Sister First Night
मेरा नाम आरोही है। मैं 22 साल की हूं। मैं चंडीगढ़ में रहती हूं। मैं बेहद खूबसूरत हूं। मेरे को देखकर सबका मन बिगड़ जाता था। यहां तक कि मेरे भाई का भी मन बिगड़ गया। मेरे सगे भाई भी मेरे हुस्न के दीवाने हो गए। मेरे दोनों बड़े बड़े मम्मो ने उन्हें अपनी तरफ आकर्षित कर लिया। Sister First Night
जब मैं चलती थी तो मेरे भाइयों की निगाह मेरी गांड पर ही होती थी। वह दोनों मेरे को अपनी गर्लफ्रेंड बनाकर रखना चाहते थे। मेरे को देखकर वो दोनों सिर्फ आहे ही भर सकते थे। मेरे बड़े भाई का नाम सतबीर और छोटे भाई का नाम जस्सी था।
सतबीर मेरे से 5 साल का बड़ा और जस्सी 3 साल का बड़ा था। वो दोनो देखने में एक ही साइज के लग रहे थे। उनको देख कर लगता था। कि यह दोनों जुड़वा बच्चे हैं। हर काम को वह दोनों एक साथ मिलकर करते थे। मेरे घर में उन दोनों के अलावा मेरी मम्मी और पापा थे।
मेरे दोनों भाई और मम्मी-पापा मेरे को बहुत ज्यादा प्यार करते थे। मैं धीरे-धीरे बड़ी हुई मेरी जवानी का निखार भी बढ़ता गया। जो कि मेरे भाइयों से बर्दाश्त नहीं हो पा रही थी। मैं जहां जहां भी जाती वह दोनों मेरे पीछे-पीछे गार्ड की तरह लगे रहते थे।
मेरे को कभी अपनी जवानी का मजा लूटने का मौका ही नहीं मिला। ईश्वर की बनाई हुए इस खूबसूरत बदन का रस किसी ने छुआ तक नहीं था। मेरे को क्या पता था कि मेरे इस कच्ची कली जैसी जवानी का मजा रखवाली करने वाले माली ही लेंगे।
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मैं भाइयों के साथ में ही पढ़ी-लिखी खेली कूदी बड़ी हुई थी। वो दोनो बचपन से ही मेरे को अपने पास लिटाते थे। पापा ने हम तीनों के लिए एक बड़ा सा बेड बनवा रखा था। जिस पर मेरे एक साइड में मेरा बड़ा भाई सतबीर और दूसरी साइड में मेरा छोटा भाई जस्सी लेटता था।
मैं उनके बीच में राजकुमारी की तरह लेटती थी। वो दोनों कभी-कभी मेरे ऊपर पैर रख कर सो जाते थे। लेकिन मुझे बुरा नहीं लगता था। मेरे बड़े भाई सतबीर की बॉडी बहुत ही आकर्षक लग रही थी। वह जिम जाया करता था। लेकिन मेरे छोटे भाई जस्सी की बॉडी उतनी ही ढीली थी।
देखने में ज्यादा भद्दा तो नहीं लगता था लेकिन उसकी बॉडी पतली थी। मेरे मन में अब अजीब अजीब तरह के ख्याल आने लगे थे। मेरा मन भी चुदने को कर रहा था। लेकिन भाई कभी बाहर जाने का मौका ही नहीं देते थे। मैं घर पर सिर्फ उन दोनों के अलावा और किसी के साथ रहे भी तो नहीं सकती थी।
जब भी मेरे को कहीं बाहर जाना होता था तो मैं किसी एक के साथ जाती थी। मैंने सोचा क्यों ना दूसरे लड़कों की तरह अपने भाइयों से यह अपनी चूत फड़वा लू। यह काम मेरे को ऐसा लग रहा था जिस तरह मैं खुद को गर्म करके कंट्रोल नहीं कर पा रही थी।
उसी तरह मेरे पास भी खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रहे थे। मैं अक्सर उन दोनों का चादर ऊपर नीचे ऊपर नीचे होता देखती थी। रात भर मैं उनके बीच अपनी चूत में उंगली डाले लेटी रहती थी। एक दिन मम्मी पापा को बाहर किसी काम से जाना था।
वो लोग 5 दिन बाद आने वाले थे। मैंने सोचा क्यों ना इसी बीच अपने भाइयों से चुदवा लूं। लेकिन मेरे से पहले तो मेरे भाई ही मेरे को चोदने का प्लान बना रहे थे। मैं दरवाजे के पास खड़ी सब कुछ सुन रही थी।
सतबीर: यार आरोही की तो जवानी हर रोज अपना रंग बदलते ही जा रही है। जी करता उसे अभी के अभी चोद डालूं.
