Devar Bhabhi Massage Sex
खुबसूरत सेक्सी भाभी चुदाई मेरा नाम मुकुंद है और मेरी उम्र 21 साल है. वैसे दोस्तों मेरा लंड बहुत बड़ा है, लेकिन यह पहले बड़ा नहीं था. इसके बड़े होने का कारण है मेरी किरायेदार भाभी करीना. जिनकी उम्र 28 साल है और उनका बदन इतना गठीला है कि उनको एक बार देखते ही हर किसी का लंड, मेरे लंड की तरह तनकर खड़ा हो जाता है और पेंट का तंबू बन जाता है. Devar Bhabhi Massage Sex
और में अपनी भाभी का सबसे पसंदीदा देवर हूँ और वो हर काम के लिए, मुझे ही याद किया करती है और में उनका एक आज्ञाकारी देवर बनकर उनके सभी काम कर देता हूँ. दोस्तों अब चलो में आप सभी को अपनी कुछ समय पुरानी एक सच्ची घटना की तरफ ले जाता हूँ. जब में थोड़ा छोटा था और में भाभी की हरकतों के बारे में नहीं समझता था और ना ही में सेक्स के बारे में समझता था.
दोस्तों उस समय भाभी की उम्र 24 साल के करीब थी और समीर भैया भी भाभी से बहुत प्यार करते थे क्योंकि भाभी थी ही कुछ ऐसी और में भाभी और भैया दोनों के साथ ही बहुत खुला हुआ था. में कभी भी उनके घर पर आता जाता रहता था और भैया-भाभी दोनों को ही में बहुत अच्छा लगता था.
लेकिन एक रात करीब 12 बजे में अपने दोस्त के पास जा रहा था क्योंकि पिछली रात को उसका एक्सीडेंट हुआ था. तो मैंने उनके कमरे की खुली खिड़की से अंदर की तरफ झांककर देखा कि भाभी अपने गठीले बदन के साथ पलंग पर बिल्कुल नंगी लेटी हुई थी और भैया उनके ऊपर चड़कर उनकी चूत में अपने लंड को ज़ोर ज़ोर से झटके दे रहे थे और वो साथ ही बीयर भी पी रहे थे.
तो में यह सब खेल बड़े मज़े से देख रहा था. मुझे उनकी चूत में अंदर बाहर जाता हुआ लंड साफ साफ दिख रहा था और वो भी भैया को कसकर पकड़े हुई थी और सिसकियाँ ले रही थी. फिर कुछ देर बाद अचानक से भाभी ने मुझे यह सब देखते हुए देख लिया और उन्होंने भैया की छाती पर हाथ रखकर कहा कि रूको.
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तो भैया ने पूछा कि क्या हुआ? भाभी बोली कि कुछ नहीं थोड़ा धीरे धीरे झटके मारो, मुझे दर्द हो रहा है. लेकिन भाभी ने भैया को नहीं बताया कि में भी बाहर खड़ा हुआ खिड़की से देख रहा हूँ और फिर भाभी चुदते हुए मुझे देख रही थी. “Devar Bhabhi Massage Sex”
मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो वो चुद भैया से रही हो, लेकिन महसूस मुझे कर रही हो. तो में थोड़ी ही देर बाद वहां से अपने दोस्त से मिलने चला गया. लेकिन बाईक चलाते हुए पूरे रास्ते में और वापस घर आकर भी में वो सब सोचता रहा और रात भर भी में सोया नहीं, मुझे भाभी की याद आती रही.
कैसे उनकी पतली कमर हर एक झटके के साथ लचक रही थी और वो हर धक्के पर ज़ोर से अपनी गांड को उछालकर भैया के लंड का स्वागत कर रही थी. फिर मैंने रात को 4 बजे भाभी के नाम की मुठ मारी और सो गया. दोस्तों मेरा वीर्य पहली बार इतना ज़्यादा और गाड़ा निकला था.
फिर उसके अगले दिन भाभी, भैया के साथ गाँधी नगर अपनी माँ के घर पर उनकी तबीयत पूछने जा रही थी और भैया को भी वहां पर कुछ काम था तो दोनों ही गाँधी नगर के लिये निकल गए और यह बात सिर्फ़ में ही जानता हूँ कि मेरे वो दो दिन, मेरी प्यारी भाभी को देखे बिना कैसे कटे और मुझे यह भी पता था कि भाभी भी मेरे बिना बहुत बैचेन रही होगी.
