन उसके इरादे मेरी दूध चूसने को थे इसलियें उसने मेरी नाइटी खोल कर मेरे दोनो दूध को चूसने लगा। वो बार-बार मेरे दूध के निप्पल को काट रहा था जिसकी वजह से में और पागल होते जा रही थी।
उसने मेरे निप्पल को इतना किश किया कि वो अब लाल हो चुके थे। लेकिन असली खेल तो अब शुरू होना था। सूरज ने मेरे दोनो पैर अपने कंधे पर रखे और मेरे होंठ को जोर -जोर किस करने लगा। मुझे मजा आ रहा था लेकिन अचानक उसने एक झटका दिया और अपना पूरा लंड मेरे। चूत में डाल दिया।
शुरू में मुझे दर्द हुआ लेकिन बाद में मुझे मजा आने लगा क्योंकि मेरी चूत पूरी तरह से गीली थी। सूरज कभी मेरे होंठ को किस करे तो कभी मेरा दूध चूसे। करीब 5 मिनट की चुदाई के बाद में झड़ गयी लेकिन सूरज अभी भी चोदने में लगा था। अब पूरे केबिन में पच-पच की आवाज आ रही थी। ये आवाज सुनकर बाकी लोग भी जाग गये। उन्होनें केबिन के लाइट जलाई तो देखा कि में नीचे लेती हुई थी और सूरज मेरी चुदाई कर रहा था।
राजेश – क्या बात है सूरज आखिर चोद ही दिया इसे?
सूरज – अभी मुझे चोदने दो, अगर फिर तैयार हुई थी तो तुम लोग चोद लेना।
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राजेश, रमेश और सचिन ने अपना लंड निकाल कर हिलाने लगे। मेरी मुहँ से हंसी निकाल आयी, मैंने तीनो को मना किया। सूरज ने जैसे अपना रस मेरी चूत में निकाला वो किनारे जाकर बैठ गया। अब वो थक चुका था। लेकिन 3 शेर अब 1 शेरनी का सहवास करने के लिये तैयार थे। मैंने उनको एक चादर दी और बोली खिड़की में लगा लो, मैंने फिर समय देखा तो अभी 11:30 ही हुये थे। मैंने तीनो को इशारा किया आओ अब मेरी सेवा करो।
राजेश ने हंसते हुये कहा- मैम अगर आप पहले बता देती तो अब तो 4 से 5 राउंड चुदाई कर दीये होते है।
में – मैंने तो तुम लोगो को बोला था मेरी सेवा करने के लिये लेकिन तुम लोगो को नींद आ रही थी।
सचिन – तो अभी भी देरी नहीं हुई है (सचिन ने आकर मेरी चूत खोली और चाटने लग गया).
मैंने राजेश और रमेश का लंड एक साथ दोनो हाथों में लिया और चूसने लग गयी। हालॉकि ग्रुप सेक्स का ये मेरा पहला अनुभव नहीं था, इससे पहले भी में कई बार ऐसा कर चुकी थी लेकिन आज ट्रैन में ग्रुप सेक्स करने का पहला अनुभव था।
अब सचिन ने मुझे सीधे लेटने को कहां लेकिन राजेश और रमेश नहीं मान रहे थे। क्योंकि जिस तरह से में उनका लंड चाट रही थी मानो उन्हें स्वर्ग मिल गया हो। अब तीनो की लड़ाई शुरू हो गयी क्योंकि कोई भी मजा बिगड़ना नही चाह रहा था।
में – सचिन एक काम करो तुम नीचे लेटा जाओ (सचिन मेरे बात सुनते ही नीचे लेटा गया).
मैं उसके लंड के ऊपर जाकर बैठ गयी। रमेश और राजेश लंड फिरसे मेरे मुंह पर था। लेकिन सचिन काफी जल्दी डिस्चार्ज हो गया क्योंकि वो काफी समय से गरम था। अब में कुतिया बन गयी तो रमेश ने अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया तो राजेश अपना लंड मेरी चूत में। अब मुझे दो लंड को लेने में मुझे बहुत मजा आ रहा था। हट झटके में एक अलग अहसास हो रहा था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
हम तीनों की चुदाई लगभग आधे घंटे चली। इस चुदाई में लगभग 5 बार डिस्चार्ज हो चुकी थी। अब में पूरी नंगी ही अपने सीट पर ले गयी। मैंने करीब 10 मिनट रेस्ट किया तो देखा कि सचिन फिर से चोदने के लिये तैयार था। मैंने उसे बोला कि चल आ जा मेरी चूत में अपने बैट से शतक मार ले।
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मेरी इतनी बात सुनते ही सचिन मुझे पर चढकर गया। इस बार सचिन ने बहुत जबरदस्त तरीके से मेरी चुदाई की। करीब उसने 40 से 45 मिनट तक मेरी चुदाई की और फिर पूरा रस मेरे मुंह पर निकाल दिया। अब रात के करीब 3 बज रहे थे। मैंने करीब 7 से 8 बार इन लोगों से चुदाई करवा चुकी थी। सूरज और सचिन बतो बहुत पहले गहरी में सो चुका था लेकिन रमेश और राजेश जाग रहे थे।
मैं- क्या हुआ तुम दोनो सोये नहीं।
राजेश – अब क्या पता कब आपकी और हमारी मुलाकात होगी मेम। दिल करता है कि आपको जी भर के प्यार कर लो।
में – ठीक है कर लो लेकिन ये मत सोचना की में भुल जाओगी, मेरा व्हाट्सएप नम्बर हमेशा तुम लोगो के पास रहेगा। जब कभी दिल करेगा तो बता कर लेंगे।
इस बात से दोनो बहुत खुश हो गये। अब तीनो गहरी नींद पर सो गये। जब आंख खुली तो उनका स्टेशन आने वाला था। राजेश मेरे पास आये और मेरे लिप्स को किस किया फिर मेरे केबिन से बाहर निकल गया। चारो को मैंने बाहर जाते हुये देखा और पूरी रात की चुदाई भरे पल याद आ रहे थे। खैर अभी तो ये मेरी बुर चुदाई की एक छोटी से दास्तान थी। अभी तो आपके मेरी जीवन मे हुई चुदाई की और कहानी सुनने को मिलेगी, तब तक के लिये विदा लेती हूँ आपकी प्यारी पायल।