जस्सी: सच भाई अगर वह अपनी बहन ना होती तो मैं उसे काट खाता! मैं उसे अपनी गर्लफ्रेंड की तरह चोदता लेकिन साला यह भाई बहन की दीवार बीच में आकर रोक लेती है.
सतबीर: भाई कल मैंने उसके बड़े बड़े मम्मो को छुआ था। वो मेरे को बहोत हो सॉफ्ट लग रहे थे.
जस्सी: तूने आरोही के मम्मो को छू लिया। मै भी आज उसके मम्मो को छू कर मजे लूंगा.
सतबीर: ठीक है आज तू उसके मम्मो को छूना मैंने तो कुछ और करने को आज सोचा है.
जस्सी: हम लोग पांच दिन तक तो मजा ले लेंगे। मम्मी पापा आ जायेंगे तो हमें कुछ भी नहीं करने को मिलेगा.
सतबीर: आरोही के मम्मी पापा को सब सच-सच बता ना दे.
जस्सी: आरोही को पता चलेगा तब ना हम लोग उसके सोने के बाद यह सब करेंगे.
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मैं भी रात होने का इंतजार करने लगी। शाम को मैंने खाना बनाया। हम तीनो ने मिलकर खाना खाया हर दिन की तरह आज भी मैं बिस्तर पर पड़ी हुई थी। मेरे दाएं साइड में सतबीर और बाए साइड में जस्सी आकर लेट गया। दोनों हाथ मेरे को घूर घूर कर देख रहे थे वो मेरे सोने का इंतजार ही कर रहे थे। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
आज मेरे को नींद ही नहीं आ रही थी। मैंने अपना सर तकिए से ढक लिया कुछ देर तक ऐसे लेटे रहने पर उन दोनों को लगा कि मैं सो गई हूं दोनों ने मेरे को कई बार जगाकर कंफर्म किया। कि मैं सो रही हूं या जग रही हूं। एक बार बार मेरे को बुलाते लेकिन मैंने एक भी बार उनका जवाब नहीं दिया।
सतबीर: भाई लगता है अपना काम हो गया आरोही सो गई.
जस्सी: ठीक है भाई फिर हम लोग अपने काम पर लग जाते हैं.
हम तीनो लोग रात को सोते समय लोवर और टी-शर्ट ही पहनते थे। जस्सी मेरा हाथ पकड़ कर मेरे को सीधा लिटा दिया। अपने हाथों को मेरे मम्मों पर रखकर वह मेरे मम्मी को जोर जोर से दबाने लगा मैं गर्म होने लगी। तभी सतबीर ने अपना हाथ मेरे लोवर के अंदर डाल दिया।
मेरी पैंटी के नीचे से अपना हाथ करते हुए मेरी चूत को छूने लगा। बहुत ही ज्यादा गर्म होने लगी मेरे से रहा नहीं गया। मैंने अपनी आंखें खोल दी मेरी आंखों के खुलते ही वह दोनों चौक गए। ब्लू जल्दी से अपना हाथ मेरे दूर से हटा लिया। सतबीर भी डर के मारे काँपता हुआ अपना हाथ जल्दी से मेरे लोवर से निकाल लिया।
मै: भाई लोग आप क्या कर रहे थे??