भाभी दो दिन बाद ही गाँधी नगर से वापस आ गई और भैया ऑफिस के काम से वहीं पर रुक गये थे और फिर मैंने जैसे ही भाभी के आने की खबर सुनी तो में भागा भागा गया और जाते ही उनके पास खड़ा हो गया और पता नहीं क्या हुआ? भाभी एकदम से मेरे गले लग गई और मैंने भी उन्हे कसकर पकड़ लिया. “Devar Bhabhi Massage Sex”
और फिर भाभी ने मुझे एकदम झटके से छोड़ दिया और किचन में चली गई और मेरे लिए पानी लेकर आई तो उसकी आंखे झुकी हुई थी. तो कुछ देर बाद में वहां से चला आया और अपने कमरे में बस उन्हे ही सोचता रहा. लेकिन जब रात हुई तो भाभी का मुझे फोन आया कि सर्दी बहुत है और मुझे ठंड लग रही है, तुम एक बियर लेकर आओ देवर जी, हम थोड़ी थोड़ी पियेंगे तो सर्दी कम हो जाएगी.
में भागा भागा गया और भाभी के लिए एक आज्ञाकारी देवर की तरह बियर ले आया और में सीधा उनके बेडरूम में घुस गया. तभी भाभी नहाकार बाहर निकली तो एक गुलाबी टावल में उनके बूब्स आधे से ज्यादा बाहर नजर आ रहे थे और गोरी गोरी जांघे एक नाज़ुक फूल की तरह दिख रही थी. में तो बस उन्हे घूरकर देखता ही रह गया.
मेरी नजर उनके कातिल जिस्म से हटने को तैयार ही नहीं थी. फिर भाभी मुझसे बोली कि देवर जी बहुत सर्दी हो गई है और नहाने के बाद तो मुझे और भी ज़्यादा लग रही है. तुम्हारे भैया तो मेरी सर्दी भागने के लिए मेरे पूरे जिस्म को गरम तेल से मसाज़ करते थे.
मैंने कहा कि भाभी क्या में भी कर दूँ. लेकिन वो कुछ नहीं बोली और सिर्फ मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी और मुझे उनके चेहरे से उनकी हाँ साफ साफ दिख रही थी. वो अब मुझसे यह सब करवाने के लिए बिल्कुल तैयार थी. फिर हमने बियर पी और में किचन में तेल गरम करने चला गया और जब मैंने वापस आकर देखा तो भाभी पलंग पर मुहं के बल लेटी हुई थी. “Devar Bhabhi Massage Sex”
उनकी गोल गोल गांड को देखकर तो मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया. तो भाभी बोली कि ऐसे दूर ही खड़े रहोगे तो तेल ठंडा हो जाएगा और फिर मैंने भी बिना देर किए भाभी की जांघो से मालिश करना शुरू किया. में जांघ से धीरे धीरे हाथ ऊपर लेता गया और उनकी गांड पर ही फेरता रहा और फिर भाभी भी आआआहह उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह की आवाज़ के साथ पूरे मज़े ले रही थी.
तो कुछ देर बाद भाभी एकदम से सीधी लेट गयी और फिर मैंने उनके गले से मसाज़ करनी शुरू की, भाभी का चेहरा देखने लायक था, क्योंकि वो और भी सुंदर दिख रही थी. उनके मुहं से सिसकियों की आवाजें आने लगी और फिर मेरा हाथ धीरे से उनके नरम मुलायम बड़े बड़े बूब्स पर चला गया.