सतबीर: आरोही मेरे को थोड़ा इंजॉय करने का मन कर रहा था। तो मैं तुम्हारी पैंटी के अंदर हाथ डालकर थोड़ा मजा ले रहा था.
जस्सी: मैंने तुम्हारे बूब्स को छुआ तो मेरे को सॉफ्ट सॉफ्ट लगा तो मैं दबा कर मजे लेने लगा.
मैं: ऐसा करके मेरे साथ तुम दोनों ने जो किया उसका क्या?? तुमने मेरी चूत में ऊँगली करके मजा लिया और जस्सी तू भी बूब्स दबा कर मजा ले लिया। तुम लोगो को पता भी होना चाहिए मेंरा मन भी ऐसे मजे लेने को करता है.
सतबीर: ठीक है तो तू भी जैसे चाहे वैसे मजे ले सकती है। लेकिन ये बात हम तीनों के अलावा और किसी को पता नही चलनी चाहिए.
मैंने अपना सर हिलाते हुए हैं हाँ बोला। वो दोनों अब कुछ भी करने से डर रहे थे। मेरी चूत में आग लगाकर वो दोनो सरेंडर हो गए। मै भी कुछ ज्यादा नहीं कर पा रही थी। हम तीनों लोग यही सोच रहे थे की पहले शुरुवात कौन करे! वो दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे।
मै अकेली ही इधर उधर देख रही थी। वह दोनों सेक्सी सेक्सी बातें करने लगे। मैं एक बार फिर से गर्म होने लगी। जैसे ही उन दोनों ने सेक्सी बातें करना शुरू किया। मेरा हाथ उन दोनों के लंड की तरफ बढ़ने लगा। मेरे को भी लंड छूने की बड़ी ही उत्तेजना होने लगी। मेरी जवानी के मजे लूटने को दोनों फिर से तैयार होने लगे।
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तभी अचानक से जस्सी दरवाजे से बाहर गया। कुछ देर बाद वापस आते ही उसके हाथ में सरसों का तेल दिखाई दिया। उसने दरवाजे को बंद किया। मेरी समझ में ही नहीं आ रहा था कि सरसो का तेल क्यों लेकर आया है। तभी सतबीर ने मेरे को अपनी तरफ खींचा।
मेरे को अपने बाहों में भर कर प्यार करने लगा। मेरे को बहोत ही अच्छा लग रहा था। उसका एक हाथ लोवर के अंदर था। वह मेरे को किस करने लगा मैं भी उसका साथ देने लगी हम दोनों जोर जोर से किस करने लगे तभी पीछे से आकर जस्सी अपना पैर मेरे गांड के ऊपर रख दिया।
वो पीछे से मेरे दोनों मम्मो को पकड़ कर जोर जोर से दबाकर मजे लेने लगा। उन दोनों के बीच में दो चक्कियों के बीच में गेहूं की तरह पिस रही थी। जस्सी का लंड मेरी गांड के ऊपर चुभ रहा था। उधर सतबीर अपने हाथो से अपना लंड लोवर के अंदर ही हिला रहा था।
मेरे को लंड देखने का मन करने लगा। मेरा सर सतबीर की तरफ था। जस्सी को मैं नहीं देख सकती थी। सिर्फ उसजे क्रियाकलाप को महसूस कर रही थी। मेरी गांड में अचानक से गरमा गरम लोहे के रॉड जैसा जस्सी कुछ लगाने लगा।
मेरे को गांड पर उसकी गर्माहट का एहसास बहोत ही अच्छा लग रहा था। सतबीर मेरी टांगों में अपनी टांगों को फंसा कर मेरे गले पर किस करने लगा। धीरे धीरे वह नीचे की तरफ बढ़ने लगा जस्सी ने पीछे से मेरी टी शर्ट को ऊपर की तरफ उठा कर निकाल दिया।
मैं सिर्फ ब्रा में हो गई जस्सी मेरे पीठ पर और सतबीर मेरे गले पर किस कर रहा था। मेरे बड़े-बड़े चूचे साफ साफ दिखाई दे रहे थे। जस्सी ने मेरी ब्रा की हुक को खोल कर निकाल दिया मेरे दोनों बूब्स आजाद हो गए दोनों ने मेरे को सीधा लिटा दिया।