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मैंने उनके बूब्स को मसाज करने के बहाने से बहुत ज़ोर ज़ोर से दबाया और उनके निप्पल पर उंगली घुमाता रहा और अब वो धीरे धीरे गरम होती गई, तभी उन्होंने मेरा एक हाथ पकड़कर अपनी गरम, चिकनी चूत पर रख दिया. मैंने उनकी चूत की पंखुड़ियों को बहुत देर तक हिलाया और साथ में उनके बूब्स के निप्पल पर भी उंगली घुमाता रहा. “Devar Bhabhi Massage Sex”
तो भाभी अपने एक हाथ से अपना दूसरा बूब्स पकड़कर दबाने लगी और दूसरे हाथ की छोटी उंगली चूसती रही और अब भाभी बहुत गरम हो चुकी थी. मानो वो दिन मेरे लिए जन्नत के बराबर था और मैंने पहले से ही सोच रखा था कि में भाभी के साथ एक दिन ज़न्नत की सैर करूंगा.
फिर मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और भाभी के गठीले बदन पर लेट गया और उनको चूमता रहा, उनके बूब्स को चूसता रहा. उनके बदन में अलग ही कशिश थी. उन्होंने कहा कि बस करो देवर जी, अब मेरी चिकनी चूत को इतना मत तड़पाओ, अब इस लंड को अंदर डाल भी दो.
तो मैंने एक बार फिर से अपनी भाभी की आज्ञा का पालन किया और लंड को धीरे धीरे से धक्का देकर अंदर घुसाया. लेकिन लंड के थोड़ा ही अंदर घुसते ही भाभी की एक जोरदार चीखने की आवाज़ आई और वो अपनी चूत को पीछे करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी आईईईईईइ उहह्ह्हह प्लीज थोड़ा धीरे करो उऊह्ह्ह्हह.
ऐसा इसलिए था क्योंकि मेरा लंड भैया के लंड से मोटा था, जिसको वो अपनी चूत पर नहीं झेल सकी. तो में वो बात सुनते ही मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और भाभी आआहहउहहहह करके सिसकियाँ लेनी लगी. मुझे मेरी कमर से पकड़कर पीछे की तरफ धक्का देने लगी. लेकिन भाभी जितनी सिसकियाँ लेती चीखती, चिल्लाती में उतना ही तेज़ झटका देता.
फिर कुछ देर तक लगातार चुदाई करने के बाद मैंने लंड को चूत से बाहर निकाला और पलंग पर लेट गया. तब तक उनकी चूत का दर्द भी थोड़ा कम हो गया था और वो भी मेरे लंड से चुदाई के मज़े ले रही थी. तो भाभी मेरे ऊपर आकर बैठ गई और फिर लंड को एक हाथ से अपनी चूत पर रखा तो लंड फिसलता हुआ एक ही बार में सीधा अंदर चला गया. “Devar Bhabhi Massage Sex”
और वो ऊपर नीचे ऊपर नीचे उछलने लगी और लंड अंदर बाहर अंदर बाहर होता रहा और भाभी का चेहरा ऐसा दिख रहा था, जैसे कि वो ज़न्नत की सवारी कर रही हो और फिर मेरा पहला धक्का लगा. मैंने दोबारा और भी जोरदार झटके देने शुरू किए, दूसरे धक्के के साथ ही भाभी का पानी भी निकल गया और फिर भाभी ने मुझसे कहा कि इतना मज़ा तो मुझे कभी तुम्हारे भैया भी नहीं दे पाए.
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फिर में और भी जोश में झटके देता रहा और वो मेरे लंड पर उछलकूद करती रही और फिर कुछ ही झटको के बाद में झड़ गया और मैंने अपना वीर्य उनकी चूत में डाल दिया. तो वो मेरे लंड से नीचे उतरी और मेरे लंड को चाट चाटकर साफ करने लगी और मेरा पूरा वीर्य चाट गई. लेकिन उसके बाद भी उनकी चूत शांत नहीं हुई और उन्होंने मेरे लंड को फिर से चुदाई के लिए तैयार किया और चुदाई के मज़े लेने लगी.
मैंने उनको बहुत जमकर चोदा फिर कुछ देर की चुदाई के बाद हम दोनों एक एक करके झड़ गए और हम एक दूसरे की बाहों में पड़े रहे और सो गए. कुछ घंटो के बाद में उठा कपड़े पहने और उनके बूब्स को एक बार चूमकर अपने कमरे में चला गया. दोस्तों भाभी की लगातार चुदाई करते हुए मुझे दो साल हो गये है और मेरा लंड भी भाभी की चुदाई के कारण आज भी खड़ा ही रहता है. “Devar Bhabhi Massage Sex”