मैं चित लेटी थी दोनों ने मेरे बूब्स को पकड़ कर दबाने लगे मैं खुद को रोक नहीं पा रही थी। जोश में आकर मैं अपने होठों को काटने लगी हो उन दोनों का सर पकड़ कर मैं जोर-जोर से अपने मम्मो में दबाने लगी। वो दोनों मेरे भूरे निप्पलों पर अपना मुह लगाकर दूध को पीने लगे।
मै दोनों के बालो को पकड़ कर खींच रही थी। दोनों आने दांतो को मेरे बूब्स में लगा रहे थे। मैं “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ…. ऊँ—ऊँ… ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….”सिसकारियां भर रही थी। दोनो मेरे मम्मो को निचोड़ कर मजे ले रहे थे।
अचानक से मेरी चूत के अंदर कुछ घुसता हुआ महसूस हुआ। मैंने देखा तो जस्सी अपनी अँगुलियों को मेरी चूत में घुसा रहा था। हम तीनों ने अपने अपने कपडे को निकाल कर नंगे हो गए। वो दोनों अपने अपने लंड को पकड कर हिलाने लगे।
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दोनों के लंड की खाल उसके टोपे के ऊपर नीचे कर के अपना लाल लाल सुपारा दिखा रहे थे। मेरे को ये देखकर बहोत ही मजा आ रहा था। मैंने दोनों के लंड को पकड़ कर ऊपर नीचे करना शुरु कर दिया। सतबीर ने पास में रखे सरसो के तेल को अपने लंड पर लगवा कर मालिश करवाने लगा।
मैंने दोनों के लंड को मालिश करके मोटा कर दिया। देखने में जस्सी ज्यादा तंदुरुस्त तो नहीं था लेकिन उसका लंड सतबीर से बड़ा लग रहा था। मैं दोनों के लंड को मसलती ही जा रही थी। कुछ देर तक ऐसा करने के बाद उन दोनों ने अपना लंड मेरे मुंह में लगाना शुरु कर दिया मैं उनके लंड को चूसने लगी वह दोनों मेरे को बारी-बारी अपना लंड चुसाने लगे।
जस्सी ने मेरे को बिस्तर पर लिटाकर लंड चुसाने लगा। दूसरी तरफ सतबीर मेरी पैंटी को निकालकर टांगों को खोल कर मेरी चूत के साथ खेलने लगा। वह मेरी चूत में अपना जीभ लगा लगा कर चाटने लगा। मेरी मुह से सिसकारियों की गूंजे निकलने लगी।
मै “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की आवाज निकाल कर सुसुक रही थी। सतबीर मेरी चूत के दाने को काट काट कर मेरी चूत की आग में घी डालने का काम कर रहा था। इधर जस्सी भी अपना लंड मेरी मुंह में डालें आवाजों को भी नहीं निकलने दे रहा था तभी सतबीर अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा।
मैं अब तो सिस्कारियां भी नहीं भर सकती थी। सतबीर मेरी चूत में अपना लंड धक्के मार कर घुसा रहा था। मेरी चूत में उसने अपना आधा लंड घुसा दिया। मैं जोर से चीख पड़ी जस्सी ने जल्दी से अपने लंड को मेरे मुंह से निकाल लिया। वरना मै दर्द की तडप से उसका लंड काट सकती थी।
मै जोर जोर से “मम्मी… मम्मी… सी सी सी सी.. हा हा हा… ऊऊऊ… ऊँ.. ऊँ… ऊँ… उनहूँ उनहूँ..” की चीखें निकालने लगी। धीरे-धीरे करके सतबीर ने अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया। कुछ देर तक उसने धीरे धीरे मेरी चुदाई की बाद में उसने अपने लंड को स्पीड पकड़ा दी।
उसका लंड तेजी से मेरी चूत में घुसकर बाहर निकले लगा सतबीर मेरी चूत चोद रहा था। जस्सी मेरे मुंह में अपना लंड घुसा कर अंदर बाहर करना शुरु कर दिया। दोनों मेरे को चोद रहे थे मैं बहुत परेशान हो रही थी।मेरे भाई ने मेरी चूत फाड़ डाली थी।
मैं अपनी फटी चूत चुदवा रही थी। मेरी चूत का दर्द धीरे-धीरे आराम होने लगा दर्द आराम होते ही सतबीर और जोर-जोर से जड़ तक अपना लंड शुरु किया। मेरी “आऊ… आऊ… हम ममम अहह्ह्ह्हह… सी सी सी सी.. हा हा हा..” की चीखों से पूरा कमरा भर गया।
जस्सी को भी मेरी चूत में अपने लंड को घुसाने को पड़ी थी। उसने सतबीर को मेरी चूत से लंड निकालने को कहा। सतबीर ने एक मौका जस्सी को भी दे दिया। जस्सी भी मेरी चूत पर अपना लंड रगड़कर अंदर डाल दिया। जस्सी देखने में ही दुबला पतला था लेकिन चोदने में बहोत ही माहिर था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वो अपनी कमर उठा उठाकर जल्दी जल्दी से मेरी चूत चोद रहा था। वो मेरे हवस को कंट्रोल कर रहा था। दोनों बारी बारी मेरे साथ सम्भोग कर रहे थे। मेरी चूत दोनों का लंड खा रही थी। सतबीर ने मेरे को उठा लिया। उसने जोर जोर से मेरे को उछाल कर चोदना शुरू किया। वो बाहुबली की तरह लगता था। मेरे को वो छोटे बच्चे की तरह अपनी गोंद में उठा कर चुदाई कर रहा था।
मै: भैया धीरे धीरे चोदो बहोत दर्द हो रहा है.
सतबीर: बहना तेरे को चोदने की तड़प आज मिटा लेने दे। आज तेरे को चोदने का सपना पूरा हुआ.
तभी जस्सी बोला।
जस्सी: अरे भाई मेरे को भी मौक़ा दो। मै खड़े खड़े लंड हिला रहा हूँ.
मेरे को सतबीर ने नीचे उतार दिया। जस्सी बिस्तर पर लेटकर मेरी चूत पर लंड सटाकर अपने लंड पर बिठा लिया। उसका बम्बू जैसा लंड मेरी चूत में घुस गया। उसके लंड पर उछल के चुदवा ही रही थी। की पीछे से सतबीर ने मेरी गांड के छेद पर अपनी उंगली लगा दी।
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मैंने अपनी गांड को उठा दी। तभी मेरी चूत में जस्सी अपनी कमर को उठा उठा कर चोदने लगा। सतबीर ने मेरी गांड पर अपना लंड रगड़ा और धीरे धीरे करके पूरा लंड घुसा दिया। मैं जोर जोर से चीखने लगी। मेरी “अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ… अअअअअ… आहा… हा हा हा” की चीखों को सुनकर वो दोनों और भी ज्यादा तेजी से पेलने लगे। जस्सी की स्पीड अचानक से बहोत तेज हो गयी। मेरी चूत में वो फुल स्पीड से लंड डालकर चुदाई कर रहा था।
मेरी चूत से टप टप करके मेरा माल निकलने लगा। इधर सतबीर भी जोर की गांड चुदाई करके अपना माल निकालने वाले था। मेरे मुह में उसने अपना लंड घुसाकर जोर जोर से मुठ मार कर पूरा माल गिरा दिया। उसके सारे माल को चाट पोंछकर पी गयी। हम तीनों बिस्तर पर लेट गए। उस रात मेरे भाइयो ने पूरी रात जागकर कई बार चोदा। अब मेरे बड़े भीं सतबीर की शादी हो चुकी हैं। वो भाभी के साथ मजा करता है। जस्सी अब भी मेरे को चोदता है।